सरला भाभी (बड़ी साली) सेम टू सेम ऐसी ही लगती है सेक्सी और सुन्दर |
मेरी बीबी 4 बहनें है उनमे से सबसे छोटी मेरी बीबी है । और दूसरे नंबर की मेरी बड़ी साली है ''सरला'' जिनकी उम्र इस समय करीब 41 साल के आसपास होगी, मेरी बीबी, बङी साली से 10-12 साल की छोटी है । मैं भी अपनी बीबी की ही उम्र का हु, बड़ी साली को शादी के समय देखा था तब बहुत ही सुन्दर थी, अभी 4 साल पहले देखा था तब भी बहुत सुन्दर थी,सरला अपनी उम्र से 5 -7 साल छोटी लगती है,इतनी उम्र में भी पेट नहीं निकला और न ही ज्यादा मोटी हुई वदन आज भी कसा हुआ है,चूचियाँ बड़ी बड़ी है, । आधुनिक खयालो की हैं । जब मिलती है तो खूब हँसी मजाक करती है । मेरे यहाँ लड़की के 4 साल बाद लड़का हुआ पूरा परिवार खूब खुस हुआ उसी खुसी में शामिल होने मेरी बड़ी साली आने वाली है , ये बात मेरी पत्नी पुनीता ने बताया। मैं मन ही मन बहुत खुस हुआ, मैं बड़ी साली को मन ही मन सपने में कई बार चोद चुका हु,हकीकत में कब चोदुगा ये मौका तलासते रहता हु । मेरी बड़ी साली गाँव में नहीं रहती ये बाहर रहती है इनका बड़ा सा ब्यापार है इनके पति मेरे साढू भाई जिन्हे मैं दादा कहता हु ओ भी ठीक-ठाक लगते है,साढू और साली में उम्र का ज्यादा फासला है, साढू भाई, सरला भाभी से करीब 7 साल बड़े हैं पर देखने में 10-12 साल बड़े लगते है । चिपके हुए गाल मरियल सा कमजोर शरीर पर पैसे अच्छा खासा कमाते है, जबकि सरला भाभी इस उम्र में भी गजब की सेक्सी लगती है । बड़ी साली को मैं भाभी कहता हु । दोनों बहनो में आपस में बहुत प्यार है, बड़ी साली जी मेरी पत्नी को बहुत मानती है । जब भी गाँव आती है मेरे लिए मेरे बच्चो के लिए अपनी बहन (मेरे बीबी) लिए कपडे, खिलौने आदि लाती है ।और जब आती है तो तीन-चार दिन तक मेरे घर में रहती है खूब हँसी ठिठोली होती है । पुनीता रात बोली ''दीदी आ गई है जाकर उनके गाँव से ले आओ'' मैं सुबह 9 बजे जाने की तैयारी करने लगा तो देखा की बुलेरो नहीं दिखी घर में तब पुनीता को बताया तो पुनीता बोली '' बाइक से चले जाओ बहाने मत बनाओ '' मैं तो मन ही मन खुस हो गया की बाइक में कही न कही तो भाभी को टच करने/करवाने का मौका तो मिलेगा ही । पुनीता ने फोन कर दिया की दीदी तैयार रहना ये लेने जा रहे है । मैं 10 बजे बड़ी साली जी के घर पहुंच गया,मेरे गाँव से इनका गाँव करीब 20 KM दूर है,रोड बहुत अच्छी नहीं है । जाते ही साली ने अपने कमरे में मुझे बुलाया और वहीं मिठाई के साथ पानी पिलाया फिर साली जी मेरे पास ही बैठकर चाय दिया और खुद भी पीने लगी
भाभी ने ऐसा ही ब्लाउज पहन रखा था , उनके होठ ऐसे ही पतले पतले है लाल लाल हैं |
सरला भाभी पीछे से देखने में ऐसी ही लगती है |
