Tuesday, 28 January 2014

मोटे लण्ड की दीवानी सुचित्रा मजुमदार की चुदाई

सुचित्रा मजुमदार 85% ऐसी ही है
सुचित्रा टॉप जींस में सौ प्रतिसत ऐसी ही लगती है पीछे से 

मैं एक फैक्ट्री में मैनेजर हु | मार्च 2013 कि बात है , मैं रोज सुबह सुबह फैक्ट्री जाता था तो ओ भी रोज रास्ते  में मिलती जब मैं एक दूकान पर खड़ा रहता तो मैं रोज रोज उसे देखता ,ओ हल्की सी सावली थी और जवान जिस्म कि मालिकन है उचाई ज्यादा नहीं है 5 फिट 4 इंच के लगभाग होगी माध्यम आकार का जिस्म ना मोटा ना दुबला पतला उम्र होगी 25 साल  के आसपास मेरे बहू जैसी है पर चुचिया बड़ी बड़ी थी जो साड़ी पर स्पष्ट दिखाई देती चूची बहुत ही सेक्सी थी उसकी |  मैं उसकी चूचियाँ देख कर उसकी तरफ आकर्षित हुआ पहले तो ओ मुझे नजर अंदाज किया पर जब रोज रोज उसे देखने लगा तो ओ भी पलट कर एक बार जरुर देखती देखने का क्रम लगातार एक माह तक चला , एक दिन मैं मेरी कालोनी से निकल रहा था सुबह सुबह डूयटी के लिए तो ओ रास्ते में मिली मैं उसे बाइक रोक कर कहा आओ छोड़ दू आपको तो मेरी तरफ देखी और मुस्कुराई और बोली नहीं चली जाउगी आप जाइये और मैं चला गया, फिर एक दिन रास्ते में मिली तो मैंने मोबाइल नंबर मांगा तो  मना कर दिया बोली क्या करेगे मेरा नंबर | फिर एक दिन देखा कि ओ अपने पति के साथ साइकल में पीछे बैठकर निकली जब कुछ आगे निकल गई तो मेरी तरफ पलट के देखा और हाथ से बाय बाय का इसारा किया , मैं बाइक से धीरे -धीरे उसके पीछे पीछे चलने लगा उसका पति उसे में रोड तक छोड़ कर चला गया | उसका पति  काला, दुबला पतला मरियल सा है और मैं 6 फिट 2 इंच का हट्टा-कट्टा गोरा  45 साल  का जवान हु मेरा बजन करीब 90 किलो | ओ कंपनी बस के इन्तजार में खड़ी थी पर लेट होने के कारण आज बस  छूट गई थी जब उसका पति चला गया तो मैं उसके पास गया और बोला चलो छोड़ देता हु तो रोड कि तरफ देखी जब उसका पति चला गया तो ओ मेरे CBZ  बाइक में उछल कर बैठ गई , जैसे ही ओ बैठी उसकी चूचियाँ मेरे पीठ से टकराई तो उसने सॉरी बोला और पीछे खिसक कर बैठ गई , मैंने रास्ते में उससे पूछ लिया क्या करती हो तो उसने बताया कि एक लेदर कि फैक्ट्री में काम करती हु मैंने पेमेण्ट पूछा तो बताया कि 4 हजार मिलते है , पति के बारे में पूछा तो बताई कि एक छोटी से फैक्ट्री में जाते है लेथ मशीन पर काम करते है , तो पति कि पेमेंट पूछा तो बताई कि 3 हजार मिलता है कभी कभी ज्यादा भी मिल जाता है , लड़के बच्चे के बारे में पूछा तो बताई कि अभी एक भी नहीं हुए , सादी  के बारे में पूछा तो बोली कि 4 साल हो गए सादी के ,फिर पढ़ाई के बारे में पूछा तो बोली कि 12 वी पास हु पति कि पढ़ाई पूछा तो बोली कि 8 वी पास है ये सब बाते करते करते मेरी फैक्ट्री भी आ गई पर मैंने उसकी फैक्ट्री तक छोड़ दिया जो मेरी फैक्ट्री से आधा किलोमीटर दूर है  मैंने उसे बोला कि छुट्टी हो तो मेरे साथ ही चलना तो मना कर दिया बोली कि फैक्ट्री कि बस रोज आती है उससे चली जाउगी | अगले दिन सुबह ओ फिर मिली तो मोबाइल नंबर मांगा तो दे दिया और रोज रोज मोबाइल से बाते होने लगी दोनों के बीच में कभी कभी ओ जान बूझकर अपनी बस को मिस कर देती और मेरे साथ बाइक पर जाती | बात बात में पता चला कि ये बैतूल मध्यप्रदेश कि रहने वाली है इनके परिवार बांग्लादेश से आये थे इसका नाम सुचित्रा मजुमदार है |  मैंने उसे एक दिन बोला कि कम्पुटर सीख लो तो मेरे फैक्ट्री में लगवा लुगा तुम्हे कम से कम 10 हजार मिलेगे एक महीने में, तो ओ राजी हो गई और चार माह में कम्पुटर सीख लिया तो मैंने उसे मेरी फैक्ट्री जून 2013 में लगवा लिया 9 रुपये महीने में ऑफिस काम के लिए और जुलाई 2013 में प्राइवेट से BBA फ़ार्म भी भरवा दिया , पर गरीबी के कारण अच्छे कपडे नहीं पहनती तो मैंने उसे एक दिन 6 हजार रुपये उधार कह कर दे दिया कि अच्छे अच्छे कपडे खरीद लेना तो उसने चुपचाप रख लिया रुपये और पूछी कि आपको कौन से रंग अच्छे लगते है , आपकी पसंद कि खरीदुगी तब मैंने उसे मेरी पसंद बता दिया और बोला कि सलवार -सूट पहनोगी क्या तो बोली कि हां  पहन लुंगी यहाँ कोई नहीं है जान पहचान वाला तब मैंने बोला कि जींस - टॉप पहन सकती हो क्या तो बोली कि हां पहन लुंगी  | पर कई दिन बीत जाने के बाद भी अच्छे कपडे पहन कर नहीं आई  तो एक दिन पूछ लिया तो , बोली कि यहाँ अच्छे कपडे नहीं मिलते है  छोटा सहर है तो मैंने बोला कि चलो पास में बड़े शहर से खरीद देते है तो बोली कि टीक है,और अगले दिन रविवार को पति से झूठ बोलकर मेरे साथ बाइक से सुबह 10 बजे दोनों ने अपने अपने मुह पर कपडे से ढक लिया ओर चल दिया,मैंने भी घर में झूठ बोल दिया कि आज फैक्ट्री में कुछ एक्स्ट्रा काम है इस लिए जा  रहा हु और हम दोनों पास के बड़े
सुचित्रा के बड़े बड़े बूब्स इस तरह से टॉप में दिख रहे थे
