Wednesday, 2 November 2016

टूरिस्टर यामिनी सिंह की चुदाई

12 अगस्त की बात है सुबह 9 बजे  ट्रेवल्स वाले गुप्ता जी का  फोन आया बोले ''एक पार्टी बाहर की है उसे नाशिक, त्रयम्बकेश्वर, शिर्डी ,शनि सिगनापुर,महेश्वर,ओंकारेश्वर, उज्जैन घुमाना है'' मैंने साफ़ साफ़ मना क्योकि मेरी 3 गाड़ी आलरेडी बाहर थी,अब एक गाडी है तो घर के काम के लिए चाहिए ! पर गुप्ता जी नहीं माने और बोली ''मैंने पार्टी से एडवांस ले लिया है जाना ही पड़ेगा'' तब मैंने कहा ''ठीक है ड्राइवर को भेज देता हूँ'' तो गुप्ता जी बोले ''बहुत अच्छी फेमली है तुमको ही जाना है'' तब मैंने कहा ''ठीक  मैं ही चला जाता हूँ,पर जाना कब है'' तो गुप्ता जी बोले ''आज ही 10 बजे जाना है'' मैं मन मारकर तैयार हुआ और गुप्ता जी के ऑफिस भवरकुआं (इंदौर) पहुच गया ! गुप्ता जी ने पार्टी का पता बताया ! पार्टी सुदामा नगर की है, मैं करीब 10:15 पर पार्टी का घर ढूढ़ लिया,क्योकि मेरी बुआ जी उसी कालोनी में रहती है ! पार्टी तैयार थी जाते ही कुछ मिनट में सभी बैठे और चल दिए ! पार्टी में कुल 3 लेडीज 2 जेंट्स,और दो बच्चे थे , बच्चो की उम्र लगभग 10-12 साल होगी ! पार्टी को पहले उज्जैन घूमना था,साम के 4 बजे तक पार्टी को उज्जैन घुमा दिया और वापस आ गए ! आज ही साम को 9 बजे नाशिक  निकलना था ! इस लिए मैं जल्दी निकल आया घर को ! मेरा घर धार रोड में वहां से 10 किलोमीटर दूर एक गाँव में है !  घर आया और आराम करने लगा तो पार्टी में एक मेडम जिनकी उम्र लगभग 35-38 के आसपास होगी,भरा सा  गोल-मटोल चेहरा, खूब गोरी, गजब की खूबसूरत, सेक्सी है, न तो मोटी न ही दुबली-पतली बढ़िया माँसल जिश्म, पतले पतले खूबसूरत रसीले होठ ! दोनों लेडीज से सबसे सुन्दर है, सायद उनका घर ही है क्योकि उन्हें उज्जैन के बारे में बहुत पता था ! ओ पहले मेरे से पूछी कहा के हो,उन्हें अपना पता बताया तो पूछी ड्राइवर हो तो मैंने बताया नहीं मेरी ही गाड़ी है ! तो ओ बोली फिर तो ठीक है मालिक हो तो गाड़ी बढ़िया ही चलाओगे ! सफर के दौरान सभी जहां भी कुछ खाते,नास्ता करते तब ओ मेडम जी मेरा बहुत ख्याल रहती, जो सभी नास्ता करते वही मुझे भी दिलवाती,मना करने पर भी बड़े प्यार से बोलती ''अरे खा लो भैया जी बार बार हमसे खाने का मौका नहीं मिलेगा'' ! काफी हँसमुख फेमली थी खूब हँसी मजाक कर रहे थे ! उन सभी के पहनावे, बोलचाल से लग रिया था की काफी पैसे वाली पार्टी है !
मेडम जी ऐसी ही खूबसूरत और सेक्सी लगती है 
मेडम जी घर बहुत बढ़िया था , घर में सामने इंडिगो कार, स्कूटी, महँगी बाइक खड़ी थी,इससे लग रिया की मेडम जी के पास रूपये पैसे की कोई कमी नहीं होगी,मेडम जी की बातों से लगा की ओ बहुत ही आधुनिक विचारधारा की है, काफी फ्रेंक खुशदिल, लगी जब ओ उज्जैन गई तब लाल रंग का सलवार सूट पहनकर गई थी उसमे भी ओ काफी सेक्सी लग रही थी ओ कई बार मेरी तरफ तिरक्षी नजर से देखती और हलके से मुस्कुराती !
मेडम जी  लाल रंग के सलवार सूट में बहुत खूबसूरत लग रही थी
! घर आने के बाद बार बार मेरा ध्यान उनकी तरफ जाता ! ओ जितनी खूबसूरत है उतनी ही संस्कारी लगी मुझे,क्या मधुर आवाज है उनकी ! उन्ही के बारे में सोचते सोचते कब नींद लग गई पता ही नहीं चला ! साम को 8 बजे मिसेज ने जगाया तो जल्दी जल्दी तैयार हुआ और 9 बजे पार्टी के घर पहुच गया ! पार्टी तैयार मिली जाते ही 10 मिनट के अंदर सभी बैठ गए और 9:15 पर चल दिए ! कुछ देर बात करने के बाद सभी सोने लगे पर मेडम जी नहीं सो रही थी मैंने बैक मिरर से उन्हें देखा ओ बार-बार बाहर की ओर देखती  अन्धेरा होनी के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रिया था ! करीब 3 घंटे तक चलने के बाद रात के 12:20 पर मेडम जी को वोमेटिंग होने लगी तो ओ अपने मरियल से,दुबले-पतले, गंजे गाल चिपके हुए पति के कंधे से सिर टिकाकर बैठ गई ! मेडम जी के पति को देखने से ऐसा लगता है जैसे ओ बीमारी से उठे हो,उनकी उम्र करीब 52-55 के आसपास लग रही थी, उनकी हाइट मेडम जी से कम लगती है ! मेडम जी की खूबसूरती के आगे ओ उनके चपरासी जैसे लगते है ! मैं बार बार यही सोच रिया था की इतनी अनमेल शादी कैसे हो गई ! ओ आपस में अपने क्षेत्रीय बिहारी में कुछ बाते कर रहे थे जो मुझे ज्यादा समझ नहीं आ रही थी पर इतना जरूर समझ गया की मेडम जी आगे बैठ जाए तो उनकी उलटी कम हो जाएगी ! पर आगे की सीट में मेडम जी के जीजा जी बैठे थे सायद इसी लिए संकोच बस उठने के लिए बोल नहीं पा रही थी  तब मैंने मेरे बगल की सीट में बैठे सज्जन से बीच की सीट में बैठने को कहा तो मान गए और मेडम जी आगे बैठ गई ओ पीछे बैठ गएऔर कुछ ही देर में फिर से 
मेडम जी की चूचियां १००% ऐसी ही मस्त मस्त सुडौल है
सभी झपकी मारने लगे ! करीब 20 मिनट बाद मेडम जी ने दरवाजे का कांच खोल लिया ! मेडम जी लेगी और टाइट टी सर्ट टाइप की पहन रखी थी जब उनका दुपट्टा गिर जाता तो उनके बड़े बड़े दूध (स्तन/चूची) अनायास ही मेरा ध्यान खींच लेते ! आगे का कांच खुला हुआ था इस लिए लिए हवा में मेडम जी के बाल खूब उड़ रहे थे, दुपट्टा बार बार सम्हालती तो मैंने पूछा ''कुछ दिक्कत है मेडम जी'' तो ओ पहले पीछे घूमकर देखी सभी सो रहे थे फिर ओ मेरी तरफ पलट कर बोली ''मेरा नाम यामिनी सिंह है'' तो मैंने बोला ''गुड नेम मेम'' तो धीरे से बोली ''कित्ता पढ़े लिखे हो'' तो मैंने जबाब दिया ''ग्रेजुएट हूँ मेम जी'' तब ओ धीरे से बोली ''क्या ये मेम मेम लगा रखा है'' तो मैंने फिर से बोला ''सोरी मेम जी'' तो फिर से बोली ''ओ हो,समझ नहीं आया'' तो मैंने कहा ''सोरी यामिनी जी'' तो ओ फिर से बोली ''अब ये जी की पूंछ क्यों पकड़ रखी है'' ! ये सब बाते करते करते उनका दुपट्टा उनके सीने से हट गया मेरा ध्यान बार बार उनके मस्त मस्त छलकते हुए चूचियों पर जाता, लगा कही गाड़ी न ठोकवा लू इस नैन सुख के चक्कर में ! मैंने अपने आपको कंट्रोल किया और गाड़ी चलाने लगा ! मुझे हलकी हलकी नींद आने लगी रात के ढाई बज गए थे, मैंने एक अच्छे से ढाबे में टवेरा रोक दिया और चाय पीने के लिए उतर गया तो मेरे साथ मेडम जी भी उतर गई बाद में एक एक करके सभी आ गए ! मेडम जी ने अपने हाथ से बिस्कुट का पैकेट लाइ और दे कर हलके से मुस्कुराई और चली गई ! करीब 20 मिनट में सभी ने चाय पिया और चल दिए, मुश्किल से आधा/पॉन  घंटे बाद फिर सभी सोने लगे पर मेडम जी को नींद नहीं आ रही थी तो उनसे पूछा ''आप क्यों नहो सो रही है'' तो बोली ''मैं जैसे ही आंखे बंद करती हूँ सोने के लिए मेरा जी घूमने लगता है और उलटी आने लगती है'' मैंने कहा ''ओह, ये बात है'' फिर मेडम जी बाते करने लगी ! उनकी बातों से पता चला उनके पति सिप्ला कंपनी में शिफ्ट मैनेजर है , उन्हें 70 हजार रूपये महीना पेमेंट मिलती है ! मेडम जी का दुपट्टा पूरी  तरह से सीने से हट गया था उनके बड़े बड़े सैक्सी स्तन बहुत ही अच्छे लग रहे थे,ऐसा लग रिया था की गद्दी रोक दूँ और जीभर देख लूँ ! बा मेडम बिलकुल भी सरमा नहीं रही थी, मैं  उनकी तरफ  देखता तब भी ओ दुपट्टा नहीं ओढ़ रही थी, सायद ओ अपने सुडौल स्तनों की खूबसूरती मुझे दिखा रही थी ! रात भर गाड़ी चलाता रहा सुबह 5 बजे मेडम ने धीरे से बोली ''भैया कही गाड़ी रोकिये न'' मैं समझ गया इन्हें बाथरूम लगी है ! मैं एक सुनसान जगह पर गाड़ी रोक दिया तो मेडम पीछे बैठी एक लेडीज को भाभी भाभी आवाज लगाया पर ओ नहीं सुनी तो मेडम जी उतर गई बाकी सभी सोते ही रहे, उनके मरियल पति तो ऐसे सोये थे जैसे कई दिन से नहीं सोये हुए है ! मैंने पीछे पलट कर देखा तो सभी सो रहे थे ! मेडम जी वापस गाड़ी के गेट पर पाँव रखकर मुझे नीचे उतरने का इसारा किया तो मैं समझ गया ये डर रही है ! तब मैं उतर कर गाड़ी के बोनट  खड़ा हो गयी तो मेडम गाड़ी के पीछे पहिये के पास रोड के नीचे पेसाब करने लगी , जब उन्होंने लेगी खिसकाया तो उनके चिकने-चिकने गोरे चूतड़ दिखाई दिया ! ओह क्या मस्त कैसे हुए चूतड़ है ! फिर मैं उनकी तरफ देखना  दिया ! ओ वापस आई और बोली ''चलिए भैया'' तो गाड़ी स्टार्ट किया और चल दिए ! सुबह 6:30 बजे नाशिक पहुँच गया और गोदावरी के किनारे बने हुए घाट पर गाड़ी खड़ी कर दिया ! सभी उतर कर चले गए , मैं गाड़ी  बैठा रहा ! कुछ देर बाद मेडम जी कोई सामान लेने बहाने आई और बोली ''आप नहीं नहाओगे क्या'' तो मैंने मना कर दिया तो बोली ''आप भी नहाते तो अच्छा लगता'' तब मैंने कहा ''आपके साथ वाले क्या सोचेंगे'' बोली ''आप हम लोगो से कुछ दूर स्नान कर लीजिये'' तब मैंने कहा ''ठीक है मेडम जी आप जाइये मैं कुछ देर हूँ'' और ओ चली गया '' ! जाते जाते बोली ''अब दुबारा मेडम जी कहा तो बात नहीं करुँगी'' और हलके से मुस्कुराई और चली गई ! करीब 10 मिनट बाद मैं भी नदी में मेडम जी लोगो से करीब 100 मीटर दूर जाकर नहाने लगा ! मेडम जी जो कपडे पहन रखी थी उसी को पहनकर नदी में नहाने लगी, उनके पति पहले ही नहाकर कपडे पहनकर कुछ दूर खड़े होकर सभी के कपड़ो की रखवाली कर रहे थे ! मेडम जी खूब मस्ती कर रही थी और बार बार मेरी तरफ तिरक्षी नजर से देख भी लेती ! जब मेडम जी नहाकर निकली तो उनके गीले वदन की एक एक बनावट साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी ! कसी हुई जाँघे,मस्त मस्त चूतड़,सुडौल चूचियां साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी ! मेडम का पेट इस उम्र में भी जरा सा बाहर नहीं निकला था ! ओ निकालकर घाट में बने एक मंदिर की ऑलट  कपडे बदल कर आई और पति के पास खड़ी हो गई और दूर से पति की नजरों को बचाकर मुझे देखने लगी ! मैं चड्ढी बनियान पहनकर खड़ा था ओ बार बार मेरे कसरती शरीर को निहार रही थी ! मैं 6 फिट 2 इंच लम्बा, मस्त मजबूत देशी घी दूध का शरीर है ! मेरी उम्र 35 साल है मैं गोरा तो नहीं हूँ बल्कि साँवला हूँ पर चेहरा एकदम से भरा हुआ है, ! मेडम जी लाल रंग साडी ब्लाउज पहन रखी थी जिसमे ओ गजब की खूसूरत लग रही थी ! मैं जीन्स और टाइट टी सर्ट पहना और अपना बेग लिया और पार्टी व् मेडम की तरफ देखे बिना गाड़ी  आकर खड़ा हो गया ! करीब 7:30 तक सभी आ गए और त्रेमकेश्वर  निकल लिए ! मेडम जी वापस आगे की सीट में बैठी, उनके बालों से थोड़ा थोड़ा पानी गिर रहा था जिससे उनका ब्लाउज पीठ में  स्तन में गीला हो गया था ! गाड़ी में बैठते ही मेडम ने साडी से पीठ और आगे के स्तनों को ढांक लिया !
साड़ी का पल्लू जब नीचे गिरता तो मेडम जी की चूचियों के दर्शन होते
दिन  गाड़ी के अंदर लगे मिरर  सेट कर लिया जिससे मेडम जी का चेहरा और आगे के हिस्सा दिखाई दे ! मैं बार बार मिरर में देखता ! जब गाड़ी सिटी एरिया से बाहर निकली तो मेडम जी के साडी का पल्लू नीचे गिर गया  जानबूझ कर गिरा दिया पर उनके  ब्लाउज के बड़े बड़े गले कट थे जिससे मस्त मस्त चूचियों के घाटियों के दर्शन हुए ! ओह, क्या मस्त चूचियाँ  है,देखकर मन विचलित हो गया पर गाड़ी कही ठुका न जाए ये सोचकर गाड़ी चलाने में ध्यान देने लगा ! मेडम जी ने कई बार पल्लू गिराया और सम्हाला इससे मुझे लगने लगा की ये सेक्स की बहुत भूखी है,इनके पति से इनकी शारीरिक भूख ख़त्म नहीं होती होगी इस लिए ये मुझे बार बार आमन्त्रित कर रही है ! अब जब रोज रोज आलू खाने को मिले तो मन ऊब ही जाता है,लगता है कुछ अलग ताज़ी सी सब्जी मिल जाए तो मन बहल जाए,जीभ का स्वाद बदल जाए ये सोच कर मैंने भी मेडम जी को चोदने की सोच लिया ! करीब 10 बजे नाशिक पहुच गए सभी ने दर्शन किया और 11 बजे गाड़ी फिर से चल पडी शिर्डी के लिए ! रास्ते में सभी एक होटल खाना खाने उतरे, मैं गाड़ी  में ही बैठा रहा तो मेडम जी ने अपने पति को भेजकर मुझे बुलवाया तो मैं उन सबसे अलग एक टेबल में बैठ गया तो मेडम जी मेरे पास आई और बोली ''भैया आप भी हम लोगो के साथ बैठकर खाइये,ऐसे अच्छा नहीं लगता'' तब मैंने बोला ''जी ठीक है, आप लोग खा लीजिये, मैं यही खा लूंगा'' तो ओ मेरा हाथ पकड़ी और बनावटी गुस्सा करते हुए बोली ''उठिये ज्यादा शयानपना नहीं दिखाइए'' उनका यह गुस्सा और आग्रह बहुत बढ़िया लगा और मैं उठकर पार्टी जहां बैठी थी उन्ही की टेबल के पास दुसरी टेबल पर बैठ गया ! उसी टेबल में मेरे बगल में ही मेडम जी और सामने उनके पति बैठ गए ! और सभी ने खाया, मेडम जी के पति सिर्फ 3 रोटी थोड़ा सा चावल-दाल सब्जी खाया, जबकि मेडम जी 6 तंदूरी रोटी ,कटोरी भरकर चावल ,दही, रायता,सब्जी,सलाद खाया ,कोल्ड्रिंक पीया, मुझे भी खूब भूख लगी थी , तबियत से दबा कर 8  तंदूरी रोटी ,कटोरी भरकर चावल ,दही, रायता,सब्जी,सलाद खाया, कोल्ड्रिंक  पिया ! सभी खाना खाकर  वापस गाड़ी में बैठ गए और हम आगे बढ़ चले ! साम को 4 बजे शनि सिगनापुर पहुँचने के पहले रस्ते में गन्ने का रस सभी ने पिया, मेडम जी ने मेरे लिए भी पहुचवाया ! फिर सभी चल दिए और शनि भगवान के दर्शन कर वापस 8 बजे शिरडी पहुच गए सभी ने दर्शन किया, मैं गाड़ी में ही आराम करने लगा ! 10 बजे सभी वापस आ गए और एक होटल में सभी फिर खाना खाने बैठ गए ! यहाँ पर मैं पहले ही अलग टेबल में बैठ गया तो मेरी ही टेबल पर सामने मेडम जी और उनके पति खाना खाये और करीब डेढ़ घंटा सभी ने शिर्डी में मार्केटिंग किया ! मेडम जी शिर्डी कई बार आ चुकी है उन्हें यहां के बारे अच्छी जानकारी है ओ मेहमानों को लेकर कभी इधर कभी उधर घूम घूम कर खरीददारी करवा रही थी ! मेडम जी जितनी खूबसूरत है उतनी ही ज्यादा दिमाग से तेज और चतुर भी है ! करीब 12 बजे फिर से शिर्डी से चल दिए, मैं बहुत थक गया था सभी को वापस आने की जल्दी थी सो उन सभी की बात मानकर बिना मन के चल दिय, सभी थके थे जल्दी ही सब सोने लगे, मुझे भी खूब नींद आ रही थी,  पर मेरे बगल की सीट में बैठी मेडम जी को जरा सी भी नींद नहीं आ रही थी ! मुझे जम्हाई आते देखकर मेडम जी धीरे से बोली  ''क्यों,नींद आ रही है क्या '' तब मैंने न में सर हिलाया पर मेरे बार बार मुह फाड़ते हुए देखकर मेडम जी ने मेरी नींद  भगाने का तरीका ढूढ लिया ! शिर्डी में लिए हुए अनार से दाने निकाल निकाल कर मुझे देने लगी और खुद भी खाने लगी ! जब ओ दाने मेरे हथेली पर रखती तो बार बार उनके हाथ छू जाता जो मुझे बहुत अच्छा लगता ! मेरी नींद गायब हो गई ! करीब 100  किलो मीटर चलने बाद अचानक जोरदार पानी गिरने लगा, कुछ दिखाई तक नहीं दे रहा था ! मजबूर होकर एक साधारण से ढाबे में गाड़ी रोका और बोला ''आप सभी थोड़ा आराम कर लीजिये, पानी कम हो जाय तो चलूँ'' ! तब सभी चादर,दरी जिसके पास जो था लेकर उतर गए और ढाबे में जिसे जहां जगह मिली चारपाई,टेबल में सोने लगे ! मैं भी एक चारपाई में एक चादर ओढ़कर लेट गया पर देखा की मेडम जी के पास ओढ़ने के लिए कुछ नहीं था  साडी से ही मुह ढक कर सोने लगी पर उन्हें ठण्ड लग रही थी इस लिए ओ जाग रही थी, उनके पति मस्त सो रहे थे ! जब मेडम जी को करवटे बदलता देखा तो अपना चद्दर उन्हें ओढा दिया ! चद्दर ओढाते हुए मेडम जी ने देख लिया तो हलके से मुस्कुराई !   मैं गाड़ी में आकर लेट गयाऔर सोने गया ! करीब 3:30 बजे  किसी ने दरबाजा ठोका तो मैं जग गया, देखा तो मेडम जी बाहर हलके हलके गिरते हुए पानी में खड़ी थी , मैंने जल्दी से दरवाजा खोला तो मेरे पास आकर बैठ गई तो पूछा ''आप यहां क्यों आ गई'' तो बोली ''वहां ठंडी लग रही है'' तब मैंने कहा ''ठीक है आप यहां लेट जाए, मैंने आगे की सीट में चला जाता हूँ'' तो ओ कुछ नहीं बोली ! मैं आगे की सीट को फैलाकर आराम से बैठ गया ! और बोला ''आपको यहां नहीं आना चाहिए,आपके साथ वाले क्या सोचेंगे'' तो बोली ''सभी घोड़े बेचकर सो रहे है'' तब मैंने पूछा '' कही भाई साहब जाग गए तो''  ओ बोली ''ओ तो सुबह तक बिना उठाये नहीं उठने वाले है और मुझे मेरी इज्जत का ख्याल है '' ! तब मैंने फिर से कहा ''यदि कोई जाग गया तो ओ क्या सोचेगा'' तो गुस्सा होकर बोली ''ठीक है मेरा यहाँ आना आपको अच्छा नहीं लगा तो जा रही हूँ'' और गाड़ी का दरबाजा खोला तब मैं बोला ''प्लीज़ यामिनी जी आप नाराज मत होइए'' और हाथ जोड़कर फिर बोला ''प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़,आप नाराज मत होइए'' फिर भी नहीं मानी और उतरने लगी तब मैं उनका हाथ पकड़ कर रोक लिया तो मेरी तरफ देखि और हलके से मुस्कुराई ! तब मेरे जान में जान आई ! ओ बीच की सीट में लेट गई मैं आगे की सीट में बैठकर सोने लगा ! पर मेरी नींद गायब हो गई थी ! कुछ ही देर में ओ सोने लगी तो उनके स्तनों से साडी गिरकर बगल में हो गई ! उनके मस्त कैसे हुए स्तन जब सांस लेती सांस छोड़ती तो उनकी चूचियां हलके से ऊपर की तरफ उठती और फिर नीचे आती ! ब्लाउज के बड़े बड़े गले से उनकी चूचियों की खूबसूरती देखते ही बन रही थी ! नजर  हट ही नहीं रही थी , मैं बार बार उन्ही को देखने लगा ! करीब आधा घण्टा तक उन्हें देखता रहा ओ गहरी नींद में सो रही थी तब मैंने अपना मोबाइल निकाला और उनकी वीडियो बना लिया और 5-6 फोटो भी लिया ! मैं कंट्रोल से बाहर होने लगा तब धीरे से ब्लाउज के ऊपर से उनकी  चूचियों पर हाथ रखकर सहलाने लगा, उनकी चूचियों की निप्पल टाइट हो गई ! उनकी कोई नकारत्मक प्रतिक्रया नहीं हुई तो ब्लाउज के अंदर हाथ डाल दिया और चूचियों को खिलाने लगा तो ओ जल्दी से उठकर बैठ गई और बोली ''ये क्या करने लगे ,गलत बात'' इतना कहकर दरबाजा खोली और नीचे उतर गई और चली गई ! मेरे को  काटो तो खून नहीं, मैं बहुत डर गया सोचा कही इन्होंने अपने पति, भाई, जीजा को बता दिया तो मेरी तबियत से धुनाई हो जाएगी बदनामी जो होगी सो अलग ! ये सोचकर मैं डर के मारे काँपने लगा ! मोबाइल में देखा तो साढ़े चार बज रहे थी ! मैं गाड़ी से नीचे उतर कर बेचैन होकर इधर उधर घूमने लगा और जिधर पार्टी सोई थी उधर की हलचल देखने लगा पर सभी सोये हुए थे, मेडम भी  चारपाई में लेटी थी,मैं हिम्मत करके गया और उन्हें चाद्दर ओढा दिया तो मेरी  तरफ देखी और हलके से मुस्कुराई और धीरे से बोली ''Thanks'' !  थैंक्स सुनते ही मेरे जान में जान आई ! मैं चला आया और ढाबे के बगल में  गुमटी में चाय पीने लगा !  5 बजे वापस आया तो देखा मेडम जी सभी को जगा रही थी ! कुछ लोग उठकर टॉइलेट चले गए, ! 6 बजे तक सभी फ्रेस हो गए  तो वहां से चल दिया ! मेडम जी फिर से मेरे बगल वाली सीट बैठी ! रास्ते भर हँसी मजाक में समय कब निकल गया  चला ! 12 बजे सभी इंदौर आ गए ! पार्टी को घर छोड़ा और  घर आ गया ! साम को 6 बजे वापस पहुच गया,सभी ने इंदौर में घूम घूम कर शॉपिंग किया और साम को 10 बजे सभी को छोड़कर मैं वापस घर चला आया ! शापिंग करते समय एक जगह मेडम जी सबसे अलग हो गई  और  एक बढ़िया से टी सर्ट लिया और चुपके से मुझे पकड़ा दिया और बोली ''कल यही पहन कर आइयेगा'' ! अगले दिन महेश्वर,ओंकारेश्वर घूमने का प्लान था ! सुबह 8 बजे मेडम की दी हुई टी सर्ट और एक बढ़िया सी जीन्स पहनकर मैं पहुँच गया सभी तैयार होकर महेश्वर के लिए निकल लिए ! मेडम जी ने आज भी  लाल रंग की साडी और कट बाह का ब्लाउज पहन पहन रखी थी जिसमे बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ! सभी नर्मदा जी में खूब नहाये, मैं सभी की नजरें बचाकर दूर से दूसरे घाट से देख रहा
नहाने के बाद मेडम ने इस तरह का ड्रेस में साक्षात् परी लग रही थी
था,मेडम जी को तैरना आता है ओ खूब उछल उछल कर नहा रही थी ! तो उनके पति बार बार मना कर रहे थे पर  मान नहीं रही थी ! नहाने के बाद सभी किला में बहुत देर तक घूमते रहे फिर 12 बजे करीब ओंकारेश्वर के लिए निकल लिए ! वहां से दर्शन करने  वापस चल दिए रस्ते ढाबे में सभी ने खाना खाया यहाँ भी मेडम जी ने मेरा खूब ध्यान दिया ! सभी खाना खा रहे थे पर मैं जल्दी खाकर गाड़ी में आकर बैठ गया ! मेडम जी पानी का थरमस लेने के बहाने आई और मेरे से बोली ''आज तो बहुत जच रहे हो'' तब मैंने कहा ''अरे आप तो इस सूट में क़यामत ढा रही है'' तो मुस्कुराई और चली गई ! कुछ देर में सभी आये और चल दिए ! रस्ते में पता चला की मेडम के लड़की की शादी भी हो गई है ! बड़ा लड़का बाहर रहकर पढ़ाई करता है ! घर में मेडम और उनके पति ही रहते है ! मेडम की उम्र 44 साल है ! मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है मेडम की उम्र 44 साल है जबकि ओ 35-38 की लगती है ! ओ तो आज भी मस्त माल रखी हुई है ! हँसी मजाक करते हुए घर पहुच गए ! साम को सभी मेहमानों को ट्रेन पकड़नी थी  वापस आया और रात में 9 बजे रेलवे स्टेशन लेकर गया ! वहां सभी की नजरें चुराकर मेडम जी मेरे पास आई और मेरा वाटसप मोबाईल नंबर लेकर चली गई ! 10 बजे ट्रेन आई सभी मेहमान चले गए तो मेडम जी और उनके पति को घर छोड़ दिया ! इस बार मेडम  पति के साथ बीच  की सीट बैठी ! मैं घर आ गया , मेडम के बारे में सोचने लगा,इन्हें पैसे की कोई कमी है नहीं ,पर इन्हें मोठे और तगड़े लण्ड की सख्त जरुरत है ! इनके मरियल पति इनकी सेक्स की भूख नहीं मिटा पाते है तभी ये मुझे पटा रही है !  मेडम की खूबसूरती पर फ़िदा हूँ ! सोचता हूँ इनकी जिश्मानी भूख शांत कर ही दूँ ! 


