Sunday, 28 December 2014

फेसबुक फ्रेंड ''दीपिका सिंह'' की चुदाई





 यह फोट दीपिका सिंह की FB प्रोफाइल पिक लगी हुई है

आज से 1 साल  पहले दिसंबर  2013 में फेसबुक में एक मेडम  ''दीपिका सिंह'' से मुलाकात हुई पहले तो हम एक  साल तक फेसबुक में अच्छे फ्रेंड बने रहे , देश दुनिया राजनीती समाज नीति पर खूब  चेटिंग करते करते एक दूसरे के बारे में जानने लगे दीपिका सिंह को दो लड़कियाँ है और ओ सरकारी नौकरी में है किस बिभाग में है ये नहीं बताया । दीपिका ने कभी अपने हसबैंड  के बारे में कोई बात नहीं किया न ही उसकी फेसबुक प्रोफाइल में रिलेसन सिप की कोई जानकारी नहीं है चेटिंग करते करते दोनों में अच्छी खासी  दोस्ती हो गई । एक दिन दीपिका ने कोई दुसरी प्रोफाइल पिक लगाया जिसमे ओ गागल (कलर फूल चस्मा) लगाए हुए थी उसमे ओ बहुत खूबसूरत लग रही थी तो मैंने उनकी तारीफ कर दिया तो जबाब में उन्होंने लिखा  ''किस मी'' बस उस दिन से बातो बातो में घनिष्ठाता और बढ़ती गई
। मैंने एक दिना दीपिका से उनका मोबाइल नंबर माँगा तो आराम से अपना नंबर दे दिया उस दिन से हम मोबाइल पर बातें करने लगे और खूब देर देर तक बातें करते, बात चीत  ज्यादातर सुबह 9 से 10 के बीच में और फिर रात के 10 बजे के बाद । एक दूसरे से खूब घूम मिल गए तो मैंने एक दिन  पूछ लिया की रात में बात करती हो तो आपके हस्बेंड को नहीं पता चलता क्या तो बोली '' ओ साथ में नहीं रहते '' तब मैंने पूछा ''ओ क्या करते है,कहाँ रहते हैं '' तो नहीं बताया फिर मैंने जोर देकर पूछा भी नहीं । मैंने एक दिन पूछा की प्रोफाइल पिक आपकी ही है तो बोली ''नहीं'' तब मैंने कहा की ''आप कैसी हैं '' तो बोली ''बहुत बदसूरत'' और हँसने लगी बातचीत का शिलशिला मधुरता में बढ़ने लगा एक दिन मैने  कहा ''ऑनलाइन वीडिओ चेटिंग करोगी'' तो बोली ''नहीं करुँगी'' तब मैंने कहा की ''अपनी ओरिजनल फोटो
दीपिका सिंह ने इस तरह की पिक सबसे पहले भेजा था
बताओ'' तो बोली '' नहीं बताउंगी '' तो मैं बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा की ''ठीक है आज से बात नहीं करुगा'' और इतना कह कर फोन काट दिया पर ओ भी जिद्दी निकली और दोनों एक दूसरे से 15 दिन तक बातें नहीं किये,15 दिन बाद एक दिन दीपिका का फोन आया तो मैं फोन काट दिया,जब भी फोन करती तो मैं बात नहीं करता जबकि मैं खुद भी उसके लिए तड़पता था  पर मैं अपने आपको रोक रखा दीपिका को तड़पाने के लिए ।  एक दिन नए नंबर से सुबह सुबह दीपिका ने फोन किया और तुरंत बोली ''आपको मेरी कसम फोन नहीं काटना'' तब मैं आवाज पहचान गया और बोला '' हां कहिये क्या सेवा करू
दीपिका सिंह ने इस तरह की पिक सबसे पहले भेजा था
आपकी '' तो बोली ''आप तो एक काम करो मुझे थोड़ा सा जहर दे दो'' और इतना कह कर फोन पर ही जोर जोर से रोने लगी उस समय सुबह के 9 बज रहे थे मैं मेरे कालेज  में आ गया था मैं ऑफिस से बाहर निकलकर '' दीपा प्लीज़-दीपा प्लीज़-दीपा प्लीज़ मत रोइए मेरी बात तो सुनिए'' कहकर मैं उन्हें समझाने लगा ओ रोती जाती और बातें करती जाती करीब 5 मिनट तक रोने के बाद ओ चुप हुई और बातें करने लगी मैंने प्रेम से समझाया तो कुछ देर में हँसते हुए कहने लगी '' मैं आपके लिए इन 15 दिनों में कितना तड़पी हु मैं ही जानती हु'' तब मैंने कहा ''तड़पा तो मैं भी हु आपके लिए'' मेरी बात पूरी होने के पहले ही दीपिका बोल पडी '' रहने दीजिये बहाने मत बनाइये'' इस तरह से
35 मिनट की बातचीत से


गिले -  शिकवे दूर हो गए और दीपिका खुस हो गई तब मैंने उनसे कहा '' अब तो अपनी ओरिजनल पिक बता दो'' तो बोली '' आप मिस यूज तो नहीं करेंगे'' तब मैंने कहा '' ओके विश्वास नहीं हो तो मत बताओ |  तो बोली ''रुकिए भेजती हु '' और अपनी दो फोटो भेज दिया पर फोटो में दीपिका का पूरा पूरा चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था । पर जितना दिख रहा था उससे लग रहा था की दीपिका बहुत खूबसूरत है । कुछ देर में मैंने फोन कर उनकी खूबसूरती की तारीफ़ करने लगा तो बोली '' चलिए हटिये,बेकूफ नहीं बनाइये,

