Monday, 9 June 2014

एक्सीडेंट के बाद निशा से दोस्ती फिर चुदाई

निशा बिलकुल ऐसी ही लगती  है

बात उस समय की है जब मैं 19 ओक्टुबर 2012 में रतलाम से मन्दसौर की तरफ अपनी कार से जा रहा था, जावरा के पास रोड बीचो बीच एक बाइक पड़ी थी और साइड में एक पुरुष और एक ओरत खून से लतपत पड़े हुए थे, मैंने कार धीमी किया और साइड में खड़ी कर घायलो के पास गया  और देखा तो पुरुष के सर से खूब खून बह रहा था और ओ बेहोश  था ,फिर महिला के पास गया महिला को भी खूब चोट लगी थी कई जगह से खून बह रहा था पर महिला को होस था, मैंने जैसे ही महिला के पास गया कुछ  बोलता उसके पहले ही उसने मेरे पाँव पकड़ लिए और गिड़गिड़ाने लगे 'मेरे पति  को बचा लो ' यही सब्द बार बार ओ कहने लगी मैं तुरंत बिना देरी  किये दोनों को अपनी कार में बिठाया और करीब 40 KM दूर जावरा से रतलाम की तरफ कार को स्पीड से दौड़ा दिया और रोड अच्छी थी इसलिए जल्दी ही 30 मिनट में रतलाम के सरकारी हॉस्पिटल में दोनों को भर्ती कर दिया और अपने जेब से करीब 4673   रूपये लगा कर दोनों का इलाज कराने लगा | करीब 5 घंटे बाद महिला जब कुछ बात करने लायक हुई तब पुलिश वालो ने उसके घर वालो नंबर लिया और फोन करके उन्हें बताया तब महिला के मायके  वाले जो की नीमच के थे ओ कुछ घंटे में आ गए और घायलो को सम्हाल लिया और मैंने मेरी ससुराल  जो की रतलाम में ही है वहा जाने लगा तो महिला ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने पापा से बोली 'पापा  ये नहीं होते तो हम दोनों आज मर जाते,ये देवता बनकर आये और हमें  बचाया ' तब उस महिला के पापा मेरी तरफ घूमे और मेरा पाँव पकड़ लिए और बोले आप तो साक्षात देवता है फिर महिला के पापा ने महिला से बोला 'निशा कौन है ये जानती है क्या ' तो महिला मना कर दिया तब  मैंने अपना परिचय दिया और बताया  मन्दसौर का हु और इसके बाद मैं जाने लगा तो निशा अपने पापा से बोली इनका जितना खर्च हुआ है ओ दे दीजिये तो ओ निशा के पापा ने पूछा की कितना लगा आपका, तो मैंने बताया की चलिए मेडिकल स्टोर में पूछ लेते है और बिल भी बनवा दुगा  जब मेडिकल स्टोर वाले ने 4673 रुपये का बिल पकड़ा दिया तो ओ अपने बेटी निशा के पास आये और बोले बेटा अभी इतना नहीं है मेरे पास 2000  हजार है दे देता हु तो मैंने उनसे रूपये लेने से इंकार कर दिया और बोला पहले इलाज करा लीजिये बाद में मेरे रुपये वापस कर देना और अपना कार्ड देकर चला आया | निशा मेरे तरफ आदर भाव से देखती रही , अगले दिन मैं 10 बजे सुबह उनको देखने पहुंचा तो देखा की निशा आज बेड पर बैठी हुई है उसके पास एक और लड़की भी बैठी थी निशा मुझे देखते ही उस लड़की से बोला तनु यही है ओ देवता जिन्होंने मेरी तेरे जीजू की जान बचाई है तब ओ तनु बेड उठी और मेरे पाँव छूने के लिए झुकी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके सर पर हाथ रखते हुए खुस रहने  आशीर्वाद दिया,और पास ही खड़ा हो गया तो तनु एक स्टूल लाइ  उस पर बैठ गया, इतने में निशा के ससुर आ गए तो निशा ने सर पर पल्लू डाल लिया उनसे भी जान पहचान हुई ओ भी मेरे तरफ ऐसे देखा जैसे मैं इंसान नहीं कोई देवता हु ,कुछ ही देर में निशा के पापा भी आ गए और बात बात पता चला की निशा के हस्बेंड की रीढ़ की हड्डी टूट गई है जिसका आप्रेसन होगा पर परिवार की माली हालत टीक नहीं है रूपये  का इंतजाम नहीं हुआ मुझे पता चला  तो मैंने निशा  कहा की मैं कुछ मदद कर दू तो निशा बोली अपने जितना कर दिया उसका क़र्ज़ जीवन भर नहीं उतार पाऊगी फिर भी मैंने कार में रखी चेकबुक निकालकर 25000 का चेक दिया क्योकि निशा की ससुराल भी मन्दसौर में ही है ये सोचकर मैंने मदद कर दिया और चला आया वहा से अगले दिन गया हॉस्पिटल हाल चाल चाल पूछा और निशा से कह दिया की मुझे भी आपके अकाउंट का एक चेक दे देना अमाउंट लिखकरऔर जब आपके पास रूपये आ जाए तो मेरे रूपये  वापस कर देना ये कहने के बाद कुछ देर बैठा और वापस आ गया करीब 15 दिन  बाद निशा के पति हॉस्पिटल से निकल कर घर आ गए , मैं कई बार निशा के घर भी गया हाल चाल पूछने के लिए |

      इस तरह से 5 माह निकल गए | पर निशा के घर वालो ने अभी तक रुपये नहीं लौटाए  तो एक दिन मैंने निशा को फोन करके अपने रुपये की उगाही किया तो निशा बोली ये [पति का नाम लिया] अभी तक बिस्तर पर पड़े हुए है और बाबू जी [ससुर जी] रिटायर्ड है पेंसन से काम चल रहा है , कही नौकरी दिला दीजिये तो थोड़ा थोड़ा करके आपके रुपये  लौटा दुगी,तो मैंने कहा टीक है और 15 दिन बाद निशा को एक प्राइवेट जॉब लगवा दिया जहा निशा को 7000 रूपये महीना मिलने लगा | निशा सुबह 10 बजे ऑफिस जाती और साम को 6 बजे तक रास्ते में सब्जी मंडी से सब्जी लेते हुए वापस आती | 

