मुझे आज भी याद है एक बार मेरे मामा की शादी में हम सभी शादी होने के बाद
विदाई से पहले सो रहे थे| जिस होटल में शादी हुई थी, उसी होटल में
बारातियों के लिए कमरे भी बुक थे| मेरे चाचा, डैड, मम्मी और मैं, होटल का
एक कमरा शेयर कर रहे थे| सर्दियों के दिन थे | चाचा फेरो से पहले ही कमरे
में आ कर सो गए थे | मुझे याद है तब मैं सिर्फ 14 साल का था और चाचा छुप कर
ड्रिंक्स वगेरह enjoy कर रहे थे शायद इसीलिए set हो कर जल्दी ही कमरे में आ
कर सो गए थे| रात 1 बजे के आसपास मैं भी फेरों से उठ कर कमरे में आ कर सो
गया था| सुबह करीब ३ बजे जब कमरे में खटपट हुई तो मेरी नींद टूटी, लेकिन
मैं रजाई में ही मुह दबा कर सोता रहा, क्योंकि मम्मी पापा फेरों के बाद
कमरे में आये थे और धीरे धीरे बातें कर रहे थे| उनकी एक एक बात आज भी मेरे
कानो में गूँजती है |
मम्मी-सब कुछ अच्छा हो गया| अब तो बस जल्दी से सो जाओ सुबह 6 बजे विदाई है..2-3 घंटे भी नींद आ गयी तो फ्रेश हो जायेंगे|
डैड(धीरे से) - मुझे तो नींद जब तक नहीं आएगी जब तक तुम मुझे release नहीं करोगी |
मम्मी- कुछ तो ध्यान रखो अभि और राकेश(चाचा) सो रहे हैं यहाँ कहाँ करोगे ?
डैड- अरे राकेश को तो नगाड़े बजा के उठाना पड़ेगा| पूरा set हो गया था रात को, और अभि तो बच्चा है; बच्चो कि नींद भी पक्की ही होती है और फिर अभि की presence में हमने कितने बार किया है...आओ ना| मम्मी - देख लो यार कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाये |
डैड- कुछ नहीं होती... आओ |
फिर मैंने महसूस किया कि मम्मी और डैड bed पर आ गए; चाचा तो सोफे पे सोये हुए थे| बेड पे रजाई एक ही थी जो कि double बेड की ही थी| मुझे महसूस हुआ की डैड मेरी तरफ है और मम्मी बेड के दूसरे किनारे पे|
मम्मी- ये रजाई छोटी पड़ेगी हम तीनो के लिए, मैं तो ठण्ड में नहीं रह सकती;आप इस किनारे पे आ जाओ और मुझे बीच में आने दो वैसे भी आपको गर्मी मिल ही जाएगी चाहे आप बीच में रहो या किनारे पे ये कह कर मम्मी बीच में आ गयी |
डैड- यार तुम कपडे तो बदल लेती |
मम्मी- 2 घंटे की ही तो बात है; फिर उठना है फिर दुबारा से कपडे change करने पड़ेंगे| और अगर तुम ज्यादा मस्ती करोगे और सारे कपडे ख़राब कर दोगे तो फिर भी change करने पड़ेंगे ...इसलिए जो कुछ करना हो plz मेरे कपडे ना ख़राब करना|
डैड - यार शादी में तुम इतनी खूबसूरत लग रही थी की मन कर रहा था ही बस अभी कमरे में चलें और कर दूं तुम्हें |
मम्मी- चुप रहो plz | दोनों में से कोई उठ जाएगा और मत बोलो plz जो करना है जल्दी से कर लो |
डैड - हे भगवान् | कितना डरती हो तुम |
और फिर दोनों चुप हो गए ओ मुझे रजाई में हलचल महसूस होने लगी|
डैड(धीरे से)- साड़ी ऊपर उठाओ |
मम्मी - ऊपर आओगे क्या ?
डैड- तुम बताओ ?
