यह फोट दीपिका सिंह की FB प्रोफाइल पिक लगी हुई है |
। मैंने एक दिना दीपिका से उनका मोबाइल नंबर माँगा तो आराम से अपना नंबर दे दिया उस दिन से हम मोबाइल पर बातें करने लगे और खूब देर देर तक बातें करते, बात चीत ज्यादातर सुबह 9 से 10 के बीच में और फिर रात के 10 बजे के बाद । एक दूसरे से खूब घूम मिल गए तो मैंने एक दिन पूछ लिया की रात में बात करती हो तो आपके हस्बेंड को नहीं पता चलता क्या तो बोली '' ओ साथ में नहीं रहते '' तब मैंने पूछा ''ओ क्या करते है,कहाँ रहते हैं '' तो नहीं बताया फिर मैंने जोर देकर पूछा भी नहीं । मैंने एक दिन पूछा की प्रोफाइल पिक आपकी ही है तो बोली ''नहीं'' तब मैंने कहा की ''आप कैसी हैं '' तो बोली ''बहुत बदसूरत'' और हँसने लगी बातचीत का शिलशिला मधुरता में बढ़ने लगा एक दिन मैने कहा ''ऑनलाइन वीडिओ चेटिंग करोगी'' तो बोली ''नहीं करुँगी'' तब मैंने कहा की ''अपनी ओरिजनल फोटो
दीपिका सिंह ने इस तरह की पिक सबसे पहले भेजा था |
दीपिका सिंह ने इस तरह की पिक सबसे पहले भेजा था |
गिले - शिकवे दूर हो गए और दीपिका खुस हो गई तब मैंने उनसे कहा '' अब तो अपनी ओरिजनल पिक बता दो'' तो बोली '' आप मिस यूज तो नहीं करेंगे'' तब मैंने कहा '' ओके विश्वास नहीं हो तो मत बताओ | तो बोली ''रुकिए भेजती हु '' और अपनी दो फोटो भेज दिया पर फोटो में दीपिका का पूरा पूरा चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था । पर जितना दिख रहा था उससे लग रहा था की दीपिका बहुत खूबसूरत है । कुछ देर में मैंने फोन कर उनकी खूबसूरती की तारीफ़ करने लगा तो बोली '' चलिए हटिये,बेकूफ नहीं बनाइये,
आपसे से कम खूबसूरत हु '' तो मैंने कहा की ''मेरी अभी की पिक देख लोगी तो बातें करना बंद कर दोगी'' तो हसने लगी और बोली ''आप जैसे भी हैं बहुत अच्छे है '' कुछ ही मिनट के बाद फोन काट दिया बोली ऑफिस जाना है '' और बात बंद हो गई । फोटो में दीपिका की खूबसूरती को देखकर मैं उनसे वीडिओ चैट पागल होने लगा और साम को 6 बजे फोन किया और वीडिओ चेट के लिए बोला तो ओ बोली ''अभी तो बच्चे डिस्टर्ब करेगें रात में बात करुँगी जब बच्चे सो जायेगें'' तो मैंने उन्हें अपनी परेसानी बताया की रात में मैं बात नहीं कर सकता मेरी श्रीमती जी रहती है घर में तो ओ बोली ''कल सुबह कर लूंगी बात जब मेरी दोनों लडकियां स्कूल चली जाएगी'' तब मैंने कहा ''टीक है सुबह का इन्तजार करता हु'' और मैं सुबह के इन्तजार में रात भर नहीं ठीक से सो नहीं पाया । पर सुबह काम में इतना ब्यस्त हो गया तो बात करने की याद ही नहीं रही और 9 बजकर 30 मिनट हो गए तो दीपिका की मिस काल आई तो मुझे याद आया और मैं ऑनलाइन हुआ और दीपिका को फोन किया तो दीपिका भी ऑनलाइन हुई और मेरे लैपटॉप की स्क्रीन पर जो चेहरा सामने दिखा मैं उसे देखकर मैं आस्चर्यचकित रह गया इतनी खूबसूरत की उनकी खूबसूरती सब्दो से परे है । हलके हलके भूरे भूरे बाल,लाल-लाल गाल,सुर्ख गुलाबी लाल लाल होठ (बिना लिपस्टिक लगाए) समंदर सी गहराई लिए हुए नीली नीली आँखें ,सुडौल नाक, मैं अपलक दीपिका को देखता ही रह गया इतने में दीपिका बोली '' हेल्लो कुछ बात भी करेंगे ता यू ही देखते रहेंगे'' तब मैं चौक गया और
