मैं शालिनी ठाकुर बनारस की एक परिवार के उच्च शिक्षित लड़की हु मेरी शादी MP के उच्च कुलीन ठाकुर परिवार में हुआ है । मेरे पति एक बड़े शहर में एक कम्पनी में ''सेल्स एण्ड परचेज मैनेजर'' के पद पर काम करते है । मैं स्वेम SBI बैंक में हु । मैं आधुनिक खयालातों की महिला हु । मेरी उम्र इस समय 40 साल की है पर मैं आज भी बहुत सुन्दर सेक्सी छरहरी वदन की 35-36 साल की लगती हु । मैं आज भी ट्रेक सूट/सलवार सूट पहन कर सुबह सुबह अँधेरे में मॉर्निंग वाक् को जाती हु और कुछ किलोमीटर दौड़ भी लगाती हु इस लिए मेरा जिस्म आज भी मोटा नहीं हुआ मैं आज भी छरहरे वदन की कामसिन हसीना लगती हु इस लिए बैंक के नए नए लड़के भी मेरे को घूरते रहते है मेरे एक इसारे पर बैंक का कोई भी पुरुस मेरा कहना नहीं टालते । कुदरत ने मुझे मस्त बड़ी बड़ी चुचियो से नवाजा है ठाकुर परिवार से हु तो गरम मसाला ,घी दूध मटन,मच्छी खूब खाती हु लहसुन प्याज
बिना सब्जी में मजा ही है इस लिए जिस्म में आज भी सम्भोग की बहुत तड़प रहती है इस उम्र में भी सप्ताह में दो-तीन दिन तो पति से चुदवा ही लेती हु पर मेरे पति महीने ने 15 दिन टूर पर ही रहते है और ओ जब टूर पर जाते है और लौट कर आते है तो एक सप्ताह टच नहीं करते । मुझे पता है ओ बड़े बड़े होटलों में रुकते है और बड़ी बड़ी कम्पनिया अपना ठेका करवाने के लिए रण्डियाँ भी देते है ये रंडियो की चूत चाट कर आते है इस लिए इनका मन नहीं पड़ता जब आगे होकर कहु ,कभी कभी तो मना कर देते है और काम की ज्वाला हुए सो जाती हु ऐसा लगता है मैं भी कोई कड़ियल छोरा तलास कर लू और अपनी जिस्म की आग को बुझाऊ पर बदनामी के भय से ऐसा नहीं कर पाती ।
चलो अब मेरे परिवार के बारे में कुछ बता दू मुझे दो लड़के है और दोनों ही बाहर रहकर पढ़ाई करते है । घर में इनके [पति] छोटे भाई की 10 साल की एक लड़की तमन्ना को रख रखी हु जो अभी पांचवी क्लास में पढ़ रही है । अकेला पन दूर करने के लिए तमन्ना को अपने पास रखी हु,जब पतिदेव टूर पर रहते है तो तमन्ना और मैं घर पर रहती हु ।
जब पति घर नहीं रहते है उस समय बोरियत को दूर करने के लिए मैं सोसल साइटों में अपने आप को ब्यस्त रखती हु फेसबुक,वॉटसअप में कई पुरुष मित्र है जिनसे सेक्स चेट करके समय पास कर लेती हु और जब पतिदेव टूर से घर आते है तो रात में दिन में जब भी मौका मिला भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ती हु उनके ऊपर और तबियत से चुदवाती हु । फेसबुक में बहुत से पिक डाल रखी है और मेरे जेठ जी [पति के सेज बड़े भाई को जेठ जी कहती हु ] भी फेसबुक में जुड़े हुए है ओ भी इनबॉक्स और वॉट्सऐप में मेरी खूब तारीफ करते रहते है चोरी छिपे बदले में मैं उन्हें सुक्रिया कहती हु और जेठ जी से खूब बाते भी करती हु फोन पर और चेट भी करती हु पर जेठ जी जब सामने रहते हैं तो पर्दा करती हु ज्यादातर उनके सामने घुघट में ही निकलती