विडो (बिधवा) होने के बाद ज्यादातर गुमसुम उदास रहती थी पर सर से मिलने के बाद बहुत खुस हूँ |
अब मैं अपने बारे दूँ ! मैं 30-31 वर्षीय बहुत ही खूब सूरत बंगाली महिला हूँ मध्यप्रदेश में रहती हूँ ! जून 2012 में मेरे पति का बाइक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई तो उनकी जगह मुझे सरकारी नौकरी लग गई जिसमे कंप्यूटर आना जरुरी था इसी लिए कंप्यूटर सीखने लगी ! पति की मौत के बाद सास ससुर के रोज रोज उलाहने सुनने को मिलता ! मेरी दो बेटी है एक 12 वर्ष की और एक 5 वर्ष की ! मेरा एक देवर जो शादी सुदा है जो मुझे बहुत चाहता है और ओ मेरे साथ शारीरिक संबध करना चाहता था पर मैंने उसका घर नहीं उजड़े ये सोचकर मैंने उसे लिफ्ट नहीं दिया तो देवर नाराज हो गया और बातचीत बंद कर दिया ! मेरा 60 साल का बुढ्ढा ससुर मेरे ऊपर गलत नियत रखता जब मैं बाथरूम में नहाने घुसती बाथरूम में झाकने लगता या बाथरूम से नहा निकलती तो दरवाजे के पास खड़ा मिलता ! ये बात सासु को बताया तो सासु मेरी बात मानने की जगह मुझपर ही लांछन लगाने लगी इन सभी बातों से मैं ज्यादातर उदास और दुखी रहती ! सास,ससुर,देवर,ननद सभी मेरी कड़ी निगरानी रखते ! मोबाइल पर किसी से बात करती तो पुरे घर के कान मेरी बाते सुनते कभी मैं बात करते करते बाहर चली जाती तो सासु की डॉट सुननी पड़ती मैं बहुत परेसान हो गई सभी से इस लिए बहुत दुखी और उदास रहती मेरे लिए दुनिया नीरस सी लगने लगी आत्म हत्या करने का मन करता पर अपनी लड़कियों के कारण हिम्मत नहीं पड़ती ! मेरे जीवन से प्यार नाम की भावना ख़त्म ही हो गई ! क्योकि मुझे कही से भी प्यार नहीं मिल रहा था ! मेरा जीवन एकदम से नीरस हो चुका है ! पर14 दिसंबर 2012 को मैं कंप्यूटर सेंटर के थ्योरी वाले रूम में अकेली उदास बैठी रो रही थी उसी समय सर आ गए और मुझे रोते हुए देख लिया तो बड़े प्यार से मेरे सिर पर हाथ घुमाते हुए रोने का कारण पूछने लगे तब मैंने उस समय कुछ नहीं बताया तो मेरा हाथ पकड़ कर उठाया और मुझे अपनी ऑफिस में ले आये और पानी पिलाया और बड़े प्यार से पूछने लगे फिर भी मैं कुछ नहीं बता रही थी बस रोये जा रही थी तब सर अपनी कुर्सी से उठे और अपनी जेब से रुमाल निकाला और मेरे पास आकर मेरे आसूं पोछने लगे और मेरे सिर के ऊपर हाथ घुमाने लगे ! मेरे पति की मौत के बाद पहली बार कोई मर्द मेरे इतने नजदीका आया जो मुझे बहुत हि अच्छा लगा और मैं धीरे धीरे चुप हो गई तो सर अपनी कुर्सी में बैठ गये और फिर से रोने का कारण पूछने लगे तो मैंने सर को बिस्तर से बता दिया {मेरे पति की मौत बाद घर वाले पति पत्नी सहितनासिक जा रहे थे जिसमे मैं अकेली थी जो बिना पति के जा रही थी इसी बात मुझे दुःख था}सर को जब पता चला की मैं विडो हूँ तो सर को एक बार तो विश्वास ही नहीं हुआ कई बार पूछा तब जाकर उन्हें विश्वास हुआ तो सर बहुत दुखी हुए और बोले ''इस भरी जवानी में विडो होना बहुत ही तकलीफ वाली बात है कैसे कटती है आपकी रातें'' तब मैं कुछ नहीं बोली और दुखी हो गई तो सर ने सॉरी कहा ! और