मम्मी - पीछे से कर लो ऊपर मत आओ प्ल्ज़... कपडे ख़राब होंगे |
डैड- ठीक है अभि की और मुह कर लो
एक बार फिर रजाई में हलचल हुई और मुझे महसूस हुआ की मम्मी ने मेरी और मुह कर किया है |
मै उल्टा लेता हुआ था और मेरा मुह भी उन दोनों की और था | लेकिन मैं डर के मारे आँखे खोलने की हिम्मत नहीं कर सका| मेरा सर तो रजाई में ढका हुआ था लेकिन मम्मी का और dad का बाहर था|
रजाई में फिर हलचल हुई और मुझे लगा की डैड मम्मी की साडी और पेटीकोट पीछे से उठा रहे हैं| थोड़ी देर तक कुछ नहीं हुआ |
मम्मी - अब इन पर हाथ फिराना छोड़ कर कुछ कर भी लो|
डैड - यार सारी शादी में लोग सिर्फ तुम्हारे hips को ही देख रहे थे कितने सेक्सी हिप्स हैं तुम्हारे |
मम्मी - हाँ हाँ कुछ और तो था नहीं शादी में देखने को....है ना...!!!
डैड- था तो सही लेकिन वो तुमने पल्लू से ढक रखा था|
मम्मी - कितने बेशरम हो तुम |
डैड - अरे यार तुम्हारे सामने ही तो कह रहा हूँ कौन सा loudspeaker ले के बोल रहा हूँ....| अच्छा ये बताओ के गीली हो गयी हो क्या तुम ?
ये सुनते ही मेरा लंड फड़क उठा |
मम्मी- यार आप भी कमाल करते हो...| इतनी जल्दी कैसे होउंगी |
डैड - फिर मैं करके आया |
ये कहते ही रजाई में थोड़ी से जोर की हलचल हुई और जो मैं समझ पाया था वो ये कि डैड ने अपना मुह मम्मी कि thighs के बीच उनकी चूत/फुदी पे लगा दिया था और वो शायद मम्मी की फुदी चाट रहे थे|
मम्मी- अब ये underwear क्यों उतार रहे हो मेरी.....साइड पे करके चाट लो ना
डैड-यार अच्छी तरह से नहीं हो पायेगी
मम्मी - ये काम करने ज़रूरी हैं अभी...टाइम तो है नहीं और फिर अभि और राकेश ....!! आप कभी नहीं सुधरोगे
और मैंने महसूस किया कि मम्मी कमर के बल हो गयी थे और उनकी टाँगे खुल रही थे डैड को accomodate करने के लिए | मम्मी की एक टांग मुझ से touch हो रही थी; कभी जोर से press होती तो कभी धीरे से| शायद डैड के चाटने के स्टाइल से हो रही थी |
मम्मी-आह्ह्ह .....म्मम्म ....थोडा धीरे करो ह्ह्ह्ह...उफ्फ्फ्फ़ ...थोडा और नीचे ......यंहा....सुनो .....एक बार clit भी रगड़ दो|
उस समय मुझे नहीं पता था की clit क्या होता है लेकिन शायद डैड ने रगडा और मम्मी ने अपनी टाँगे इकठ्ठी कर ली और शायद डैड का मूह अपनी thighs में दबा लिया |
मम्मी- ऊऊओ.....आह्ह्ह्ह.... म्मम्मम्म.... हो गयी मैं तो ...आह्ह्ह्हह....निकल गयी मैं.....!!! और ऐसा लगा की मम्मी कांप रही हैं ... मम्मी का जो हाथ मेरी तरफ था उस से बेड शीट भी शायद कस के पकड़ी हुई थी|
ये शब्द आज भी ताज़ा हैं मेरे दिमाग में (मम्मी-आह्ह्ह .....म्मम्म ....थोडा धीरे करो ह्ह्ह्ह...उफ्फ्फ्फ़ ...थोडा और नीचे ......यंहा....सुनो .....एक बार clit भी रगड़ दो| ऊऊओ.....आह्ह्ह्ह.... म्मम्मम्म.... हो गयी मैं तो ...आह्ह्ह्हह....निकल गयी मैं.....!!!)
और फिर रजाई में एक बार फिर हलचल हुई और मम्मी ने अपना face मेरी और कर लिया और डैड ने उनके पीछे position ले ली|
डैड - यार जगह नहीं मिल रही एक बार पकड़ के लगवा लो ना |
मम्मी- रुको ...!!! और फिर ऐसा लगा की मम्मी ने अपना हाथ अपनी thighs के बीच में से ले जा कर डैड का लंड पकड़ के अपने फुदे के मुह पे लगवा लिया ...और फिर मम्मी हलके से बोली..."चलो"
मम्मी- रुको ...!!! और फिर ऐसा लगा की मम्मी ने अपना हाथ अपनी thighs के बीच में से ले जा कर डैड का लंड पकड़ के अपने फुदे के मुह पे लगवा लिया ...और फिर मम्मी हलके से बोली..."चलो" और फिर मुझे महसूस हुआ की मम्मी को मेरी तरफ हल्का सा धक्का लगा
मम्मी - उह्ह ...गया क्या पूरा ?
डैड- हाँ गया पूरा का पूरा
मम्मी- थोडा धीरे करना ...अभि बिलकुल साथ लेटा हुआ है..!!
डैड - चिंता मत करो ..इतनी चिकनी हुई हो के अभी निकलवा दोगी मेरा...!!!
और फिर बेड पे हलकी हलकी हलचल महसूस होने लगी |
डैड - ये ऊपर वाली टांग थोड़ी सी उठाओ ...थोडा सा तो तेज़ करूं...!!!
मम्मी- यार plz मान जाओ अभि उठ जायेगा...रहने दो....
और फिर मुझे लगा की डैड ने जबरदस्ती मम्मी की ऊपर वाली टांग थोड़ी सी उठाई और धक्के तेज़ कर दिए मम्मी- धीरे...plz ...अहह.... उफ़....म्मम्मम हाय माँ .......!!! plz यार थोडा सा तो धीरे करो ......
डैड(तेज़ सांस लेते हुए )- क्यों मज़ा नहीं आ रहा क्या .....लाओ blouse भी खोल लो....कम से कम मुझे तो देख लेने दो इन चूचों को
मम्मी- 16 साल से देख रहे हो अभी भी मन नहीं भरा तुम्हारा....कोई भी जगह हो ये ज़रूर खुलवाते हो....प्ल्ज़ रुको पल्लू पे पिन लगी हुई है ....अरे बाबा रुको मैं ही खोलती हूँ blouse के हुक तो तुम ब्रा का हुक खोल लेना....
हे भगवान्.....!!!!!! ये मैं क्या सुन रहा था ...मेरे parents मेरे साथ एक ही बेड पर हैं और मेरी ही presence में चुदाई का प्रोग्राम चल रहा है और वो लोग ये सोच रहे हैं की मैं सो रहा हूँ...लेकिन एक बात माननी पड़ेगी मेरे parents की ....वो ये कि अभी तक बड़े ही शालीन ढंग से काम चल रहा था.... कोई गाली नहीं, कोई चूत लंड जैसा शब्द उनके मुंह से नहीं निकला था| सिर्फ मेरे Dad ने "चूचे" शब्द ही बोला था मम्मी- सुनो ..!! मैं फिर से होने वाली हूँ .....अब कर ही रहे हो तो 5 -6 झटके थोड़ी जोर से मार दो ....या फिर ऐसा करते हैं कि बाथरूम में चलते हैं....
डैड - नहीं सरिता ....!!! बस मेरा भी निकलने वाला है......यहीं रुको !!!
मम्मी(धीरे से)- अरे यार यहाँ कहाँ करोगे सब कुछ भर जायेगा....कंडोम भी नहीं लगाया हुआ आपने !!!
डैड -यार एक मिनट रुको
और फिर ऐसा लगा कि वो दोनों अलग हुए
डैड -तुम्हारी कच्छी कहाँ है !!
मम्मी हे भगवान् ...कच्छी में करोगे....
डैड-यार plz दे दो ना...
मम्मी- मुझे नहीं पता तुमने ही उतारी थी रजाई में ही होगी
डैड -हाँ मिल गयी ....चलो सीधी लेट जाओ
और मम्मी शायद कमर के बल लेट गयी
डैड- ला यार चूची ही चूस लूं थोड़ी सी तुम्हारी
और फिर मुझे छोटी-छोटी चूसने कि आवाजें आने लगी
मम्मी- सारा tempo तोड़ दिया मेरी underwear के चक्कर में
डैड - सिर्फ 20 झटकों में अपना और तुम्हारा दोनों का निकलवा दूंगा.....और फिर चैन से सो जाना ..... बस एक बात मान लो
मम्मी - क्या ?
डैड- मेरे ऊपर आ जाओ मैं नीचे से करता हूँ तुम्हें..
