Friday, 8 November 2013

सगी साली दिब्या को शिर्डी में चोदा

मेरी साली साहिबा दिब्या ८५ % ऐसी  ही है

बात जनवरी २००९ कि है जब मेरी सासु जी और साली साहिबा मेरे यहाँ आई और शिर्डी साईं बाबा के दर्शन कि इच्छा जाहिर किया  तो मैं और मेरी पत्नी ,सासु ,साली जी शिर्डी के लिए चल दिए ,दिब्या कि उम्र ३० साल के आसपास होगी जबकि मैं करीब ४२ साल का हु ,दिब्या बहुत ही आधुनिक खयालात कि और बहुत ही सुन्दर हल्की सा सावला रंग , गोल मटोल चेहरा ,मांसल  सरीर गदराया वदन ,हमेशा ही कट बाह, बड़े गले का टाइट  ब्लाउज पहनती है ,जब भी मैं ससुराल जाता हु दिब्या बहुत आव भगत करती है मेरा, एकात बार तो मेरे साथ बाइक में घूमेने  भी जा चुकी है बाजार में काफी घुली मिली रहती है साली साहिबा को एक लड़का भी है करीब १८ माह का उसके कारण कई बार कार को रस्ते में रोकना पड़ा इस कारण हैम थोड़ा लेट हो गए और करीब ९ घंटे  का सफ़र करने के बाद हम साम को ८  बजे  शिर्डी से १८ किलोमीटर पहले एक छोटे से कसबे में एक होटल में रुक गए क्योकि शिर्डी में होटल बहुत महगे है होटल में हमें दो डबल  बेड वाला रूम लिया हैम सभी ने खाना खाया और रात के ९ बजे के लगभग सोने कि तैयारी करने लगे एक बेड में मैं लेट गया और एक बेड ये तीनो (सासु जी और मेरी साली और पत्नी) मेरी पत्नी अपने माँ के कारण सरम के मारे मेरे साथ नहीं सोई और साली व सासु को मेरे साथ सोने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता  मैंने तो कम्बल ओढ़ा और सो गया क्योकि जनवरी का महीना था और ठण्ड अच्छी पड़ रही थी | रात में करीब ११.३० बजे मेरी नीद खुल गई क्योकि साली का लड़का रोने लगा क्योकि तीन तीन ओरते सोई थी इस कारण जगह कि कमी पड़ती थी बालक इस कारन रोने लगा तो मेरी सासु माँ ने मेरी पत्नी से कहा कि जा सो जा उस पलंग में यहाँ जगह कम है तो मेरी पत्नी ने मन कर दिया क्योकि कि ओ बहुत गहरी नीद में थी और ओ जब नीद में होती है तो जल्दी से नहीं उठती मेरी पत्नी ने साली को बोला कि दिब्या तू जा ना क्यों परेसान कर रही है  प्रज्वल {साली के लड़के का नाम प्रज्वल  है}को साली ने थोड़ा ना नुकूर करने के बाद करीब ११.४५ पर मेरे बेड पर आ गई मैं तो जाग गया था पर सोने का नाटक कर रहा था | दिब्य ने हैम दोनों के बीच में अपने लड़के को सुला दिया और अपने कम्बल के साथ लड़के के साथ सोने लगी पर मैं जान बूझकर बीच बीच में उसके लड़के को करवट लेने के बहाने उसे दबा देता तो ओ रोने लगता कई बार ऐसा करने पर तो दिब्या ने लड़के को दूसरे किनारे पर लिटा दिया और फिर मेरे तरफ तरफ घूम कर सोने लगी मैं करीब रात में १.