आपसे से कम खूबसूरत हु '' तो मैंने कहा की ''मेरी अभी की पिक देख लोगी  तो बातें करना बंद कर दोगी'' तो हसने लगी और बोली ''आप जैसे भी  हैं बहुत अच्छे है '' कुछ ही मिनट के बाद फोन काट दिया बोली ऑफिस जाना है '' और बात बंद हो गई । फोटो में दीपिका की खूबसूरती को देखकर मैं उनसे वीडिओ चैट  पागल होने लगा और साम को 6 बजे फोन किया और वीडिओ चेट के लिए बोला तो ओ बोली ''अभी तो बच्चे डिस्टर्ब करेगें रात में बात करुँगी जब बच्चे सो जायेगें'' तो मैंने उन्हें अपनी परेसानी बताया की रात में मैं बात नहीं कर सकता मेरी श्रीमती जी रहती है घर में तो ओ बोली ''कल सुबह कर लूंगी बात जब मेरी दोनों लडकियां स्कूल चली जाएगी'' तब मैंने कहा ''टीक है सुबह का इन्तजार करता हु'' और मैं सुबह के इन्तजार में रात भर नहीं ठीक  से सो नहीं पाया । पर सुबह  काम में इतना ब्यस्त हो गया तो बात करने की याद ही नहीं रही और 9 बजकर 30 मिनट हो गए तो दीपिका की मिस काल आई तो मुझे याद आया और मैं ऑनलाइन हुआ और दीपिका को फोन किया तो दीपिका भी ऑनलाइन हुई और मेरे लैपटॉप की स्क्रीन पर जो चेहरा सामने दिखा मैं उसे देखकर मैं  आस्चर्यचकित रह गया इतनी खूबसूरत की उनकी खूबसूरती सब्दो से परे है । हलके हलके भूरे भूरे बाल,लाल-लाल गाल,सुर्ख गुलाबी लाल लाल होठ (बिना लिपस्टिक लगाए) समंदर सी गहराई लिए हुए नीली नीली आँखें ,सुडौल नाक, मैं अपलक  दीपिका को देखता ही रह गया इतने में दीपिका बोली '' हेल्लो कुछ बात भी करेंगे ता यू ही देखते रहेंगे'' तब मैं चौक गया और
दीपिका के होठ,गाल  ऐसे ही लाल सुर्ख है
बोला '' OMG कितनी खूबसूरत हो आप'' तो हँसने लगी और बोली ''झूठी तारीफ नहीं करिये'' तो  तब मैंने कहा ''आप वाकई में जन्नत की हुर लगती है'' तो ओ और जोर से खिलखिला पड़ी इस तरह करीब 20 मिनट तक दोनों में प्यार भरी बातें होती रही , फिर दीपिका का ऑफिस  का समय हो गया तो ओ बोली ''अलविदा'' तो मैंने उन्हें टोंका '' अलविदा नहीं कहते '' तो बोली टीक है '' बाय बाय'' मैं भी भारी मन से बाय बाय किया और ओ ऑफ़लाइन हो गई । दीपिका बाते करते समय एक कट बाह की गाउन पहन रखी थी जिसमे उनकी गोरी गोरी सुन्दर सेक्सी चिकनी चिकनी बाहें दिखाई दी । उनके होठों के बाए तरफ  ऊपर की तरफ  एक काला तिल उनकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहा था  दीपिका से वीडिओ चेटिंग  के बाद मैं उनसे मिलने के लिए तड़प उठा पर मैं उतावला पन नहीं दिखाना चाहता था । मैं ये देखना चाहता थी की दीपिका को मिलने की तमन्ना है की नहीं । अब तो
रोज रोज का क्रम बन गया 15 -20  मिनट तक दोनों वीडिओ चैट करते अपने अपने लैपटॉप की स्क्रीन पर एक दूसरे को चूमते एक दिन मैंने दीपिका से कहा '' मैं आपसे मिलना चाहता हु'' तो चहकते हुए बोली '' आ जाइए जब मिलने का मन करे'' तो मैंने कहा '' आप बहुत दूर रहती है'' (दीपिका की फेसबुक ID में कोलकत्ता का पता लिखा हुआ था) तो हँसते हुए बोली '''मैं आपके शहर के पास ही रहती हु , फेसबुक में गलत लिखा हुआ है '' तब मैंने पूछा ''गलत पता क्यों लिखा है'' तो बोली '' मजनू लोग परेसान नहीं करें इस लिए लिखा हुआ है'' तब मैंने उनसे उनके शहर  पूछा तो उन्होंने जो  नाम बताया ओ मेरे शहर से पास ही दो घंटे की दुरी पर पड़ता है । दीपिका से कहा की आप आ जाओ मेरे शहर  ओ बोली ''मेरी छोटी छोटी बेटियों को सम्हालने वाला कोई नहीं, मैं कैसे आ सकती हु, आप आ जाओ'' तब मैंने पूरा प्लान बनाकर अगले दिन चलने पूरा प्लान बना लिया और दीपिका को बता दिया तो दीपिका बोली ''आप सुबह जल्दी जाइए '' तब मैंने समय पूछा तो बोली '' आप 10:10 तक आ जाइए फिर मैं ऑफिस जाऊगी'' तब मैंने आने से मना  कर दिया और बोला '' मैं इतने दूर से आपसे मिलने आ रहा हु और आपको ऑफिस की पडी है'' तो दीपिका बोली ''नाराज मत पड़िये नहीं जाऊगी ऑफिस बस '' हस दिया तब मैं समझ गया की दीपिका भी मिलने के लिए तड़प रही हैं । अगले दिन 03 मार्च 2014 को मैं बाइक से सुबह जल्दी निकला और दीपिका के शहर में सुबह 8:30 बजे पहुंच गया और दीपिका को फोन किया तो उसने अपना पता बताया तो मैं तलासते तलासते पहुंच गया, दीपिका अपने मकान के गेट पर एक सलवार सूट पहने खड़ी मिली मैं पहचान गया और हेलमेट उतारा तो दीपिका  पहचान गई और अंदर आने  को बोली । मैं अंदर गया और दीपिका के आगे वाले कमरे में बैठा और दीपिका पीछे वाले कमरे में चली गई । मैंने आगे कमरे को बारीकी से देखने लगा, एक जवान पुरुष  की फोटो टंगी हुई थी जिसमे माला चढ़ी हुई थी और उसी बगल में एक और फोटो थी जिसमे दीपिका अपने बच्चो साथ थी उस फोटो में दीपिका में मांग  सिंदूर डला हुआ था मैं बहुत कन्फूज हुआ की माजरा क्या है । इतने में दीपिका पानी की गिलास और मिठाई -नमकीन लेकर आई और टेबल में रख दिया और बोली ''लीजिये'' तब मैंने पीस मिठाई उठाया और दीपिका के मुह की तरफ बढ़ा दिया तो दीपिका मना करने लगी तो मैंने कहा की '' नहीं खाओगी तो मैं भी नहीं  खाऊगा '' तब दीपिका  ने मुह फैला दिया तब मैंने मिठाई आधा टुकड़ा दीपिका के मुह में डाल दिया और बचा हुआ हिस्सा खा लिया तो दीपिका मेरी तरफ प्यार से देखते हुए बोली '' मेरी जूठी मिठाई क्यों खाई'' तब मैंने कहा '' मैं जहर भी खा लूंगा तुम्हारे हाथ का , मिठाई है '' तब दीपिका कुछ नहीं बोली और मेरी तरफ प्यार से देखते हुए उठकर चली गई और पीछे  के कमरे में जो बेड रूम किचेन दोनों है उसमे चाय बनाने लगी तो मैं पीछे से पहुंच गया और दीपिका की गर्दन के किस कर लिया तो दीपिका बोली ''आगे के रूम में बैठिये कोई आ जाएगा तो जबाब देना मुस्किल हो जाएगा'' तब मैं आगे के रूम में आकर बैठ गया तो कुछ देर में दीपिका कॉफी लेकर आई दोनों साथ बैठकर कॉफी पीने लगे,कॉफी पीते पीते मैंने दीपका से हार टंगी हुई फोटो के बारे में पूछा तो दीपिका हलकी दुखी होकर बोली '' ये मेरे पति है'' और इतना
कहते ही दीपिका की आँखे गीली हो गई तो मुझे बहुत दुःख हुआ तो मैंने कहा '' सॉरी मुझे पता नहीं था'' इस लिए बोला तो दीपिका   बोली ''दैट्स ओके नो प्राब्लम्ब'' और मुस्कुराने लगी पर उसकी मुस्कराहट में भी बहत दर्द छिपा हुआ था । बाते करते करते करीब 9 बजकर 15 मिनट हो गए तो मैंने दीपिका से पूछा की '' क्या प्रोग्राम है आज का'' तो दीपिका बोलि '' आप डिसाइड करो'' तब मैंने कहा की ''चलो शहर के बाहर घूमने चलते है'' तो दीपिका बोली ''कहा चलेंगे'' तो मैंने कहा '' कहीं भी चलें''  तो बोली ''टीक है आप अभी यहाँ से जाए मैं तैयार होकर आती हु
अगले चौराहे पर मिलती हु'' तो मैं उठकर 9  बजकर 45  मिनट पर चला आया और कालोनी के बाहर मेंन रोड के चौराहे पर दीपिका का इन्तजार करने लगा । करीब 10:15 AM पर दीपिका लाल रंग की साड़ी और  कट बाहँ का ब्लाउज पहन कर आई और दूर से इसारा किया और एक अॉटो में बैठ गई तब मैं ऑटो के पीछे पीछे बाइक से चलने लगा  5 KM जाने के बाद एक चौराहे से आगे सुनसान जगह पर ऑटो रुका और ओ उतर गई ऑटो वाले को पैसा दिया तब तक मैं उसके पास पहुंच गया तो तुरंत ही मेरी बाइक में कूद कर बैठ गई और बोली ''जितनी जल्दी हो सके इसी रोड में चलिए '' और इतना कहा कर दीपिका मेरे से चिपक कर बैठ गई तब मैंने बाइक तेजी से चलाते हुए शहर से बाहर आ गए तब दीपिका बोली ''अब आराम से चलाइये बाइक'' तब मैं बाइक को 30 KM की स्पीड में चलाने लगा और बातें करने लगा तो दीपिका बोली ''अरे इतना धीरे भी नहीं चलाइये,बोरियत होने लगी'' तब मैंने बाइक को 50-60 की स्पीड चलाने लगा और करीब 10 KM दूर जाने के बाद दीपिका ने मेरी पीठ को हलके से ठोका तो मैं दीपिका की तरफ पलट कर देखने लगा तो बोली '' अरे सामने देखिये और बाइक को किनारे खड़ी करिये'' तब मैंने बाइक को एक पेड़ की छाव में खड़ी किया और दोनों उतर गए और मैं बाइक पर टिक कर खड़ा हो गया और अपनी बाहों को दीपिका की तरफ फैला दिया तो दीपिका आई और मेरे बाहो में समा गई तो मैंने दीपिका को दोनों हाथो से अपने सीने में जकड लिया और चूमने लगा  दीपिका बोली ''अब बस भी करिये,रोड के किनारे खड़े हुए है '' तब मैंने दीपिका को चूमना बंद कर दिया तो दीपिका मेरी बाहों से अलग होकर सामने खड़ी हो गई और प्यार से देखने लगी तो मै बोला '' इस तरह से देखकर मुझे घायल मत करो'' तो मुस्कुराने लगी और नजरें नीची कर लिया तब मैंने बोला '' आगे का क्या प्रोग्राम है'' तो दीपिका बोली '' मेरे दिल और अपनी बाइक के ड्राइवर तो आप है जहाँ चाहे ले चले'' तब मैंने दीपिका को बोला ''वापस चलते है शहर में और किसी होटल में रुकें'' तो दीपिका

