Thursday, 28 May 2015

सासु को ससुराल में चोदा


 ''सासु  को ससुराल में चोदा''  तुम्हे विश्वास नहीं हो रहा होगा पर ये घटना सौ टका सही सही है ! इस सही  घटना को सुनने/ जानने के बाद  तुम्हे ये विश्वास हो जाएगा की महिलाये सेक्स सुख के लिए सभी रिश्तों को ताक पर रख देती है सौ फीसदी सत्य घटना सुना रहा हूँ !
                   मेरी ससुराल गाँव में है जो बहुत ही सम्पन्न है लम्बी खेती बाड़ी है, बड़ा सा पक्का मकान है, 2 ट्रेक्टर 1 बुलेरो 1 टाटा सूमो गाडी है ! मेरे ससुर जी अपने सभी भाइयों में सबसे बड़े है उनसे 2 छोटे भाई है सभी की शादी हो चुकी है और बड़े-बड़े बच्चे भी है ! मेरे ससुर के सबसे छोटे भाई (मेरे ककिया ससुर) मेरे से उम्र में 2 साल छोटे है उनकी शादी भी मेरी शादी के बाद हुई थी  ओ अभी भी फौज में है क्योकि प्रमोसन मिलने के कारण उनकी नौकरी बढ़ती जा रही ! उनके दो लड़के  है एक 8  वी में और दुसरा 10  वी में दोनों गाँव से दूर के हास्टल में रहकर पढ़ाई करते है ! गाँव में मेरे ससुर,सास,और सेकण्ड नंबर के काका ससुर उनकी दो
मंजू चाची जी ऐसी ही खूबसूरत और सेक्सी लगती है
लडकिया  और सबसे छोटी सास ''मंजू चाची'' सभी ज्वाइंट फेमली में रहती है ! मेरी शादी के 3 साल बाद मंजू चाची आई ससुराल में बहु बनकर जो की गजब की खूब सूरत, चंचल, सोख हसीना लगती है !  जब भी ससुराल जाता हूँ तब मंजू चाची का दामाद होने के कारण ,मेरे पाँव छूती और मेरा खूब आवभगत करती है और साली नहीं होने की पूरी कमी पूरी कर देती है अकेले मौका देखकर  हल्का फुल्का हँसी मजाक भी कर लेती है ! मेरी शादी हुए करीब 20 साल हो गए , मंजू चाची की उम्र करीब 34-36  के आसपास होगी ! न तो ज्यादा मोटी और न  ही ज्यादा दुबली पतली,एकदम से फिट सेक्सी गदराये हुए वदन की मालकिन है ! अभी 10 साल से जब भी ससुराल जाता तब मंजू चाची कोई न कोई बहाना बनाकर मेरे और मेरी पत्नी के साथ बुलट में 10 KM दूर बाजार करने जरूर जाती ! क्योकि काका ससुर जी तो फौज में है और बाकी दोनों ससुर मंजू चाची के जेठ जी लगे तो उनके साथ नहीं जा सकती  !   मई 2014 की बात है ससुराल के पास ही मैं एक शादी में गया था सोचा ससुराल भी घूम और ससुराल पहुंच गया तो खूब आवभगत हुई मेरी ! दिन की भयंकर गर्मी में साले के कूलर लगे कमरे में ही सोता क्योकि साले साहब बहुत अच्छे वकील है जो पास के ही शहर में रहते है अपने पत्नी बच्चो के साथ ! मंजू चाची ने अकेले कमरे में बड़े प्यार से खाना खिलाया हँसी मजाक भी किया !
मंजू चाची ने खाना परोसते समय इसी तरह से कई बार अपने पल्लू को गिराया
आज मंजू चाची खूब सजी सवरी थी लाल साडी में बहुत ही सेक्सी लग रही  थी, खाना परोसते समय कई बार साडी के पल्लू को गिराया जिसमे उनकी बड़ी बड़ी चूचियों  की घाटी साफ़ साफ़ दिखाई देती थी मैं भी  तिरक्षी नजर और  ललचाई निगाह से चूचियों  तरफ देखता तो मंजू चाची हलके से मुस्कुरा कर पल्लू ठीक कर लेती ! खाना खिलाते समय मंजू चाची बोली  ''
कुछ काम है साम को बाजार चलेंगे मेरे साथ '' मैंने हां कर दिया और बोला '' घर वाले जाने देंगे मेरे साथ अकेले'' तो मुस्कुराते हुए बोली ''उसकी चिंता आप छोड़िये मैं बड़ी जीजी  जी से पूछ लूंगी '' ! बड़ी जीजी से मतलब मेरी सासु माँ से है ! इसके बाद मैं खाना खा कर कूलर की ठंढी हवा में सो गया तो मेरी नींद करीब 5 बजे खुली , कुछ ही देर में मंजू चाची आई और बोली '' पानी लाऊ '' तो मैंने हां  हिला दिया  तो ओ गई और  कुछ ही देर में फ्रिज का ठण्डा पानी ले कर दिया और फिर सरबत लाइ जिसे पीने के  बाद मंजू चाची बोली '' जीजी से पूछ लिया है 6 बजे तक तैयार हो जाइयेगा'' मैंने फिर से गर्दन हिला दिया और मंजू चली गई ! मैं 6 बजे तैयार होकर घर के बाहर पुरुषो के बैठक हाल में आ गया जहा  पर ससुर जी पहले से ही बैठे हुए थे ! मेरे आने के तुरंत बाद मेरी सासु माँ आई और ससुर जी से मंजू चाची के मेरे साथ बाजार जाने की बात किया तो ससुर जी बोले ''अरे दामाद तो लड़के जैसा होते हैं उनके साथ जाने में कोई परेसानी वाली बात ही नहीं'' इतना कहने  ससुर जी ने नौकर को आवाज दिया और बोले ''बुलट बाहर निकालकर किसी साफ कपडे से पोछ दे'' नौकर ने अपना काम 10 मिनट में कर दिया !  इतने में सासु माँ और बोली ''बेटवा,मंजू पीछे वाले दरवाजे में खड़ी है'' मैं समझ गया की मंजू चाची अपने जेठ जी के सामने मेरे साथ बुलट में नहीं बैठेगी ! तब मैं उठा और बुलट को सेल्फ से स्टार्ट किया और पीछे वाले दरवाजे (गाँव में एक दरवाजा घर के पीछे या बगल में होता है जहाँ से ज्यादातर घर की महिलाओं का प्रवेश/बाहर होता है)के सामने गया जहा पर मंजू पहले  खड़ी थी ! मंजू मेरे बुलट पर दुरी बनाकर बैठ गई ! रास्ते भर दूर ही रही एक दो बार जरूर मेरे पीठ पर उनकी चूची टच हुई तोलगा की चूचियाँ टाइट है ! 20 मिनट में बाजार पहुंच गए  कई दुकानो में मंजू चाची ने ढेर सारी शॉपिंग किया ज्यादातर दूकान वालों ने हम दोनों को पति-पत्नी ही समझा ! मंजू चाची ने 34 -36  नंबर की ब्रा और पेंटी लिया काटन की एक गाउन भी लिया और कई साड़ियाँ मेकअप का सामान लिया और सभी सामान को एक मजबूत से झोले में रखकर बुलट के पीछे बांध लिया ! मैं समझ गया था मंजू चाची चुदवा सकती है इस लिए एक मेडिकल स्टोर से बिगोरा 100 की 4 टेबलेट और डेटेड कोहिनूर कंडोम ले लिया ! ये सब लेते लेते साम के साढ़े सात बज गए घुप अधेरा हो गया  उसके बाद मंजू चाची बोली भूख लगी है तब एक होटल में गया और नास्ता किया तब तक 8 बज गए ! फिर अँधेरे में जैसे ही बाजार से बाहर मिले मंजू चाची मेरे से चिपक कर बैठ गई और बोली ''ज़रा धीरे धीरे चलाइये घर ही तो चलना है''  नहर के किनारे किनारे बाते करते हुए धीरे धीरे चलने लगे पर बुलट की आवाज में मंजू चाची की आवाज दब जाती तो मैंने सोचा क्यों न बाइक रोककर बात कर लूँ तो पेसाब करने के  बाइक को रोड से कुछ दूर लेजाकर रोक दिया   उतर कर पेसाब करने चला गया वापस आया तो देखा की मंजू चाची भी बाइक के पास  रही थी जब मैं वापस आया तब भी मंजू चाची बिना सरमाये हुए पेसाब करती रही उनके पेसाब करने की ''स्स्स्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स'' की आवाज सुनाई दे रही थी ! जब मंजू चाची पेसाब कर चुकी तो उठी और मेरा पास आकर खड़ी हो गई और बातें करने लगी तो मैंने अचानक ही उनका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खीचते हुए किस कर के सीने से लगा लिया, मंजू चाची बिना बिरोध किये मेरे सीने से चिपक गई तो मैंने ताबड़तोड़ कई किस किया और
मंजू चाची को इस तरह से खूब किस किया तो मंजू ने रोड के किनारे अँधेरे में मुझे चिपका लिया
चूची को दबा दिया मंजू चाची ने ज़रा सा भी बिरोध नहीं किया तो मैंने ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर चूचियों को खिलाने लगा तो पता चला की मंजू चाची की चूचियाँ एकदम से टाइट थी , निप्पल भी खूब टाइट पड़ चुकी थी ,तब मैंने ब्लाउज का  हुक खोला और झुक कर चुचिओं को चूसने लगा मंजू चाची भी मुझे किस करने लगी और अपने हाथो को मेरे कंधे पर रखकर मुझे अपने सीने से चिपका लिया इस तरह से घुप अँधेरे में दोनों एक दूसरे को खूब  किस करते रहे फिर मैं बोला ''कैसे मिलूंगा आपसे '' तब मंजू चाची धीरे से बोली 