३० पर दिब्या को अपने कम्बल में ओढ़ा लिया और धीरे से बोला कि इतना नाटक क्यों कर रही थी पहले ही मेरे पास आ कर सो जाना था तुम मेरी पत्नी हो इसमें क्या संकोच था अब दिब्या तो सोयेगी नहीं मेरे साथ फिर इतना नाटक करने कि क्या जरुरत थी | ये सब मैं जान बूझकर दिब्या से कह रहा था जिससे दिब्या ये समझे कि मैं उसे अपनी पत्नी समझ रहा हु दिब्या ने कोई जबाब नहीं दिया और चुपचाप कम्बल के नीचे सोई रही तो मैं कुछ देर बाद दिब्या को अपनी तरफ खीच लिया और कमर में हाथ डाल  कर सीने से लगा लिया और बीच बीच में दिब्या के स्तनो को दबाने लगा दिब्या ने कोई बिरोध नहीं किया पर हलके से मेरे हाथ को अपने स्तन से हटा देती थी फिर मैं वापस स्तनो को दबाने लगता और मैं किस करने लगा दिब्या के होठो कि जोरदार किस करता और बीच बीच में दिब्या  कि जीभ को अपने मुह में रख कर चूसने लगता अब दिब्या भी गर्म पड़ने लगी और अपने हाथ को मेरे कमर में डाल दिया और हलके हाथ से अपनी तरफ खीच लिया मैं समझ गया कि दिब्या को चुदाने का मन पड़ गया मेरे से पर उस समय कमरे में एक हल्का सा बल्ब जल रहा था हल्का सा उजाला था कमरे में मैं चुप चाप दबे पाँव  उठा और उस बल्ब को भी बंद कर दिया अब कमरे में पूरा अन्धेरा छा गया मोबाइल  में देखा तो उस समय रात के २ बज रहे थे ,मैं वापस बिस्तर में आ गया और फिर से दिब्या के स्तन को दबाने लगा | पर मैं प्यूरी तरह से अनजान बना हुआ था मेरी नजरो में दिब्या मेरी पत्नी है और ये बात दिब्या भी समझ रही थी कि जीजा जी, जीजी समझ कर ये सब कर रहे है मैं मेरे नाटक में सफल हो रहा था ,मैं दिब्या कि साड़ी को जांघो से ऊपर खिसका दिया और जांघो को सहलाने लगा और धीरे से ब्लाउज और ब्रा का हुक खोल दिया तो स्तन आजाद हो गए तो मैं स्तनो को चूसने लगा दिब्या अब मस्त गर्म पड़ गई सम्भोग के  लिए ओ मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ लिया तो मैं दिब्या कि पेंटी को निकालने लगा तो दिब्या ने अपने हाथ से ही पेंटी को निकाल दिया अब मैं दिब्या कि चूत को सहलाने लगा मस्त चिकनी चूत थी एक भी बाल नहीं थे चूत में लगता है ओ मन बनाकर ही आई थी कि जीजा जी का लण्ड लुंगी | दिब्या के मुह से हलके हलके सी अस्स आस्स आ आ उ उउउ उउउ के आवाज आने लगी और मेरे लण्ड को बार बार दबाने लगी तो मेरा ९ इंची लण्ड तड़प उठा चूत का रस पीने के लिए ।  मैं दिब्या कि साड़ी को उतारने के लिए खीचने लगा तो दिब्या ने साडी को हाथ से  से मैं समझ गया कि ये साडी नहीं उतरना चाहती है तो मैं पूरी साडी को पेट के ऊपर और पीठ के नीचे खिसका दिया और दिब्या के ऊपर  लेट गया और धीरे से अपने लण्ड को दिब्या कि चूत में घुसेड़ने लगा तो  दिब्या कि चूत टाइट है मैंने धीरे से दिब्या के कान में  नाटक करते हुए कहा कि भब्या [ मेरी पत्नी का नाम  भब्या है ] आज टाइट क्यों है  तो दिब्या ने  कुछ नहीं कहा और मेरे गाल पर  किस लेकर जोर से चिपका लिया मैं धीरे धीरे दिब्या कि चूत में लंड घुसेड़ने लगा दिब्य कि चूत सच में टाइट थी जब पूरा लंड को घुसेड़ दिया तो दिब्या मेरे पोड में हाथ लगाकर अपनी तरफ खीचने लगी मैं समझ गया कि ये झटके चाहती है तो मैं धीरे धीरे झटके मारने  लगा बिना आवाज किये क्योकि मैं सोच रहा था कि कही मेरी पत्नी व सासु कि नीद नहीं खुल जाए | मैं मजे से झटके मारते रहा दिब्या बड़े प्यार से मेरे मुह में ओठो