बोला '' OMG कितनी खूबसूरत हो आप'' तो हँसने लगी और बोली ''झूठी तारीफ नहीं करिये'' तो तब मैंने कहा ''आप वाकई में जन्नत की हुर लगती है'' तो ओ और जोर से खिलखिला पड़ी इस तरह करीब 20 मिनट तक दोनों में प्यार भरी बातें होती रही , फिर दीपिका का ऑफिस का समय हो गया तो ओ बोली ''अलविदा'' तो मैंने उन्हें टोंका '' अलविदा नहीं कहते '' तो बोली टीक है '' बाय बाय'' मैं भी भारी मन से बाय बाय किया और ओ ऑफ़लाइन हो गई । दीपिका बाते करते समय एक कट बाह की गाउन पहन रखी थी जिसमे उनकी गोरी गोरी सुन्दर सेक्सी चिकनी चिकनी बाहें दिखाई दी । उनके होठों के बाए तरफ ऊपर की तरफ एक काला तिल उनकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहा था दीपिका से वीडिओ चेटिंग के बाद मैं उनसे मिलने के लिए तड़प उठा पर मैं उतावला पन नहीं दिखाना चाहता था । मैं ये देखना चाहता थी की दीपिका को मिलने की तमन्ना है की नहीं । अब तो रोज रोज का क्रम बन गया 15 -20 मिनट तक दोनों वीडिओ चैट करते अपने अपने लैपटॉप की स्क्रीन पर एक दूसरे को चूमते एक दिन मैंने दीपिका से कहा '' मैं आपसे मिलना चाहता हु'' तो चहकते हुए बोली '' आ जाइए जब मिलने का मन करे'' तो मैंने कहा '' आप बहुत दूर रहती है'' (दीपिका की फेसबुक ID में कोलकत्ता का पता लिखा हुआ था) तो हँसते हुए बोली '''मैं आपके शहर के पास ही रहती हु , फेसबुक में गलत लिखा हुआ है '' तब मैंने पूछा ''गलत पता क्यों लिखा है'' तो बोली '' मजनू लोग परेसान नहीं करें इस लिए लिखा हुआ है'' तब मैंने उनसे उनके शहर पूछा तो उन्होंने जो नाम बताया ओ मेरे शहर से पास ही दो घंटे की दुरी पर पड़ता है । दीपिका से कहा की आप आ जाओ मेरे शहर ओ बोली ''मेरी छोटी छोटी बेटियों को सम्हालने वाला कोई नहीं, मैं कैसे आ सकती हु, आप आ जाओ'' तब मैंने पूरा प्लान बनाकर अगले दिन चलने पूरा प्लान बना लिया और दीपिका को बता दिया तो दीपिका बोली ''आप सुबह जल्दी जाइए '' तब मैंने समय पूछा तो बोली '' आप 10:10 तक आ जाइए फिर मैं ऑफिस जाऊगी'' तब मैंने आने से मना कर दिया और बोला '' मैं इतने दूर से आपसे मिलने आ रहा हु और आपको ऑफिस की पडी है'' तो दीपिका बोली ''नाराज मत पड़िये नहीं जाऊगी ऑफिस बस '' हस दिया तब मैं समझ गया की दीपिका भी मिलने के लिए तड़प रही हैं । अगले दिन 03 मार्च 2014 को मैं बाइक से सुबह जल्दी निकला और दीपिका के शहर में सुबह 8:30 बजे पहुंच गया और दीपिका को फोन किया तो उसने अपना पता बताया तो मैं तलासते