शहर में 11 बजे पहुच गए रास्ते में सुचित्रा ने बहुत बाते किया और मेरे साथ चिपक कर बैठी रही अपनी मस्त मस्त चुचियो को पीठ में रगड़ते हुए हम दोनों बड़े शहर कि एक बड़े से शापिंग माल में घुस गए , सुचित्रा ने कहा कि इतनी बड़ी दूकान पहली बार देखी और सुचित्रा मेरे हाथ कोपकड़  माल में घूमने लगी मैंने बोला चलो पहले साड़ी खरीद लो तो बोली नहीं पहले जींस और टॉप पहन कर देखती हु साड़ी तो रोज पहनती हु तब मैं टॉप - जींस कि दूकान में घुस गया और उसने अलग अलग रंग के कई टॉप -जींस ले लिया तब मैंने उसे बोला जाओ इन्हे पहन पहन कर देख लो टीक लगते है कि नहीं तो बोली  कहा पहनू तो मैं उसे ट्रायल रूम ले गया और सुचित्रा एक एक करके सभी टॉप - जींस पहन पहन कर दिखाया जो  उसमे से 3 टॉप -जींस रख लिया | सुचित्रा टॉप जींस में बला कि खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी कसी हुई जांघे और बड़े बड़े बूब्स मस्त सेक्सी लग रही थी , एक बार जब टॉप -जींस  पहन कर निकले तो मैंने सुचित्रा के बूब्स को दबा दिया और एक किस कर लिया और बोला कि गजब ढा रही ही इन कपड़ो में तो सुचित्रा बोली चलो हटो कोई देख लेगा और सरमा कर जल्दी से ट्रायल रूम में घुस गई फिर कुछ देर में साड़ी पहन कर निकली, काउंटर पर 4500  का बिल बना जिसे मैंने  दे दिया फिर सुचित्रा ने 3  महंगी साड़िया लिया कुल पेमेंट 3600 हुआ इसे भी मैंने दे दिया फिर सुचित्रा ने अपने लिए तीन सांडिल्य और 2 जूती  खरीदा जिसका 1200 रुपये का बिल बना मैंने दे दिया फिर हम दोनों शापिंग माल से निकल कर एक आलीशान होटल में गए खाना खाया और बाहर आ गए और रास्ते में ढेर सारी बाते करते -करते हम दोनों साम को 5 बजे तक वापस आ गए सुचित्रा के लिए करीब 10000 रुपये कि खरीदारी किया सुचित्रा बहुत खुस थी | सुचित्रा ने अपने हस्बैंड को फोन किया तो पता चला कि ओ आज ओवर-टाइम में रुका है तो सुचित्रा बोली चलिए घर चलते है ओ नहीं है ,तब मैं पहली बार 10 माह कि जान पहचान के बाद सुचित्रा के किराए के रूम पर दिसंबर 2013 में गया , सुचित्रा के पास सिर्फ 15 बाई 15 वर्ग फिट का एक कमरा था उसी में इनका सब कुछ था एक लोहे का पलंग 5 डिब्बे , और गिरहस्थी के कुछ सामान था |  कपडे रखने के लिए एक आलमीरा तक नहीं है मैं समझ गया घर कि हालत काफी दयनीय है , मैं जाते ही सुचित्रा के बिस्तर पर लेट गया बिस्तर से भी गरीबी झलक रही थी एक पतला सा गद्दा और एक सस्ता सा चद्दर -तकिया था सुचित्रा भी थक गई थी ओ भी बिस्तर में बैठ  गई मेरे पास ही तो मैंने सुचित्रा को अपने तरफ खीच लिया और सीने से चिपका लिया और किस करते हुए चुचियो को दबा दिया तो सुचित्रा जल्दी से बिस्तर से उठी और नीचे बैठ गई और धीरे से बोली कोई आ जायेगा तो मैंने पूछा कि कौन आ जाएगा तो बोली कि माकन मालिक का लड़का है उसे पढ़ाती ट्यूशन
हु तो मैंने पूछा कि कौन से क्लास में है तो बोली कि 7 वी पढता है तब मैंने टाइम पूछा तो बोली कि साम को 8 से 9 बजे तक पढ़ाती हु तब मैंने पूछा कि कितना देते है तो बोली कि 500 रुपये महीना तो मैंने कुछ नहीं बोला और सुचित्रा कि तरफ देखने लगा और बोला कि तुम बहुत सुन्दर लगती हो यार और फिर सुचित्रा कि खूब तारीफ किया [सुचित्रा का माकान मेरे कालोनी के रस्ते के पास खूब अंदर कि तरफ पड़ता है जहा से मेरे घर कि दुरी 1 किलोमीटर होगी] सुचित्रा खूब खुस थी मेरे ऊपर सुचित्रा उठी और एक बाल्टी लेकर बाथरूम चली गया मुह धोकर आई और बोली मुझे कपडे बदलना है आप उधर मुह घुमा लीजये मैं गाउन पहन लू तो में बोला टीक है और मैं दुसरी तरफ घूम गया पर जिधर घुमा उधर एक कांच [आइना] टंगा था जिसमे सुचित्रा दिख रही थी ,  सुचित्रा ने जल्दी से साड़ी को वदन से अलग किया और ब्लाउज को उतारा तो उसकी कंचन और सेक्सी काया दिखाई दिया सुचित्रा ने जल्दी से गाउन डाल लिया अपने ऊपर और बोली हो गया पहन लिया कपड़ा तो मैंने उसकी तरफ घूम कर देखा कसी हुई गाउन में उसकी सरीर के एक एक अंग कि बनावट दिख रही थी बड़े बड़े सेक्सी बूब्स आसमान कि तरफ ताक रहे थे मैं उसे अपलक देखने लगा तो ओ सर्मा गई और बोली क्या देख रहे है तो मैंने बोला कि तुम्हारी खूबसूरती देख रहा हु कितनी खूबसूरत हो तुम तो ओ फिर से सरमा गई,  फिर गैस को जलाकर चाय बनाने लगी कुछ देर बाद चाय दिया मैंने चाय पीया और जब  वापस आने लगा  तो बोला कि मैं रोज सुबह सुबह घूमने जाता हु तुम भी आया करो तो उसने टाइम पूछा तोमैंने बताया कि सुबह 5 बजाकर 30 मिनट के आसपास यहाँ से निकलता हु तो बोली टीक है कल से मिलूगी फिर मैं घर चला आया , पर बार बार उसका गदराया हुआ वदन आँखों के सामने नाचता रहा और अगले दिन मेरी जल्दी नीद खुल गई और  मैं तैयार होकर अँधेरे में उसका इन्तजार करने लगा उसके घर से कुछ दूर ओ 5 बजकर 20 मिनट पर घर से निकली उस समय अन्धेरा था मैं उसके पीछे पीछे चलने लगा और रोड पर आकर उससे धीरे से बोला 'आ गई सूचि ' [मैं उसे सूची ही कह कर बुलाता था] तो अचानक इस आवाज को सुनकर चौक गई और मेरी तरफ घूम कर देखी और बोली 'आप है मैं तो डर  ही गई थी कौन आवाज दिया ' और मैं उसके पास पहुच कर उसे चूम लिया पकड़ कर और दोनो अन्धेरे कि तरफ रोड में चल दिए रास्ते में खूब बाते किया बात बात में मैंने उससे कहा कि चलो आज कही बाहर चलते है घूमने के लिए तो ओ बोली अभी नहीं एकात  सप्ताह बाद ये गाव जायेगे तब चल दुगी जहा कहेगे वहा तो मैंने बोला टीक है फिर हम दोनों घूम कर वापस आ गए मैंने उसे बोला कि फैक्ट्री में ये किसी को नहीं बताना  कि हा एक दूसरे को जानते है ओ बोली टीक है मैंने उसे फैक्ट्री कि सोसायाटी से 30000 का लोन दिला दिया 1000 रुपये के महीने कि क़िस्त पर और बोला कि घर के लिए अच्छे अच्छे सामान खरीद लो पलंग, गद्दे  ,आलमीरा और दो कमरे का माकन ले लो किराए से और ट्यूशन बढ़ा लो तो कुछ कमाई और बढ़ जायेगी सुचित्रा कि इंग्लिश और मैथ्स बहुत अच्छी है ट्यूशन ज्यादा मिल जायेगे तो ओ राज़ी हो गई | सुचित्रा ने पुराने माकन के कुछ ही दूरी पर दो कमरे का माकन ले लिया किराए से जिसमे कोई मकान मालिक का लफड़ा नहीं था , सुचित्रा के वादा अनुसार उसका पति अभी तक गाव नहीं गया मैंने पूछा तो बोली बस जाने वाले है एक दो दिन में | हम दोनों रोज सुबह साथ में घूमने जाने लगे और रास्ते में खूब बाते करते अँधेरे में मैं उसके बूब्स को दबा देता  