में गालो में किस  करती रही मैं बीच बीच में दिब्या के बड़े बड़े स्तनो को दबा देता कभी स्तनो को चूसने लगता दिब्या बड़े प्यार से चुदाती रही और दिब्या धीरे धीरे ऊऊऊऊऊआआआआसीएससी  आह आह ऊ ऊ आए सी सी सी कि आवाज निकलती रही मैं झटके मरता रहा करीब ८ मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद दिब्या सिथिल पड़ गई मैं समझ गया कि ये तो जहर चुकी है तो मैं जल्दी जल्दी झटके मारने  लगा तो मैं भी स्खलित हो गया और ढेर सारा वीर्य दिब्या कि चूत में उड़ेल दिया तो दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया और फिर पेसाब करके उठ गई तो मैं आस्चर्य भरी निगाह से दिब्या को देखने लगा और बोला कि ओह आप थी ,मैं तो सोचा कि तुम्हारी दीदी है और इतना कहने के बाद मैं दिब्या के मुह से कपड़ा हटा दिया और गाल में एक जोरदार किस किया और बोला कि बहुत मजे देती हो आप तो दिब्या कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा कर चली गई मैं भी पेसाब किया व मोबाइल कि घड़ी कि तरफ देखा तो रात के २ बजकर ४५ मिनट हो रहे थे मैं चुपचाप जा कर अलग अलग कम्बल में सो गया दिब्या ने अपने लड़के को बीच में सुला दिया और भी सो गई ,सुबह कब हो गई  पता ही नहीं चला जब मेरी पत्नी ने पाँव पकड़ कर हिलाया तो नीद खुली उस समय पर ८ बज रहे थे पत्नी ने झुझलाते हुए बोली कि सोने आये हो या दर्शन करने तो मैं उठा और बैठ गया मेरी पत्नी और सास दोनों नहा कर कम्प्लीट थी सासु ने दिब्या को आवाज दिया तो ओ भी उठ गई और चौक कर इधर उधर देखने लगी और कहने लगी कि मैं इस बिस्तर पर कब आई माँ , तो सासु जी ने कहा कि रात में प्रज्वल रो रहा था तब मैंने तुझे यहाँ सोने के लिए कह दिया था तो दिब्या कुछ नहीं बोली और मेरी तरफ देखते हुए हसने लगी और मेरी पत्नी कि तरफ घूम कर बोली कि दीदी आज मैं तुम्हारी जहग आ गई , तो मेरी पत्नी बोली कि चल उठ बाते नहीं बना तैयार हो जा दर्शन नहीं करना है क्या  फिर मैं और दिब्या दोनों जल्दी जल्दी तैयार हो गए और ९ बजे मंदिर के लिए निकल लिए और मंदिर में जाकर लाइन में लग गए करीब १० बजे दिब्या के लड़के ने लेट्रीन कर दिया तो दिब्या ने कहा कि अब कैसे दर्शन करू इसने अशुद्ध  कर दिया तो मेरी पत्नी ने कहा कि जाओ इसे बाहर से साफ़ करवा लाओ तब मैंने पूछा कि कपड़ा लाइ हो इसका दिब्या तो बोली कि नहीं तो मैं मेरी पत्नी से बोला कि जब दूसरा कपड़ा नहीं है तो क्या करेगे ऐसे ही दर्शन कर लो कोई मूर्ति थोड़े ही छू रही हो तो मेरी पत्नी ने कहा नहीं आप जाओ होटल से फिर से इसके कपडे बदलवा कर लाओ तो मैंने बोला कि बहुत समय लग जयेगा तब तक तुम क्या करोगी तो पत्नी ने कहा कि मैं कई बार आ चुकी हु मम्मी को दर्शन कराकर मैं बाहर मिल जाउगी तब मैंने बोला टीक है और इतना कहकर बाहर  निकल गया दिब्या को साथ में लेकर बाहर आने के बाद मैं एक केमिस्ट कि दूकान से वियाग्रा १०० पॉवर कि एक पैकेट और कंडोम खरीद लिया और एक गोली वही केमिस्ट कि दूकान में खा लिया और फिर 