'' रात में सभी छत में सोते है आपका भी बिस्तर छत  दूंगी आप भी वही सोना  मौका मिलते ही रात में आपको अपने कमरे में बुला लुंगी'' [ मकान की दुसरी मंजिल में सिर्फ मंजू चाची के दो कमरे और कमरे के सामने धान के पियरे की झोपड़ी बनी हुई है ] ये सब बात होने के बाद फिर से दोनों घर की तरफ चल दिए बात करते हुए और घर पहुंच कर उन्हें पीछे दरवाजे में उतार दिया और आगे आ गया बाइक खड़ी किया और ससुर जी के पास बैठ गया तो ससुर जी ने पूछा ''इतना लेट कैसे हो गए'' तो मैं दिखावटी नाराजगी ब्यक्त करते हुए कहा ''तालाब में  घुसी भैस और बाजार में घुसी लुगाई जल्दी से बाहर नहीं निकलती'' मेरी ये बात सुनते ही ससुर जी जोर जोर से हसने लगे इतने में सासु माँ सर्बत पानी का गिलास लेकर आ गई और पूछी ''क्या हुआ काहे को इतना हस रहे हैं'' तो ससुर जी ने मेरी कही हुई बात को दोहराया जिसे सुनकर सासु माँ भी हस पडी और माहौल एकदम से बदल गया तो सासु माँ ने मुझे कपडे बदलने के लिए कहकर चली गई तो मैं कुछ देर में उठा और साले साहब केकमरे में चला गया और फुल लोवर और टीसर्ट पहनकर वापस ससुर जी के पास बैठ गया 9 बजे ससुर जी के साथ खाना खाया और ससुर जी के साथ छत में सोने चला गया ! गर्मी के महीने में छत में एक तरफ पुरुष और कुछ दुरी पर महिलाये सोती है बीच में रस्सी के सहारे कपडे टांग कर ओलट बना लेती है ! रात को सोने के पहले बिगोरा 100 की एक टेबलेट खा लिया ! रात के करीब 11 बजे धूल भरी आंधीके साथ साथ पानी के छींटे गिरने लगी तो सभी छत से नीचे अपने अपने कमरे में चले गए पर कुछ देर में गर्मी से घबराकर आधा घंटे में सभी फिर से छत में आ गए रात के करीब  12:30  बजे फिर से पानी के छींटे गिरने लगी तो फिर से सभी भागते हुए नीचे उत्तर गए, मैं भी उतरने लगा तो सासु माँ मेरे पास आई और बोली ''बार बार परेसान मत होइए आपका बिस्तर यही मंजू के कमरे के सामने टपरी में लगा देती हूँ '' और इतना कहकर मंजू चाची को आवाज दिया तो ओ कमरे से बाहर आई तो सासु माँ बोली '' दामाद जी का बिस्तर यही टपरी में लगा दे बार बार सीढ़ी से उत्तर रहे है कही गिर न जाएँ अँधेरे में '' तब मंजू चाची मेरी चारपाई को घसीटते हुए टपरी में ले गई और चादर को झटकने लगी तो ऐसा लगा जैसे कुछ गिरा सासू माँ पाँव से जमीन में टटोलने लगी तो मैंने मोबाइल की टार्च जलाया और दिखाने लगा तो मंजू चाची बोली ''जरा बिस्तर  दिखाएँ कोई कीड़ा-मकोड़ा तो नहीं है'' तब बिस्तर तरफ लाइट दिखाया तो मंजू चाची के ऊपर भी हलकी से लाइट गई तो देखा की मंजू चाची  बाजार  से जो  गाउन लाई है वही पहन रखी है ! बिस्तर लगा गया तो मैं बिस्तर में लेट  गया और सासू माँ भी मंजू चाची के रूम में मंजू चाची के पास ही दूसरे बेड पर लेट गई ! मंजू ने लालटेन जला दिया तो कमरे में हल्का सा उजाला हो गया ! पर मेरे दिल में अन्धेरा छा गया क्योकि मैं मन ही मन प्लान फेल होने से दुखी हुआ और अपनी किस्मत पर पहले इतरा रहा था मौसम के कारण ओ अब चिढ में बदल गया ! मैं बिस्तर में लेटते ही नकली खर्राटे लेने लगा ! करीब 25 मिनट बाद में ससुर जी ने सासू जी को आवाज दिया तो सासू माँ नीचे चली गई पर मैं अभी भी नकली खर्राटे ले रहा था, करीब 15 मिनट बाद मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरे कंधे को सहला रहा है मैं समझ गया मंजू चाची अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिया मुझे जगा रही है फिर भी मैं सोने की नौटंकी किये जा रहा था इतने में मंजू चाची मेरे गाल पर किस किया और कान में धीरे से बोली ''सो गए क्या'' तब मैं नींद  नाटक करते हुए बोला ''कौन है'' तब मंजू चाची मेरे मुँह पर अपना हाथ रखते हुए धीरे से बोली '' मैं हूँ अंजू'' तो मैं मंजू चाची का हाथ पकड़ा और बिस्तर में बिठा लिया और फिर कंधे पर हाथ रखकर झुकाया और किस कर लिया और फिर चूचियों को टटोलने लगा तो लगा बिना ब्रा के ही गाउन पहनी हुई है बड़ी बड़ी टाइट  चूचियाँ लटक रही थी मैं गाउन के ऊपर से ही चूचियों को खिलाने लगा और होठो को चूसने लगा इतने में अचानक तेज तेज हवा चलने लगी और जोर जोर
मंजू चाची का नंगा जिस्म ९० % ऐसा ही लगता है
पानी गिरने लगा तो मंजू चाची जल्दी से उठी और सीढ़ी की तरफ भागी और सीढ़ी  दरवाजा लगा  जल्दी से वापस आ गई तो मैंने पूछा कहाँ गई थी तो बोली ''सीढ़ी का दरवाजा बंद करने गई थी'' तो मैंने पूछा क्यों बंद किया तो बोली ''पानी अंदर जाता हवा के साथ और दालान में पानी भर जाता'' तब मैंने मंजू चाची का हाथ पकड़ा और अपनी चारपाई में बिठा लिया और चूची पर हाथ घुमाया तो लगा की ये तो गीली हो गई है ! तब मंजू को बोला ''आप तो गीली हो गई है कपडे बदल लीजिये'' तो कुछ नहीं बोली तो मैंने फिर से उनके ऊपर हाथ घुमाने लगा तो मेरे हाथ को पकड़ कर चूमने लगी तब मैंने उन्हें अपनी तरफ खीच कर चारपाई में लिटा लिया और उनके ऊपर चढ़ गया और किस करते हुए चूचियों को दबाने लगा ! कुछ ही मिनट में मैंने गाउन की चेन को खोल दिया और चूची को चाटने लगा की इतने में मंजू का फोन बजने लगा तो दौड़ कर कमरे में गई और बात करके वापस आई तो मैंने पूछा ''किसका फोन था'' तो बोली ''जीजी का था,पूछ रही थी दामाद जी की चारपाई गीली तो नहीं हो रही तो मैंने कह दिया नहीं'' और इतना कहा कर वापस जाने लगी तो मैंने पूछा ''अब कहाँ जा रही हैं'' तो बोली ''कपडे बदल लूँ'' तो मैं कहा '''ओके''  और धीरे से चारपाई से उठा और खड़ा हो गया जैसे ही मंजू ने गाउन को उतारा तो लालटेन के उजाले में उनका मस्त गदराया हुआ सेक्सी वदन दिखा तो मैं जाकर पीछे से लिपट गया,लिपटे लिपटे ही अपना लोवर और चढ्ढी उतार कर नंगा हो गया और मंजू की चूचियों को दबाने लगा और मंजू को अपनी तरफ घुमा लिया और खड़े खड़े ही मंजू की चूची को चूसने लगी और एक हाथ को दोनों जांघो के बीच में डालने लगा पर जांघे आपस में सटी हुई थी तो मंजू को बिस्तर में बैठा दिया और दोनों टांगो को फैला कर चूत को चाटने लगा मुस्किल से एक  मिनट ही चूत चाटा होगा की मंजू चाची गरम आग पड़ गई और अपने चूतडो को बिस्तर में मेरे मुँह की तरफ बार बार टकराने लगी मंजू की चूत मेरे नाक तक से टकरा रही थी मैं  समझ गया मंजू बहुत दिन से नहीं चुदाया है इस लिए इतनी जल्दी पागल हो गई चुदाने के लिए तब मंजू को लिटा दिया और फटाक से चढ़ कर लण्ड पेल दिया पानी के बौछार छत पर और मेरे लण्ड की बौछार मंजू की चूत पर  मारने लगा मुस्किल में 25-30 झटके ही मारा होगा की मंजू ने मुझे जोर से चिपकाकर ढीली पड़ गई मैं समझ गया मंजू झर चुकी है पर मैं अंतिम पड़ाव  इसलिए लगातार झटके मारता रहा और 30-40  झटकों में ही लण्ड से ढेर सारा वीर्य मंजू की चूत में उड़ेल दिया और जोर से चिपका लिया तो मंजू मुझे अपने ऊपर से हटा कर जल्दी से उठी और उठकर बैठ गई तो मैंने धीरे से पूछा ''क्या हुआ" तो बोली ''अभी 4-5 दिन पहले ही सिर धोई हूँ कही गड़बड़ न हो जाए'' (सिर धोया मतलब माहवारी से फ्री हुई) तब मैं फुसफुसाते हुए बोला ''कंडोम तो लोवर की जेब था पर जल्दी जल्दी  भूल गया'' तो मेरी तरफ देखि और मेरे गाल पर एक हलकी सी चपत मारा और उठकर खड़ी हुई तो जांघो से वीर्य बहने लगा और बिस्तर में भी ढेर सारा गिर गया तो अपना पुराना  पेटीकोट उठाया और पहले जांघो को साफ़ किया फिर बिस्तर  वीर्य को पेटीकोट से पोछने लगी और फिर वापस गाउन को पहन कर छत में किनारे बने बाथरूम में पेसाब करने चली गई मैं भी चढ्ढी लोवर पहन लिया और टपरी में अपने बिस्तर पर आकर लेट गया कुछ देर में मंजू आई तो मैंनेहाथ पकड़ कर रोक लिया तो बोली ''रुकिए आती हूँ 5 मिनट 'में'' और कमरे  गई 5 मिनट बाद आई तो उनके हाथ में गिलास था मुझे दिया और बोली ''पी लीजिये'' तब मैंने बोला ''पहले आप'' तो फिर बोली ''मेरा जूठन आपको नहीं पिलाऊगी'' तब मैं धीरे से हसा और बोला ''जब आपकी बुर चाट लिया तब ये जूठन बचाने  से क्या फायदा'' तो हँसने लगी और बोली '' चलिए पीजिये बहाने नहीं बनाइये'' तब मैं दूध पीने लगा  आधी गिलास बचा तो मंजू की पकड़ा दिया जब अंजू दूध पीने लगी और थोड़ा सा दुष बचा  उनके हाथ से गिलास लेकर उनका जूठा दूध पी लिया तो मुझे बड़े प्यार से चुम लिया और खाली गिलास लेकर रूम में रख कर फिर से आ गई और मेरे पास बैठ गई ! हल्का हल्का पानी अभी भी गिर रहा था ! मंजू को याद दिलाया सीढ़ी के दरवाजे को खोलने की तो बोली ''पानी गिरने पर ओ बंद ही रहता है किसी को कोई काम  होगा तो बजायेगा'' तब मैंने कहा ''फिर कोई बात नहीं'' इतना कह कर मंजू को अपने पास ही बैठा लिया और दोनों बिलकुल धीमी आवाज में बातें करने लगेकुछ देर में मंजू को अपनी चारपाई  लिटा लिया और बाते करने लगे !