Thursday, 20 February 2014

सगे जेठ से चुदवाया

 मैं एक उच्च जाती की  फेमली से हु , मेरे पति जी एक फैक्ट्री में सुपरवाइजर है मेरी उम्र 42 साल है पर आज भी 35 - 37 कि लगती हु 32-34 नंबर कि ब्रा पहनती हु मेरी हाइट 5 फिट 6 इंच है मेरे बूब्स सामान्य से ज्यादा बड़े है जो कामुक पुरुषो को बड़ी आसानी से अपनी तरफ खीच लेती है, मैं आधुनिक विचारो कि हु , मैं यहाँ पर जींस - टी सर्ट , लैगी - टाइट कुर्ती भी खूब पहनती हु साड़ी कम ही पहनती हु , मेरा वदन आज भी खूब कसा हुआ है मेरी चुचिया आज भी खूब कड़क है खासकर जब मैं स्पंज वाली ब्रा पहन कर चलती हु तो मेरी चुचिया खूब टाइट दिखती है ,कामुक पुरुष  मुझे जींस टी सर्ट  और लैगी कुर्ती में कामुक नजरो से देखते है मुझे मर्दो को ललचवाने में बहुत मजा आता है  |  पर मैं आज तक मेरे  अलावा किसी और के साथ नहीं सोई रात में क्योकि मेरे पति बहुत ही कामुक और शरीर से बहुत कज्बुत है ओ सप्ताह में कम से कम दो  दिन जरुर चोदते है मैं मेरे पति से बहुत खुस हु पर मेरे सपनो का राजकुमार जो था ओ मैं मेरे पति में नहीं पा सकी क्योकि मेरे पति कि हाइट 5 फिट 8 इंच है जब हम दोनों साथ चलते है तो मैं पति कि लंबाई के बराबर ही दिखती हु जबकि मेरे सपने के राजकुमार में कम से कम 6 फिट से ज्यादा ऊंचा पति कि कल्पना थी जो नहीं पूरी  हुई ,मैं जब भी किसी 6 फिट से ज्यादा ऊँचे जवान को देखती तो सोचने लगती हु कि इसका लण्ड ज्यादा लंबा और मोटा होगा ये चुदाई में ज्यादा मजा देगा पर पति के प्यार और सामाजिक बंधनो के कारण पति से बेवफाई नहीं कर सकती, पर मेरी जिंदगी में एक ब्यक्ति आ ही गया ओ भी मेरे सगे जेठ [मेरे पति के सगे बड़े भाई] जिसके सामने मैंने कभी घुघट नहीं उठाया हमेसा पर्दा किया उनसे , फिर भी ओ मुझे एक रात जेठ जी चोद दिए,  कैसे आगे पढ़िए | 
मैं जींस और टी सर्ट में ऐसी ही दिखती हु 

                    मेरे जेठ जी मेरे पति से तीन  वर्ष के  बड़े है , ये जंहा  पर नौकरी करते है वहा पर बच्चो को पढ़ाने कि अच्छी सुबिधा नहीं है इस कारन मेरे पति ने अपने बड़े भाई के लड़के को अपने साथ लाये पढ़ाने के लिए इस कारण जेठ जी का आना जाना सुरु हो गया मेरे घर पर फोन पर बाते भी सुरु हो गई जेठ जी कि नौकरी हमारे शहर से 600  किलोमीटर दूर है पर ओ अपने लड़के का हाल चाल जानने के लिए स्कूल में मिलने के नाम पर साल में तीन -चार बार आने लगे इस कारण धीरे -धीरे उनके पर्दा कम हो गया क्योकि जब मेरे लड़का, लड़की स्कूल कालेज चले जाए उनका लड़का भी स्कूल चला जाए मेरे पति भी ड्यूटी चले जाए तो मैं अकेली घर में रह जाती उस समय जेठ जी से मजबूरी में बात करने पड़ती थी धीरे -धीरे जेठ जी मेरे साथ मोबाइल में खूब बाते करने लगे अपने बच्चे के बहाने जेठ जी कि पेमेंट बहुत ज्यादा है इस कारण ओ जब भी आते मुझे बढ़िया बढ़िया साड़ी खरीद देते कुछ ना कुछ गिफ्ट जरुर देते मैं मन ही मन उनकी तरफ आकर्षित हो गई |  एक बार जेठ जी आये तो मेरे बालक ने उन्हें कंप्यूटर में फोटो दिखाने लगा जिसमे मेरी कई फोटो जींस टी सर्ट ,टाइट कुर्ती लैगी में भी कई फोटो देखा जिसमे मेरा कसा हुआ बदन -बड़े बड़े बूब्स दिखाई दिया [जैसे ऊपर कि फोटो में है १००% मेरा बदन ऐसा ही लगता है ज़रा सा भी पेट बाहर नहीं निकला है इस उम्र  में भी] जबकि साड़ी में इतना उत्तजित बदन नहीं दिखाई देता है मेरी इन फोटो को देखने के बाद मेरे जेठ जी मेरे ऊपर लट्टू हो गए, पर पर्दा के कारण जेठ जी मुझे कभी छूते नहीं थे पर एक बार क्या हुआ कि ओ बाथरूम कि तरफ जा रहे थे तो मेरे से दरवाजे में टकरा गए तो मैंने मजाक में बोल दिया आपने मुझे छू लिया है आब आपको मुझे मिठाई खिलानी पड़ेगी कुछ  गिफ्ट भी देना होगा यही सजा है आपकी इस पर जेठ जी बोले   जो सजा दोगी मंजूर है मुझे |
                      मैं मन ही मन जेठ जी के साथ चुदाई के बारे में सोचने लगी पर मेरा जमीर मुझे बार बार धिक्करता पर जेठ जी का गठीला बदन और 6 फिट 2 इंच कि लम्बी हाइट मुझे बार बार उनके बारे में सोचने को मजबूर कर दिया , जब मेरे पति और बच्चे घर में रहते तो जेठ जी के सामने साड़ी में घुघट ,में ही रहती खूब पर्दा करती जैसे ही अकेले हो जाती पर्दा करना बंद कर देती मेरी सुंदरता पर मेरे जेठ लट्टू हो चुके थे एक बार जेठ जी आये तो  सोने कि चार चुडिया लगभग 4 तोले कि दिया जिसे मैंने कलाई में पहन लिया जेठ जी मुझे मंहगी -मंहगी जींस और टी सर्ट कुर्ती और लैगी एक बड़े से शापिंग माल से खरीद दिया और शापिंग माल में ही बोले पहन कर दिखाओ तो मैं उन्हें पहन कर दिखा दिया तो जेठ जी तारीफ़ के पुल बाँध दिए मैं बहुत खुस हो गई क्योकि सभी महिलाओ कि सबसे बड़ी कमजोरी होती है उसकी तारीफ़ जेठ जी से अब सरम ख़त्म हो गई जब मैं घर में अकेले रहती जेठ जी के साथ तो गाउन भी पहनने लगी जेठ जी को आते हुए करीब 2 साल हो गए पर जेठ जी को आज तक कोई मोका नहीं मिला कि मेर साथ शारीरिक संबधं बना सके पर एक बार जेठ जी आये तो सारी मर्यादाये तोड़ दिया कैसे आगे पढ़िए | 
               