तलासते पहुंच गया, दीपिका अपने मकान के गेट पर एक सलवार सूट पहने खड़ी मिली मैं पहचान गया और हेलमेट उतारा तो दीपिका पहचान गई और अंदर आने को बोली । मैं अंदर गया और दीपिका के आगे वाले कमरे में बैठा और दीपिका पीछे वाले कमरे में चली गई । मैंने आगे कमरे को बारीकी से देखने लगा, एक जवान पुरुष की फोटो टंगी हुई थी जिसमे माला चढ़ी हुई थी और उसी बगल में एक और फोटो थी जिसमे दीपिका अपने बच्चो साथ थी उस फोटो में दीपिका में मांग सिंदूर डला हुआ था मैं बहुत कन्फूज हुआ की माजरा क्या है । इतने में दीपिका पानी की गिलास और मिठाई -नमकीन लेकर आई और टेबल में रख दिया और बोली ''लीजिये'' तब मैंने पीस मिठाई उठाया और दीपिका के मुह की तरफ बढ़ा दिया तो दीपिका मना करने लगी तो मैंने कहा की '' नहीं खाओगी तो मैं भी नहीं खाऊगा '' तब दीपिका ने मुह फैला दिया तब मैंने मिठाई आधा टुकड़ा दीपिका के मुह में डाल दिया और बचा हुआ हिस्सा खा लिया तो दीपिका मेरी तरफ प्यार से देखते हुए बोली '' मेरी जूठी मिठाई क्यों खाई'' तब मैंने कहा '' मैं जहर भी खा लूंगा तुम्हारे हाथ का , मिठाई है '' तब दीपिका कुछ नहीं बोली और मेरी तरफ प्यार से देखते हुए उठकर चली गई और पीछे के कमरे में जो बेड रूम किचेन दोनों है उसमे चाय बनाने लगी तो मैं पीछे से पहुंच गया और दीपिका की गर्दन के किस कर लिया तो दीपिका बोली ''आगे के रूम में बैठिये कोई आ जाएगा तो जबाब देना मुस्किल हो जाएगा'' तब मैं आगे के रूम में आकर बैठ गया तो कुछ देर में दीपिका कॉफी लेकर आई दोनों साथ बैठकर कॉफी पीने लगे,कॉफी पीते पीते मैंने दीपका से हार टंगी हुई फोटो के बारे में पूछा तो दीपिका हलकी दुखी होकर बोली '' ये मेरे पति है'' और इतना कहते ही दीपिका की आँखे गीली हो गई तो मुझे बहुत दुःख हुआ तो मैंने कहा '' सॉरी मुझे पता नहीं था'' इस लिए बोला तो दीपिका बोली ''दैट्स ओके नो प्राब्लम्ब'' और मुस्कुराने लगी पर उसकी मुस्कराहट में भी बहत दर्द छिपा हुआ था । बाते करते करते करीब 9 बजकर 15 मिनट हो गए तो मैंने दीपिका से पूछा की '' क्या प्रोग्राम है आज का'' तो दीपिका बोलि '' आप डिसाइड करो'' तब मैंने कहा की ''चलो शहर के बाहर घूमने चलते है'' तो दीपिका बोली ''कहा चलेंगे'' तो मैंने कहा '' कहीं भी चलें'' तो बोली ''टीक है आप अभी यहाँ से जाए मैं तैयार होकर आती हु
अगले चौराहे पर मिलती हु'' तो मैं उठकर 9 बजकर 45 मिनट पर चला आया और कालोनी के बाहर मेंन रोड के चौराहे पर दीपिका का इन्तजार करने लगा । करीब 10:15 AM पर दीपिका लाल रंग की साड़ी और कट बाहँ का ब्लाउज पहन कर आई और दूर से इसारा किया और एक अॉटो में बैठ गई तब मैं ऑटो के पीछे पीछे बाइक से चलने लगा 5 KM जाने के बाद एक चौराहे से आगे सुनसान जगह पर ऑटो रुका और ओ उतर गई ऑटो वाले को पैसा दिया तब तक मैं उसके पास पहुंच गया तो