''सासु को ससुराल में चोदा'' तुम्हे विश्वास नहीं हो रहा होगा पर ये घटना सौ टका सही सही है ! इस सही घटना को सुनने/ जानने के बाद तुम्हे ये विश्वास हो जाएगा की महिलाये सेक्स सुख के लिए सभी रिश्तों को ताक पर रख देती है सौ फीसदी सत्य घटना सुना रहा हूँ !
मेरी ससुराल गाँव में है जो बहुत ही सम्पन्न है लम्बी खेती बाड़ी है, बड़ा सा पक्का मकान है, 2 ट्रेक्टर 1 बुलेरो 1 टाटा सूमो गाडी है ! मेरे ससुर जी अपने सभी भाइयों में सबसे बड़े है उनसे 2 छोटे भाई है सभी की शादी हो चुकी है और बड़े-बड़े बच्चे भी है ! मेरे ससुर के सबसे छोटे भाई (मेरे ककिया ससुर) मेरे से उम्र में 2 साल छोटे है उनकी शादी भी मेरी शादी के बाद हुई थी ओ अभी भी फौज में है क्योकि प्रमोसन मिलने के कारण उनकी नौकरी बढ़ती जा रही ! उनके दो लड़के है एक 8 वी में और दुसरा 10 वी में दोनों गाँव से दूर के हास्टल में रहकर पढ़ाई करते है ! गाँव में मेरे ससुर,सास,और सेकण्ड नंबर के काका ससुर उनकी दो
मंजू चाची जी ऐसी ही खूबसूरत और सेक्सी लगती है |
मंजू चाची ने खाना परोसते समय इसी तरह से कई बार अपने पल्लू को गिराया |
मंजू चाची को इस तरह से खूब किस किया तो मंजू ने रोड के किनारे अँधेरे में मुझे चिपका लिया |
'' रात में सभी छत में सोते है आपका भी बिस्तर छत दूंगी आप भी वही सोना मौका मिलते ही रात में आपको अपने कमरे में बुला लुंगी'' [ मकान की दुसरी मंजिल में सिर्फ मंजू चाची के दो कमरे और कमरे के सामने धान के पियरे की झोपड़ी बनी हुई है ] ये सब बात होने के बाद फिर से दोनों घर की तरफ चल दिए बात करते हुए और घर पहुंच कर उन्हें पीछे दरवाजे में उतार दिया और आगे आ गया बाइक खड़ी किया और ससुर जी के पास बैठ गया तो ससुर जी ने पूछा ''इतना लेट कैसे हो गए'' तो मैं दिखावटी नाराजगी ब्यक्त करते हुए कहा ''तालाब में घुसी भैस और बाजार में घुसी लुगाई जल्दी से बाहर नहीं निकलती'' मेरी ये बात सुनते ही ससुर जी जोर जोर से हसने लगे इतने में सासु माँ सर्बत पानी का गिलास लेकर आ गई और पूछी ''क्या हुआ काहे को इतना हस रहे हैं'' तो ससुर जी ने मेरी कही हुई बात को दोहराया जिसे सुनकर सासु माँ भी हस पडी और माहौल एकदम से बदल गया तो सासु माँ ने मुझे कपडे बदलने के लिए कहकर चली गई तो मैं कुछ देर में उठा और साले साहब केकमरे में चला गया और फुल लोवर और टीसर्ट पहनकर वापस ससुर जी के पास बैठ गया 9 बजे ससुर जी के साथ खाना खाया और ससुर जी के साथ छत में सोने चला गया ! गर्मी के महीने में छत में एक तरफ पुरुष और कुछ दुरी पर महिलाये सोती है बीच में रस्सी के सहारे कपडे टांग कर ओलट बना लेती है ! रात को सोने के पहले बिगोरा 100 की एक टेबलेट खा लिया ! रात के करीब 11 बजे धूल भरी आंधीके साथ साथ पानी के छींटे गिरने लगी तो सभी छत से नीचे अपने अपने कमरे में चले गए पर कुछ देर में गर्मी