पीछे से मेरा जिस्म ऐसा ही है १००%
  ऑक्टूबर का महीना था एक बार जेठ जी आये और उस समय घर में कोई नहीं था तो मोका देखकर जेठ जी ने मुझे ''सोने [गोल्ड] के हार'' का डिब्बा दिया और बोले ये लो रख लो तो मैंने पूछा कि क्या है तो बोले की सोने का हार तब मुझे विश्वास ही नहीं हुआ मैंने सोचा ये मजाक कर रहे होगे तो मैंने मजाक मजाक में बोल दिया आप ही पहना दीजिये ना तो जेठ जी ने डिब्बे से हार को निकाला और बोले के के पीछे कि तरफ आँखे बंद करके घूम जाओ तो पहना दू तब मैं आलमारी के कांच के सामने खड़ी हो गई आँख बंद करके तो जेठ जी सोने का हार पहना दिया [जेठ जी ने जैसे ही मेरे गले को छुआ मुझे करेंट सा लगा क्योकि पहली बार पति के सिवा किसी मर्द का स्पर्स हुआ एक अजीब सी सिरहन  आ गई पुरे जिस्म पर और ये सिरहन -स्पर्श बहुत अच्छी लगी] और बोले अब खोलो आँखे तब मैंने आँखे खोला और देखा कि सच में सोने का मोटा सा हार गले में था जिसका बजन करीब तीन तोले से भी ज्यादा था मतलब एक लाख से ज्यादा कीमत का हार मैं मन ही मन खूब खुस हो गई पर खुसी को इजहार नहीं होने दिया , जेठ जी बोले अच्छा है ना तो मैंने स्वीकृत में हां में सर हिला दिया और कमरे से निकलने लगी तो जेठ जी ने मुझे पकड़ कर अपने बांहो में भर लिया और गाल पर किस कर  लिया तो मैं जोर से चिल्ला कर बोली ''ये क्या बेहूदगी है'' और इतना कहकर सोने का हार उतार कर फर्श में फेक दे दिया और मैं बोली रखिये इसे अपने पास अब दुबारा ऐसा कभी नहीं छूना मुझे और मैं हार को वही कमरे में फेक कर चली आई [मैं मन ही मन तो खुस थी जेठ जी के स्पर्श से , पर नौटंकी कर रही थी सती -सावत्री बनने की , जेठ जी को और तड़पना चाहती थी मैं इतनी जल्दी से उन्हें अपनी सुन्दर जिस्म देने को तैयार नहीं थी और मन ही मन सोच रही थी कि जेठ जी से और मंहगी गिफ्ट ले लू जब अपना पत्नीधर्म छोड़ने का मन बना लिया तो मोटी कीमत वसूल लू जेठ जी से ] पर इससे जेठ जी बिलकुल भी नहीं डरे और बोले टीक है अच्छा नहीं लगा तो इसे रख लो अगली बार आउगा तो इससे ज्यादा बजन का लेकर आउगा और हार को मेरे तरफ बढ़ा दिया तो  मैंने रख लिया उसी दिन साम को जेठ जी चले गए | 

                                   जनवरी का महीना था तीन माह माह बाद जेठ जी फिर आये [क्योकि मैंने ही स्कूल से फोन करवा दिया था टीचर से] इस बार जेठ जी आते ही स्कूल में टीचर से मिलने के लिए चल दिए मुझे भी  जिद करके अपने साथ ले   लिया मैं भी उनके साथ गई बाइक से , रास्ते में कई बार उनकी पीठ से मेरे बड़े बड़े स्तन टकराए पर मैं बार बार पीछे खिसक जाती जेठ जी भी बहुत बदमास बार बार ब्रेक मारते और मैं उनकी पीठ से चिपक जाती [मेरे पति फैक्ट्री के किसी काम से पांच  दिन के लिए बाहर गए थे उस समय इस कारण जेठ जी के साथ स्कूल चली गई] फिर मैं पीछे खसक जाती यही करते करते हम स्कूल से मिलकर घर भी आ गए घर आते ही मैं किचेन में घुस गई तो जेठ जी किचेन में आये और पीछे से मुझे सोने का नया हार पहनाने लगे  मैं कुछ नहीं बोली हार को पहन लिया देखा कि इस बार हार 6 तोले से भी ज्यादा बजन का है , मैं मन ही मन बहुत खुस हो गई और जेठ जी को थैंक बोला तो जेठ जी ने मुझे कस कर पकड़ लिया किचेन में ही और मेरे बूब्स को दबा दिया और किस कर लिया मैं इस बार कुछ नहीं बोली और उनके पकड़ को छुड़ा कर बेडरूम में घुस गई जेठ जी भी पीछे पीछे आ गए तो मैंने दरवाजा लगा लिया तो ओ बाहर ही रह गए जब ओ चले गए आगे के कमरे में तो मैं निकल कर बाथरूम में चली गई नहाने के लिए और नहा रही थी तो जेठ जी बाथरूम के दरबाजे के होल से मुझे देख रहे थे मैं जान गई तो और अधिक उनको ललचवाते हुए नहाने लगी बूब्स को दबा दबा के सबुन  लगा लगा कर जब मैं बाहर निकली तो जेठ जी चले गए  मैं बेडरूम में तैयार हो रही थी उस समय मैं सिर्फ सफ़ेद रंग कि ब्रा और पेंटी में बेडरूम में बिस्तर पर बैठी थी तो अचानक जेठ जी दरवाजा खोलकर अंदर घुस आये और अपने मोबाइल से कुछ फोटो खीच लिया मेरी तो मैं जल्दी से उठी और एक साड़ी को लपेटने लगी बदन पर तो जेठ जी बोले कब तक छिपाओगी, मैंने देख लिया सब नहाते हुए तब मैं नज़रे नीची किया और सरमाते हुए बोली आप बहुत बेकार है कोई ऐसे छिपकर देखता है
जेठ जी ने  इस तरह के कपड़ो में देख लिया
 मेरा जिस्म जो  १००% ऐसा ही है

