निशा बिलकुल ऐसी ही लगती है |
बात उस समय की है जब मैं 19 ओक्टुबर 2012 में रतलाम से मन्दसौर की तरफ अपनी कार से जा रहा था, जावरा के पास रोड बीचो बीच एक बाइक पड़ी थी और साइड में एक पुरुष और एक ओरत खून से लतपत पड़े हुए थे, मैंने कार धीमी किया और साइड में खड़ी कर घायलो के पास गया और देखा तो पुरुष के सर से खूब खून बह रहा था और ओ बेहोश था ,फिर महिला के पास गया महिला को भी खूब चोट लगी थी कई जगह से खून बह रहा था पर महिला को होस था, मैंने जैसे ही महिला के पास गया कुछ बोलता उसके पहले ही उसने मेरे पाँव पकड़ लिए और गिड़गिड़ाने लगे 'मेरे पति को बचा लो ' यही सब्द बार बार ओ कहने लगी मैं तुरंत बिना देरी किये दोनों को अपनी कार में बिठाया और करीब 40 KM दूर जावरा से रतलाम की तरफ कार को स्पीड से दौड़ा दिया और रोड अच्छी थी इसलिए जल्दी ही 30 मिनट में रतलाम के सरकारी हॉस्पिटल में दोनों को भर्ती कर दिया और अपने जेब से करीब 4673 रूपये लगा कर दोनों का इलाज कराने लगा | करीब 5 घंटे बाद महिला जब कुछ बात करने लायक हुई तब पुलिश वालो ने उसके घर वालो नंबर लिया और फोन करके उन्हें बताया तब महिला के मायके वाले जो की नीमच के थे ओ कुछ घंटे में आ गए और घायलो को सम्हाल लिया और मैंने मेरी ससुराल जो की रतलाम में ही है वहा जाने लगा तो महिला ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने पापा से बोली 'पापा ये नहीं होते तो हम दोनों आज मर जाते,ये देवता बनकर आये और हमें बचाया ' तब उस महिला के पापा मेरी तरफ घूमे और मेरा पाँव पकड़ लिए और बोले आप तो साक्षात देवता है फिर महिला के पापा ने महिला से बोला 'निशा कौन है ये जानती है क्या ' तो महिला मना कर दिया तब मैंने अपना परिचय दिया और बताया मन्दसौर का हु और इसके बाद मैं जाने लगा तो निशा अपने पापा से बोली इनका जितना खर्च हुआ है ओ दे दीजिये तो ओ निशा के पापा ने पूछा की कितना लगा आपका, तो मैंने बताया की चलिए मेडिकल स्टोर में पूछ लेते है और बिल भी बनवा दुगा जब मेडिकल स्टोर वाले ने 4673 रुपये का बिल पकड़ा दिया तो ओ अपने बेटी निशा के पास आये और बोले बेटा अभी इतना नहीं है मेरे पास 2000 हजार है दे देता हु तो मैंने उनसे रूपये लेने से इंकार कर दिया और बोला पहले इलाज करा लीजिये बाद में मेरे रुपये वापस कर देना और अपना कार्ड देकर चला आया | निशा मेरे तरफ आदर भाव से देखती रही , अगले दिन मैं 10 बजे सुबह उनको देखने पहुंचा तो देखा की निशा आज बेड पर बैठी हुई है उसके पास एक और लड़की भी बैठी थी निशा मुझे देखते ही उस लड़की से बोला तनु यही है ओ देवता जिन्होंने मेरी तेरे जीजू की जान बचाई है तब ओ तनु बेड उठी और मेरे पाँव छूने के लिए झुकी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके सर पर हाथ रखते हुए खुस रहने आशीर्वाद दिया,और पास ही खड़ा हो गया तो तनु एक स्टूल लाइ उस पर बैठ गया, इतने में निशा के ससुर आ गए तो निशा ने सर पर पल्लू डाल लिया उनसे भी जान पहचान हुई ओ भी मेरे तरफ ऐसे देखा जैसे मैं इंसान नहीं कोई देवता हु ,कुछ ही देर में निशा के पापा भी आ गए और बात बात पता चला की निशा के हस्बेंड की रीढ़ की हड्डी टूट गई है जिसका आप्रेसन होगा पर परिवार की माली हालत टीक नहीं है रूपये का इंतजाम नहीं हुआ मुझे पता चला तो मैंने निशा कहा की मैं कुछ मदद कर दू तो निशा बोली अपने जितना कर दिया उसका क़र्ज़ जीवन भर नहीं उतार पाऊगी फिर भी मैंने कार में रखी चेकबुक निकालकर 25000 का चेक दिया क्योकि निशा की ससुराल भी मन्दसौर में ही है ये सोचकर मैंने मदद कर दिया और चला आया वहा से अगले दिन गया हॉस्पिटल हाल चाल चाल पूछा और निशा से कह दिया की मुझे भी आपके अकाउंट का एक चेक दे देना अमाउंट लिखकरऔर जब आपके पास रूपये आ जाए तो मेरे रूपये वापस कर देना ये कहने के बाद कुछ देर बैठा और वापस आ गया करीब 15 दिन बाद निशा के पति हॉस्पिटल से निकल कर घर आ गए , मैं कई बार निशा के घर भी गया हाल चाल पूछने के लिए |