तुरंत ही मेरी बाइक में कूद कर बैठ गई और बोली ''जितनी जल्दी हो सके इसी रोड में चलिए '' और इतना कहा कर दीपिका मेरे से चिपक कर बैठ गई तब मैंने बाइक तेजी से चलाते हुए शहर से बाहर आ गए तब दीपिका बोली ''अब आराम से चलाइये बाइक'' तब मैं बाइक को 30 KM की स्पीड में चलाने लगा और बातें करने लगा तो दीपिका बोली ''अरे इतना धीरे भी नहीं चलाइये,बोरियत होने लगी'' तब मैंने बाइक को 50-60 की स्पीड चलाने लगा और करीब 10 KM दूर जाने के बाद दीपिका ने मेरी पीठ को हलके से ठोका तो मैं दीपिका की तरफ पलट कर देखने लगा तो बोली '' अरे सामने देखिये और बाइक को किनारे खड़ी करिये'' तब मैंने बाइक को एक पेड़ की छाव में खड़ी किया और दोनों उतर गए और मैं बाइक पर टिक कर खड़ा हो गया और अपनी बाहों को दीपिका की तरफ फैला दिया तो दीपिका आई और मेरे बाहो में समा गई तो मैंने दीपिका को दोनों हाथो से अपने सीने में जकड लिया और चूमने लगा दीपिका बोली ''अब बस भी करिये,रोड के किनारे खड़े हुए है '' तब मैंने दीपिका को चूमना बंद कर दिया तो दीपिका मेरी बाहों से अलग होकर सामने खड़ी हो गई और प्यार से देखने लगी तो मै बोला '' इस तरह से देखकर मुझे घायल मत करो'' तो मुस्कुराने लगी और नजरें नीची कर लिया तब मैंने बोला '' आगे का क्या प्रोग्राम है'' तो दीपिका बोली '' मेरे दिल और अपनी बाइक के ड्राइवर तो आप है जहाँ चाहे ले चले'' तब मैंने दीपिका को बोला ''वापस चलते है शहर में और किसी होटल में रुकें'' तो दीपिका
बोली ''मुझे कोई दिक्कत नहीं है पर शहर से बाहर किसी होटल में चलिएगा शहर के अंदर कोई पहचान लेगा'' तब मैंने कहा ''टीक है'' और शहर की तरफ वापस चल दिया और जल्दी ही एक बढ़िया से होटल में पहुंच गए तब तक 11 बज गए, होटल के रिकार्ड में
दीपिका को पत्नी के रूप में बताया और एक बढ़िया से AC रूम 1200 रुपये में बुक करवा लिया ! सामान के नाम पर मेरे पास कुछ नहीं था दीपिका में पास उनका पर्स था इतने कम सामान को देखकर होटल वाला सक की निगाह से देख रहा था फिर भी उसने रूम दे दिया और हम दोनों करीब 11 बजकर 15 मिनट पर होटल के कमरे में पहुंच गए कमरे में पहुँचते ही तुरंत दरवाजा लगाया और दीपिका सिंह को चिपका लिया अपने सीने से और दीपिका को बेतहासा चूमने लगा और चूमते चूमते बिस्तर में बैठ गए दोनों और मैंने दीपिका ब्लाउज के अंदर हाथ डाल कर चूची को खिलाने लगा, दीपिका की चूचियाँ एकदम से कड़क है निपप्पल टाइट पड़ चुकी थी तब मैंने दीपिका के