पानी की हलकी हलकी फुहार ने मौसम को ठंडा कर दिया पर मंजू और मेरे जिस्म में और गर्मी और भड़क गई 2 घंटे तक बात करते करते मेरे लण्ड पर बिगोरा का प्रभाव फिर से दिखा,लण्ड तन खड़ा हो गया तो फिर से मंजू की चूचियों से खेलने लगा और होठों को चूसने लगा तो मंजू ने लोवर के ऊपर से लण्ड को टटोलने लगी तब मैंने कान में धीरे से कहा ''चलिए अंदर चलते है'' तो मंजू तुरंत ही चारपाई से उठी और कमरे में घुस गई मैं भी पीछे पीछे चला गया और जाते ही मंजू को गाउन उतारने को कहा तो ओ तुरंत ही गाउन उतार कर रख दिया ,मैंने भी अपने कपडे उतारे और लोवर से कंडोम निकाला और बेड पर रखकर मंजू की टांगो को फैलाया और चूत
चाटने लगा मुस्किल से 3-4 मिनट तक चूत चाटा होगा मंजू मुझे पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी तो मंजू को घोड़ी बनने का इसारा किया तो ओ दो तकिये को अपने पेट  सीने के नीचे रखी और तुरंत घोड़ी  बन गई तो मैंने फनफनाता हुआ लण्ड एक झटके में ही पेल दिया तो मंजू धीरे से बोली ''इस बार कंडोम लगा लीजिये'' इतना कहकर कंडोम मेरे हाथ में पकड़ा दिया तो मैंने लण्ड  निकाला और सुपाड़े को नंगा किया बिना ही कंडोम लगा लिया ! इस बार मंजू ज्यादा देर तक चुदाई के लिए रुकेगी ये सोच कर लण्ड की चमड़ी पीछे किये बिना ही कंडोम लगा लिया और एक बार फिर से चूत को चाटने लगा तो मंजू अपने चूतड़ो को अगल -बगल  हिलाने लगी और एक हाथ से मेरे सिर को हटाने लगी तो मैंने चूत चाटना बंदकरके अपना 7 इंची लंबा  और खूब मोटा लण्ड मंजू की चूत में
मंजू घोड़ी बनकर लगातार 7  मिनट तक लण्ड की बौछार के मजे लिया
पेल कर आगे पीछे करने लगा मंजू बड़े मस्त अंदाज में चुदाने लगी जब मैं लण्ड को आगे पीछे करना बंद कर देता तो मंजू खुद ही अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगती,मैं झुक झुक कर एक हाथ से मंजू की चूचियों को खिलाता तो मंजू में और अधिक चुदाई का  जोश चढ़ जाता तो अपने चूतड़ों को और जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगती इस तरह से करीब 7 मिनट तक लगातार लण्ड की बौछार देता रहा ! उधर पानी जोर जोर से गिरने लगा और मौसम में ठंडक बढ़ गई खुले हुए दरबाजे से पानी के छीटे आ रहे थे पानी की बौछार के साथ साथ कमरे का तापमान कम होता जा  रहा था पर मंजू और मेरा  तापमान बढ़ता जा रहा था, मंजू को तड़पाने के लिए जब लण्ड आगे  पीछे करना बंद कर देता तो  मंजू अपने चूतड़ों को खुद ही आगे पीछे करने लगती तो मैं फिर दो चार बार जल्दी जल्दी लण्ड की ठोकर मारता और बंद कर देता तो मंजू फिर से अपने चूतड़ों को जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगती इस तरह से मैंने कई बार लण्ड की ठोकर मारना बंद कर देता तो मंजू से नहीं रहा गया तो ओ मुझे बिस्तर में गिरा दिया और खुद ही मेरे ऊपर चढ़ कर चुदवाने लगी
घोड़ी की चुदाई के बाद मंजू इस तरह से मेरे ऊपर चढ़ गई और खूब देर तक कूदी मेरे खड़े लण्ड पर
मेरे सीने में अपने  हाथों को रखा और खड़े लण्ड पर मलखम्भ करने लगी लगातार 5 मिनट तक मलखम्भ करने के बाद थक गई और लण्ड घुसाये हुए मेरे ऊपर लेटकर चूतड़ों को हिलाने लगी और मेरी जीभ को चूसने लगी तब मैंने मंजू को नीचे किया और चढ़ गया मंजू के ऊपर मंजू की दोनों जांघो को अपनी जांघो पर रख लिया और मंजू के ऊपर झुकते हुए मंजू की चूचियों को चूसता जाता और लण्ड के जोरदार झटके मारता जाता ! मंजू ने मेरी कमर पर हाथ रखकर मेरे चूतड़ों को आगे पीछे करने में मदद करने लगी मैं मंजू की जीभ, चूची को बीच बीच में चूसता जाता अब मंजू  मुँह से जोर जोर से उउउउ आआह्ह्ह्हाह्ह्हआह्ह्ह स्स्स्स्स्स्स्स्स आअह आआह्ह की आवाज आने लगी मंजू का चेहरा लाल सुर्ख पड़ गया मंजू ने अपना मुह फाड़कर कही मुह से सीटी लगाने लगती
उउउउ आआह् ह्ह्हाह्ह्  हआह्ह् ह स्स्स्स्स् स्स्स्स करती जाती मैं लण्ड की जोरदार वारि करने लगा उधर बाहर जोर जोर से वारिस होने लगी वारिस  तड़ तड़ की आवाज के आगे मंजू की आवाज दब गई इस तरह से लगातार
आखिरी में  तरह से लगातार कई झटके  मारने के बाद दोनों एक साथ स्खलित हो गए
लगभग  8 मिनट तक लण्ड-चूत की लड़ाई चलती रही और आखिर में दोनों ने  हार  मान  लिया मंजू ने मेरे पीठ पर दोनों हाथो को रखते हुए कस कर अपने सीने से चिपका लिया मुझे मैं भी सखिलित हो गया और मंजू को चूमते हुए मंजू के ही ऊपर लेट गया ! करीब 3  मिनट बाद मंजू ने अपने ऊपर से उठाया तो मैं उठा और कपडे पहन लिया ! बाहर अभी भी पानी गिर रहा था पूरी छत में  पानी बह रहा था ! मंजू नंगी ही दरवाजे के सामने ही बैठ कर पेसाब करने लगी
,फिर कमरे के अंदर आई और बार ब्रा और पेंटी पहन कर गाउन डाल लिया  ब्रा का हुक मेरे से ही लगवाया ! और पलट कर मुझे किस करते हुए बोली ''आप बहुत मजेदार हैं'' और इतना कह कर मुझे छोड़ते हुए पास ही रखी गैस चूल्हे को जलाया और दूध गर्म करने लगी तो मैंने कहा अब इतनी रात को दूध नहीं पीउंगा तो हॅसते हुए बोली '' बस पेट भर गया दूध से '' तो मैं हँसते हुए जबाब दिया ''आपके दूध से तो कभी भी पेट नहीं भरेगा'' और इतना कहकर पास में जाकर झुक कर मंजू की चूचियों को दबा दबाने लगा तो मंजू फिर से खड़ी हो गई और मुझे चूमते हुए बोली ''आप बहुत मजेदार हैं'' और बाते करने लगी इतने  उफना कर तपेली से बाहर गिरने लगा तो उई माँ करते हुए जल्दी से गैस को बंद किया ! मैं बाहर जाकर देखा तो हलकी हलकी बूंदा बांदी अभी भी हो रही थी मैं छत के एक किनारे पर बैठकर पेसाब किया और अंदर रूम में आया तो मंजू बिस्तर पर लेटी हुई थी, मैं भी पास जाकर बैठ गया तो मंजू बोली ''पानी गिर रहा है क्या'' तब मैंने उन्हें ''हां'' में जबाब दिया तो खुद बाहर निकली और घूम घूम कर  देखने लगी और मेरे पास आकर बोली ''आपकी चारपाई अब बाहर कर देती हूँ पानी बंद हो गया'' और मेरे उत्तर  प्रतीक्षा किये बिना ही चारपाई को घसीटने लगी तो आवाज आने लगी तब मैंने चारपाई का दुसरा सिरा पकड़कर उठा लिया और बाहर छत में लगाया और दोनों चारपाई  गए और बाते करने लगे तो मुझे नींद आने लगी और मैं कब सो गया पता ही नहीं चला ! मेरी नींद सुबह साढ़े छः बजे खुली तो देखा की चारो तरफ उजाला फैला हुआ है ! मैं उठकर चारपाई में बैठ गया और इधर उधर देखने लगा इतने में सासु माँ पानी की बोतल और एक गिलास लेकर आई और पानी दिया मैं पानी पीने लगा और सासु माँ मंजू के कमरे के पास गई और दरवाजे को ठोकने लगी और मंजू मंजू कहकर आवाज देने लगी तो  मंजू चाची उठ गई तो सासु माँ ने मंजू से कुछ कहा और छत से नीचे चली गई ! कुछ देर में मंजू चाची साड़ी-ब्लाउज में मेरे पास आई और पानी पीने लगी और धीरे से बोली ''बहुत अच्छी नींद लगी'' इतना कहकर मुस्कुराई और छत से नीचे चली गई और कुछ देर में वापस आई  उनके हाथ में नीम की दातुन थी जिसे मुझे  दिया ,दातुन के बाद मैंने चाय पीया और छत  से  नीचे आ गया सुबह का नास्ता किया और करीब 8 बजे अपनी कार से वापस गया ! दिसंबर 2014 में मंजू चाची मेरी पत्नी के साथ मेरे यहाँ आई तो मौका पाकर दर्शन के बहाने होटल में भी लेजाकर चोदा ! (होटल की चुदाई बिस्तार से सुनाऊंगा)