 किस करता यह क्रम रोज चलता | 
               सुचित्रा अभी तक ऑफिस में साड़ी ही पहन कर आती थी तो एक दिन मैंने फोन करके बोला कि जींस भी  पहना करो न तो बोली टीक है और अगले दिन सुचित्रा जीन्स -टॉप पहन कर फैक्ट्री आई क्या गजब कि खूबसूरत लगती थी जीन्स में टाँगे और सेक्सी लग रही थी बड़े बड़े बूब्स किसी कि भी नियत खराब कर सकते है | सुचित्रा मेरी ही ऑफिस के बगल में बैठ कर काम करती थी ओ क्लर्क थी और मैं उस कंपनी में पर्शनल मैनेजर था और पर्शनल मैनेजर का जलवा बहुत होता है फैक्ट्री में सभी इम्प्लाइज इज्जत भी करते है और डरते भी है पर ऑफिस में अभी तक किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि सुचित्रा और मेरे बीच क्या खिचड़ी पक रही है | सुचित्रा जब से जींस पहनने लगी तब से मेरी  बढ़ गई लगता है कब इसे चोदु पर सुचित्रा को जब भी बोलता हां तो कहती पर चलती नहीं 10 महीने से ज्यादा हो गए पर ये चुदाने  तैयार नहीं हुई अभी तक आखिर मेहनत रंग लाइ और सुचित्रा एक दिन चलने के लिए तैयार हो गई मेरे साथ |
         नया साल आया तो सुचित्रा को फिर से बोला कि चलो तो ओ 6  जनवरी 2014 शुक्रवार के लिए तैयार हो गई तो मैं पास के ही बड़े  शहर के एक बहुत अच्छे होटल एक कमरा बुक करवा लिया ऑनलाइन पेमेंट करके और सुचित्रा को बोला कि साड़ी पहन कर चलना जिससे होटल वाले सक नहीं करे तो अगले दिन 7 बजाकर 20 मिनट पर सुचित्रा को  बुला  लिया  सुचित्रा ने लाला रंग कि साड़ी और मेचिंग ब्लाउज पहन रखी थी मैं भी केसरिया रंग कि सर्ट और जीन्स पहन रखा था सुचित्रा को मेरी इंडगो  कार में बिठाकर सुबह साढ़े 9 बजे तक उस होटल में  पहुच गए होटल वाले ने सिर्फ मेरा आइडेंटी देखा और हम दोनों कमरे के अंदर पहुच गए कमरे के अंदर जाते ही मैंने चाय और नास्ते का आर्डर दे दिया और बाथरूम में घुसकर एक वियाग्रा के टेबलेट ले लिए जिससे सुचित्रा कि ऐसी चुदाई करी कि ये मेरे लण्ड कि दीवानी हो जाए | कमरे के अंदर पहुचते ही मैंने उसे पकड़ कर चिपका लिया और ढेर सारे किस कर लिया जबाब में ओ भी मेरे से चिपक गई और किस करने लगी , कुछ देर किस करने के बाद मैंने मोबाइल में ब्लू फ़िल्म चालु करके उसे दिखाने लगा , ओ पहले तो सरमाई और बाद में बोली बहुत मस्त मस्त है इसमें तो मैंने पूछा कि मस्त मस्त से मतलब तो बोली इत्ता बड़ा होता है आदमियो का तो मैंने बोला हां होता है फिर मैंने पूछा क्यों तुम्हारे पति का कितना बड़ा है तो उसने बोला कि ''छोटा सा पतला सा'' है  उनका तो और तब मैंने उसके बूब्स को दबा दिया और किस करने लगा इतने में बेटर आ गया नास्ता लेकर हम दोनों ने नास्ता किया तब तक 9 बजकर 40 मिनट हो गए, ठंडी बहुत थी पर ''एयर कंडीशनर'' रूम था इस कारण ठण्ड नहीं लग रही थी, सुचित्रा ने बोला दिखाइये ना ओ फ़िल्म फिर से तो मैंने मोबाइल में फिर से ब्लू फ़िल्म स्टार्ट कर दिया
सुचित्रा इस तरह से मेरे ऊपर चढ़कर प्यार करने लगी
सुचित्रा बड़े चाव से देखने लगी तो  मैं सुचित्रा के बगल में लेट गया और उसे प्यार करने लगा कुछ देर बाद सुचित्रा ने फ़िल्म देखना बंद कर दिया और मेरे ऊपर चढ़कर मुझे किस करने लगी अपनी जीभ से मेरे जीभ को चाटने लगी, मैं सुचित्रा को प्यार करने लगा और धीरे से साड़ी को उसके वदन से अलग कर दिया और सुचित्रा को खीच कर अपने ऊपर कर लिया और उसकी पीठ को गाल को बाहो को सहलाने लगा और ब्लाउज के हुक एक एक करके  खोल दिया , सुचित्रा कि लाल रंग कि ब्रा दिखाई  देने लगी मैं सुचित्रा के बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा और धीरे से ब्रा के हुक खोल लिया तो सुचित्रा के बड़े बड़े मस्त मस्त बूब्स आजाद हो कर मेरे सीने  में लोटने लगे तो मैं एक बूब्स की निप्पल को जीभ से सहलाने लगा और दूसरे बूब्स को हाथ हाथ से सहलाने लगा अब सुचित्रा गर्म पड़ने लगी तो मैंने सुचित्रा के ब्लाउज को अलग करने लगा तो सुचित्रा उठी और अपने सभी कपडे उतार कर नंगी हो गई ,