दिब्या के स्तन १०० % इसी तरह से है


होटल कि तरफ निकल लिया करीब १०.४५ पर होटल आ गया रास्ते में ही दिब्या का लड़का सो गया दिब्या ने उसके कपडे बदल कर फिर से सुला दिया तब तक ११बजकर ३० मिनट हो गए वियाग्रा का पूरा अशर हो गया मैं दिब्या को पकड़ कर खीच  लिए  बेड पर और पुरे कपडे दिब्या के वदन से निकाल कर दिब्या को नंगी कर दिया और अपने पास लिटा लिया और दिब्या को  गर्म करने लगा क्या मस्त जिस्म है दिब्या का बड़े बड़े स्तन पर बिना लटके हुए दिब्या के मस्त मस्त स्तनो को मैं चूसने लगा लाली पॉप कि तरह दिब्या गर्म पड़  गई और मेरे लण्ड  को पकड़ कर खिलाने लगी और जोर से मेरे साथ लिपट गई और बोली कि अब मत तड़पाओ जीजू और इतना कहकर मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई और लैंड को डालने लगी तो मैंने बोला कि कंडोम लगा लो तो बोली कि नहीं जीजू मुझे तो आप जैसे मजबूत और खूबसूरत लड़का चाहिए और इतना कह कर लैंड को घुसेड़ लिया और फिर मलखम्ब करने लगी खड़े लण्ड पर | दिब्या कुछ देर में थकने लगी तो मैं समझ गया क्योकि दिब्या बार बार मेरे पेट पर ,सीने पर लेट जाती और अपने चूतड़ो को हिलाने लगती कुछ देर बाद मैं दिब्या को पकड़ कर उठा लिया और अपने मजबूत बाहो से और फिर उठा उठा कर चोदने  लगा दिब्या ने अपने दोनों हाथो को मेरे गले में डालकर झूला झूलती रही करीब ७ मिनट तक मैं दिब्या को झुलाता रहा दिब्या जोर जोर से किस करने लगी मेरी जीभ को जोर जोर से चूसने लगी फिर मैं दिब्या को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और चोदने लगा अब दिब्या जोर जोर से उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ अ अ आ अ अ अ अ अ अ आए  आ आए ऊ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ फु आह आह आह आह सी सी सी उफ़ उफ़ आह आह अहाआआआआअ ऊऊऊऊऊऊऊओ ओऊ आह आह उइमा उइमा उमा आह आह ऊ ऊ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ आह आह आह आह करती रही और मैं दिब्या को बड़े प्यार से जोर जोर झटके मारता रहा और फिर इतने टीजी तेजी झटके मारने  लगा ५ मिनट बाद मैं और दिब्या दोनों एक साथ स्खलित हो गए तो मैंने दिब्या को दाए करवट लिटा दिया और बोला कि बताओतुमारी किस नाक से ज्यादा हवा निकला रही है तो दिब्या ने कहा कि बाई नाक से तब मैंने मेरी नाक को दबा दबा कर देखा कि दाई नाक से हवा निकला रही है मतलब दिब्या का बायाँ  सुर और मेरा दाया सुर चल रहा है मैंने दिब्या को बोला कि इसी तरह से १० मिनट तक लेटी  रहो १०० % लड़का ही होगा तब दिब्या य बिस्तर पर लेटी रही घडी कि तरफ देखा तो उस समय पर १२ बजकर २५ मिनट हो गए थे | इतने में मेरी बीबी का फोन आया तो पूछी कि कहा पर हो तो मैं बताया कि मैं तो होटल के बाहर  चाय पी रहा हु तो बोली कि हैम दोनों ने दर्शन कर लिया है आ जाओ हमें लेने तो मैंने बोला कि दिब्या कब दर्शन करेगी तो बोली कि हमें पहले ले जाओ फिर मैं प्रज्वल को सम्हाल  लुंगी और आप दोनों दर्शन कर लेना तो मैं बोला टीक है और तैयार होकर उन दोनों को लेकर आ गया फिर  सभी ने होटल में खाना खाया और सो गए करीब ४ बजे उठे तो मेरी पत्नी ने कहा कि जाओ इसे (दिब्या कि तरफ इसारा  किया )भी दर्शन करा लाओ तो मैंने वोला कि टीक है ,फिर मैं और दिब्या करीब ४.