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भाभी का फेस ऐसा ही है |
मेरा नाम रोहित सिंह है मैं सूरत में जॉब करता हु , गाँव में मेरा एक दोस्त है सज्जन पटेल, सज्जन नाम से ही सज्जन है पर ओ है बहुत बड़ा दुर्जन | अभी मैं गाँव गया तो सज्जन ने अपनी भाभी के बलात्कार करनकी बात बताई जो इस तरह से है |
आगे सज्जन की जुबानी ------------>
मेरे बड़े ताऊ के लड़के दिल्ली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है उनकी बीबी (मेरी चचेरी भाभी) गाँव आई हुई थी, उनके पास सामान ज्यादा था तो मुझे बोली ट्रेन में बैठा दो लल्ला जी तो मैंने बोला बैठा दुगा | फिर मैं 11 अप्रैल 2014 को भाभी का सामान पैक करके एक प्राइवेट कार से निकल लिए दोपहर को 12 बजे और 2 बजे शहर में भाभी की बहन के घर पहुंच | [गर्मी का महीना था खूब गर्मी पड़ रही थी ]
गया, भाभी की बहन ने खूब आव भगत किया मेरा [रिश्ते में जीजा जो ठहरा] साम को 6 बजे भाभी की बहन का गाव से फोन आया कुछ जरुरी काम था तो ओ दोनों गाँव चले गए उनके बच्चे पहले से ही गाँव में थे अब घर में मैं और मेरी भाभी बची | मेरी भाभी की उम्र 30 के आसपास होगी , गोरी चिठ्ठी गठीला वदन , बड़े बड़े बोबे ,भारी भरे बड़े बड़े लाल टमाटर की तरह सुर्ख गुलाबी गाल ऐसे की छू निकल जाए | 5 फिट 3 इंच के लगभग लम्बाई और मैं भाभी से 5 साल छोटा गांव का कसरती दूध -घी खाया मजबूत वदन करीब 5 फिट 10 इंच लंबा सावला
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सिर्फ पेटी कोट और ब्लाउज में भाभी को देखा |
रंग | भाभी ज्यादा हसी मजाक नहीं करती और घमंडी स्वभाव की है भाभी को अपने पति [ ताऊ जी के लड़के मेरे बड़े भाई] की सेलरी का ठसका [घमंड] कुछ ज्यादा ही है , हम गाँव वालो को कुछ समझती ही नहीं कहती है की तुम लोग जितना साल भर में कमाते हो उतना तो मैं दो महीने में खर्च कर देती हु, भाभी की सैक्सी जिस्म देखकर कई बार ललचाया हु, एक बार भाभी अपने कमरे में कपड़े बदल रही थी तब मैं गलती से भाभी के कमरे में घुस गया था तब भाभी को सिर्फ पेटी कोट और ब्लाउज में देख लिया था तबसे भाभी को चोदने का मन करता था पर मौका नहीं मिल रहा था पर आज मौका मिल गया |
साम के 7 बज गए भाभी को बोला की ''भाभी जी प्यास लगी है प्यास बुझाओ'' तो बोली '' क्यों मेरी देवरानी प्यास नहीं बुझाती क्या '' तो मैं हस्ते हुए बोला '' ओ तो बुझाती है आज आप बुझा दो '' तो भाभी हसने लगी और फ्रीज़ से पानी की बोतल निकाली और सर्बत बनाने लगी और द्विअर्थी संवाद में बाते करने लगी हसी मजाक की तो मेरा मन बढ़ गया तब तक भाभी एक गिलास में सरबत लेकर आई तो मैं भाभी के हाथ को छूते हुए गिलास पकड़ा तो भाभी के हाथ के स्पर्श से करेंट सा लगा और मैं जानबूझकर गिलास छोड़ दिया तो काँच गिलास फर्श पर गिरा और टूट गया तब भाभी दूसरा गिलास दिया और कांच के टुकड़े को समेटने लगी तो भाभी की चुचियो के हलके से दर्शन हुए मस्त टाइट चुचिया है भाभी की, टूटी गिलास को रखने के बाद भाभी मेरे पास ही सामने सोफे में बैठकर सर्बत पीने लगी,भाभी के गाउन से भाभी की बड़ी बड़ी टाइट चूची को मैं देखने लगा तो भाभी सरमा कर कमरे से चली गई और जाते जाते बोली मैं नहाने जा रही हु गर्मी बहुत है , आप अभी यही रहना टीवी देखना तो मैं कुछ नहीं कहा और हलके से मुस्कुरा