हु,बता दू की जेठ जी सेन्ट्रल गवर्मेंट की जब में है । जेठ जी इनसे एक साल के बड़े है पर इनसे भी ज्यादा हट्टे-कट्टे मजबूत लगते है जेठ जी की उचाई भी इनसे अधिक है । मैं एक दो बार जेठ जी से चुदाई की कल्पना भी कर चुकी हु उनके मजबूत और सुडौल वदन को देखकर । सच कहु तो मैं बहुत ही सेक्सी और लण्डखोर ओरत हु पर समाज के बंधनो के कारण बंधी हुई रहती हु यदि मैं इंग्लैंड अमेरिका में होती तो अभी तक कई मर्दो चुदवा चुकी होती क्योकि मेरी प्यास आज भी मेरे पति नहीं बुझा पाते है जहा भी कड़लियाल जवान मर्द देखती हु चुदाई की कल्पना करने लगती हु । एक बार तो देवर ने मेरी चूची को दबा दिया था तब मैंने उसे बहुत डराया था तब से उसने मेरी तरफ देखना तक बंद कर दिया । मैं बाद पछताई की देवर को नहीं डराती तो अभी तक देवर लण्ड की ठोकरे खा चुकी होती ।
मई की बात है मेरे जेठ जो को ''अजमेर बोर्ड '' में कोई काम था ओ मेरे घर आये उस समय मेरे पति टूर पर एक सप्ताह के लिए बाहर गए
हुए थे जब जेठ जी अचानक आये उस समय सुबह के 9 बज रहे थे तमन्ना स्कूल चली गई थी मैं घर अकेली नाइट सूट में में थी बेल बजी तो मैं दरवाजा खोलने गई तो सामने जेठ जी को देखकर सर्मा गई और लौटने लगी दुपट्टा लेने के लिए तो जेठ जी बोले ''अंदर नहीं आने दोगी क्या '' तो मैं कुछ नहीं बोली और लौट कर गेट खोल दिया जेठ अपलक मेरी तरफ देखते रहे गाउन में मेरी बड़ी बड़ी कसी हुई टाइट चूचियाँ साफ़ साफ़ आसमान की ओर ताकते दिखाई दे रही थी मेरी गोरी गोरी सुन्दर सेक्सी बाँहे दिख रही थी जेठ जी अंदर आये तो मैं जल्दी से निकली तो जेठ जी दांत निपोरते हुए बोले '' बहुत स्मार्ट लग रही हो'' मैं कुछ नहीं बोली और सरमकर अंदर चली गई और साड़ी पहन कर सर में पल्लू रखकर प्लेट में पानी की ग्लास और मिठाई -नमकीन लेकर आई और रखकर चलने लगी तो जेठ जी बोले ''तमन्ना कहा गई '' तो मैं बोली ''स्कूल ''तो बोले ''नीरज कहा गया'' [नीरज मेरे पति का नाम है] तब मैं बोली की '' बाहर गए हुए है'' तो बोले ''कब आएगा'' तो मैं बोली '' कल ही गए है एक सप्ताह के लिए'' इतना बोलकर मैं किचेन में चली गई और चाय बनाने लगी और कुछ देर देकर वापस आने लगी तो जेठ जी बोले ''यही बैठो न क्यों सरमा रही हो ''तो मैं जेठ जी सोफे पर बैठ गई और
बाते करने लगे जेठ जी मैं भी हां -हु जबाब देती और कुछ मिनट उठकर चली गई फिर 10 मिनट बाद आई तो जेठ जी को बोली की नहा लीजिये तो ओ नहाने चले गए और मैंने बैंक में मैनेजर को फोन कर दिया की आज नहीं आउगी । कुछ देर में जेठ जी बाथरूम से निकालकर गए तो मैंने उन्हें तेल ,कंघी,सीसा रखकर आ गई और बाथरूम में घुस गई नहाने के लिए ,बाथरूम में अपनी बड़ी बड़ी चुचियो को साबुन लगा लगा कर खूब धोई अपनी बुर को अच्छी तरह से साफ़ किया और फिर वाथरूम में टॉवेल ढूढने लगी तो याद आया की टॉवेल तो जेठ जी को दे दिया तब वाथरूम रखे कॉटन के दुपट्टे