बोली  ''मुझे कोई दिक्कत नहीं है पर शहर से बाहर किसी होटल में चलिएगा शहर के अंदर कोई पहचान लेगा'' तब मैंने कहा ''टीक है'' और शहर की तरफ वापस चल दिया और जल्दी ही एक बढ़िया से होटल में पहुंच गए तब तक 11 बज गए, होटल के रिकार्ड में

दीपिका को पत्नी के रूप में बताया और एक बढ़िया से AC रूम 1200 रुपये में बुक करवा लिया ! सामान के नाम पर मेरे पास कुछ नहीं था दीपिका में पास उनका  पर्स था इतने कम सामान को देखकर होटल वाला सक की निगाह से देख रहा था फिर भी उसने रूम दे दिया और हम दोनों करीब 11 बजकर 15 मिनट पर होटल के कमरे में  पहुंच गए कमरे में पहुँचते ही तुरंत दरवाजा लगाया और दीपिका सिंह को चिपका लिया अपने सीने से और दीपिका को बेतहासा चूमने लगा और चूमते चूमते बिस्तर में बैठ गए दोनों और मैंने दीपिका  ब्लाउज के अंदर हाथ डाल कर चूची को खिलाने लगा, दीपिका की चूचियाँ एकदम से कड़क है निपप्पल टाइट पड़ चुकी थी तब मैंने दीपिका के














ब्लाउज  खोलने लगा तो दीपिका खुद ही खड़ी हो गई और अपने सभी कपडे फटाफट उतारने लगी तब मैं भी उठा और जल्दी जल्दी अपने पेंट सर्ट उतार दिया तब तक दीपिका ब्रा पेंटी में बेड पर बैठ गई मैं भी चढ्ढी-बनियान में दीपिका के पास बैठ गया और दीपिका को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और गोद में लिटाते हुए किस करने करने लगा और ब्रा के नीचे से चूची को  सहलाने लगा उधर दीपिका मेरे सीने पर जांघो पर हाथ घुमाते घुमाते मेरी चढ्ढि के नीचे हाथ डालकर मेरे लण्ड को खिलाने लगी मैं कुछ ही पल में दीपिका की ब्रा और पेंटी को निकाल दिया तो दीपिका मेरी भी   चढ्ढि उतारने लगी तो मैंने स्वेम अपनी बनियान और बनियान उतार कर एक तरफ फेक दिया ! अब दोनों एक दूसरे नंगे बैठे थे सभी सर्म हया गायब  थी दोनों की !दीपिका को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और लिटा दिया फिर  69 के पोजीसन में 
  दीपिका की चूत को चाटने लगा तो दीपिका मेरे लण्ड को अपने हाथो से खिलाने लगी और जीभ से  लण्ड के सुपाड़े को खोलते हुए लण्ड को चाटने लगी ! दीपिका की चूत बहुत ही सकरी है ज़रा सा छेद है मैं जीभ डाल डाल कर दीपिका की चूत को चाटने लगा फिर दो उंगलियो को एक साथ चूत में डालने लगा तो दीपिका जल्दी से पलट गई और मेरे सीने पर आकर लेट गई तो मैं फिर से चुचियो को चूसने लगा और दीपिका को पलटा कर नीचे कर दिया और दीपिका के ऊपर लेट गया और किस करते करते लेटे लेटे ही चूत में लण्ड डालने लगा पर लण्ड घुस नहीं रहा था तब मैं बैठ गया और दीपिका की चूत और अपने लण्ड पर थूक कर चिकना कर लिया और  धीरे धीरे लण्ड घुसेड़ने लगा जैसे जैसे लण्ड घुसता जाता तो वैसे वैसे दीपिका को दर्द बढ़ता जाता और दीपिका मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ती और रोकने लगती कुछ सेकंड के लिए रुकता और फिर से लण्ड को ठेलने लगता इस तरह से थोड़ा थोड़ा करके धीरे धीरे पूरा लण्ड घुसेड़ दिया दीपिका की 
चूत में और धीरे धीरे हलके हलके थोड़ा थोड़ा लण्ड को आगे पीछे करने लगा, लण्ड का ठोकर दीपिका की बच्चेदानी के मुह तक लगने लगा तो दीपिका को आनंद आने लगा तो दीपिका  चेहरे के भाव वदलने लगे ! धीरे धीर चुदाई में जब दीपिका को खूब मजे आने लगे तो मैं बीच बीच में लण्ड को आगे पीछे करर्ना बंद कर देता तो  दीपिका पलंग पर तड़पने लगती और अपने चूतडो को हिलाने लगती जोर जोर से तब मैं धीरे धीरे लण्ड  पीछे करने लगता और दीपिका आँखे बंद कर मुह फाड़कर चुदाई का मजा लेने लगती तो मैं फिर से लण्ड  झटके मारना बंद  कर देता ...................इस तरह से दीपिका सिंह की खूब चुदाई किया होटल में दीपिका मद मस्त हो गई चुदाई से मैंने दीपिका से पूछा की आपकी चूत क्यों इतनी टाइट हो गई  दीपिका ने बताया की बच्चियां पैदा होने  के बाद से ही चूत टाइट करने की क्रीम लगाती थी इसी दौरान इनकी(पति का नाम लिया) मृत्यु हो गई फिर भी मैं क्रीम लगाती रही और दो साल तक किसी से भी शारीरिक संबध नहीं बनाया और रोज रोज क्रीम लगाते लगाते टाइट पड़ गई ! दीपिका की कमाग्नि ऐसी भड़की की दीपिका हर सप्ताह बुलाने लगी होटल में रुकने का खर्चा भी खुद वहन करने लगी पर रोज रोज ! चुदाई का कार्यक्रम जारी है !