मम्मी- यार क्या कर रहे हो आप....ये स्टाइल बदल बदल के करने कि जगह नहीं है बस ऐसे ही कर लो| घर जाते ही जो कहोगे वो कर दूँगी...लेकिन यहाँ नहीं
डैड ने शायद मम्मी कि चूची मुह में ली और फिर से मम्मी को चोदना शुरू कर दिया
मम्मी- अह्ह्हम्म्म्म ....अहह.अहह. अहह
और शायद 20 -25 strokes के बाद डैड ने कहा "सरिता कितनी देर लगेगी तुमको"
मम्मी- बस ..बस ....अहह....बस....2 -3 जोर से.....अह्हह्म्म्म....गयी ...गयी ..........ऊऊओ....ह्ह्ह्हह ....गई...निकल गयी मैं....
डैड-मेरी जान मेरा भी आ गया......अह्ह्ह.....मम्म....
मम्मी शायद जल्दी से हिली और डैड का लंड बाहर निकलवा दिया और बोली
"कच्छी में..कच्छी में... मेरे अन्दर नहीं और रजाई के अन्दर तेज़ हलचल हुई और शायद डैड ने सारा वीर्य मम्मी कि underwear में निकाल दिया|
डैड उठ कर बाथरूम चले गए| मम्मी शायद अपने कपडे ठीक करने लग गयी 2 min बाद जब डैड बाथरूम से बाहर आये तो मम्मी ने पूछा -
"मेरे अन्दर तो नहीं क्या ना"
डैड-नहीं यार...सारा का सारा तुम्हारी underwear पी गयी... तुम्हारी गरमा गर्म और तपती हुई चूत के साथ लगी रहती हैं ना हर दम ...इसलिए उसी ने सारा सोख लिया| अब रखूँ कहाँ इसको
मम्मी- धत .....!!! शरारती कहीं के ......अपने तकिये के नीचे रख लो रात को नींद अच्छी आएगी |
और फिर वो दोनों सो गए
सुबह जब मेरी आँख खुली तो मम्मी मुझे जगा रही थी
मम्मी--अभि...बेटे जल्दी से उठो 6 बज गए हैं और विदाई का टाइम हो रहा है.... में और तुम्हारे डैड नीचे जा रहे हैं | चाचा के साथ सारा सामान गाड़ी में रख लो में चेक कर लूँग बाद में आ कर|
मैंने उठ कर देखा तो सारे सामान के साथ तैयार थे
चाचा ने कहा- अभि में ये सामान कार में रख के आया और 2 मिनट में आ रहा हूँ ...तैयार मिलना |
जैसे ही सारे कमरे से गए मैंने झट से डैड कि तरफ के तकिये के नीचे देखा तो लौड़ा एक दम से खड़ा हो गया ......मम्मी अपनी underwear pick करनी भूल गयी थी ....ओह्ह my god ....!!! pink color की underwear जिस पर skyblue color के छोटे छोटे फूल बने हुए थे बिलकुल मुचड़ी हुई एक छोटी से गेंद नुमा टाइप में बना कर रखी हुई थी |
मैंने झट से मम्मी की कच्छी उठाई और हाथ में ले के देखी जो कि कुछ जगह से एक दम कड़क टाइप की हुई थी... शायद मेरे डैड के वीर्य की वजह से |
तभी मुझे याद आया कि मम्मी बोल के गयी है कि वो सारा सामान आ के चेक करेंगी| मैंने जल्दी से वो underwear तकिये के नीचे छुपा दी| शायद चाचा मम्मी-डैड से पहले उठ गए थे और मम्मी को वो तकिये के नीचे से निकलने का टाइम नहीं मिला| मैं बाथरूम में चला गया | वापिस आया तो चाचा कमरे में थे और बोले चलें| मैंने कहा- जी चलो
जैसे ही कमरे का दरवाज़ा खोला मम्मी खड़ी थी| वो बोली -"एक मिनट अभी आई"
और बिना सोचे समझे की मै और चाचा खड़े हैं, डैड की साइड वाला तकिया उठाया और मैं, ये सोच कर कि मम्मी हमारे सामने अपनी underwear उठ रही हैं, shock से मुह खोल्ने ही वाला था कि मेरी गांड फट गयी| उस तकिये के नीचे कुछ नहीं था | मम्मी ने इधर उधर देखा और surprised सी दिखने लगी| तभी चाचा बोले -भाभी अब क्या रह गया..??