आगे पढ़िए मेडम की तबियत से चुदाई  कैसे  किया   

वाट्सअप पर मेडम  अपनी बढ़िया बढ़िया फोटो भेजती और पूछती ''कैसी लग रही हूँ'' तब मैं जबाब में उनकी खूब तारीफ करता ! एक दिन बोला ''आपकी अच्छी वाली सेल्फी भेजिए न'' तो मेडम ने अपनी सेल्फी भेजी और कई सेक्सी फोटो भेजा और पूछी ''कैसी लग रही हूँ'' !


मैंने उनकी खूब तारीफ किया ! मैं समझ गया आप मेडम इंतजार करने मुड़ में नहीं है इसी लिए ऐसी फोटो भेजकर मुझे उत्तेजित कर रही है ! 2-3 दिन बाद मेडम का फोन आया और खूब देर तक बात किया और पूछी ''कहाँ पर हो अभी'' तो मैंने बताया ''अभी तो मैं बाहर आया हूँ गाड़ी लेकर'' तो बोली ''कब वापस आओगे'' तो बताया ''कल ही आ जाऊंगा '' तो बोली ''ठीक है आ जाओ फिर बात करती हूँ'' ! मैं जब पहुँचा तब भी मेडम को फोन नहीं किया तो अगले दिन मेडम ने फिर फोन किया तो झूठ बोला दिया और बोला मैं गाड़ी लेकर आज फिर 5 दिन के लिए राजस्थान जा रहा हूँ तो मेडम नाराज होते हुए बोली ''हमेसा बाहर ही घूमते रहते हो'' तब मैंने कहा ''क्या करूँ, पापी पेट  है'' इतना सुनते ही हँसने लगी और बोली ''ठीक है वापस आना तो बताना'' मैंने कहा ''जी मेडम जी'' तो बोली ''फिर मेडम बोला'' तब मैंने कहा ''सोरी यामिनी जी'' तो हँसने लगी ! मैं मेडम को ज्यादा से ज्यादा तड़पाना चाहता हूँ ! इसे बीच मेडम से वाट्सअप  में मैसेज आता रहता , मैं भी रिप्लाय करता रहता !  पर एक दिन फॅस गया पूछी ''कहाँ हो'' तो मैंने लिख दिया ''जयपुर में'' तो बोली ''जयपुर  फोटो भेजो न, बहुत अच्छा किला है'' ! मैंने कहा ''ठीक है भेजता हूँ'' जल्दी जल्दी लेपटॉप खोला और गूगल से कुछ फोटो लिया और वाट्सप किया'' फिर मेडम से बोला
मेडम जी ने नाइट गाउन में अपनी फोटो वाट्सअप में भेजा
''आपकी अच्छी सी सेक्सी फोटो भेजिए न'' तो उन्होंने नाइट गाउन में अपनी एक फोटो भेजा ! क्या गजब की सेक्सी लग रही थी,साला लण्ड खड़ा हो गया , लगा की आज ही मिलु और चोद दूँ पर झूठ बोलकर फॅस गया था ! इस लिए झूठ वाले दिन निकलने लगा ! मेडम वाट्सअप पर एक से बढ़कर एक फोटो भेजने लगी पर जितनी भी फोटो भेजा उन सभी में अपना चेहरा ब्लर कर दिया ! किसी भी फोटो में उनका चेहरा साफ़ साफ़ नहीं दिखाई दे रहा था !  समझ गया की मेडम को मुझपर विशास नहीं है और बहुत ही चालाक है, ओ फोन पर भी बहुत घुमा-फिरा कर बाते करती, साफ़ साफ़ कुछ नहीं बोली ! एक दिन वाट्सअप में बोला ''ये सभी फोटो आपकी ही है'' तो बोली ''हां'' और कुछ पहचान बताया तब मैंने कहा ''मैं कैसे मानू'' तो हँसते हुए बोली ''आकर देख लो'' तब मैंने कहा ''पक्का आ जाऊं,आप दिखा देंगी'' तो हँसते हुए बोली ''जी भरकर देख लेना'' मुझे पूरा विशास हो गया ये चुदवाने  को तैयार खड़ी है ! तब मैंने  एक दिन फोन किया और बोला ''मैं आ गया हूँ, कब आ जाऊं'' तो बोली ''कल साम को 7 बजे फलां रेस्टोरेंट में मिलना'' तब मैं साम को 6:45 पर उस रेस्टोरेंट में पहुच गया ! ओ वहां नहीं मिली तो फोन किया तब बोली ''आ रही हूँ, इन्तजार करो'' और ओ ठीक 7 बजे कार से आई ! मैं तो उन्हें कार चलाते देखकर चौक गया, मुझे विश्वास ही नहीं हुआ ! मेडम ने बड़े आराम से दो कारों के बीच में अपनी कार को पार्किंग  में लगाया ! इससे लगता है की मेडम जी कार चलाने में बहुत ही निपुण है ! ओ कार से उतरी तो मैं उनके पास पहुच गया तो दूर जाने का इसारा किया तो मैं हैट गया ! जब रेस्ट्रोरेंट के अंदर घुस
मेडम इस तरह ड्रेस पहन कर रेस्टोरेंट में मिलने आई
गई तो पलट कर मेरी तरफ देखी और पास आने का इशारा किया तो मैं उनके पास पहुँच गया तो अपने साथ लेकर एक केबिन के अंदर घुस गई जिसमे सिर्फ दो लोगो को बैठने की ब्यवस्था थी ! मेडम ने चाय नास्ता किया और करीब 30 मिनट तक बात  किया ! मेडम ने वाट्सअप के कई सिंबाल को कोड वर्ड के रूप में बताया  किसका क्या मतलब निकलना है सब बताया ! और  बोली '' जब भी ओ घर में रहे तब मुझे आंटी ही कहना'' और बोली ''जल्दी ही मिलती हूँ,उनकी नाइट शिफ्ट हो जाने दो'' पूछी ''रात में मेरे घर तो आ जाओगे न'' तब मैंने हाँ कर दिया ! वेटर को बुलाया बिल पेमेंट किया और चली गई ! मुझे बाद में जाने को कहा ! घर आने के बाद मैं मेडम जी की कातिल अदाओ को याद कर करके अपने लण्ड को दबाता ! मेडम जी ब्लू  रंग की टाइट जीन्स और वाइट रंग की खूब टाइट टी सर्ट उसके उपर ब्लैक रंग की जैकेट,
पहन कर खुल्ले बाल कर आई थी जिसमे गजब की सेक्सी लग रही थी ! उनका पेट इस उम्र में भी बाहर नहीं निकला है ! मैंने उनसे उनकी फिटनेस का राज पूछा तो बोली ''डेली मॉर्निंग वाक् और घर में योगा,कसरत के लिए घर में ही पूरा जिम बना रखा है ! रस्ते में एक दिन मेडम जे जीजा केले लाये जो अच्छे मोठे,लंबे,कड़क  थे, जिसे देखकर मेडम जी अपने पति को बोली ''जाइये ''बनाना'' ले आइये'' तो उनके पति छोटे छोटे पतले पतले केले ले आये तो बोली ''ये क्या मरियल केले लाये है,देखिये जीजा  जी कैसे केले लाये है वैसे लेना था'' तब उनके जीजा हँसते हुए बोले थे ''अरे भाभी जी मेरे लाये  केले खा लीजियेगा,कोई बाटा हुआ है क्या'' तो मेडम हँसने लगी ! इस मजाक के समय उनके भाई उतर कर गाड़ी से बाहर गए हुए थे ! मेडम की भाभी बोली '''मजा तो मोठे और लंबे केले खाने में ही आता है'' और फिर सभी मिलकर खूब हँसे ! मैं समझ गया मेडम जी मोठे लण्ड की कितनी भूखी है उनकी बात से जाहिर होता है !