सेक्सी,मांसल जिस्म है, पुनीता तो इतनी दुबली है की चोदो तो उसकी हड्डिया चुभती है । मैं सरला भाभी को देखते रहा ओ मेरे तरफ अपनी पीठ घुमाकर साडी पहनती रही 5 मिनट में तैयार हो गई और बोली अब आप बाहर जाइए मैं दीदी (जेठानी)से पूछ लू फिर चलती हु । फिर सरला भाभी 5 मिनट बाद मेरे साथ बाइक में चलने के लिए तैयार हुई तो इतने में साली जी के जेठ जी आ गए तो ओ नाराज पड़ने लगे और बोले ''रोड खराब है कैसे जाएगी'' तब मैंने कहा ''धीरे धीरे चला जाउगा दादा भाई '' तब भी दादा नहीं माने और ड्राइवर से बोले ''जाओ दोनों को वहा (मेरे गाँव का नाम लिया) छोड़कर आ जाओ '' तब दादा भाई की ओरत से साली जी बोली '' जाने दीजिये जिज्जी 20 मिनट की तो बात है भाई साहब क्यों परेसान हो'' तो भाभी जी (साली जी की जेठानी) ने दादा (साली जी के जेठ जी) से कहा जाने दीजिये कोई दिक्कत वाली बात नहीं है,तब दादा मान गए और मैं साली को अपनी बाइक में बिठा लिया,एक छोटा सा बेग को बाइक में बाँध लिया और दोनों निकल लिए । सरला भाभी जब तक गाँव से एक किलोमीटर दूर थी तब बाइक की सीट में दूर बैठी थी ,जैसे ही बाहर निकली मैंने जानबूझकर ब्रेक मारा तो मेरे पास पीठ से चिपक गई उनके स्तनों के स्पर्श से मेरे तन बदन में आग सी लगने लगी । रास्ते में सरला भाभी खूब बाते करती रही और ऐसी बैठी थी जैसे पुनीता बैठती हो । एक दम से चपककर रास्ते भर गर्म करती रही मुझे । सरला के ब्यवहार से लगता है की जरूर चुदवा लेंगी । इसके पहले भी दो बार सरला को लेने आया था पर तब बुलेरो से आया था और अलग अलग सीट में बैठा था,कभी मौका
नहीं मिला क्योकि ड्राइवर जो साथ में रहता था । भाभी की चुचिओ के स्पर्श से मेरे अंदर सैतान जगा और मन ही मन प्लानबना लिया की किसी तुवर के खेत में सरला भाभी को चोदु ये सोच कर मैंने एक तुवर के खेत के पास रोड किनारे बाइक को रोका और बोला ''भाभी मुझे टाइलेट लगी है'' तो भाभी बोली ''जीजा जी टाइलेट ही करना और कुछ नहीं करने लगना'' और इतना कहकर जोर से हसने लगी तब मैंने तपाक से बोला ''भाभी जी और कुछ करने के लिए किसी की जरुरत होती है '' तब भाभी बोली '' बिना किसी के भी और कुछ किया जा सकता है '' और इतना कह कर हसने लगी,उनकी बातो का मतलब नहीं समझा और तुवर की खेत में पेसाब करने घुस गया और पेसाब करके पलट कर देखा तो भाभी बाइक के पास नहीं दिखी तो मैं इधर उधर देखने लगा तो सरला भाभी खेत में पेसब करती दिखी, तब मैं जल्दी से सरला भाभी के पास पहुंच गया और जब ओ उठी तो उनके चिकने चिकने नितम्ब दिखाई दिए तब मैं अपने आपको कंट्रोल नहीं कर पाया और भाभी के पास जाकर तुवर के घने खेत के अंदर खड़ा हो गया और उनकी तारीफ करते हुए बोला '' भाभी आप बहुत सेक्सी और सुन्दर हैं '' तब भाभी कुछ सेकण्ड तक ऊपर से नीचे तक देखी और बोली '' आप भी तो गबरू जवान हो '' इतना सुनते ही मैं भाभी को पकड़ कर चुम लिया और उनके स्तन को दबा दिया तो भाभी मेरे इस ब्यवहार के लिए तैयार नहीं थी ओ चौक कर बोली '' ये क्या कर रहे हो जीजू'' तब मैं फिर से भाभी को किस करते