से अपने सेक्सी वदन का पानी साफ़ किया तो पूरा कपड़ा गीला हो गया पर मज़बूरी थी नंगी तो बैडरूम जा नहीं सकती [मेरा बैडरूम वाथरूम के पास ही है] इस लिए उसी गीले कपड़े से अपने वदन को जाँघो तक ढक लिया और आईने के सामने खड़ी होकर देखी तो मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ साफ़ दिख रही थी फिर भी जल्दी से बैडरूम में घुस गई और अंदर से दरवाजा लगा लिया और वदन काकपड़ा उतार कर कुर्शी में रख दिया और नंगी ही ड्रेसिंग टेबल सामने बैठकर तेल मालिस करने लगी इतने में किसी ने मुझे पीछे से पकड़ कर मेरी चुचियो को दबा दिया तब मैं हड़बड़ा कर डरते हुए पलट कर देखी तो जेठ जी सामने खड़े दात निपोर रहे थे [ बैडरूम के बगल में एक और रूम है जो मेनगेट में खुलता है उसी रूम में जेठ जी पहले से ही छिपे थे] उन्हें देखते ही मैं सरमा कर नीचे बैठ गई और बोली ''आप यहाँ क्या कर रहे हैं जाए यहाँ से'' तब जेठ जी बोले '' शालू तुम बहुत सुन्दर हो '' और इतना कहते हुए फिर से मेरे पास आये और मेरे चूचियों मसल दिए तो मैं गुस्सा दिखाते हुए बोली '' आप जाओ नहीं तो चिल्ला दुगी मैं '' तो जेठ जी बोले ''चिल्लाओ इज्जत तो तुम्हारी खराब होगी यहाँ '' और इतना कहते हुए ओ मुझे अपनी गोद में उठाते हुए बेड पर लिटा दिया मैं हाथ पाँव मारती रही उनके बालो को नोचती रही पर ओ नहीं माने मैं मन से जेठ जी चुदाने के पक्ष में नहीं थी इनकी जगह देवर होता तो थोड़ा ना नुकुर करके आराम से चुदवा लेती पर मेरे समाज में जेठ को छूना तक मना है फिर उनसे चुदवने का प्रश्न ही नहीं है पर आज तो बुरी तरह से जेठ जी की में ताकतवर गेडे जैसे सरीर से नहीं छुड़ा पा रही थी फिर भी मैं बार बार उठकर भागने की कोशिश
करने लगी बिना चिल्लाये हुए क्योकि छिल्लाती तो आसपास सभी जान जाते और जेठ जी मुझे बार किस करने लगे मेरी चुचियो को मसलने लगे मैं बार बार उनके बाल खींचती उन्हें मारती पर उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा था ओ मेरी मार से बचने के लिए मुझे बेड से उठाया और खिड़की के पास खड़ी करके मेरे दोनों हाथ को अलग अलग बाँध कर खिड़की के जाली के सहारे खड़ा कर दिया । अब मेरे दोनों हाथ बंध गए तो ओ मेरे वदन को टॉवेल से ठीक से पोछा और AC ऑन कर दिया फिर मेरी चुचियो को चूसने लगे फिर कुछ देर में मुझे छोड़कर गए और ड्रेसिंग टेबल से हेयर एंड केयर के तेल की सीसी निकाल लाये और मेरी चुचियों पर तेल डालकर हलके हलके हाथो से मालिस करने लगे तो मुझे चुचियो की मालिस अच्छी लगने लगी मेरा बिरोध,गुस्सा कम होने लगा और चुदाने की इच्छा पड़ने लगी ओ लगातार 7-8 मिनट तक मेरी चुचियो,जांघो पर,कमर पर तेल लगाकर हलके हाथो से मालिस करते रहे जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था अचानक उनकी टॉवेल कमर से निकल गई और ओ पूरी तरह से नंगे हो गए तो उनके लण्ड को देखकर मेरी चीख निकलते