   निशा अब खुस रहने लगी तो अब पता चला की निशा कितनी खूबसूरत है निशा उम्र 30-33 आसपास होगी निशा गोरी फक्क रखी है
निशा पीछे से ऐसी ही लगती है
दुबली-पतली पर गदराई जिस्म की मल्लिका है दुबले पतले शरीर की तुलना में निशा की चुचिया ज्यादा बड़ी और मादक लगती है  निशा को एक लड़की है 5 साल की | निशा हमेशा ही मोबाइल पर बात करते करते खूब घुल मिल गई, 17 अप्रैल 2013  के दिन मैं सब्जी बाजार से निकल रहा था तो निशा शाम को 7.45 पर सब्जी वाले की दूकान से कुछ सब्जी ले रही थी निशा को पहली बार इस तरह से बैठे हुए देखा जो बहुत ही सेक्सी लग रही थी निशा की पतली कमर देखकर निशा को चोदने का ख़याल आ गया मन में, पर मैं निशा से 15 साल बड़ा हु कैसे चोद सकता हु ये घास डालती है  या नहीं फिर भी हिम्मत किया और निशा की चुदाई के संकल्प के साथ निशा के पास मैंने बाइक रोक दिया और निशा को देखता रहा कुछ देर तक जब निशा झुकती निशा की पतली कमर मस्त मस्त चूतड़ और सेक्सी लगते जब निशा खड़ी हुई तो निशा से हाल चाल पूछा और साथ चलने ऑफर दे दिया तो निशा खुसी खुसी तैयार हो गई और मेरे साथ साथ बाइक में बैठ  गई, हम दोनों सब्जी मंडी की भीड़ भाड़ वाली जगह से निकलने
निशा बार बार अपनी सीट से खिसक कर मेरे सीट में आ जाती थी
लगे कई बार ब्रेक मारना पड़ा बाइक में जब भी ब्रेक मारता निशा के स्तन मेरे पीठ में छू जाते तो निशा पीछे खिसक जाती एक बार एक साइकल वाला अचानक सामने आ गया तो जोर से ब्रेक मारा तो निशा
डबल सीट वाली बाइक की सीट में  मेरे पीठ पर अपने शरीर का पूरा वजन देकर चिपक गई और मेरी सीट पर खिसक कर आ गई और रास्ते भर मेरे से चिपक कर अँधेरे में बैठी रही मैं धीरे धीरे बाइक चालते हुए बाते करते रहा निशा ने बताया की उसके पति अभी भी दिन भर बिस्तर में ही पड़े रहते है डाक्टर ने पूरा आराम करने के लिए कहा है किसी भी प्रकार की मेहनत के लिए मना किया है , निशा की बातो से मैं समझ गया निशा चुदवा भी नहीं पाती होगी मौका देखर मैंने सांत्वना के बोल बोलते बोलते निशा की जांघो पर हाथ घुमा देता तो निशा ने कोई आपत्ति नहीं उठाया मैं समझ गया निशा पट चुकी है बस अब इसको कैसे चोदु यही प्लान बनाने लगा मन ही मन,,इतने में निशा बोली ''यहाँ रुक जाए मैं पीछे खिसक जाऊ  कोई देख लेगा '' तब मैंने बाइक रोक दिया तो निशा दुरी बनाकर बाइक में बैठ गई कुछ ही देर में निशा को उसके घर वाली गली में उतार दिया और मैं चला गया अपने घर | 


        17  अप्रैल 2013 के बाद से निशा से फोन पर बाते करना बढ़ गई , निशा अपने दिल का हाल सुनाती उसकी बातो से लगता की ओ मेरे साथ  बेड शेयर करने  तैयार हो सकती है | 29 अप्रैल को निशा बोली ''बोर हो गई जिंदगी से लगता है मर जाऊँ  '' तो मैंने बोला ''ऐसा क्यों सोचती हो '' तो बोली ''वही घिसी पिटी जिंदगी, सुबह उठो सबकी सेवा करो फिर ऑफिस में कमाने जाओ साम को फिर से वापस जाओ सेवा करो न तो आराम और ना ही कोई एंज्वॉय मेंट, लाइफ नीरस हो  गई है '' निशा एक सॉस में इतना सब कुछ बोल गई तो मैंने निशा का मन टटोलने के लिए बोला '' तो घूम फिर लिया करो '' तो बोली ''अकेले कहाँ जाऊ,ये (पति का नाम लिया)  लायक है नहीं'' तो मैंने तपाक से बोला '' मेरे साथ चलोगी'' तो निशा की आवाज ही बंद हो गई मोबाइल से,जब मैंने दो तीन बार हैल्लो हैल्लो कहा तो बोली ''हां बोलिए'' तब मैंने कहा की ''जो बोला उसका जबाब दो'' तो निशा बोली ''सोच कर बताती हु ''इसके बाद तीन दिन तक निशा का फोन नहीं आया तो चौथे 3 मई 2013  के दिन मैंने मैंने फोन किया तो पता चला की निशा बाजार में है तो मैंने निशा से पूछा की कहा हो  तो बोली बाजार में इस जगह पर हु ,तब मैं निशा  के पास पहुंच गया, देखा
बाजार में निशा ने इस तरह के कपडे पहने हुए थी
की आज तो निशा ने जीन्स और कट बाह का एक टीसर्ट पहन रखी थी जिसमे निशा गजब की सेक्सी लग रही थी निशा को अपनी बाइक में बिठाकर चल दिए रास्ते में निशा से बहुत सी बाते किया निशा से पूछा की तुम इस तरह के कपडे भी पहनती हो तो बोली ''हां जब मम्मी और बाबू जी यहाँ नहीं रहते तो पहनती हु '' मैंने पूछा की '' कहा गए मम्मी और बाबू जी ''  बोली की ''गाँव गए हुए है खेती को बटाई में देने के लिए '' [निशा मीणा मूलतः राजस्थान से है जो बहुत ही फ्रैंक और आधुनिक बिचारो की है] फिर मैंने निशा को अपने साथ घूमने के लिए मना लिया पर निशा बोली ''मम्मी और बाबू जी आ जाए तब चलूगी नहीं तो इन्हे कौन सम्हालेगा '' तब मैंने कहा टीक है कुछ देर में निशा को उसके घर वाली गली में छोड़ दिया  8 मई 2013  को निशा को फिर से फोन किया और पूछा ''कब चलोगी'' तो बोली ''कितने घंटे लिए चलना है '' तब मैंने बोला ''चलो कोई फिल्म देख आते है '' तो निशा बोली ''टीक है'' तो अगले दिन
9 मई 2013 को 12 से 3 का सो देखने चले गए तीन घंटे तक निशा के साथ फिल्म देखा इस दौरान टाकीज में अँधेरे का फायदा उठा कर निशा को खूब किस किया और निशा की चुचियो को ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर खूब दबाया निशा गर्म पड़ गई तो पेंट के ऊपर से मेरे लण्ड पर हाथ घुमाने लगी तो मैंने पेंट की चेन खोल दिया तो निशा लण्ड को पकड़ लिया और बोली आपका तो बहुत बड़ा और मोटा है इस तरह से दोनों  दोनों ढाई घंटे तक खूब मजे किये और बाहर आकर अपने अपने घर चले गए अलग अलग वाहन से ,अगले दिन निशा को फिर से फोन किया और बोला ''चलो आज भी कही चलते है'' तो निशा बोली ''कितने घंटे के लिए'' तो मैंने निशा से बोला '' इस बार घंटे नहीं दिन पूछो '' तो बोली ''कितने दिन में आपका मन खुस हो जाएगा '' और इतना कह कर  हसने लगी मैंने पूछा '' तीन चार दिन के लिए चलते है '' तो निशा बोली ''नहीं इतने दिन के लिए नहीं चल सकती हु घर वालो को संका हो जाएगी'' तो बोला ''टीक है दो दिन के लिए तो चल सकती हो '' तब बोली ''हां मम्मी-पापा आ गए है बनाती हु प्रोग्राम ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ेगी घर वालो को से  कोई बहाना बनाना पडेगा '' पर निशा कही जाने के लिए तैयार नहीं हो रही थी बार बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाल जाती, पर इस दौरान निशा कई बार मेरे साथ फिल्म देखने जाती दोनों टाकीज के अँधेरे में खूब बाते करते एक दूसरे को प्यार भी करते , निशा ने बताया की उसके पति अब पैदल चलने लगे है पर कोई मेहनत  का काम नहीं करते , मैंने निशा से पूछा की रात कैसी बीतती है तो निशा ने बताया की तड़पते हुए रात  निकलती है मुझे बहुत इच्छा पड़ती है पर इनको कोई इच्छा नहीं रह गई सेक्स-सम्भोग के लिए इनका लौड़ा भी खड़ा होना बंद हो गया,साल भर होने को आ गए पर ये कभी हाथ तक नहीं लगाते , मैं समझ गया की निशा को चुदवाने की बहुत इच्छा है पर निशा डरती है इस लिए कही जाने को तैयार नहीं हो रही थी फिर भी मैंने पीछा नहीं छोड़ा निशा का और इस तरह से कई महीने  तक निशा की खुसामद करता रहा आखिर में निशा 17 सितम्बर 2013 को दो दिन के लिए चलने को  तैयार हो गई | निशा से पूछा की कहा चले तो निशा बोली ऐसी जगह चले जहाँ कोई जान पहचान वाला नहीं मिले तो मैंने निशा से राजस्थान के जयपुर ,अजमेर ,पुष्कर चलने के लिए बोला तो बोली ज्यादा दूर है कही नजदीक ही चलते है ,तब मैंने छितौङगढ चलने के लिए के कहा तो बोली वहा मेरे मौसा जी रहते है तब मैंने उसे निम्बाहेड़ा के पास साँवरिया जी चलने बोला तो तैयार हो गई | 