हुए चूची को दबा दिया तब भाभी कांपती हुई आवाज में फिर से बोली ''चलिए बाहर निकलिए पागल पन मत करिये'' इतना कहकर चलने लगी तब मैंने सरला भाभी को पकड़ कर अपनी मजबूत बाहो में दबा लिया और पागलो की तरह भाभी को किस करने लगा,उनकी चुचियो को दबाने लगा तो भाभी फिर से काँपती हुई आवाज में बोली '' जीजू,प्लीज़ छोड़ दो क्या कर रहे हो,कोई देख लेगा'' तब भी मैं भाभी को नहीं छोड़ रहा था चुचियो को दबाते हुए उनको किस करता रहा। उनकी आवाज से लगा रहा था की ओ मना कम कर रही थी बल्कि ओ चाह रही थी की और दबाऊ उनकी चुचियो को और किस करू । इतने में कोई वाहन निकला रोड से तो भाभी जल्दी से मुझे छोड़ कर अलग हो गई और खेत से बाहर जाने लगी तब मैंने हाथ पकड़ कर रोकना चाहा तो बोली '' जीजू होस में आओ, यहाँ ये सब अच्छा नहीं लगेगा'' तब मैंने पूछ लिया '' फिर कहाँ अच्छा लगेगी'' तो चलते चलते बोली '' इन सब के लिए ये जगह उचित नहीं है'' और जल्दी जल्दी बाहर चलने लगी तुवर के खेत से तब मैं भी उनके पीछे पीछे बाहर आ गया खेत से और बाइक में चाबी लगाया और बाइक स्टार्ट करके भाभी को बोला ''बैठीए भाभी जी '' तो ओ बाइक में बैठ गई और चल दिए गाँव करीब 4 किलोमीटर और बचा पर रोड बहुत खराब है कारण बाइक धीरे धीरे चला रहा था, भाभी मुझे पकड़ कर चिपककर बैठी थी मुझे खूब मजा आ रहा था पर रोड खराब होने के कारण कुछ बोल नहीं रहा था,जब थोड़ा अच्छी रोड आई तब मैंने भाभी से बोला '' नाराज हो भाभी'' तो बोली ''हां नाराज हु '' और इतना कहकर मेरी पीठ में एक हलकी से चपत मार कर फिर पीठ को चुम लिया मैं समझ गया की भाभी जी नाराज नहीं है बल्कि खुस है । भाभी जी मेरे गठीले मजबूत कसरती वदन और मेरी सुंदरता को चखना चाहती है, मैं भी भाभी की मांसल जिस्म का मजा लेना चाहता हु । इसके बाद भाभी फिर से बाते करने लगी बाते करते करते गाँव के नजदीक पहुचने लगे तो भाभी अपने आप दूर खिसकर बैठ गई और कुछ ही देर में घर पहुंच गया । और दोनों बहने आपस में बातो में मसगुल हो गई मैं एक किनारे हो गया ।
मैं कई बार अपने कमरे में गया पर मौका नहीं मिला की सरला भाभी से कुछ प्राइवेट बाते करू ।
गाउन में सरला भाभी की चूचियाँ ऐसी ही लग रही थी |
सरला भाभी का जिस्म 95 % ऐसा ही है |
'' चलो ऊपर पलंग में'' तो सरला कान में धीरे से बोली की
'' नहीं जाऊगी पुन्नू जाग गई तो अनर्थ हो जाएगा'' और मुझे अपने पास से उठा दिया तो मैं निरास होकर ऊपर अपने बिस्तर में आ गया पर रात भर नींद नहीं आई टीक से । सुबह सुबह झपकी लगी तो गहरी नींद में सो गया कुछ देर बाद ऐसा लगा जैसे कोई मेरे सरीर में हाथ घुमा रहा हो ,जब नींद खुली तो देखा की सरला मेरे गाल पर अपना हाथ घुमा रही थी,जगाने के लिए,जैसे ही आँखे खोला तो मुझे किस करर्ते हुए धीरे बोली '' उठो जीजू सुबह हो गई '' तब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो 8 बज गए और