निकलते बची ''उई माँ'' उनका लण्ड तो कम से कम 10-11 इंच का और मेरी कलाइयों से भी ज्यादा मोटा था मैं मन ही मन खुस हो गई और डर भी गई । खुस हो गई आज इतना लंबा मोटा मजबूत लण्ड की मजा लूगी, पर डर इस लिए रही थी की कही चूत के टाँके न टूट जाये [मेरे दोनों बच्चे आप्रेसन से हुए है और डिलेवरी के लिए मेरी चूत में चीरा लगाया गया है और बाद में तीन टाँके लगा दिए है इस लिए चूत खूब सकरी हो गई है] मैं उनके लण्ड को देखे जा रही थी ओ बार बार लंड को उचकाते तो लण्ड ऊपर नीचे खूंखार नाग की तरह फुस्कार रहा था । अब ओ मेरी चूत में तेल लगी ऊँगली के सहलाने लगे चूत में ऊँगली स्पर्श से मैं उत्तेजित होने लगी और मेरे मुह से उउउउ आह हह हहः अहह आह्ह आह्ह आह्ह आह आह आह आह की वाजे निकलने लगी ओ अपने हाथ के बीच की मोटी और लम्बी ऊँगली मेरी चूत में डालते और निकालते उनकी ऊँगली ही मुझे मोटी लग रही थी [मेरे पति का लण्ड 5 इंच लम्बा है पर बहुत पतला है,चूत में कब घुसा जाता है पता ही नहीं चलता] मैं बहुत डर गई की जब इनकी ऊँगली टाइट जा रही है तो लण्ड कितना टाइट होगा मैं ये सब सोच ही रही थी की इतने में ओ डबल सीटेड सोफ़ा खिड़की के पास खिसकाया और सोफे के ऊपर किनारे पर एक पिलो [तकिया ] रखकर मुझे उसपर बैठा दिया, मुझे चुदाने की इच्छा हो गई पर दिखावटी गुस्सा दिखाते हुए सोफे ऊपरी हिस्से में बैठने को राजी नहीं हुई तो ओ मुझे जबरजस्ती सोफे के ऊपर पिलो रखकर बिठा दिया और सोफे की गद्दी में घुटने के बल बैठकर मेरी दोनों टांगो को फैलाते हुए मेरी चूत को चाटने लगे । करीब 3 मिनट तक चूत चटाते ही मैं तड़प उठी लण्ड के लिए और बार बार अपने चूतडो को धक्का देने लगी तो ओ समझ गए की मैं तैयार हो गई हु तब ओ अपने लण्ड के सुपाड़े की चमड़ी को पीछे खिसकाया और लाल सुर्ख नुकीला लण्ड मेरी चूत के मुह पर टिका दिया और हलके से धक्का देते हुए लण्ड को पुस किया [इनके लण्ड और मेरी चूत की हालत वैसे ही थी जैसे 15 साल की कुवारी लड़की की चूत के सामने घोड़े का लण्ड टिका दो] तो सुपाड़े का थोड़ा सा हिस्सा घुसा तो मुझे जोर से दर्द हुआ तो मैंने अपने चूतडो को पीछे खिसका लिया और
जेठ जी को बोली ''मेरा हाथ खोल दो दर्द करने लगा'' तब ओ मुस्कुराते हुए बोले''मरोगी तो नहीं ''तब मैं कुछ नहीं बोली और हाथ की तरफ इसारा किया तब उस चुदक्कड़ ने मेरे दोनों हाथ खोल दिए और मुझे गोद में उठाकर मुलायम मखमली बेड पर लिटा दिया और खुद बेड के नीचे खड़े हो गए और फिर से मेरी चूत को चाटने लगे 3-4 मिनट तक चूत चाटते रहे । चूत चटाने से मैं बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाती हु चुदाने के लिए अब मेरे मुह से फिर से उउउउउ आहह हह हह हहहह अहह अक्ककक उअ लाला उल्ला आह आह उइमा उइमा उइमा उइमा आह आह की आबाज निकलने लगी मैं उनका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी इतने में ओ अपना लण्ड