किसी ओरत को नहाते हुए तब जेठ जी ने बोला कि तुम बहुत सेक्सी हो तब मैंने बोला आ जाइये यहाँ से तो जेठ जी जाने के बजाय मुझे पकड़ कर किस करने लगे मेरी बड़ी बड़ी टाइट चुचियो के दबाने लगे और साडी को बदन से अलग कर दिया और अपनी बांहो में भर लिया तो मै  उनसे बोली प्लीज आप जाइये कोई आ जायेगा दिन में तो जेठ जी ने बोला टीक है रात में आ जाउ तो मैं बोली देखुंगी अभी तो जाइये आप तो जेठ जी चले गए मैं एक गाउन पहन कर किचेन में आ गई और जेठ जी को खाना खिलाया और खुद भी खाया और अपने कमरे में आकर सो गई सरबजा लगाकर | 3 बजे तक बच्चे आ गए स्कूल और कालेज से बात बात में साम हो गई सभी ने साम का खाना खाया और 10 बजे तक मैं मेरे बेडरूम में आ गई , जेठ जी लिविंग रूम में सोते थे बाकी तीनो लड़के - लड़किया बीच के रूम में एक ही पलंग पर सोते है | 
                                
             कोई सा भी मौसम हो मैं हमेशा ही रात में ब्रा और पेंटी में ही सोती हु , इस कारण अन्दर से दरवाजा लगा कर रखती हु वैसे भी बच्चे मेरे बेडरूम में दरबाजा नाक किये बिना अंदर नहीं घुसते मैं 10 बजे जब गई तब दरबाजा लगा दिया जब सभी बच्चे सो गए तो रात में 11 बजे के बाद दरबाजे कि कुण्डी खोल दिया और बिस्तर आकर सो गई रात में मैं जब गहरी नींद में थी उस समय मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरे पास सोया हुआ है और मेरे जिस्म पर हाथ घुमा रहा है , मैं गहरी नींद में थी इस कारण कोई रिस्पांस नहीं दे रही थी,मेरे पति कई बार ऐसा करते है ओ सोते हुए मुझे चोदने लगते है मैं भी नींद में ही चुदा कर नंगी ही सो जाती हु बिना पेसाब किये | मैं गहरी नींद में थी जेठ जी ने मेरे ब्रा का हुक खोल दिया और
मेरे बूब्स कि ओरिजनल पिक , जेठ जी ने लिया है 
मेरे बड़े बड़े बूब्स को सहलाने लगे ,बूब्स को चूसने लगे तो मेरी नींद खुल गई मैं समझ गई कि आज जेठ जी के लण्ड का सुख मिलेगा मुझे पर मैं गहरी नींद का नाटक करते हुए बेड पर पड़ी रही इतने में जेठ जी ने मेरी पेंटी को भी निकाल दिया और रजाई को ऊपर ढकते हुए मेरी बुर को चाटने लगे और एक हाथ से मेरे बूब्स को खिलाने लगे 2 मिनट में ही मैं मछली कि तरह तड़पने लगी चुदवाने के लिए पर अपने जज्बात को काबू किये रही और सोचती रही कब इनके लण्ड का स्वाद लुंगी इतने में जेठ जी ने मेरी दोनों टांगो को फैलाया और और फिर से बुर में  जीभ को डाल -डाल कर चाटने लगे मेरी बुर गीली होने लगी तो ओ समझ गए कि मैं पूरी तरह से तैयार हो चुकी हु चुदाने के लिए ,तब जेठ जी ने अपना लण्ड मेरी बुर में घुसाने लगे तब मुझे मेरी सुहागरात याद आ गई  जब मैंने पहली बार सुहागरात में मेरे पति से चुदवाया था तब उनका लण्ड इतना ही मोटा टाइट लगा था मुझे जितना आज जेठ ही का लण्ड  लगा [मुझे अब पतिदेव का लण्ड 8 इंच का होने के बाद भी कम लंबा लगता
है , बच्चो के पैदा होने के बाद मेरी चूत ढीली हो गई जिसे टाइट करने के लिए एक क्रीम लगाती हु जिसका फायदा मुझे आज पता चला जेठ जी के लण्ड लेने के बाद]जब जेठ जी लण्ड घुसेड़ने लगे तो उन्हें कुछ तकलीफ हुई तो ओ उठकर ड्रेसिंग टेबल से कियो कार्पिन तेल की सीसी निकाल लाये और एक ढक्कन तेल मेरी बुर में डाल दिया और ढेर सारा तेल मेरे स्तनो पर उड़ेल दिया और लण्ड को पूरा का पूरा एक झटके में भस्भसा कर घुसेड़ दिया 'ओ माई गाड ' क्या मस्त मोटा और लंबा लण्ड है इनका है ,मैंने उस समय अनुमान लगाया की करीब 11 इंचा से भी बड़ा और मेरी कलाइयों से भी ज्यादा मोटा लण्ड होगा [मैं अभी भी लम्बे लम्बे खराटे लेने कि नौटंकी कर रही थी] जेठ जी ने अपने मोटे और लम्बे लण्ड  का झटका मारना सुरु किया तो मुझे असीम आनंद कि अनुभूति होने लगी मैं अपने आपको रोक नहीं पाई और जेठ जी के सीने में हाथ घुमाने लगी तो जेठ जी मेरे ऊपर लेट गए और मेरे गालो को किस करने लगे मेरे लरजते हुए होठो को चूसने लगे ,मैं भी उनकी जीभ को चूसने लगी और उनकी पीठ पर ,गालो पर , चूतड़ो पर हाथ घुमाने लगी , मैं  चुदाने का असीम आनंद लेने लगी कि ये क्या हुआ जेठ जी ने अपनी चुदाई कि स्पीड बढ़ा दिया और हांफते हुए वीर्य छोड़ दिया बुर में और निढाल हो कर लेट गए मेरे ऊपर, मैं अभी भी अपने चूतड़ो को बार बार उठा रही थी और जेठ  जी के चूतड़ो को पकड़ कर आगे -पीछे कर रही थी पर जेठ जी धक्के मारना बंद कर दिए पर मैं अभी भी अपने चूतड़ो को बिस्तर पर जेठ जी के लण्ड के साथ घिसती रही पर जेठ जी का लण्ड सुसुक कर मेरे बुर से बाहर निकल गया और मैं अतृप्त रह गई और जेठ जी के प्रति मन में घृणा के के भाव आ गए मैंने उन्हें लगभग धक्का देते हुए नीचे गिरा दिया और रूखी आवाज में बोली '' बस इतनी ही मर्दानगी है आप में '' तो जेठ जी ने कान में  धीरे से कहा '' क्यों तुम संतुष्ट नहीं हुई '' तो मैंने बोली '' क्या करेगे अब मेरी संतुष्टि -असंतुष्टि को जानकार आप तो रिलेक्स हो गए ना '' तो जेठ जी बेसरम कि तरह दांत निपोरते हुए बोले '' तुम इतना टाइम लेती हो तुम्हारी जेठानी तो इतनी देर में फुरसत हो जाती है '' तब मैं लगभग खिसियाते हुए बोली '' मुझे झरने (स्खलित) के लिए कम से कम लगातार 20 मिनट तक झटका देना होता है '' तब जेठ जी फिर से बोले कि ओ (मेरे पति का गाव का नाम लिया) इतनी देर तक झटके मारता है तुम्हे '' तो मैं गर्व से बोली '' ओ तो लगातार 20-25  मिनट तक झटके मारते है '' इस पर जेठ ने बोला कोई बात नहीं कल कर दुगा तुम्हे संतुष्ट मैं बोली ''टीक है आप जाइये कही बच्चे  न जाग जाए '' तब जेठ जी जाने लगे जाते जाते मेरा किस करने   के लिए आगे बढे तो मैंने  मुह पकड़ लिया हाथ से तो फिर बोले '' गुस्सा हो अभी तक '' तो मैं बोली ''आप मेरे तन कि आग भड़का कर जा रहे है गुस्सा नहीं होउ तो क्या खुस होउ '' तो जेठ जी फिर मेरी तरफ झुके किस करने के लिए और हाथ बढ़ाया मेरे  बूब्स को दबाने के लिए तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और गुस्से के साथ बोली '' जाओ आप यहाँ से '' तो जेठ जी ओके ओके ओके करते हुए चले गए मैं अंदर से दरबाजा लगाकर ब्रा -पेंटी को पहना और सो गई और बहुत देर तक जिस्म कि आग में ताप्ती रही कब नींद आ गई पता ही नहीं चला सुबह 6 बजे नींद खुली तो जल्दी जल्दी साड़ी -ब्लाउज पहनी और हाथ मुह धो कर किचेन में घुस गई बच्चो के लिए टिपिन बनाया बच्चे स्कूल चले गए लड़की भी कालेज चली गई 10 बजे | अब सिर्फ मैं और जेठ जी घर में बचे जेठ जी को नास्ता बना कर दिया तो मेरा हाथ पकड़ कर अपने पास बिठा लिया और बोले अभी भी नाराज हो तो मैं बिफर कर बोली '' हां नाराज हु '' तो जेठ जी बोले टीक है मत नाराज हो आज रात में तुम्हारी नाराजगी दूर कर दुगा और मेरे को किस करने लगे तो मैं जेठ जी का मुह पकड़ लिया और किस नहीं करने दिया और  उठ कर चली गई जेठ जी नास्ता करने लगे तो मैं चुपचाप वाथरूम में घुस गई नहाने के लिए जब मैं नहाने लगी तो जेठ जी ने वाथरूम का दरवाजा खटखटाया तो मैं बोली ''कौन है '' तो जेठ जी बोले ''मैं हु '' तो मैंने कहा '' क्या काम है '' तो बोले '' मैं नहला दू क्या '' तो मैंने मना कर दिया फिर भी जेठ जी नहीं माने [मैं भी मन ही मन चुदाई के लिए तैयार हो गई रात भर से जिस्म जला जा रहा था लगता था मेरी जिस्म कि प्यास बुझ जाए इस लिए मैं तैयार हो गई फिर से ]और जिद करने लगे तो मैंने कहा ''दरवाजा खोलने के  पहले घर के  सभी दरबाजे और खिड़किया बन्द कर दीजिये कोई आ नहीं जाए या देख नहीं ले'' तो जेठ जी जल्दी से गए और सभी दरबाजे खिड़किया  बन्द करके आ गए तो मैंने दरबाजा खोल दिया बाथरूम का तो ओ अंदर आ गए मैं  उस समय सिर्फ ब्रा और पेंटी में नहा रही थी जेठ जी आते ही मेरी ब्रा को खोल कर अलग कर दिया उजाले में और मेरे बूब्स पर ''डव '' साबुन समूचे वदन में लगा दिया और जांघो को ,पीठ को खूब घिसा मैं चुदाने के लिए तैयार होने लगी तब  स्तनो पर साबुन  को लगाकर  स्तनो कि मालिश करने लगे मेरे बड़े बड़े स्तन उनके हाथ में समा नहीं रहे थे मैं भी उत्तजित हो गई और जेठ जी के लण्ड पर साबुन लगाकर खिलाने लगी पहली बार दिन के उजाले में जेठ जी का लण्ड देखा उनका लण्ड सच में करीब 12 इंच (एक फिट) लंबा और मेरी कलाइयों से भी ज्यादा मोटा था मैं लण्ड को दिन के उजाले में देख कर बहुत उत्तेजित हो गई [जेठ जी का लण्ड टेढ़ा है और नीचे कि तरफ झुका हुआ है किताब में पढ़ी थी जो मर्द हथमैथुन करते है उनका लण्ड टेढ़ा पड़ कर नीचे कि तरफ झुक जाता है ] मैं उत्तेजना में आ गई और बाथरूम में ही बैठ गई [उस दिन आसमान में बादल थे इस कारण ठंडी नहीं थी] तब ओ भी मेरे पास आकर बैठ गए और हम दोनों एक दूसरे के जननांग में साबुन  लगा लगा कर मस्ती करने लगे इतने में जेठ जी में अपना 12 इंची फन फनाता हुआ लण्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया उनका लण्ड सीधे मेरी बच्चेदानी पर टच हो गया [उनका लण्ड मेरी नाभि तक पहुच गया था बुर के अंदर] बच्चेदानी पर लण्ड छूते ही मेरे तन -वदन में ऐसी ज्वाला भड़की  जैसे किसी ने 5 लीटर पेट्रोल डाल कर माचिस लगा दिया हो शरीर में ,मैं जल्दी जल्दी मेरे चूतड़ो को बाथरूम के चिकनी फर्स और लण्ड के साथ घिसने लगी तो जेठ जी ने भी अपने लण्ड का ठोकर मारना सुरु कर दिया मैं चरम आनंद ले रही थी और मुह से जोर जोर से आ आ आ आ आ आ अ अह अह ह अह अह अह अह अह ह हां अह स्स्सस्स स्स्स् स्स्स्स् स्सा स्स्स्स्स् स्स्स् स्स्स्स्स्सा उउउउउउ आ आ आ आ उउउ ऊ य्य्य्य य्य्य्य्य्य या या या य़ा या या आ य्य्यय्य्य्य्य्य्य्य्य्य आ आ आ आ आ आह आह आह सी सी सी सी सी ऊ आ आ आ अ अ आ कि आवाज निकालने लगी जेठ जी पूरी ताकत से ठोकर मार रहे रहे थे पर अचानक जेठ जी ने पिछली गलती को दोहराते हुए जल्दबाजी कर गए और जल्दी जल्दी  ठोकर  मारने लगे और सिर्फ 3 मिनट कि चुदाई में पतला से बीर्य मेरी चूत में छोड़ दिए पर मैं उस स्थित में थी कि बयान नहीं कर सकती हु मैं पागल जैसे हरकते करते हुए जोर जोर से लण्ड पर चूत घिसने लगी पर जेठ जी का लण्ड सुसुक कर बाहर निकल गया और मैं तड़पती रही और अपने दोनों जांघो को आपस में