मम्मी सकपकाते -कुछ नहीं एक चाबी थी शायद अभि के डैड ले गए|
नीचे आ कर मैंने देखा कि मम्मी सीधी डैड के बॉस गयी और कुछ पूछा | डैड ने ना में सर हिलाते हुए कुछ कहा और दोनों surprised से दिखने लगे |
मम्मी कि underwear न मेरे पास...ना डैड के पास, न खुद मम्मी के पास तो फिर बचा कौन ?
मैंने कनखियों से देखा तो चाचा कि पैंट की जेब में कुछ गेंद नुमा चीज़ थी|
मम्मी-सब कुछ अच्छा हो गया| अब तो बस जल्दी से सो जाओ सुबह 6 बजे विदाई है..2-3 घंटे भी नींद आ गयी तो फ्रेश हो जायेंगे|
डैड(धीरे से) - मुझे तो नींद जब तक नहीं आएगी जब तक तुम मुझे release नहीं करोगी |
मम्मी- कुछ तो ध्यान रखो अभि और राकेश(चाचा) सो रहे हैं यहाँ कहाँ करोगे ?
डैड- अरे राकेश को तो नगाड़े बजा के उठाना पड़ेगा| पूरा set हो गया था रात को, और अभि तो बच्चा है; बच्चो कि नींद भी पक्की ही होती है और फिर अभि की presence में हमने कितने बार किया है...आओ ना| मम्मी - देख लो यार कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाये |
डैड- कुछ नहीं होती... आओ |
फिर मैंने महसूस किया कि मम्मी और डैड bed पर आ गए; चाचा तो सोफे पे सोये हुए थे| बेड पे रजाई एक ही थी जो कि double बेड की ही थी| मुझे महसूस हुआ की डैड मेरी तरफ है और मम्मी बेड के दूसरे किनारे पे|
मम्मी- ये रजाई छोटी पड़ेगी हम तीनो के लिए, मैं तो ठण्ड में नहीं रह सकती;आप इस किनारे पे आ जाओ और मुझे बीच में आने दो वैसे भी आपको गर्मी मिल ही जाएगी चाहे आप बीच में रहो या किनारे पे ये कह कर मम्मी बीच में आ गयी |
डैड- यार तुम कपडे तो बदल लेती |
मम्मी- 2 घंटे की ही तो बात है; फिर उठना है फिर दुबारा से कपडे change करने पड़ेंगे| और अगर तुम ज्यादा मस्ती करोगे और सारे कपडे ख़राब कर दोगे तो फिर भी change करने पड़ेंगे ...इसलिए जो कुछ करना हो plz मेरे कपडे ना ख़राब करना|
डैड - यार शादी में तुम इतनी खूबसूरत लग रही थी की मन कर रहा था ही बस अभी कमरे में चलें और कर दूं तुम्हें |
मम्मी- चुप रहो plz | दोनों में से कोई उठ जाएगा और मत बोलो plz जो करना है जल्दी से कर लो |
डैड - हे भगवान् | कितना डरती हो तुम |
और फिर दोनों चुप हो गए ओ मुझे रजाई में हलचल महसूस होने लगी|
डैड(धीरे से)- साड़ी ऊपर उठाओ |
मम्मी - ऊपर आओगे क्या ?
डैड- तुम बताओ ?
मम्मी - पीछे से कर लो ऊपर मत आओ प्ल्ज़... कपडे ख़राब होंगे |
डैड- ठीक है अभि की और मुह कर लो
एक बार फिर रजाई में हलचल हुई और मुझे महसूस हुआ की मम्मी ने मेरी और मुह कर किया है |
मै उल्टा लेता हुआ था और मेरा मुह भी उन दोनों की और था | लेकिन मैं डर के मारे आँखे खोलने की हिम्मत नहीं कर सका| मेरा सर तो रजाई में ढका हुआ था लेकिन मम्मी का और dad का बाहर था|
रजाई में फिर हलचल हुई और मुझे लगा की डैड मम्मी की साडी और पेटीकोट पीछे से उठा रहे हैं| थोड़ी देर तक कुछ नहीं हुआ |
मम्मी - अब इन पर हाथ फिराना छोड़ कर कुछ कर भी लो|
डैड - यार सारी शादी में लोग सिर्फ तुम्हारे hips को ही देख रहे थे कितने सेक्सी हिप्स हैं तुम्हारे |
मम्मी - हाँ हाँ कुछ और तो था नहीं शादी में देखने को....है ना...!!!