ब्लाउज खोलने लगा तो दीपिका खुद ही खड़ी हो गई और अपने सभी कपडे फटाफट उतारने लगी तब मैं भी उठा और जल्दी जल्दी अपने पेंट सर्ट उतार दिया तब तक दीपिका ब्रा पेंटी में बेड पर बैठ गई मैं भी चढ्ढी-बनियान में दीपिका के पास बैठ गया और दीपिका को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और गोद में लिटाते हुए किस करने करने लगा और ब्रा के नीचे से चूची को सहलाने लगा उधर दीपिका मेरे सीने पर जांघो पर हाथ घुमाते घुमाते मेरी चढ्ढि के नीचे हाथ डालकर मेरे लण्ड को खिलाने लगी मैं कुछ ही पल में दीपिका की ब्रा और पेंटी को निकाल दिया तो दीपिका मेरी भी चढ्ढि उतारने लगी तो मैंने स्वेम अपनी बनियान और बनियान उतार कर एक तरफ फेक दिया ! अब दोनों एक दूसरे नंगे बैठे थे सभी सर्म हया गायब थी दोनों की !दीपिका को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और लिटा दिया फिर 69 के पोजीसन में
दीपिका की चूत को चाटने लगा तो दीपिका मेरे लण्ड को अपने हाथो से खिलाने लगी और जीभ से लण्ड के सुपाड़े को खोलते हुए लण्ड को चाटने लगी ! दीपिका की चूत बहुत ही सकरी है ज़रा सा छेद है मैं जीभ डाल डाल कर दीपिका की चूत को चाटने लगा फिर दो उंगलियो को एक साथ चूत में डालने लगा तो दीपिका जल्दी से पलट गई और मेरे सीने पर आकर लेट गई तो मैं फिर से चुचियो को चूसने लगा और दीपिका को पलटा कर नीचे कर दिया और दीपिका के ऊपर लेट गया और किस करते करते लेटे लेटे ही चूत में लण्ड डालने लगा पर लण्ड घुस नहीं रहा था तब मैं बैठ गया और दीपिका की चूत और अपने लण्ड पर थूक कर चिकना कर लिया और धीरे धीरे लण्ड घुसेड़ने लगा जैसे जैसे लण्ड घुसता जाता तो वैसे वैसे दीपिका को दर्द बढ़ता जाता और दीपिका मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ती और रोकने लगती कुछ सेकंड के लिए रुकता और फिर से लण्ड को ठेलने लगता इस तरह से थोड़ा थोड़ा करके धीरे धीरे पूरा लण्ड घुसेड़ दिया दीपिका की
चूत में और धीरे धीरे हलके हलके थोड़ा थोड़ा लण्ड को आगे पीछे करने लगा, लण्ड का ठोकर दीपिका की बच्चेदानी के मुह तक लगने लगा तो दीपिका को आनंद आने लगा तो दीपिका चेहरे के भाव वदलने लगे ! धीरे धीर चुदाई में जब दीपिका को खूब मजे आने लगे तो मैं बीच बीच में लण्ड को आगे पीछे करर्ना बंद कर देता तो दीपिका पलंग पर तड़पने लगती और अपने चूतडो को हिलाने लगती जोर जोर से तब मैं धीरे धीरे लण्ड पीछे करने लगता और दीपिका आँखे बंद कर मुह फाड़कर चुदाई का मजा लेने लगती तो मैं फिर से लण्ड झटके मारना बंद कर देता ...................इस तरह से दीपिका सिंह की खूब चुदाई किया होटल में दीपिका मद मस्त हो गई चुदाई से मैंने दीपिका से पूछा की आपकी चूत क्यों इतनी टाइट हो गई दीपिका ने बताया की बच्चियां पैदा होने के बाद से ही चूत टाइट करने की क्रीम लगाती थी इसी दौरान इनकी(पति का नाम लिया) मृत्यु हो गई फिर भी मैं क्रीम लगाती रही और दो साल तक किसी से भी शारीरिक संबध नहीं बनाया और रोज रोज क्रीम लगाते लगाते टाइट पड़ गई ! दीपिका की कमाग्नि ऐसी भड़की की दीपिका हर सप्ताह बुलाने लगी होटल में रुकने का खर्चा भी खुद वहन करने लगी पर रोज रोज ! चुदाई का कार्यक्रम जारी है !