उठ गया और सरला की तरफ बढ़ने ही वाला था की पुनीता आ गई । दिन भर हँसी ठिठोली में निकल गया,कई बार अपने रूम में आया पर मौका नहीं मिला की सरला को किस करू या बात करू पुनीता रूम से बाहर ही नहीं निकली कई चक्कर काट कर रह गया । साम के 5:00 बजे सरला भाभी अचानक गाँव जाने तैयार हो गई,पुनीता ने बोला जाओ जीजी को छोड़कर आओ,तो मैंने पूछ लिया ''अचानक क्या हुआ '' तो पुनीता ने बताया की जीजी की सास की तबियत अचानक खराब हो गई तो जीजी के जेठ,जेठानी सास जी को शहर लेकर जायेगे इस लिए जीजी को जाना जरुरी है । मैंने जल्दी से कपड़ा पहना और 10 मिनट में तैयार होकर सरला भाभी को बाइक में बिठाकर चल दिया । गाँव से 1 KM दूर जैसे ही निकला सरला भाभी चिपक कर बैठ गई और बाते करने लगी, रोड खराब थी इस लिए बड़े आराम से बाइक चला रहा । सरला भाभी से पूछा की ''रात में क्यों नहीं आई मेरे पास'' तो बोली '' जीजू ज़रा सी चूक हम दोनों बहनो और आप पर कितनी भरी पड़ती आप सोच भी नहीं सकते है,कोई भी ओरत कभी नहीं चाहती की उसका पति किसी और औरत से शारीरिक संबध बनाये'' तब मैंने कुछ नहीं बोला और सरला की बाते सुनता रहा और मन ही मन सोचता रहा की अच्छा खासा मौका हाथ निकल रहा है कैसे चोदु सरला भाभी को यही सोचते सोचते खराब रोड निकल गई और अच्छी रोड आ गई और बाइक तेजी से चलाने लगा तो सरला भाभी बोली ''जीजू बाइक धीरे चलाइये मेरा मोबाइल बज रहा है '' तब मैंने बाइक धीमी कर दिया सरला भाभी ''इतना जल्दी क्यों कर रहे हैं,घर ही तोचलना है'' और फिर अपना मोबाइल निकाल कर बाते करने लगी आवाज क्लियर नहीं आ रही थी तो मेरे पीठ पर हाथ ठोकी और इशारा किया रुकने मैं रुक गया सरला बात करने लगी और मैं बिना पेसाब लगे पेसाब करने पास के ही तुवर के खेत में घुस गय, जब वापस आया तो सरला बात कर चुकी थी मैं जाते ही सरला को चुम लिया तो दूर हटाते हुए बोली '' यहाँ कोई देख लेगा जीजू, बचपना नहीं करो'' तब मैंने पलट कर कहा की ''चलो खेत के अंदर वहा कोई नहीं देखेगा'' तो बोली '' नहीं जाऊगी, बाइक खड़ी देखकर कोई आ गया तो क्या सोचेगा'' तब मैंने कहा की ''बाइक को छिपा देता हु'' तब बोली '' नहीं मुझे नहीं जाना है खेत में, आप तो चलिए यहाँ से'' तब मैं जिद करने लगा और हाथ जोड़ने लगा और कहने लगा ''भाभी जी प्लीज़। प्लीज़।प्लीज़ सिर्फ एक बार करवा लीजिये'' और इतना कह कर अपनी आखिरी चाल चलते हुए झुक कर भाभी के पाँव पकड़ लिया,तो भाभी अपना पाँव पीछे करते हुए बोली '' जीजू उठो कोई देख लेगा'' तब भी मैं नहीं उठा रहा था तो भाभी मेरे दोनों हाथ पकड़ते हुए उठाने लगी तो मैं उठकर भाभी से चिपक गया करने लगा और फिर कहने लगा ''भाभी जी प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ एक बार चलो खेत में'' तब भाभी बोली ''चलिए घर में आपकी इच्छा पूरी कर दूंगी'' तब मैंने कहा ''घर में कैसे हो पायेगा'' तब भाभी बोली ''जेठ जेठानी जी माता जी माँ (सासु माँ) को लेकर शहर चले गए घर में सिर्फ चचेरे देवर की 12 साल की एक लड़की ''बबिता'' है और एक नौकर है '' तब मैंने कहा '' साढ़े 5 तो यही हो गए ,कब पहुँचूगा कब क्या होगा ,वापस भी आना है '' तब सरला भाभी बोली ''रात में वापस मत आना रुक जाना '' तो मैंने कहा ''पुनीता चिल्लाएगी '' तब भाभी बोली ''पुन्नू को मैं समझा लुंगी,अब चलिए बाइक स्टार्ट करिये'' तब मैं खुसी खुसी बाइक को किक मारा और भाभी को बिठा कर चल दिए रस्ते भर बात करते करते, रास्ते में भाभी बोली ''जीजू मुझे उल्टी उल्टी (वोम्टिंग) सी लग रही है, आगे कही मेडिकल स्टोर दिखे तो बाइक रोकना'' तो मैंने कहा टीक है भाभी करीब 10 मिनट बाद एक बजारनुमा कसबे से निकला तो एक मेडिकल स्टोर के पास बाइक रोक दिया भाभी उतारकर मेडिकल स्टोर से मेडिसिन लेने चली गई फिर वापस आई और बाइक में बैठ गई । करीब 6:00 बजे भाभी के घर पहुंच गया,ठंडी का महीना 6 बजे अन्धेरा हो गया । पहुँचते ही सरला भाभी अपने कमरे में चली गई और मुझे बोली आप बैठक वाले रूम में बैठिये । [सरला भाभी का परिवार बहुत बड़ा है पर सभी नौकरी और बिजनेस में है इस लिए गाँव से बाहर ही रहते है ] बैठकर रूम शहर के घरो की तरह बढ़िया से डेकोरेट किया हुआ था । तीन बड़े बड़े बढ़िया वाले सोफे 6 बाई 6 का तखत जिसमे नर्म मुलायम गद्दा और तकिया रखा हुआ था । दरवाजों और खिड़कियों में बढ़िया सा पर्दा लगा हुआ था । कुछ देर में बबिाता मिठाई और पानी लेकर लेकर आई तो मैं पानी पीते पीते बबिता से कहा की टीवी ऑन कर दो और मैं टीवी देखने लगा करीब 10 मिनट बाद सरला भाभी कॉफी लेकर आई और सामने वाले सोफे में बैठकर मेरे साथ कॉफी पीने लगी और बात करने लगी बात करते करते कब 6:45 बज गए पता ही नहीं चला । सरला भाभी से पूछा की '' पुनीता से बात किया क्या '' तब सरला भाभी ने आँख को हलके दबाया और बबिता की तरफ इसारा किया तब मैं समझ गया और चुप हो गया और कुछ ही मिनट में बबिता को सरला भाभी बोली '' बेबी जाओ पढ़ाई करो टीवी मत देख'' तो बबिता चली गई । तब भाभी ने पुनीता को फोन किया और बताई की गाडी पंचर हो गई थी लेट हो गई अब जीजू अँधेरे में कैसे जायेगे तब पुनीता मेरे से बात किया और बोली आ जाओ तब मैंने पुनीता को बोला की गाडी की हेड लाइट भी बंद हो गई है कैसे आऊ अँधेरे में तो पुनीता बोली टीक है रुक जाइये पर सुबह जल्दी जाना तब मैंने कहा टीक है और फोन सरला भाभी को दे दिया तो सरला भाभी पुनीता से बाते करने लगी । सरला भाभी कहने लगी '' पुन्नू तू चिंता नहीं कर सुबह जल्दी ही भेज दूंगी'' । पुनीता इस कारण चिंतित क्योकि मेरी छुट्टियाँ ख़त्म हो गई,मुझे जल्दी ड्यूटी ज्वाइन करनी है।मैं आईडिया सेलुलर कंपनी में एल्क्ट्रीसियन हु ।