Monday, 1 December 2014

बड़ी साली को उनके ही घर में चोदा

सरला भाभी (बड़ी साली) सेम टू सेम ऐसी ही लगती है सेक्सी और सुन्दर

मेरी बीबी 4 बहनें है उनमे से सबसे छोटी मेरी बीबी है । और दूसरे नंबर की मेरी बड़ी साली है ''सरला'' जिनकी उम्र इस समय करीब 41 साल के आसपास होगी, मेरी बीबी, बङी साली से 10-12 साल की छोटी है । मैं भी अपनी बीबी की ही उम्र का हु, बड़ी साली को शादी के समय देखा था तब बहुत ही सुन्दर थी, अभी 4 साल पहले देखा था तब भी बहुत सुन्दर थी,सरला अपनी उम्र से 5 -7 साल छोटी लगती है,इतनी उम्र में भी पेट नहीं निकला और न ही ज्यादा मोटी हुई वदन आज भी कसा हुआ है,चूचियाँ बड़ी बड़ी है, । आधुनिक खयालो की हैं । जब मिलती है तो खूब हँसी मजाक करती है ।  मेरे यहाँ लड़की के 4  साल बाद लड़का हुआ पूरा परिवार खूब खुस हुआ उसी खुसी में शामिल होने मेरी बड़ी साली आने वाली है , ये बात मेरी पत्नी पुनीता ने बताया। मैं मन ही मन बहुत  खुस हुआ, मैं बड़ी साली को मन ही मन सपने में कई बार चोद चुका हु,हकीकत में कब चोदुगा ये मौका तलासते रहता हु । मेरी बड़ी साली गाँव में नहीं रहती ये बाहर रहती है इनका बड़ा सा ब्यापार है इनके पति मेरे साढू भाई  जिन्हे मैं दादा कहता हु ओ भी ठीक-ठाक लगते है,साढू और साली में उम्र का ज्यादा फासला है, साढू भाई, सरला भाभी से करीब 7 साल बड़े हैं पर देखने में 10-12 साल बड़े लगते है । चिपके हुए गाल मरियल सा कमजोर  शरीर पर पैसे अच्छा खासा कमाते है, जबकि सरला भाभी इस उम्र में भी गजब की सेक्सी लगती है । बड़ी साली को मैं भाभी कहता हु । दोनों बहनो में आपस में बहुत प्यार है, बड़ी साली जी मेरी पत्नी को बहुत मानती है । जब भी गाँव आती है मेरे लिए मेरे बच्चो के लिए अपनी बहन (मेरे बीबी) लिए कपडे, खिलौने  आदि लाती है ।और जब आती है तो तीन-चार दिन तक मेरे घर में रहती है खूब हँसी ठिठोली होती है । पुनीता रात  बोली  ''दीदी आ गई है जाकर उनके गाँव से ले आओ'' मैं सुबह 9 बजे जाने की तैयारी करने लगा तो देखा की बुलेरो नहीं दिखी घर में तब पुनीता को बताया तो पुनीता बोली '' बाइक से चले जाओ बहाने मत बनाओ ''  मैं तो मन ही मन खुस हो गया की बाइक में कही न कही तो भाभी को टच करने/करवाने का मौका तो मिलेगा ही । पुनीता ने फोन कर दिया की दीदी तैयार रहना ये लेने जा रहे है । मैं 10 बजे बड़ी साली जी के घर पहुंच गया,मेरे गाँव से इनका गाँव करीब 20 KM दूर है,रोड बहुत अच्छी नहीं है । जाते ही साली  ने अपने कमरे में मुझे  बुलाया और वहीं मिठाई के साथ पानी पिलाया फिर साली जी मेरे पास ही बैठकर चाय दिया और खुद भी पीने लगी
भाभी ने ऐसा ही ब्लाउज पहन रखा था , उनके होठ ऐसे ही पतले पतले है लाल लाल हैं
। साली जी इस बार और बहुत खूबसूरत लग रही थी, कट बाँह,बड़े गले और पतले कपडे का ब्लाउज पहन रखी थी जिसमे उनकी ब्रा झलक रही थी, जब ओ झुकती तो  ब्लाउज से उनकी चुचियो की घाटियां दिखाई देती ,चाय पीते पीते उनका पल्लू नीचे गिर गया तब उबके बड़े बड़े स्तन दिखने लगे , मैं एकटक देखने लगा तो सरमाकर पल्लू ले लिया और बोली '' क्या बात है बहुत घूर रहें हैं, पुन्नू को बता दूंगी'' 
(मेरी पत्नी को इनके परिवार वाले पुन्नू ही कहते है) और इतना कहकर हसने लगी, तब मैंने बड़ी हिम्मत करके बोला '' भाभी जी आप बहुत खूबसूरत लगती है'' तब उन्होंने ने बोला ''क्यों पुन्नू कम खूबसूरत है क्या'' तब मैंने बोला '' आप जैसी नहीं है '' तब ओ बोली ''क्या कमी है पुन्नू में'' तब मैंने कुछ नहीं कहा और उनकी तरफ देखने लगा तो ओ सरमा कर चली गई और कप रखने के बाद फिर आई और बोली ''आप घूम कर बैठ जाएँ मैं साडी बदल लू'' तब मैं दुसरी तरफ घूम कर बैठ गया तब सरला भाभी साड़ी बदलने लगी तो मैं तिरक्षि नजरो  देखने लगा ,क्या गजब का
सरला भाभी पीछे से देखने में ऐसी ही लगती है

सेक्सी,मांसल जिस्म है, पुनीता तो इतनी दुबली है की चोदो तो उसकी हड्डिया चुभती है । मैं सरला भाभी को देखते रहा ओ मेरे तरफ अपनी पीठ घुमाकर साडी पहनती रही 5 मिनट में तैयार हो गई और बोली अब आप बाहर जाइए मैं दीदी (जेठानी)से पूछ लू फिर चलती हु । फिर सरला भाभी 5 मिनट बाद मेरे साथ बाइक में चलने के लिए तैयार हुई तो इतने में साली जी के जेठ जी आ गए तो ओ नाराज पड़ने लगे और बोले ''रोड खराब है कैसे जाएगी'' तब मैंने कहा ''धीरे धीरे चला जाउगा दादा भाई '' तब भी दादा नहीं माने और ड्राइवर से बोले ''जाओ दोनों को वहा (मेरे गाँव का नाम लिया) छोड़कर आ जाओ '' तब दादा भाई की ओरत से साली जी बोली '' जाने दीजिये जिज्जी 20 मिनट की तो बात है भाई साहब क्यों परेसान हो'' तो भाभी जी (साली जी की जेठानी) ने दादा (साली जी के  जेठ जी) से कहा जाने दीजिये कोई दिक्कत वाली बात नहीं है,तब दादा मान गए और मैं साली को अपनी बाइक में बिठा लिया,एक छोटा सा बेग को बाइक में बाँध लिया और दोनों निकल लिए । सरला भाभी जब तक गाँव से एक किलोमीटर दूर थी तब बाइक की सीट में दूर बैठी थी ,जैसे ही बाहर निकली मैंने जानबूझकर ब्रेक मारा तो मेरे पास पीठ से चिपक गई उनके स्तनों के स्पर्श से मेरे तन बदन में आग सी लगने लगी । रास्ते में सरला भाभी खूब बाते करती रही और ऐसी बैठी थी जैसे पुनीता बैठती हो । एक दम से चपककर रास्ते भर गर्म करती रही मुझे । सरला  के ब्यवहार से लगता है की जरूर चुदवा लेंगी । इसके पहले भी दो बार सरला को लेने आया था पर तब बुलेरो से आया था और अलग अलग सीट में बैठा था,कभी मौका
नहीं मिला क्योकि ड्राइवर जो साथ में रहता था । भाभी की चुचिओ के स्पर्श से मेरे अंदर  सैतान जगा और मन ही मन प्लानबना लिया की किसी तुवर के खेत में सरला भाभी को चोदु ये सोच कर मैंने एक तुवर के खेत के पास रोड किनारे बाइक को रोका और बोला ''भाभी मुझे टाइलेट लगी है'' तो भाभी बोली ''जीजा जी टाइलेट ही  करना  और कुछ नहीं करने लगना'' और इतना कहकर जोर से हसने लगी तब मैंने तपाक से बोला ''भाभी जी और कुछ करने के लिए किसी की जरुरत होती है '' तब भाभी बोली '' बिना किसी के भी और कुछ किया जा सकता है ''  और इतना कह कर हसने लगी,उनकी बातो का मतलब नहीं समझा और तुवर की खेत में पेसाब करने घुस गया और पेसाब करके पलट कर देखा तो भाभी बाइक के पास नहीं दिखी तो मैं इधर उधर देखने लगा तो सरला भाभी खेत में पेसब करती  दिखी, तब मैं जल्दी से सरला भाभी के पास पहुंच गया और जब ओ उठी तो उनके चिकने चिकने नितम्ब दिखाई दिए तब  मैं अपने आपको कंट्रोल नहीं कर पाया और भाभी के पास जाकर तुवर के घने खेत के अंदर खड़ा हो गया और उनकी तारीफ करते हुए बोला '' भाभी आप बहुत सेक्सी और सुन्दर हैं '' तब भाभी कुछ सेकण्ड  तक ऊपर से नीचे तक देखी और बोली '' आप भी तो गबरू जवान हो '' इतना सुनते ही मैं भाभी को पकड़ कर चुम लिया और उनके स्तन को दबा दिया तो भाभी मेरे इस ब्यवहार के लिए तैयार नहीं थी ओ चौक कर बोली '' ये क्या कर रहे हो जीजू'' तब मैं फिर से भाभी को किस करते हुए चूची को दबा दिया तब भाभी कांपती हुई आवाज में फिर से बोली  ''चलिए बाहर निकलिए पागल पन मत करिये'' इतना कहकर चलने लगी तब मैंने सरला  भाभी को पकड़ कर अपनी मजबूत बाहो में दबा लिया और पागलो की तरह भाभी को किस करने लगा,उनकी चुचियो को दबाने लगा तो भाभी फिर से काँपती हुई आवाज में बोली ''  जीजू,प्लीज़ छोड़ दो क्या कर रहे हो,कोई देख लेगा'' तब भी मैं भाभी को नहीं छोड़ रहा था चुचियो को दबाते हुए उनको किस करता रहा। उनकी आवाज से लगा रहा था की ओ मना कम  कर रही थी बल्कि ओ चाह रही थी की और दबाऊ  उनकी  चुचियो को और किस करू । इतने में कोई वाहन निकला रोड से तो भाभी जल्दी से मुझे छोड़ कर अलग हो गई और खेत से बाहर जाने लगी तब मैंने हाथ पकड़ कर रोकना चाहा तो बोली '' जीजू होस में आओ, यहाँ ये सब अच्छा नहीं लगेगा'' तब मैंने पूछ लिया  '' फिर कहाँ अच्छा लगेगी'' तो चलते चलते बोली '' इन सब के लिए ये जगह उचित नहीं है'' और जल्दी जल्दी बाहर चलने लगी तुवर के खेत से तब मैं भी उनके पीछे पीछे बाहर आ गया खेत से और बाइक में चाबी लगाया और बाइक स्टार्ट करके भाभी को बोला ''बैठीए भाभी जी '' तो ओ बाइक में बैठ गई और चल दिए गाँव करीब 4 किलोमीटर और बचा पर रोड बहुत खराब  है कारण बाइक धीरे धीरे चला रहा था, भाभी मुझे पकड़ कर चिपककर बैठी थी मुझे खूब मजा आ रहा था पर रोड खराब होने के कारण कुछ बोल नहीं रहा था,जब थोड़ा अच्छी रोड आई  तब मैंने भाभी से बोला '' नाराज हो भाभी'' तो बोली ''हां नाराज हु '' और इतना कहकर मेरी पीठ में एक हलकी से चपत मार कर फिर पीठ को चुम लिया मैं समझ गया की भाभी जी नाराज नहीं है बल्कि खुस है । भाभी जी मेरे गठीले मजबूत कसरती वदन और मेरी सुंदरता को चखना चाहती है, मैं भी भाभी की मांसल जिस्म का मजा लेना चाहता हु । इसके बाद भाभी फिर से बाते करने लगी बाते करते करते गाँव के नजदीक पहुचने लगे तो भाभी अपने आप दूर खिसकर बैठ गई और कुछ ही देर में घर पहुंच गया । और दोनों बहने आपस में बातो में मसगुल हो गई मैं एक किनारे हो गया ।