निशा ऐसे ही साड़ी और ब्लाउज पहन रखी थी

17 सितम्बर 2013 को निशा एक छोटी से बेग में अपने कुछ कपडे  रखकर मन्दसौर की धान मंडी के अपनी ऑफिस से कुछ दूर सुबह करीब 10.30 बजे मिल गई मैंने उसे कार में बिठाया, निशा सुर्ख लाल रंग प्रिंट की साड़ी मेचिंग ब्लाउज और होठो पर सुर्ख लाल रंग की लिपस्टिक और खुले बालो में गजब की सेक्सी लग रही
निशा के होठ इसी तरह से लाल सुर्ख थे
थी,ब्लाउज में निशा की चिकनी चिकनी गोरी गोरी पीठ दिखाई दे रही थी , निशा जैसे ही कार में बैठी अपने लाल-लाल मादक होठो के कोर को दबाया और हलकी से मुस्कराहट के साथ मेरे को हलके से किस किया
तो मैंने भी निशा को किस किया और वहा से जल्दी से निकल लिए, मन्दसौर से मण्डपिया करीब 120 KM दूर है  हम दोनों मण्डपिया के लिए निकल लिए | रास्ते भर हँसी मजाक करते हुए करीब 1 बजे चिलचिलाती धुप में मण्डपिया पहुंच गए वहाँ साँवरिया जी के  मंदिर के ट्रस्टी होटल के AC रूम में रुक गए | निशा को मैंने अपनी पत्नी बताया [मेरी पत्नी के ड्राइविंग लाइसेंस में पत्नी की जगह कलर फोटोकापी में निशा की फोटो लगवा लिया परिचय पत्र के रूप में] | मैंने कही पढ़ा है की ''विगोरा 100 '' लेने से लण्ड ज्यादा पावरफुल हो जाता है इस लिए ''विगोरा-100''  की  पूरी 8 टेबलेट और कोहिनूर कंडोम का एक पैकेट पहले से ही रख लिया था | 