Saturday, 23 May 2015

सेक्स: अनोखी और दिलचस्प जानकारियां



सेक्स से जुडी बहुत सी ऎसी बातें हैं जिनके बारे में शायद ही आपको जानकारी हो। समय-समय पर सेक्स और उससे जुडी बातों पर शोध होते रहे है। आज हम आपको ऎसे ही शोधों और अध्ययनों का दिलचस्प निष्कर्ष बता रहें हैं। इससे आपकी सेक्स संबंधी जानकारी में इजाफा होगा और साथ ही आपको सेक्स के बारे में कुछ दिलचस्प बातें भी जानने को मिलेगी।
1. ऎसे पुरूष जिनके अनेक स्त्रीयों से सेक्स संबंध होते हैं, वे सेक्स को बहुत महत्तवपूर्ण तो मानते हैं। लेकिन ऎसे पुरूष अपने रिलेशनशिप से पूरी तरह संतुष्ट नहीं होते।
2. एक अध्ययन के अनुसार नीली आंखों वाले पुरूष नीली आंखों वाली स्त्री को ही पसंद करते हैं। यदि उनके बच्चे की आंखों का रंग नीला नहीं होता तो वे सोचते हैं कि उनकी पार्टनर ने उनके साथ धोखा कर किसी ओर के साथ सेक्स संबंध बनाए हैं।
3. महिलाएं मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान या उसके ठीक पहले सुखद चरम का अनुभव करती हैं। इसका कारण है कि उस समय उनके पेल्विक एरिया में रक्त संचार बढ जाता है।
4. सामान्यत ऎसा समझा जाता है कि प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स की इच्छा खत्म हो जाती है। लेकिन ऎसा नहीं है गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की सेक्स इच्छा या तोबढ जाती है या पहले जैसी ही होती है।
5. एक शोध के अनुसार कॉलेज के समय जो लडके सेक्स में लिप्त रहते हैं, वे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। जबकि कॉलेज टाइम में सेक्स न करने वाले विद्यार्थी नार्मल रहते हैं।
6. मनोवैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध में पता चला है कि पुरूष किसी भी दूसरे रंग के मुकाबले लाल रंग के परिधान में महिलाओं की ओर ज्यादा आकर्षितहोती है।
7. एक अध्ययन के अनुसार जिन महिलाओं में अपनी भावनाओं को समझने के साथ-साथ अपने आसपास रहने वाले लोगों की भावनाओं व जरूरतों की समझ को समझती है, ऎसी महिलाएं सेक्स में अच्छी पार्टनर साबित होती है।
8. सेक्स के दौरान पुरूषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा कल्पनाशील हो जाती है। इस तरह की सेक्सुअल फेंटेंसी से उन्हें संतुष्टि तो मिलती है और आपसी संबंध भी मजबूत बनते हैं।
9. जो पुरूष ज्यादातर सेक्सुअल फेंटेसी में रहते हैं, वे अपने रोमांटिक रिलेशनशिप से कम संतुष्ट रहते हैं। एक अध्ययन के अनुसार पुरूष रात्रि की नींद के दौरान औसतन 5-7 बार उत्तेजना महसूस करते हैं। 10. सप्ताह में दो या तीन बार सेक्स करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ जाती है।
11. हर पुरूष हर सात सेकेंड में सेक्स के बारे में जरूर सोचता है।
12. ज्यादा सेक्स करने वाले पुरूषों की दाढी अपेक्षाकृत तेजी से बढती है।
13.रोमांटिक उपन्यास पढने वाली औरतें ऎसे उपन्यास न पढने वाली औरतों की तुलना में सेक्स का ज्यादा आनंद उठा सकती है।
14. सेक्स में रूचि कम हो गई है तो स्केटिंग या कोई एक्सरसाइज करने से दोबारा सेक्स इचछा जाग जाती है।
15. पुरूष और महिलाएं दोनों ही एक एक दिन में कई बार ऑर्गेज्म का कर सकते हैं।
16. अक्सर कहा जाता है कि महिलाओं को सेक्स के लिए उत्तेजित होने में कम से कम 20 मिनट लगते हैं लेकिन एक शोध में पता चला है कि किसी पुरूष की कल्पना और फोरप्ले से महिलाएं 10 मिनट में ही उत्तेजित हो जाती हैं।
17. अगर किसी महिला में सेक्स उत्तेजना पैदा नहीं होती तो एक बार बर्थ कंट्रोल पिल्स को बदलकर देंखे। कई बार अलग-अलग पिल्स में पाए जाने वाले हार्मोन्स सेक्स की उत्तेजना को प्रभावित करते हैं। 18. एंकलबोन के नीचे एडी में सर्कुलर मसाज करने से सेक्सुअल उत्तेजना बढती है।
19. एक सर्वे के अनुसार कपल्स की सेक्स के लिए सबसे पसंदीदा जगह बेडरूम के बाद कार है। युवा बेडरूम के बाद कार में सेक्स करना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं।
20.एक रिपोर्ट के अनुसार बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से महिलाओं में सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है।

Saturday, 9 May 2015

कंप्यूटर कालेज वाले सर से चुदवाया

 विडो (बिधवा) होने के बाद ज्यादातर गुमसुम उदास रहती थी पर सर से  
मिलने के बाद बहुत खुस हूँ
इस सत्य कहानी की सुरुआत अगस्त 2012 से हुई  हुई जब मैं एक कंप्यूटर सेंटर में कंप्यूटर सीखने के लिए एड्मिसन  लिया ! सुरुआत  में एक माह मैं ऑफिस से एक घंटे की छुट्टी लेकर दोपहर में 2 से 3 बजे कंप्यूटर सेंटर जाने लगी पर एक माह बाद ऑफिस से छुट्टी मिलना बंद हो गई तो सितम्बर 2012  से सुबह साढ़े 9 बजे से साढ़े 10 बजे जाने लगी ! एक माह तक पढ़ते पढ़ते ओक्टुबर माह में एक दिन कंप्यूटर सेंटर के मालिक सर ने सभी स्टूडेंट्स को  LCD प्रोजेक्टर में इंटरनेट सिखाने आये उस दिन सर को पहली बार देखा क्योकि सर ज्यादातर अपनी ऑफिस से नहीं निकलते थे ! सर  के पढ़ाने का, बोलने का तरीका मुझे बहुत पसंद आया तो ! सर बहुत ही बढ़िया समझाते थे बहुत ही मीठा और प्रेम पूर्वक  सभी से बाते करते थे ! सर ने उस दिन बोला ''जब भी किसी को कोई समस्या हो मुझे ऑफिस  में आकर बोल दिया करें'' बस उस दिन से मेरा सैतान/ स्वार्थी  दिमाग में  प्लान चलने लगा और मैं किसी न किसी बहाने सर की ऑफिस में घुस जाती और अपने समस्या बताती सर मेरी बात को बड़े ध्यान से सुनते और मेरी समस्या का निपटारा करते ! सर  की उम्र करीब 43-45 के आसपास होगी और सर बहुत खूबसूरत तो नहीं थे पर उनका कसरती मजबूत वदन,ऊची हाइट मुझे बहुत अच्छी लगी ! सर ज्यादातर टी सर्ट जींस पहन कर आते थे ! टी सर्ट में उनकी मजबूत भुजाएं और मजबूत कंधे देखकर मैं आकर्षित हो गई ! सर को अपने पास लैब में भी कभी कभी बुला लेती जब कुछ समझ नहीं आता ! सर से बाते करना मुझे अच्छा लगने लगा सर भी मेरी तरफ आकर्षित होने लगे ! तो मैं मन ही मन खुस  हो गई मेरा प्लान पूरा होते देख !

 