              मैं कई बार अपने कमरे में गया पर मौका नहीं मिला की सरला भाभी से कुछ प्राइवेट बाते करू ।
गाउन में सरला भाभी की चूचियाँ ऐसी ही लग रही थी
दिन निकल गया सभी मेहमानो को खाना खिलाते खिलाते साम बीत गई जब सोने का समय हुआ रात के 10 बजे तो मैं कमरे के अंदर गया तो देखा की सरला भाभी ने पुनीता की गाउन  पहन  लिया उस गाउन में सरला भाभी की चूची,उनके नितम्ब खूब सेक्सी लग रहे थे,बड़ी बड़ी टाइट चूची बहुत सेक्सी लग रही थी । सरला भाभी की गाउन की दो  हुक  खुली हुई थी इस लिए उनके स्तनों की बीच की घाटियाँ  दिखाई दे रही थी, गाउन में सरला की  खूबसूरती देखता ही रह गया,ऐसा लगा की दबा दू चूचियों को पर डर गया की क्योकि पुनीता पास ही बैठी थी सरला भाभी ने मुझे देखा तो दुपट्टा डाल लिया । पुनीता नाराजगी के साथ बोली ''अब क्या घटा है जो बार बार कमरे में आ रहे हैं'' तब पुनीता से बोला '' यार कही सोने  के लिए जगह नहीं बची मजबूरन आना पड़ा'' तो पुनीता फिर से तनतनाती हुई बोली '' तो यहाँ कहाँ पर सोओगे'' तब मैंने कहा '' नीचे सो जाउगा'' तो पुनीता बोली ''नहीं यहाँ नहीं सोओगे,जाओ किसी के साथ सो जाओ,ठण्डी का महीना तो है'' तब मैं अनमना होकर कमरे से निकलने लगा तो सरला भाभी बोली '' सो जाने दे न पुन्नू, ठण्ड में कहा सोयेंगे'' तब पुनीता बोली ''जीजी कैसे बनेगा एक पलंग में तीन तीन ,साथ में दो दो बच्चे'' तो सरला भाभी बोली ''तुम दोनों ऊपर पलंग में सो जाना और मेरे लिए नीचे बिस्तर लगा देना'' तो पुनीता मेरे तरफ घूरकर देखते हुए बोली '' लो हो गई आपकी इच्छा पूरी जीजी को नीचे सुलाऊ और महराज-महरानी जी पलंग में सोये'' तब सरला भाभी बोली ''क्या फर्क पडेगा पुन्नू,अपने घर कहीं भी सो जाए '' तब मैंने सरला भाभी से बोला '' मैं ही नीचे सो जाउगा भाभी,आप दोनों ऊपर सो जाना''  तब पुनीता घूरते हुए पलंग से उठी और पलंग से रजाई,गद्दे,कम्बल निकालकर जमीन में बिस्तर लगाने लगी मैं वापस बाहर आ गया पेसाब किया और कुछ मेहमानो  बिस्तर नहीं मिला था उनके लिए बिस्तर की ब्यवस्था किया तब तक रात के  10:30  बज गए,वापस कमरे में गया तो देखा कि दोनों बहने जमीन में लेटी हुई थी, बेड में सिर्फ गुड़िया (मेरी बेटी) सोई हुई थी मैं चुपचाप जाकर बेड में लेट गया । पलंग के मेरी तरफ वाले किनारे में सरला भाभी और दरवाजे वाले किनारे में पुनीता सोई हुई थी बीच में 4 माह का लड़का । कमरे में एक जीरो वाट का बल्ब जल रहा था जबकि मेरे आदत है घुप अँधेरे में सोने की , जब 11 बजे तक नींद नहीं आई तो उठकर CFL  को बंद कर दिया ,अब कमरे में घुप
सरला भाभी का जिस्म 95 % ऐसा ही है
अन्धेरा हो गया अपना ही हाथ नहीं दिखाई  दे रहा था ।  बिस्तर में घंटो करवटे बदलता रहा तब बड़ी मुस्किल से झपकी लगी की गुड़िया जाग गई और मम्मी मम्मी कह कर रोने लगी तो नींद खुल गई तो गुड़िया को पुनीता के पास लिटा दिया पुनीता की भी नींद खुल गई और सरला भाभी भी जाग गई उस समय रात के 12:30 बज रहे थे वापस लाइट बंद किया और सोने की कोशिस करने लगा पर नींद  नहीं आई,बार बार खेत का दृश्य सामने आ जाता जब भाभी को अपनी बाहों में भर रखा था ,अब ऐसा लग रहा था की भाभी को छू कर जगाउ पर मामला रिस्की था कही पुनीता न जाग जाए तब मन मारकर फिर से सोने की कोशिश करने लगा पर नींद तो कोसो दूर थी  मोबाइल में टाइम देखा तो उस समय 1:45 हो रहे थे और पुनीता के गले की आवाज आ रही थी । पुनीता बहुत गहरी नींद में सोती है और जब गले से आवाज आने लगे तो ढोल-तासे की आवाज से भी नहीं उठती ये पुनीता की बचपन से ही आदत है । करीब 25 मिनट तक सरला भाभी को देखते हुए करवटे बदलता रहा इतने में सरला ने करवट बदली तो मैं अँधेरे में हिम्मत करके सरला के शरीर पर हाथ रखा तो हाथ उनके सीने पर  रखाया तो मैंने हलके से कम्बल के ऊपर से ही चूची को दबा दिया तो, सरला  ने मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख कर धीरे से दबा दिया तो मैं समझ गया मामला फिट है बस हिम्मत की जरुरत है । तब मैंने सरला का हाथ पकड़ कर अपने तरफ खींचा तो हाथ छुड़ा लिया । कुछ मिनट बाद मैंने फिर  सरला भाभी का हाथ पकड़ कर उठाने  लगा तब भी नहीं आई मेरे पास तो मैं कुछ देर बाद अपने बिस्तर से उठकर नीचे सरला के पास जाकर लेट गया और सरला की चुचियो को दबाने लगा और किस करने लगा तो सरला बार बार हाथ और मुह को हटा देती तब मैंने कान में धीरे से कहा की 