                   
   होटल के कमरे में घुसते ही निशा को पकड़ कर बाहो में भरते हुए किस कर लिया निशा भी मेरी बाँहो में ऐसी समाई जैसे कटा हुआ पेड़ भरभरा का गिरता है , मैं निशा को पकडे हुए मुलायम और मोटे गद्दे में गिर गया और निशा को जोर जोर से किस करने लगा निशा की चुचियो को सहलाने लगा निशा मेरे पीठ पर हाथ घुमाने लगी और किस करने लगी, इतने में वेटर आया और कमरे की बेल बजाने लगा तो मैं जल्दी से उठा और  निशा अपने कपड़ो को टीक करने लगी मैंने दरवाजा खोला तो वेटर पानी की बोतल,दो गिलास, एक टॉवेल,साबुन लेकर आया और टेबल पर रख दिया और मेरे से बात करने लगा तो मैंने उससे पूछने लगा खाने में क्या क्या है, स्वीमिंग पूल में नहाने क्या चार्ज़ है कई प्रश्न किया,इतने में निशा बोली ''भूख बहुत जोर से लगी है पहले कुछ खाने केलिएमंगाए '' तो मैंने वेटर से खाने में क्या क्या है पूछा और निशा की पसंद का खाना मगवा लिया और दोनो ने खाना खाया और निशा को बोला
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''चलो स्व्वीमिंग पूल में नहाते है'' तो निशा बोली ''साड़ी पहन कर कैसे नहाऊगी '' तो मैंने निशा को बताया की ''नहाने के लिए बिकनी मिलेगी'' तो निशा बोली ''बिकनी पहन कर नहाउ, मुझे सरम लगती है'' तो मैंने बोला ''काहे की सरम,सभी नहाते है'' तो बड़ी मुस्किल से निशा बिकनी पहनने के लिए तैयार हो गई तो मैंने होटल के काउंटर में फोन करके एक लेडीज और एक जेंट्स स्वीविंग सूट मगवा लिया और मैंने पहन भी लिया पर निशा सरमाने लगी तो मैंने कहा की ''जाओ बाथरूम में घुस कर पहन लो '' तो निशा बाथरूम में घुस गई और कुछ देर में स्वीमिंग सूट पहन कर सर्माते हुए निकल,तो निशा की पतली पतली-चिकनी चिकनी जांघे मैं
अपलक देखते रह गय,निशा की पेंटी दिखाई रही थी जिसे निशा बार बार ढकने की
निशा पीछे से १००%ऐसी ही लगती है
कोशिस कर रही थी स्वीमिंग सूट को खीच
खीच कर तो मैंने निशा  तरफ खीचते हुए चुचियो को दबाया और किस कर लिया व कंधे में हाथ रखा और बोला ''चलो अब कए  को सरमा रही हो'' तब निशा मेरे साथ रूम से बाहर निकली मैंने रूम को लाक किया और दोनों जाकर स्वीमिंग पूल में घुस गए उस समय दोपहर के ढाई बज रहे थे स्वीमिंग पूल में कोई नहीं था सिर्फ हम दोनों थे करीब 45 मिनट तक  पानी अंदर  खूब मस्ती किया दोनों ने ''विगोरा-100'' का असर मेरे जिस्म में मस्ती के साथ चढ़ गया, पहली बार मेरे लण्ड में इतना तेज उफान पैदा हुआ ऐसा लग रहा था जैसे चढ्ढि को फाडक़र लण्ड बाहर निकल जाएगा , निशा भी मस्ती करते करते चुदाई के नसे में भीग गई उसकी चूचियाँ कड़क पड़ गई,आँखे लाल हो गई ,चेहरे में अजीब सी लालिमा आ गई मैंने निशा को इसारा किया बाहर चलने का तो निशा तुरंत तैयार हो गई और दोनों पानी के बाहर निकल आये और दूसरी मंजिल में अपने कमरे के लिए चल दिए,कुछ कदम चलने के बाद
निशा इस तरह से बेड में बैठ गई और मुझे अपने पास बुलाने लगी
निशा की चुचिया और जिस्म १००% ऐसे ही है  
निशा के कदम डगमगाने लगे तो मैंने पूछा क्या हुआ तो निशा बोली ''थक गई नहाते नहाते चलते नहीं बन रहा है '' तब मैंने निशा को अपनी गोद में उठा लिया निशा अपने दोनों हाथो को मेरे गले में डालकर लटक गई और मैं निशा को लेकर सीढ़ियों को चढ़ते हुए अपने रूम के सामने पहुंच गया और निशा को गोद से उतार कर दरवाजे का लाक खोला और दोनों रूम में अंदर हो गए,रूम के अंदर जाते ही निशा बेड पर गिर गई तो मैंने निशा से बोला ''बेड गीला हो जाएगा कपडे  तो उतार दो'' तब भी निशा मेरी बात को अनसुना कर दिया और अपनी बाहो को फैलाते हुए अपने तरफ आने का इसारा  किया तो मैं
निशा के पास पंहुचा तो निशा अपनी तरफ मुझे खीच लिया और बोली
''वदन बाहर से गीला है पर मैं अंदर से आग में  जल रही हु  मेरी आग बुझाओ नहीं तो मैं जल कर राख हो जाऊगी '' तब मैंने  निशा के सभी कपडे एक एक करके उतार दिया तब  निशा पलंग के किनारे पाँव लटका कर बैठ गई तो मैं अपने कपडे उतारकर निशा के सामने नंगा हो कर खड़ा हो गया और बार बार लण्ड को झटका मारता तो लण्ड ऊपर नीचे होता ऐसा करके मैं निशा को ललचा रहा था निशा बार बार अपनी बाहो को फैलाती और मुझे बुलाती पर निशा को तड़पाना चाहता था , [प्यास जितना ज्यादा लगी हो पानी उतना ही अच्छा लगता है] निशा बुलाती रही पर मैं निशा  फिट दूर खड़ा होकर अपने लण्ड को  दे दे कर निशा को ललचवाता रहा तो कुछ देर में निशा बिस्तर पर लेट गई और अपनी दोनों टांगो को फैला कर अपने दोनों  हाथो से अपनी टांगो को पकड़ कर अपनी चिकनी चिकनी चुत को दिखाने लगी फिर भी मैं निशा की चूत में लण्ड नहि पेला और झुककर निशा की चूत को चाटने से अपने आप को नहीं रोक पाया और पास जाकर चूत को चाटने लगा कुछ ही देर में निशा पागल हो गई चुदाने  के लिए फिर भी मैं लण्ड नहीं घुसेड़ रहा था तो निशा मेरे हाथ को पकड़ कर खीच लिया और मुझे बेड पर गिरा दिया तो मैं पीठ के बल बेड में लेट गया मेरा 7 इंची मजबूत लण्ड खड़ा था जिसे निशा ने पहले तो चूमा, लण्ड के सुपाड़े की चमड़ी को पीछे किया और लण्ड को नंगा कर दिया और फिर मेरे ऊपर चढ़ गई और लैंड को अपनी चूत डालने लगी निशा की चूत से तरल पदार्थ निकलने से चूत गीली और मुलायम हो गई थी, निशा लण्ड को बड़ी आसानी से अपनी चूत में डाल लिया, निशा की चूत में मेरा लण्ड एकदम से फिट हो गया ज़रा सा भी लूज या ज्यादा टाइट नहीं था | लण्ड घुसने के बाद निशा अपनी दोनों टांगो को मेरे कमर के अगल -बगल में और दोनों हाथो को मेरे सीने पर रख लिया और अपने छोटे छोटे हलके  चूतडो को ऊपर नीचे करने लगी तो निशा की खूबसूरत छोटी छोटी चुचिया