वाट्सअप में मेडम से रोज रोज बाते होती ! एक दिन मेडम ने पूछा ''आप नानवेज फिल्मे देखते हो'' तब मैंने हाँ कहा तो बोली ''वाट्सअप में भेजो न'' तब मैंने छोटी छोटी कई फिल्मे भेज दिया जिसमे एक फिल्म में एक घोड़ा एक औरत के उनपर चढ़कर पूरा लण्ड घुसेड़ देता है उसे देखकर मेडम बोलती है ''बाप रे कितनी मजबूत लेडी है'' तब मैंने कहा ''हां'' फिर इधर उधर की बातो के बाद मैंने बोला ''काब आऊं मैं'' तो बोली ''कल आ जाओ पर रात के 12 बजे के बाद''तब मैंने ''ओके''कह दिया और अगले दिन घर से बहाना बनाकर 11 बजे निकला और एक दोस्त के घर में गाडी खड़ी कर दिया रात के करीब 11:45 पर मिस काल दिया तो तुरंत फोन किया और बोली ''कहाँ हो'' तो मैंने बताया की ''आपके घर के पास'' तो बोली ''आ जाओ, मैंने गेट को खोल दिया है, पर ये देखना, कोई देख तो नहीं रहा है'' तब मैं ओके कह कर आसपास देखने लगा कालोनी में सन्नाटा छाया था कोई नहीं दिख रहा था तब जल्दी जल्दी पहुच गया और जल्दी से गेट के अंदर घुस गया


[मेल द्वारा भेजी गई कहानी,शेष कहानी मिलने पर प्रकाशित करूँगा ]

Friday, 14 October 2016

बाजरे के खेत में श्यामा भाभी की चुदाई


7  सितम्बर  2016 में गाँव गया था ! कुछ काम पड़ा तो 10 सितम्बर शहर में भाभी के यहाँ गया ! रात में सोया हुआ था की भाभी ने आकर 11  बजे जगाया और बोली ''दादा आपसे बात करना चाहते है'' तब मैंने बड़े भाई से बात किया तो बड़े भाई ने बताया की ''जगनुआ अहीर की औरत सरकारी अस्पताल में भर्ती थी उसकी छुट्टी हो गई पर पानी अधिक गिरने  कारण गाँव के लिए बस  नहीं है तो ओ रात में बस स्टैंड में  रुका है पर उसे कुछ लफंगे परेसान कर रहे है जाकर देखो क्या माजरा है'' तब मैं तुरंत कपडे पहना और बरसते हुए पानी में अपनी इंडीगो कार से  उसे ढूढ़ते हुए बस स्टैंड पहुँच गया पर ओ नहीं मिला तो दादा से जगनुआ अहीर का मोबाइल नंबर लिया और उसे फोन किया तो पहले तो ओ घबराया फिर जब उसे बताया की मैं हूँ गाँव का फलाना ठाकुर हूँ  तब उसने मेरी आवाज पहचाना और बताया की एक छोटे से होटल के पास किनारे छिप कर खड़ा है ! तब उसे ढूढते हुए उसके पास पहुच गया, उसके पीछे उसकी औरत डरी हुई धीरे धीरे सुबकते हुए खड़ी थी,जगनुआ मुझे देखते ही रोने लगा और मेरा नाम लेते हुए स्थानीय ग्रामीण भाषा में बोला '' लल्ला सरकार ओ लफंगे  परेसान कर रहे है'' (गाँव में मुझे लल्ला कहते है) और दूर खड़े 6-7 लड़को की तरफ इसारा किया ! मैं समझ गया मामला गड़बड़ है इनसे उलझना ठीक नहीं तब मैंने 100 नम्बर पर पुलिस को फोन कर दिया ! कोतवाली पास  ही थी 5 मिनट में पुलिस वाले पहुच गए ! पुलिस को देखते ही ओ लड़के भाग खड़े हुए ! पुलिस को पूरा माजरा बताया तो पुलिस वाले होटल वाले से पूछने लगे तो होटल वाला आना- कानी  करने लगा,तब पुलिस वालों ने होटल वाले को 5-6 लपाटे धरे तब ओ बताने लगा ! मैं पुलिस वालो से बताया की ये मेरे गाँव के  है मैं ले जाऊं तो पुलिस वाले बोले ले जाओ ! दोनों को अपने AC  कार में बैठाया और चल दिया ! रस्ते में बैक मिरर से जगनुआ की औरत को देखा तो देखता ही रह गया ! बड़ी बड़ी हिरणी सी चंचल आंखे,गोरा रंग,साँचे से ढाला हुआ सेक्सी जिश्म,उम्र करीब 25-28 साल, जबकि जगनुआ की उम्र करीब 48-50 है ! वैसे जग- नुआ है तो मोटा तगड़ा मजबूत काठी का ! पर साला रहता बहुत ही गंदा है ! दस दस -15-15 दिन तक नहाता नहीं ,महीने में एकात बार ही दाढ़ी बनाता है,मटमैला सा सफ़ेद रंग का कुर्ता-पायजामा पहनता है ! कुर्ता-पायजामा फट जाता है पर साबुन मुहँ नहीं देखता, पास खड़े हो जाओ तो बदबू मारता है ! मेरे यहां ट्रेक्टर चलाता है ! कभी कभी किराए पर हमारी बोलेरो भी चलाकर बाहर ले जाता है ! जगनुआ के पास 4 बीघे जमीन भी है जिसकी सिचाई मेरे ट्यूब बेल से ही करता है ! जगनुआ की सुन्दर औरत देखकर मेरी तो लार टपकने लगी ! मैं बार- बार जगनुआ की औरत को देखता, कभी कभी कांच में नज़रे टकरा जाती तो जगनुआ की औरत नजरें नीची कर लेती और चेहरे को घुघट से ढक लेती ! पर कुछ देर बाद फिर से घुघट कम कर लेती तो उसके चाँद जैसे मुखड़े को फिर देखने लगता इसी देखा ताकी में  घर कब आ गया पता ही नहीं चला ! दोनों को भाभी से मिलवाया, भाभी गाँव आती जाती रहती है इस लिए जगनुआ की  औरत को अच्छी तरह जानती है ! भाभी ने दोनों को खाना खिलाया और एक कमरे में सोने के लिए जगह दे दिया तो पहले जगनुआ की औरत चली गई ! जगनुआ कुछ देर तक हम दोनों के पास खड़ा रहा इधर उधर की बाते किया फिर करीब 15 मिनट जगनुआ भी चला गया ! तब मैंने भाभी से पूछा की ''ई जगनुआ कहाँ से भगा लाया इतनी  सुन्दर औरत'' तो भाभी ने पूरी कहानी बताया ! जगनुआ की ये औरत बिधवा हो गई थी , इसके एक 8 साल लड़का है ! बिधवा होने के बाद सास ससुर तंग करने लगे, माँ बाप,भाई नहीं है, बेसहारा हो गई थी  ! जगनुआ की औरत की बड़ी   बहन ने  लड़के सहित अपनी छोटी बहन को अपने पास बुला लिया और अपने पति से बात कर के बहन को जगनुआ के यहां सेट करवा दिया ! हालांकि जगनुआ ने 15000 हजार देकर ले आया, करीब 10 महीने से ये औरत जगनुआ के पास ही है ! जगनुआ की औरत कुर्मी समाज की है इससे   आसानी से  अहीर के साथ भाग आई !बात करने के बाद मैं जगनुआ की औरत को चोदने का प्लान बनाने लगा ! कार में जगनुआ की औरत बार बार घुघट कम कर रही थी इससे मुझे लगा की ये अपनी खूबसूरती मुझे दिखाना चाहती है ! पर ये मुझे अपनी खूबसूरती क्यों दिखाना चाहती है जब ये सोचने लगता हूँ तो मन  आसा की एक हल्की सी किरण दिखाई देने लगी की जगनुआ की औरत चुदवा सकती है ! उसकी चुदाई की कल्पना करते करते मैं सो गया ! सुबह 7 बजे  सोकर उठा तो दुसरी मंजिल में बने बाथरूम में जाने लगा तो जगनुआ की औरत सीढ़ी से नीचे आते दिखी तो मुझे आते देखकर वापस चली गई और सीढ़ी की सुरुआत के पास खड़ी हो गई ! मुझे देखते ही घुघट नीचे खिसका लिया मैं उसके पास गया और कुछ सेकण्ड रुका और धीरे से बोला ''बहुत सुन्दर लगती हो भौजी'' तो उसने घुघट के अंदर हलके से मुस्कुराई और जाने लगी तो फिर से धीरे से बोला ''अरे भौजी चाँद जैसे मुखड़े का दीदार तो करवा दीजिये'' तब भी कुछ नहीं बोली और सीढ़ी से नीचे उतरने लगी, मैं खड़े खड़े उसके मस्त सेक्सी चूतड़ो को थिरकते हुए निहारता रहा जब ओ सबसे नीचे की सीढ़ी में पहुच गई तो घूघट को पूरा उठाया और ऊपर मेरी तरफ देखी और हल्के से मुस्कुराई तब मैंने दाएं हाथ का अंगूठा और तर्जनी ऊँगली को मिलकर ज़ीरो का सिंबाल बनाया और इसारा किया तो फिर से मुस्कुराई और अंदर कमरे में  चली गई ! मैं फ्रेस होकर नीचे आया और लिविंग रूम में बैठकर टीवी देखने लगा तो भाभी ने जगनुआ के औरत हाथ से चाय भिजवाया, जब ओ चाय लेकर आई और जाने लगी तो धीरे से पूछा ''आपका नाम तो बता दो भौजी'' तो कुछ बोली और सिर्फ मुस्कुरा कर चली गई ! क्या मोहक मुस्कान  है , पहली बार इतने नजदीक से मुस्कुराते हुए देखा !  एक  बार उसे फिर देखने के लिए भाभी को आवाज दिया ''भाभी जी बिस्कुट दे दीजिये'' भाभी फिर से उसके हाथ से बिस्कुट भिजवाया तो ओ आई तो फिर से नाम पूछा तो धीरे से बोली ''श्यामकली'' और जाने लगी तो मैंने बोला रुको न प्लीज़ तो रुक गई और मेरी तरफ देखने लगी तब मैंने फिर से धीरे से कहा ''मैं आपको श्यामा कहूँ तो अच्छा लगेगा '' तो कुछ नही   बोली बस हलके से मुस्कुराई चली गई ! मैं टीवी देख रहा था तो जगनुआ करीब साढ़े 8  बजे मेरे पास आया और बोला  ''लल्ला सरकार मैं 9 बजे वाली बस से गाँव  जाऊंगा'' तब मैंने कहा ''जगनू दादा मैं भी गाँव जाऊंगा तो मेरे साथ ही चल देना,बस में कहाँ धक्का खिलाओगे बीमार भौजी को'' तो बोला ''कब, तक जाओगे लल्ला सरकार''  तब कहा ''बस नहा धो लूँ नास्ता कर लूँ फिर चलते है'' ! तब जगनुआ बोला  ''ठीक लल्ला सरकार'' कहकर चला गया ! मैं जगनुआ से उम्र में छोटा हूँ इस लिए उसे दादा कहता हूँ, मेरी उम्र 40 साल है पर दिन भर आराम से एयर कंडीस्नर दूकान में बैठता हूँ, खान पान अच्छा है इस लिए उम्र कम ही लगती है ! गोरा रंग,ऊँचा, मजबूत कद, भरे हुए लाल लाल गाल किसी भी महिला को जल्दी ही आकर्षित कर लेता हूँ ! करीब 10 बजे गाँव के लिए निकल लिए ! पीछे की सीट पर बैठी हुई श्यामा घुघट निकाल कर बैठी थी  बार बार छोटी से टॉवेल से हवा हॉक रही  थी  तो मैंने बोला ''लगता है भौजी को गर्मी लग रही है'' इतना कहकर श्यामा की तरफ काच थोड़ा नीचे उतार दिया तो हवा झोके में घुघट बाहर गया और पूरा सिर खुल गया तो श्यामा फिर से जल्दी से सिर पर साड़ी डालकर घुघट निकाल लिया पर जैसे ही हाथ छोड़ा फिर से साड़ी उड़ गई और घुघट खुल गया तो फिर साड़ी से सिर ढकने लगी तो  जगनू गाँव की भाषा में बोला '' लल्ला सरकार तेरे देवर लगते है,जेठ नहीं,'' और हँसने लगा तो श्यामा कुछ नहीं बोली और सर खोलकर आराम से बैठ गई ! वाह वाह क्या बला की खूबसूरत लगती है श्यामा ! मैं बार बार श्यामा को काच में देखता, कई बार श्यामा की नजर मेरे से टकराई श्यामा नजर नीचे कर लेती ! हवा में उसके बाल बार बार गालो पर टकराते तो ओ बार बार बाल को हटाती तब मैंने काच बंद किया और  AC चला दिया ! गाँव के बारे में बात करते करते आराम से कार चलाते हुए चल रहा था ! पर अभी तक श्यामा की आवाज नहीं सूना मैंने  चुपचाप दोनों की बातें सुनती रही ! गावँ पहुचने के पहले  छोटी से बाजार है जब वहां पहुचा तो जगनू बोला ''लल्ला सरकार यहां रोक दीजिये कुछ मिठाई ले लूँ हेमंत लिए'' तब मैंने पूछा ''हेमंत लड़का आपका'' तो बोला ''हां सरकार ये लेकर आई है,अब ओ अपना ही बेटवा है'' ! मैंने कार रोक दिया तो जगनुआ उतर गया और श्यामा को भी चलने के लिए बोला तो श्यामा ने मना कर दिया ! तो गजनुआ चला गया, जैसे ही जगनुआ गया मैंने श्यामा से पूछा '' भाभी जी नास्ता में क्या खाओगी'' तो कुछ बोली , बल्कि न में सिर हिला दिया तब मैं हस्ते हुए बोला ''ई गजनुआ दादा कमाल करते है,गूँगी मेहरारू ले आये'' तो श्याम धीरे से ''मैं गूंगी नहीं हूँ कुँवर जी'' उसने मुझे कुंवर बोला मुझे बहुत अच्छा लगा मैंने फिर से नास्ते के लिए पूछा ''क्या खाओगी भाभी'' तो बोली ''आपको  जो अच्छा लगता है ले आइये खा लुंगी'' तब मैं कार से उतरा पास होटल से से 4 समोसा और आधा किलो ठंडी जलेबी ले आया  और श्यामा के हाथ में पकड़ा दिया और  श्यामा को  बोला '' लो भाभी मेरी पसंद तो यही है'' तो उसने सीट पर नास्ता रख दिया तो मैंने उठा लिया की कहीं सीट पर जलेबी सीरा ! फिर मैं आगे ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और पॉलीथिन खोल कर दे दिया तो फिर से खाने से मना कर दिया मैंने प्यार से बोला ''आपको मेरी कसम है नास्ता करिये, सुबह से चाय पीकर बैठी हो'' तो मेरी तरफ देखी और समोसा निकालकर मुझे दिया बोली ''कुंवर जी पहले आप लीजिये'' तो मैंने उसके हाथ से समोसा  ले लिया व् खाने लगा तो श्यामा ने जलेबी निकाला व्  मुझे दिया मैंने ले लिया और बोला '' आप भी खाओ न भोजी'' तो श्यामा सर्माते हुए मुह खोला और खाने लगी, मुश्किल से दो तीन बार खाने बाद सी सी करने लगी तो मैंने पूछा ''तीखा है क्या'' तो हां में गर्दन हिलाया तो मैंने जलेबी  को आगे बढ़ाया और बोला मुँह खोलिये तो मना करने लगी जब मैंने दो तीन बार प्लीज़ प्लीज़ किया तो सर्माते हुए मुह खोल  दिया तो जलेबी मुह में डाल दिया तो खा लिया और बोली ''आप मिर्ची ज्यादा खाते  कुंवर जी'' तब मैंने बताया की ''नही,आप वाला समोसा ज्यादा चरखा है, लाइए देखूं तो सही'' तो अपना समोसा मेरी तरफ बढ़ा दिया तो मैं उसका जूठा समोसा खाने लगा तो घबरा कर बोली ''कुंवर जी ये क्या किया आपने, मेरा जूठा समोसा खा लिया,लाइए मुझे वापस करिये'' तब मैंने मना कर दिया ! इतने में मेरी नजर दूर से आते हुए जगनुआ पर पड़ी तो मैं पानी पिया और मेरा समोसा कार के आगे डेस्क बोर्ड पर रखा और पानी की बोतल श्यामा को पकड़ाया और कार से नीचे उतर कर पास की गुमटी में चला गया और सिगरट जला कर पीने लगा ! मैं इस लिए हट गया की कहीं जगनुआ ये सब देख न ले ! जब जगनऊआ कार के पास पहुँचा तो मैं वापस आया और कार में जाकर बैठ गया और उससे पूछा ''क्या लाये दादा'' तो जगनुआ एक पाँव मिठाई और एक पाँव (दो सेवफ़ल) सेवफल दिखाया तो मैंने जगनुआ को 1000 की नोट  दिया और बोला ''दादा मेरे लिए भी 3 किलो मिठाई और 4 किलो सेवफल, 5 दर्जन केला ले आओ'' तो जगनुआ वापस चला गया तो श्यामा बोली ''आप का समोसा मुझे दीजिये'' तो मैंने दे दिया तो तुरंत खाने लगी तो मैंने मना किया तो बोली ''आप मेरा जूठा खा सकते है तो मैं क्यों नहीं खा सकती हूँ आपका जूठा समोसा'' और जल्दी जल्दी पूरा समोसा खा गई और मेरी तरफ जलेबी बढ़ाया और बोली ''मुह फ़ाड़िये'' तब मैंने मुह फैला दिया तो श्यामा ने मेरे मुह में  जलेबी डाल दिया तो उसका हाथ पकड़ कर जलेबी खा लिया और उसके हाथ को चूम लिया तो हाथ को जल्दी से खींचा और बोली ''अरे हाथ छोड़िये कोई देख लेगा'' तब मैंने हाथ छोड़ दिया ! और पानी की बोतल माँगा तो उसने दे दिया तो मैंने पानी पीकर वापस वापस उसे बोतल पकड़ा दिया ! श्याम से पूछा ''कहाँ तक पढ़ी हो भाभी'' तो बोली 10 वी पास हूँ 12 फेल हूँ'' कुछ देर तक बातें करता रहा और जगनुआ आ गया तो चल दिए करीब 30 मिनट में करीब साढ़े 11 बजे गाँव पहुच गए और घर में घुसने  पहले कार रोक दिया तो दोनों उतरने लगे तो 3 किलो मिठाई और 4 किलो सेवफल, 5 दर्जन केलादे दिया और बोला मेरी तरफ से हेमंत को दे देना, पहले तो न नुकुर किया फिर लेकर चला गया ! करीब 1 बजे घर की छत
पर चढ़ा तो देखा की श्यामा एक बाल्टी और अपने कपडे लेकर घर से बाहर निकली और मेरे घर की तरफ आने लगी मैं समझ गया ये मेरे यहां पानी की टंकी के पास बने बाथरूम में नहाने आ रही है ! श्यामा जब बाथरूम  में घुस गई तो मैंने नीचे उतरा और बाथरूम पास पहुचा तो श्यामा कपडे धो रही थी मैं पास गया तो चौक गई पर कुछ नहीं बोली तब मैंने धीरे बोला '' भाभी बाजरे के खेत की तरफ आओ बात करनी है आपसे'' तो बोली ''नहीं कुंवर जी कोई देख लेगा तो मैं मुसीबत में फॅस जाउंगी, बड़ी मुश्किल से रहने का ठिकाना मिला है'' तब मैंने कहा ''अरे कोई नहीं देखेगा, मैं पहले चला जाता हूँ, बाद में आप लोटा लेकर आ जाइयेगा'' इतना बोलकर बिना जबाब सुने मैं बाजरे की खेत की तरफ चला गया ! बाथरूम के सामने बड़ा सा बगीचा है उसके बाद बाजरे के बहुत खेत है ! कई किलोमीटर तक सिर्फ ज्वार और बाजरा का घना जंगल टाइप है ! 
मैं बाजरे के घने खेतों में घुस गया और श्यामा का इन्तजार करने लगा करीब 15 मिनट बाद श्यामा हाथ में लोटा लिए आते दिखाई दी ! ओ आकर दूसरे खेत की तरफ चली गई मैं उसके पीछे पीछे पहुच गया तो मुझे देखकर खेत में घुस गई, मैं भी उसके पास पहुच गया ! (बाजरे के पेड़ इतने बड़े बड़े है की कोई अंदर है दिखाई नहीं देता) ! जैसे ही मैं पहुँचा तो  बोली ''क्या बात करनी है,जल्दी करिये, ज्यादा टाइम लगा तो ओ पूछने लगेंगे'' तब मैं आगे बढ़ा और श्याम को पकड़ कर उसके गाल को चूम लिया तो जरा सा भी बिरोध नहीं किया और मुस्कुराते हुए बोली ''यही बात करनी थी, अब मैं जाऊं'' तो मैंने श्याम कसकर पकड़ा और सीने से चिपकाते हुए कई बार चुम लिया और चूची को दबा दिया तो श्यामा अपना दायाँ हाथ उठाया और मेरे कंधे के नीचे डालकर लिपट गई तो मैं ताबड़तोड़ श्यामा को चूमने लगा, चूचियों को दबाने लगा तो बोली ''अब जाने दो कुँवर'' और मेरे से अलग हो गई और बोली ''आप दूर से निकलिए कोई सक नहीं करें'' तब मैंने कहा ''बैठो न, बहुत सी बात करनी है'' तो बोली ''अभी जाने दीजिये, जब ओ घर नहीं रहेगे तब खूब देर तक आपसे बात करुँगी'' और जाने लगी तो तो एक बार फिर से उसे सीने से चिपका लिया और होठो को जोर से चूस लिया  छोड़ दिया !  जब फिर से जाने लगी तो उसे हजार-हजार की 5 नोट देने लगा तो लेने से मना कर दिया तब मैंने जबरजस्ती उसके ब्रा के अंदर डाल दिया बार फिर से चूमते हुए चूची  दिया तो बोली ''अब बस भी करिये,जाने दो न प्लीज़'' तो मैंने बोला ''ओके जाओ,आप बहुत सुन्दर हो भाभी जी'' तो कुछ नहीं बोली, मुस्कुराई और लोटे का पानी जमीन में गिराकर चली गई ! मैं दुसरी तरफ से खेत की मेड से चलकर रोड में आ गया ! मैं करीब 10 मिनट बाद वापस आया तो श्यामा जा चुकी थी ! टंकी के पास बने बाथरूम का घर में कोई उपयोग नहीं करता इस लिए ओ बहुत गंदा रहता है, उसी बाथरूम में श्यामा रोज नहाने आती  है, इसलिए  बाथरूम को बढ़िया साफ़ कर दिया, दरबाजा टूटा हुआ है, बढ़ाई को बुलाकर दरवाजा बदलवा दिया ! पानी की टंकी में काई लग गई थी, मजदुर से पानी की टंकी साफ़ करवाकर दुसरा पानी भरवा दिया ! साम को छत पर चढ़ा तो श्यामा दिखी तो एक छोटा सा कंकड़ मार कर उसे इसारा किया तो मेरी तरफ देखि और मुस्कुराई तो मैंने इसारा करके बुलाया तो कुछ देर बाद श्यामा एक बाल्टी लेकर आई और टंकी से पानी भरने लगी तो उसके पास गया तो बोली ''अपने बाथरूम साफ़ करवाया '' तो मैंने हाँ कहा और पूछा ''आपको कैसे पता चला'' तो बोली ''मैं आपके घर माठा (छाछ) लेने आई थी तब देखा'' तो फिर से बोली ''क्यों साफ करवाया, यहां तो आपके घर का कोई नहीं आता'' तो मैंने बोला ''आप नहाने आती हो न, और इस गंदे वाथरूम  में नहाती थी,दरवाजा टूटा हुआ था , आपको नहाते कोई देख न ले ये सब मुझे अच्छा नहीं लगा'' ! तो बड़े प्यार से बोली ''आप बहुत नेक दिल इंसान हो कुंवर जी'' ! (जगनू दो भाई है और कुआ जगनू के बड़े भाई के हिस्से में है, उसने दरवाजा दुसरी तरफ कर लिया इस लिए श्यामा को पानी लाने में चक्कर काट कर जाना पड़ता था इस लिए ओ मेरे घर के पानी की टंकी के पास नहाने आती है) इतने में घर के गेट खुलने की अबाज आई तो मैं वहां से बगीचे में चला गया ! पेड़ की ओलट से देखा बड़े भाई है, बड़े भाई श्यामा से बात करने लगे जो मुझे सुनाई दे रही थे, बड़े भाई ने जगनुआ को बुलाने की बात कही ! श्यामा चली गई और कुछ देर बाद  जगनुआ आया तो मैं भी भाई के पास आ गया ! भाई ने जगनुआ को कल बोलेरो लेकर बिंध्याचल चलने के लिए बोला ! भाई  किराए से भी गाडी चलाते है और ज्यादातर जगनुआ ही लेकर जाता है ! जगनुआ के जाने के  बाद मैंने भाई से पूछा '' बिंध्याचल जा रहे है दादा'' तो भाई बोले ''हां,कई दिन से तुम्हारी भाभी और माँ कह रही है, तू भी चलेगा'' तो मैंने काम के बाहने मना कर दिया,तो भाई बोले ''ठीक है'' मैं समझ गया बिंध्याचल जाने के बाद उसी दिन वापस आना सम्भव नहीं ! मैं मन ही मन श्यामा की चुदाई का प्लानिंग बनाने लगा ! क्योकि घर में कोई नहीं रहेगा ! मेरी पत्नी शहर में है और भाई,भाभी,माँ चले जायेंगे ! अगले दिन सुबह 9 बजे घर के सभी चले गए ! मैं तुरंत छत पर चढ़ा तो श्यामा दिखी तो कंकड़ मार कर इसारा किया तो 15 मिनट बाद बाल्टी लेकर आई ! और वाथरूम में घुस गई, मैं भी बाहर निकला और सोचा जाकर मिलु तो घर का  नोकर जो भैसो को चारा, भूसा देता है ओ बाहर ही खड़ा था तो श्यामा के पास नहीं गया, सोचा कही ये सक न करे, श्यामा कुछ देर तक इन्तजार किया और वाथरूम से बाहर आई तो देखा की मैं नोकर के साथ खड़ा बातें कर रहा था ओ समझ गई और चली गई ! श्यामा  मोबाइल भी नहीं है की उसे फोन करके बुलाऊँ ! करीब 10 बजे नॉकर दूर नदी किनारे वाले खेत में घास लेने चला गया तो फिर से छत पर चढ़ा पर श्यामा नहीं दिखी तो एक पत्थर लिया और श्यामा के खपरैल में फेंक दिया फिर भी श्यामा नहीं निकली तो मन बहुत खिन्न हुआ, शायमा के पास मोबाइल नहीं होने की कमी बहुत अखरी ! करीब 10:30 बजे  फिर छत पर चढ़ा और फिर से एक पत्थर फेका तो श्यामा बाहर निकली तो इसारा किया  तो ओ आई और बाथरूम में घुस गई मैं भी गया तो बाहे फैला दिया तो श्यामा आकर लिपट गई ! खूब चूमा और चूची दबाया, ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर चूची दबाने लगा  तो महसूस किया कि श्यामा की चूचियों की निप्पल टाइट पड़ गई है, मतलब श्यामा चुदाई मूड बना लिया है ! मैंने श्यामा को बोला ''चलो बाजरे के खेत में'' तो बोली ''कोई आ गया तो'' मैंने बोला ''कोई नहीं आएगी'' तो कुछ नहीं बोली मैं  मौन सहमति समझा और बोला ''मैं जा रहा हूँ आ जाना'' तो कुछ नहीं बोली बस मेरी तरफ देखती रही, मैं बाथरूम से बाहर गया और घने,खूब ऊँचे बाजरे के खेत की मेड पर जाकर खड़ा हो गया ! 5 मिनट बाद ही श्यामा भी गई और दोनों खेत के बीच में घुस गए ! आते ही श्यामा मेरे से लिपट गई और  चूमने लगी, तो मैं
श्यामा की चूचियां १००% ऐसी ही है,जरा सा भी ढीली हुई है 