'' चलो ऊपर पलंग में'' तो सरला कान में धीरे से बोली की 
'' नहीं जाऊगी पुन्नू जाग गई तो अनर्थ हो जाएगा'' और मुझे अपने पास से उठा दिया तो मैं निरास होकर ऊपर अपने बिस्तर में आ गया पर रात भर नींद नहीं आई टीक से ।  सुबह सुबह झपकी लगी तो गहरी नींद में सो गया कुछ देर बाद ऐसा लगा जैसे कोई मेरे सरीर में हाथ घुमा रहा हो ,जब नींद खुली तो देखा की सरला मेरे गाल पर अपना हाथ घुमा रही थी,जगाने के लिए,जैसे ही आँखे खोला तो मुझे किस करर्ते हुए धीरे  बोली '' उठो जीजू सुबह हो गई '' तब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो 8 बज गए और उठ गया और सरला की तरफ बढ़ने ही वाला था की पुनीता आ गई । दिन भर हँसी ठिठोली में निकल गया,कई बार अपने रूम में आया पर मौका नहीं मिला की सरला को किस करू  या बात करू पुनीता रूम से बाहर ही नहीं निकली कई चक्कर काट कर रह गया । साम के 5:00  बजे सरला भाभी अचानक गाँव जाने  तैयार हो गई,पुनीता ने बोला जाओ जीजी को छोड़कर आओ,तो मैंने पूछ  लिया ''अचानक क्या हुआ '' तो पुनीता ने बताया की जीजी की सास की तबियत अचानक खराब हो गई तो जीजी के जेठ,जेठानी सास जी को शहर लेकर जायेगे  इस लिए जीजी को जाना जरुरी है । मैंने जल्दी से कपड़ा पहना और 10 मिनट में तैयार होकर सरला भाभी को बाइक में बिठाकर चल दिया । गाँव से 1 KM दूर जैसे ही निकला सरला भाभी चिपक कर बैठ गई  और बाते करने लगी, रोड खराब थी इस लिए बड़े आराम से बाइक चला रहा । सरला भाभी से पूछा की ''रात में क्यों नहीं आई मेरे पास'' तो बोली '' जीजू ज़रा सी चूक हम दोनों बहनो और आप पर कितनी भरी पड़ती आप सोच भी नहीं सकते है,कोई भी ओरत कभी नहीं चाहती की उसका पति किसी और औरत से शारीरिक संबध बनाये'' तब मैंने कुछ नहीं बोला और सरला  की बाते सुनता रहा और मन ही मन सोचता रहा की अच्छा खासा मौका हाथ निकल रहा है कैसे चोदु सरला भाभी को यही सोचते सोचते खराब रोड निकल गई और अच्छी रोड आ गई  और बाइक तेजी से चलाने लगा तो सरला भाभी बोली ''जीजू बाइक धीरे चलाइये मेरा मोबाइल बज रहा है '' तब मैंने बाइक धीमी कर दिया  सरला भाभी ''इतना जल्दी क्यों कर रहे हैं,घर ही तोचलना है'' और फिर अपना मोबाइल निकाल कर बाते करने लगी  आवाज क्लियर नहीं आ रही थी तो मेरे पीठ पर हाथ ठोकी और इशारा किया रुकने  मैं रुक गया सरला बात करने लगी और मैं बिना पेसाब लगे पेसाब करने पास के ही तुवर के खेत में घुस गय, जब वापस आया तो सरला बात कर चुकी थी मैं जाते ही सरला को चुम लिया तो दूर हटाते हुए बोली '' यहाँ कोई देख लेगा जीजू, बचपना नहीं करो'' तब मैंने पलट कर कहा की ''चलो खेत के अंदर वहा  कोई नहीं देखेगा'' तो बोली '' नहीं जाऊगी, बाइक खड़ी देखकर कोई आ गया तो क्या सोचेगा'' तब मैंने कहा की ''बाइक को छिपा देता हु'' तब बोली '' नहीं मुझे नहीं जाना है खेत में, आप तो चलिए यहाँ से'' तब मैं जिद करने लगा और हाथ जोड़ने लगा और कहने लगा ''भाभी जी प्लीज़। प्लीज़।प्लीज़ सिर्फ एक बार करवा लीजिये'' और इतना कह कर अपनी आखिरी चाल चलते हुए झुक कर भाभी के पाँव पकड़ लिया,तो भाभी अपना पाँव पीछे करते  हुए बोली '' जीजू उठो कोई देख लेगा'' तब भी मैं नहीं उठा रहा था तो भाभी मेरे दोनों हाथ पकड़ते हुए उठाने लगी तो मैं उठकर भाभी से चिपक गया  करने लगा और फिर कहने लगा ''भाभी जी प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ एक बार चलो खेत में'' तब भाभी बोली ''चलिए घर में आपकी इच्छा पूरी कर दूंगी'' तब मैंने कहा ''घर में कैसे हो पायेगा'' तब भाभी बोली ''जेठ जेठानी जी माता जी माँ (सासु माँ) को लेकर शहर चले गए घर में सिर्फ चचेरे देवर की 12 साल  की एक लड़की ''बबिता'' है और एक नौकर है '' तब मैंने कहा '' साढ़े 5 तो यही हो गए ,कब पहुँचूगा कब क्या होगा ,वापस भी आना है '' तब सरला  भाभी बोली ''रात में वापस मत आना रुक जाना '' तो मैंने कहा ''पुनीता चिल्लाएगी '' तब भाभी बोली  ''पुन्नू को मैं समझा लुंगी,अब चलिए बाइक स्टार्ट करिये'' तब मैं खुसी खुसी बाइक को किक मारा और भाभी को बिठा कर चल दिए रस्ते भर बात करते करते, रास्ते में भाभी बोली ''जीजू मुझे उल्टी उल्टी (वोम्टिंग)  सी लग रही है, आगे कही मेडिकल स्टोर दिखे तो बाइक रोकना'' तो मैंने कहा टीक  है भाभी करीब 10 मिनट बाद एक बजारनुमा कसबे से निकला तो एक मेडिकल स्टोर के पास बाइक रोक दिया भाभी उतारकर मेडिकल स्टोर से मेडिसिन लेने चली गई फिर वापस आई और बाइक में बैठ गई । करीब 6:00 बजे भाभी के घर पहुंच गया,ठंडी का महीना 6 बजे  अन्धेरा हो गया । पहुँचते ही सरला भाभी अपने कमरे में चली गई और मुझे बोली आप बैठक वाले रूम में बैठिये । [सरला भाभी का परिवार बहुत बड़ा है पर सभी  नौकरी और बिजनेस में है इस लिए गाँव से बाहर ही रहते है ] बैठकर रूम शहर के घरो की तरह बढ़िया से डेकोरेट किया हुआ था । तीन बड़े बड़े बढ़िया वाले सोफे  6 बाई 6 का तखत जिसमे नर्म मुलायम गद्दा और तकिया रखा हुआ था । दरवाजों और खिड़कियों में बढ़िया सा पर्दा लगा हुआ था । कुछ देर में बबिाता मिठाई और पानी लेकर लेकर आई तो मैं पानी पीते पीते बबिता से कहा की टीवी ऑन कर दो और मैं टीवी देखने लगा करीब 10 मिनट बाद सरला भाभी कॉफी लेकर आई और सामने वाले सोफे में बैठकर मेरे साथ कॉफी पीने लगी और बात करने लगी बात करते करते कब 6:45 बज गए पता ही नहीं चला । सरला भाभी से पूछा की '' पुनीता से बात किया क्या  '' तब सरला भाभी ने आँख को हलके दबाया और बबिता की तरफ इसारा किया तब मैं समझ गया और चुप हो गया और कुछ ही मिनट में बबिता को सरला भाभी बोली '' बेबी जाओ  पढ़ाई करो  टीवी मत देख'' तो बबिता चली गई । तब भाभी ने पुनीता को फोन किया और बताई की गाडी पंचर हो गई थी  लेट हो गई अब जीजू अँधेरे में कैसे जायेगे तब पुनीता मेरे से बात किया और बोली आ जाओ तब मैंने पुनीता को बोला की गाडी की हेड लाइट भी बंद हो गई है कैसे आऊ अँधेरे में तो पुनीता बोली टीक है रुक जाइये पर सुबह जल्दी जाना तब मैंने कहा टीक है और फोन सरला भाभी को दे दिया तो सरला भाभी पुनीता से बाते करने लगी । सरला भाभी कहने लगी '' पुन्नू तू चिंता नहीं कर सुबह जल्दी ही भेज दूंगी'' । पुनीता इस कारण चिंतित क्योकि मेरी छुट्टियाँ ख़त्म हो गई,मुझे जल्दी  ड्यूटी ज्वाइन करनी है।मैं आईडिया सेलुलर कंपनी में एल्क्ट्रीसियन हु । 