डैड- था तो सही लेकिन वो तुमने पल्लू से ढक रखा था|
मम्मी - कितने बेशरम हो तुम |
डैड - अरे यार तुम्हारे सामने ही तो कह रहा हूँ कौन सा loudspeaker ले के बोल रहा हूँ....| अच्छा ये बताओ के गीली हो गयी हो क्या तुम ?
ये सुनते ही मेरा लंड फड़क उठा |
मम्मी- यार आप भी कमाल करते हो...| इतनी जल्दी कैसे होउंगी |
डैड - फिर मैं करके आया |
ये कहते ही रजाई में थोड़ी से जोर की हलचल हुई और जो मैं समझ पाया था वो ये कि डैड ने अपना मुह मम्मी कि thighs के बीच उनकी चूत/फुदी पे लगा दिया था और वो शायद मम्मी की फुदी चाट रहे थे|
मम्मी- अब ये underwear क्यों उतार रहे हो मेरी.....साइड पे करके चाट लो ना
डैड-यार अच्छी तरह से नहीं हो पायेगी
मम्मी - ये काम करने ज़रूरी हैं अभी...टाइम तो है नहीं और फिर अभि और राकेश ....!! आप कभी नहीं सुधरोगे
और मैंने महसूस किया कि मम्मी कमर के बल हो गयी थे और उनकी टाँगे खुल रही थे डैड को accomodate करने के लिए | मम्मी की एक टांग मुझ से touch हो रही थी; कभी जोर से press होती तो कभी धीरे से| शायद डैड के चाटने के स्टाइल से हो रही थी |
मम्मी-आह्ह्ह .....म्मम्म ....थोडा धीरे करो ह्ह्ह्ह...उफ्फ्फ्फ़ ...थोडा और नीचे ......यंहा....सुनो .....एक बार clit भी रगड़ दो|
उस समय मुझे नहीं पता था की clit क्या होता है लेकिन शायद डैड ने रगडा और मम्मी ने अपनी टाँगे इकठ्ठी कर ली और शायद डैड का मूह अपनी thighs में दबा लिया |
मम्मी- ऊऊओ.....आह्ह्ह्ह.... म्मम्मम्म.... हो गयी मैं तो ...आह्ह्ह्हह....निकल गयी मैं.....!!! और ऐसा लगा की मम्मी कांप रही हैं ... मम्मी का जो हाथ मेरी तरफ था उस से बेड शीट भी शायद कस के पकड़ी हुई थी|
ये शब्द आज भी ताज़ा हैं मेरे दिमाग में (मम्मी-आह्ह्ह .....म्मम्म ....थोडा धीरे करो ह्ह्ह्ह...उफ्फ्फ्फ़ ...थोडा और नीचे ......यंहा....सुनो .....एक बार clit भी रगड़ दो| ऊऊओ.....आह्ह्ह्ह.... म्मम्मम्म.... हो गयी मैं तो ...आह्ह्ह्हह....निकल गयी मैं.....!!!)
और फिर रजाई में एक बार फिर हलचल हुई और मम्मी ने अपना face मेरी और कर लिया और डैड ने उनके पीछे position ले ली|
डैड - यार जगह नहीं मिल रही एक बार पकड़ के लगवा लो ना |
मम्मी- रुको ...!!! और फिर ऐसा लगा की मम्मी ने अपना हाथ अपनी thighs के बीच में से ले जा कर डैड का लंड पकड़ के अपने फुदे के मुह पे लगवा लिया ...और फिर मम्मी हलके से बोली..."चलो"
मम्मी- रुको ...!!! और फिर ऐसा लगा की मम्मी ने अपना हाथ अपनी thighs के बीच में से ले जा कर डैड का लंड पकड़ के अपने फुदे के मुह पे लगवा लिया ...और फिर मम्मी हलके से बोली..."चलो" और फिर मुझे महसूस हुआ की मम्मी को मेरी तरफ हल्का सा धक्का लगा
मम्मी - उह्ह ...गया क्या पूरा ?
डैड- हाँ गया पूरा का पूरा
मम्मी- थोडा धीरे करना ...अभि बिलकुल साथ लेटा हुआ है..!!