सुचित्रा मजुमदार कि ओरिजनल चूची ही है ये फोटो  मोबाइल से लिया है

''ओह माई गाड़ '' क्या मस्त जिस्म है सुचित्रा का बड़े बड़े स्तन बिना लटके हुए , मोटी मोटी चिकनी चिकनी जांघे , मैं सुचित्रा को बिस्तर में गिरा दिया और उसके वदन के एक एक अंग को किस करने लगा सुचित्रा मेरे मजबूत जिस्म पर हाथ फेरने लगी और  कुछ देर में सुचित्रा ने मेरे सर्ट कि बटने  खोलने  लगी और एक हाथ से पैंट के ऊपर लण्ड पर हाथ घुमाने लगी तो मैं बिस्तर में लेटे-लेटे ही शर्ट उतार दिया और पैंट का हुक खोल दिया तो सुचित्रा ने मेरी पैंट को उतार कर रखने लगी तो पीछे  कि जेब  में रखे हुए सिक्के फर्श में गिर गए तो सुचित्रा उन्हें बीनने लगी झक झुक कर उस समय सुचित्रा कि चुचिया देखते बन रही थी चुचिया भी फर्श पर लोट जा रही थी जब तक सुचित्रा ने सिक्के बिना, तब तक मैंने मेरी चढ्ढी और बनियान को उतार दिया और 11 इंची लंबा और खूब मोटा लण्ड को खड़ा करके लेट गया [मैं जब 22 साल का था तब लण्ड को सांडे  के तेल लगलगा कर खूब मोटा और लंबा कर लिया था, मेरी बीबी मेरे लण्ड कि बहुत दिवानी  है ] जब सुचित्रा सिक्के बीन लिया और टेबल में रख कर बिस्तर कि तरफ घूमी तो मेरे खड़े लण्ड को देखा तो मुह पर हाथ रखलिया और बोली ' उई माँ 'इतना बड़ा है ये और मोटा भी ,इतना कहकर अपने हाथ को मेरे लण्ड के पास लाइ और बोली ये तो मेरे हाथ से भी ज्यादा मोटा है और लण्ड को हाथ से पकड़ कर खिलाने लगी और लण्ड को किस कर लिया तो मैंने उसे पकड़ कर खीच लिया बिस्तर पर और बगल में लिटा लिया और उसकी चुचियोकि निप्पल को जीभ से हिलाने लगा और हाथ उसके जिस्म पर घुमाने लगा ओभी मेरे सर पर कंधो पर हाथ घुमाने लगी और एक हाथ से लण्ड को पकड़ कर दबाने लगी तब मैं उठ गया और सुचित्रा की दोनों टांगो को फैला कर सुचित्रा कि चूत को चाटने के लिए झुका तो जल्दी से उठ गई और बोली ''छि छि क्या कर रहे हो ,बहुत गंदे हो आप ये कोई मुह लगाने की चीज है क्या '' तो मैंने कहा कि '' हां क्या बुराई है चाटने में '' तो ओ बोली ''नहीं मत  करिये ऐसा मुझे पाप लगेगा '' तब मैंने बोला '' कोई पाप नहीं लगता है '' तब भी ओ नहीं मानी और जांघो को समेट लिया तबमैं उससे पूछा ''क्यों तुम्हारे हस्बैंड कबि नहीं मुह लगाते थे क्या '' तो बोली कि '' नहीं '' तब मैंने उससे कहा कि ''एक बार चटाकर देखो बहुत  मजा आयेगा '' तो बोली कि '' इसमें कैसा मजा आयेगा '' तो मैंने बोला '' एक बार चटाओ तो सही तब सुचित्रा '' रुकिए दो मिनट'' और अपना पेटीकोट लेकर अपनी चूत को साफ़ किया और बोली  ''अब साफ़ हो गई '' तब मैंने उसकी चूत को चाटने लगा चूत में छोटे छोटे बाल थे चूत ऊपर ऐसा लगता है जैसे 15 -20 दिन पहले झांठ बनाया हो ,मैं चूत के अंदर तक  जीभ डाल -डाल कर चूत को चाटने लगा सुचित्रा मेरे सर पर पहले तो हाथ घुमाती रही पर जब खूब गरम पड़ गई तो मेरे सर को हाथ से हटाने लगी और
सुचित्रा कि पहली चुदाई ऐसे ही किया
बिस्तर पर तड़पने लगी इधर उधर करने लगी अपने जिस्म को और मेरा हाथ पकड़ पकड़ के खीचने लगी पर मैं उसकी चूत का पानी बिना चोदे निकालने के मूड में था सुचित्रा मछली कि तरह बेड पर तड़पने लगी वो जल्दी से मेरे लंड को अपने अंदर लेना चाहती थी, उसने कहा कि जल्दी करो वरना मेरी जान निकल जाएगी सर जी तब मैने अपना लंड उसके चूत पर टिकाते हुए सरीर का हल्का सा बजन रखते हुए  एक धक्का दिया  मेरा सुपाड़ा उसके चूत के कोरों को चीरने लगा उसकी चूत सकरी थी  वो हलाल होते हुए बकरे की तरह कराहने लगी  उसकी चूत में मोटे लण्ड का चीरा जो लग रहा था इतना मोटा लंड लेकर के वो जाती भी कहां, घुसेड़ते हुए मैने उसकी चूचियो को मसलना  जारी रखा  धीरे धीरे आधा लन्ड घुसेंड कर मैने उसके होटों को अपने होटों में किस  लिया  अब मैं पूरा अंदर घुसेड़ने वाला था पर वो चिल्लाए न, इसलिए मैने उसको होठों से चुप कर दिया  उसकी फैलती आंखें बता रहीं थीं कि उसको मेरे लंड के पूरा अंदर जाने का आभास था और मैने दबोच कर उसको चोदने से पहले अपने दोनों हाथों से उसके दोनों हाथ दबोच लिये जिससे ओ मुझे रोक नहीं पाये  अब एक झटका और वो मछली की तरह छटपटाने लगी, आह आह आह आह उ उ उ उ उ उई माँ उई माँ आह आह आए आ आ  करते हुए उसने अपने हाथ छुड़ाने की कोसिश की, लेकिन प्यार किया तो डरना क्या, रानी जब खुद चुदा रही हो तो मोटे लंड का उत्सव मनाओ ना इतना कहते हुए मैंने प्यूरी ताकत से लंड को जड़तक अंदर घुसेड़ दिया  अब वो हांफने  लगी  थी  मैने धक्के तेज कर दिये थे, बेदर्दी से चोदते हुए। वह बुदबुदा रही थी, बदहवासी में कुछ कहने लगी बोली आपको को चूत दी है फाड़ने के लिए कि चोदने के लिए पर आपने तो इसे पूरा ही फाड़कर ढीली कर देगे  किसी काम का ना छोड़ा मुझको, फाड़ के रख दी मेरी  अब मैं अपने पति को क्या दूंगी  फटा हुआ भोसड़ा और बेसर्मी कि हदे पार करते हुए ओ बार बार कहने लगी फाड़ डालो साली इस चुत को पति के पतले और छोटे लण्ड से इतना कभी नहीं फटी थी आप तो धक्के मार मार कर फाड़ डालो बस मजा आना चाहिए, मेरा लण्ड सुचित्रा कि चूत में एकदम से फिट था ज़रा सा भी ढीला नहीं था पर मैं उसकी बेसर्मी को देखकर हैरान था पर मेरा लण्ड और फड़फड़ाने लगा और मैने कहा, अब तुम्हारा पति ज्यादा खुश रहेगा, तेरे साथ, जब उसे चोदने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी तो वो आराम से अपने छोटे ढीले ढाले नूने के साथ तुम्हें चोदेगा और जल्द ही झड़ के निढाल हो जाएगा तो ओ हांफते हुए कहने लगी अरे ओ तो इतना देर तक नहीं करता ओ तो अभी तक फ़िरसत होकर बगल में गिर जाता और मैं तड़पती रहती आज तक उसने मुझे ऐसा नहीं चोदा इतनी देर तक  मैने उसे चोदना जारी रखा, धीरे धीरे उसने कमर रिदम में नचानी शुरु कर दी थी और अब उसको दर्द भी नहीं हो रहा था  क्रमश; चुदते हुए उसने अपनी गांड उपर नीचे करके लंड को अंदर लेने की व्यग्रता को प्रदर्शित करना जारी रखा और मैने बेदर्द झटके देने जारी रखे  लन्ड उसके छोटे छेद में फना होकर अपनी औकात पर आ गया था सच है लंड कैसा भी हो उसकी औकात छोटी से छोटी चूत उसे समझा ही देती है अब बारी थी उसके स्तन पीने की  मैने चोदते हुए उसके दोनों चूंचे पकड़े और बारी बारी से उनका पान करना शुरु कर दिया  धकाधक और पकापक की आवाजों के साथ चूत के अंदर बोरिंग करता मेरा लंड अब उसकी सारी हवा निकाल चुका था सुचित्रा बडे मेजे से चुदा रही थी मैं उसके ऊपर चढ़कर मस्त मस्त झटके दे रहा रहा सुचित्रा ने पहले तो मेरे कमर में हाथ लगा रखी थी बाद में उसने मेरे चूतड़ो पर हाथ रखकर धक्के मारने के लिए सहयोग करने लगी अपने हाथो से मेरे चूतड़ो को आगे पीछे करती मेरे झटके के साथ साथ और मुह से आह आह आह आह उ उ उउउउउऊऊऊ आ आ आए आ आ आ उउउ उई ऊइओई उई माँ उइमा उइंमा उइमा आ आ आ अ आहा हा आहाह करने लगी और कहने लगी जल्दी जल्दी  मारिये न मेरी फ़ुद्दी में झटका बहुत मजा आ रहा है और इस तरह लगातार 10 मिनट तक झटके खाने के बाद सुचित्रा मजुमदार कस कर मेरी कमर को पकड़ कर चिपका  लिया मुझे मैं समझ गया ये जहर चुकी है तब मैं जल्दी जल्दी जोर जोर से झटके मारकर ढेर सारा वीर्य सुचित्रा कि चूत में  निकाल दिया और लण्ड को निकालकर बाहर किया और सुचित्रा को बोला जल्दी से उठ जाओ कही वीर्य अंदर ना रह जाए कि गड़बड़ हो जाए तो सुचित्रा कुछ नहीं बोली और प्यार से मेरे तरफ देखते रही और लेटी रही तो मैंने हाथ पकड़ कर उठाने लगा तो बोली रहने दीजिये बहुत चाहत है एक ओउलाद कि रुक जाए तो कोई दिक्कत नहीं है लाइसेंस है मेरे पास पति के नाम का और मुझे खेच कर किस कर लिया और चिपका लिया और बहुत देर तक कम्बल ओढ़े बिस्तर में पडी रही  फिर उठी और बाथरूम में नंगी ही  घुस गई मैंने घड़ी कि तरफ देखा तो 10 बजकर 15 मिनट हो गए थे , सुचित्रा बाथरूम से वापस आई और मेरे बगल में नंगी ही फिर से लेट गई सुचित्रा के आने तक मैंने चढ्ढी पहन लिया था | सुचित्रा को बोला कि चलो कपडे पहन लो कही घूम फिर आते है इस अनजान शहर में तो सुचित्रा तैयार हो गई और उठकर कपडे पहनने लगी , सुचित्रा अपनी बेग में टॉप और जींस रखकर आई थी उसे पहन कर तैयार हो गई और हम दोनों 11 बजे तक होटल से बाहर निकल लिए और सिटी के एक बड़े से शापिंग माल में चले गये जहा पर सुचित्रा ने तीन बड़ी साइज़ के  कप वाली स्पंज लगी ब्रा लिया तीन लैगीज और अच्छे अच्छे कुर्ती लिया मेकअप के लिए कुछ सामान लिया इस तरह कुळ 3000 हजार का बिल बना जसी मैंने दे दिया फिर हम 1 बजे तक होटल में वापस आ गया सुचित्रा से पूछा क्या मगाउ खाने में , तो सुचित्रा ने कहा कि मटन खाने कि इच्छा है तो मैंने बैरे को बुलाकर दो तंदूरी चिकन और रोटी ,चावल मगाया दोनों ने साथ में खाना खाये तब तक 2 बज गए [मैंने डेढ़ बजे एक वियाग्रा कि गोली चुपचाल निगल लिया था बाथरूम में घुस कर] मेरा लण्ड फिर से सुचित्रा कि चूत को फ़ाड़ने के लिए फड़फड़ाने लगा, सुचित्रा ने अपने टॉप -जींस को  उतार दिया और नै वाली ब्रा को पहन कर देखने लगी कांच के सामने ,स्पंज लगी ब्रा में सुचित्रा कि चुचियाँ और मन मोहक लगने लगी ,मैंने सुचित्रा  को बोला कि लैगीज और कुर्ती पहन कर बताओ तो सुचित्रा ने पहन कर दिखाया वाव वाव क्या मस्त लग रही थी सुचित्रा लैगीज और कुर्ती में मस्त मस्त बड़े बड़े बूब्स स्पंज वाली ब्रा में और सेक्सी लगने लगे मैंने सुचित्रा के बूब्स को दबाते हुए उठाकर विस्तर में गिरा दिया सुचित्रा मजूमदार को और जोर जोर से किस करने लगा और एक एक करके सारे कपडे उतार दिया सुचित्रा के और नंगी कर दिया और सुचित्रा कि चूत को फिर से चाटने लगा 3 मिनट बाद ही सुचित्रा फिर से आग कि तरह तपने लगी और मेरे लण्ड को पैन्ट के ऊपर से पकड़ने लगी तो मैंने भी मेरे सभी कपडे उतार कऱ  सुचित्रा के पास 