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भाभी इस तरह के कपडे में बाथरूम से बाहर निकली |
दिया कुछ देर में बाथरूम से नहाने के आवाज आने लगी तो मैं चुपचाप बाथरूम के बाहर लगा नल का बाल्व बंद कर दिया तो भाभी ने आवाज दिया '' लल्ला पानी ख़त्म हो गया टंकी का दो बाल्टी पानी रख दो '' तो मैं बोला ''ठीक है भाभी'' और दूसरे नल से पानी भर के बाथरूम के सामने रख दिया और बोला दिया की पानी रखा हुआ है तो भाभी बोलती है '' आप यहाँ से जाइए '' तो मैं बोला '' भाभी मैं पहले ही चला आया वहा से '' तो भाभी बाथरूम से बाहर निकली और पानी की बाल्टी लेने लगी , मैं अपने रूम के दरवाजे के ओलट में [जो वाथरूम के टीक सामने है] छिपकर भाभी को देखने लगा,भाभी गीले पेटीकोट और ब्रा में थी , मैं
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भाभी की चुचिया 100 टका ऐसी ही है |
भाभी को इस हालत में देख कर अपना आपा खो दिया ऐसा लगने लगा की घुस जाओ बाथरूम में और वही भाभी को पटक कर चोदने लगु पर हिम्मत नहीं पडी और चुपचाप भाभी को नहाते हुए देखता रहा कुछ देर में भाभी बाथरूम से टॉवेल लगाकर निकली जिसमे भाभी की चिकनी जांघे और चिकनी पीठ दिखाई दे रही थी , भाभी बैडरूम में घुस गई और सभी खिड़की दरवाजे लगा कर [ पर अब कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तो मैं चुपचाप खिड़की के छेद में से भाभी को देखने लग्गा] अपने सेक्सी जिस्म को टॉवेल से पोछने लगी,अब भाभी एकदम से नंगी थी उनकी टाइट चुचिया ऐसी थी जैसे इस फोटो में है | भाभी नंगी होकर ड्रेसिंगः टेबल के सामने खड़ी हो कर पुरे वदन में कोई क्रीम मसलने लगी ,[भाभी को ये नहीं पता की मैं उन्हें देख रहा हु] क्रीम लगाने के बाद भाभी बेड पर पालथी मार कर बैठ गई और क्रीम को सुखाने लगी फिर एक और कोई क्रीम निकला और बूब्स पर लगा बूब्स को ऊपर की तरफ मालिश करने लगी मैं ये सब देख रहा था मेरा लण्ड फन फना कर खड़ा हो गया कुछ देर बूब्स को मालिश करने के बाद भाभी उठी और ब्रा -पेंटी पहन कर एक गाउन पहन कर निकली पर मैं वहा से हट नहीं पाया और भाभी ने मुझे देख लिया और बोली ''क्या देख रहो हो लल्ला'' तब मैं सर्मिन्दा हो गया और कुछ नहीं बोला , तब भाभी फिर से बोली '' बहुत गलत है इस तरह से किसी को देखना '' तब मैं बोला ''भाभी अभी अभी तो आया हु '' तो भाभी बोली क्या क्या देख लिया तब मैंने बोला '' सब कुछ देख लिया आपका '' तो भाभी नाराज पड़ कर किचेन में चली गई और खाना बनाने लगी मैं सरम के मारे भाभी के पास नहीं गया और टीवी देखने लगा फिर साम को खाना दिया और मैं खाना खाकर एक दूसरे कमरे में सोने चला गया भाभी अपने बहन की बैडरूम में सो गई दरवाजा लगाकर, रात में 1 बजे मैं उठा