३० बजे उठे और मंदिर चले गए रास्ते भर दिब्या ने बहुत सी बाते किया  अपने  पति के बारे में दिब्या के अनुसार उसके पति सेक्स करने में ज्यादा रुची नहीं लेते ओ धार्मिक विचारो के है ॐ शांति ॐ शांति दिन भर करते रहते है ॐ शांति से जिस्म की प्यास कैसे बुझेगी जीजू आप ही बताओ ओ जब देखो तब माउन्ट आबू भाग जाते है ब्रह्म कुमारी आश्रम में मैं यहाँ अकेले तड़पती रहती हु बहुत समझाया कि मत पड़ो  इन सबके चक्कर में पर नहीं मानते क्या करू मैं तो बहुत परेसान हु इनसे  महीने में एकांत  बार ही करते है सेक्स | जबकि दिब्या पाश्चात्य संस्कृत कि तरफ ज्यादा झुकाव है दिब्या को रोज रोज सेक्स पसंद है | हैम दोनों मंदिर में भी बहुत बाते  करते  रहे और फिर हम् करीब ८ बजे होटल  गए | अगले दिन अपने शहर की  तरफ निकल लिए दिब्या और सासु माँ करीब एक सप्ताह तक हमारे पास रही इस एक सप्ताह में एक दिन फिर से मोका मिल गया घर में ही दिब्या  को चोद दिया | 
             दोहपर में करीब १२ बजे पत्नी और सासु माँ जी बाजार चली गई दोनों बालक स्कूल में थे घर में मैं सोया हुआ था रात कि डूटी करने के बाद मैं गहरी नीद में था पर  लगा कि कोई मेरे बगल में लेटा हुआ है जब मैं  देखा तो दिब्या मेरे बगल में लेटी हुई थी मैंने देखा तो बोला कि क्या कर रही हो, ओ (मेरी पत्नी)  आ जायेगी तो दिब्या मेरे से चिपकते हुए बोली कि दीदी और मम्मी बाजार गई है चिंता नहीं करो जीजू और किस करने लगी मुझे तब मैं जोर से खीच कर दिब्या को सीने से चिपका लिया , दिब्या का लड़का दूसरे कमरे में सोया हुआ था और मैं अपने बेड रूम में सोया हुआ था इस कारण बालक कि कोई चिंता नहीं थी दिब्या को ,दिब्या सिर्फ एक गाउन पहन हुए  मेरे बगल में लेट गई और बोली जीजू जल्दी कर लो नहीं तो दीदी मम्मी जायेगी तब मैंने दिब्या को बोला कि चिंता नहीं करो मेरी जान तुम्हारी जीजी अब ४ घंटे  नहीं  आने वाली है क्योकि उनकी सोपिंग कि स्टाइल मैं जानता हु १० दूकान बिना घूमे ओ कोई सोपिंग करती ही नहीं है | दिब्या को मैं  किस करने लगा और दिब्या के वदन में हाथ  लगा तो पता चला कि दिब्या सिर्फ गाउन ही पहन रखा है गाउन के नीचे ब्रा और पेंटी नहीं है  मैं दिब्या कि गाउन को उतारने लगा तो बोलीमत उतारिये कही जीजी आ गई तो-मैंने बोला कि ओ इतनी जल्दी नहीं आयेगी और फिर मैंने दिब्या कि जिस्म से गाउन को उतार कर फेक दिया और दिब्या कि सुन्दर सुन्दर जांघो में तेल लगाकर मालिस करने लगा  दिब्या को,उलटा लिटा दिया और पीछे से पुरे वदन में बढ़िया तेल लगाकर मालिस किया फिर चूत में तेल डालकर सहलाने लगा दिब्या गर्म पड़ने लगी तो दिब्या को सीधा लिटा दिया और फिर स्तनो के ऊपर ढेर सारा तेल उड़ेल दिया और स्तनो कि मालिश करने लगा क्या