लेट गया और सुचित्रा को लण्ड कि तरफ इशारा किया और बोला कीमूह में डाल कर किस करो तो सुचित्रा बोली कि नहीं मुझे घिन छूटती है तो मैंने बोला इसमें घिन वाली क्या बात है कौन से गंदगी लगी है उसमे तो बोली नहीं घिन लगती है तो मैं बोला रुको मैं धो कर आता हु और बाथरूम से लण्ड को साबुन लगाकर धोकर आया और बोला लो अब तो टीक है तो सुचित्रा ने कहा कि मेरा मन नहीं पड़ता है तब मैंने उससे कहा कि एक बार लेकर मुह में देखो कितना मजा आता है तो सुचित्रा तैयार हो गई और डरते -डरते लण्ड को मुह में डाल लिया और चूसने लगी तो मैं उसे रोकते  रुको और मैं 69 कि पोजीसन में आ गया मैं सुचित्रा मजुमदार कि चूत और ओ मेरे लण्ड को चूसने लगी जैसे जैसे सुचित्रा कि चूत को चाटते गया उसी जोश के साथ सुचित्रा मेरे लण्ड को चूसने लगी लण्ड फनफना कर इतना मोटा पड़ गाय कि सुचित्रा के मुह में समा ही नहीं  रहा था तो मैं लण्ड को खड़ा लेट गया और सुचित्रा को बोला कि
सुचित्रा मजुमदार ने इस तरह से मुझे चोदा
इसे डाल लो चूत में और उस वीडिओ [सुनी लियोन का वीडिओ दिखाया था] कि तरह चोदो मुझे तब सुचित्रा मेरे लण्ड को अपने बुर में फॅसा लिया और खड़े लण्ड पर मलखम्भ करने लगी [मैं  इस बार लम्बी चुदाई के मूड में हु इस कारण सुपाडे की चमड़ी पीछे किया बिना कंडोम चढ़ा लिया था] जब सुचित्रा कूदती मेरे लण्ड के ऊपर तो उस समय पर सुचित्रा कि चुचिया ऊपर नीचे बड़े मदमस्त अंदाज में लगती मैं सुचित्रा कि चुचियो को चूसता जब ओ मेरे ऊपर झुकती और कभी कभी चुचियो को दबाता सुचित्रा ने इस तरह से लगातार 8 मिनट तक मेरे ऊपर कूदती रही पर जब जब स्पीड बढ़ाती तो लण्ड बहार निकल जाता तो जल्दी से लण्ड को अंदर करती और फिर कूदने लगती फिर कुछ देर में हांफते  हुए बोली ''आप करो न मैं थक गई'' तब मैं सुचित्रा को घोड़ी बना दिया और