मेरी चूत में घुसाने लगे पहले तो ओ अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुह के आसपास घुमाते रहे ,कभी कभी हाथ से पकड़ कर लण्ड को चूत में पटकते तो मैं और अधिक उत्तेजिते हो गई और बार बार उनका हाथ पकड़ के अपनी तरफ खीचने लगी की इतने में एक ही हलके से झटके के साथ लण्ड का सुपाड़ा पूस किया की मेरे मुह से आह$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$ की जोर से मेरी चीख निकल गई दर्द के मारे तो ओ मेरे मुह को अपने हाथ से दबाकर मेरी चीख को रोक लिया तो मैं दर्द के मारे अपने चूतडो को पीछे खिसका लिया
तो लण्ड बाहर हो गया तो मैंने चूत हाथ दबा लिया दर्द सहन करने के लिए इतने में ओ मेरे गालो को किस करने लगे मेरी पीठ पर हाथ घुमाने लगे कुछ देर में मुझे छोड़कर ड्रेसिंग टेबल के पास गए और हेयर एंड केयर के तेल की सीसी उठा लाये और एक ढक्कन तेल निकालकर पहले अपने लण्ड में लगाया और फिर एक ढककन तेल मेरी चूत में उड़ेल दिया और चूत के आसपास तेल लगा दिया दो
तीन बून्द तेल तो मेरी चूत चला गया फिर चूत में ऊँगली डालकर कर अंदर तक तेल लगा दिया और फिर लण्ड को बड़ी आसानी से धीरे धीरे डालने लगे और झुककर मेरी चुचियो को भी दबाने लगे और किस भी करते जाते इस बार उनके लण्ड का सुपाड़ा घुसा तो दर्द कम हुआ अब ओ बार बार सुपाड़े को अंदर बाहर करने लगे मोटे लण्ड के मिलन से मेरी चूत खुसी से फुदकने लगी जैसे जैसे सुपाड़ा घिसाने लगा मेरी चूत में वैसे वैसे चिकनी होती गई मेरा दर्द भी कम होता गया और हर एक झटके में उनका लण्ड ज्यादा गहराई तक घुसने लगा, हलके हलके 15-20 झटके के बाद पूरा 11 इंच का लण्ड मेरी यू ट्रस्ट [बच्चेदानी] पर ठोकर मारने लगा एक एक ठोकर में जन्नत सैर करने लगी लण्ड के झटको के साथ ओ मेरी चुचियो को मर्दने लगे कभी कभी पूरी की पूरी चूची को अपने मुह में डाल लेते और फिर दाँतो से हलके हकले काटते तो और अधिक उत्तेजित होती उधर लन्ड़ की गति बढ़ने लगी अब मुझे लगने लगा की जेठ जी मेरे 60 किलो के सरीर के ऊपर अपने 90 किलो [जेठ जी की हाइट 6 फिट 2 इंच है वजन 90 KG है , जबकि मेरे पति 70 KG और 5 फिट 8 इंच के है के] बजन से तबियत से तोड़ दे मैं एक एक अंग तोड़ दे , मैं बार बार उठने लगी और जेठ जी का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी तब जेठ जी ने मुझे अपने मजबूत हाथो से उठा लियाऔर अपनी जांघ पर टिका लिया
मेरे कमर के नीचे हाथ डालकर मैं उनके हाथो को पकड़ लिया और हवा में लहरा लहरा कर चुदाई करने लगे जब ऊपर करते तो पूरा लण्ड चूत बाहर निकलता और जब वापस नीचे लेते तो सप्प सप्प करके पूरा 11 इंच लंबा लण्ड मेरी नाभि तक घुसता एक एक उचाई निचाई पर मैं स्वर्ग की सैर करती बीच बीच में जेठ सीने से चिपक जाती और जेठ जी गले में कंधो में बाहो में गालो करती जेठ जी की गर्दन डालकर झूला झूलने लगी लण्ड किसी इंजन के पिस्टन सिलेंडर