कस कर दबा लिया और अपने वदन कि ज्वाला में जलने लगी तो जल्दी से सावर को खोल दिया और ठन्डे पानी के नीचे बैठ गई जब वदन कि ज्वाला कम हुई तो जेठ जी की तरफ देखा तो ऐसा गुस्सा आया जेठ जी पर कि खीच कर एक लात मारु पर मैं अपने आपको काबू किया और नफरत भरी निगाहो से उनकी तरफ देखी तो ओ अपनी नजरे नीची कर लिया ,मैंने उनके लण्ड कि तरफ देखा जो सुसुक कर मरियल हो कर लटक चुका था तब मैंने उन्हें बोली '' मैं नहा लू '' तो ओ कुछ नहीं बोले और अपने बनियान और चढ्ढी हाथ में लिया और बाथरूम से बाहर चले गए तो  मैं ठंढे पानी में बहुत देर तक नहाती रही और फिर एक टावेल लपेटकर बाहर आ गई और बेडरूम में जाकर कपडे पहनने लगे तो ओ फिर से आ गए तब मैं गुस्से में आगबबूला हो गई पर कुछ नहीं बोली ओ मुझे कपडे पहनते हुए देखते रहे जब मैंने कपडे पहन लिया तो बोली ''देखा लिया हो तो जाओ नहा लो '' मेरे सब्दो में उनके प्रति सम्मान कि भाषा ख़तम हो गई थी ओ बिना  कुछ बोले बेडरूम से चले गए मैं तैयार होकर निकली और आगे का दरवाजा खोल दिया और टीवी देखने लगी कुछ देर में जेठ जी आ गए नहाकर तो मैं किचेन में घुस गई  और खाना बनाने लगी तो किचेन में आये और बोले चलो बाजार चलते है कुछ खरीदना है मुझे तो मैं बोली आप अकेले चले जाइये तो बोले नाराज नहीं हो चलो मेरे  साथ तब मैं अनमने मन से तैयार होकर उनके साथ बाजार चली गई ,बाजार में जेठ जी बोले कुछ लेना है क्या [मैं मन ही मन सोची कि जब इन्हे अपनी इज्जत दे दिया है तो अब इनसे खूब माल खीच लू ,ये लट्टू है और दबे भी है क्योकि मुझे संतुष्ट जो नहीं कर पाये] तो मैं बोली नहीं कुछ नहीं लुंगी ,जो चाहिए था उसमे तो आप फेल हो गए तो ओ कुछ नहीं बोले और एक सोने कि दूकान के सामने बाइक रोक दिया और कान में बोले जो लेना है ले लो मना नहीं करुगा , तब मैं बोली टीक है अंदर चलिए और अंदर जा कर एक 2 तोले की कान कि झुमकी देखी और 5 तोले के मोटी सी ''चैन'' [पति देव के लिए जिन्हे मैंने धोखा दिया, सोचा उन्हें गिफ्ट कर दे दुगी तो खुस हो जायेगे] और दो बजनी पायल ले लिया जेठ जी ने करीब दो लाख पांच  हजार के पेमेण्ट कर दिया अपने क्रेडिट कार्ड से जेठ जी फिर बोले और कुछ लेना है क्या तो मैं बोली नहीं तो फिर से बोले ले लो तब मैं बोली टीक है और एक साड़ी कि दूकान में गई और पांच मंहगी -मंहगी साड़िया भी ले लिया जब तक मैं साड़ी देख रही थी तब तक जेठ जी पास कि मेंडिकल कि दूकान में गए वहा से कुछ लिया और आ गए साड़ी कि दूकान में भी पेमेंट कर दिया और कुछ फल ,सब्जी लेकर घर आ गई तब तक दोपहर के 2 बज गए थे जल्दी जल्दी खाना बनाया और बच्चो के आने के पहले जेठ जी खिलाया और जल्दी जल्दी मैं भी खाई और जाकर सो गई अपने रूम में ,थकावट के कारण गहरी नींद लग गई और साम को 5 बजे नींद खुली फिर से खाने कि तैयारी में जुट गई साम के 9 बजे तक सभी खा लिये तो मैं 10 बजे तक अपने बेडरूम में आ गई दरबाजा लगाया और ब्रा पेंटी पहन कर सो गई पर गहरी नींद नहीं आई तब रात में 12 बजे चुपचाप दरबाजा खोल दिया और दबे पाँव जेठ जी को जगा कर वापस आ गई कुछ ही मिनट में जेठ जी फिर से आ गए बेडरूम में [मेरा तन-वदन सेक्स के लिए तड़प रहा था] तो मैं बोली बहुत थकी हु और आप फिर वैसे ही अधूरा छोड़कर थका देगे तो जेठ जी बोले नहीं इस बार नहीं थकाऊगा पक्का तो मैं बोली क्यों ऐसा क्या हो गया आज तो जेठ जी बोले आज ''वियाग्रा ''




के दो गोली खा रखी है आज तुम्हे संतुष्ट कर दुगा तब मैं बोली टीक है देखती हु आपकी मर्दानगी वियाग्रा के साथ और हसने लगी तो जेठ जी ने मुझे किस किया और मेरे स्तन को दबा दिया तब मैं बोली ''बहुत थकी हु'' तो जेठ जी बोले ''तेल लगाकर मालिश कर दू क्या '' तो मैं स्वीकृत में सर हिला दिया[मर्दो के हाथ से तेल मालिश बहुत अच्छी लगती है मेरे को] तब जेठ जी मेरी ब्रा का हुक खोलकर ब्रा को अलग कर दिया तब मैंने मेरी पेंटी उतार दिया और नंगी हो गई पर अँधेरे में  कुछ नहीं दिखाई दे रहा था तो जेठ जी बोले ''कैसे लगाउ  तेल कुछ दिख नहीं रहा है '' तो मैं उठकर जीरो वाट का लाल बल्व जला दिया तब जेठ जी उठे और ड्रेसिंग टेबल से तेल कि सीसी निकाला और मैं पीठ को ऊपर करके लेट गई तो ओ मेरे जांघो में पीठ में कमर में सभी जगह पर खूब तेल लगाया लगाया और कुछ ताकत लगाकर मालिश किया मेरी थकाई दूर हो गई तब मैं पीठ के तरफ से लेट गई तो जेठ जी फिर से मेरी जांघो में पेट में स्तनो पर तेल लगाके लगाकर खूब मालिश किया सारा वदन तेल से चिकना हो गया तो ओ मेरे स्तनो पर  तेल डाल कर स्तनो कि मालिश करने लगे स्तन बार बार उनके हाथो से मछली कि तरह फिसल रहे थे फिर ओ मेरी बुर में तेल लगा कर बुर को उगली से सहलाने लगे कुछ देर बाद ओ मेरी बुर को चाटने लगे तो मैं बेहतरीन चुदाई के लिए तड़पने लगी तो   ओ मुझे बिस्तर के किनारे खीच लिया और ओ बिस्तर के नीचे खड़े हो गए और अपना 12 इंची मोटा लण्ड घुसेड़ कर खड़े होकर लण्ड को आगे -पीछे करने लगे [मैं इसी समय महीना होने वाली थी इस लिए कंडोम नहीं लगाने दिया प्योर लण्ड (बिना कंडोम के) कि चुदाई का मजा अलग ही है]  जेठ जी का लंबा लण्ड मेरे यू ट्रस्ट [बच्चे दानी के मुह में लण्ड का ठोकर परम सुख देता है] के मुह पर ठोकर मार रहा था जेठ जी का लण्ड आज ज्यादा लंबा और मोटा ,टाइट लग रहा था आज कुछ ज्यादा ही आनंद आने के लालसा मन में पाल लिया मैंने जेठ जी खड़े खड़े लण्ड का ठोकर मार रहे थे मैं स्वर्ग कि सैर करने लगी चरम आनंद कि अनुभूति होने लगी जेठ जी लगातार झटके  मारते रहे 7 मिनट तक मैं अब धीरे