बात करते करते 7 बज गए सरला भाभी किचेन में घुस गई मैं बैठक रूम में टीवी देखने लगा । कुछ देर में इनका नौकर भैस का दूध निकालकर आँगन में रख कर सरला भाभी को आवाज लगा कर चला गया पर सरला भाभी ने नहीं सुना तो मैं दूध की बाल्टी उठकर भाभी के पास रख दिया और बाते करने की सोचा तो भाभी ने मुह में ऊँगली रखकर मना कर दिया तब मैं वापस टी वी रूम में आकर टीवी देखने लगा करीब 8 बजे भाभी ने खाना खिलाया और नौकर को भी आवाज देकर उसे भी खाना दे दिया, बबिता भी खाने लगी । जब सभी ने खा लिया तब भाभी भी
सरला भाभी की चूची की ओरिजनल फोटो मसलने के बाद |
10:30 बजे टीवी,लाइट बंद करके भाभी का इन्तजार करने लगा पर भाभी 11:00 बजे तक नहीं आई तो मैंने नंगे पाँव बिना आवाज किये भाभी के कमरे में घुसा तो एक जीरो वाट का लाल रंग का बल्ब जल रहा था उसके हलके उजाले में भाभी को छुआ तो हाथ से इसारा किया की ''जाओ अभी आती हु 10 मिनट में'' तब मैं वापस आ गया बैठक रूम में । मेरे लण्ड का जोस सातवें आसमान पर था ऐसा लग रहां है जैसे दूध में कोई मेडिसिन घुली हुई हो , लण्ड में गजब का तनाव पैदा हो गया है, पहली बार लण्ड में ऐसा तनाव महसूस किया
सरला भाभी की चूची की ओरिजनल फोटो मसलने के पहले |
। तकिया को अपने सीने से चिपका कर लंड को बार बार बिस्तर में दबा रहा था । इतने में करीब सवा 11 बजे भाभी आई और कान में धीरे से बोली '' उठो यहाँ से आओ मेरे साथ '' तब मैं भाभी के पीछे पीछे दूसरे कमरे में घुस गया । कमरे में खुसबू फैली हुई थी बढ़िया डबल बेड मुलायम गद्दा तकिया,नर्म कम्बल बिछा हुआ था,खिड़की के सभी पर्दे लगे हुए थे कमरे के टेबल में रखा हुआ लाल रंग का नाईट लैम्प में डार्क रंग का ज़ीरो वाट का बल्व जल रहा था । जैसे ही मैं कमरे में घुसा भाभी दरवाजा लगाने उठी तो मैंने उन्हें पीछे से पकड़ कर चूमनेलगा तो धीरे से बोली ''ज़रा सबर करो '' और दरवाजा लगाकर आ गई बेड में,आते ही मैंने भाभी को ऐसा दबोचा जैसे बाज गौरैया को दबोच लेता है । मैं पागलो की तरह भाभी को चूमने लगा उनकी चुचियो कोदबाने लगा भाभी भी मेरे साथ चिपक गई और मेरे गालों पर हाथ सहलाने लगी और किस करने लगी तब मैंने भाभी के होठो को किस करते करते उनकी जीभ को चूसने लगा भाभी भी मेरी जीभ को होठ को चूसने लगी और मेरे हाथ भाभी के वस्त्रो पर रेंगने लगे पहले पेटीकोट का नाड़ा खोल कर पेटीकोट साडी सहित निकाल
कर अलग कर दिया फिर ब्लाउज और ब्रा खोल कर चुचियो को चूसने लगा, चूचियाँ बड़ी बड़ी होने से लट्क तो गई थी पर थी खूब टाइट । चुचियो को चूसते-चूसते भाभी को बिस्तर में लिटा दिया और मैं भी लेट गया और भाभी को खीचकर अपने ऊपर लिटा लिया और भाभी के होठो को चूसते चूसते पीठ में,चूतडो में हाथ घुमाने लगा और फिर 2 मिनट बाद भाभी को पलटा कर
भाभी ने अपनी आँखे बंद कर लिया और होठो को चबाने लगी |
भाभी की चूत में लण्ड फ़सा कर इस तरह से चिपका लिया |
भाभी को घोड़ी बनाकर चोदा |
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