खेत में  बैठ गया, ओ भी बैठ गई और मेरे गोरे-गोर लाल टमाटर जैसे चिकने गालो को जल्दी जल्दी चूमने लगी ! मैं भी उसे चूमने लगा, चूमते चूमते ब्लाउज और ब्रा का हुक खोल दिया और ब्लाउज उतारने लगा तो मना कर दिया और कान में धीरे से बोली ''कपडे मत उतारिये कुंवर'' मैंने बोला क्यों ? तो बोली ''कोई आ  गया तो पहनने में टेम ज्यादा लग जाएगा'' मैंने बोला ''ठीक है'' ! जैसे ही ब्रा और ब्लाउज को खिसकाया श्यामा  मस्त मस्त गोलाई लिए हुए चूचियां दिखी, श्यामा की चूची जरा सा भी ढीली नहीं हुई है एकदम से मस्त टाइट है ! चूचियों को सहलाने लगा तो श्यामा बोली ''जल्दी से कर लो कोई आ न जाए'' तब मैंने श्यामा की साडी और पेटीकोट को कमर तक खिसकाया तो देखा की श्यामा ने पेंटी नहीं पहने थी, चूत बड़े बड़े घने बालो से ढकी हुई है ! मैंने झुककर चूत चाटने लगा तो तो अपने हाथ को बढ़ाया और मेरे लण्ड को टटोलने लगी तब मैंने जल्दी से लोवर,चढ्ढी उतार दिया तो श्यामा लण्ड को पकड़ कर चूत में घुसेड़ने लगी पर बाल अधिक होने से लण्ड घुस नहीं रहा था तब मैंने जांघो के फैलाया और चूत पर चूककर चूत को गीली किया और एक ही झटके में करीब साढ़े सात इंच लंबा और खूब मोटा लण्ड पेल दिया, जैसे ही लण्ड घुसा की श्यामा की हल्की से चीख निकल गई और ओ जल्दी से उठकर बैठ गई और चूत को हाथ से ढक लिया, उसकी आँखों में आँसू आ गए तब मैंने पूछा '' दर्द हुआ क्या'' तो हाँ में गर्दन हिलाया मैं दोनों घुटनो के बल स्यामा के सामने खड़ा था,मेरा मोटा लण्ड फनफना कर खड़ा था जिसे श्यामा एकटक देखे जा रही थी ! तब मैंने श्यामा का चेहरा अपनी तरफ किया  आसुओं को चाट लिया तो मुझे प्यार से किस कर लिया तो मैं झुककर उसकी चूची को चूसने लगा तो श्यामा एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड़कर खिलाने लगी और बोली ''जल्दी कर लो नहीं तो कोई आ जाएगा'' तब मैंने कहा ''रहने दो तुम्हे दर्द हो रहा है'' तो बोली ''दर्द तो होगा, आपका कितना लम्बा मोटा है'' और लेट गई तब मैंने फिर से ढेर सारा थूक दिया और चूत को खूब गीली कर लिया और धीरे धीरे लण्ड को पूरा डाल दिया, श्यामा को दर्द नहीं हुआ ! लण्ड डालकर उसके ऊपर लेट गया तो फिर  धीरे से कान में  बोलती है ''जल्दी जल्दी कर लो यार कोई आ गया तो लफड़ा हो जाएगा'' तब मैंने फटाफट चोदने लगा, मुश्किल से 50-60 बार लण्ड को आगे पीछे किया और झर गया, श्यामा स्खलित नहीं हुई बल्कि जब मैं स्खलित हो गया तब श्यामा अपने चूतड़ को बार बार ऊपर उठा रही थी मतलब ओ स्खलित नहीं हुई ! मैंने उससे पूछा ''मजा नहीं आया न'' तो कुछ नहीं बोली और उठकर बैठ गई और चूत से बहते हुए वीर्य को पोछने लगी और फिर बैठे बैठे ही ब्रा का हुक लगा लिया और ब्लाउज पहनकर खड़ी हो गई और जाने लगी तो मैंने बोला ''एक काम करोगी क्या'' तो बोली ''जी कहिये'' तब मैंने कहा ''आज रात में आ जाओ न मेरे घर'' तो बोली ''पागल हो क्या,सभी रहेगे तो कैसे आ सकती हूँ'' तो मैंने बताया ''आज कोई नहीं है जानती हो न सभी विन्ध्यांचल गए हुए है'' तो बोली ''ओ तो बोल रहे थे की आज ही वापस आ जाऊंगा'' तब मैंने उसे बताया ''आज नहीं कल साम तक वापस आएंगे'' तो कुछ नहीं बोली और जाने लगी तब मैंने फिर से बोला ''आओगी क्या'' तो बोली ''देखती हूँ'' और चली गई मैं दुसरी तरफ से सड़क तरफ निकल गया और घूमते हुए 10  मिनट में घर आ गया ! तो देखा की श्यामा अभी भी बाथरूम में नहा रही है ! पर मैं उसके पास नहीं गया कुछ देर में ओ निकली और मेरी तरफ तिरक्षी नजर से देखि और चली गई !              साम को 4 बजे श्यामा फिर आई और बाजरे के खेत तरफ हसिया लेकर चली गई, मैं समझ गया भैस के लिए चारा काटने गई है, मैं भी पीछे पीछे चला गया और दोनों बाजरे के खेत के अंदर घुस गए और बातें करने लगे ! मैंने उससे पूछा ''आओगी आज रात में '' तो बोली हेमंत को छोड़कर कैसे आउ ,कही ओ रात में जाग गया और मुझे नहीं पायेगा तो सोर करेगा'' तब मैंने कहा ''अच्छा ठीक है मैं आ जाऊं तुम्हारे घर'' तो बोली ''आ जाइये'' तब मैंने कहा ''कितने बजे तक आ जाऊं'' तो बोली ''दस-साढ़े दस तक आ जाइयेगा'' तब मैंने कहा ''ठीक है आ जाऊंगा दरवाजा खोल कर रखना'' तो हां  सर हिला दिया  बोली ''अब जाइये कोई आ नहीं जाए'' तब मैंने उसके पास से चला आया और भाई साहब की बुलेट उठाया और पास ही गाँव में बाजार चला गया और 4 विगोरा 100 और 4 विगोरा फ़ोर्स की टेबलेट और कोहिनूर कंडोम ले आया ! और रात के 10 बजने का इन्तजार करने लगा ! साम को 7  बजे एक विगोरा फ़ोर्स की टेबलेट खा लिया और रात के 9 बजे फिर विगोरा 100 के एक टेबलेट खा लिया ! ये टेबलेट खाकर  अपनी पत्नी की चुदाई कई बार कर चुका हूँ ! अच्छा खासा लण्ड खड़ा होता है और चुदाई का समय भी खूब बढ़ जाता है ! नॉकर से गेट की चाबी ले लिया और रात के करीब 10 बजकर 15 मिनट पर चुपचाप श्यामा के घर पहुँच गया ! दरवाजा खुला था मैं जैसे ही दरवाजा खोला श्यामा आ गई और अपने कमरे में ले गई ! श्यामा का कच्चे मकना में उसका कमरा सबसे किनारे एक कोने में था, जिसमे एक तखत 4 बाई 6 का बिछा था ! मैंने श्यामा से धीरे से पूछा ''हेमंत कहाँ सोया है'' तो दूसरे किनारे एक कमरे की तरफ इसारा किया ! और अपने कमरे का दरबाजा बंद कर लिया तो मैं
बल्ब के उजाले में श्यामा से लिपट कर सेल्फी लिया
श्यामा से लिपट गया और कान में धीरे से बोला ''आज रात भर परेसान करूँगा'' तो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा दिया और तखत में बैठने का इसारा  किया तो मैं बैठ गया ! और उसे अपनी तरफ खींचते हुए बिस्तर पर बैठा लिया ! बिस्तर में बढ़िया मुलायम  मोटा
सा गद्दा और साफ़ चादर बिछा था ! श्यामा को बेड पर लिटा दिया और झुक कर किस करने लगा तो श्यामा ने बल्ब की तरफ इसारा किया तो मैंने कहा ''जलने दो कोई देख थोड़े ही रहा है'' तो कान में धीरे से बोली ''मुझे सरम आ रही है''  और उठकर दरवाजे को खोला और अंदर की तरफ से दरवाजे के ऊपर एक मोटा सा चादर डाला और दरबाजे को लगा दिया और वापस आकर बिस्तर पर लेट गई तो मैंने उसकी साडी और पेटीकोट को ऊपर किया जांघो को सहलाते सहलाते साडी को कमर तक खिसका दिया और चूत के बड़े बड़े बालो पर उंगलिया घुमाने लगा तो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी तो मैंनेउसे उठने का इसारा किया जब ओ उठकर खड़ी हो गई तो साडी को खींचकर उतार दिया और पेटीकोट को खींचने लगा तो पेटीकोट का नाडा खोल दिया तोपेटीकोट नीचे गिर गया और ओ नंगी हो गई तब मैंने ब्लाउज उतरने का इसारा किया तो ब्रा और ब्लाउज उतार दिया ! ओह माई गाड क्या मस्त चूचियां है, जरा सी  नीचे को  लटकी हुई है पर मस्त ! मैं तो नंगी श्यामा को देखा तो पागल हो गया और श्यामा का हाथ पकड़कर नीचे लिटा दिया और चूत के बाल पर फिर से उंगलिया घुमाने लगा तो श्यामा मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा और धीरे से कुछ बोली जो मुझे समझ नहीं आया तो फिर से पूछा तो कुछ नहीं बोली ! मैं छोटी से केची साथ लेकर गया था ! जेब से कैची निकाला और बाल साफ़ करने का इसारा किया तो बोली ''पहले कर लो बाद में ये सब कर लेना'' तब मैं बोला ''नहीं यार मजा नहीं आएगा'' तो कुछ नहीं बोली तब मैंने श्यामा का चूतड़ ऊपर उठाया और अपना लोवर उसके चूतड़ो के नीचे बिछा दिया और चूत के बाल काटने लग गया करीब 10 मिनट में बाल काटकर चूत को चिकनी कर दिया और लोवर उठाकर बाल नीचे फर्स में झाड़ दिया और श्यामा का हाथ पकड़ा और उसकी चूत रख दिया तो खुस होकर मुझे अपनी तरफ खींच कर चुम लिया ! अब मैं श्यामा के नंगे जिश्म के एक एक हिस्से को चूमने लगा फिर श्यामा को पेट की तरफ लिटा दिया और उसके चिकने चिकने चूतड़ो और पीठ को चूमने लगा ! फिर धीरे से टांगो को फैलाया और बाएं हाथ से चूत पर ऊँगली घुमाने लगा और दाएं हाथ से पीठ को सहलाने लगा ! कुछ ही मिनट में उसने चूत पर घुमाने वाले हाथ को पकड़ कर रोकने लगी पर मैं चूत पर जरा सा थूक दिया और गीली हो गई चूत को और अधिक गीला करते हुए उगलिया घूमाता रहा ओ बार बार मेरी हाथ को पकड़ती रही पर मैं मान नहीं रहा था तब ओ पलट कर पीठ की तरफ लेट गई और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचने लगी,जब नजदीक हुआ तो मेरी चढ्ढी को खीचंते हुए लण्ड को पकड़ लिया और धीरे से बोली ''अब बस भी करो'' तब मैं समझ गया श्यामा भाभी प्यूरी तरह से चुदाने मूड में आ गई है ! पर मैं अभी और गरमाना चाहता था बस फिर क्या था   मैं उसकी पेट की तरफ घुटने मोड़ा और झुका और श्यामा की चूत को चाटने लगा पूरी जीभ उसकी चूत में डाल देता और फिर बाहर करता इस तरह बार ! उधर ओ मेरे मोठे कड़क लण्ड को हाथ से पकड़ कर बार बार दबाने लगी तो मैंने अपने एक घुटने को उसकी दाई तरफ और एक बाई तरफ करके उसके पेट पर झुक गया और लण्ड को उसके मुह के पास लगाया और होठो पर छुआ दिया तब उसने मेरे लण्ड को मुह डाल लिया और लण्ड को चूसने लगी मैं जितनी जल्दी जल्दी चूत चाटता उतनी ही बढ़िया तरीके से ओ मेरे लण्ड को चूसती ! पूरा का पूरा लण्ड मुह में ले लेती और फिर बाहर करती ऐसा लगा जैसे ये तो मुझे  अस्खलित कर देगी ! फिर मैं  सीधा किया और उसकी दोनों टांगो को फैलाया और लण्ड डालने लगा तो बोली ''उसे टोपी पहनाओ न,कही गड़बड़ न हो जाए'' मैं समझ गया ये कंडोम लगाने के लिए बोल रही है ! लोवर से कंडोम निकाला और रेप से फाड़कर उसके हाथ में कंडोम  पकड़ा दिया और लण्ड उसके सामने कर दिया उसने लण्ड पर बड़े आराम से कंडोम लगा दिया ! फिर एक तकिया उसकी चूतड़ के नीचे रख दिया और फिर से चूत चाटकर उसे गर्म करने लगा, मुश्किल से 3 मिनट तक चूत को चाटा तो ओ गरम आग हो गई और बार बार मेरे सिर को हटाने लगी तब धीरे धीरे लण्ड को चूत में घुसेड़ दिया और उसके ऊपर लेट कर लण्ड आगे पीछे करने लगा करीब 5 मिनट तक चुदाई के बाद श्यामा मेरे सीने में हाथ लगाकर मुझे

