Thursday, 29 May 2014

काली कलूटी पडोशन को चोदा

मेरे पडोश में  18 वर्षो से कोयले की तरह काली - कलूटी एक सुतार फेमली रहती है | उसी फेमली की एक ओरत जो करीब 38 साल के आसपास होगी देखने में तो ओ भी कोयले की तरह काली कलूटी है पर साली  ने अपना जिस्म बढ़िया मेंटेन कर रखी है, मस्त बड़े बड़े बूब्स जब बाँध कर निकलती है तो लगता है  देखता ही रहु उसका पेट इस उम्र में भी बाहर नहीं निकला हुआ है लम्बाई भी अच्छी खासी है उसको  10  साल का एक लड़का और 3 साल की एक लड़की भी है जबकि पति छोटा सा ठिगना सा है ओ इससे भी ज्यादा काला कलूटा है | मैं गोरा चिठ्ठा हैंडसम 42 साल का छ:फुटा हट्टा कट्टा जवान हु |  पडोशी होने के कारण संबन्ध खराब नहीं है पर एक दूसरे के घर भी आना जाना नहीं है | ये खूब बन ठन कर कही नौकरी करने जाती है सुबह सुबह 7 बजे  और कोई टैम्पू पकड़ कर चली जाती है मैं भी उसी समय मैं भी मेरे ऑफिस के लिए निकलता हु मैंने सुरु सुरु में तो उसे कोई भाव नहीं दिया पर जब ओ अभी तीन माह से रोज मुझे देखकर मुस्कुराती पर मैं इग्नोर करके निकल जाता क्योकि मुझे मेरी बीबी का डर जो है ,उसे कही पता चल जाए तोघर में झगडे सुरु हो जायेगे ये सोच कर उसे इंगनोर करता पर उसकी चूत तो मेरे लण्ड की प्यासी थी  इस लिए ओ मुझे लाइन मारती | एक दिन साम को 8 बजे वापस घर जाने लगा तो रास्ते में मिल गई और मुझे हाथ देकर रोक लिया और बोली ''मैं भी चलूगी आपके  साथ कोई टैम्पू  नहीं मिल रहा है अब '' तो मैं बोला ''टीक है चलो पर कालोनी में घुसने रोड में उतार दुगा'' तो बोली ''चलेगा'' और इतना कहकर उछल कर मेरी बाइक में बैठ गई अपनी बड़ी बड़ी चुचियो के हलके स्पर्श के साथ, मुझे  अजीब से
मेरी पड़ोसन का जिस्म ऐसा ही लगता है
मादककता  छा गई क्योकि मैं पहली बार मेरी बीबी के अलावा किसी और महिला की चुचियो का स्पर्श हुआ है, साम से समय भीड़-भाड़ ज्यादा होने से कई बार ब्रेक लगाना पड़ता जब जब ब्रेक लगाता तब तब ओ अपने शरीर का पूरा बजन मेरे पीठ पर करती तो उसकी चुचियो का पूरा पूरा स्पर्श होता , मैं रोमांचित हो जाता इस स्पर्श के साथ और जान बूझकर ज्यादा ब्रेक मारता इस तरह 10 मिनट में कालोनी की रोड तक पहुंच गया और सोना को बाइक से उतारते हुए कहा की अब यहाँ से पैदल चली जाओ तो सोना मेरे से बात करने लगी तो  मैंने उसे मना  और बोला  कोई देख लेगा हम दोनों को बाते करते तो मेरे पत्नी को  बता देगा तो झगडे  होगे घर में तो सोना बोली अपना मोबाइल नंबर तो दो मुझे तो मैंने सोना को मेरा विजटिंग कार्ड पकड़ा दिया और चला आया वहा से | उस दिन से सोना अधिकांसतः मेरे साथ साम को 8 बजे जाने लगी और मोबाइल पर बाते करने लगी धीरे धीरे ओ बातो में खूब खुल गई और अपने पति की चुदाई की बाते भी बड़ी बेसर्मी  बताती तरह करीब 5 माह निकल गए अब मेरी भी इच्छा  पड़ने लगी उसकी चूत को चोदने की, काली है तो क्या हुआ चोदने में तो मजा देगी  ये सोच कर मैं कदम को आगे बढ़ा दिया ओ तो पके हुए आम की तरह गोद में गिरने को तैयार हो गई ओ तो कब से मेरे से चुदना चाहती थी ओ अब फोन पर खूब गन्दी गन्दी बाते करने लगी | 9  मई 2014 के दिन साम के समय ओ 8 बजे मेरी बाइक पर  बैठी मैंने उसे  अँधेरे में एक सुनसान जगह पर ले गय और एक खाली सुनसान जगह पर एक पुलिया में बैठकर बाते करने लगा बाते करते करते मैंने सोना को किस कर करते हुए चूचियाँ दबा दिया , सोना की चुचिया कड़क लगी मुझे तो मैंने ब्लाउज के अंदर हाथ डालते हुए चुचियो को खिलाने लगा और एक हाथ  से सोना की जांघो को सहलाने लगा मेरा लण्ड खड़ा हो गया सोना मेरे पेंट के ऊपर से लण्ड पर हाथ घुमाने लगी और कुछ देर में ही पेंट की जिप को नीचे खिसका दिया और अंदर हाथ डाल कर लण्ड को पकड़ लिया और बोली '' ये तो बहुत मस्त और कड़क है यार'' इतना कहकर झुककर लण्ड को किस कर लिया