मैं कुछ ही मिनट बाद मैं सर के केबिन से निकलकर अपने ऑफिस चली आई ! मैं रास्ते में ही थी तभी सर का फोन आया ! सर ने पहली बार फोन किया मुझे जो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं सर से बात करते करते पास में ही ऑफिस पहुंच गई ! उस दिन सुरु हुई तो आजतक बात बंद नहीं हुई ! सर को ऐसे प्यार के जाल में फसाया की फीस जमा करना तो दूर की बात उलटा हर महीने सर से रुपये ऐठने लगी और मैं मेरे प्लान में कामयाब हो रही थी मेरा मकसद ही था सर से रूपये ऐठना झूठे प्यार के चक्कर में ! पर सर मेरे झूठे प्यार में पागल हो चुके थे हम दोनों के बीच खूब SMS बाजी सुरु हो गई और हम दोनों के बीच के ये बातें मेरे देवर को पता चल गई तो देवर जल भून गया और एक दिन मुझे खूब खरी खोटी सुनाया और फरवरी 2013 में धोखे से सर को मरवाया कुछ गुंडों से इस बात पर मेरी देवर की खूब कहा सुनी हो गई जिसमे देवर के पक्ष में पूरा परिवार हो गया मैं अकेली हो गई और फिर बही मैं मन मारकर चुप हो गई और सर को बोल दिया की जब घर रहूँ तो फोन नहीं करें और SMS भेजे तो सर मान गए हालांकि ससुराल वालों ने सर के यहाँ कंप्यूटर सीखना बंद करवा दिया पर जब ऑफिस जाती तो सर से मौका निकाल कर जरूर बाते करती इस तरह कई माह तक निकल गया !
मेरा चेहरा लगभग ऐसा ही मिलता जुलता है |
सितम्बर 2013 में एक दिन सर ने बोला चलो कही घूम कर आते हैं तो मैंने ऑफिस से आधे दिन की छुट्टी लेकर सर के साथ शहर के पास के ही एक मंदिर में चली गई और वहाँ किसी ने देख लिया और मेरे घर में बता दिया तो उस दिन घर में खूब झगड़े हुए ससुराल वालों ने मुझे घर छोड़कर चले जाने को कहा मैं भी गुस्से में अपनी दोनों बेटियों को लेकर अपने पापा के पास गाँव चली गई और सर से बात भी नहीं किया जब भी सर का काट दूँ ! तब सर ने SMS किया की बात करो नहीं तो मैं जान दे दूंगा तब मैंने मजबूर होकर सारी बात जताया और बोली अब मैं मम्मी पापा के साथ गाँव रहूगी तब सर समझाया और बोले ''वापस आ जाओ और अलग रहो सास-ससुर से तुम्हारे माता पिता भाई भाभी ज्यादा दिन तक साथ नहीं देंगे'' ! तब सर की बात मुझे सही लगी और मैं हिम्मत करके वापस आई पापा के साथ और अपना सामान लेकर ऑफिस के पास वाली कालोनी में रूम लेकर रहने लगी,सर ने खूब मदद किया मेरी गृहस्थी का सामान टीवी,फ्रीज़,कंप्यूटर,मँहगा वाला मोबाइल, पलंग और अच्छे अच्छे गद्दा- रजाई-कम्बल आदि खरीदकर दिया सर ने करीब 35000- 40000 रूपये तक मेरे पीछे खर्च कर दिया और मैं सुख पूर्वक रहने लगी और नौकरी करने लगी बीच बीच में देवर मेरी बेटियों से मिलने का बहाना बनाकर आ जाता पर मैं उसे ज्यादा भाव नहीं देती ! एक दिन नवम्बर 2013 में जब मैं अकेले थी घर में और नहा कर आई थी बाथरूम से और कपडे पहन रही थी तो देवर आ गया और अकेले पाकर मेरे से लिपट गया और मेरी छोटी छोटी चूचियों को दबाने लगा,होठो को किस करते हुए बिस्तर पर पटक कर मेरे साथ जबरजस्ती करने लगा तो बड़ी मुस्किल से उससे छुड़ा कर बेलन-कड़छी से खूब मारा और पुलिस रिपोर्ट