उठाने लगी  समझ गया मेरे शरीर के बजन से उसे दिक्कत हो रही है तब मैंने अपने दोनों हाथ श्यामा  के कंधे के  बगल में रखा, श्यामा ने अपनी दोनों टांगो को उठाकर मेरी कमर पर रख लिया तो लण्ड की ठोकर मारने लग, ओ कुछ ही ठोकर खाने के बाद चूत को सिकोड़ लिया लण्ड खूब टाइट था, चूत भी टाइट हो गई तो तो उसे चुदाई में खूब मजा आने लगा ओ मुँह को सिकोड़ कर उ उ उ  उ उ उ उ आ  आहः आह आह आह उउउ सी सी सी की आवाज निकलने लगी और अपनी जीभ को बाहर निकालकर मेरी तरफ इसारा किया तो उसकी जीभ को चूसने लगा ओ भी मेरी जीभ को चूसने लगी ! मैं उसे तड़पाने के लिए लण्ड के ठोकर की स्पीड कम कर देता तो ओ अपनी दोनों टांगो को मेरी कमर पर रखकर अपने चूतड़ो को उठाकर लण्ड की तरफ झटका देने लगी बार बार चूतड़ो को उठाती और फिर बिस्तर पर पटकती फिर भी मैंने स्पीड नहीं बढ़ाया तो अपने दोनों हाथो को कमर पर रख कर लण्ड को आगे पीछे करने का इसारा करती और जोर जोर से मुझे चूमने लगी और बड़बड़ाते हुए कहने लगी ''अब और मत तड़पाओ कुँवर जल्दी जल्दी करो नहीं तो जान निकल जाएगी'' तब मैंने लण्ड के ठोकर की स्पीड बढ़ा दिया ! लण्ड चूत में खूब टाइट होकर फक्क फक्क करते हुए आगे पीछे हो रहा था लगातार 10 मिनट तक श्यामा को चोदता रहा और अचानक श्यामा की पकड़ मेरे से कम हो गई उसने अपने दोनों हाथों को बगल में रख दिया , टांगों को कमर से हटा दिया और लंबी लंबी साँसे लेने लगी, मैं समझ गया ओ झर चुकी है पर मैंने लण्ड का सूपड़ा नंगा किये बिना ही कंडोम चढ़ा लिया था ऊपर मेरे लण्ड पर विगोरा फ़ोर्स और विगोरा 100 का इतना ज्यादा असर था की मैं स्खलित नहीं हुआ ! श्यामा के स्खलित होने के बाद भी मैं लण्ड घुसेड़े हुए उसके ऊपर लेटा रहा तो कुछ देर में बोली ''आप का नहीं निकला क्या'' तो मैंने न
में गर्दन हिला दिया तो बोली ''कर लो न'' तब मैंने कहा ''अब मेरा नसा ऐसे नहीं उतरेगा'' तो बोली ''फिर कैसे उतरेगा'' तो मैंने कहा ''उठो और घोड़ी जैसे घुटनो के बल खड़ी हो जाओ'' तो ओ तुरंत घोड़ी बन गई मैं दोनों पाँव पर खड़ा हो गया और लण्ड पेल दिया और जोर जोर से चोदने लगा,लगातार 8 मिनट तक चोड़ता रहा पर सूपड़ा नंगा नहीं होने के कारण लण्ड पर घर्षण नहीं हो रहा था इस लिए मैं स्खलित नहीं हुआ और श्यामा  थक कर पेट की तरफ से लेट गई,मैं लण्ड डाले हुए उसके ऊपर लेट गया तो धीरे से बोली ''क्या हुआ कुंवर,अभी तक नहीं निकला क्या'' तब मैंने कहा ''अब तो टोपी बाहर निकाल कर करूँगा तभी निकलेगा'' तो बोली ''ठीक है निकाल दो'' तब मैंने कंडोम बाहर किया और फिर से घोड़ी बनाया और लगा चोदने करीब 5 मिनट तक लगातार ठोकता रहा और प्यूरी ताकत के साथ लण्ड को पेलते हुए स्खलित हो गया ! जब पूरी ताकत से लण्ड को पेला  तब श्यामा के मुँह से निकला ''उई माँ मर गई'' और पेट की तरफ लेट गई ! मैं लण्ड पेले हुए उसके उनपर पड़ा रहा,वीर्य बहकर बाहर निकलने लगा तो ओ बोली ''अब उठिये न'' तब मैं उठ गया तो ओ बैठ गई ! जैसे ही ओ बैठी गाढा गाढा वीर्य निकलकर बिस्तर में फ़ैल गया ! तो पेटीकोट उठाया और अपनी चूत से बहते हुए वीर्य को साफ़ किया ! बिस्तर में वीर्य फैलकर गद्दे की रुई सोखने लगी तो नंगी ही उठी और चादर का एक कोना पकड़कर वीर्य को पोछने लगी और मेरी तरफ देखकर बोली ''कब से खाली नहीं किया था'' और मुस्कुराने लगी ! मैं कुछ नहीं बोला बल्कि उसकी चूचियों को खिलाने लगा ! ओ चादर  साफ़ कर उठी और पेटीकोट पहनने लगी तो मैंने रोक दिया और बोला ''आज ऐसे ही मेरे साथ सो जाओ न'' तो बोली ''पिसाब लगी हबय'' तब मैंने कहा ''ऐसे ही चली जाओ न'' तो सर्माते हुए बोली ''धत्त बेसरम कही के'' तब मैंने कहा ''अच्छा ठीक है,साडी ओढ़कर चली जाओ'' तो उठी और दरवाजा खोला  दरवाजे में डला हुआ चादर उठाया और उसे ओढ़कर बाहर निकल गई और, मैं दरबाजे के पास खड़ा होकर उसे देखने लगा ! ओ आँगन के एक किनारे जाकर पेसाब करने लगी ! उसके पेसाब करने की सी ईईईई ईईईई की अबाज साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी ! ओ पेसाब करके आ गई तो मैं भी जाने लगा तो बोली ''यही कर लो कोई देख न ले'' तब मैंने कहा ''रात में कौन देखेगा'' तो बोली ''कही हेमंत न बाहर आ जाए'' तब मैंने कहा ''नहीं मैं जल्दी से  हूँ करके'' तो बोली ''ठीक है आप जाओ मैंने हेमन्त को देखकर आती हूँ'' और मेरे साथ ही निकलकर अपने पड़के के कमरे में चली गई ! मैं पेसाब करके कमरे के अंदर आ गया पर ओ 3  मिनट तक कमरे  आई तब मैं उसके लड़के के कमरे में गया तो देखा की ओ लड़के के सिर पर हाथ घुमा रही थी मुझे देखते ही जाने का इसारा किया तो मैं चला आया ! करीब 10 मिनट बाद आई और लाइट बंद करके मेरे पास लेट गई ! मैंने  पूछा ''क्या हुआ हेमन्त को'' तो बोली ''जग गया था इसी लिए उसे फिर से सुला रही थी'' ! दोनों नंगे ही बिस्तर पर लेट गए ओ   चुदाई से खूब संतुष्ठ थी, पर बिना कंडोम लगाए चुदवाने से डरी हुई थी ! मैंने कहा ''चिंता नहीं करों,समय पर महीना नहीं आया तो मैं दवाई लेकर दे दूंगा'' ओ संतुष होकर मेरे सीने पर बड़े बड़े काले काले बालों पर उंगलियां घुमाते हुए बाते करने लगी !  मैंने पूछा ''भौजी आप कल रात में मिली दिन में परिचय हुआ और आज रात में मैं आपके साथ आपके बिस्तर में हूँ,आपने ऐसा देखा मुझमे'' तो बोली ''कुंवर जी आपने एक तो मेरी इज्जत बचाई, दुसरा आप जैसे गबरू,सुन्दर जबान के साथ कोई भी ओरत मर मिठे'' मैंने बोला ''मैं इतना अच्छा लगा आपको'' तो बोली ''आप बहुत स्मार्ट है'' फिर मैंने पूछा ''आप की उम्र इतनी कम है, आप इतनी खूबसूरत हो फिर भी आप मंगलू दादा जैसे अधेड़  के साथ क्यों आ गई'' तो इस सवाल पर चुप हो गई जब बार बार पूछा तो बोली ''क्या करती कुंवर, मेरे जिश्म से तो कई ने खेला पर कोई अपनाने को तैयार नहीं था, इनके पास 10 बीघे जमीन है मेरे हेमंत का भविष्य बन जाएगा,इस लिए इनके साथ आ गई'' तब मैंने पूछा ''मंगलू दादा आपकी भूख को सांत कर पाते है क्या'' तो बोली '' बिल्कुल भी नहीं,10 महीने में दस बार भी नहीं किया और जब जब किया तो मुझे अधूरा ही छोड़कर सो गए'' तब मैंने फिर पूछा ''कब तक ऐसे तड़पोगी दादा के साथ'' तो बोली ''अब तो आप मिल गए हो न अब नहीं तड़पूंगी'' तब मैंने कहा ''मैं तो बाहर रहता हूँ'' तो बोली ''आप बीच बीच में आ जाइयेगा,वैसे भी आप मेरी जिश्म की आग एक बार बुझा देंगे तो मैं 1 -2  माह निकाल लुंगी'' तब मैंने कहा ''मैं हर महीने आऊंगा तो मिलोगी क्या'' तो बोली ''मौका मिला तो आपसे जरूर मिलूंगी'' ऐसी ही बहुत से बाते करते करते श्यामा सो गई ! मैं भी श्यामा की चूचियों को सहलाते सहलाते से चिपक कर सो गया ! विगोरा फ़ोर्स और विगोरा 100 का सर 4  घंटे तक रहता है ! रात में नींद खुल गई तो मोबाइल में देखा 3 बजे है  लण्ड में खूब तनाव पैदा हो गया ! धीरे से मोबाइल की लाइट जलाया और श्यामा के नंगे वदन को देखने लगा तो मन में शैतान जागा क्यों न इसका वीडियो बना लूँ, कभी अकड़ी या नहीं चुदवाने को तैयार हुई तो इस वीडियो से ब्लैकमेल कर सकूँगा ये सोचकर चुपचाप उठा और लाइट जलाया और नंगी श्यामा का पूरा वीडियो बना लिया ! उसकी चूचियों को,चूत को सहलाते हुए पूरी रिकार्डिंग कर लिया और मोबाइल रखकर श्यामा की चूचियों के चूसने लगा,चूत में ऊँगली घुमाने लगा तो जग गई  और मेरी तरफ देखते हुए बोली ''नींद नहीं आ रही है क्या'' तो मैंने कहा ''नहीं आ रही है'' तो अपनी दोनों बाहों को फैलाया और चिपका लिया तो मैंने उसके होठो को चूमने लगा,फिर होठो को चूसने लगा   ------------   क्रमश 






 



Friday, 9 September 2016

साली को अपने घर में चोदा

          !! यह सत्य कहानी अभी अभी 7 मई 2016 की है जब साली को घर में खूब चोदा !!