से घबराकर आधा घंटे में सभी फिर से छत में आ गए रात के करीब 12:30 बजे फिर से पानी के छींटे गिरने लगी तो फिर से सभी भागते हुए नीचे उत्तर गए, मैं भी उतरने लगा तो सासु माँ मेरे पास आई और बोली ''बार बार परेसान मत होइए आपका बिस्तर यही मंजू के कमरे के सामने टपरी में लगा देती हूँ '' और इतना कहकर मंजू चाची को आवाज दिया तो ओ कमरे से बाहर आई तो सासु माँ बोली '' दामाद जी का बिस्तर यही टपरी में लगा दे बार बार सीढ़ी से उत्तर रहे है कही गिर न जाएँ अँधेरे में '' तब मंजू चाची मेरी चारपाई को घसीटते हुए टपरी में ले गई और चादर को झटकने लगी तो ऐसा लगा जैसे कुछ गिरा सासू माँ पाँव से जमीन में टटोलने लगी तो मैंने मोबाइल की टार्च जलाया और दिखाने लगा तो मंजू चाची बोली ''जरा बिस्तर दिखाएँ कोई कीड़ा-मकोड़ा तो नहीं है'' तब बिस्तर तरफ लाइट दिखाया तो मंजू चाची के ऊपर भी हलकी से लाइट गई तो देखा की मंजू चाची बाजार से जो गाउन लाई है वही पहन रखी है ! बिस्तर लगा गया तो मैं बिस्तर में लेट गया और सासू माँ भी मंजू चाची के रूम में मंजू चाची के पास ही दूसरे बेड पर लेट गई ! मंजू ने लालटेन जला दिया तो कमरे में हल्का सा उजाला हो गया ! पर मेरे दिल में अन्धेरा छा गया क्योकि मैं मन ही मन प्लान फेल होने से दुखी हुआ और अपनी किस्मत पर पहले इतरा रहा था मौसम के कारण ओ अब चिढ में बदल गया ! मैं बिस्तर में लेटते ही नकली खर्राटे लेने लगा ! करीब 25 मिनट बाद में ससुर जी ने सासू जी को आवाज दिया तो सासू माँ नीचे चली गई पर मैं अभी भी नकली खर्राटे ले रहा था, करीब 15 मिनट बाद मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरे कंधे को सहला रहा है मैं समझ गया मंजू चाची अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिया मुझे जगा रही है फिर भी मैं सोने की नौटंकी किये जा रहा था इतने में मंजू चाची मेरे गाल पर किस किया और कान में धीरे से बोली ''सो गए क्या'' तब मैं नींद नाटक करते हुए बोला ''कौन है'' तब मंजू चाची मेरे मुँह पर अपना हाथ रखते हुए धीरे से बोली '' मैं हूँ अंजू'' तो मैं मंजू चाची का हाथ पकड़ा और बिस्तर में बिठा लिया और फिर कंधे पर हाथ रखकर झुकाया और किस कर लिया और फिर चूचियों को टटोलने लगा तो लगा बिना ब्रा के ही गाउन पहनी हुई है बड़ी बड़ी टाइट चूचियाँ लटक रही थी मैं गाउन के ऊपर से ही चूचियों को खिलाने लगा और होठो को चूसने लगा इतने में अचानक तेज तेज हवा चलने लगी और जोर जोर
मंजू चाची का नंगा जिस्म ९० % ऐसा ही लगता है |
मंजू घोड़ी बनकर लगातार 7 मिनट तक लण्ड की बौछार के मजे लिया |
घोड़ी की चुदाई के बाद मंजू इस तरह से मेरे ऊपर चढ़ गई और खूब देर तक कूदी मेरे खड़े लण्ड पर |
आखिरी में तरह से लगातार कई झटके मारने के बाद दोनों एक साथ स्खलित हो गए |
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