जोर जोर से झटके मारने लगा सुचित्रा पलट पलट कर मेरे सीने पर हाथ घुमाती तो मैं और जोश के साथ सुचित्रा कि चूत में झटके मारता सुचित्रा मुह से जोर जोर से आह आह आह अह ह्ह्ह आ आ आ आ आ उ उ उ उउ उ उउउउ आ आ आ औ ई  स्स्स्स्स  आह आह आह आह आह अ कि जोर जोर से आवाज निकलती मैं जोर जोर से झटके मारता  इस पोजीसन में पूरा लण्ड अंदर तक घुसता और यूट्रास्ट [बच्चेदानी] के मुह तक जब ठोकड़ लगता तो सुचित्रा को चरम आनंद कि अनुभूति होती सूचीतरा बड़े प्यार से चुदाती रही मैं चोदता रहा मैं पुरे जोस के साथ दोनों पाँव के बल आधा खड़ा हो गया और पूरी ताकत लगाकर झटके मारने लगा लगभग 7 मिनट तक झटके खाने के बाद सुचित्रा बिस्तर में पेट के बल लेट गई मैं समझ गया ये झड़ चुकी है तब मैं सुचित्रा के चूतड़ को पकड़ कर फिर से घोड़ी बना दिया और लण्ड के ऊपर से कंडोम निकालर सुचित्रा के चूत में घुसेड़ दिया और लगातार जल्दी जल्दी अनगिनत झटके मार कर ढेर सारा वीर्य निकाल दिया और सुचित्रा को पेट के बल लिटाते हुए लण्ड को अंदरडालकर सुचित्रा के ऊपर लेटा रह 2 मिनटक तक उसके बाद उठा तो सुचित्रा भी उठी तो ढेर सारा वीर्य बहाकर सफ़ेद चादर में लग गया तो सुचित्रा ने जल्दी से अपने पेटिकट से पोछ दिया और नंगी ही बाथरूम में घुस गई मैं भी उसके पीछे पीछे घुस गया सुचित्रा जोर से सी सी सीईईईईईईईईई करके पेसाब करने लगी मैं भी उसके पास बैठ कर पेसाब करने लगा मेरा लण्ड अभी तक तना हुआ खड़ा था वियाग्रा के असर  के कारण सुचित्रा उठी और मेरे लण्ड कि तरफ देखी और बोली बहुत मजेदार है आपका ये और झुक कर चूम लिया और बोली ये अभी तक ठंडा नहीं पड़ा क्या तो मैं बोला पद गया है कुछ देर बाद लटक जायेगा तो सुचित्रा ने कहा कि उनका [सुचित्रा के पति का] तो अंदर ही सुसुक कर निकलता है ये बाते करते करते हम दोनों बाथरूम से बाहर आये घडी में देखा तो 2 बजकर 25 मिनट हो गए थे  सुचित्रा ने ब्रा और पेंटी पहन कर लेट गई मैं भी चढ्ढी बङिायं पहन कर सुचित्रा के पास लेट गया और बाते करने लगा होटल के बैरे को एक एक गिलाश गर्म दूध लाने का आर्डर दे दिया 10 मिनट बाद बैरा दूध देखर चला गया दोनों ने दूध पीया और बाते करने लगे कुछ ही देर में सुचित्रा सो गई मैं भी उसके वदन पर हाथ घुमाते हुए सो गया करीब 4 बजे नींद खुली मेरी तो मैंने सुचित्रा को किस करने लगा नींद में ही और सुचित्रा कि ब्रा का हुक खोल दिया और सुचित्रा को अपनी तरफ घुमा लिया और उसके चूत को सहलाने लगा इतने में सुचित्रा कि भी नींद खुल गई तो मैं उसके होठो को किस करने लगा तो बोली अब बस भी करिये बहुत थका लिया आपने इतना तो सुहागरात में नहीं थकी थी जितना आपने आज थका लिए तब मैंने बोला बस एक बार और हो जाए तो सुचित्रा ने अपनी टाँगे फैलाया और बोली लीजिये जल्दी निपट लीजिये आप, मुझे तो इच्छा नहीं है तो मैंने बोला रुको अभी 2 मिनट में तुम्हे भी तैयार कर देता हु और इतना कह कर सुचित्रा कि चूत को चाटने लगा कुछ ही देर में सुचित्रा सेक्स के लिए तैयार हो गई तो सुचित्रा को पलंग के किनारे पर खीच  कर लाया और मैं पलंग के नीचे खड़ा होकर सुचित्रा कि दोनों टांगो को हाथ से पकड़ कर उठा लिया और चूत में लण्ड को घुसेड़ कर खड़े खड़े झटके मारने लगा लगातार 5  मिनट तक [चुदाई के बाद एक घंटे में फिर से चुदाई करो तो वीर्य कम हो जाता है और बहुत गाढ़ा पड़ जाता और बहुत देर तक चुदाई कि जा सकती है]

सुचित्रा को उठा कर हवा में झूला झुला कर चोड़ा
लण्ड के झटके मारता रहा ओ बड़े अजे के साथ चुदाती रही जब सुचित्रा खूब गरम पड़ ग तो बार बार उठ जाती और मुझे चिपाकाने के लिए हाथ से खिचती पर मैं बार बार झटके मार मार -मार कर सुचित्रा कि चुदाई करते रहा  कुछ देर में सुचित्रा  रोक पाई और बिस्तर में से घुसे हुए लण्ड  खड़ी हुई और चिपक गयी मेरे से तब मैंने सुचित्रा को उठा लिया तो सुचित्रा ने अपने दोनों हाथो को मेरे गर्दन में दाल कर लटक गई मैं सुचित्रा के चूतड़ो में हाथ लगा लिया और उछाल उछाल कर चोदने लगा और सुचित्रा बड़े मजे से चुदाती रही और फिर 5 मिनट बाद सुचित्रा ने पानी छोड़कर निढाल हो गई तब मैं जल्दी जल्दी सुचित्रा को 15-20 हवा में उछाला जोर जोर से और स्खलित हो गया तो सुचित्रा को बेड पर गिरा दिया और लेट गया सुचित्रा जोर जोर से हाफ रही थी 5 मिनट तक बेसुध पडी रही बिस्तर पर फिर उठी बाथरूम में पेसाब क्या और दोनों जल्दी जल्दी तैयार होकर होटल से 4 बजकर 30 मिनट पर बाहर आ  गए  और रास्ते भर बाते करते हुए साढ़े पांच बजे अपनेसिटी आ गए सुचित्रा को रोड से कुछ दूर हि उतार दिया ओ अपने घर चली गई | 
                     उसके बाद से आज तक 4 बार और चोदा सुचित्रा के घर में जब भी मोका मिला उसके पति कि अनुउपस्थित में सुचित्रा अब मेरे लण्ड कि दीवानी हो गई | सुचित्रा ने बताया कि अब उसके पति से चुदाने का  आता आपका लण्ड मोटा और बहुत ताकतवर है | बंगाली औरते बहुत  मजा देती है चुदाने में |