इस तरह कि लौकी (Gourd) पर कंडोम 
लगाकर अपने तड़पते जिस्म कि प्यास बुझाई 

धीरे माध्यम  पड़ाव कि और बढ़ रही थी , मेरे मुह से उ उ उ  आ अ अ अ अ अ अ अ अ अ  अह आह आह आह आ सेंसेस स्स्स्स्स्स्स्स्स् स्स्स्स् स्स्स्स्स्स आआआआ आ आ आआआआअ र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र र्र्र्र्र्र् र्र् र्र्र्र्र्र्र्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र  उ उउ उ  उउऊऊऊऊऊ कि आवाज निकालने लगी इस तरह कि स्थित में मैं , कम से कम 15 मिनट तक लण्ड  का ठोकर खाना पसंद करती हु,पर आज फिर से जेठ जी ने वही गलती किया ओ अचानक जल्दी जल्दी लण्ड को आगे पीछे करने लगे और 9 मिनट में ही अपना वीर्य छोड़ दिया मेरी चूत में और 10 -15 झटके के बाद उनका लण्ड ठंडा पड़ने लगा पर मैंने आज पहले ही ब्यवस्था कर रखा था [मुझे पता था जेठ जी आज भी अधूरा ही छोड़ेगे और इस बार भी मैं संतुष्ट नहीं हुई तो मैं बीमार पड़ सकती हु मुझे इस कंडीसन में जब संतुष्ट नहीं होती हु कई बार तो मिर्गी जैसे दौरे पड़ने लगते है ] मैं जेठ जी जी से बोली '' हो गया आज भी टॉय -टॉय फिस्स '' तो ओ सर्मिन्दा हो गए और लण्ड को बाहर निकाल लिया तो मैं बोली '' चलिए इधर आइये'' जब जेठ जी बिस्तर पर चढ़ गए तो मैंने उन्हें एक फिट लम्बी और खूब मोटी लौकी [Gourd] दिया जिस पर कोहिनूर [स्पेसल वाला जिसके ऊपर हल्का सा खुरदुरा पन रहता है ज्यादा मजा लाने के लिए मेरे पति यही यूज करते है और कंडोम लगे होने से लौकी टूटे भी तो बुर के अंदर नहीं रह जाए] कंडोम लगा हुआ था मैंने लौकी को देकर जेठ जी को बोली इससे करिये तो ओ मेरी तरफ देखते ही रह गए और बोले '' ये तो बहुत मोटी है उसका [मेरे पति का नाम लिया] भी इतना ही बड़ा और मोटा है '' तो मैं मैं बोली '' हां उनका तो इस लौकी कि तरह लंबा और मोटा है '' [मैंने सोचा इन्हे असली बात कई बताउ इस लिए पति कि तारीफ़ किया ] तब ओ कुछ नहीं बोले और मेरी बुर में लौकी डालने लगे तो मुझे हल्का सा दर्द हुआ तब मैं उनसे बोली कि थोड़ा तेल लगा लीजिये और मुझ को फिर से गर्म करिये मैं ठंढी पड़ गई हु तब जेठ जी फिर से मेरी बुर को लालीपाप कि तरह चाटने लगे मैं 3 मिनट में ही फिर से गरम हो गई तब जेठ जी का लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो ओ अपना लण्ड डाल दिया और बुर में झटके मरने लगे और 4 मिनट में ही ठन्डे पड़ गए तब मैंने जल्दी से लौकी को अपने बुर में डाल लिया और अपने हाथो से ही हिलाने लगी तो जेठ जी ने लौकी को पकड़ लिया अपने हाथ से और मेरी बुर में लौकी को आगे पीछे करने लगी मैं धीरे धीरे लौकी कि चुदाई का मजा लेने लगी लगा तार 15  मिनट तक लौकी से अपने को चुदवाने लगी पूरी एक 'फिट' लम्बी लौकी ने मुझे खूब चोदा और मैं जब स्खलित हो गई तो थक  कर चूर हो गई जेठ जी को कमरे से निकाल कर नंगी  ही सो गई सुबह 8 बजे नींद खुली तब तक दोनों बच्चे स्कूल चले गए बुना टिफिन लिए , लड़की 10 बजे कालेज चली गई तो घर में मैं और जेठ जी अकेले रह गए , जेठ जी को नास्ता दिया जब ओ खाने लगे तो मैं बाथरूम में नहाने चली गई तो जेठ जी फिर से आ गए और बोले नहला दू तो मैंने मना कर दिया और नहा धोकर बाहर निकली दोपहर का खाना बनाया जेठ जो को खाना दिया और मैं भी खा कर सोने जाने लगी  तो जेठ जी आ गए और बोले एक बार और करवा  लो तो मैंने फिर मना कर दिया पर ओ नहीं माने तो मैं नंगी हो कर लेट गई और उन्हें बोली आप अपना नसा उतार लीजिये तो जेठ जी जल्दी जल्दी झटके  मारे और लण्ड को ठंडा करके चले गए मैं सो गई दरवाजा लगाकर साम को जेठ जी चले गए और मैं बेसब्री से मेरे पति के आने का इन्तजार करने लगी | 
                          
 [अतृप्त और कामाग्नि में जलते हुए जिस्म कि प्यास पति देव ने बुझाई]
 
 दो दिन बाद मेरे पति देव  सुबह 10 बजे आ गए मैं समझ गई मेरी बुर का भूखा शेर आ गया आज रात में ये मुझे खूब चोदेगे और वही किया कैसे आगे कि लाइन देखो
      