की तरह चिपकता हुआ छकछक छकछक करती ट्रेन की तरह बुर को फाड़ रहा था । जेठ जी में गजब की इस्टेमना है ओ मुझे लगातार 8-10 मिनट तक आने बाहो झूला झूला कर चोदते रहे मैं उनकी बाहो में झूलती रही और जन्नत की सैर करती रही और 10 मिनट बाद मैं झर गई पर जेठ जी अभी तक चोदे रहे थे जब झर गई तब मुझे दर्द होने लगा पर जेठ जी थे की छोड़ने को तैयार नहीं आखिर में ओ 15 मिनट बाद स्खलित हो गए और और लण्ड को चूत में फसाए हुए बेड पर लेकर लेट गए अभी तक उनका खूंखार लन्ड़ मेरी चूत में वीर्य टपका रहा था मैं उनके शरीर का बजन ज्यादा देर तक सहन नहीं कर पाई उहे नीचे धकेल दिया और जल्दी से उठकर बैठ गई तो ढेर सारा गाढ़ा वीर्य बहकर चादर में गिर गया जिसमे खून के कुछ बुँदे भी थी । मैं खून देखकर घबरा गई और झुककर चूत में हाथ लगाया तो मेरी उंगलियो में खून लग गया मैं समझ गई की मेरी चूत के टाँके तोड़ दिए तो मैं रुवासी हो गई तो जेठ जी मुझे अपनी बाँहो में भरते हुए बोले ''कुछ नहीं हुआ है तुम महीना हो गई हो'' तब मैंने उन्हें बताई की ''महीना तो अभी 7 दिन पहले ही हुई थी'' तब ओ मुझे बेड पर लिटा कर मेरी टांगो को फैलाया और चूत के पास देखा तो चूत के ऊपर हिस्से से हल्का हल्का खून बह रहा था तब उठे और सरसों का तेल लगा दिया तो कुछ देर बंद हो गया । फिर जेठ जी साम के ट्रेन से अजमेर चले गए और अगले दिन सुबह 6 बजे फिर आ गए फिर तमन्ना स्कूल चली गई और दिन में फिर से खूब चुदवाया जेठ जी का लण्ड इतना अच्छा लगा की जेठ जी 5 दिन के गए और अं 5 दिन बैंक नहीं गई और दिन में भी रात में भी खूब चुदवाया मन मस्त पड़ गया । फिर जेठ जी चले गए । अब मैं नए लण्ड का स्वाद चख लिया फिर जेठ जी के बाद हट्टे-कट्टे देवर से चुदवाया फिर तो मुझे अलग अलग मर्दो के लण्ड अच्छे लगने लगे और अब तो जब भी कोई तगड़ा मर्द देखती हु और पसंद आ जाए तो उसे फसा लेती हु और एक बार जरूर चुदवाती हु .................
लगातार …………क्रमसः ……
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फेसबुक में ऐसी बहुत से पिक पोस्ट कर रखी हु जिसे जेठ जी देख चुके है |
फेसबुक में ऐसी बहुत से पिक पोस्ट कर रखी हु जिसे जेठ जी देख चुके है |
चलो अब मेरे परिवार के बारे में कुछ बता दू मुझे दो लड़के है और दोनों ही बाहर रहकर पढ़ाई करते है । घर में इनके [पति] छोटे भाई की 10 साल की एक लड़की तमन्ना को रख रखी हु जो अभी पांचवी क्लास में पढ़ रही है । अकेला पन दूर करने के लिए तमन्ना को अपने पास रखी हु,जब पतिदेव टूर पर रहते है तो तमन्ना और मैं घर पर रहती हु ।