करने का डर दिखाकर भगाया पर देवर जाते जाते खूब गाली दिया वेश्या रंडी न जाने कितनी गन्दी गन्दी गाली बाकी और जाते जाते मेरे ऊपर थूक गया और बोला ''कीड़े पड़ेंगे तेरी चूत में'' और ऐसी बहुत से गन्दी गन्दी बाते करके चला गया ! ये सभी बातें अगले दिन मैंने सर को बताया तो गुस्से में आगबबूला हो गए और बोले ''कल ही इसे मरवाता हूँ'' तब मैंने मना किया पर सर नहीं माने और अगले देवर को उसके फैक्ट्री के गेट में ही कुछ लोगो से खूब मरवाया और सास ससुर को भी घर जाकर खूब धमकाया (सास ससुर देवर किराए के मकान में रहते हैं) उस दिन से देवर फिर कभी भी मेरे यहाँ नहीं आया और ससुराल वालों से हमेसा के लिए कुट्टी हो गई ! इसी दौरान सर ने देवर को दो बार और मरवाया इसी कारण डर के मारे फरवरी 2014 में मेरे सास ससुर देवर शहर छोड़कर अपने गाँव चले गए देवर दूसरे शहर नौकरी करने लगा !
अब मैं पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गई और सुख से रहने लगी तो मेरे मन में जिस्मानी भूख जाग उठी ! जब से देवर ने मेरी छोटी छोटी चूचियों को दबाया होठो को किस किया तभी से मेरी जिस्मानी भूख फिर से जाग गई ! सर से फोन पर खूब बाते होती वाट्सअप फेस बुक में खूब चेटिंग करती, एक दिन सर से इंग्लिश फिल्म देखने की वेबसाइट पूछा तो सर ने बता दिया तो मैं रात में जब लडकिया सो जाती तो मोबाइल में गन्दी गन्दी फिल्मे सर्च करती देखती पर टीक से नहीं दिखाई देती तो एक दिन सर से कहा दिया मजा नहीं आता नेट स्लो चलता है तब सर ने एक चिप में बहुत से सेक्सी सीन की फिल्मे दे दिया जिसे मैं रात में देखती और खूब उत्तेजित हो जाती तो तकिये को चिपका कर तड़पते हुए सो जाती फिल्मे देख देख कर जिस्म की भूख और बढ़ जाती पर सर को घर बहुत कम बुलाती बदनामी के डर से ! सर भी निहायत ही सरीफ इंसान निकले उनसे अभी तक ६०- ७० हजार तक ऐठ लिया फिर भी आज तक मुझे किस तक नहीं किया जबकि सर साथ कई बार दूसरे शहर में कार से शॉपिंग तक कर लिया ! ब्लू फिल्म देखने के बाद मेरी जिस्म की भूख को शांत करने के लिए मैं दो-तीन ऊँगली एक साथ चूत में डालकर अपनी जिस्म की तपन को कम कर लेती पर ओ मजा नहीं मिलता जो एक पुरुष के साथ सम्भोग करने में मिलता है ! ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब सर से दिन में दो चार बार लम्बी लम्बी १०-१० मिनट तक बात न हो जाए पर सर ने अचानक बात करना बंद कर दिया तो 7 दिन बात नहीं किया तब मैंने फोन उस दिन सर से बात किया तो लगा की सर अब मेरे से दूर होना चाहते है सर ने वाट्सअप में भी मैसेज भेजना बंद कर दिया था ! उनकी शिकायत थी की इतना प्यार करने के बाद भी तुम्हे हासिल नहीं कर पाया, गले नहीं लगाया, किस तक नहीं किया ! मैं समझ गई सोने का अंडा देने वाली मुर्गी हाथ से निकल जाएगी और अभी तो मुझे सर के यहाँ से ग्रेजुएसन और पोस्ट ग्रेजुएसन करना है ये सब सोच कर की मेरा प्लान फेल हो जाएगा तब मैंने सोच लिया की अब सर को अपना सेक्सी वदन का मजा चखा दूँ और मैं भी अपनी काम ज्वाला को बुझा लूँ !