इस तरह से 5 माह निकल गए | पर निशा के घर वालो ने अभी तक रुपये नहीं लौटाए तो एक दिन मैंने निशा को फोन करके अपने रुपये की उगाही किया तो निशा बोली ये [पति का नाम लिया] अभी तक बिस्तर पर पड़े हुए है और बाबू जी [ससुर जी] रिटायर्ड है पेंसन से काम चल रहा है , कही नौकरी दिला दीजिये तो थोड़ा थोड़ा करके आपके रुपये लौटा दुगी,तो मैंने कहा टीक है और 15 दिन बाद निशा को एक प्राइवेट जॉब लगवा दिया जहा निशा को 7000 रूपये महीना मिलने लगा | निशा सुबह 10 बजे ऑफिस जाती और साम को 6 बजे तक रास्ते में सब्जी मंडी से सब्जी लेते हुए वापस आती |
निशा अब खुस रहने लगी तो अब पता चला की निशा कितनी खूबसूरत है निशा उम्र 30-33 आसपास होगी निशा गोरी फक्क रखी है
निशा पीछे से ऐसी ही लगती है |
निशा बार बार अपनी सीट से खिसक कर मेरे सीट में आ जाती थी |
17 अप्रैल 2013 के बाद से निशा से फोन पर बाते करना बढ़ गई , निशा अपने दिल का हाल सुनाती उसकी बातो से लगता की ओ मेरे साथ बेड शेयर करने तैयार हो सकती है | 29 अप्रैल को निशा बोली ''बोर हो गई जिंदगी से लगता है मर जाऊँ '' तो मैंने बोला ''ऐसा क्यों सोचती हो '' तो बोली ''वही घिसी पिटी जिंदगी, सुबह उठो सबकी सेवा करो फिर ऑफिस में कमाने जाओ साम को फिर से वापस जाओ सेवा करो न तो आराम और ना ही कोई एंज्वॉय मेंट, लाइफ नीरस हो गई है '' निशा एक सॉस में इतना सब कुछ बोल गई तो मैंने निशा का मन टटोलने के लिए बोला '' तो घूम फिर लिया करो '' तो बोली ''अकेले कहाँ जाऊ,ये (पति का नाम लिया) लायक है नहीं'' तो मैंने तपाक से बोला '' मेरे साथ चलोगी'' तो निशा की आवाज ही बंद हो गई मोबाइल से,जब मैंने दो तीन बार हैल्लो हैल्लो कहा तो बोली ''हां बोलिए'' तब मैंने कहा की ''जो बोला उसका जबाब दो'' तो निशा बोली ''सोच कर बताती हु ''इसके बाद तीन दिन तक निशा का फोन नहीं आया तो चौथे 3 मई 2013 के दिन मैंने मैंने फोन किया तो पता चला की निशा बाजार में है तो मैंने निशा से पूछा की कहा हो तो बोली बाजार में इस जगह पर हु ,तब मैं निशा के पास पहुंच गया, देखा
बाजार में निशा ने इस तरह के कपडे पहने हुए थी |
निशा ऐसे ही साड़ी और ब्लाउज पहन रखी थी |
17 सितम्बर 2013 को निशा एक छोटी से बेग में अपने कुछ कपडे रखकर मन्दसौर की धान मंडी के अपनी ऑफिस से कुछ दूर सुबह करीब 10.30 बजे मिल गई मैंने उसे कार में बिठाया, निशा सुर्ख लाल रंग प्रिंट की साड़ी मेचिंग ब्लाउज और होठो पर सुर्ख लाल रंग की लिपस्टिक और खुले बालो में गजब की सेक्सी लग रही
निशा के होठ इसी तरह से लाल सुर्ख थे |
Add caption |
निशा पीछे से १००%ऐसी ही लगती है |
निशा इस तरह से बेड में बैठ गई और मुझे अपने पास बुलाने लगी निशा की चुचिया और जिस्म १००% ऐसे ही है |
दुसरी बार निशा को इस तरह से चुदाई किया |
निशा को इस तरह से उठा कर रोड में पैदल चला |
69 की पोजीसन में एक दूसरे की चुदाई किया |
[मेल से प्राप्त हुई सत्य कहनी ]