Sunday, 26 January 2014

बुआ कि चुदाई

बात आज से लगभग ५ साल पहले की है जब मैं १८ साल का था। स्कूल में शीतकालीन छुट्टियां थी, मैं अपने दोस्त श्यामू की बुआ के घर दुर्ग गया था। बुआ के यहाँ पर कुल थी लोग ही रहते हैं एक बुआ, उनकी सास और श्यामू । बड़े भैया दूसरे शहर में नौकरी करते हैं और उनकी लड़की की शादी हो चुकी है। फूफा जी का देहांत बहुत पहले हो चुका है।
अब मुद्दे की बात पर आते हैं। एक रोज मैं सुबह सो कर उठा तो पाया कि श्यामू जिम जा चुके थे और दादी (बुआ की सास) अपने कमरे में थी। श्यामू और बुआ के कमरे के बीच एक खिड़की है जो कि ठीक से बंद नहीं थी। अचानक मेरी नज़र बुआ के कमरे में गई तो देखा कि बुआ बाथरूम से नहाकर आ रही हैं। उस समय बुआ ने केवल गाउन पहना था और आते ही अपना गाउन उतार दिया क्योंकि उन्हें स्कूल जाने की जल्दी थी। बुआ स्कूल टीचर हैं। उन्होंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था, मैं पहली बार किसी औरत को इतने पास से इस हालत में देख रहा था, बुआ के बड़े बड़े ३८" उरोज , गोरा दुधिया जिस्म, मोटे गदराये चूतड़, काली काली झांटें मेरे दिलो दिमाग पर छा गए।
  उस दिन के बाद मैं हमेशा बुआ के कमरे में ताकता रहता, जब भी बुआ झुक कर काम करती, उनके बड़ी बड़ी चूचियों और चूतड़ों को घूरता। कभी कभी जब बुआ घर पर नहीं होती तो उनकी ब्रा पैंटी से खेलता, बुआ को सोच कर मुठ मारता, मतलब कि अब मैं बुआ को चोदना चाहता था पर मेरी बुआ बहुत सख्त है इसलिए पहल नहीं कर पाया।   पर एक दिन मुझे मौका मिल गया। श्यामू की नाईट शिफ्ट थी, मैं बुआ के कमरे में मूवी देख रहा था, दादी अपने कमरे में थी। इतने में बुआ ने कहा कि उनके शरीर में दर्द हो रहा है और बुखार जैसा लग रहा है, तो उन्होंने मुझे अपने पैर दबाने के लिए कहा। पहले तो मैं उनके पैर को सिर्फ घुटनों के नीचे तक ही दबा रहा था, तो उन्होंने कहा कि दर्द थोड़ा ऊपर है। फिर जैसे ही मैंने उनकी जांघ पर हाथ लगाया, क्या एहसास था एकदम नरम नरम गदराये जंघे, मैं जोश मे आने लगा, धीरे धीरे मैं अपना हाथ ऊपर ले जाने लगा। जैसे ही मैंने कूल्हों पर हाथ लगाये मुझे करंट लगा क्योंकि अन्दर पैंटी नहीं थी। उनके चूतड़ का स्पर्श पाकर मेरा लण्ड खडा हो गया। पर इतने में ही बुआ ने मुझे पैर दबाने से मना कर दिया। मैं थोड़ी देर मूवी देख कर बुआ के पास ही सो गया। मुझे नींद कहाँ आने वाली थी, लगभग एक घंटे बाद जब बुआ गहरी नींद में सो चुकी थी तब मैंने धीरे से अपनी एक टांग बुआ के दोनों टांगों के बीच में इस तरह डाल दी कि मैं नींद में हूँ। थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहने के बाद मैं अपनी जांघ उनकी जांघ पर रगड़ने लगा, मैं बहुत जोश में आ चुका था। मैं अब हाथ उनके बड़ी बड़ी चूचियों पर रख कर हल्के हल्के दबाने लगा। डर भी लगा रहा था और मज़ा भी आ रहा था। फिर मैंने धीरे से अपनी हथेली उनकी चूत पर रख दी। अब मुझे उनकी झांटें महसूस हो रही थी। कुछ देर इसी तरह धीरे धीरे चूत सहलाने से शायद बुआ जाग गई थी पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। मेरा इरादा अब उनकी नंगी चूत देखने का हुआ। अब मैं धीरे धीरे उनका गाउन घुटनों के ऊपर करने लगा। ठीक चूत तक आ कर उनका गाउन पैर के नीचे अटक गया। नीचे से मैं उनकी चूत छूने लगा। अचानक बुआ ने मेरी तरफ मुँह करके करवट ले ली जिससे उनकी चूत अन्दर की ओर भींच गई। अब मुझे उनकी चूत छुते नहीं जम रहा था तो मैंने बड़ी बड़ी चूचियों को दबाना चालू कर दिया। बुआ ने अपना एक हाथ मेरे पीठ पर रख दिया। मुझे लगा कि बुआ भी तैयार है। अब मैंने बड़ी बड़ी चूचियों को जोर से दबाना चालू कर दिया। अचानक बुआ ने मुझे जोर का धक्का किया और मैं उनसे अलग हो गया। बुआ नींद से जाग चुकी थी। मुझे डर लगने लगा कि बुआ क्या बोलेगी और थोड़ी देर मैं सो गया।   रात को नींद में मुझे लगा कि कोई भारी सी चीज मेरे टांगों के ऊपर है। मैंने आँखें खोली तो बुआ ने अपनी एक टांग मेरे ऊपर डाल रखी है और मेरा लण्ड उनके जांघ से रगड़ रहा है। धीरे धीरे मेरा लण्ड खड़े होने लगा पर मुझे डर भी लगा रहा था कि अब अगर बुआ जाग गई तो न जाने क्या करेगी इसलिए मैं वैसे ही चुपचाप सोया रहा पर लण्ड पर नरम नरम स्पर्श लण्ड को और भी खडा कर रहा था। नींद मुझसे कोसों दूर थी पर मैं कुछ करने से भी डर रहा था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने सोचा कि मुठ मार कर शांत हो जाता हूँ पर लण्ड के ऊपर तो बुआ की जांघ थी। मुठ मारने के लिए मैंने बुआ की जांघ को थोड़ा और ऊपर करके अपने नाभि के ऊपर ले आया ताकि मैं लण्ड हिला सकूं। धीरे धीरे मैं लण्ड हिलाने लगा, मेरे शरीर में सनसनी होने लगी, इतने में ही बुआ ने अपने जांघ पर हाथ फेरा तो उनका गाउन ऊपर हो गया क्योंकि अन्दर पैंटी नहीं थी, उनके चूतड़ बिल्कुल नंगे हो गए थे। मैंने धीरे से उनके चूतड़ों पर हाथ फिराया। बुआ मुझसे चिपकने लगी। अब मैं भी बुआ की तरफ मुँह करके उनसे चिपक गया और इन्तजार करने लगा कि बुआ पहल करेगी और हुआ भी यही। बुआ धीरे धीरे मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी। अब मैं उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को दबाने लगा, उनको चूमने चाटने लगा। हम दोनों काफी गरम हो गए थे अब मैं उनकी चूत को रगड़ने लगा। बुआ भी मुझे जोरों से चूमने लगी और जोश में आ कर कहने लगी- तूने मेरी प्यास को फिर से जगा दिया है ! बुआ को पीठ के बल लिटा कर मैंने उनका गाउन निकाल दिया। अब बुआ बिलकुल नंगी मेरे सामने लेटी थी। मैंने उनसे पूछा तो बोली कि रात को सोते समय वो ब्रा, पैंटी नहीं पहन ती हैं। मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए। पहले तो मैंने बुआ के होटों को चूमा, चूसा, अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी। बुआ की साँस जोरों से चलने लगी। मैं कभी उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को दबाता तो कभी उन्हें मुँह में लेकर चूसता, दांतों से काटता, बुआ के मुँह से सिस्कारियां निकल रही थी, वो मुझे अपने बाँहों में जकड़े जा रही थी। अब मैं उनकी झांटों को सहला रहा था, दो उँगलियाँ उनकी चूत में डाल कर हिला रहा था और जीभ से चूत के दाने को चूस रहा था। बुआ पूरी तरह उफान पर थी। वो दोनों हांथों से मेरे सर को अपने चूत पर दबा कर रगड़ने लगी और सिस्कारियों के साथ मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैं उनके चूतरस का पान करने लगा। झड़ते ही बुआ ने मुझे चित्त लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई। पहले तो उन्होंने मेरे होठों को चूमा, फिर मेरी जीभ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरे छाती पर चूमा, मेरे लण्ड को सहलाने लगी। १० मिनट बाद ही मेरा लण्ड फिर तैयार हो गया। मैंने सीधे बुआ की चूत में अपनी जीभ डाल दी और जीभ से उन्हें चोदने लगा। बुआ ने मेरा सर पकड़ रखा था और चूत पर दबाये जा रही थी। फिर उन्होंने कहा- अब और मत तरसा ! चोद मुझे ! जोर जोर से चोद ! मैंने उनकी टांगों को पकड़ के फैला दिया अपना लण्ड उनकी चूत पर रख कर झटका मारा। एक ही बार में मेरा आधा लण्ड उनकी चूत में था। वो चिल्ला उठी क्योंकि कई बरसों बाद चुद रही थी। १५ मिनट उसी तरह चोदने के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदा। कुछ समय बाद मैं मंजिल के करीब था तो बुआ ने कहा- अंदर ही झड़ जाओ ! कई सालों बाद आज चूत गीली होगी ! और मेरे लण्ड ने बरसात कर दी। मैं और बुआ दोनों संतुष्ट हो कर हांफ रहे थे।