मेरी साली प्रतीक्षा गाँव में रहती है पर गाँव में खेती बाड़ी खूब है ! आर्थिक स्थित भी  बहुत अच्छी है,2 ट्रेक्ट्रर है बोलेरो है,सभी भाइयों के पास अपनी अपनी रायल इनफील्ड बुलट है ! साली अपने लड़के को पुणे में पढ़ाना चाहती है इस लिए पुणे के सिंबोसिस कालेज में  एड्मिसन के लिए हमारे शहर में बालक को लेकर इंट्रेंस  एग्जाम दिलाने आने वाली थी ! और उनका यह प्रोगाम हमें दो दिन पहले ही पता चला ! मेरी बीबी का गाँव जाने का रिजर्वेशन  एक माह पहले से ही था !
प्रतीक्षा बिलकुल ऐसी ही लगती है


6 मई को साली आने वाली है उसके पहले ही 4 मई को ही बीबी चली गई ! जाते जाते प्रतिमा (मेरी बीबी) बोल कर गई ''प्रतीक्षा (मेरी साली) पहली बार आ रही है उसे कोई तकलीफ नहीं होना चाहिए, आप ऑफिस से दो तीन दिन की छुट्टी ले लीजिए और उसे सभी जगह ,घुमा देना'' ये सब सुनकर तो मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे ! सोचा हो सकता है साली को चोदने का मौका मिल जाए क्योकि साली वाट्सअप में खूब द्विअर्थी अश्लील बाते करती है ! द्विअर्थी सवाद तो ऐसा करती है कि लण्ड खड़ा हो  जाए ! साली 38 साल की है पर छरहरे वदन के के कारण आज भी 30-32 की लगती है !
साली ने इस तरह से बिना ब्रा पहने सूट पहन लिया जिसे देख मेरा मन विचलित हो गया
साली जी सकल से बहुत खूबसूरत तो नहीं है पर जिस्म बहुत सेक्सी है ! मेरी पत्नी मोटी भैंस हो गई है जब चोदता हूँ तो उनका कद्दू जैसा पेट लंड को
पूरा अंदर  नहीं जाने देता ! और उसे चुदाने में ज्यादा इंट्रेस्ट भी नहीं रह गया ! बड़ी मुस्किल से महीने में एक बार चुदाने को तैयार होती है ! जबकि मेरा लण्ड चुदाई के लिए तरसता रहता है ! अभी तक 5 ओरतों को चोद चुका हूँ और अब साली को  चोदने का प्लान मन ही मन बनाने लगा ! साली जी 6 मई 2016 को सुबह 10 बजे ट्रेन से उतरी तो मैं उनकी अगवानी के लिए तैयार मिला ! जैसे ही ओ AC डिब्बे से निकली मैंने उनकी  बैग झट से हाथ में पकड़ लिया ! उनका बालक शुभम मेरे पाँव छुआ ! शुभम अपने बाप की तरह छोटा सा गोल मटोल है ! मैंने साली जी से बड़े अदब के साथ हाथ जोड़कर नमस्कार किया तो साली ने झट से मेरा हाथ पकड़ कर बोली ''अरे जीजू जी आप तो बड़े है'' और फिर झुक कर मेरे पाँव को छुआ तो मैंने भी उनके सिर पर हाथ रख कर ''खुस रहिये'' का आशिर्वाद दिया ! फिर ओ मेरे साथ चल पडी स्टेशन से बाहर आई उनके सामान को कार रखा बालक पीछे बैठ गया और ओ आकर आगे की सीट में बैठ गई ! साली साहिबा कट बांह का ब्लाउज और उससे मैचिंग करती हुई लाल रंग की साड़ी,पहन रखी थी उसी रंग की चूड़ी,बिंदी,होठो पर गाढा लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी ! जो ओरत लाल रंग के कपडे ज्यादा पहनती है ओ ज्यादा चुदक्कड़ होती है ये कही पढ़ा था ! साली जी रस्ते में अपना कन्धा खुजलाने के लिए हाथ उठाया तो उनकी साफ़ सुन्दर कखौरी दिखी जो एकदम से चिकनी थी ! लगता है साली  आते सफाई करके आई है ! मैं समझ गया चूत के बाल भी साफ़ किये होंगी ! मतलब चिकनी चूत की चटाई और चुदाई करने को मौका मिल सकता है ! बस मन ही मन प्लान बनाने लगा की कैसे इन्हे अपने बिस्तर पर पटक कर चोदूं  !


प्यार से बाते करते हुए घर आ गए ! आते ही बढ़िया सा नास्ता दिया जिसमे तीन तरह की मिठाई आइसक्रीम आदि ! शुभम आते ही टीवी में बीजी हो गया ! साली ने पूरा घर घूमकर देखी और बैडरूम देखकर खुस हो गई और बोली ''जीजी कितनी किस्मत वाली है जो ऐसे मस्त बैडरूम में सोती है'' तब मैंने तपाक से कहा '' अरे आप भी सो लीजिएगा'' और  मुस्कुरा दिया ! तो फिर से बोली ''सोने देंगे'' तब मैंने कहा ''आरे आप तो साली आधी घर वाली है आपको हक़ है '' तो मुस्कुराने लगी ! फिर बेड में बैठ गई और बोली ''वाउ क्या मस्त गुलगुल है, मैं भी गाँव जाकर ऐसी ही गद्दे मगवाऊंगी'' और इतना कहकर बेड पर लेट गई तो सीने से साड़ी बाहर हो गई ! उनकी मस्त मझोली साइज़ की चूचियों का उभार दिखने लगा तो मैं बिना पलक झपकाए देखने लगा तो सरमा गई और उठकर बैठ गई ! तब मैं भी झेंप गया और दुसरी तरफ देखने लगा ! इतने में उनकी नजर AC में गई तो बोली ''वाउ AC भी लगा है'' मैं कुछ नहीं बोला उठा और AC ऑन कर दिया तो बोली ''जीजू अभी रहने दीजिये दोपहर में चला देना'' ! और इतना कहकर उठी और बाथरूम में चली गई ! मैं वापस आकर आगे के कमरे में बैठ गया शुभम टीवी में मस्त था ! कहते है गाय को दुहना हो, दूध पीना हो तो बछड़े को पटाओ ! ये सोचकर मेरे सैतान दिमाग में घुम गया की शुभम कैसे पटाया जाय ! तो शुभम से उसकी पसंद पूछने लगा ! तो पता चला की उसे पेप्सी बहुत पसंद है ! तब मैं उठा और कालोनी की दूकान से ढाई लीटर की पेप्सी की बॉटल लाया और शुभम को दिया बोला ''पियो बेटा जितना पीना हो'' ! तो शुभम पेप्सी की बोतल लेकर अपनी मम्मी  गया बोला ''मम्मी मम्मी देखो मौसा जी ने कितनी बड़ी पेप्सी की बोतल लाये'' तो साली जी मेरे पास आई और बोली ''इसे पेप्सी बहुत पसंद है'' तब मैंने कहा ''अच्छा है पीने दीजिये और ला दूंगा'' ! मैंने साली से बोला ''आप नहा लीजिए थकावट कम हो जाएगी'' तो ओ बोली ''ओके'' और तिरक्षी नजर से मेरी तरफ देखि और मुस्कुराते हुए बाथरूम में घुस गई !
साली जी इस तरह से साड़ी पहनकर बाथरूम से बाहर निकली
करीब आधे घंटे बाद वथरूम से एक हलके  लाल रंग की साड़ी  पहन कर निकली तो मैं देखता ही रह गया !  वथरूम में गीले वदन  साडी पहन कर निकली और सीधे बैडरूम में घुस गई उन्हें नहीं पता था की मैं बैडरूम में ही हूँ ! उनकी साडी वदन से चिपक गई थी जिससे उनकी मस्त मस्त एकदम से टाइट चूचियाँ   मुझे दिखी जिससे शरीर  का एक एक अंग की बनावट और कसावट साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी ! मस्त मस्त बिना ब्रा की टाइट चूचियाँ साफ़ साफ़ झलक रही थी मेरी तो लार टपकने लगी ! साली ने जैसे ही मुझे देखा तो अपनी चूचियों को जल्दी से टावेल से ढक लिया तो मैं बोला '' मैं बाहर जा रहा हूँ आप तैयार हो जाए'' तो कुछ नहीं बोली और मैं बाहर आ गया ! कुछ देर में ओ ब्रा-और ब्लाउज पहन कर साडी से वदन को ढांककर किचन में घुस गई और खाना बनाने लगी ! मैं भी उनकी मदद करने लगा क्योकि उन्हें ये नहीं पता की कौन से डिब्बे में कौन सी सामग्री है ! साली जी के पास जाना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और सायद साली जी को भी मेरा उनके पास रहना अच्छा लग रहा था , तभी ओ बार बार मुझे अपने पास किसी न किसी बहाने बुलाती  थी ! खूब बाते किया और आपस में खूब हँसी मजाक भी हुआ ! एक दो बार तो मैंने उनके चिकने चिकने गोर कंधे पर हाथ भी रखा और  उनका रियेक्सन नकारत्मक नहीं था , इससे मेरा मनोबल बढ़ा ! खाना बन गया और हम सभी साथ में खाना खाये और ACचलाकर बैडरूम में आकर लेट  गए ! साली ने रूम में नीचे एक गद्दा बिछाकर लेट गई और बालक मेरे पास लेट गया ! बालक कुछ देर तक लेटा रहा उसे नींद नहीं आ रही थी तो बोला ''मम्मी मैं टीवी देखने जा रहा हूँ मुझे  नींद नहीं आ रही है'' तो बोली ''जा'' ! ओ चला गया तो मैंने साली को बोला ''आप भी बिस्तर में आ जाइये, नीचे अच्छा नहीं लगा रहा है'' तो बोली '' नहीं, कही शुभम आ गया तो क्या सोचेगा'' तब मैंने कुछ नहीं कहा और चुदाई के बारे में सोचते सोचते सोने की कोशिश करने लगा पर नींद नहीं आ रहे थी ! करीब 20 मिनट तक चुपचाप लेटा रहा ! साली जी के ये सब्द '' नहीं, कही शुभम आ गया तो क्या सोचेगा'' सुनकर यही लग रहा था की ये आसानी से चुदवा लेंगी ! बस इन्हे अपने लड़के का डर सत्ता रहा है ! मैं मन मारकर सो गया, करीब 1 घंटे बाद नींद खुली तो देखा की साली की साड़ी खिसक गई थी और गोरी गोरी चिकनी चिकिनी सुडौल जाँघे दिख रही थी ! मैंने मोबाइल निकाला और सोती हुई साली की और उनकी जांघों की वीडिओ रिकार्डिंग बनाया और  फोटो ले लिया पर फोटो लेते ही फ्लेस चमकने से उनकी आँखे खुल गई तो उठकर बैठ गई व् मेरी तरफ देखि और बोली ''क्या हुआ जीजू, फोटो ले रहे हो ओ भी सोते हुए ये तो गलत बात है'' और उनके चेहरे पर नाराजगी दिखाई दिया तो मैं सहम गया और बोला ''मैं अभी  आपकी फोटो डिलीट कर देता हूँ सॉरी'' इतना सुनते ही साली जमीन में लगे बिस्तर से उठी और मेरे तरफ देखकर बोली ''बहुत बड़े फट्टू हो जीजू'' और मुस्कुराने लगी ! तब मैंने उनका हाथ पकड़ा और जोर से अपनी तरफ खींच लिया और बोला ''आपने तो डरा ही दिया था मुझे'' तो साली अपने दूसरे हाथ को मेरे हाथ पर रखते हुए बोली ''आप इतना डरते हो'' तब मैंने उनका हाँथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और झुकाते हुए गाल को किस कर लिया तो साली ने जल्दी से हाथ छुड़ाया और दूर खड़ी हो गई और धीरे से बोली ''न गलत बात, शुभम आ गया तो'' तब मैं कुछ न बोलते हुए धीरे से एक आँख को दबाया और बोला ''क्या करूँ कंट्रोल ही नहीं हुआ,क्या गजब लगती हो आप'' तो साली बोली ''चलिए हटिये उल्लू मत बनाइये दीदी मेरे से ज्यादा खूबसूरत है'' तब मैंने तपाक से बोला ''खूबसूरत थी, है नहीं अब तो कद्दू जैसी हो गई'' ! तो जोर से खिलखिलाई और बोली ''मैं कैसी 'लगाती हूँ'' तब मैंने तारीफ़ करते हुए बोला ''एक दम से मस्त मस्त हरी हरी ताज़ी ताज़ी पतली सी ककड़ी  लगती है'' तो बोली ''सच में'' तब मैंने कहा ''कसम से आप बहुत सेक्सी लगती है'' तो कुछ नहीं बोली बल्कि अपनी आँखों को नीचे किया और अपने अंगूठे से फर्श को कुरेदने लगी ! मैं समझ गया तीर निशाने पर बैठा ! मैं उठा और साली के पास   जाकर खड़ा हो गया और उनकी बाहों को सहलाते हुए बोला ''प्रतीक्षा तुम वाकई में बहुत खूबसूरत हो'' ! तो सरमा गई और बोली '' आप बिस्तर में बैठिए, कहीं शुभम आ गया तो क्या सोचेगा'' तब मैं बिस्तर में बैठ गया और फिर से बोला ''प्रतीक्षा कितना प्रतीक्षा करवाओगेी'' तो कुछ नहीं बोली और बैडरूम से बाहर चली गई ! मैं भी कुछ देर में लिविंग रूम में आ गया और टीवी देखने लगा ! बात चीत करते हुए साम हो गई ! साम का खाना खाये और 9 बजे बेड रूम में सोने आ गए ! साली ने नीचे बिस्तर लगा लिया ! शुभम और मैं बेड पर लेट गए ! हल्का उजाला था रूम में तो प्रतीक्षा ने  बल्ब भी बंद कर दिया ! कमरे में घुप अन्धेरा हो गया ! शुभम तो 10 मिनट में ही  खर्राटे मारकर सोने लगा ! पर मेरी नींद गायब थी ! साली के करवट बदलने पर चूड़ियों की आवाज आ रही थी मैं समझ गया इन्हे भी नींद नहीं आ रही है ! करवट बदलते बदलते रात के 11 बज गए, मैं पेशाब करके वापस आया और धीरे से साली के बगल में लेट गया ! साली ने चद्दर ओढ़ रखी थी मैं उनका चादर थोड़ा सा खींचा और ओढ़ लिया ! चादर खुलने के बाद लगा की मैं साली के पीठ की तरफ लेटा हुआ हूँ ! 10 मिनट तक लेटे  रहने के बाद मैंने उनकी कमर में हाथ रख दिया ! और धीरे से कमर को दबाया तो साली ने मेरे हाथ को पकड़ लिया तो धीरे से हाथ को खिसकाकर उनकी चूचियों के पास ले जाने लगा तो साली ने हाथ को जोर से पकड़ कर रोकने लगी तब भी मैं नहीं माना और जबरजस्ती हाथ को चूची के पास ले गया और चूची को दबा दिया ! साली ने हाथ को हटा दिया तो फिर  से दबा दिया यह क्रम 5 बार चलता रहा ! साली हाथ हटाती रही और मैं जबरजस्ती उनकी चूची को सहलाता  रहा , साली गर्म पड़ने लगी और मेरी तरफ घूम गई तो मैंने तपाक से गाल को किस कर लिया तो उठकर चली गई, बाथरूम का दरवाजा बंद करने की आवाज आई मैंने सोचा नाराज पड़ गई ! जब 5 मिनट तक वापस नहीं आई तब मैं उन्हें दूसरे कमरे में ढूढने चला गया तो देखा की ओ बीच वाले बैडरूम में लेटी हुई थी ! मैं उनके पास गया और पूछा ''नाराज हो गई क्या'' तो कोई जबाब नहीं दिया तब मैंने कमरे का दरवाजा लगाया और लाइट जलाया  तो देखा की ओ मेरी तरफ देखकर हलके हलके मुस्कुरा रही थी, मैंने झुका और  किस कर लिया और ब्लाउज के ऊपर  से ही  चूचियों को खड़े खड़े  सहलाने लगा फिर धीरे से बिस्तर में बैठ गया और ब्लाउज का हुक खोल दिया ! ओह माई गाड क्या मस्त मस्त टाइट चूचियाँ है ! ब्रा के अंदर एकदम से ऊपर की उठी हुई, मैं झुका और चूचियों की बीच घाटियों में ऊँगली घुमाने लगा ! प्रतीक्षा तो जरा सी देर में ही गर्म पड़ गई और मुझे किस करने लगी !
प्रतीक्षा की चूची 100% ऐसी ही है
तो मैं झुककर पीठ के नीचे हाथ डाल कर ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को बाहर निकाल दिया ! 
ओह माई गाड ...... ओह माई गाड....ओह माई गाड....OMG  क्या मस्त मस्त टाइट चूचियां है ! मैंने चूचियों को हलके हलके सहलाने लगा जैसे जैसे चूची सहलाता वैसे वैसे साली उत्तेजित होने लगी और बार बार मेरे हाथ पकड़ने लगी तब मैंने धीरे  से पेटीकोट नाडा खींच लिया और पेंटीकोट,पेन्टी सहित साडी, निकालकर अलग कर दिया अब प्रतीक्षा एकदम से नंगी बेड पर पड़ी है ! साली बिलकुल भी नहीं सरमा रही थी जबकि मेरी कद्दू बीबी तो लाइट के उजाले में चुदवाती ही नहीं ! मैं समझ गया साली बहुत बेसरम है और बेसरम औरत को चोदने में बहुत मजा आता है ! मैं खड़ा हो गया और फटाफट सारे कपडे उतार कर नंगा हो गया ! वियाग्रा और शिलाजीत का मेरे लण्ड पर साफ़ दिखाई दे रहा था ! चुटखोर मेरा लण्ड 25-30 डिग्री में ऊपर की तरफ किसी नाग की तरह फैन उठाये खड़ा था ! साली में बड़ी हसरत भरी नजर से मेरे लण्ड की तरफ देखि और अपने मुह पर हाथ रखा और धीरे से बोली ''वाउ आपका हथियार तो ऊपर की तरफ खड़ा है, शुभम के पापा का तो नीचे झुका रहता है'' तब मैंने उनकी तरफ देखा  दोनों टांगो को पकड़ कर अपनी तरफ धीरे से खींचा तो साली खुद ही पलंग के किनारे तरफ घूम गई  और मैं  झुककर चूत चाटने लगा , साली की चूत एकदम से क्लीन सेव थी ! चूत में पेसाब की बदबू भी नहीं  थी, मतलब पेसाब के बाद चूत को धोकर आई थी ! चूत पर बढ़िया जीभ घुमाने लगा कुछ ही देर में ओ मेरे सिर को पकड़ कर हटाने लगी मैं समझ गया ये गर्म पड़ गई है मैंने सोचा थोड़ा और गर्म किया जाए जिससे जल्दी झर जाए, मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़े ये सोचकर चूत चाटता रहा और मस्त मस्त चूचियों पर तेल डालकर   मर्दन करता रहा ! चूचियां बार बार हाथ से फिसल रही थी जैसे मछली हाथ से फिसलती है ! चूचियों की मर्दन और चूत चटाई से साली साहिबा गर्म आग हो गई ओ मेरे हाथ को पकड़कर बार बार खींचने लगी तो दोनों पाँव को पकड़ा और फैलाया व्   खड़े खड़े ही चूत में लण्ड फसा दिया और लण्ड को आगे पीछे करने लगा लण्ड पूरी गहराई तक चूत में घुसने लगा 20-25 बार लण्ड को आगे पीछे करने के बाद साली जी बार बार उठने लगी और मुझे अपनी तरफ खींचने लगी तब मैं बेड पर सीधा किया और ऊपर चढ़ गया और फिर से लण्ड को पेलकर दे दनादन दे दनादन दे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादनदे दनादन दे दनादन चूत को चोदने लगा करीब 5 मिनट तक झटके देने के बाद दोनों एक साथ स्खलित हो गए और लिपट गए और बहुत देर तक नंगे ही एकसाथ पड़े रहे ! साली से बहुत बाते किया बोली ''बहुत मजा आया जीजू'' तब मैंने पूछा ''क्यों उनसे इतना मजा नहीं आता क्या'' तो बोली ''ओ तो आते है और फटाफट कपडे उतरवाते और टाँगे फैलाते है  जल्दी जल्दी 10-15 ठोकर लगाया और हांफते हुए लेट जाते है, उन्हें इससे कोई मतलब नहीं की मैं संतुष्ट हुई की नहीं, महीने के एक बार भी संतुष्ट नहीं होती हूँ उलटा मेरे तन बदन में आग लगाकर सो जाते है''  और बहुत से बाते किया , उनकी बातों से यही लगा की  पति की चुदाई से संतुष्ट नहीं होती है ! साली जी को सुबह सुबह एक बार फिर से चोदा ! फिर अगले दिन उनके बालक को परीक्षा दिलाकर वापस आया और रात में फिर से दो बार चोदा, अगले दिन बालक को फिल्म देखने  थियेटर में छोड़ दिया और फिर साली को वाटरूम नहला नहला कर चोदा ! चुदाई के लिए वियाग्रा सहारा लिया और जब तक रही रात में तीन तीन बार तबियत से चुदाई किया ! मेरी चुदाई से इतनी खुस हुई की अपनी दीदी से मिलने बहाने रुकी रही और चुदाती रही ! जब अपनी दीदी से मिली तो एकदम सती सावित्री की तरह रहने लगी फिर ओ चली गई ! अक्टूबर-नवम्बर में शिर्डी जाने के लिए फिर से आने वाली है देखता हूँ इस बार मौका मिलता है चुदाई का या नहीं ! यदि चुदाई मौका मिला तो जरूर लिखूंगा !