आपसे से कम खूबसूरत हु '' तो मैंने कहा की ''मेरी अभी की पिक देख लोगी तो बातें करना बंद कर दोगी'' तो हसने लगी और बोली ''आप जैसे भी हैं बहुत अच्छे है '' कुछ ही मिनट के बाद फोन काट दिया बोली ऑफिस जाना है '' और बात बंद हो गई । फोटो में दीपिका की खूबसूरती को देखकर मैं उनसे वीडिओ चैट पागल होने लगा और साम को 6 बजे फोन किया और वीडिओ चेट के लिए बोला तो ओ बोली ''अभी तो बच्चे डिस्टर्ब करेगें रात में बात करुँगी जब बच्चे सो जायेगें'' तो मैंने उन्हें अपनी परेसानी बताया की रात में मैं बात नहीं कर सकता मेरी श्रीमती जी रहती है घर में तो ओ बोली ''कल सुबह कर लूंगी बात जब मेरी दोनों लडकियां स्कूल चली जाएगी'' तब मैंने कहा ''टीक है सुबह का इन्तजार करता हु'' और मैं सुबह के इन्तजार में रात भर नहीं ठीक से सो नहीं पाया । पर सुबह काम में इतना ब्यस्त हो गया तो बात करने की याद ही नहीं रही और 9 बजकर 30 मिनट हो गए तो दीपिका की मिस काल आई तो मुझे याद आया और मैं ऑनलाइन हुआ और दीपिका को फोन किया तो दीपिका भी ऑनलाइन हुई और मेरे लैपटॉप की स्क्रीन पर जो चेहरा सामने दिखा मैं उसे देखकर मैं आस्चर्यचकित रह गया इतनी खूबसूरत की उनकी खूबसूरती सब्दो से परे है । हलके हलके भूरे भूरे बाल,लाल-लाल गाल,सुर्ख गुलाबी लाल लाल होठ (बिना लिपस्टिक लगाए) समंदर सी गहराई लिए हुए नीली नीली आँखें ,सुडौल नाक, मैं अपलक दीपिका को देखता ही रह गया इतने में दीपिका बोली '' हेल्लो कुछ बात भी करेंगे ता यू ही देखते रहेंगे'' तब मैं चौक गया और
दीपिका के होठ,गाल ऐसे ही लाल सुर्ख है |
अगले चौराहे पर मिलती हु'' तो मैं उठकर 9 बजकर 45 मिनट पर चला आया और कालोनी के बाहर मेंन रोड के चौराहे पर दीपिका का इन्तजार करने लगा । करीब 10:15 AM पर दीपिका लाल रंग की साड़ी और कट बाहँ का ब्लाउज पहन कर आई और दूर से इसारा किया और एक अॉटो में बैठ गई तब मैं ऑटो के पीछे पीछे बाइक से चलने लगा 5 KM जाने के बाद एक चौराहे से आगे सुनसान जगह पर ऑटो रुका और ओ उतर गई ऑटो वाले को पैसा दिया तब तक मैं उसके पास पहुंच गया तो तुरंत ही मेरी बाइक में कूद कर बैठ गई और बोली ''जितनी जल्दी हो सके इसी रोड में चलिए '' और इतना कहा कर दीपिका मेरे से चिपक कर बैठ गई तब मैंने बाइक तेजी से चलाते हुए शहर से बाहर आ गए तब दीपिका बोली ''अब आराम से चलाइये बाइक'' तब मैं बाइक को 30 KM की स्पीड में चलाने लगा और बातें करने लगा तो दीपिका बोली ''अरे इतना धीरे भी नहीं चलाइये,बोरियत होने लगी'' तब मैंने बाइक को 50-60 की स्पीड चलाने लगा और करीब 10 KM दूर जाने के बाद दीपिका ने मेरी पीठ को हलके से ठोका तो मैं दीपिका की तरफ पलट कर देखने लगा तो बोली '' अरे सामने देखिये और बाइक को किनारे खड़ी करिये'' तब मैंने बाइक को एक पेड़ की छाव में खड़ी किया और दोनों उतर गए और मैं बाइक पर टिक कर खड़ा हो गया और अपनी बाहों को दीपिका की तरफ फैला दिया तो दीपिका आई