मस्त स्तन है दिब्या के इतना मजा आया आया स्तनो कि मालिश में कि बता नही पा  रहा हु जैसे कोई मछली बार बार हाथ से फिसलती है उसी तरह से दिब्या के स्तन हाथ से फिसल रहे थे उस समय पर दिब्या अब उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ अ आ अ अ अ अ अ आ अ अ आ आए आ आ अह अह अ अह अह अह अह सी सी सी स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स अस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स के  लगी और मेरे लंड  को पकड़ लिया मैं समझ गया कि ये अब चुदाने के लिए बढ़िया तैयार हो गई तो मैं दिब्या को घोड़ी बना दिया और पीछे से पूरा लण्ड  पेल दिया प्यूरी ताकत से तो दिब्या कहती है कि बस इतना ही और घुसा दो जीजू मारो ना जोर जोर से धक्के आज कोई नहीं है सुनने वाला और फिर मैं सुरु हो गया दिब्या कि चुदाई करने जोर जोर से झटके मराने लगा पूरा कमरा फट फट फट फट कि आबाज से गुजने लगा लगातार ५  मिनट तक झटके मरने के बाद दिब्या पेट के बल लेट गई तो मैंने दिब्या के पेट के नीचे एक  दिया जिससे कि चूत को ज्यादा प्यार से चोदु फिर दे दनादन दे दनादन दे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादन झटके मारने लगा दिब्या भी जोर जोर से बोलती और जोर से मारो जीजू और जोर उउउऊ दिब्याउउउ आआआआआआआ आआआआआआआअ सीईईईईईईईईए सीईईईइ उ उ अह आअह  करती रही और मैं झटके मारता आरहा करीब ५ मिनट बाद दिब्या ढीली पड़  गई तो मैं समझ गया कि ये स्खलित हो चुकी है मैं भी मंजिल के पास ही था जोर से झटका दिया और आखिरी समय में घोड़े कि तरह पूरी ताकत लगाकर दिब्या कि चूत में ढेर सारा वीर्य उड़ेल दिया जो बहने लगा इस तरह इस मजेदार चुदाई का अंत हुआ दिब्या अपने लड़के के साथ जाकर सो गई और मैं मेरे कमरे में सो गया | साम को ५ बजे जब मेरी पत्नी आई तो कुछ देर बाद दिब्या से पूछा कि क्या हुआ तेरे जीजा अभी तक नहीं उठे सो कर तो दिब्या ने कहा मुझे नहीं पता  समय पर जाग गया था | इस तरह दिब्या और सासु माँ एक दिन बाद ही चली गई |  करीब डेढ़  माह बाद दिब्या का फोन आया मेरे पास और बोली कि जीजू मैं फिर से पेट से हो गई हु और ओ आपका ही है तो मैंने बोला टीक है पैदा करो तुम्हारी  बड़ी इच्छा थी ना तो हसने लगी और बोली कि जीजू आपकी बहुत याद  आती है तो मैं बोला कि आ जाओ जब इच्छा हो तो बोली कि सच में आ जाउ तो मैंने फिर से बोला कि आ जाओ जीजी से नाट कर लो तो एक दिन दिब्या ने भब्या से कहा कि दीदी मेरी तबियत टीक नहीं रहती और यहाँ गाव में अच्छे  डाक्टर नहीं है मैं आ जाउ तुम्हारे पास तो भब्या ने कहा कि आ जा तेरा ही घर  है और तब २ माह बाद दिब्या फिर से आ गई मेरे पास और जब भी मोका मिलता दिब्या को चोदता  ९ माह बाद दिब्या को एक सुन्दर सा लड़का पैदा हुआ और इस तरह आज भी दिब्या बीच बीच में आती रहती है मेरे पास कभी कभी मैं दिब्या के गाव जाता तो दिब्या से मिल कर आता मोका मिलता तो गाव में भी चोद देता
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