दिसंबर 2014 के ठंढी का महीना था एक दिन सुबह सुबह साढ़े 7 बजे जब मेरी बड़ी बेटी स्कूल चली गई तब मैंने सर को फोन करके घर बुलाया तो सर काम पूछने लगे तो कह दिया ''तबियत ठीक नहीं'' तब सर ने कहा ''आता हूँ पांच मिनट में '' इतना सुन कर दरवाजे में पर्दा लगाकर पीछे के कमरे में बिस्तर पर रजाई ओढ़ कर अपनी छोटी बेटी के पास लेट गई ! मुस्किल से 4 मिनट बाद सर कमरे के अंदर आ गए और सीधे मेरे पास आये और सिर पर हाथ रखकर टटोलने लगे और बोले ''बुखार तो नहीं है'' तब मैं बोली ''अंदर से बुखार है और सिर भी दर्द कर रहा है '' तब सर ने मेरे पहली बार मेरे गाल पर हाथ रखा और गालों को सहलाने लगे तो मैंने सर का हाथ पकड़ लिया और हाथ के पंजे को चुम लिया तब सर झुककर मेरे दोनों गालों को पहली बार चूमते हुए बोले ''चलो उठो डाक्टर को दिखा दूँ'' तब मैंने मना कर दिया और बोली ''टीक हो जाउंगी रहने दीजिये'' तब भी सर नहीं माने, मेरे ऊपर से रजाई को हटाकर अलग कर दिया और मेरा हाथ पकड़ कर उठाने लगे तब मैं उठकर खड़ी हो गई ! मैं सिर्फ एक पतली सी पारदर्शी गाउन पहन कर रखी थी,(अंदर ब्रा और पेंटी भी नहीं थी) खड़ी होते ही मेरे शरीर का एक एक अंग साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था, सर मुझे इस हालत में देखकर अपने आपको रोक नहीं पाये और मुझसे लिपट गए और ताबड़तोड़ किस करने लगे गाउन के ऊपर से मेरी छोटी छोटी किन्तु बिना लटकी हुई टाइट चूचियों को सहलाने लगे, मेरी चुचिओं की निप्पल टाइट पड़ गई मैं भी सर के कंधे में हाथ रखकर एकदम से लिपट गई और सर को चूमने लगी इतने में सर झुककर गाउन के गले से नीचे किया और मेरी चूची को चूसने लगे और फिर अचानक मुझे गोद में उठा लिए और आगे के रूम में ले आये और बिस्तर पर लिटा दिए और मेरी गाउन को कमर तक खिसकाया और चूत को चाटने लगे मैं गर्म आग पड़ गई और सर के सिर पर हाथ घुमाने लगी ! पर इतने में किसी के क़दमों की आहट सुनाई दिया तो मैं हड़बड़ा कर बैठ गई और सर को जल्दी से पीछे के कमरे में जाने का इसारा किया तो सर जल्दी से पीछे कमरे में किनारे खड़े होकर छिप गए ! इतने में मकान मालिक की 15 वर्ष की गुड़िया आई और दीदी करने लगी तो मैं पर्दा खोलकर बोली '' क्या हुआ आरती'' तो गुड़िया दीदी थोड़ा सा अदरक हो तो दे दो तब मैं किचेन (पीछे के कमरे में ही किचेन ही है ) से गई और अदरक लाकर दे दिया ओ चली गई तो मैं फिर से पीछे के कमरे में गई फिर से लिपट गए और चूमने लगे मैंने भी सर को लिपटा लिया और चूमने लगी तो सर ने बिस्तर में लेटने का इसारा किया तो मैंने मना कर दिया और धीरे से बोली ''सोनी (मेरी छोटी बेटी) उठ जाएगी'' और फिर सर