मचल मचल कर ऊपर नीचे होने लगी तो मैं हल्का सा उठकर निशा की चुचियो को चसने लगा तो निशा अपने छाती को झटका देकर अपनी चुचियो को मेरे मुह से निकाल देती तो मैं फिर से चूची को चूसने लगाता यह क्रम लगातार चलता रहा निशा अपनी चूची को बार बार मेरे मुह से निकलती झटका देकर मैं फिर से चूची चूसने लगता निशा अपने चूतडो को लण्ड की पूरी लम्बाई तक बाहर खींचती और फिर लण्ड पर अपने चूतडो को पटकती और मुह से आ आ आह आह आह आह उहुहुह आकाक आसा  आह करती मैं निशा की छोटी छोटी चुचियो को मुह के अंदर पूरा का पूरा खीच कर पीता पर ये क्या निशा जल्दी ही निढाल होकर मेरे ऊपर गिर गई और जोर से चिपक गई मैं समझ गया निशा रिलेक्स हो गई और मेरे लण्ड  को चूत के अंदर किये हुए लेट गई मैं झटके मारता रहा निशा की जीभ को चूसता रहा कुछ देर में निशा मेरे ऊपर से उठ गई और मेरा फनफनाता हुआ लण्ड बाहर को निकल गया तो निशा कहती है''आप रिलेक्स नहीं हुए क्या '' मैंने न में गर्दन हिला दिया तो निशा बोली '' लीजिये रिलेक्स हो जाइए '' और इतना कहकर बेड में निशा घोड़ी बन गई और ललचाई नजरो से निशा  चूतड़ देखने लगा मेरा लण्ड बेताब हो गया निशा की
दुसरी बार निशा को इस तरह से चुदाई किया 
चूत में घुसने के लिए किन्तु  मैं जानता था खूखार लण्ड निशा की चूत को फाड़ डालेगा जिससे निशा को बहुत दर्द होगा क्योकि निशा की चुदाई का नशा उत्तर चुका है और ऐसे में निशा को चोदुगा तो निशा को चुदाई से मोह भग होगा ये सोचकर मैंने निशा को नहीं चोदा और  निशा को पकड़ अपनी गोद  बिठा लिया और निशा को किस करने लगा निशा की चूची को चूसने लगा और चुचियो को चूसते चूसते बिस्तर पर लेट गया निशा की चूत को चाट चाट कर साफ़ करने लगा तब निशा मुस्किल से 15  मिनट में फिर से चुदवाने के लिए तैयार हो गई निशा की चुचियो की निप्पल कड़क पड़ गई पर निशा अभी भी चुदवाने मूड में नहीं लग रही थी मेरे से बोली ''आप रिलेक्स हो लो ना'' तब मैं निशा को समझाया '' यार ये तो बलत्कार होगा आपके साथ , आपकी इच्छा के बिना '' तो बोली '' आप करने लगो तो धीरे धीरे इच्छा पड जाएगी '' तब मैं निशा को बेड किनारे तरफ खीच लिया और दोनों टांगो को हाथ से पकड़ कर चूत को फैला दिया इस बार
लन्ड़ को नंगा किये  बिना अपने लण्ड के ऊपर कंडोम लगा लिया [सुपाड़े की आगे की चमड़ी नहीं खिसकाया] और झुककर निशा की चूत को फिर से चाटने लगा तो निशा अपने कोमल मुलायम हाथो से मेरे सर के बाल सहलाने लगी कभी मेरे कंधे  घुमाती तो कभी पीठ पर हाथ घुमाती इस तरह  से लगातार 5 मिनट तक निशा की चूत चटाई करते करते निशा की चूत और मुह से गर्म गर्म आह निकलने लगी और निशा कहने लगी '' मत तड़पाओ यार '' इतना कहकर निशा अपने हाथ को बेड पर टिका आधी उठ गई और मेरे लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत में घिसने लगी तब मैंने निशा की चिकनी मुलायम चूत में मेरा खूंखार लण्ड का अग्र भाग सुपाड़ा को  निशा की चूत में घिसने लगा बीच बीच में लण्ड  सुपाड़ा घुसेड़ देता  फिर निकाल लेता इस तरह से निशा  को तड़पाने लगा निशा मेरे लण्ड  सुपाड़े  स्पर्श से पागल होने लगी  सुपाड़ा को टिकाता तो निशा अपने चूतडो को आगे  तरफ झटका देकर खिसकती लण्ड पूरा घुस जाए  अभी और तड़पना चाहता था निशा को | निशा के मुह से उ ऊ ऊ उउउ उउउउ  आए  आह्ह्हा आअह्हा आहाआह्ह्हाह्ह्ह्हआह्ह्ह की आवाज निकलने लगी निशा लगभग उठते हुए मेरे को पकड़ तरफ खीच लिया और बोली '' मत तड़पाओ राजा जी बुझा दो मेरी प्यास'' और अपनी चूत को मेरे लण्ड  पर जोरदार झटका मारा की पूरा का पूरा लण्ड सप्प सप्प करते हुए घुस गया तब मैंने निशा की दोनों टांगो को पकड़ कर चूत में हलके हलके प्रहार करने लगा निशा एक एक प्रहार में जन्नत की सैर करने लगी 5 मिनट तक जन्नत की सैर कराने  के बाद निशा के चूतडो के नीचे हाथ डाल कर दोनों हाथो उठा लिया तो निशा अपने दोनों हाथो को मेरे गले डालकर लिपट गई तब निशा को हवा में उछाल उछाल कर चोदना सुरु किया तो निशा जोर जोर से से उ ऊ ऊ उउउ उउउउ  आए  आह्ह्हा आअह्हा आहाआह्ह्हाह् ह्ह्हआह्ह्ह उई माँ से उ ऊ ऊ उउउ उउउउ  आए  आह्ह्हा आअह्हा आहाआह्ह्हाह्ह्ह्हआह्ह्ह  माँ उई माँ से उ ऊ ऊ उउउ उउउउ  आए  आह्ह्हा आअह्हा आहाआह्ह्हाह्ह्ह्हआह्ह्ह की  निकाल निकाल कर मेरे गले और कंधे को झूला बना कर झूलने लगी  इस तरह से लगातार 7 मिनट तक निशा मेरे कंधे साथ चूत में  लण्ड लिए हुए झूलती रही और मैं झर गया पर निशा अभी तक नहीं झरी और लण्ड पर कूदती रही, विगोरा के असर से लण्ड अभी भी खूब टाइट था इस लिए निशा को झटके दे दे कर चोदता रहा कुछ ही देर में निशा मेरे गले से अपने गले के को चिपकाते हुए चिपक गई और गले में जोर जोर किस करने लगी मैं समझ गया निशा भी स्खलित हो चुकी है तब मैंने निशा को बिस्तर लिटा दिया लण्ड पेले हुए निशा के ऊपर लेटा रहा और निसा को किस करता रहा कुछ  समय में निशा उठी और नंगी ही बाथरूम घुस गई तब मैं भी निशा के पीछे पीछे चला गया निशा पेसाब करने लगी तो मैं भी बगल में पेसाब करने लगा निशा पेसाब करने के बाद अपनी चूत को पानी से धोने लगी तो मैं अपना कड़क लण्ड नल के नीचे कर दिया और नल खोलकर लण्ड को धोने लगा तो निशा अपनी चूत साफ़ करने के बाद निशा घुटने बल खड़ी होकर मेरे लण्ड को अपने हाथ से धोने लगी जब लण्ड साफ़ हो गया तो बोली '' इसे मुह डाल लू क्या '' मैंने बोला ''क्यों '' निशा बोली ''देखू कैसा लगता है'' तब मैंने बोला
निशा को इस तरह से उठा कर रोड में पैदल चला