                  पति जी खूब थके हुए थे ओ खाना खा कर सो गए तो साम को 5 बजे उठे तो मैं बोली चलिए बाजार चलते है कई दिन हो गए सब्जी नहीं है तो पति जी के साथ साम को 6 बजे बाजार चली गई और रास्ते में उनसे ''वियाग्रा '' के बारे में बोली तो ओ मेरे से पूछे कि क्यों पूछ रही हो तो मैंने बताया कि एक पेपर में पढ़ी हु तो पति जी बोले टीक है तुम्हारी ये सौक भी पूरी  कर दुगा जब मैं सब्जी लेने लगी तो पति जी एक मेडिकल कि दूकान से वियाग्रा के टेबलेट और कोहिनूर कंडोम [खुरदुरा वाला] ले लिया 7 बजे तक हम दोनों घर आ गए मैं जल्दी जल्दी खाना बनाई और सभी को खाना खिला दिया बच्चो को पढने कि हिदायत देकर टीवी बंद करवा दिया और 10 बजे तक बेडरूम आ गई और पति देव  जी का इन्तजार करने लगी [पडोश में अखंड मानस का पाठ था इस कारण पति जी 9 बजे खाना खा  कर वहा चले गए थे] जब तक ओ आते तब तक मैंने मेरी बुर और कखौरी को साफ़ कर के चिकनी कर लिया , और इन्तजार करने लगी तो नींद लग गई रात में 1 बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि पति जी मेरे बूब्स को सहला रहे थे [घर के इंटर लॉक कि चाबी पति जी साथ ले कर गए थे जिससे कि बिना किसी का डिस्टर्ब किये घर में आ जाए] तो मेरी नींद खुल गई तो मैं पति से नागिन कि तरह लिपट गई  और उन्हें किस करने लगी और उनका 8 इंची लंबा और मोटा लण्ड को खिलाने लगी [पति जी का लण्ड आगे पतला और पीछे मोटा और ऊपर कि तरफ 40 डिग्री में खड़ा है , जबकि जेठ जी का लण्ड आगे कि तरफ मोटा और पीछे कि तरफ पतला और नीचे झुका हुआ है] तो पति जी घूम कर मेरी बुर पर हाथ रखा और उजाले में [हस्बैंड जी को पूरे उजाले में चोदने में ज्यादा मजा आता है इस कारण रूम कि ट्यूबलाइट जला दिया है]चिकनी बुर देख कर  खुस हो गए और बोले ''आज ही साफ किया क्या'' तो मैं बोली ''हां '' तब पति जी बुर को चाटने लगे और मैं सम्भोग के लिए मन ही मन तैयार हो गई और हस्बैंड का लण्ड खिलाने लगी , पति देव चूत को चाट - चाट कर मेरे तन -वदन में आग लगा दिया ,[इनकी आदत है ये पहले मुझे खूब तपाते है जब मैं जलने लगती हु तो लण्ड के ठोकरो कि बरसात से मुझे  बुझाते है जबकि जेठ जी आग तो लगा देते थे पर आग को बुझाने के पहले खुद ही बुझ जाते थे] मैं उनका हाथ पकड़ कर खीचने लगी और कहने लगी अब ज्यादा  नहीं तड़पाओ जानु तो ,पति जी अभी चोदने के मुड़ में नहीं तड़पाने के मुड़ में दिखे तो मैं उनके ऊपर चढ़ गई और उनका लण्ड अपनी मुलायम बुर में डालने लगी पर अन्य दिनों कि तुलना में आज इनका लण्ड ज्यादा मोटा और लंबा लग रहा था ,मैंने अपने चूतड़ो को पति जी के पीछे घुमा लिया और 
सबसे पहले इस तरह से 9 मिनट तक पति को चोदा
लण्ड को अपनी बुर में फंसा लिया [जैसे इंजन का पिस्टन -सिलेंडर के अंदर फिट हो जाता है उसी तरह बुर-लण्ड फिट हो गए] और मैंने अपने दोनों हाथो को पति जी के घुटनो पर रख लिया और मदमस्त हाथी कि तरह लण्ड के उपर झूम झूम कर कूदने लगी पति जी मेरे चूतड़ो पर हाथ घुमा घुमा कर मुझे उत्तेजित करते रहे मैं लगातार 4 मिनट तक पति जी के घुटनो को पकड़ कर लण्ड पर कूदती रही फिर मैं घूम कर पति जी के सीने में अपने दोनों हाथो को रख लिया और फिर लण्ड पर कूदती रही रात के अँधेरे में झींगुर कि आवाज और मेरे चूत और पति के लण्ड के टकराने कि आवाज फट फट फट गूंज रही थी पति जी मेरी चुचियो को  चूसने लगे जैसे सोने पर सुहागा  हो गाय हो मैं मदमस्त होकर पति को चोदती रही पति जी मेरे चुचियो को चूसते रहे इस तरह से लगातार 5 मिनट तक मैं  चोदती रही पति जी को जब मैं थकने लगी तो पति जी समझ गए और मुझे घोड़ी बना दिया और खुद घोड़ा बन गए [मेरे पति जी में घोड़े जैसी इस्तेमाना है ]
पति देव  ने इस तरह से घोड़ी बनाकर 7 मिनट तक चोदा
और अपने मोटे लण्ड का तुफ़ानी ठोकर मारने लगे बड़े प्यार से बिना आवाज किये मैं बीच बीच में अपने एक हाथ से पति जी के सीने पर प्यार से हाथ घुमाती रही पति जी मस्त ताकतवर घोड़े कि तरह झटके मारते रहे और बीच बीच में मेरी चुचिओ को भी दबा देते तो ऐसा लगता जैसे जलती हु आग में कोई केरोसिन का तेल डालकर आग को और अधिक भभका देता है मैं उसी तरह से पति के हाथो का चुचियो पर स्पर्श से कामाग्नि से धधक जाती तो पति जी के हाथ को हटा देती पर पति जी बार बार मेरी कामाग्नि को भड़काते जाते और लण्ड के ठोकरो कि बौछार से पानी भी डालते रहते फिर आग को भड़काते और फिर लण्ड के ठोकर कि बौछार करते इस तरह से पति 7 मिनट तक घोड़े कि तरह चोदते रहे मैं स्खलन [तृप्ति] के बीच तक पंहुच चुकी थी तब पति देव ने जल्दी से 
पतिदेव ने इस तरह कि पोजीसन में 5 मिनट तक झटके दिए मेरी बुर में