और खिड़की से झाक कर देखा तो भाभी सिर्फ ब्रा और पेंटी में सोई हुई थी, अब मेरे सैतान मन ने ठान लिया की भाभी को आज चोदता हु देखेगे बाद में जो होगा और मन कठ्ठा करके भाभी के दरवाजे को खोला तो नहीं खुला तब खिड़की में से हाथ डाल कर दरवाजे की सिटकनी खोल दिया और भाभी के बगल में लेट गया,भाभी गहरी नींद में थी, मैं भाभी की जांघो को सहलाने लगा तो उनकी नींद खुल गई और ओ हड़बड़ा कर उठकर बैठ गई और जोर से डाटते हुए बोली '' क्या कर रहे हो , जाओ आपने कमरे में '' तो मैं भाभी के मुह को पकड़कर दबा दिया और बोला '' धीरे से बोलो'' तो भाभी ने मुझे धक्का देकर बिस्तर से नीचे गिराने लगी तब मैं भाभी के दोनों हाथ को एक दुपट्टे से बाँध दिया और बोला '' भाभी सिर्फ एक बार करवा लो '' तो भाभी बोली ''नहीं लल्ला जी ये गलत है आप गलत कर रहे हो मेरे साथ'' तो मैंने बोला ''भाभी मैं गलत कर रहा हु पता है मुझे पर आज एक बार करवा लो बस इसके बाद आपको कभी छुऊगा नहीं '' तोभाभी फिर से बोली ''नहीं मैं नहीं करने दुगी'' तो मैं बोला ''भाभी आप नहीं करने दोगी तो मैं आज जबरजस्ती करुगा आपके साथ '' तो भाभी बोली ''आपके भैया को और काका साहब [मेरे पापा को काका साहब कहती है भाभी] को बता दुगी आपके ये हरकत '' तो मैंने बोला आपको जो बताना हो बता देना पर आज नहीं मानुगा '' और इतना कहकर भाभी के दोनों हाथ को पकड़ लिया और किस करने लगा भाभी
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भाभी इस तरह से ब्रा और पेंटी में सोई हुई थी |
बार बार कह रही थी '' मैं रिपोर्ट लिखा दुगी आपको जेल भेज दुगी '' मैंने बोला ''सुबह फ़ासी में चढ़ा देना पर आज किये बिना नहीं मानुगा'' मेरे ऊपर जैसे सैतान सवार हो गया मैं कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था भाभी के दोनों बँधे हुए हाथो को अपने एक हाथ से पकड़ कर पेंटी को निकाल दिया तो भाभी अपनी दोनों टांगो को आपस में जोड़ कर बिस्तर में पेट की तरफ से लेट गई तो मैं भाभी की चूतडो पर पर हाथ घुमाने लगा और ब्रा का हुक खोल दिया, चूतडो के बीच में चूत में एक ऊँगली डाल कर चूत को सहलाने लगा तब भाभी और जोर से अपनी टांगो को आपस में जोड़ लिया और चिल्लाने लगी मुझे गाली देने लगी मैं उनकी गाली को परवाह किये बिना उनकी चूत को सहलाता रहा इतने में भाभी जल्दी से पलटी मार कर पीठ की तरफ से लेट गई और अपनी टांगो को एक दूसरे के ऊपर चढ़ा लिया तो मैंने एक हाथ से उनके बंधे हुए दोनों हाथों को पकड़ा और दूसरे हाथ से उनकी जांघो को फैला दिया और चूत को चाटने लगा भाभी बार बार आपने टांगो को आपस में जोड़ती पर मैं मजबूत हाथ से उनकी टांगो को फैला देता और चूत को चाटने लगता इस तरह से छीना झपटी में भाभी थक गई तो मैं उनके सुन्दर सेक्सी गोलाई लिए हुए बिना लटके टाइट चुचियो पर हाथ घुमाने लगा चुचियो की निप्पल को जीभ से चाटने लगा अब उनका बिरोध कम हो गया तो मैं भाभी की चूत को फिर से चाटने लगा 3 मिनट तक चूत को चाटते चाटते भाभी की चूत से पानी आने लगा उनकी चुचियो की निप्पल टाइट पड़ गई मैं समझ गया भाभी भी गर्म पड़ चुकी है तब मैंने गाँव का सुद्ध दूध-घी खाया मोटा और