''फैलाओ अपना मुह '' और निशा ने अपना मुह फैला दिया तो मैंने अपना लण्ड निशा मुह में डाल दिया तो निशा लण्ड को चूसने लगी कुछ ही देर में मेरा लण्ड फिर से  कड़क पड़ने लगा (बिगोरा असर जो था) तो मैंने निशा को बोला '' रहने दो निशा नहीं तो फिर से ठुकवाना होगा '' तो निशा लण्ड को मुह से बाहर निकालते हुए बोली '' न बाबा न अब आज तो हिम्मत नहीं है '' और इतना कहकर उठ गई और दोनों बाथरूम से बाहर आ गए और दोनों ने अपने अपने आंतरिक वस्त्र पहन कर AC फुल स्पीड में करके कम्बल ओढ़कर सो गए तो साम को 6 बजे नींद खुली तो दोनों फ्रेश हुए और निशा की इच्छा से बाहर पैदल ही घूमने निकल लिए और आधा घंटे के बाद जब हम वापस आने लगे तो रस्ते  गिरने लगा जोर जोर से कही भी छिपने के लिए  होने से मैंने अपना मोबाइल पर्स निशा के पर्स  दिए और दोनों मजे से भीगते हुए चलने लगे की निशा एक पत्थर पर पाँव रखी और फँसल गई और निशा  मोच  चलते नहीं बन रहा था निशा से तो मैंने निशा को गोद में उठा कर चलने लगा निशा अपने हाथो को मेरे गर्दन में डाल कर झूलने लगी मैं निशा को करीब आधा किलो मीटर तक गोद में उठाये हुए होटल के पास आ गए तो निशा बोली ''उतार दीजिये अब चलती हु धीरे धीरे'' तब निशा को गोद से उतार दिया और निशा आराम से चलने लगी तो निशा से पूछा '' क्या हुआ दर्द कम हो गया '' निशा हस्ते हुए बोली ''दर्द था ही कब मुझे तो झूला झूलना था '' और जोर जोर  खिलखिला कर हस दिया मैंने निशा के गाल में एक चपत लगा दिया धीरे से और बाते करते करते रूम में आ गए तब तक साम के 7 बजकर 30 मिनट हो गए थे । आते ही टीवी ऑन किया और एक रोमांटिक फिल्म देखने लगे निशा खूब रोमांटिक बाते करने लगी तब मैंने भी निशा को अपनी गोद  लिटाते हुए प्यार करने लगा  बीच बीच में निशा के स्तनों का मर्दन कर देता तो निशा तड़प उठती इस तरह से साम के 9 बज गए दोनों भूख लग गई तो होटल के बैरे से खाना मँगवाया खाया तब तक रात के 10 बज गए [ इसी बीच मैंने बिगोरा टेबलेट करीब 9.30 पर खा लिया था] मैंने निशा को कपडे उतारने के लिए कहा तो निशा बोली ''मेरी इच्छा नहीं है पूरा वदन टूट रहा है दर्द से कल कर लेना'' तब मैंने निशा को बोला की ''आओ मालिश कर दू दर्द गायब हो जाएगा '' तो निशा बोली ''रहने दीजिये सो जाऊॅगी तो तो दर्द अपने आप ख़त्म हो जाएगा'' तब भी  नहीं माना और जिद करने लगा तो निशा तैयार हो गई  पर  सर्त रख दिया की ''कुछ करवाऊॅगी नहीं'' तो मैंने कहा ''ठीक है मैं तुम्हे नहीं चोदुगा,पर चुदवाने के लिए गिड़गिड़ाना नहीं '' तो निशा बोली ''आज नहीं गिड़गिडाउगी पर कल करना होगा '' तो मैंने कहा ''ठीक है '' और इतना कहने के बाद मैंने आँवले तेल की सीसी निकाल  लिया और निशा को बोला उतारो कपड़े तो निशा बेमन  उत्तारने लगी तो मैंने निशा  एक एक कपडे को उतार कर नंगी कर दिया और पीठ की तरफ निशा को लिटा दिया और वदन के सभी हिस्सों पर मालिस करने लगा मालिश करते करते निशा के चूतडो तक पहुंच गया और निशा के मस्त मस्त चूतडो पर तेल डाल कर मालिश करते करते निशा की चूत के किनारो में हल्का सा तेल डाल कर चूत को सहलाने लगा तो निशा मेरे हाथ को पकड़ने लगी और कुछ देर में सीधी लेट गई तो निशा के पेट और जांघो में मालिश करने लगा फिर हल्का सा तेल डालकर स्तनों की मालिश करने लगा निशा के स्तन की निप्पल टाइट पड़ चुकी थी , मैं समझ गया अब निशा बड़ी आसानी से चुदबाने  तैयार हो जाएगी  पर मैं निशा को तड़पना चाहता था  स्तनों को हलके हलके से मसलने लगा तो निशा मेरे तैयार लण्ड को पकड़ लिया तो मैंने
69 की पोजीसन में एक दूसरे की चुदाई किया
निशा के हाथ को हटा दिया और बोला ''मत पकड़ो इसे'' तो निशा बोली  ''इस पर मेरा अधिकार है पकड़ूगी'' और इतना कहकर फिर लण्ड को पकड़ लिया तो मैंने निशा का हाथ इस बार नहीं हटाया और निशा की चुचियो की मालिश करता रहा निशा तन बदन में आग लगने लगी कुछ देर निशा उठी और मेरे लण्ड चढ्ढी से बाहर निकालकर चाटने  लगी तो मैंने निशा को बोला ''आपने वादे पर कायम रहना'' तो निशा बोली '' देखते है कौन वादा तोड़ता है'' मैं बैठी हुई निशा की चुचियो मर्दन करता रहा तेल डाल डाल कर निशा का चेहरा लाल पड़ने लगा कुछ  देर निशा मेरी चढ्ढि-बनियान  को उतार कर किनारे फेक दिया और झुक कर मेरे लण्ड को मुह डालकर  चूसने लगी अब मुझे लगने लगा की मैं हार जाउॅगा तो मैंने निशा की चुचियो को चूसने लगा और निशा की चूत हाथ घुमाने लगा तो निशा अपनी चूत से मेरे हाथ को बार बार हटा देती फिर मैंने धीरे से निशा को को लिटा दिया और निशा  उल्टा 69 की पीजीसँन में लेट गया और निशा की चूत को जीभ से चाटने लगा उधर निशा मेरे पुरे के पुरे लण्ड को अपने मुह में डालकर चूसने लगी मैं निशा की चूत में जीभ डाल डाल कर चूत को चोदने लगा उधर निशा के मुह को चूत समझ कर लण्ड को आगे पीछे करने लगा | निशा  की चूत चटाई से आनंद मिलने लगानिशा बारबार अपनी चूत के झटके मेरे मुह पर मारने लगी इस तरह क्रम लगातार 8-9 मिनट तक चला मैंने निशा के मुहमें वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया इधर निशा के चूत से गीला गीला चिपचिपा -
चिपचिपा पानी निकलने लगा जिसे मैं गट गट करके पी लिया उधर निशा मेरे वीर्य को पी गई बहुत सा वीर्य निशा के मुह से बहने भी लगा फिर उठकर बैठ गया तो मेरे लण्ड में लगे हुए वीर्य को निशा चाटने लगी फिर दोनों एक साथ उठे और बाथरूम में घुस गए पेसाब करके बाहर आये और कम्बल ओढ़कर नंगे ही लेट गए दोनों थक कर चूर चूर हो गए थे जल्दी ही नींद लग गई रात कब निकल गई पता ही नहीं चला--इस तरह से दो दिन में निशा को 7 बार चुदाई किया अलग अलग पोजीसनो में निशा चुदाई से इतनी मस्त हो गई की अब जब भी मौका मिलता  दोनों सहर  होटल में मिल लेते है | 