को बोला आप जाइए तो सर जाने तैयार नहीं हुए तब मैंने मेरा ATM कार्ड निकाला और सर को दिया और पासवर्ड बताया और दो हजार रूपये निकालकर लाने को कहा तो सर ने कार्ड लिया और चले गए, सर के जाने के बाद मैं इतना अधिक उत्तेजित हो गई की लगा की सर को बुला लूँ और खूब चुदावाऊ फिर अपने आपको कंट्रोल किया और चाय बनाने लगी मुस्किल से 10 मिनट में सर आ गए और रुपया दिया और फिर से किस किया और चाय दिया तो सर बोले '' लाओ एक ही कप में पी लेते है चाय'' तब मैं और सर एक ही कप में चाय पिए ! चाय पीने के बाद सर फिर से किस करने लगे तब मैं बोली ''अब जाइए आसपास सभी उठ गए है'' तब ओ नेक इंसान सर चले गए ! तो 10 मिनट बाद मैंने फोन किया सर को और मादक आवाज में पूछी '' कैसी लगी'' तो सर पहले समझ नहीं पाये जब समझे तो खूब तारीफ़ किया मेरी बोले ''तुम्हारे शरीर से एक मादक सी खुसबू आती है,'' फिर सर बोलने लगे '' तुम्हारी चूत तक से खुसबू आती है'' तब मैं बोली '' चुप रहिये इतनी बेसर्मी अच्छी नहीं लगती'' तब भी सर चुप नहीं हुए और फिर बोले '' तुम्हारी चूत तो
मीठी मीठी लगती है जैसी लाली पाप '' तो मैं हस दी और बोली ''चुप बेसरम कही के'' तब सर जोर जोर से हँसने लगे तो मैं भी अपनी हँसी रोक नहीं पाई और जोर जोर से हँसाने लगी ! फिर मैंने सर से पूछी '' आप रात में कितने बजे तक बाहर रहते हैं'' तब सर ने अपना बाहर रहने का समय बताया और पूछने लगे ये क्यों पूछ रही हो तब मैंने सरमा कर मना कर दिया तो सर बार बार
मेरे शरीर का एक एक अंग इसी तरह से चिकना और खूबसूरत है |
रात में घर आने वाली बात जब से हुई तब से सर कई बार आने के लिए कह चुके पर मैं डर मैं डर के कारण हिम्मत नहीं पड़ रही थी पर सर पीछे पड़ गए तो हिम्मत करके जनवरी 2015 के दूसरे सप्ताह के सातवें दिन आने को कह दिया ! मैंने कह तो दिया आने के लिए पर मन ही मन डर भी रही थी क्योकि कही बड़ी बेटी जाग रात में या मकान मालिक न जाग जाए फिर भी हिम्मत कर लिया और सर आने के पहले ही दिन में कनफर्म किया तो मैंने आनाकानी किया आने के लिए तो सर नाराज पड़ गए तो फिर से हां कह दिया ! मैं मन ही मन डरते हुए सर के आने का इन्तजार करने लगी ! रात के 11 बजे सर ने फोन किया और बोले ''मैं आ गया हूँ और अपने इंस्टीटूट पर सीढ़ी के नीचे बैठा
मेरा जिस्म १००% ऐसा है |
दो साल से नहीं चुदवाने के कारण मेरी चूत का छेद एकदम से सकरा हो गया है |
मेरे पति शरीर से बहुत कमजोर थे चुदाई में कभी कभी ही संतुष्ट कर पाते थे ! |
चूत में लण्ड खूब टाइट लगा मुझे ! दर्द के मारे मैं कराह उठी पर अच्छा भी खूब लग रहा था क्योकि पहली बार इतने तगड़े लण्ड का स्वाद जो मिलने वाला था मजा आ गया चुदाने में |