                अब मैं अपने बारे  दूँ ! मैं 30-31 वर्षीय बहुत ही खूब सूरत बंगाली महिला हूँ मध्यप्रदेश में रहती हूँ ! जून  2012 में मेरे पति का बाइक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई तो उनकी जगह मुझे  सरकारी नौकरी लग गई जिसमे कंप्यूटर आना जरुरी था इसी लिए कंप्यूटर सीखने लगी ! पति की मौत के बाद  सास ससुर के रोज रोज उलाहने सुनने को मिलता !  मेरी दो बेटी है एक 12 वर्ष की और एक 5 वर्ष की ! मेरा एक देवर जो शादी सुदा है जो मुझे बहुत चाहता है और ओ मेरे साथ शारीरिक संबध करना चाहता था पर मैंने उसका घर नहीं उजड़े ये सोचकर मैंने उसे लिफ्ट नहीं दिया तो देवर नाराज हो गया और बातचीत बंद कर दिया !  मेरा 60 साल  का बुढ्ढा ससुर मेरे ऊपर गलत नियत रखता जब मैं बाथरूम में नहाने घुसती  बाथरूम में झाकने लगता या बाथरूम से नहा निकलती तो दरवाजे के पास खड़ा मिलता !  ये बात सासु को बताया तो सासु मेरी बात मानने की जगह मुझपर ही लांछन लगाने लगी इन सभी बातों से मैं ज्यादातर उदास और दुखी रहती ! सास,ससुर,देवर,ननद सभी मेरी कड़ी  निगरानी रखते ! मोबाइल पर किसी से बात करती तो पुरे घर के कान मेरी बाते सुनते कभी मैं बात करते करते बाहर चली जाती तो सासु की डॉट सुननी पड़ती मैं बहुत परेसान हो गई सभी से इस लिए बहुत दुखी और उदास रहती मेरे लिए दुनिया नीरस सी  लगने लगी आत्म हत्या करने  का मन करता पर अपनी लड़कियों के कारण हिम्मत नहीं पड़ती ! मेरे जीवन से प्यार नाम की  भावना ख़त्म ही हो गई ! क्योकि मुझे कही से भी प्यार नहीं मिल रहा था ! मेरा जीवन एकदम से नीरस  हो चुका है ! पर14 दिसंबर 2012  को मैं कंप्यूटर सेंटर के थ्योरी वाले रूम में अकेली उदास बैठी  रो रही थी उसी समय सर आ गए और मुझे रोते हुए देख लिया तो बड़े प्यार से मेरे सिर पर हाथ घुमाते हुए रोने का कारण पूछने लगे तब मैंने उस समय कुछ नहीं बताया तो मेरा हाथ पकड़ कर उठाया और मुझे अपनी ऑफिस में ले आये और पानी पिलाया और बड़े प्यार से पूछने लगे फिर भी मैं कुछ नहीं बता रही थी बस रोये जा रही थी तब सर अपनी कुर्सी से उठे और अपनी जेब से रुमाल निकाला और मेरे पास आकर मेरे आसूं पोछने लगे और मेरे सिर के ऊपर हाथ घुमाने लगे ! मेरे पति की मौत  के बाद पहली बार कोई मर्द मेरे इतने नजदीका आया जो मुझे बहुत हि अच्छा लगा और मैं धीरे धीरे चुप हो गई  तो सर अपनी कुर्सी में बैठ गये  और फिर से रोने का कारण पूछने लगे तो मैंने सर को बिस्तर से बता दिया {मेरे पति की मौत बाद घर वाले पति पत्नी सहितनासिक जा रहे थे जिसमे मैं अकेली थी जो बिना पति के जा रही थी इसी बात मुझे दुःख था}सर को जब पता चला की मैं विडो हूँ तो सर को एक बार तो विश्वास ही नहीं हुआ कई बार पूछा तब जाकर उन्हें विश्वास हुआ तो सर बहुत दुखी हुए और बोले ''इस भरी जवानी में विडो होना बहुत ही तकलीफ वाली बात है कैसे कटती है आपकी रातें'' तब मैं कुछ नहीं बोली और दुखी हो गई तो सर ने सॉरी कहा ! और मैं कुछ ही मिनट बाद  मैं सर के केबिन से निकलकर अपने  ऑफिस चली आई ! मैं रास्ते में ही थी तभी सर का फोन आया ! सर ने पहली बार फोन किया मुझे जो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं सर से बात करते करते पास में ही ऑफिस पहुंच गई ! उस दिन  सुरु हुई तो आजतक बात बंद नहीं हुई ! सर को ऐसे प्यार के जाल में फसाया की फीस जमा करना तो दूर की बात उलटा हर महीने सर से रुपये ऐठने लगी और मैं मेरे प्लान में कामयाब हो रही थी मेरा मकसद ही था सर से रूपये ऐठना झूठे प्यार के चक्कर में ! पर  सर मेरे झूठे प्यार में पागल हो चुके थे हम दोनों के बीच खूब SMS  बाजी सुरु हो गई और हम दोनों के बीच के ये बातें मेरे देवर को पता चल गई तो देवर जल भून गया और एक दिन मुझे खूब खरी खोटी सुनाया और फरवरी 2013 में धोखे से सर को मरवाया कुछ गुंडों से इस बात पर मेरी  देवर की खूब कहा सुनी हो गई जिसमे देवर के पक्ष में पूरा परिवार हो गया मैं अकेली हो गई और फिर बही मैं मन मारकर चुप हो गई  और सर को बोल दिया की जब घर रहूँ तो फोन नहीं करें और SMS भेजे तो सर मान गए हालांकि ससुराल वालों ने सर के यहाँ कंप्यूटर सीखना बंद करवा दिया पर जब ऑफिस जाती तो सर से मौका निकाल कर जरूर बाते करती इस तरह कई माह तक निकल गया !
मेरा चेहरा लगभग ऐसा ही मिलता जुलता है

               सितम्बर 2013 में एक दिन सर ने बोला चलो कही घूम कर आते हैं तो मैंने ऑफिस से आधे दिन की छुट्टी लेकर सर के साथ शहर के पास के ही एक मंदिर में चली गई और वहाँ किसी ने देख लिया  और मेरे घर में बता दिया तो उस दिन घर में खूब झगड़े हुए ससुराल वालों ने मुझे घर छोड़कर चले जाने को कहा मैं भी गुस्से में अपनी दोनों बेटियों को लेकर अपने पापा के पास गाँव चली गई और सर से बात भी नहीं किया जब भी सर का  काट दूँ ! तब सर ने SMS किया की बात करो नहीं तो मैं जान दे दूंगा तब मैंने मजबूर होकर सारी बात जताया और बोली अब मैं मम्मी पापा के साथ गाँव  रहूगी तब सर  समझाया और बोले ''वापस आ जाओ और अलग रहो सास-ससुर से तुम्हारे माता पिता भाई भाभी ज्यादा दिन तक साथ नहीं देंगे'' ! तब सर की बात मुझे सही लगी और मैं हिम्मत करके वापस आई पापा के साथ और अपना सामान लेकर ऑफिस के पास वाली कालोनी में रूम लेकर रहने लगी,सर ने खूब मदद किया मेरी गृहस्थी का सामान टीवी,फ्रीज़,कंप्यूटर,मँहगा वाला मोबाइल, पलंग और अच्छे अच्छे गद्दा- रजाई-कम्बल आदि खरीदकर दिया सर ने करीब 35000- 40000  रूपये तक मेरे पीछे खर्च कर दिया और मैं सुख पूर्वक रहने लगी और नौकरी करने लगी बीच बीच में देवर मेरी बेटियों से मिलने का बहाना बनाकर आ जाता पर  मैं उसे ज्यादा भाव नहीं देती ! एक दिन नवम्बर 2013 में जब मैं अकेले थी घर में और नहा कर आई थी बाथरूम से और कपडे पहन रही थी तो देवर आ गया और अकेले पाकर मेरे से लिपट गया और मेरी छोटी छोटी चूचियों को दबाने लगा,होठो को किस करते हुए बिस्तर पर पटक कर मेरे साथ जबरजस्ती करने लगा तो बड़ी मुस्किल से उससे छुड़ा कर  बेलन-कड़छी से खूब मारा और पुलिस रिपोर्ट करने का   डर दिखाकर भगाया पर देवर जाते जाते खूब गाली दिया वेश्या रंडी न जाने  कितनी गन्दी गन्दी गाली बाकी और जाते जाते मेरे ऊपर थूक गया और बोला ''कीड़े पड़ेंगे तेरी चूत में'' और ऐसी बहुत से गन्दी गन्दी बाते करके चला गया ! ये सभी बातें अगले दिन मैंने सर को बताया तो  गुस्से में आगबबूला हो गए और बोले ''कल ही इसे मरवाता हूँ'' तब मैंने मना किया पर सर नहीं माने और अगले  देवर को उसके फैक्ट्री के गेट में ही कुछ लोगो से खूब मरवाया और सास ससुर को भी घर जाकर खूब धमकाया (सास ससुर देवर किराए के मकान में रहते हैं) उस दिन से देवर फिर कभी भी मेरे यहाँ नहीं आया और ससुराल वालों से हमेसा  के लिए कुट्टी हो गई ! इसी दौरान सर ने देवर को दो बार और मरवाया इसी कारण डर के मारे  फरवरी 2014 में  मेरे सास ससुर देवर शहर छोड़कर अपने गाँव चले गए देवर दूसरे शहर  नौकरी करने  लगा ! 
             
अब मैं पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गई और सुख से रहने लगी तो मेरे मन में जिस्मानी भूख जाग उठी ! जब से देवर ने मेरी छोटी छोटी चूचियों को दबाया होठो को किस किया तभी से मेरी जिस्मानी भूख फिर से जाग गई ! सर से फोन पर खूब बाते होती वाट्सअप फेस बुक में खूब चेटिंग करती, एक दिन सर से इंग्लिश फिल्म देखने की वेबसाइट पूछा तो सर ने बता दिया तो मैं रात में जब लडकिया सो जाती तो मोबाइल में गन्दी गन्दी फिल्मे सर्च करती  देखती पर टीक  से नहीं दिखाई देती तो एक दिन सर से कहा दिया  मजा नहीं आता नेट स्लो चलता है तब सर ने एक चिप में बहुत से सेक्सी सीन की फिल्मे दे दिया जिसे मैं रात में देखती और खूब उत्तेजित  हो जाती तो तकिये को चिपका कर तड़पते हुए सो जाती फिल्मे देख देख कर जिस्म की भूख और बढ़ जाती पर सर को घर बहुत कम बुलाती बदनामी के डर से ! सर भी निहायत ही सरीफ इंसान निकले  उनसे अभी तक ६०- ७० हजार तक ऐठ लिया फिर भी आज तक मुझे किस तक नहीं किया  जबकि सर  साथ कई बार दूसरे शहर  में कार से शॉपिंग तक कर लिया ! ब्लू फिल्म देखने के बाद मेरी जिस्म की भूख को शांत करने के लिए मैं दो-तीन ऊँगली एक साथ चूत में डालकर अपनी जिस्म की तपन को कम कर लेती  पर ओ मजा नहीं मिलता जो एक पुरुष के साथ सम्भोग करने में मिलता है ! ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब सर  से दिन में दो चार बार लम्बी लम्बी १०-१० मिनट तक बात न हो जाए पर सर ने अचानक बात करना बंद कर दिया तो 7 दिन बात नहीं किया तब मैंने फोन उस  दिन सर से बात किया तो लगा की सर अब मेरे से दूर होना चाहते है सर ने वाट्सअप में भी मैसेज भेजना बंद कर दिया था ! उनकी शिकायत थी की इतना प्यार करने के बाद भी तुम्हे हासिल नहीं कर  पाया, गले नहीं लगाया, किस तक नहीं किया ! मैं समझ गई सोने का अंडा देने वाली मुर्गी हाथ से निकल जाएगी और अभी तो मुझे सर के यहाँ से ग्रेजुएसन और पोस्ट ग्रेजुएसन करना है ये सब सोच कर की मेरा प्लान फेल हो जाएगा तब मैंने सोच  लिया की अब सर को अपना सेक्सी वदन का  मजा चखा  दूँ और मैं भी अपनी काम ज्वाला को बुझा लूँ ! 
            