[मेल से प्राप्त हुई सत्य कहनी ]

Wednesday, 4 June 2014

सेक्स के दौरान पार्टनर को करें चैलेंज

इस समर में सेक्स के दौरान पार्टनर को चैलेंज कर करें मूड लाइट। अगर आप सेक्स लाइफ में कुछ नया करने के लिए पिछले कुछ दिनों से बेताब हैं, तो बस ये टिप्स आपके लिए ही हैं। एक-दूसरे के चैलेंज को आप इतना इंजॉय करेंगे कि याद ही नहीं रहेगा कुछ देर पहले तक आप गर्मी और तपते मौसम की शिकायत कर रहे थे। यद रखिए, लवमेकिंग के तरीके जितने अलग और नए होंगे, आपकी सेक्स लाइफ भी उतनी ही एक्साइटमेंट से भरी होगी।

लोशन ऑफर

पार्टनर को आपके शरीर पर लोशन लगाने का चैलेंज दें। यह चैलेंज कुछ इस तरह होगा कि कितनी देर लोशन लगाने के दौरान आपके ब्रेस्ट को नहीं छुएंगे। बस फिर क्या है कमर और पीठ से फिसलती हुई उनकी ऊंगलियां आखिरकार वहीं पहुंच जाएंगी, जहां जाने का आप भी इंतजार कर रहीं हैं

मॉर्निंग सरप्राइज

एक सुबह ऐसी होनी चाहिए जब आप दोनों सुबह के अपने सभी काम शरीर पर बिना कपड़ों के ही करेंगे। इस दौरान शॉवर, ब्रेकफस्ट बनाना, ऑफिस का सूटकेस तैयार करना और यहां तक कि आपका फेस मेकअप भी होना चाहिए। अब सुबह जब एक-दूसरे के शरीर के एक-एक अंग को निहारते हुए बिताएंगे, तो फिर शाम को आते ही बेडरूम में ही तो घुसेंगे।

आधे घंटे तक सिर्फ किस करें


अपने पार्टनर को चैलेंज करें कि आपके वेस्ट तक जाए बिना आधे घंटे तक सिर्फ किस करें। एक तो यह उनकी बेकरारी बढ़ाने के लिए काफी है। दूसरे स्टडी और रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि वैसे कपल की सेक्स लाइफ बेहतर होती है, जो लवमेकिंग के दौरान किस करने में बहुत समय बिताते हैं।

हाथ न लगाना मुझे

फिल्मों ही नहीं सेक्स लाइफ में भी ट्विस्ट मजेदार होते हैं। एक-दूसरे के सामने यह शर्त रखें कि आपको बिना हाथों का प्रयोग किए ज्यादा से ज्यादा काम करना है। ऐसा करने में हालांकि आप दोनों को ही थोड़ी मुश्किल होगी, लेकिन यह अनुभव यकीन मानिए कि बहुत मजेदार रहेगा।

सिर्फ सांसों की आवाज हो


सेक्स के दौरान यदि सिर्फ आप दोनों की बढ़ी हुई धड़कनें और सांसे सुनाई दें, तो कैसा रहेगा? यदि यह सोचकर आप इतना रोमांचित हो रही हैं, तो फिर बिना देर किए आज की तरात यह चैलेंज पूरा करें। इस दौरान आप एक-दूसरे की एक-एक सांस सुन सकेंगे। आपके लिए प्यार के चरम पल इतने गहरे होंगे, जिनकी आप कल्पना भी नहीं कर सकतीं।

फूड और सेक्स



आज अपने बेड के पास ही वाइन और खाने-पीने का सामान रखें। सेक्स के दौरान कुछ खाएं और एक-दूसरे को वाइन ऑफर करें। आपके लिए यह बिल्कुल अलग तरह का अनुभव रहेगा। इस दौरान आप गेम भी खेल सकते हैं कि दोनों में से किसी को भी खाने-पीने के दौरान कुछ भी बिस्तर पर नहीं गिराना है। अगर ऐसा कुछ हुआ तो दूसरे को कोई भी शरारत करने का हक है।

आंखें बंद कर हाथ बांध दें

 
हर लड़़की को अच्छा लगता है कि बेड पर उसका पार्टनर उसके साथ स्वामी बनकर रहे। इसलिए पार्टनर के सामने आज बिल्कुल समर्पण कर दें। उन्हें आपकी आंखें बंद करने दें, आपके हाथ-पांव बंधवाएं और फिर उनकी मनचाही हरकतें करने दें।

Monday, 2 June 2014

भाभी की बहन को चोदा

यह कहानी दो वर्ष पहले की है। जब मेरे भैया की शादी पटना शहर में ही तय हो गई थी। मैं उस समय बी.कॉम. फर्स्ट-ईयर में पढ़ता था। भैया की ससुराल मेरे कोचिंग के रास्ते में ही पड़ती थी।