सोना मेरे लण्ड के साथ अँधेरे में खेलती रही मैं सोना की चूचियो को दबाता रहा इतने में अचानक एक बाइक वाला निकला जिसकी बाइक की  हेड लाइट हम दोनों पर पड़ी तो हम दोनों जल्दी से उठ गए और मैंने जल्दी से पेंट की जिप बंद किया और दोनों बाइक पर बैठ कर वहा से निकल लिए रस्ते में सोना को बोला की कल बताउगा कैसे और कहा मिले फिर सोना को रोड पर उतार कर घर चला गया कुछ देर में सोना  घर के बाहर ही खड़ा था,सोना मेरी तरफ तिरक्षी नजर से देखते हुए हलकी से मुस्कान बिखेर दिया और चली अपने घर के अंदर | उसी दिन मैं शाम को खाना खाने के बाद रोड में अकेले ही घूम रहा था उसी समय सोना का फोन आया और बोली ''अकेले अकेले घूम  रहे हो ,भाभी को साथ नहीं लिया क्या'' तो मैंने पलट कर पूछ लिया ''तुम्हे कैसे पता की मैं अकेला हु '' तो बोली '' पीछे पलटिये और देखिये '' तो मैं पीछे पलट  कर देखा तो सोना एक गाउन पहनकर कुछ ही दूर खड़ी मुस्कुरा रही थी और बाते करते करते मेरे पास आ गई तो मैंने बोला '' कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा '' तो बोली ''इतना क्यों डरते हो भाभी से '' तो मैंने बोला '' डरू नहीं तो क्या करू '' तो बोली ''इतना नहीं डरना है बीबी से  '' और  हँसने  लगी तो मैंने सोना को कालोनी के सुनसान जगह तरफ इसारा किया और बोला ''सोना तुम उधर जाओ मैं आता हु कुछ देर में '' तो सोना अँधेरे में सुनसान रोड में खेतो की तरफ करीब आधा किलोमीटर दूर चली गई मैं भी कुछ देर में सोना के पास पहुंच गया सुनसान जगह पर जहा पर किसी के आने की कोई संभावना नहीं है मैं वहा पर एक पेड़ की ओलट में जाकर पेड़ के मोटे तने से टिक कर बैठ गया सोना भी मेरे पास आकर बैठ गई और दोनों एक दूसरे से चिपक गए और प्यार करने लगे, सोना  गाउन पहन रखी थी  गाउन के नीचे ब्रा और पेंटी पहन रखी और एक बड़ा सा दुपट्टा ओढ़
सोना की चूचियाँ ऐसी ही बड़ी बड़ी है
रखी थी. मैंने सोना की गाउन की बटन खोल दिया और पीछे से ब्रा के हुक भी खोल दिया और सोना की चुचियो को मसलने लगा और गाउन को जांघो के ऊपर खिसका दिया और जांघो को सहलाने लगा इधर सोना मेरी चढ्ढि के अंदर हाथ डालकर मेरे लण्ड के साथ खेलने लगी , मेरा 9 इंची लंबा और खूब मोटा लण्ड तनतना कर खड़ा हो गया मैंने सोना के पेंटी को उतार कर टांगो को फैला दिया और झुककर सोना की चूत को चाटने लगा ,सोना अपनी चूत में कोई क्रीम लगा रही थी चूत से खुसबू आ रही थी, चूत में छोटे छोटे बाल थे ऐसा लगता है जैसे सोना ने  15 दिन पहले बालो को साफ़ किया था,  मुस्किल से 3 मिनट की चूत चटाई में सोना के
सोना  इस तरह से मेरे लण्ड को घुसेड कर चुदवाने लगी