जब पति घर नहीं रहते है उस समय बोरियत को दूर करने के लिए मैं सोसल साइटों में अपने आप को ब्यस्त रखती हु फेसबुक,वॉटसअप में कई पुरुष मित्र है जिनसे सेक्स चेट करके समय पास कर लेती हु और जब पतिदेव टूर से घर आते है तो रात में दिन में जब भी मौका मिला भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ती हु उनके ऊपर और तबियत से चुदवाती हु । फेसबुक में बहुत से पिक डाल रखी है और मेरे जेठ जी [पति के सेज बड़े भाई को जेठ जी कहती हु ] भी फेसबुक में जुड़े हुए है ओ भी इनबॉक्स और वॉट्सऐप में मेरी खूब तारीफ करते रहते है चोरी छिपे बदले में मैं उन्हें सुक्रिया कहती हु और जेठ जी से खूब बाते भी करती हु फोन पर और चेट भी करती हु पर जेठ जी जब सामने रहते हैं तो पर्दा करती हु ज्यादातर उनके सामने घुघट में ही निकलती हु,बता दू की जेठ जी सेन्ट्रल गवर्मेंट की जब में है । जेठ जी इनसे एक साल के बड़े है पर इनसे भी ज्यादा हट्टे-कट्टे मजबूत लगते है जेठ जी की उचाई भी इनसे अधिक है । मैं एक दो बार जेठ जी से चुदाई की कल्पना भी कर चुकी हु उनके मजबूत और सुडौल वदन को देखकर । सच कहु तो मैं बहुत ही सेक्सी और लण्डखोर ओरत हु पर समाज के बंधनो के कारण बंधी हुई रहती हु यदि मैं इंग्लैंड अमेरिका में होती तो अभी तक कई मर्दो चुदवा चुकी होती क्योकि मेरी प्यास आज भी मेरे पति नहीं बुझा पाते है जहा भी कड़लियाल जवान मर्द देखती हु चुदाई की कल्पना करने लगती हु । एक बार तो देवर ने मेरी चूची को दबा दिया था तब मैंने उसे बहुत डराया था तब से उसने मेरी तरफ देखना तक बंद कर दिया । मैं बाद पछताई की देवर को नहीं डराती तो अभी तक देवर लण्ड की ठोकरे खा चुकी होती ।
मई की बात है मेरे जेठ जो को ''अजमेर बोर्ड '' में कोई काम था ओ मेरे घर आये उस समय मेरे पति टूर पर एक सप्ताह के लिए बाहर गए
इस तरह का नाइट सूट पहन कर जेठ जी के सामने निकल पडी |
वाथरूम से इस तरह से कपडा पहन कर निकली |
जेठ जी मेरी बड़ी बड़ी चुचियो को चूसने लगे तो मैं चुदाने के लिए तैयार हो गई मेरी कमर ऐसी ही पतली चूचियाँ ऐसी ही मस्त मस्त टाइट है |
जेठ जी इस तरह से बेड के नीचे खड़े होकर मुझे बेड लिटा दिया और खड़े खड़े लण्ड को खूब पेला पाली किया |
तीन बून्द तेल तो मेरी चूत चला गया फिर चूत में ऊँगली डालकर कर अंदर तक तेल लगा दिया और फिर लण्ड को बड़ी आसानी से धीरे धीरे डालने लगे और झुककर मेरी चुचियो को भी दबाने लगे और किस भी करते जाते इस बार उनके लण्ड का सुपाड़ा घुसा तो दर्द कम हुआ अब ओ बार बार सुपाड़े को अंदर बाहर करने लगे मोटे लण्ड के मिलन से मेरी चूत खुसी से फुदकने लगी जैसे जैसे सुपाड़ा घिसाने लगा मेरी चूत में वैसे वैसे चिकनी होती गई मेरा दर्द भी कम होता गया और हर एक झटके में उनका लण्ड ज्यादा गहराई तक घुसने लगा, हलके हलके 15-20 झटके के बाद पूरा 11 इंच का लण्ड मेरी यू ट्रस्ट [बच्चेदानी] पर ठोकर मारने लगा एक एक ठोकर में जन्नत सैर करने लगी लण्ड के झटको के साथ ओ मेरी चुचियो को मर्दने लगे कभी कभी पूरी की पूरी चूची को अपने मुह में डाल लेते और फिर दाँतो से हलके हकले काटते तो और अधिक उत्तेजित होती उधर लन्ड़ की गति बढ़ने लगी अब मुझे लगने लगा की जेठ जी मेरे 60 किलो के सरीर के ऊपर अपने 90 किलो [जेठ जी की हाइट 6 फिट 2 इंच है वजन 90 KG है , जबकि मेरे पति 70 KG और 5 फिट 8 इंच के है के] बजन से तबियत से तोड़ दे मैं एक एक अंग तोड़ दे , मैं बार बार उठने लगी और जेठ जी का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी तब जेठ जी ने मुझे अपने मजबूत हाथो से उठा लियाऔर अपनी जांघ पर टिका लिया