एक दिन की बात है जब मैं कोचिंग से आ रहा था। तो रास्ते में मुझे मेरी होने वाली भाभी मिल गई और मैंने बाइक रोक दी। उन्होंने मुझे तुरन्त पहचान लिया, हम लोग सगाई पर मिल चुके थे। वो बाज़ार अपने निज़ी सामान लेने आई थीं।

मैंने कहा- आइए भाभी, आपको घर छोड़ दूँ।

उन्होंने ‘हामी’ भरी और मैंने उन्हें घर छोड़ दिया। वो अन्दर आने को कहने लगीं। मैंने मना कर दिया क्योंकि उस समय शाम के 5 बज़ रहे थे। परंतु उनके ज्यादा जोर देने पर मैं मना नहीं कर पाया और उनके पीछे अन्दर चला गया।

उस समय घर उनके और उनकी छोटी बहन जिसका नाम रूपा था, के सिवाए कोई नहीं था। सभी लोग पड़ोस में मेंहदी समारोह में गए हुए थे।

वो खाना खाने के लिए कहने लगीं, तो मैंने मना कर दिया। इतने में उनकी छोटी बहन रूपा आई।

क्या कमाल की छोरी थी, रंग तो उसका गेहुँआ था पर साली की फिगर कमाल की थी। उसने उस समय फ्रॉक पहनी हुई थी। हम लोग उनके बैडरुम में बैठकर इधर-उधर की बातें करने लगे। उससे पूछने पर पता चला इसी वर्ष उसने बारहवीं में प्रवेश किया है। उसकी निगाहें बड़ी चंचल थीं उसके हावभाव बताते थे कि वो मुझ पर कुछ अधिक आकर्षित थी। बात बात में उसकी आँख मारने की अदा बड़ी कामुक थी।

इतने में पड़ोस की आंटी ने भाभी को किसी काम से बुला लिया। हम लोग फिर से बातें करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे जोरों से ‘एक नम्बर’ लगी। मैंने संकोचवश बाथरूम पूछा, उसने बता दिया। मैंने बाथरूम से आते समय देखा कि मेरा फोन उठाकर गैलरी में छिप कर ब्लू-फिल्म देख रही है और अपने चूचियों पर हल्के-हल्के हाथ रगड़ रही है।

मैं वहीं दरवाजे के पीछे खड़े होकर पर्दे के चिलमन से सब-कुछ देख रहा था। अब मेरा सब्र भी टूट रहा था और मेरा लण्ड भी तनकर ‘एफिल-टॉवर’ बन चुका था। मैंने पीछे जाकर फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा।

पहले तो वो चौंक गई लेकिन मुझे पाकर वो शांत हो गई। अब मैंने उसकी चूचियों को आहिस्ते-आहिस्ते मसलना शुरु किया, अब उसे भी मज़ा आने लगा था। धीरे-धीरे मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। अब उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा। मैने अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी। वो मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी। हम दोनों को थोड़ी-थोड़ी गर्मी लगने लगी थी। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मैने उसकी फ्रॉक उतारा।

मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने तुरंत उसकी पैंटी उतारी और उसक चूत को बुरी तरह चूसने लगा। वो तो जैसे तड़प उठी, मैं अभी भी उसकी चूत को चूसे जा रहा था। इसी बीच वो मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैंने सारा रस चट कर दिया। अब मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदे जा रहा था।

उसे भी मज़ा आ रहा था, अब वो फिर से अपने उफान पर आ रही थी। उसकी गहरी गुलाबी चूत को छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था। अब मैं थोड़ा ऊपर आकर उसकी दोनों टाँगों को अलग-अलग फैलाकर अपने लण्ड को उसकी चूत पर जोर-जोर से रगड़ने लगा। उसकी सिसकारियाँ भी जोर पकड़ने लगीं, तभी मुझे अपने लण्ड पर गीलापन महसूस हुआ, वो फिर से झड़ चुकी थी।

अब मैंने भी देर ना करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा, चिकनाई की वज़ह से लण्ड थोड़ा अन्दर चला गया। मैंने एक जोर का धक्का मारा लण्ड पूरा अदंर चला गया। दर्द के मारे उसके मुँह से जोर की चीख निकली, मैंने अपना एक हाथ उसके मुँह पर रख दिया, उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े।

अब मैंने लण्ड को पीछे करके एक धक्का और मारा। अबकी बार लण्ड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया, इस बार भी उसके मुँह से चीख निकल पड़ी, लेकिन इस बार का दर्द पिछली बार से कम था मैं कुछ देर इसी मुद्रा में रहा। जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरु कर दिया।

अब उसकी सिसकारियाँ भी आह-आह की आवाज़ में बदल चुकी थी, जिसने मेरी स्पीड बढ़ा दी। 20 मिनट तक मैंने जोरदार झटकों से उसे चोदा। उसके मुँह से 'उँउँउँ…ईईई…ऊँऊँ” की आवाज़ें निकल रही थीं।

अब उसकी साँसें भी तेज़ होने लगी बदन ऐंठने लगा, 'ओओओ…' और उसकी चूत से झरना बह गया। मैंने भी समय की नज़ाकत को समझते हुए पांच मिनट बाद अपना खौलता हुआ लावा उसकी चूत में उड़ेल दिया। हम लोग कुछ देर इसी हालत में रहे। थोड़ी देर बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए और बैठ कर बातें करने लगे।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी, रूपा ने कहा- लगता है दीदी आई है।

दरवाजा खोलने के पहले हमने एक-दूसरे की जोरदार चुम्मी ली और मै़ने उसके चूची को तीन-चार बार मसला। फिर वो दरवाजा खोलने चली गई, भाभी अदंर आईं।

मैंने पूछा- आप इतनी देर से कहाँ थीं?

भाभी ने कहा- मैं पड़ोस में मेहंदी समारोह में गई हुई थी।

रात के 9 बज़ चुके थे तो भाभी ने मुझे रुकने को कहा।

मैंने कहा-मैं यहाँ रुका तो घर पर सभी लोग परेशान होंगे और डाँट भी पड़ेगी।

भाभी ने कहा- अगर ऐसी बात है तो मैं घर पर फोन करके कह देती हूँ कि आज तुम यहीं रुकोगे। तब तो कोई परेशान नहीं होगा?

मेरे तो मन मे जैसे मन मे लड्डू फूट रहे थे, तो मैंने भी कह दिया- जैसा आप ठीक समझें।

मैं अपने भाई की होने वाली ससुराल में रुका और क्या हुआ वो फिर कभी। यदि आप कहानी के विषय में अपने विचार देना चाहते हैं तो मुझे मेल कर सकते हैं।
"चोदते रहो, चुदते रहो और खुश रहो !'