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15-20 बार लण्ड के झटके खाने के बाद भाभी इस तरह से मेरी तरफ देखी और बोली ''लल्ला हाथ खोल दो'' |
तगड़ा लण्ड भाभी की चूत में पेलने लगा तो भाभी फिर से अपनी दोनों टांगो को आपस में जोड़ने लगी तो मैंने दोनों हाथो से टांगो को फैला कर पकडे रहा और धीरे से अपना लण्ड घुसेड़ दिया और लण्ड आगे पीछे करने लगा 15-20 बार लण्ड के झटके खाने के बाद भाभी का फेस बदलने लगा भाभी मेरी तरफ मदहोश नजरो से देखने लगी क्योकि भाभी को चुदाई में मजा आने लगा भाभी बहुत मादक अंदाज और नशीली आवाज में लड़खड़ाते हुए बोली '' लल्ला मेरा हाथ खोल दो दर्द कर रहा है '' तब मैंने भाभी से कहा की ''नहीं आप मरोगी मुझे '' तो भाभी बोली '' नहीं मारुंगी '' तब मैंने बोला ''पक्का नहीं मारोगी '' तब भाभी बोली ''आपकी कसम नहीं मारुंगी'' तब मैंने भाभी के बंधे हुए हाथो को खोल दिया जैसे ही हाथ खोला भाभी ने जोर से मुझे पकड़ा और
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भाभी के ऊपर इस तरह से लेट कर खूब चोदा, भाभी खुस हो गई और रात में 4 बार चुदवाया उनकी ट्रेन छूट गई इस चुदाई में |
चिपक गई मुझे किस करने लगी, मेरी तो मुह मांगी मुराद पूरी हो गई , मैं भाभी की रशीले होठो को चूसने लगा उनकी जीभ को चूसते हुए झटके मारने लगा तब भाभी ने एक तकिया दिया और बोली ''इसे मेरी कमर के नीचे रख दो लल्ला'' और इतना कहकर भाभी ने अपने चूतडो को ऊपर उठाया तो मैंने तकिया [पिलो] को भाभी के कमर और चूतडो के नीचे रख दिया तो भाभी की चूत ऊपर की तरफ उठ गई और मैं भाभी के ऊपर लेट कर दे दना दन दे दना दन दे दना दन दे दना दन दे दना दन दे दना दन दे दना दन लण्ड के झटके मारने लगा भाभी बड़े प्यार से एक एक झटके में स्वर्ग का सैर करने लगी भाभी के मुह से अब उउउ आए आआअ आह आह आह आह्हा आःह्हाआ आह्ह्हा आसासा आए आआआआआआआआ उउउउउउउउउउउउउउउ सासासासासा आह आह उउउउ उहुहुहुहुह उहुहुयह्यह्यह्यः हाहाहाहाहा आ आ आ अ अहहहः आकश आकश आ आ आ जोर जोर से करने लगी मैं लगातार भाभी के खेत [बुर] की जुताई खूब तबियत से कर रहा था भाभी बीच बीच में
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भाभी ने पलटी मार कर खूब चुदवाया |
झटके मारना कम कर देता तो भाभी तड़प कर मेरे चूतडो को पकड़ कर अपने हाथो से आगे पीछे करने लगती तब मैंने भाभी को हलके से पलटा कर उनकी एक टांग को ऊपर की तरफ उठा लिया और चूत की पूरी गहराई तक लण्ड को बार बार पेलता और निकालता भाभी अपने होठो को बार बार चबाती और मुह से उउउउउउउउ सासासासासा आह आह उउउउ उहुहुहुहुह उहुहुयह्यह्यह्यः हाहाहाहाहा आ आ आवाज निकलती मेरे सीने पर अपना हाथ घुमाती 15 मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद भाभी अचानक फिर से पीठ की तरफ से लेट गई मैं फिर से भाभी के ऊपर लेट कर और जोर जोर से झटके मारने लगा रात के सन्नाटे में कमरे में फट फट की आवाज गुजने लगी भाभी ने अपनी चूत को कसकर दबाने लगी मेरा लण्ड एकदम से टाइट जाने लगा उनकी चूत में और भाभी अचानक सिथिल पड़ गई मैं समझ गया ये झर चुकी है तब मैंने जल्दी जल्दी 20-30 झटके मारा और वीर्य को भाभी की बुर में उड़ेल दिया और हाँफते हुए भाभी के ऊपर लेट गया करीब 3 मिनट तक लेटे रहते के बाद