Tuesday, 3 May 2016

कामिनी भारम्बे से प्रेम चुदाई


मैं  सितम्बर 2015 को सुबह सुबह मेरी ऑफिस जा रहा था तो कालोनी के रस्ते में एक साँवली  से महिला ब्लू  कलर की साड़ी पहने हुए सिर पर पल्लू रखे हुए दिखी ! उसके गदराए हुए सेक्सी वदन को देखने के लिए मैंने बाइक धीमी करके चलाने लगा और करीब 3 मिनट तक धीरे धीर उसके पीछे पीछे बाइक चलाते हुए जैसे ही बगल  से निकला तो ओ मेरी तरफ देखि और हलके से मुस्कुराई व् बोली  ''मुझे रोड तक छोड़ दीजिये आज लेट हो गई हूँ '' तब मैंने उसे बाइक में बिठाया और देखा की उसकी मांग में सिंदूर है मतलब ओ शादी सुदा है ! उसे बाइक में बिठा कर रोड तक छोड़ दिया ! जैसे ही ओ बाइक में बैठी तो उसकी चूची मेरे पीठ से टकराई तो पता चला की चूचियाँ मस्त टाइट और बड़ी-बड़ी  है ! अब ओ लगभग रोज ही कालोनी के अंदर रोड में मिल जाती और मुझे देखते ही मुस्कुराती तो मैं बाइक रोक कर उसे बैठाता और रोड तक छोड़ता ओ रोज ही बैठते समय अपनी चूची मेरे पीठ में हल्का से छुआ देती, उसकी ओ कुछ सेकण्ड के छुअन मुझे बहुत ही अच्छी लगती उस छुवन को महसूस करने के लिए मैं जानबूझकर उसके टाइम पर निकलता  और उसे बैठाकर मेन रोड तक ले आता ! एक दिन उसका नाम और क्या काम करती हो ,पति क्या करते है , कहाँ की हो पूछा तो बोली ''कामिनी  भारम्बे''  नाम है और एक चमड़े के फैक्ट्री में काम करती है ! और मेरे कालोनी ''रामनगर'' में ही किराए के मकान में पति के साथ रहती है ! ये महाराष्ट्र के जलगाँव  जिले की है ! इसका पति भी किसी फैक्ट्री में काम करता है ! इस तरह से कामिनी पिछले 6 महीने से रोज रास्ते मिलती है तो उसे रोड तक बाइक में बिठाकर लाता हूँ ! कामिनी की उम्र करीब 25-27 के आसपास होगी ! कामिनी साँवली सी है पर  जिस्म बहुत ही सेक्सी लगता है ! 
कामिनी की ओरिजनल फोटो सुबह ड्यूटी जाते समय की
कामिनी को चोदने का मन करने लगा इसी लिए कामिनी को पटाने लगा ! आज 9 फरवरी  2016 को कामिनी ने पहली बार पूछा ''आप कौन सी फैक्ट्री में जाते हो'' तो मैंने उसे अपने बारे में बताया और अपना कार्ड दिया ! और कामिनी से पूछा ''आपके पास मोबाइल है क्या'' तो बोली ''हां है'' तब मैंने कहा ''अपना नंबर दोगी'' तो बोली ''हां'' और मोबाइल हाथ  लिया तो मैंने बोला ''मेरे कार्ड में नंबर है इस नंबर  पर फोन करना तो बोली ''ठीक है करुँगी '' और मैं उसे रोड के किनारे उतार कर आ गया ! (9/2/2016)
कामिनी का जिस्म बहुत ही सेक्सी है और  चूचियाँ बड़ी बड़ी है

                आज सुबह कामिनी मिली तो उसे बाइक में बिठाया रोज की तरह आज भी उसने अपनी मस्त मस्त चूचियों को मेरी पीठ पर रगड़ दिया तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया !  कामिनी को बाइक में बिठाते ही पूछा ''कल फोन नहीं किया'' तो बोली ''फैक्ट्री में लोड बहुत था समय नहीं मिला'' तब मैंने कहा ''आज मोबाइल देना तो मैंने मेरे मोबाइल में मिस काल ले लूंगा तो नंबर आ जाएगा'' तो बोली ''टीक है'' रास्ते में कामिनी को बोला ''चलो मेरी ऑफिस तक वही से अपने मैजिक में बैठ जाना'' तो बोली ''ओ भाभी खड़ी  रहती है उनके साथ नहीं जाउंगी तो ओ क्या सोचेगी'' (कामिनी के साथ की फैक्ट्री में कालोनी से ही एक और लेडी जाती है) तब मैंने कहा ''ओके'' और रोड पर
पैदल जाते हुए कामिनी
बाइक से उतारते समय मोबाइल मांगा तो उसने अपनी बेग से छोटा सा कोई सस्ता वाला मोबाइल निकाला और मेरे हाँथ में दे दिया तब मैंने अपना नंबर डायल कर
कामिनी का नंबर ले लिया ! पर उसके मोबाइल में बैलेंस 5 रूपये से भी कम था तो कामिनी के मोबाइल में दोपहर 12 बजे 100 रूपये का बैलेंस डलवा दिया और मैसेज कर दिया ! साम को 6 बजकर 18 मिनट पर कामिनी  को पहली बार फोन किया तो कामिनी बोली ''क्यों डलवाया बैलेंस ये सब अच्छा नहीं लगता'' तब मैंने उससे कहा ''आपके मोबाइल में 5 रूपये से भी कम बैलेंस था इस लिए डलवा दिया'' तो कामिनी कुछ नहीं बोली तो उससे उसका हाल चाल पूछने लगा तो बोली ''सुबह मिलूँगी तो बात करुँगी'' तब मैंने कहा ठीक है और फोन काट दिया 10/02/2016   
आज कामिनी का इन्तजार ही कर रहा था की कामिनी किसी पुरुष के साथ आती हुई दिखाई दी तो मैं कामिनी की नजरों से ओलझ में हो गया और रोड के दूसरे साइड से देखने लगा ! सायद कामिनी का पति होगा, मरियल सा,दुबला पतला, चिपके हुए गाल, कामिनी  ज्यादा कला साधारण सा  पेंट-सर्ट बिदाउट सर्टिंग किये पहने हुए लगभग कामिनी की ही हाइट का है ! हाँथ में   टिफिन थी मतलब हो भी ड्यूटी जा रहा था ! उसे कामिनी के साथ देखकर मैं दुसरी गली से निकल गया 13/02/2016 
                आज कामिनी मिली तो उसे बाइक में बिठाया, रोज की तरह कामिनी ने अपनी चूचियों को मेरी पीठ में घिस दिया ! साला मेरा लण्ड  इस स्पर्श से कड़क पड़ जाता  उसे चोदने   के लिए बेताब हो जाता !रस्ते में कामिनी  पूंछा ''परसों तुम्हारे साथ कौन था, तुम्हारे पति थे क्या''' तो कामिनी लम्बी सॉस लिया तो उसकी चुचिया फिर  पीठ से स्पर्श हुई और बोली ''हां मेरे पति देव ही है'' तब मैंने पूछा क्या करते है ? तो बोली ''भार्गव इंजीनियरिंग में लेथ मशीन चलाते है'' तब मैंने कहा ''ये तो छोटी सी वर्कशॉप है'' तो बोली हां तब मैंने कहा ''किसी बड़ी अच्छी कम्पनी में जॉब क्यों नहीं करते'' तो बोली ''अच्छी कम्पनी में जॉब के लिए अच्छी एजुकेसन चाहिए'' तब मैंने फिर से पूंछा ''कहाँ तक पढ़े है'' तो बोली ''सिर्फ दसवी पास है'' इतनी बाते करते करते में रोड पर आ गए तो मैंने बोला''चलोआज कम्पनी तक छोड़ हूँ,ओ भाभी तो आज है नहीं'' तो बोली ''चलिए'' तो आगे चल दिए और बातें करने लगे !  कामिनी से फिर पूछा ''तुम कहाँ तक पढ़ी हो'' तो बोली ''BA'' तब मैंने फिर पूँछा ''इतना अनमेल विवाह क्यों किया'' तो बोली ''मैं मांगलिक हूँ और मांगलिक लड़का मिल नहीं रहा था तो सौतेली आई (माँ) ने इस नकारा से शादी करा दिया'' रास्ते में और कई बातें किया बातो से लगा की कामिनी अपने पति से बिलकुल भी खुस नहीं है ! मैंने कामिनी को रस्ते में  बोला ''आज मार्केट में मेरी ऑफिस के पास उतर जाना तो बढ़िया सा मोबाइल दिला दूंगा'' तो बोली ''क्या करुँगी महगा मोबाइल'' तब मैंने कहा ''लेकर यूज देखो '' तो कुछ नहीं बोली और कामिनी के इच्छनुसार उसकी कम्पनी से कुछ दूर ही उतार कर चला आया ! कामिनी फैक्ट्री से फोन नहीं करती क्योकि अलाउ नहीं ! रस्ते में मैजिक में रहती है  बातें नहीं कर पाती और घर जाते ही पति मिल जाता है तब बाते नहीं करती ! बस साम को 5 बजे मैजिक से उतरती है तभी समय मिलता है उस समय भी कालोनी वाली उसकी मुँहबोली भाभी साथ रहती है ! कामिनी का इन्ताज करता रहा पर कामिनी साम को नहीं उतरी तो साम को 5  बजे फोन किया तो फोन काट दिया और कुछ देर बाद मैसेज भेजा जिसमे 100 रूपये वापस करने और अब कभी बात नहीं करने की बात किया !और अपने आपको सती सावित्री बताने की कोशिश किया 