चूत में लण्ड घुसते ही मुझे दर्द हुआ पर चुदाई में इतना मजा पहली बार मिला |
हिला दिया तब सर मेरे होठ को चूमते चूमते मेरी जीभ को चूसने लगे और मैं दर्द भूल गई और सर की जीभ को चूसने लगी ! उधर सर धीरे धीर लण्ड आगे पीछे करने लगे और पूरा लण्ड मेरी चिकनी, नर्म, मुलायम, सकरी चूत में धीरे धीरे डाल दिया और फिर मुझे किस करते हुए लण्ड को आगे पीछे करने लगे जो मुझे खूब अच्छा लगने लगा सारा दर्द गायब हो गया और मैं मजे से चुदाने लगी की अचानक मुझे याद आया की कंडोम तो लगाया नहीं तब मैंने तकिया के पास से कंडोम निकाला और पैकेट से फाड़ कर सर की तरफ कंडोम बढ़ाया तो सर ने अपना लण्ड निकाला और मेरे सामने कर दिया ! ओह क्या लाल सुर्ख कड़क लण्ड था ऐसा लग रहा था जैसे सुपाड़े से खून टपक पड़ेगा ! सर ने कंडोम को लगाने का इसारा किया तो मैं लण्ड पर बड़ी आसानी से कंडोम चढ़ा दिया (पति के लण्ड पर कंडोम लगाने बहुत दिक्कत आती थी क्योकि उनका लण्ड इतना कड़क होता ही नहीं था) जैसे ही कंडोम लगाया सर ने फिर से लण्ड घुसेड़ दिया और और चोदने लगे लगातार 5 मिनट तक लण्ड आगे पीछे करते रहे मैं स्वर्ग की सैर करने लगी की सर ने अचानक चोदना बंद कर लण्ड डाले डाले ऊपर अपना पूरा वजन डाल कर मेरे ऊपर लेट गए चूमने लगे सर का 80 किलो वजन उस समय मुझे बहुत कम लगा पर चुदाई बंद करने से मैं तड़प उठी और अपने चूतड़ों को ऊपर-नीचे अगला बगल हिलाने लगी और तड़पने लगे पर सर चोदना सुरु नहीं किया तो मैं उठी और सर को नीचे गिराते हुए उनके ऊपर चढ़ गई और खड़े लण्ड पर मलखम्ब करने लगी तो मेरी छोटी छोटी चूचियाँ ऊपर नीचे कूदने लगी तो सर आधा शरीर को उठाते हुए मेरी चूचियों को पीने लगे तो मुझे अधिक मजा आने लगा मैं जितनी जल्दी जल्दी लण्ड पर अपने चूतड़ को पटकती सर उतनी ही जल्दी जल्दी मेरी चूचियों को चूसते जाते मुस्किल से 4 मिनट में ही मैं थक गई और सर के सीने में अपना सिर रखकर लेट गई और ऊपर लेटे लेटे ही अपनी चूतड़ को लण्ड पर घिसने लगी तो सर जल्दी से मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर चढ़ गए अपना बाया हाथ मेरे गले के नीचे डाला और दाया हाथ कमर के नीचे किया और ताकत कर जोर जोर से धक्के मारने लगे मैं चरम सुख का अनुभव करने लगी तो मुह से उउउउउउ आआआअ अआआहहहहहह आआअह आआह्ह्ह्ह सीए ईईईई उउउउउउउउउउउ आआआआआआ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह्ह आअह्ह आआअहहहहह की जोरजोर से आवाज निकलने लगी सर ने मेरे मुह में अपना मुह रख दिया और मेरी जीभ को चूसते हुए जोर से झटके मारने लगे तो कमरे में फटफट की आवाज आने लगी तो मैंने सर के