और मेरे बाहो में समा गई तो मैंने दीपिका को दोनों हाथो से अपने सीने में जकड लिया और चूमने लगा दीपिका बोली ''अब बस भी करिये,रोड के किनारे खड़े हुए है '' तब मैंने दीपिका को चूमना बंद कर दिया तो दीपिका मेरी बाहों से अलग होकर सामने खड़ी हो गई और प्यार से देखने लगी तो मै बोला '' इस तरह से देखकर मुझे घायल मत करो'' तो मुस्कुराने लगी और नजरें नीची कर लिया तब मैंने बोला '' आगे का क्या प्रोग्राम है'' तो दीपिका बोली '' मेरे दिल और अपनी बाइक के ड्राइवर तो आप है जहाँ चाहे ले चले'' तब मैंने दीपिका को बोला ''वापस चलते है शहर में और किसी होटल में रुकें'' तो दीपिका
दीपिका की चूत को चाटने लगा तो दीपिका मेरे लण्ड को अपने हाथो से खिलाने लगी और जीभ से लण्ड के सुपाड़े को खोलते हुए लण्ड को चाटने लगी ! दीपिका की चूत बहुत ही सकरी है ज़रा सा छेद है मैं जीभ डाल डाल कर दीपिका की चूत को चाटने लगा फिर दो उंगलियो को एक साथ चूत में डालने लगा तो दीपिका जल्दी से पलट गई और मेरे सीने पर आकर लेट गई तो मैं फिर से चुचियो को चूसने लगा और दीपिका को पलटा कर नीचे कर दिया और दीपिका के ऊपर लेट गया और किस करते करते लेटे लेटे ही चूत में लण्ड डालने लगा पर लण्ड घुस नहीं रहा था तब मैं बैठ गया और दीपिका की चूत और अपने लण्ड पर थूक कर चिकना कर लिया और धीरे धीरे लण्ड घुसेड़ने लगा जैसे जैसे लण्ड घुसता जाता तो वैसे वैसे दीपिका को दर्द बढ़ता जाता और दीपिका मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ती और रोकने लगती कुछ सेकंड के लिए रुकता और फिर से लण्ड को ठेलने लगता इस तरह से थोड़ा थोड़ा करके धीरे धीरे पूरा लण्ड घुसेड़ दिया दीपिका की
चूत में और धीरे धीरे हलके हलके थोड़ा थोड़ा लण्ड को आगे पीछे करने लगा, लण्ड का ठोकर दीपिका की बच्चेदानी के मुह तक लगने लगा तो दीपिका को आनंद आने लगा तो दीपिका चेहरे के भाव वदलने लगे ! धीरे धीर चुदाई में जब दीपिका को खूब मजे आने लगे तो मैं बीच बीच में लण्ड को आगे पीछे करर्ना बंद कर देता तो दीपिका पलंग पर तड़पने लगती और अपने चूतडो को हिलाने लगती जोर जोर से तब मैं धीरे धीरे लण्ड पीछे करने लगता और दीपिका आँखे बंद कर मुह फाड़कर चुदाई का मजा लेने लगती तो मैं फिर से लण्ड झटके मारना बंद कर देता ...................इस तरह से दीपिका सिंह की खूब चुदाई किया होटल में दीपिका मद मस्त हो गई चुदाई से मैंने दीपिका से पूछा की आपकी चूत क्यों इतनी टाइट हो गई दीपिका ने बताया की बच्चियां पैदा होने के बाद से ही चूत टाइट करने की क्रीम लगाती थी इसी दौरान इनकी(पति का नाम लिया) मृत्यु हो गई फिर भी मैं क्रीम लगाती रही और दो साल तक किसी से भी शारीरिक संबध नहीं बनाया और रोज रोज क्रीम लगाते लगाते टाइट पड़ गई ! दीपिका की कमाग्नि ऐसी भड़की की दीपिका हर सप्ताह बुलाने लगी होटल में रुकने का खर्चा भी खुद वहन करने लगी पर रोज रोज ! चुदाई का कार्यक्रम जारी है !