अपने ताकतवर हाथो  से मुझे पलट कर पीठ के तरफ से बिस्तर में लिटा दिया और मेरी दोनों टांगो को ऊपर कि तरफ उठा दिया और हाथ को मेरे गले के पास बिस्तर में रख लिया और फिर लण्ड के झमाझम बारिश सुरु कर दिया बीच बीच में झुक झुक कर मुझे किस करते मेरी चुचियो को चूसते कभी कभी मेरे जीभ को अपने मुह के अंदर ले लेते और जीभ को चूसते [मेरी कामाग्नि जीभ और स्तनो को चूसने से सबसे अधिक बढती है ] और जोर जोर से झटके मारते मेरे मुह से उ उ उ आ आ आ आह आह आह आ आह आह आह स्स्स्स सस्स स्स्स्स उउउउउउऊऊऊऊऊ आआ आए आए आआआआआआआअ आआआआआआआआआआआअह्ह स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स अस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ईएसएस ओस्स्स्स्स्स्स्स्स्स ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्हह्हह्हह्हह आ ह्ह् ह्ह कि आवाजे निकालने लगी पतिदेव जी लगातार 5 मिनट तक जोरदार झटके देने के बाद मेरे टांगो को बिस्तर में रख दिया और मेरे ऊपर
चुदाई कि अंतिम पड़ाव में में पतिदेव ने लगातार 5  मिनट तक झटके मारा और हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए
अपना 80 किलो का बजनी शरीर जो मुझे उस समय किसी फूल कि तरह लगा रहा था रखकर अपने एक हाथ को मेरी कमर के नीचे और एक हाथ को मेरी गर्दन के नीचे रखकर मुझे पकड़ किया और जोर जोर से झटके मारते रहे मैंने मेरी बुर के अंदर कि मांसपेसियों को आपस में अंदर कि तरफ खीच लिया जिससे बुर एक दम से टाइट पड़ गई लण्ड बुर के साथ चिपकते हुए घिसाने लगा , ये मेरेअस्खलन कि निसानी है जो मेरे पतिदेव जी को पता है, ओ जान गए कि अब ज्वालामुखी फटने वाला है [मतलब मैं स्खलित होने वाली हु] मैं बुर कि मांसपेसियों को को 2 मिनट तक अंदर कि तरफ खीचे रखी पतिदेव ने झटको कि स्पीड बढ़ा दिया
मेरे मुह से उ उ उ आ आ आ आह आह आह आ आह आह आह स्स्स्स सस्स स्स्स्स उउउउउउऊऊऊऊऊ आआ आए आए आआआआ आआआअ आआआआआआआआआआआअह्ह स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स सस्स्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स अस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ईएसएस ओस्स् स्स्स्स्स्स्स्स ओह् ह्ह् ह्ह्ह् ह्ह्ह् ह्ह ओह्हह् हह्हह्हह आ उ उ उ और जोर जोर से मारो जानू और जोर जोर और जोर और  जोर सेमारो जानु करती रही और मुह से आबाज निकालते रही जोर जोर कि आवाज के साथ चुदाई कि चरम आनद को लेती रही और पति जी मेरी पूरी  जीभ को अपने मुह में डालकर कर इतनी जोर जोर से चूसते कि प्यूरी जीभ उनके मुह के अंदर चली जाती और पूरा का पूरा लण्ड मेरे गर्भासय [यू ट्रस्ट]के मुह तक ठोकर मारता और मैं स्वर्ग के शैर करती  स्वर्ग  से अचानक धरती पर आ गए दोनों मैं पति देव जी से जोर से चिपक गई जैसे नाग नागिन आपस में दो जिस्म एक जान हो जाते है इसे तरह से हम दोनों इस ठंडी में पसीना पसीना होकर एक दूसरे के साथ चिपक गए पति जी का गाढ़ा वीर्य मेरी बुर से बहने लगा पर मैं 25 मिनट कि चुदाई में इतना थक गई जितना 5 किलोमीटर दौड़ने से कोई थकता है हम दोनों बिस्तर में अगल बगल में लेट गए चिपक कर और 15 मिनट तक चिपके रहे , मेरी बुर से निकला  बीर्य  बिस्तर में फ़ैल गया फिर हम दोनों उठे पेसाब किया और मैं किचेन में गई एक एक गिलास दूध गर्म किया दो दो चम्मच डाबर का चैवनप्राश खाये और दूध पीए और फिर बेडसीट को बदल दिया बहुत देर तक बाते करते रहे घड़ी में देखा कि 2 बज गए थे ताम हैम दोनों बाते करते करते सो गए तो सुबह 9 बजे नींद खुली , आज दोनों बच्चे फिर से बिना टिफिन लिए स्कूल चले गए मैं उन्हें फोन किया कि आज स्कूल कि केंटीन से कुछ लेकर खा लेना 10 बजे लड़की कालेज चली गई टिफिन लेकर फिर खाना बनाया और पति देव जी के साथ खाया और दोनों एक साथ फिर से दिन के उजाले में चुदाइ किया मेरा अतृप्त जिस्म पूरी तरह से तृप्त हो चुका था , मैं मन ही मन कसम खाई कि आज के बाद कभी भी जेठ जी से  या किसी गैर मर्द से नहीं चुदवावाऊगी  | 
                                 मैं मन ही मन बहुत खुस थी क्योकि जेठ जी से 20 तोला सोना ऐठ लिया [चुदाई की कीमत 20 तोला  सोना] । और बहुत से कपडे भी खरीद लिया , जेठ जी द्वारा खरीदी गई सोने कि चैन पतिदेव को गिफ्ट कर दिया जब उन्होंने पूछा कि कहा से इतने रुपये  आये तो बता दिया कि बचत करके आपके लिए खरीद लाइ हु तो पतिदेव जी भी खुस हो गए जेठ जी अभी भी आते है पर मैंने उन्हें एक बार डॉट कर भगा दिया और बोली कि आज से मुझे छूने कि कोशिस नहीं करना तब से जेठ जी डर गए और मेरी तरफ देखना तक बंद कर दिया मेरे और जेठ जी के शारीरिक संबध को कोई नहीं जाना पाया फिर जेठ जी का लड़का मेरे यहाँ से पढ़ाई पूरी कर चला गया जेठ जी का आना जाना बंद हो गया | 
                  जेठ जी ने मेरा भ्रम तोड़ दिया , लंबा ऊचा मजबूत शरीर वाला मर्द अच्छी चुदाई कर सकता है 5-6 इंच के लम्बे लण्ड से भी किसी भी ओरत को संतुष्ट किया जा सकता है , अब मैं लम्बे ,हट्टे-कट्टे मर्द को देख कर नहीं ललचाती हु मेरे पति कि चुदाई से खूब संतुष्ट हु और इसके बाद किसी गैर मर्द से सम्भोग के लिए नहीं सोचा मन में |  

----यह सत्य कहानी एक महिला ने भेजा है -----

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