! 15/02/2016  को ये मैसेज भेजा जिसका जबाब मैंने दिया और उसके बाद से उससे मिलना बंद कर दिया ! बगल से ही निकल जाता पर उसकी तरफ देखता तक नहीं ! इस तरह से मैंने ये ब्यवहार करीब 15-20  दिन तक किया ! मैं बाइक के साइड मिरर से देखता तो कामिनी मुझे देखती हुई मेरे पीछे पीछे आती पर किसी और की बाइक  बैठती बल्कि पैदल ही रॉड तक आती जबकि कई बाइक वाले निकलते ! इस तरह से 6 मार्च तक निकल गया ! 7 मार्च को मैं एक किराने की दूकान में खड़ा था सामने से कामिनी निकिलि और मुझे देखकर मुस्कुराई तो मैंने उसे कोई रिप्लाई नहीं दिया तो निकल गई जब मैं रोड पर उसके बगल से निकला तो मेरी तरफ फिर से देखी और मुस्कुराई पर मैंने कोई रिप्लाई नहीं दिया और निकल गया ! अगले दिन 8 मार्च को फिर से रस्ते में मिली तो मुझे इसारा करके रोकी और 100 रूपये निकलकर देने लगी तो मैंने लेने से मना कर दिया और चलने लगा तो बोली ''रुकिए तो सही'' तब मैं रुक गया तो आकर बाइक में बैठ गई और थोड़ा \आगे आकर बोली ''दूसरी गली से बाइक निकलिए वहां भाभी खड़ी होंगी'' तब मैंने दुसरी गली में बाइक ले लिया तो बोली ''मुझे फैक्ट्री तक छोड़ दीजिये'' तब मैं उसे बाइक में लेकर चल दिया ! रस्ते में मेरी पीठ से ऐसी चिपक कर बैठी रही जैसे ओ मेरी पत्नी हो ! रस्ते में बोली ''आप बहुत जल्दी नाराज हो जाते हो'' तो मैंने कहा ''आपने मैसजे ही ऐसा भेज दिया तो नाराज नहीं पडूँ क्या'' तो उसने मेरी पीठ में हलके से मारा और बोली ''इतना गुस्सा अच्छा नहीं होता सर जी'' और मेरी पीठ को चुम लिया ! तो मैंने पूछा ''क्यों भेजा था ओ मैसेज'' तो बोली ''आज दोपहर में फोन करके बताउंगी'' तब मैंने पूछा ''क्यों आज टाइम मिल जाएगा फैक्ट्री में'' तो बोली ''आज आधे दिन की छुट्टी लेकर घर आ जाउंगी तब घर से बात  करुँगी''  तब मैंने कहा ठीक है ! कामिनी के फैक्ट्री के पास उतारकर आ गया ! दोपहर में करीब 2 बजे कामिनी का फोन आया तो बात करने लगी तो मैंने उसका फोन काटकर खुद ही लगाया और बात करने लगा तो कामिनी ने मैसेज भेजने  पूछा तो उसने बताया ''उस दिन नीरज मेरे साथ रस्ते में थे इस लिए आपका फोन काट दिया था तो नीरज को सका हो गई और नंबर पूछने लगे तो मैंने नंबर नहीं बताया और नंबर मिस काल की लिस्ट से डिलीट कर दिया ! नीरज बार बार नंबर पूछते पर मैंने नहीं बताया तो घर पहुंचते ही नीरज ने मुझे लात,घुसे,थप्पड़ से बहुत मारा फिर  भी नहीं बताया तो बॉस की पतली सी छड़ी से बहुत पीटा पूरी पीठ पर निसान आ गए ! फिर भी आपका नंबर नहीं बताया कुछ देर बाद नीरज घर से चला गया तब गुस्से में आपको मैसेज किया और सोच लिया  अब आपके साथ नहीं जाउंगी और न ही बात करुँगी न ही कोई संपर्क रखुगी पर आपके मैसेज की आखिरी लाइन ''पर आपको कभी भुला नहीं पाऊंगा'' पढ़कर आप पर पहली बार मुझे बहुत प्यार आया और लगा की आप कहाँ मिलो की आपसे लिपट जाऊं और खूब रोऊँ'' तब मैंने ''फिर फोन क्यों नहीं किया'' तो बोली ''मैं नीरज  डर गई थी उसने मुझे जानवरों की तरह मारा  याद करके मैं काँप जाती हूँ''
8 March 2016
 अगले दिन 9 मार्च को सुबह रोड  उसे देखते ही बाइक रोका तो जाने का इसारा किया तो मैं आगे आकर किराने की दूकान में खड़ा हो गया तो कामिनी का मिस काल आया तो फोन किया तो बोली ''मैं दुसरी गली से जा रही हु आप आ जाओ'' तब मैं बिना सिगरेट पिए कामिनी के पास पहुंच गया और उसे बाइक में बैठाकर चल दिया ! रस्ते में पूछा ''कालोनी में क्यों नहीं बैठी'' तो बोली ''आज नीरज घर पर ही है कहीं देख न लें इस ले इस लिए नहीं बैठी'' तो मैंने पूछा ''ड्यूटी रात में भी जाते है क्या'' तो बोली ''हाँ अभी तो रात में ही जा रहे है पर कल नहीं गए थे '' फिर रस्ते में बोला   ''आज साम को मैजिक से उतर जाना तो मोबाइल दिला दूंगा'' तो बोली ''टीक है'' और बात करते करते  उसे मैन रोड तक   छोड़ा और चला गया ! कामिनी आज फिर से रस्ते भर चिपका कर बैठी रही ! साम को 5 बजे मैजिक से उतारकर मिली तो उसे  एक मोबाईल की दूकान पर ले गया और सैमंसंग का बढ़िया सा 9000 का मोबाइल दिलाने लगा तो बोली ''इतना महगाँ मत दिलाओ कोई सस्ता  दिला दो गिर-गुरा जाएगा तो नुकसान होगा'' तब मैंने  तब भी नहीं मानी तो मैंने उसे स्पाइस का M-5 मोबाइल  4000 रूपये में दिला दिया तो ओ खुस हो गई
और 6:30  बजे तक उसे घर तक छोड़ दिया ! रस्ते में बोली ''मुझे चलाना तो आता'' नहीं तब मैंने उसे कहा ''कल साम को मेरी ऑफिस आ जाना तो सिखा दूंगा'' ! तो बोली ''आपकी ऑफिस में कोई दिक्कत तो नहीं होगी'' तब मैंने कहा ''नहीं कोई दिक्क्त नहीं होगी केबिन लगा लूंगा'' तो कुछ नहीं बोली ! ! 9 March 2016
              आज साम को कामिनी रोड में उतर कर फोन किया तो मैं उसके पास गया और दूर से बता दिया मेरी ऑफिस और बोला ''कुछ मिनट बाद आना जिससे किसी को सक न हो !  मेरे आने करीब 5 मिनट बाद ओ मेरे ऑफिस आई तो केबिन बंद थी ऑफिस वाली मेडम बोली ''सर आपसे कोई मिलने आया है'' तब मैंने बोला ''आने दो'' तो कामिनी मेरी ऑफिस में कुर्सी में मेरे सामने बैठ गई ! कामिनी पहली बार मेरी ऑफिस आई ओ ऑफिस की भब्यता देखकर चौक गई और बोली ''ऑफिस तो बहुत बढ़िया सजाया है आपने'' कामिनी से मोबाइल लिया और देखा तो उसके मोबाइल में वाट्सअप और फेसबुक इंस्टॉल था ! पूछा किसने किया तो बोली ''मैंने ही कर लिया '' ! सिम मेरे नाम की ही उसके मोबाइल में लगा  दिया था और नेट पैक भी डलवा दिया था ! 10/03 2016 
 अब कामिनी अपने मन की बात वाट्सप में बताया करती और ढेर सारी बातें करती जिसमे पति की शिकायत सबसे ज्यादा रहती ! कामिनी अभी भी रोज मेरे साथ रॉड तक आती ! जिस दिन उसकी मुँहबोली भाभी नहीं दिखती मेरे साथ फैक्ट्री तक जाती  उसे छोड़कर मैं वापस आ जाता ! 20  मार्च के  दिन कामनी से बोला ''कल सुबह जल्दी निकलना घर से'' तो बोली ''क्यों'' तब मैंने उससे कहा ''आओगी तो बता दूंगा'' तो अगले दिन 21 मार्च को जल्दी निकला घर से तो करीब 7:15 पर कामिनी मिल गई और उसे बाइक में बैठाकर सुबह सुबह अपनी
कामिनी की चूचियों की बीच का हिस्सा ऐसा ही मस्त सेक्सी है
ऑफिस ले आया और सटर का ताला खोला और उसे अंदर कर लिया और अपनी दोनों बाँहों को कामिनी की तरफ फैलाया तो ओ आकर मेरे बाहों में कटे पेड़ की तरह समा गई तो मैंने पहली बार कामिनी को किस किया और उसकी चूचियों पर साड़ी के ऊपर से ही हाथ घुमाने लगा क्या मस्त टाइट चूचियाँ है कामिनी की ! हाथ घुमाते घूमते साड़ी का पल्लू खिसक गया तो कामिनी की मस्त मस्त चूचियों की घटियाँ दिखाई देने लगी तो मैंने अपनी उँगलियों को दोनों चूचियों की बीच की घाटी में ऊपर नीचे घुमाने लगा तो कामिनी जोर से लिपट गई, उसकी सांसें जोर जोर से चलने लगी मदमस्त आवाज में बोली ''रहने दीजिये नहीं तो बहक जाउंगी'' तब मैंने कहा ''बहक जाओ मेरी जान, मैं भी यही चाहता हूँ'' तो कांपती हुई आवाज में बोली ''मत जगाइए मेरी ज्वाला को नहीं तो जलने लगूंगी'' तब मैंने कहा ''मैं तुम्हारी  ज्वाला को पानी की बौछार से बुझा दूंगा'' तो जोर से चिपकते हुए मेरे गोरे गोरे भरे हुए गाल को चूमते हुए बोली ''आज नहीं फिर कभी'' तब मैंने कहा ''फिर कब'' तो मेरे बाजुओं में झूलते हुए बोली ''आज ड्यूटी जाने दीजिये फिर मौका निकालूंगी '' और मेरी बाहों से अलग होकर खड़ी हो गई और बोली ''चलो मुझे फैक्ट्री तक छोड़ दो'' तब मैंने ऑफिस का सटर् वापस नीचे किया और कामिनी को उसकी ऑफिस छोड़ आया ! कामिनी रस्ते में बोली जल्दी ही मिलेंगे अपुन दोनों ! 

22 मार्च को कामिनी नहीं मिली ! 23 मार्च को मिली तो मैंने पूछा की ''कल क्यों नहीं मिली'' तो बोली ''नीरज गाँव चला गया है होली में'' उसके चक्कर में कल अपसेट हो गई'' तब मैंने कहा ''फिर तो बढियां मौका है आज आ जाऊं रात में'' तो बोली ''रिस्की  है यार कही मकान मालिक देख लिया तो'' तब मैंने कहा ''टेंसन मत लो मौका तलाश कर ही आऊंगा'' तो बोली ''ठीक है सोच कर साम को बताउंगी'' फिर कामिनी को रोड में छोड़कर चला आया ! मैंने साम को वाट्सअप मैसजे भेजकर पूछा तो उसने मैसजे का जबाब देने के बजाय बोली फोन करो ! तब मैंने  उसे फोन किया तो बोली ''आज साम के 8 बजे  मकान मालिक भी उनकी ''माँ की पहली होली'' पर गाँव जाएंगे तो बताउंगी आपको'' [जब किसी के परिवार में कोई मर जाता है तो सभी परिवारजन पहले त्यौहार में एकत्रित होकर गमी मानते है] मैं साम के 8 बजे कामिनी के फोन का इन्तजार करने लगा ! जब उसका फोन नहीं आया तो  करीब साढ़े 8 बजे ऑफिस से फोन किया तो बोली ''हाँ मकान मालिक और उनकी पत्नी भी होली पर गाँव चले गए है पर उनका लड़का और बहु घर पर ही है'' तब मैंने कहा ''फिर तो आ सकता हूँ'' तो बोली ''ठीक है मैं माहौल देखकर आपको मिसकॉल दूंगी रात में10 बजे तक'' तब मैंने कहा ''ठीक है, पर मिस काल देने के बजाय पूरा फोन करना जिससे मैं पत्नी से कोई बहाना बनकर रात भर के लिए आ जाऊं'' तो बोली ''ओके'' ! और फिर उसके फोन का इन्तजार करते करते कब नींद लग गई पता ही नहीं चला ! जब नींद खुली तो देखा की रात में 3 बज रहे है ! मतलब कामिनी, कमीनी ने धोखा दिया ! खूब गुस्सा आया कामिनी के ऊपर और रात  वाट्सप करने लगा तो देखा की कामिनी ने 12 बजे मैसेज किया था ''आ जाओ दरवाजा खुला है'' तब मैं बहुत पछताया और जबाब दिया ''फोन क्यों नहीं किया, मैं तो सो ही गया'' और फिर कामिनी की चुदाई नहीं कर पाने के गम में मन ही मन दुखी हो गया और फिर से कब नींद लग गई पता ही नहीं चला ! सुबह 8 बजे नींद खुली तो सबसे पहले मोबाइल उठाया और वाट्सअप से कामिनी का मैसेज डिलीट किया डर से की कहीं श्रीमती या बिटिया पढ़ न ले ! 
आज 24 मार्च को होली है ! होली के बहाने घर से 10 बजे बाहर निकला और कामिनी को फोन किया और बोला ''रंग खेलने आ जाऊँ क्या'' तो बोली ''अभी नहीं, मकान मालिक के लड़के बहु है अभी'' तब मैंने कहा ''फिर आऊं'' तो बोली ''जब ये दोनों घर से बाहर जायेंगे तब आना पर पैदल ही आना'' तब मैंने पूछा ''मुझे कैसे पता चलेगा की ओ चले गए'' तो बोली ''वाट्सअप कर दूंगी'' तो मैंने ओके बोला ! मैं पैदल आने का मतलब समझ गया ! कुछ देर घूमने के बाद घर पहुंच गया और अपने जेब में 3 कंडोम डाल लिया और करीब 11 बजे वियाग्रा की एक टेबलेट खा लिया ! और बार बार वाटसअप का मैसेज देखने लगा ! करीब 11:40 पर कामिनी ने मैसेज किया ''आ जाओ,पर बाइक लेकर नहीं आना'' तब मैंने पत्नी से होली खेलने के बहाने बाहर जाने के लिए बाइक उठाई और कालोनी में रोड के अंदर एक परिचित वाले किराने की  दूकान में बाइक खड़ी किया और लम्बे लम्बे कदम भरकर 8 मिनट कामिनी के घर के सामने गेट तक पहुंच गया ! और आसपास देखा सभी होली के रंग में अपने अपने में मस्त है, मेरी तरफ किसी का ध्यान नहीं है कोई देख  नहीं रहा है !


मकान के गेट में घुसते ही देखा तो कामिनी घर की गली में हलके आसमानी कलर की गाउन पहने हुई खड़ी दिखी तो मुझे इसारा किया तो मैं कामिनी के पीछे पीछे उसके कमरे में चला गया ! कामिनी मकान के आखिरी भाग में बने कमरे में रहती है ! 

                         कामिनी के कमरे में घुसते ही दरवाजा लगा लिया और पलट कर कामिनी को गोद में उठा कर चूमने लगा और लेकर बिस्तर पर लिटा दिया और झुककर चूमने लगा ! चूमते चूमते स्तन पर हाथ घुमाया तो लगा की कामिनी ने ब्रा नहीं पहने हुए है !  तब जांघों को सहलाते हुए ज़रा ऊपर हाथ घुमाया तो लगा की कामिनी तो पेंटी भी नहीं पहने हुए है ! मतलब सिर्फ गाउँन पहने हुए है हुए है ! कामिनी की गाउन को जाँघों से ऊपर कमर तक खिसकाया ! काली काली चिकनी चिकनी सुडौल जांघो को सहलाने लगा तो कामिनी ने हाथ को पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचते हुए बोली ''जरा जल्दी कर लो कोई आ न जाए'' तब मैंने गाउन को उठकर कामिनी के कान में धीरे '' इसे उतारो तो सही'तो '' तो बोली ''रहने दीजिये, मैं ऊपर तक खिसका लेती हूँ'' और फिर गाउन को ;गले तक खिसका लेती है तब दोनों जांघों को फैलाया और चुत को चाटने लगा ! मुस्किल से 3 मिनट तक चूत को चाटा होगा की कामिनी अपनी चूतड़ों को उठाने लगी और मेरे सर पर हाथ घुमाने लगी ! तब मैं बिस्तर में बैठे बैठे ही सर्ट-पेंट-बनियान-चढ्ढी उतार कर फर्श में फेक दिया और कामिनी की गाउन को निकाल कर फेक दिया अब दोनों एकदम से नंगे हो गए ! मैंने फिर से कामिनी की चूत को चाटने लगा !
कामिनी की चूचियाँ 110%ऐसी ही टाइट और बड़ी बड़ी है
 ! चूत गीली पड़ गई थी मैं समझ गया कामिनी चुदाने के लिए तैयार है तब कामिनी की टांगों को फैलाया और धीरे से लण्ड को चूत पर टिकाया और एक हलके से झटके  लण्ड डाल दिया ! और धीरे धीरे लण्ड  पीछे करने लगा तो कामिनी आपने दोनों हाथों को मेरी तरफ बढ़या तो मैंने कामिनी के ऊपर लेट गया और कान में धीरे से बोला ''कंडोम तो नहीं लगाया'' तो मुझे चूमते हुए बोली ''चलेगा'' तब मैंने कहा ''गड़बड़ हुई तो'' तब बोली ''अच्छा है न, मैं तो  इस गड़बड़ी का कबसे इन्तजार तो कर ही रही हूँ'' ! कामिनी की चूत को बड़ी आसानी से धीरे धीरे चोदने लगा !

कामिनी इस तरह से खूब देर तक चुदवाया
जैसे जैसे कामिनी को मजा आने लगा वैसे वैसे कामिनी मुझे चूमने लगी तब मैंने कामिनी के कान में धीरे से कहा ''पेट की तरफ से लेट जाओ'' तो कामिनी तुरंत ही पेट की तरफ से लेट गई तब मैंने कामिनी की चूत में फिर लण्ड को पेल दिया और लण्ड को पूरी गहराई चूत में पेल पेल कर छोडने लगा ! कामिनी को तड़पाने केलिए लण्ड की ठोकर मारना बंद कर देता तो कामिनी खुद ही अपने चूतड़ों को आगे पीछे करने लगती ! इस तरह से लगातार 5 मिनट तक चोदता रहा। जब कामिनी खूब गर्म पड़ गई तो प्यूरी तरह से लेट गई तो लण्ड अंदर तक जाना कम हो गया तो मैंने कामिनी को फिर से पीठ की तरफ लिटा दिया और टांगो को दोनों हाथ से पकड़ कर उठा लिया और लण्ड घुसेड़कर फटा फट लण्ड की ठोकर मारने लगा मुस्किल से 5 मिनट बाद कामिनी ुऔऔऔू ऊऊऊ ूूा हहहाह हहहा हहह ााह आह आह आह सस्स सस्स सस सस्स सासासा सास  सीएसी सी सी सी सी करने लगी और जोर  तरफ खींच लिया मैं समझ गया कामिनी आखिरी स्टेज में पहुंच गई है तब मैं जल्दी जल्दी लण्ड की बौछार कर दिया और सारा वीर्य कामिनी की चूत  अंदर निकाल दिया ! कामिनी को चूमते हुए उसके ऊपर लेटा रहा ! करीब 3 मिनट बाद कामिनी मेरी पीठ को सहलाते हुए बोली ''अब उठिए तो सही''' तब कामिनी की चूचियों को खिलाते हुए उठ गया ! कामिनी जल्दी से उठी और गाउँन पहन  लिया  और मुझे मेरे कपडे देते हुए बोली ''लीजिए पहन कर जल्दी जाइये 'कोई आ न जाय'' तब मैंने कपड़ा पहन कर पलंग पर बैठ गया तो कामिनी मेरे पास आई और बैठ गई !  कामिनी को चूमने लगा और बोला ''मजा आया''  गोरे गोर गालों को चूमते हुए बोली ''आप बहुत स्ट्रांग है'' !  हाथ पकड़ कर उठाया बोली ''अब जाइये'' तब मैं वहां से आ गया'' ! कामिनी से रोज बाते होने लगी ! कामनी की काम ज्वाला भड़क उठी ! कामिनी से एक दिन बोला चलो कही बाहर चलते है तो मना कर दिया ! कामिनी एक दिन बोली ''आपके आसपास कोई कमरा खाली है क्या'' तब मैंने कहा ''मेरे यहाँ आ जाओ रहने'' तो कामिनी तैयार हो गई !  करीब एक माह बाद  एक मई 2016 से अपने ही मकान में दो कमरे कामिनी को किराए से दे दिया अब कामिनी को बड़ी आसानी से चोदता हूँ !  अभी 7-8 मई को मेरी पत्नी गाँव चली गई थी तब कामिनी को बाथरूम में नंगा करके नहलाया और बाथरूम में ही तबियत से चुदाई किया ! मेरी पत्नी और कामिनी के पति को हम दोनों के रिस्तों में ज़रा सी भी सका नहीं है ! कामिनी बहुत चुदक्कड़ है ! जब भी मुझे अकेला पाती है चुदवाने को तुरंत तैयार हो जाती है !