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भाभी केब्रा का हुक लगाया |
मैं उठ गया भाभी के ऊपर से तब भाभी अपने चद्दर से मुह को ढाक कर सिसकने लगी और रट हुए कहने लगी '' ये क्या किया लल्ला आपके भैया को कैसे मुह दिखाओगी '' तब मैंने भाभी के बड़े प्यार से अपने गोद में उठकर लिटा लिया और प्यार से गाल पर हाथ घुमाने लगा कुछ देर में भाभी का रोना बंद हो गया और ओ उठकर अपनी ब्रा और पेंटी पहनने लगीतो उनके हाथ काँप रहे थे ब्रा का हुक नहीं लग रहा था तो मैंने ब्रा का हुक लगा दिया और पीठ को चूमने लगा तो भाभी ने धक्का देकर मुझे लगा कर दिया और बोली '' आपने ये ठीक नहीं किया लल्ला '' तो मैंने भाभी के कदमो में अपना सर रख दिया और बोला ''माफ़ कर दो भाभी गलती हो गई '' तो भाभी कुछ नहीं बोली और उठकर बाथरूम चली गई और आकर लेट गई बेड पर और बोली ''अब आप जाओ इस कमरे से'' तो मैंने बोला ''नहीं भाभी अभी मन नहीं भरा '' तो भाभी बोली ''जान लोगे क्या मेरी, अब नहीं मैं बहुत थक गई हु'' तब मैंने बोला ''टीक है आराम कर लो दो घंटे बाद करवा लेना फिर से '' तो भाभी बोली ''देखूँगी'' तब मैं उठकर पेसाब करने चला गया लौट कर आया तो देखा की रूम के दरवाजे को अंदर से लगा लिया है मैंने कई बार बोला पर भाभी ने दरवाजा नहीं खोला तब मैं बगल के रूम में जाकर सो गया घड़ी में उस समय 2 बजकर 15 मिनट हो गए थे मुझे नींद नहीं आ रही थी तब मैं 3 बजे फिर से भाभी के रूम के दरवाजे को खटखटाया तो भाभी उठी और दरवाजा खोल दिया मैं भाभी से चिपक गया और फिर से तैयार कर लिया भाभी को और फिर से जबरजस्त चुदाई किया भाभी की फिर दोनों सो गए एक साथ सुबह 7 बजे नींद खुली भाभी की ट्रेन सुबह 6 बजे थी जो जा चुकी होगी , जब भाभी की नींद खुली तो मेरे ऊपर बहुत गुस्सा हुई और बोली '' आप जाओ और फिर से रिजर्वेसन कराओ सेकण्ड AC का '' तो मैंने कहा ''टीक है'' और सुबह 10.30 पर जाकर तत्काल का टिकट करवाया |
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भाभी ऐसी ही लगती है |
भाभी की बहन गाँव से नहीं आई उस दिन भी तब रात में फिर से दो बार चोदा भाभी को और अगले दिन भाभी को ट्रेन में बिठा दिया और आते समय भाभी का मोबाइल नंबर लिया वा पाँव छूकर आ गया | तीन दिन बाद भाभी से बात किया तो भाभी खुस थी मैंने रात की याद दिलाया तो बोली बहुत बेसरम मत बनो तो मैंने भाभी से पूछा की भाभी मजा आया था की नहीं तो भाभी पहले सरमाई फिर बोली '' हां '' और फोन काट दिया | अभी तक कई बार भाभी से बात कर चुका हु भाभी मुझे दिल्ली आने का निमत्रण भी दे चुकी है सोच रहा हु की दिल्ली जाकर भाभी की फिर से चुदाई करू |