            दिसंबर 2014  के ठंढी का महीना था एक दिन सुबह सुबह साढ़े 7  बजे जब मेरी बड़ी बेटी स्कूल चली गई तब मैंने सर को फोन करके घर बुलाया तो सर काम पूछने लगे तो कह दिया ''तबियत ठीक नहीं'' तब सर ने कहा ''आता हूँ पांच मिनट में '' इतना सुन कर दरवाजे में पर्दा लगाकर  पीछे के कमरे में बिस्तर पर रजाई ओढ़ कर अपनी छोटी बेटी के  पास लेट गई ! मुस्किल से 4 मिनट बाद सर कमरे के अंदर आ गए और सीधे मेरे पास आये और सिर पर हाथ रखकर टटोलने लगे और बोले ''बुखार तो नहीं है'' तब मैं बोली ''अंदर से बुखार है और सिर भी दर्द कर रहा है '' तब सर ने मेरे पहली बार मेरे गाल पर हाथ रखा और गालों को सहलाने लगे तो मैंने सर का हाथ पकड़ लिया और हाथ के पंजे को चुम लिया तब सर झुककर मेरे दोनों गालों को पहली बार चूमते हुए बोले ''चलो उठो डाक्टर को दिखा दूँ'' तब मैंने मना कर दिया और बोली ''टीक हो जाउंगी रहने दीजिये'' तब भी सर नहीं माने, मेरे ऊपर से रजाई को हटाकर अलग कर दिया और मेरा हाथ पकड़ कर उठाने लगे तब मैं उठकर खड़ी हो गई ! मैं सिर्फ एक पतली सी पारदर्शी गाउन पहन कर रखी थी,(अंदर ब्रा और पेंटी भी नहीं थी) खड़ी होते ही मेरे शरीर का एक एक अंग  साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था, सर मुझे इस हालत में देखकर अपने आपको रोक नहीं पाये और मुझसे लिपट गए और ताबड़तोड़ किस करने लगे गाउन के ऊपर से मेरी छोटी छोटी किन्तु बिना लटकी हुई टाइट चूचियों को सहलाने लगे, मेरी चुचिओं की निप्पल टाइट पड़ गई मैं भी सर के कंधे में हाथ रखकर एकदम से लिपट गई और सर को चूमने लगी इतने में सर झुककर गाउन के गले से नीचे किया और मेरी चूची को चूसने लगे और फिर अचानक मुझे गोद में उठा लिए और आगे के रूम में ले आये और बिस्तर पर लिटा दिए और मेरी गाउन को कमर तक खिसकाया और चूत को चाटने लगे मैं गर्म आग पड़ गई और सर के सिर पर हाथ घुमाने लगी ! पर इतने में किसी के क़दमों की आहट सुनाई दिया तो मैं हड़बड़ा कर बैठ गई और सर को जल्दी से पीछे के कमरे में जाने का इसारा किया तो सर जल्दी से पीछे कमरे में किनारे खड़े होकर छिप गए ! इतने में मकान मालिक की 15  वर्ष की गुड़िया आई और दीदी करने लगी तो मैं पर्दा खोलकर बोली '' क्या हुआ आरती'' तो गुड़िया दीदी थोड़ा सा अदरक हो तो दे दो तब मैं किचेन (पीछे के कमरे में ही किचेन ही है ) से गई और अदरक लाकर दे दिया ओ चली गई तो मैं फिर से पीछे के कमरे में गई  फिर से लिपट गए और चूमने लगे मैंने भी सर को लिपटा लिया और चूमने लगी तो सर ने बिस्तर में लेटने का इसारा किया तो मैंने मना कर दिया और धीरे से बोली ''सोनी (मेरी छोटी बेटी) उठ जाएगी'' और फिर सर को बोला आप जाइए तो सर जाने  तैयार नहीं हुए तब मैंने मेरा ATM कार्ड निकाला और सर को दिया और पासवर्ड बताया और दो हजार रूपये निकालकर लाने को कहा तो सर ने कार्ड लिया और चले गए,  सर के जाने के बाद मैं इतना अधिक उत्तेजित हो गई की लगा की सर को बुला लूँ और खूब चुदावाऊ फिर अपने आपको कंट्रोल किया और चाय बनाने लगी   मुस्किल से 10 मिनट  में सर  आ गए और रुपया दिया और फिर से किस किया और चाय दिया तो सर बोले '' लाओ एक ही कप में पी लेते है चाय'' तब मैं  और सर एक ही कप में चाय पिए ! चाय पीने के बाद सर फिर से किस करने लगे तब मैं बोली  ''अब जाइए आसपास सभी उठ गए है'' तब ओ नेक इंसान सर चले गए ! तो 10 मिनट बाद मैंने फोन किया सर को और मादक आवाज में पूछी '' कैसी लगी'' तो सर पहले समझ नहीं पाये जब समझे तो खूब तारीफ़ किया मेरी बोले ''तुम्हारे शरीर से एक मादक सी खुसबू आती है,'' फिर सर बोलने लगे '' तुम्हारी चूत तक से खुसबू आती है'' तब मैं बोली '' चुप रहिये इतनी बेसर्मी अच्छी नहीं लगती'' तब भी सर चुप नहीं हुए  और फिर बोले '' तुम्हारी चूत तो

मीठी मीठी लगती है जैसी लाली पाप '' तो मैं हस दी और बोली ''चुप बेसरम कही के'' तब सर जोर जोर से हँसने लगे तो मैं भी अपनी हँसी रोक नहीं पाई और जोर जोर से हँसाने लगी ! फिर मैंने सर से पूछी '' आप रात में कितने बजे तक बाहर रहते हैं'' तब सर ने अपना बाहर रहने  का समय बताया और पूछने लगे ये क्यों पूछ रही हो तब मैंने सरमा  कर मना कर दिया तो सर बार बार

अपनी कसम देकर पूछने लगे  तब मैंने सर से कांपती हुई मदहोस करने वाली आवाज में बोली ''आप रात में बारह-एक बजे एकात घंटे लिए आ सकते है'' (ये बात करते मेरा पूरा शरीर काम - ज्वाला से धधक रहा था मैं तकिये से अपनी दोनों चूचियों को दबा कर रखी थी ऐसा लग रहा था सर  बुलाऊँ और अपने जिस्म को खूब रोदवाउ) तो सर बोले '' हां आ जाऊंगा'' फिर सर बोले ''चलो कही बाहर चलते है पास के किसी दूसरे शहर में  भर किसी होटल में रहते है'' तब मैं बोली ''ये तो नही होगा'' फिर सर ने बोला ''ठीक है रात में जाता हूँ पर बार बार रात में  घर से बाहर रहुगा तो पत्नी को संदेह होगा'' तब मैं बोली '' वैसे सुबह सुबह भी मिल सकती हूँ क्योकि बड़ी बिटिया 7 बजे स्कूल चली जाती है और छोटी वाली सोती रहती है'' सर बोले ''टीक है जब बोलोगी तब सुबह सुबह आ जाया करूंगा'' इस तरह और बहुत बातें  किया ! इस बात के अगले दिन मैं गाँव चली गई और जब तक लौट कर आई दिसंबर माह निकल गया ! 

मेरे शरीर का एक एक अंग इसी तरह से चिकना और खूबसूरत है

              रात में घर आने वाली बात जब से हुई तब से सर कई बार आने के  लिए कह चुके पर मैं डर  मैं डर के कारण हिम्मत नहीं पड़ रही थी पर सर पीछे पड़ गए तो हिम्मत करके जनवरी 2015  के दूसरे सप्ताह के सातवें दिन आने को कह दिया ! मैंने कह तो दिया आने के लिए पर मन ही मन डर भी रही थी क्योकि कही बड़ी बेटी जाग  रात में या मकान मालिक न जाग जाए फिर भी हिम्मत कर लिया और सर आने के पहले ही दिन में  कनफर्म किया  तो मैंने आनाकानी किया आने के लिए तो सर नाराज पड़ गए तो फिर से हां कह दिया ! मैं मन ही मन डरते हुए सर के आने का इन्तजार करने लगी ! रात के 11 बजे सर ने फोन किया और बोले ''मैं आ गया हूँ और अपने इंस्टीटूट पर सीढ़ी के नीचे बैठा
मेरा जिस्म १००% ऐसा है
हूँ कब तक आ जाऊ'' तब मैं बोली ''अभी तो छोटी वाली  रही है जब ये सो जाएगी तब मिस काल दे दूंगी'' और फिर रात के 12 बजे सर को मिसकाल दिया और मकान का मुख्य गेट और अपने कमरे का दरवाजा ही खोल रखी थी  सर दबे पाँव बिना आवाज किये चुपचाप करीब 12:7 बजे  आ गए और आते ही धीरे से दरवाजा को लगा लिए मैं आगे के कमरे वाले बेड पर एक कम्बल ओढ़ कर लेटी हुई थी ! सर आते ही जूते उतारा और मेरे पास कम्बल ओढ़कर लेट गए और ताबड़तोड़ मुझे किस करने लगे,मेरी चूचियों को गालो को हलके हलके हाथ से सहलाने लगे और फिर मुझे अपनी तरफ खीचकर सीने से लगा लिया और धीरे से मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और चूमने लगे मुझे और फिर मुझे अपने ऊपर सिर की तरफ खिसकाया और गाउन के गले से चुचियो को चूसने लगे धीरे-धीरे ठंढी में भी गर्मी का अहसास होने लगा मैं  चूमने लगी तो सर ने मेरे होठो को चूसना सुरु  कर दिया मेरी जीभ को चाटने लगे जीभ चाटते ही मेरी उत्तेजना बढ़ गई  सर की जीभ को लालीपाप की तरह चाटने लगी अचानक सर ने मुझे
दो साल से नहीं चुदवाने के कारण 
मेरी चूत का छेद एकदम से सकरा हो गया है
नीचे गिराते हुए मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरी गाउन को उतारने का इसारा किया तो मैंने मना कर दिया बच्चो हवाला देकर तब सर ने मेरी गाउन को कमर तक खिसकाया और पेंटी को निकाल दिया और मेरी चूत को चाटने के लिए झुके तो मैंने मना कर दिया क्योकि माहवारी हुए अभी 4 दिन ही हुए है तब  सर नहीं माने  टांगों को फैलाकर अपनी उँगलियों से चूत  को फैलाया और देखने के बाद बोले ''कही भी तो खून नहीं दिख रहा है'' और फिर मना करने के बाद ही चूत में जीभ लगा कर चाटना सुरु कर दिया ! चूत चटवाना मुझे बहुत अच्छा लगता है, एक सहेली बता रही थी की जो मर्द सच्चा प्यार करता है वही औरत की चूत चाटता है, मुझे अब पूरा विश्वास हो गया की सर सच्चा प्यार करते हैं इन्हे आसानी से लुटती रहूगी ! आज पहली बार कोई मर्द मेरी चूत  चाट रहा है ! मेरे पति तो चूत चाटने से घिनाते थे ! उनको चुदाई-फुदाई में ज्यादा इंट्रेस्ट भी  नहीं था ! कभी कभी तो मैं गर्म पड़ जाती थी चुदवाने  पर मेरे मरियल
मेरे पति शरीर से बहुत कमजोर थे चुदाई में कभी कभी ही संतुष्ट कर पाते थे ! 
पति समझ ही नही पाते थे ! गर्मियों में कई बार तो मैं अपनी चूचियों को ब्लाउज से बाहर निकालकर सो  जाती थी की विनोद (मेरे पति का नाम था) रात में चूचियों को देखकर हो सकता है उत्तेजित हो जाए और चोदना सुरु कर दें पर ओ मरियल सराबी महीने में  एकात दो बार ही चोदते थे, विनोद सराब,गुटखा,और सिगरेट बहुत पीते थे उनके मुह से हमेसा किसी न किसी नसे  दुर्गन्ध आती रहती थी ! सायद इसीलिये मैं पति की चुदाई से कभी संतुष्ट नहीं हुई इसी कारन उनके मरने के बाद मैं उनके लिए ज्यादा दुखी नहीं हुई ! पर ये विनोद से एकदम से अलग है सर कोई भी नसा नहीं करते है ! छोड़िये पति को,सर की बेहतरीन चुदाई को बताती हूँ !  