मुह से उ उउउ उ उ उ उॅहहहह आह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह सी अस् स्स सस्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स की आवाज करने करने लगी और मेरे लण्ड को मरोड़ने लगी अपने हाथो से तो मैंने मेरी टांगो को फैला कर पेड़ के सहारे बैठ गया और सोना से बोला की गाउन उतार दो तो बोली कोई आ नहीं जाए तो मैंने कहा टीक है गाउन ऊपर कर लो तब सोना गाउन ऊपर करके मेरी तरफ घूमते हुए लण्ड को घुसेड़ लिया और मेरी जांघो पर अपने घुटने मोड़ कर बैठ गई और अपने चूतडो को मेरी जांघो पर चकरी की तरह घुमाने लगी तो मैं सोना की बड़ी बड़ी चुचियो को मसलने लगा  हाथो से और चुचियो को चूसने लगा जोर जोर से तो सोना की चुचियो से दूध निकलने लगा [सोना की बेटी अभी 3 साल की ही है और अभी भी उसे दूध पिलाती है] सोना का दूध मेरे  को अच्छा लगने लगा मैं सोना का दूध जैसे जैसे पीने लगा सोना  उत्तेजित होकर मेरे लण्ड पर कूदने लगे जोर जोर से मैं सोना का दूध पीता रहा सोना  रही कुछ देर में सोना के गाउन बार बार नीचे की तरफ खिसकने लगी तो मैंने सोना की  उतार दिया और सोना एकदम से नंगी हो गई 4-5 मिनट की चुदाई में सोना थक गई तो मैंने सोना की गाउन और उसकी चुन्नी को जमीन पर बिछा दिया और सोना को पीठ बल लिटा दिया और अँधेरे में सोना के ऊपर चढ़ कर चुदाई करने लगा मेरे एक एक झटके  सोना 
उ उउउ उ उ उ उॅहहहह आह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह सी अस् स्स सस्स्
सोना को घोड़ी बनाकर तरह से चुदाई किया
स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्
उ उउउ उ उ उ उॅहहहह आह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह सी अस् स्स सस्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स् उ उउउ उ उ उ उॅहहहह आह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह सी अस् स्स सस्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स् उ उउउ उ उ उ उॅहहहह आह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह सी अस् स्स सस्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स् उ उउउ उ उ उ उॅहहहह आह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह सी अस् स्स सस्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स् उ उउउ उ उ उ उॅहहहह आह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह सी अस् स्स सस्स् स्स्स्स्स्स्स्स्स्स् की आवाज करने लगी  जोर जोर से मैं पूरी ताकत से सोना की चूत में झटके मारने लगा तो सोना अपनी दोनों टांगो को मेरे चूतडो पर रखकर जोर से कस लिया इससे मेरा झटका मारना रुक गया  मैं धीरे धीरे झटके मारते रहा इतने में सोना की जांघो पकड़ कमजोर पड़ गई  और सोना स्खलित हो गई परमैं अभी तक स्खलित  नहीं हुआ तो सोना को घोड़ी बनाकर चोदने लगा बार बार सोना  चूतडो पर मारता अँधेरे में फट फट आवाज गुजती और 3 मिनट में ही मैं झर गया दोनों जल्दी से उठे अपने अपने कपडे पहना और अलग अलग रास्ते से रोड के उजाले में आ गए | सोना के गाल में और मेरे घुटनो मिटटी लगी थी मैंने सोना की और अपने घुटनो की मिटटी साफ़ किया और अलग अलग रस्ते से घर चले गए | अगले दिन दोपहर में 12 सोना ने किया और बेसर्मी  बाते करने लगी बोली ''मजा नहीं आया यार'' मैंने बोला ''हां मजा तो नहीं आया'' तो सोना बोली ''आपको मजा क्यों नहीं आया'' तो मैंने बोला ''जब तक उजाले में तुम्हारे जिस्म को नहीं देखू तब  आता '' तो सोना बोली ''चलिए कही बाहर चलते है '' तो मैंने कहा की ''चलो कल चलते है कही '' तो सोना बोली'' कल नहीं ये {पति का नाम लिया} तीन दिन बाद बाहर जा रहे है तब चलूगी आराम से '' तो मैंने कहा ''टीक है'' और तीन दिन बाद 14 मई 2014 को बुधवार के दिन सुबह 7 बजे दोनों एक जगह पर मिल गए और दोनों अपने अपने मुह को ढक लिए और बाइक में बैठकर पास के ही 50 KM दूर एक शहर के लिए निकल लिए रस्ते भर खूब बाते करते हुए सोना रस्ते भर चिपक कर बैठी रही, सोना बार बार कहती ''आज का दिन यादगार बना दो यार'' मैं समझ गया सोना आज भरपूर चुदाई करवाना चाहती है इसलिए रास्ते में ही एक हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर से वियाग्रा का एक पैकेट और कोहिनूर कंडोम  पैकेट खरीद लिया और रस्ते में गन्ने के जूस की दूकान में टाइलेट करते समय एक वियग्रा की टेबलेट खा लिया था फिर गन्ने का जुस ले लिया और दूकान से निकल लिए करीब