      बात  करते करते 7 बज गए सरला भाभी किचेन में घुस गई मैं बैठक रूम में टीवी देखने लगा । कुछ देर में इनका नौकर भैस का दूध निकालकर आँगन में रख कर सरला भाभी को आवाज लगा कर चला गया पर सरला भाभी ने नहीं सुना तो मैं दूध की बाल्टी उठकर भाभी के पास रख दिया और बाते करने की सोचा तो भाभी ने मुह में ऊँगली रखकर मना कर दिया तब मैं वापस टी वी रूम में आकर टीवी देखने लगा करीब 8 बजे भाभी ने खाना खिलाया और नौकर को भी आवाज देकर उसे भी खाना दे दिया, बबिता भी खाने लगी । जब सभी ने खा लिया तब भाभी भी
सरला भाभी की चूची की ओरिजनल फोटो मसलने के बाद
खाना खा लिया तब तक 9 बज गए और भाभी बिगबॉस देखने लगी मैं भी देखने लगा  बबिता भी पास में बैठी थी कुछ  देर में बबिता मुह फाड़ने लगी तो सरला भाभी बोली '' बाली  जा सो जा मेरे कमरे में '' और बाली उठकर चली गई । भाभी बाहर निकली और नौकर को आवाज दिया तो नौकर आया तो बोली '' खा लिया खाना'' तो नौकर बोला '' जी भाभी साहब '' तब भाभी बोली ''जाओ गेट में ताला लगा दो '' तो नौकर चला गया और गेट में ताला लगाकर वापस आया तो भाभी बोली '' ध्यान रखना बाहर घर में कोई है नहीं'' तो नौकर ''जी भाभी साहब आप चिंता नहीं करें सो जाए आराम से'' कह कर चला गया तब भाभी ने घर का मेंन दरवाजा लगा लिया और किचेन में घुस गई और 5 मिनट बाद दो गिलास दूध लेकर आई और बोली ''लीजिये जीजू'' तब मैंने एक गिलास को पकड़ लिया और दूध पीने लगा,दुसरी गिलास का दुध भाभी खुद पीने लगी । गिलास खाली करके भाभी के हाथ में पकड़ा दिया तो भाभी गिलास लेकर चली गई । मैं कमरे के दरवाजे, खिड़कियों के परदे ठीक से लगा दिए और टीवी देखने लगा तो भाभी आई और कान में धीरे से बोली '' बाली जग रही है अभी  जब ओ सो जाएगी'' और इतना कहकर चली गई । मैं

10:30  बजे टीवी,लाइट बंद करके भाभी का इन्तजार करने लगा पर भाभी 11:00 बजे तक नहीं आई तो मैंने नंगे पाँव बिना आवाज किये भाभी के कमरे में घुसा तो एक जीरो वाट का लाल रंग का बल्ब जल रहा था उसके हलके उजाले में भाभी को छुआ  तो हाथ से इसारा किया की ''जाओ अभी आती हु 10 मिनट में'' तब  मैं वापस आ गया बैठक रूम में । मेरे लण्ड का जोस सातवें आसमान पर था ऐसा लग रहां है जैसे दूध  में कोई मेडिसिन घुली हुई हो , लण्ड में गजब का तनाव पैदा हो गया है, पहली बार लण्ड में ऐसा तनाव महसूस किया
सरला भाभी की चूची की ओरिजनल फोटो मसलने के पहले