डैड - चिंता मत करो ..इतनी चिकनी हुई हो के अभी निकलवा दोगी मेरा...!!!
और फिर बेड पे हलकी हलकी हलचल महसूस होने लगी |
डैड - ये ऊपर वाली टांग थोड़ी सी उठाओ ...थोडा सा तो तेज़ करूं...!!!
मम्मी- यार plz मान जाओ अभि उठ जायेगा...रहने दो....
और फिर मुझे लगा की डैड ने जबरदस्ती मम्मी की ऊपर वाली टांग थोड़ी सी उठाई और धक्के तेज़ कर दिए मम्मी- धीरे...plz ...अहह.... उफ़....म्मम्मम हाय माँ .......!!! plz यार थोडा सा तो धीरे करो ......
डैड(तेज़ सांस लेते हुए )- क्यों मज़ा नहीं आ रहा क्या .....लाओ blouse भी खोल लो....कम से कम मुझे तो देख लेने दो इन चूचों को
मम्मी- 16 साल से देख रहे हो अभी भी मन नहीं भरा तुम्हारा....कोई भी जगह हो ये ज़रूर खुलवाते हो....प्ल्ज़ रुको पल्लू पे पिन लगी हुई है ....अरे बाबा रुको मैं ही खोलती हूँ blouse के हुक तो तुम ब्रा का हुक खोल लेना....
हे भगवान्.....!!!!!! ये मैं क्या सुन रहा था ...मेरे parents मेरे साथ एक ही बेड पर हैं और मेरी ही presence में चुदाई का प्रोग्राम चल रहा है और वो लोग ये सोच रहे हैं की मैं सो रहा हूँ...लेकिन एक बात माननी पड़ेगी मेरे parents की ....वो ये कि अभी तक बड़े ही शालीन ढंग से काम चल रहा था.... कोई गाली नहीं, कोई चूत लंड जैसा शब्द उनके मुंह से नहीं निकला था| सिर्फ मेरे Dad ने "चूचे" शब्द ही बोला था मम्मी- सुनो ..!! मैं फिर से होने वाली हूँ .....अब कर ही रहे हो तो 5 -6 झटके थोड़ी जोर से मार दो ....या फिर ऐसा करते हैं कि बाथरूम में चलते हैं....
डैड - नहीं सरिता ....!!! बस मेरा भी निकलने वाला है......यहीं रुको !!!
मम्मी(धीरे से)- अरे यार यहाँ कहाँ करोगे सब कुछ भर जायेगा....कंडोम भी नहीं लगाया हुआ आपने !!!
डैड -यार एक मिनट रुको
और फिर ऐसा लगा कि वो दोनों अलग हुए
डैड -तुम्हारी कच्छी कहाँ है !!
मम्मी हे भगवान् ...कच्छी में करोगे....
डैड-यार plz दे दो ना...
मम्मी- मुझे नहीं पता तुमने ही उतारी थी रजाई में ही होगी
डैड -हाँ मिल गयी ....चलो सीधी लेट जाओ
और मम्मी शायद कमर के बल लेट गयी
डैड- ला यार चूची ही चूस लूं थोड़ी सी तुम्हारी
और फिर मुझे छोटी-छोटी चूसने कि आवाजें आने लगी
मम्मी- सारा tempo तोड़ दिया मेरी underwear के चक्कर में
डैड - सिर्फ 20 झटकों में अपना और तुम्हारा दोनों का निकलवा दूंगा.....और फिर चैन से सो जाना ..... बस एक बात मान लो
मम्मी - क्या ?
डैड- मेरे ऊपर आ जाओ मैं नीचे से करता हूँ तुम्हें..
मम्मी- यार क्या कर रहे हो आप....ये स्टाइल बदल बदल के करने कि जगह नहीं है बस ऐसे ही कर लो| घर जाते ही जो कहोगे वो कर दूँगी...लेकिन यहाँ नहीं
डैड ने शायद मम्मी कि चूची मुह में ली और फिर से मम्मी को चोदना शुरू कर दिया
मम्मी- अह्ह्हम्म्म्म ....अहह.अहह. अहह
और शायद 20 -25 strokes के बाद डैड ने कहा "सरिता कितनी देर लगेगी तुमको"
मम्मी- बस ..बस ....अहह....बस....2 -3 जोर से.....अह्हह्म्म्म....गयी ...गयी ..........ऊऊओ....ह्ह्ह्हह ....गई...निकल गयी मैं....