8.50  सुबह पर पहुंच गए और एक अच्छे से AC होटल में रुक गए | होटल  जाते ही नास्ता मँगवाया दोनों नास्ता किया तब तक साढ़े नौ बज गए वियाग्रा असर से मेरा लण्ड तनतना कर खड़ा होने लगा तब मैंने सोना को बोला ''मैं नहा लू जानू '' तो सोना बोली '' पहले मैं नहाऊगी '' तो मैंने कहा ''ठीक है तुम नहा लो पहले मैं बाद में नहा लूगा'' इतना कहने  सोना अपनी साड़ी को उतार कर सोफे में रख दिया और अंदर जाने लगी तो मैंने टोक दिया ''बाकी कपडे गीला करोगी क्या '' तो सोना बोली 'नहीं'तो मैंने कहा सभी उतार ढोकर जाओ तो सोना अपना ब्लाउज ,पेटीकोट भी उतार कर ब्रा-पेंटी के बाथरूम घुस गई  नल से पानी गिरने की आवाज आने लगी |  सोना मुस्किल से 3 मिनट नहाईं होगी की मैं भी बाथरुम में कंडोम साथ लेकर घुस गया पहले तो सोना सरमाई पर बाद में बोली ''आओ जानू नहला दो तबियत से '' और फिर मैंने सोना के वदन के एक एक हिस्से में डव साबुन लगा-लगा कर एक एक अंग को चिकना कर करके सोना के चिकने वदन की मालिस करने लगा, मालिस करते करते सोना की बड़ी बड़ी चुचियो पर साबुन लगा कर चुचियो को खिलाने लगा तो सोना  गर्म होने लगी चुदाई के लिए और मेरे लण्ड में साबुन लगा कर लण्ड  खिलाने लगी मेरा लण्ड तो पहले  से ही खड़ा था सोना का हाथ लगते  ही  काले नाग की तरफ फन निकाल कर खड़ा हो गया, सोना बार बार लण्ड को खीचने लगी सावर चालु कर दिया और दोनों के वदन साबुन बहने लगा हम दोनों के जिस्म से साबुन निकल गया  तो मैंने सोना को वही बाथरूम में ही बैठा दिया और सावर को हलके हलके चालु कर दिया पानी की रिमझिम रिमझिम बरसात होने लगी दोनों के ऊपर मैंने सोना की दोनों टांगो को फैला कर पकड़ा और अपनी तरफ खीच लिया मैं भी अपनी टांगो को फैलाया और सोना की चूत के पास लण्ड ले गया तो सोना आगे होकर अपने चूतडो को आगे खिसकाया और लण्ड  को डालने लगी तो मैंने वोला रुको कंडोम लगा लेता हु और फिर कंडोम को लण्ड के  चढ़ाया और सोना के चूत लंड किया तो सोना अपनी
सोना को इस तरह से बाथरूम में चोद दिया
चिकनी चूत को लण्ड के पास लाइ और गप्प से मेरे पुरे लण्ड को लील गई [सोना की चूत बहुत ढीली है] तब मैं सोना की दोनों टांगो को पकड़ा और वाथरूम की चिकनी फर्श में सोना के चूतड़ो को आगे पीछे करने लगा तो सोना अपने दोनों हाथो को फर्स पर रख लिया और अपने चूतडो को मेरे लंड पर टकराने लगी, लगातार ३-४ मिनट तक चूत को मेरे लंड पर पटकती रही कुछ देर में  कोमोड कर बैठ गया और सोना की दोनों टांगो को पकड़ कर कमर में हाथ रखते हुए अपने लण्ड से सटा लिया सोना ने अपने दोनो  हाथ को फर्स टिका लिया और सावर के रिमझिम बर्षा  साथ साथ मेरे लण्ड के ठोकरों की बरसात सुरु कर दिया सोना की चूत में लण्ड के एक एक प्रहार में सोना आ आह आ हह आह आह आह आआ आ उइमां उइमां आक आक आआ की आवाज निकालने लगी जोर जोर से और बार बार बोलती और जोर और  जोर  मारो झटके स्वर्ग दिखाई दे रहा है और जोर जोर से अपने चूतडो को हिलाती .............
क्रमसः 



.......अभी सत्य कहानी अधूरी है  

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