चूतड़ पर हाथ रखी और आवाज को कम करने के लिए स्पीड को कम करने लगी तो सर समझ गए और बिना आवाज किये झटके मारने लगे और फिर मैं अचानक झर गई तभी भी सर लगातार झटके मारे जा रहे थे ! सर की गरदन की पकड़ से मेरी गर्दन दर्द करने लगी तो मैंने सर का हाथ निकालने लगी ने अपना हाथ निकालालिया और जोर जोर से झटके मारते रहे तीन मिनट बाद सर ने पूरी ताकत के साथ लण्ड को जोर से गर्भासय की तरफ ठेला और मेरे ऊपर लेट गए उस समय ऐसा लगा जैसे मेरी चूत फट गई हो जोर दर्द हुआ पर भी भैस की तरह लण्ड को ठेले हुए थे मुझे जोर जोर से किस किये जा रहे थे तब मैंने धीरे से बोली ''अब बस भी करिये'' तब सर ने लण्ड ठेलना बंद किया और मेरे ऊपर 3 मिनट तक लेटे रहे उनका लण्ड मेरी चूत के अंदर बार बार हलके हलके फुदक रहा था ! तब मैं बोली ''अब उठिए भी '' तब ओ बगल में लेट गए और उनका लण्ड चूत से बाहर आ गया ! हम दोनों की ठंढी ख़त्म थी फिर भी मैं सरम के मारे रजाई ओढ़ लिया उढा लिया और दोनों चिपक कर लेटे रहे करीब 5 मिनट बाद मैं उठी और ब्रा -पेंटी पहनने लगी तो सर ने दोनों अपने हाथ से छीन लिया और गाउन को आगे कर दिया तो उनके कान में धीरे से बोली ''पहनने दीजिये न'' तो धीरे से बोले ''सिर्फ गाउन पहन लो, नहीं तो बार बार उतारना पडेगा'' तब मैं उनकी तरफ आस्चर्य से देखते हुए बोली '' अभी और करेंगे क्या'' तो उन्होंने हां में गर्दन हिला दिया ! मैं मन ही मन सोचने लगी मेरे पति तो कभी भी एक रात में दो बार नहीं किया सुहागरात में भी रात के एक ही बार किया था ओ भी जल्दी ही टॉय टॉय फिस्स हो गए थे उसके बाद सर्म के मारे एक सप्ताह तक आये ही नहीं थे मेरे पास ! मैं गाउन पहन कर लड़कियों के रूम में गई तो दोनों गहरी नींद में सो रही थी तब मैं वापस आ गई तो देखी की वीर्य से आधा भरा हुआ कंडोम फर्स पर पड़ा था मैं फिर मन ही मन सोचने लगी पतिदेव के कंडोम में तो वीर्य की १०-१५ बुँदे ही रहती थी मैं समझ गई सर में इसी लिए इतना दम है ! रूम से बाहर वाथर्रूम चली गई वापस आई तो सर बोले मुझे भी जाना है और कपडे पहने हुए दरवाजे के पास जाने लगे तो मैंने हाथ पकड़ कर खीच लिया और बोली ''पागल हो गए क्या,कोई देख लेगा'' तो ओ बोले '' बाहर चला जाता हूँ रेलवे ट्रेक के पास'' तब मैं बोली ''आप बाहर जाना तो वापस मत आना'' तो ओ बोले ''फिर क्या करूँ मुझे बहुत जोर से पेसाब लगी है'' मैं मन ही मन गुस्सा तो बहुत हुई लगा की कह दूँ चले जाओ अब पर मस्त चुदाई की लालच में अपने को रोक लिया और बोली ''रुकिए आपकी ब्यवस्था करती हूँ'' और दूसरे कमरे में जाकर एक खाली एशियन पेंट का 2 लीटर डिब्बा लाइ और दे दिया और बोली ''लीजिये