मेरे कमर के नीचे हाथ डालकर मैं उनके हाथो को पकड़ लिया और हवा में लहरा लहरा कर चुदाई करने लगे जब ऊपर करते तो पूरा लण्ड चूत बाहर निकलता और जब वापस नीचे लेते तो सप्प सप्प करके पूरा 11 इंच लंबा लण्ड मेरी नाभि तक घुसता एक एक उचाई निचाई पर मैं स्वर्ग की सैर करती बीच बीच में जेठ सीने से चिपक जाती और जेठ जी गले में कंधो में बाहो में गालो करती जेठ जी की गर्दन डालकर झूला झूलने लगी लण्ड किसी इंजन के पिस्टन सिलेंडर की तरह चिपकता हुआ छकछक छकछक करती ट्रेन की तरह बुर को फाड़ रहा था । जेठ जी में गजब की इस्टेमना है ओ मुझे लगातार 8-10 मिनट तक आने बाहो झूला झूला कर चोदते रहे मैं उनकी बाहो में झूलती रही और जन्नत की सैर करती रही और 10 मिनट बाद मैं झर गई पर जेठ जी अभी तक चोदे रहे थे जब झर गई तब मुझे दर्द होने लगा पर जेठ जी थे की छोड़ने को तैयार नहीं आखिर में ओ 15 मिनट बाद स्खलित हो गए और और लण्ड को चूत में फसाए हुए बेड पर लेकर लेट गए अभी तक उनका खूंखार लन्ड़ मेरी चूत में वीर्य टपका रहा था मैं उनके शरीर का बजन ज्यादा देर तक सहन नहीं कर पाई उहे नीचे धकेल दिया और जल्दी से उठकर बैठ गई तो ढेर सारा गाढ़ा वीर्य बहकर चादर में गिर गया जिसमे खून के कुछ बुँदे भी थी । मैं खून देखकर घबरा गई और झुककर चूत में हाथ लगाया तो मेरी उंगलियो में खून लग गया मैं समझ गई की मेरी चूत के टाँके तोड़ दिए तो मैं रुवासी हो गई तो जेठ जी मुझे अपनी बाँहो में भरते हुए बोले ''कुछ नहीं हुआ है तुम महीना हो गई हो'' तब मैंने उन्हें बताई की ''महीना तो अभी 7 दिन पहले ही हुई थी'' तब ओ मुझे बेड पर लिटा कर मेरी टांगो को फैलाया और चूत के पास देखा तो चूत के ऊपर हिस्से से हल्का हल्का खून बह रहा था तब उठे और सरसों का तेल लगा दिया तो कुछ देर बंद हो गया । फिर जेठ जी साम के ट्रेन से अजमेर चले गए और अगले दिन सुबह 6 बजे फिर आ गए फिर तमन्ना स्कूल चली गई और दिन में फिर से खूब चुदवाया जेठ जी का लण्ड इतना अच्छा लगा की जेठ जी 5 दिन के गए और अं 5 दिन बैंक नहीं गई और दिन में भी रात में भी खूब चुदवाया मन मस्त पड़ गया । फिर जेठ जी चले गए । अब मैं नए लण्ड का स्वाद चख लिया फिर जेठ जी के बाद हट्टे-कट्टे देवर से चुदवाया फिर तो मुझे अलग अलग मर्दो के लण्ड अच्छे लगने लगे और अब तो जब भी कोई तगड़ा मर्द देखती हु और पसंद आ जाए तो उसे फसा लेती हु और एक बार जरूर चुदवाती हु .................
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