। तकिया को अपने सीने से चिपका कर लंड को बार बार बिस्तर में दबा रहा था । इतने में करीब सवा 11 बजे भाभी आई और कान में धीरे से बोली '' उठो यहाँ से आओ मेरे साथ '' तब मैं भाभी के पीछे पीछे दूसरे कमरे में घुस गया । कमरे में खुसबू फैली हुई थी बढ़िया डबल बेड  मुलायम गद्दा तकिया,नर्म कम्बल बिछा हुआ था,खिड़की के सभी पर्दे लगे हुए थे कमरे के टेबल में रखा हुआ लाल रंग का नाईट लैम्प में  डार्क रंग का ज़ीरो वाट का बल्व जल रहा था । जैसे ही मैं कमरे में घुसा भाभी दरवाजा लगाने उठी तो मैंने उन्हें पीछे से पकड़ कर चूमनेलगा तो धीरे से बोली ''ज़रा सबर करो '' और दरवाजा लगाकर आ गई बेड में,आते ही मैंने भाभी को ऐसा दबोचा जैसे बाज गौरैया को दबोच लेता है । मैं पागलो की तरह भाभी को चूमने लगा उनकी चुचियो कोदबाने लगा भाभी भी मेरे साथ चिपक गई  और  मेरे गालों पर हाथ सहलाने लगी और किस करने लगी तब मैंने भाभी के होठो को किस करते करते उनकी जीभ को चूसने लगा भाभी भी मेरी जीभ को होठ को चूसने लगी और मेरे हाथ भाभी के वस्त्रो पर रेंगने लगे पहले पेटीकोट का नाड़ा खोल कर पेटीकोट साडी सहित निकाल
कर अलग कर दिया फिर ब्लाउज  और ब्रा खोल कर चुचियो को चूसने लगा, चूचियाँ बड़ी बड़ी होने से लट्क तो गई थी पर थी खूब टाइट । चुचियो को चूसते-चूसते भाभी को बिस्तर में लिटा दिया और मैं भी लेट गया और भाभी को खीचकर अपने ऊपर लिटा लिया और भाभी के होठो को चूसते चूसते पीठ में,चूतडो में हाथ घुमाने लगा और फिर 2 मिनट बाद भाभी को पलटा कर 
भाभी ने अपनी आँखे बंद कर लिया और होठो को चबाने लगी
नीचे कर दिया और मैं चढ़ गया भाभी के ऊपर और चुचियो को दबाते हुए होठो को चूसने लगा इसके बाद नीचे खिसकते हुए भाभी की चिकनी मुलायम बाल रहित क्लीन सेव वाली चूत पर हाथ घुमाया और फिर एक ऊँगली डालकर चूत को सहलाने लगा तो भाभी के चेहरे काइम्प्रेसन देखने लायक था,भाभी ने अपनी आँखे बंद कर लिया और होठो को अपने दातो से दबा लिया,भाभी का फेस लाल सुर्ख पड़ गया, गोर गोर गालो से ऐसा लगने लगा की दबा दो तो खून निकल आये मैं समझ गया बभी गर्म पड़ने लगे है ।
भाभी की चूत में लण्ड फ़सा कर इस तरह से चिपका लिया
तब मैं झुक गया और भाभी की चूत को चाटने लगा मुस्किल से 2 मिनट तक भाभी की चूत चाटा होगा की भाभी अपनी चूत को अपने हाथो से छिपाने लगी, मेरे मुह को चूत से हटाने लगी मुझे अपनी पकड़ कर अपनी और खीचने लगी पर मैं अभी और गर्म करना चाहता था पर इतने में भाभी उठकर बैठ गई और अपने दोनों टांगो को मेरे कमर के पास डालकर लण्ड के नजदीक अपनी चूत को ले आई और अपने हाथो से मेरे लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी तब मैंने अपने दोनों हाथो को भाभी की पीठ की तरफ डालकर अपनी और खीचते हुए लण्ड को चूत कीतरफ धक्का दिया तो लण्ड का सुपाड़ा घुसा तो मुझे लगा की भाभी की चूत टाइट है मजा आएगा चोदने में इतने में भाभी ने अपने दोनों हाथो को मेरे कंधे और गले में डालते हुए अपने चूतडो को हलके हलके से धक्का देने लगी और लण्ड थोड़ा थोड़ा करके भाभी की चूत में घुसता गया और जब पूरा का पूरा लण्ड घुस गया तब भाभी जोर  से चिपक  गई तो मैं और भाभी अपने अपने चूतडो को आगे पीछे करने लगा लण्ड चूत से फस्सफस फस्स फस की आवाज आने लगी जितना जल्दी जल्दी हम दोनों के चूतड़ हिलते उतनी ही तेजी से दोनों एक दूसरे की जीभ होठ चूसते । लगातार 3-4 मिनट तक बैठे बैठे ही भाभी चुदाती रही फिर मैंने लेट गया और भाभी मेरे सीने में हाथ और जांघो के बगल में अपनी दोनों टांगो को रखा और लण्ड को चूत में डालकर अपने चूतडो को ऊपर नीचे करने लगी, भाभी अपने शरीर के बजन के अनुसार बहुत फुर्तीली निकली,अपने चूतडो को बहुत आसानी से मजे के साथ  जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगी इधर मैं भाभी की चूचियो को दाबाता जाता  निप्पल को जीभ से चाटता चूची की निप्पल ऐसी लग रही थी जैसे काले काले रसीले अंगूर हो भाभी अपने चूतडो को लगातार जोर जोर से मेरे लण्ड पर पटक रही थी मेरा लण्ड इतना टाइट और मोटा था उस समय मेडिसिन के प्रभाव से । करीब 5 मिनट तक चूत चुदवाने के बाद के भाभी थकने लगी तो उनकी स्पीड कम होने लगी तब ओ अपने चूतडो को मेरे लण्ड के ऊपर चकरी की तरह गोल गोल घुमाने लगी तब मैंने भाभी को लिटा दिया और फिर दोनों पंजो के बल  घुटने मोड़ कर बैठ गया और भाभी की चूत में मोटे लण्ड को पेलते हुए बड़े आराम आराम से लण्ड को आगे पीछे करता इसमें भाभी को बहुत मजा आने लगा तो ओ अपनी चूत को अंदर की तरफ सिकोड़ती तो लण्ड टाइट फिट होकर चूत में घुसता तब भाभी अपने होठो को और जोर दबाती भाभी को जितना मजा आता उतना ही चूत को सिकोड़ती इस तरह से धीरे धीरे 3-4 मिनट तक चुदाई किया अब भाभी मुझे अपनी तरफ खीचकर सीने के ऊपर लिटा लिया और मेरे गालों को चूमने लगी और आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह उउउउस्स्स् ऊऊऊस्स्सूऊस्सुसुसु स्स्स्स्स्स्स्स्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआआ आआ आआ आआआह्आह आह आह आह आह की आवाज निका - लने लगी और कहने लगी जल्दी जल्दी करो जीजू मैंने जब स्पीड बढ़ा दिया तो बोलने लगी और जल्दी और जल्दी मारो झटके और ओ कहती गई मैं स्पीड चुदाई की स्पीड़ बढ़ाता गया कमरे  फट फट फट फट  आवाजें गुजने लगी भाभी  मेरी कमर में अपने दोनों हाथो को रखलिया और जल्दी जल्दी स्पीड बढ़ाने में मदद करने लगी मैं स्खलित होने ही वाला था पर भाभी अभी भी जोर जोर से मेरी कमर को खींचे जा रही थी की अचानक ओ आहुच आउच आउच आउच आउच आअह्ह्ह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह  की जोरदार आवाज निकाली और अपने दोनों हाथो को मेरी कमर से हटा लिया और हाफ़्ने लगी और लगभग बेहोस होकर आँखे बंद कर लिया मैं भी घोड़े की तरह पूरी ताकत के साथ लण्ड को चूत में पेलते हुए ढेर सारा वीर्य गिरा दिया और लण्ड पेले हुए भाभी के ऊपर ही लेटा रहा कुछ ही मिनट में भाभी ने आँखे खोली और मुझे जोर से चिपकाते हुए खूब किस किया और कान में धीरे से बोली '' हो गई आपकी तमन्ना पूरी'' तो मैंने हां में गरदन हिलाया और भाभी को किस करते हुए बोला '' बहुत मजा देती हो भाभी'' तब भाभी चूमते हुए बोली ''क्यों पुन्नू इतना मजा नहीं देती'' तब मैं भाभी के ऊपर से उतारते बगल में लेट गया और कहा  ''पुन्नू कहती है क्या रोज रोज कुचुर कुचुर करते रहते हो'' तो भाभी बोली ''
भाभी को घोड़ी बनाकर चोदा
यही हाल आपके भैया का भी है, एक एक महीने हो जाते है छूते  तक नहीं मुझे '' तब मैंने भाभी से कहा '' आप रह जाती है बिना कुछ कराये एक एक माह तक'' तो भाभी बोली '' क्या कर सकती हु मजबुरी है , जबरजस्ती तो करने से रही'' तब मैंने कहा की '' भैया बिस्तर में आये तो तैयार कर लिया करो'' तो भाभी बोली '' उनका गोली खाए बिना तैयार ही नहीं होता '' तब मैं समझ गया की भाभी ने दूध में कोई दवाई मिलाया था इस तरह से बहुत से बाते होती रही मैं समझ गया की भाभी बहुत बड़ी लण्ड खोर है । रात के 2 बजे तक बाते करते रहे इतने में भाभी ने मेरे लंड को पकड़ी और बोली '' चल उठ हो जा तैयार '' और इतना कह कर भाभी लण्ड को खिलाने लगी और लण्ड धीरे धीरे कड़क पड़ने लगा तो भाभी उठकर बैठ गई और लण्ड के सुपाड़े की चमड़ी पीछे खिसकाया और लाल सुर्ख सुपाड़े पर जीभ घुमाने लगी तो 2-3 मिनट में ही  खूंखार
लन्ड भूखा शेर की तरह क्रोधित होने लगा तब मैं भाभी  की चुचियो पर हाथ घुमाने लगा तो देखा की भाभी की चूची की निप्पल ताजे अंगूर की तरह टाइट पड़ चुकी थी तब मैंने भाभी को सीधा किया और निप्पल को जीभ से हिलाने लगा और एक हाथ .भाभी की चूत में रख दिया और चूत सहलाने लगा भाभी की चूत गीली हो गई मैं समझ गया भाभी तैयार हो चुकी है लण्ड के लिए तब मैंने भाभी को घोड़ी बना दिया , भाभी अपने सर को तकिये के ऊपर रख लिया और हाथ को बेड  लिया और चूतड़ो को ऊपर उठा लिया और झुककर चूत को चाटने लगा करीब 3 मिनट तक चूत को चाटता रहा तो भाभी बार बार मेरे मुह को हटाने लगी तब मैंने खूंखार लण्ड  को भाभी की मक्खन जैसे मुलायम चूत में धीरे धीरे घुसेड़ने  लगा थोड़ा लण्ड घुसाऊ और  फिर बाहर निकालू इस तरह धीरे धीरे लण्ड चूत में घर्षण होने लगा बेड टीक बगल में ड्रेसिंग टेबल के लगे आईने में भाभी की बड़ी बड़ी चूचियाँ एक एक झटके पर झूल झूल कर अपनी खुसी जाहिर करती जैसे जैसे चूचियाँ झूलती वैसे वैसे मेरे लण्ड में ताकत बढती जाती और मैं जोर जोर के झटके मारता और आईने में चूचियों की हलचल देखता रहा बीच बीच में भाभी अपने हाथो को पीछे करती और अपने चूतडो पर हाथ घुमाती । लण्ड पूरी गहराई तक चूत के अंदर जाता और बाहर आता लगातार 7-8 मिनट तक इस तरह से भाभी की चूत चोदता रहा जब लण्ड के झटके मारना बंद  कर देता तो भाभी खुद ही अपने चूतडो को आगे पीछे करने लगती इस तरह से अलग अलग पोजीसन में भाभी को रात भर में तीन बार चोदा सुबह सुबह 5:30 बजे भाभी अपने कमरे में चली गई मैं भी बैठक वाले रूम में आकर सो गया तो सुबह 9 बजे बबिता ने उठाया तब ब्रूस किया लेट्रीन गया,बबिता एक टावेल लेकर आई और बोली ''मौसा जि नहा लो'' तब मैं बाथरूम में घुस गया गर्म पानी पहले से रखा था नहा कर निकला तब भाभी ने बबिता के हाथ से नास्ता भिजवाया नास्ता करने लगा इतने में घर का नौकर आया और अपने लिए सुबह का खाना लिया और खेत चला गया तब तक 10 बज गए भाभी कब उठी मुझे नही पता  चला । कुछ देर में भाभी एक बड़ी गिलास  दूध लेकर आई  और बोली '' लीजिये सॉस में पी जाइए '' तब मैंने भाभी से पूछा '' बबिता कहा गई'' तो भाभी बोली  '' स्कूल'' तब मैं उठा और भाभी को किस कर लिया और दूध हाथ से पकड़  पी लिया भाभी चली गई बाथरूम में और मैं बाहर घूमने लगा मुस्किल से 20 मिनट हुए होंगे की मेरे लण्ड में फिर से गजब  का तनाव महसूस हुआ   तब मैं समझ गया भाभी ने फिर  मेडिसिन मिलकर दूध दिया तब मैंने घर  में घुसा और दरवाजा अंदर से लगाया और देखा की भाभी अपने कमरे में कुछ कर रही है जाते ही पकड़ा बेड गिरा दिया  तो बोली '' दरवाजा लगाया नहीं'' तब मैंने हा  गर्दन हिला दिया और भाभी के उप्रर भूखे शेर तरह टूट पड़ा और तबियत से उल्टा-कल्था कर भाभी की जल्दी जल्दी चुदाई किया और कमरे से बाहर आ गया तब तक 11 बज गए और मैं बैठक रूम में टीवी देखने लगा इतने में नौकर आ गया और मेरे पास जमीन में बैठकर बाते करने लगा .बात बात में दोपहर के 12 बज गए भाभी ने खाना खिलाया और 1 बजे तक भाभी के घर से आ गया .........यह घटना अभी अभी 4 दिसंबर 2014 की है । भाभी से खूब बाते होती  हैं फोन पर , भाभी  अपने पास बुला रही है कहती  ट्रांसफर करवा लो मेरे शहर में । लगा हु ट्रांसफर के चक्कर में ………………… ……