इसमें कर लीजिये'' तो हँसने लगे डिब्बा हाथ से ले लिया और मूतने लगे आधा से थोड़ा कम डिब्बा भर दिया ! घड़ी में देखा तो रात के 1 बज गए थे दोनों फिर से लेट गए और धीरे धीरे बात करने लगे बात करते करते मैं कब सो गई पता ही नहीं चला ! रात में ऐसा लगा जैसे कोई मेरी चूचियों को चूस रहा है नींद खुली तो सर होठो को चुम रहे है पर मैं गहरी नींद में थी तो हाथ से सर के मुह को ठेल कर अलग कर दिया फिर से चूमने लगे मेरी नींद खुल गई ............................इस तरह से रात में तीन बार मेरी तबियत से चुदाई किया और सुबह सुबह 6 बजे घर से चले गए ! पर मेरे कमरे से निकलते हुए मकान मालिक के 26 साल के लड़के ने देख लिया और उस दिन से उसने मुझे लाइन मारना सुरु कर दिया तो मैंने माकान छोड़कर उसी कालोनी में दूसरे मकान में रहने चली गई इस मकान में तो दिन में भी दो बार (फरवरी २०१५ में) चुदवा चुकी हूँ !
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आज मन बहुत उदास था ! सर से चुदवाये हुए 3 माह से ज्यादा हो गए ! भाई साथ में रहने लगा इस कारण मौका ही नहीं लगता सर को घर बुलाने का ! पर भाई अभी गाँव गया है और बच्चियों की स्कूल भी खुल गई ! चुदाने तीब्र इच्छा पड़ रही है ! जिस्म में बार बार अकड़न उठ रही थी ! आज (१७/६/२०१५) रात भर नींद आई बार बार चुदवाने की इच्छा पड़ रही थी ! [सर तो हमेसा कहते थे कहीं बाहर चलते है पर मैं बहुत डरपोक किस्म की हूँ की हूँ गई नहीं] सुबह सुबह :30 पर सर को फोन किया और करीब 10 मिनट बातें किया बात बात में सर को बता दिया की भाई गाँव गया है तो सर बोले जाऊं क्या तब मैंने थोड़ा बहुत नखरे करने हाँ कर दिया और बोली पैदल ही आना ! सर 8 बजकर 35 मिनट पर आ गए, आते ही जूता सहित कमरे में घुस गए और मैंने दरवाजा लगा दिया परदे को बाहर निकालकर ! जैसे ही सर अंदर घुसे मुझे पकड़कर खीच लिया और अपने चौड़े सीने से चिपका लिया और किस करने लगे, मैं भी प्यासे पपीहे की तरह सर के होठो को चूमने लगी ! ओ मेरी चूचियों को हलके हलके दबाने लगे तो मैं उनके लण्ड को पेंट के ऊपर से टटोलने लगी मैं बहुत उत्तेजित हो गई और जोर जोर से उनके होठो को चूमने लगी इतने में ओ मुझे गोद में उठकर बिस्तर में लिटा दिया और मेरी गाउन को जाँघों की तरफ से उठाने लगे तो मैंने उन्हें कपडे उतारने के लिए इसारा किया तो ओ जल्दी से सभी कपडे उतार दिए, मैंने भी अपनी गाउन उतार कर रख दिया और दोनों ऐसे लिपट गए
इस बार चुदाई की सुरुआत कुछ इस तरह से किया |
सर ने इस तरह से लगातार 8 मिनट तक चोदते रहे और दोनों एक साथ स्खलित हो गए |
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