डैड-मेरी जान मेरा भी आ गया......अह्ह्ह.....मम्म....
मम्मी शायद जल्दी से हिली और डैड का लंड बाहर निकलवा दिया और बोली
"कच्छी में..कच्छी में... मेरे अन्दर नहीं और रजाई के अन्दर तेज़ हलचल हुई और शायद डैड ने सारा वीर्य मम्मी कि underwear में निकाल दिया|
डैड उठ कर बाथरूम चले गए| मम्मी शायद अपने कपडे ठीक करने लग गयी 2 min बाद जब डैड बाथरूम से बाहर आये तो मम्मी ने पूछा -
"मेरे अन्दर तो नहीं क्या ना"
डैड-नहीं यार...सारा का सारा तुम्हारी underwear पी गयी... तुम्हारी गरमा गर्म और तपती हुई चूत के साथ लगी रहती हैं ना हर दम ...इसलिए उसी ने सारा सोख लिया| अब रखूँ कहाँ इसको
मम्मी- धत .....!!! शरारती कहीं के ......अपने तकिये के नीचे रख लो रात को नींद अच्छी आएगी |
और फिर वो दोनों सो गए
सुबह जब मेरी आँख खुली तो मम्मी मुझे जगा रही थी
मम्मी--अभि...बेटे जल्दी से उठो 6 बज गए हैं और विदाई का टाइम हो रहा है.... में और तुम्हारे डैड नीचे जा रहे हैं | चाचा के साथ सारा सामान गाड़ी में रख लो में चेक कर लूँग बाद में आ कर|
मैंने उठ कर देखा तो सारे सामान के साथ तैयार थे
चाचा ने कहा- अभि में ये सामान कार में रख के आया और 2 मिनट में आ रहा हूँ ...तैयार मिलना |
जैसे ही सारे कमरे से गए मैंने झट से डैड कि तरफ के तकिये के नीचे देखा तो लौड़ा एक दम से खड़ा हो गया ......मम्मी अपनी underwear pick करनी भूल गयी थी ....ओह्ह my god ....!!! pink color की underwear जिस पर skyblue color के छोटे छोटे फूल बने हुए थे बिलकुल मुचड़ी हुई एक छोटी से गेंद नुमा टाइप में बना कर रखी हुई थी |
मैंने झट से मम्मी की कच्छी उठाई और हाथ में ले के देखी जो कि कुछ जगह से एक दम कड़क टाइप की हुई थी... शायद मेरे डैड के वीर्य की वजह से |
तभी मुझे याद आया कि मम्मी बोल के गयी है कि वो सारा सामान आ के चेक करेंगी| मैंने जल्दी से वो underwear तकिये के नीचे छुपा दी| शायद चाचा मम्मी-डैड से पहले उठ गए थे और मम्मी को वो तकिये के नीचे से निकलने का टाइम नहीं मिला| मैं बाथरूम में चला गया | वापिस आया तो चाचा कमरे में थे और बोले चलें| मैंने कहा- जी चलो
जैसे ही कमरे का दरवाज़ा खोला मम्मी खड़ी थी| वो बोली -"एक मिनट अभी आई"
और बिना सोचे समझे की मै और चाचा खड़े हैं, डैड की साइड वाला तकिया उठाया और मैं, ये सोच कर कि मम्मी हमारे सामने अपनी underwear उठ रही हैं, shock से मुह खोल्ने ही वाला था कि मेरी गांड फट गयी| उस तकिये के नीचे कुछ नहीं था | मम्मी ने इधर उधर देखा और surprised सी दिखने लगी| तभी चाचा बोले -भाभी अब क्या रह गया..??
मेरी मम ऐसी ही है |
मम्मी सकपकाते -कुछ नहीं एक चाबी थी शायद अभि के डैड ले गए|
नीचे आ कर मैंने देखा कि मम्मी सीधी डैड के बॉस गयी और कुछ पूछा | डैड ने ना में सर हिलाते हुए कुछ कहा और दोनों surprised से दिखने लगे |
मम्मी कि underwear न मेरे पास...ना डैड के पास, न खुद मम्मी के पास तो फिर बचा कौन ?
मैंने कनखियों से देखा तो चाचा कि पैंट की जेब में कुछ गेंद नुमा चीज़ थी|
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