चूत में लण्ड खूब टाइट लगा मुझे !  दर्द के मारे मैं कराह उठी पर अच्छा  भी खूब लग  रहा था क्योकि पहली बार इतने तगड़े लण्ड का स्वाद जो मिलने वाला था मजा आ गया चुदाने में 
चूत चटवाते चटवाते मैं चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई, और सर को अपनी तरफ पकड़ कर खीचने लगी तो ओ समझ गए और अपनी पेंट सर्ट - बनियान -चढ्ढी उतार कर बगल में रखी कुर्शी पर रख दिया और एकदम से नंगे होकर अपने दोनों हाथों के मेरी बाहों के पास रखा और मेरे ऊपर चढ़ गए  के व्  डॉटेड वाला कोहिनूर कंडोम मेरे हाथ में रख दिया ! सर जैसे ही अपनी  चढ्ढी  को उतारा तो उनका लण्ड दिखा OMG सर का लण्ड अच्छा खासा लंबा व् खूब मोटा था (मेरे मरियल पति के लण्ड से कही ज्यादा मोटा और लंबा)  मैं मोटे लम्बे लण्ड की चुदाई के सपने  में खो गई ! सर मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी चूचियों की निप्पल को अंगूर की तरह जीभ से चाटने लगे तो मैं फिर से सर की तरफ देखने लगी इतने में सर ने मेरे होठो को चूमते चूमते अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दिया तो मैं उनकी जीभ को चूसने लगी उधर सर के हाँथ की उंगलियाँ  मेरी चूत पर घूमने तो मेरे मुह से उउउउउउ आआअहहहहह आअह्ह आअह्ह सीई स्स्स्स स्स्स्स की उउउउउ आआअहहहहह आअह्ह आअह्ह सीई स्स
चूत में लण्ड घुसते ही मुझे दर्द हुआ पर चुदाई में इतना मजा पहली बार मिला 
की आवाज निकलने लगी और मुझे खूब अच्छा लगने लगा तो मैंने सर को पकड़ कर जोर से चिपका लिया इतने में सर ने अपना मोटा सा लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत में फसा दिया जैसे ही लण्ड का  सुपाड़ा घुसा मुझे दर्द हुआ तो सर मेरे गालों पर हाथ घुमाते हुए बोले ''दर्द हो रहा है जानू'' (सर प्यार से मुझे जानू कहते हैं) ता मैंने अपने सिर को
हिला दिया तब सर मेरे होठ को चूमते चूमते मेरी जीभ को चूसने लगे  और मैं  दर्द भूल गई और सर की जीभ को चूसने लगी ! उधर सर धीरे धीर लण्ड  आगे पीछे करने लगे और पूरा लण्ड मेरी चिकनी, नर्म, मुलायम, सकरी चूत में धीरे धीरे डाल दिया और फिर मुझे किस करते हुए लण्ड को आगे पीछे करने लगे जो मुझे खूब अच्छा लगने लगा सारा दर्द गायब हो गया और मैं मजे से चुदाने लगी की अचानक मुझे याद आया की कंडोम तो लगाया नहीं तब मैंने तकिया  के पास से कंडोम निकाला और पैकेट से फाड़ कर सर की तरफ कंडोम बढ़ाया तो सर ने अपना लण्ड निकाला और मेरे सामने कर दिया ! ओह क्या लाल सुर्ख कड़क  लण्ड था ऐसा लग रहा था जैसे सुपाड़े से खून टपक पड़ेगा  ! सर ने कंडोम को लगाने का इसारा किया तो मैं लण्ड  पर बड़ी आसानी से कंडोम चढ़ा दिया (पति के लण्ड पर कंडोम लगाने बहुत दिक्कत आती थी क्योकि उनका लण्ड इतना कड़क होता ही नहीं था) जैसे ही कंडोम लगाया सर ने फिर से लण्ड घुसेड़ दिया और और चोदने लगे लगातार 5 मिनट तक लण्ड आगे  पीछे करते रहे मैं स्वर्ग की सैर करने लगी की सर ने अचानक चोदना बंद कर लण्ड डाले डाले  ऊपर अपना पूरा वजन डाल कर मेरे ऊपर लेट गए  चूमने लगे सर का 80 किलो वजन उस समय मुझे बहुत कम लगा पर चुदाई बंद करने से मैं तड़प उठी और अपने चूतड़ों को ऊपर-नीचे अगला बगल हिलाने लगी और तड़पने लगे पर सर चोदना सुरु नहीं किया तो मैं उठी और सर को नीचे गिराते हुए उनके ऊपर चढ़ गई और खड़े लण्ड पर मलखम्ब करने लगी तो मेरी छोटी छोटी चूचियाँ ऊपर नीचे कूदने लगी तो सर आधा शरीर को उठाते हुए मेरी चूचियों को पीने लगे तो मुझे अधिक मजा आने लगा मैं जितनी जल्दी जल्दी लण्ड पर अपने चूतड़ को पटकती सर उतनी ही जल्दी जल्दी मेरी चूचियों को चूसते जाते मुस्किल से 4 मिनट में ही मैं थक गई और सर के सीने में अपना सिर रखकर लेट गई और ऊपर लेटे लेटे ही अपनी चूतड़ को लण्ड पर घिसने लगी तो सर जल्दी से मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर चढ़ गए अपना बाया हाथ मेरे गले के नीचे डाला और दाया हाथ कमर के नीचे किया और ताकत  कर जोर जोर से धक्के मारने लगे मैं चरम सुख का अनुभव करने लगी तो  मुह से उउउउउउ  आआआअ  अआआहहहहहह आआअह आआह्ह्ह्ह सीए ईईईई उउउउउउउउउउउ आआआआआआ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह्ह आअह्ह आआअहहहहह की जोरजोर से आवाज निकलने लगी सर ने मेरे मुह में अपना मुह रख दिया और मेरी जीभ को चूसते हुए जोर से झटके मारने लगे तो कमरे में फटफट की आवाज आने लगी तो मैंने सर के चूतड़ पर हाथ रखी और आवाज को कम करने के लिए स्पीड को कम करने लगी तो सर समझ गए और बिना आवाज किये झटके मारने लगे  और  फिर मैं अचानक झर गई तभी भी सर लगातार झटके मारे जा रहे थे ! सर की गरदन की पकड़ से मेरी गर्दन दर्द करने लगी तो मैंने सर का हाथ निकालने लगी  ने अपना हाथ निकालालिया और जोर जोर से झटके मारते रहे तीन मिनट बाद सर ने पूरी ताकत के साथ लण्ड को जोर से गर्भासय की तरफ ठेला और मेरे ऊपर लेट गए उस समय ऐसा लगा जैसे मेरी चूत फट गई हो जोर दर्द हुआ पर  भी भैस की तरह लण्ड को ठेले हुए थे  मुझे जोर जोर से किस किये जा रहे थे तब मैंने धीरे से बोली ''अब बस भी करिये'' तब सर ने लण्ड ठेलना बंद किया और मेरे ऊपर 3 मिनट तक लेटे रहे उनका लण्ड मेरी चूत के अंदर बार बार हलके हलके फुदक रहा था ! तब मैं बोली ''अब उठिए भी '' तब ओ बगल में लेट गए और उनका लण्ड चूत से बाहर आ गया ! हम दोनों की ठंढी ख़त्म  थी फिर भी मैं सरम के मारे रजाई ओढ़ लिया उढा लिया और दोनों चिपक कर लेटे रहे करीब 5 मिनट बाद मैं उठी और ब्रा -पेंटी पहनने लगी तो सर ने दोनों अपने हाथ से छीन लिया और गाउन को आगे कर दिया तो उनके कान में धीरे से बोली ''पहनने दीजिये न'' तो धीरे से बोले ''सिर्फ गाउन पहन लो, नहीं तो बार बार उतारना पडेगा'' तब मैं उनकी तरफ आस्चर्य से देखते हुए बोली '' अभी और करेंगे क्या'' तो उन्होंने हां में गर्दन हिला दिया ! मैं मन ही मन सोचने लगी मेरे पति तो  कभी भी एक रात में दो बार नहीं किया सुहागरात में भी रात के एक ही बार किया था ओ भी जल्दी ही टॉय टॉय फिस्स हो गए थे उसके बाद सर्म के मारे एक सप्ताह तक आये ही नहीं थे मेरे पास ! मैं गाउन पहन कर लड़कियों के रूम में गई तो दोनों गहरी नींद में सो रही थी तब मैं  वापस आ गई तो देखी की वीर्य से आधा  भरा हुआ कंडोम फर्स पर पड़ा था मैं फिर मन ही मन सोचने लगी पतिदेव के कंडोम में तो वीर्य की १०-१५ बुँदे ही रहती थी मैं समझ गई सर में इसी लिए इतना दम है ! रूम से बाहर वाथर्रूम चली गई वापस आई तो सर बोले मुझे भी जाना है और कपडे पहने हुए दरवाजे  के पास जाने लगे तो मैंने हाथ पकड़ कर खीच लिया और बोली ''पागल हो गए क्या,कोई देख लेगा'' तो ओ बोले '' बाहर चला जाता हूँ रेलवे ट्रेक के पास'' तब मैं  बोली ''आप बाहर जाना तो वापस मत आना''  तो ओ बोले ''फिर क्या करूँ मुझे बहुत जोर से पेसाब लगी है'' मैं मन ही मन गुस्सा तो बहुत हुई लगा की कह दूँ चले जाओ अब पर मस्त चुदाई की लालच में अपने  को रोक लिया और बोली ''रुकिए आपकी ब्यवस्था करती हूँ'' और दूसरे कमरे में जाकर एक खाली एशियन पेंट का 2 लीटर डिब्बा लाइ और दे दिया और बोली ''लीजिये इसमें कर लीजिये'' तो हँसने लगे डिब्बा हाथ से ले लिया और मूतने लगे आधा से थोड़ा कम डिब्बा भर दिया ! घड़ी में देखा तो रात के 1 बज  गए थे दोनों फिर से लेट गए और धीरे धीरे बात करने लगे बात करते करते मैं कब सो गई पता ही नहीं चला ! रात में ऐसा लगा जैसे कोई मेरी चूचियों को चूस रहा है नींद खुली तो सर होठो को चुम रहे है पर मैं गहरी नींद में थी तो हाथ से सर के मुह को ठेल कर अलग कर दिया  फिर से चूमने लगे मेरी नींद खुल गई  ............................इस  तरह से रात में तीन बार मेरी तबियत से चुदाई किया और सुबह सुबह 6 बजे घर से चले गए ! पर मेरे कमरे से निकलते हुए मकान मालिक के 26 साल के लड़के ने देख लिया और उस दिन से उसने मुझे लाइन मारना सुरु कर दिया तो मैंने  माकान छोड़कर उसी कालोनी में दूसरे मकान में रहने चली गई इस मकान में तो दिन में भी दो बार (फरवरी २०१५ में) चुदवा चुकी हूँ !
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आज मन बहुत उदास था ! सर से चुदवाये हुए 3 माह से ज्यादा  हो गए ! भाई साथ में रहने लगा इस कारण मौका ही नहीं लगता सर को घर बुलाने का ! पर भाई अभी गाँव गया है और बच्चियों की स्कूल भी खुल गई ! चुदाने  तीब्र इच्छा पड़ रही है ! जिस्म में बार बार अकड़न उठ रही थी ! आज (१७/६/२०१५) रात भर नींद आई बार बार चुदवाने की इच्छा पड़ रही थी ! [सर तो हमेसा कहते थे  कहीं बाहर चलते है पर मैं बहुत डरपोक किस्म की हूँ की हूँ गई नहीं] सुबह सुबह :30 पर  सर को फोन किया और करीब 10 मिनट बातें किया बात बात में सर को बता दिया की भाई गाँव गया है तो सर बोले जाऊं क्या तब मैंने थोड़ा बहुत नखरे करने  हाँ कर दिया और बोली पैदल ही आना ! सर 8 बजकर 35 मिनट पर आ गए, आते ही जूता सहित कमरे में घुस गए और मैंने दरवाजा लगा दिया परदे को बाहर निकालकर ! जैसे ही सर अंदर घुसे मुझे पकड़कर खीच लिया और अपने चौड़े सीने से चिपका लिया और किस करने लगे, मैं भी प्यासे पपीहे की तरह सर के होठो को चूमने लगी ! ओ मेरी चूचियों को हलके हलके दबाने लगे तो मैं उनके लण्ड को पेंट के ऊपर से टटोलने लगी मैं बहुत उत्तेजित हो गई और जोर जोर से उनके होठो को चूमने लगी इतने में ओ मुझे गोद में उठकर बिस्तर में लिटा दिया और मेरी गाउन को जाँघों की तरफ से उठाने लगे तो मैंने उन्हें कपडे उतारने के लिए इसारा किया तो ओ जल्दी से सभी कपडे उतार दिए, मैंने भी अपनी गाउन उतार कर रख दिया और दोनों ऐसे लिपट गए
इस बार चुदाई की सुरुआत कुछ इस तरह से किया
जैसे साँप सम्भोग करते समय लिपट जाते है ! करीब 3 मिनट तक एक दूसरे से लिपटे लिपटे ही प्यार करते रहे सर मेरी छोटी छोटी चूचियों को इतने जोर से चूसते कि पूरी पूरी चूची उनके मुह के अंदर चली जाती मैंने भी उनके गालों को,गले को चूस चूस कर लाल कर दिया ! कुछ मिनट बाद सर उठे और मेरी टांगो को फैलाने लगे तो मैंने मना कर दिया क्योकि तबियत खराब होने से अभी तक माहवारी बंद नहीं हुई ! तो ओ थोड़ा निरास हुए और चूत को फैला कर देखने लगे तो बोले ''हां यार खून तो निकल रहा है, बिना कंडोम लगाए कर लूँ क्या'' तो मैंने हां में सिर हिला दिया तब उन्होंने मुझे दाए करवट में पीठ की तरफ से लिटा दिया और मेरी एक टांग को अपने कमर में रख लिया और अपना तगड़ा लण्ड बड़ी असानी से मेरी चूत में डाल दिया और धीरे धीरे मेरी चूत को चोदने लगे और बीच बीच में मेरी चूची को मसल देते झुककर मेरे होठो को गालो को किस भी करते मैंने भी मसखरी करते करते उनके सीने के बाल पर अपनी उगँलिया घुमाती और उनकी चूची के निसान को दबा देती तो उन्हें और जोस चढ़ने लगता तो पूरी ताकत लगाकर लण्ड को अंदर की तरफ ठेलते तो उनके आँडूए मेरी चूत से टकराते तो  मुझे बहुत अच्छा लगता  इस तरह से लगातार ५-७ मिनट तक चोदते रहे,मेरी चूत से माहवारी का खून बह कर मेरे चूतड़ में लगा रहा पर अब धीरे धीरे मैं चुदाई की चरम सुख का मजा लेने लगी,जितना ज्यादा खून रिस्ता उतना ही अधिक मजा आता पर असली मजा तब आता है जब मर्द पूरा बजन शरीर में डालकर चोदे ये सोच कर मैंने उन्हें
सर ने इस तरह से लगातार 8 मिनट तक चोदते रहे और दोनों एक साथ स्खलित हो गए
अपने हाथ से पकड़ कर अपने ऊपर खीचने लगी तो ओ समझ गए और मुझे पीठ की तरफ से लिटा दिया और लण्ड पेलते हुए मेरे पुरे शरीर को अपने भारी भरकम शरीर से दबा कर लण्ड के ठोकरों की बौछार कर दिया फट फट फट फट की आवाज आने लगी तो मैंने इसरा किया और धीरे से बोली ''ज़रा धीरे धीरे'' तो ओ धीरे धीरे लण्ड  के झटके मारने लगे मैंने अपनी दोनों टांगो को उनकी जांघो पर रख लिया और अपने दोनोंहाँथ को उनकी कमर में रखकर चुदाई के चरम सुख लेने लगी उनके एक एक झटके में स्वर्ग की सैर करने लगी उनका भारी भरकम शरीर भी फूल की तरह लग रहा था मेरे मुहं से उउउउउ आहाह आहाह स्ससीईसीए सीएई की आवाज निकलने लगी तो उन्होंने अपना होठ मेरे तपते होठ पर रख दिया और चूसने लगे जैसे जैसे चुदाई  चरम सुख मिलने लगा वैसे वैसे मैंने उनकी जीभ को चूसने लगी और अपने हाथो को उनकी पीठ रखकर अपनी मर्ज़ी  के  अनुसार झटके मरवाने में सहयोग करने लगी सर जोर जोर झटके मारने लगे और लगातार ५ -७ मिनट खाने   के बाद दोनोंएक साथ झर गए ओ लण्ड पेले हुए मेरेऊपर पड़े रहे खून बहता रहता चूत से फिर उन्हें उठाया तो उन्होंने अपना लण्ड बाहर किया  पूरा लण्ड लहू से लाल पड़ गया था और बेड में भी खून फ़ैल गया था मैं उठी तो मेरी जांघोमें खून बहने  लगा तो मैंने नंगी ही बाथरूम में घुस गई ओ भी मेरे पीछे पीछे बाथरूम में  और अपने लण्ड  धोने लगे अभी भी उनका लण्ड टाइट था जबकि मेरे पति का लण्ड निकलने के तुरंत बाद सुसुक कर छोटा पड़ जाता था दोनों बाहर आये और जल्दी जल्दी कपडे पहने मैंने जल्दी से जाकर दरवाजा खोल दी और भी अपने कपडे पहन कर कंप्यूटर के पास बैठ गए इतने में आंटी जी (मकान मालकिन) आई किसी काम से , आंटी की आवाज सुनते सर ने कंप्यूटर का CPU खोलकर जमीन पर

बैठकर कुछ करने लगे तो आंटी बोली ''कंप्यूटर खराब हो गया क्या'' तब मैं बोली ''हां'' आंटी जी बोली ''मेरा भी कंप्यूटर बंद है देख लेगे क्या'' तो सर आंटी की तरफ देखकर बोले '' हां देख लूंगा'' फिर आंटी जी चली गई तो मैंने सर को कॉफी पिलाया और बोली ''आंटी का कंप्यूटर भी सुधार दीजिये'' तो सर को लेकर आंटी के कमरे में ऊपर की मंजिल  गई , सर ने १० मिनट में उनका कंप्यूटर सुधार दिया ओट दोनों नीचे आ गए तो सर टाइम देखने  दीवाल घडी की तरफ देखा  दिखी तो बोले '' घड़ी कहाँ गई'' तब मैंने बताया की टूट गई  बोले मैं नई घड़ी दे दूंगा आज और फिर मुझे चुम कर चले गए और फिर ११ बजे जब मैं ऑफिस  निकली तो रास्ते में एक घड़ी लेकर दिया जिसे मैंने ऑफिस में देखी तो बड़ी सेपेंडुलम  दीवार घडी जो हर घंटे बजती है थी जिसकी कीमत ११०० रूपये थी ! मैं सर  खुस हो गई ! और अगली चुदाई  का प्लान बनाने लगी  ……