Friday, 17 January 2014

दोस्त की बीबी कि चुदाई के साथ '' थर्टी फर्स्ट '' मनाया


                  ये घटना अभी 31 दिसंबर 2013 कि है | 


रेखा ऐसी ही सेक्सी ,स्मार्ट है 
  मेरे घर में 4 जनवरी 2014 को सादी  थी जिसमे मेरी पत्नी और दोनों बच्चो को गाव जाना था पर मुझे नहीं जाना था इतने दिन तक दूकान बन्द करके मेरे इस कारण मेरे खाने कि समस्या आ गई तो मेरी पत्नी ने दोस्त कि पत्नी से कहा कि तुम खाना बना दोगी इनके लिए  तक तो रेखा [दोस्त कि बीबी का नाम है] बोली बना दुगी तब मेरी पत्नी जी बड़े आराम से 22 दिसंबर 2013 को गाव चली गई और दोस्त कि बीबी रेखा रोज खाना बनाने आने लगी |  

   मैं और मेरा दोस्त गाव से  है एक ही जिले से है पर हम दोनों अपने पैतृक गाव में नहीं रहते है बल्कि दूसरे शहर में रहते है हम दोनों एक ही जाती के है इस कारण दोस्ती बहुत अच्छी है | मेरे शहर में मेरा एक छोटा सा बिजेनस है मेरे घर के पास 4 -5 घर छोड़कर ही दोस्त के पापा -मम्मी उसके छोटे भाई के साथ  रहते है जहा पर दोस्त का आना -जाना लगा ही रहता है दोस्त का घर मेरे घर से आधा किलोमीटर की  दुरी पर है | रेखा को दो लड़किया है एक कि  18 साल कि जो अपने दादा -दादी के साथ ही रहती है और एक कि उम्र 10  साल होगा जो रेखा के साथ रहती है | मेरे भी एक लड़का और एक लड़की है लड़की 22 साल कि है कालेज में और लड़का 12 में पढता है दोस्त मुझे बड़े भाई कि तरह मानता है सभी त्योहारो में मेरा पाँव भी छूता है रेखा भी उसी तरह मानती है मेरे से ज्यादा बाते करते समय सरमाती है , दोस्त मेरे से 4 साल छोटा है रेखा कि उम्र 38 साल के आसपास होगी पर ओ आज भी 32  साल कि लगती है मस्त मस्त बड़ी बड़ी कसी हुई चुचिया बड़े बड़े चूतड़ मोटी मोटी जांघे रेखा हमेसा ही साड़ी पहनती है  ससुर के कारण पर ब्लाउज के नीचे बड़े बड़े सेक्सी बूब्स बहुत सुन्दर लगते है | दोस्त  एक फैक्ट्री में नौकरी करता है सुपरवाइजर है | 
रेखा कि चुचिया कुछ इसी तरह से मस्त मस्त लगती है ब्लाउज के अंद
दोस्त और मैं कई बार फेमली के साथ मेरे कार से घूमने जा चुके है बाहर इस कारण दोस्त कि बीबी भी कुछ घुल मिल गई है पर बाते ज्यादा नहीं होती है ओ मुझसे सरमाती है पर अब रोज रोज आने लगी खाना बनाने के लिए तो अब बाते भी करती | 26 दिसंबर को रेखा कि  सुबह सुबह 7 बजे मिस काल आ गई मैं सो रहा था जब मैंने फोन किया तो बोली कि आज से आप मेरे यहाँ ही खाना खा लीजियेगा रोज रोज इतनी दूर जाना पड़ता है खाना बनाने के लिए आप कुछ दिन मेरे यहाँ खा लेगे तो कौन सी कमी हो जायेगी तो मैंने बोला टीक है और मैं जल्दी से नहा धो कर सुबह 9 बजे उसके घर पहुच गया तो देखा कि रेखा घर में अकेली ही है लड़की स्कूल गई थी और दोस्त के बारे में पूछ तो बताया कि ओ सुबह कि ड्यूटी में गए है ,रेखा एक टाइट  गाउन पहन रखी थी जिसमे रेखा कि बड़ी बड़ी टाइट चुचियो का उभार साफ़ साफ़ दिख रहा था रेखा ने मुझे चाय बना कर दिया और  सोफे में बैठकर चाय पीने लगी बात बात में मैंने रेखा कि तारीफ कर दिया और बोला कि '' बहुत खूबसूरत लगती हो इस गाउन में '' तो रेखा पहले सरमाई और फिर बाद में बोली '' थैंकू '' और मुस्कुरा दिया [मैं रेखा के घर पैदल ही गया था जिससे पास पडोश में ये नहीं मालूम पड़े कि कोई आया है] फिर रेखा अपने काम में ब्यस्त हो गई मैं टीवी देखने लगा तो मुझे ठण्ड  लगने लगी तो मैं रेखा को आवाज दिया कि एक कम्बल दे दे तो रेखा ने 
  बाथरूम में से आवाज दिया  कि आप बेडरूम से एक कम्बल ले लो मैं नहा रही हु तो मैं बेडरूम में घुस गया और एक
कम्बल ले आया ,कम्बल उठाते ही एक पत्रिका गिरी तो देखा कि कोई सेक्सी पत्रिका थी जिसमे गंदे -गंदे चुदाई के फोटो थे मैं उस पत्रिका को भी उठा लाया और पढने लगा कुछ देर में रेखा नहाकर बाथरूम से निकली और किचेन के घुस गई और जल्दी जल्दी खाना बनाने में लग गई क्योकि मुझे 10 दूकान  खोलना पड़ता है , रेखा ने समय पर खाना दे दिया मैं खाना खाया और दूकान पर आ गया फिर साम को खाना खाया दोस्त के साथ  और 11 बजे रात तक घर आ गया इस तरह सुबह दोस्त नहीं मिलता तो रेखा खूब बाते करती पर जब दोस्त रहता तो  ज्यादा बाते नहीं करती मेरे साथ | 29 दिसंबर को साम के जब 10 बजे रेखा के घर गया तो रेखा कि लड़की ने दरवाजा खोला मैं अंदर जाकर बैठ गया तो कुछ देर में रेखा गाउन पहने हुए चाय लेकर आई तो मैंने पूछ लिया कि उपेन्द्र नहीं आया अभी तक तो रेखा ने  कहा कि ओ आज गाव चले गए उन्हें गाव में कुछ काम है अब 3 तारिख तक आयेगे , मैं मन ही मन खुस हो गया कि सायद रेखा को चोदने का मोका  मिल जाए क्योकि रेखा मेरे सामने जिस तरह से रहने लगी थी इससे लग रहा था कि ये चुदा सकती है उस दिन मैं खाना खाया और चला आया 11 बजे रात तक ,उस दिन रेखा मुझे गेट तक छोड़ने आई और आते समय मुस्कुरा कर हाथ हिलाकर बाय भी किया ,मैं घर आने के बाद रेखा के बारे में सोचते सोचते सो गया 30 तारिख को सुबह 7 बजे जब नीद खुली तो मोबाइल उठाया टाइम देखने के लिए तो देखा कि रेखा कि मिस काल है रात के 2 बजे कि तब मैं बिस्तर में लेटे लेटे  ही रेखा को फोन किया तो फोन नहीं उठाया मैं समझ गया ये अभी सो रही होगी मैं बाथरूम में घुसा नहाया और बाहर आकर देखा कि मोबाइल में रेखा कि मिस काल है तब मैंने रेखा को फोन किया तो बोली कुछ नहीं आपकी मिस  काल देखा था इस लिए मिस काल दिया आपको , तो मैंने रेखा से कहा कि आपकी मिस काल थी रात में 2 बजे उसे देख कर मैंने फोन किया था , तो रेखा कुछ नहीं बोली मैंने जब पूछा कि क्यों किया था फोन रात को तो रेखा बोली कि घर आयेगे तो बताउगी तब मैं उस दिन सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर ही रेखा के घर पहुच गया दरवाजा बंद था आवाज दिया तो रेखा ने दरवाजा खोला और मुस्कुरा कर बोली आइये मैं अंदर गया और सोफे पर बैठ गया कुछ देर में रेखा चाय लेकर आई और पास ही बैठकर चाय पीने लगी ,रेखा इस समय टू -पीस वाली गाउन पहन रखी थी जिसमे रेखा कि पूरी पूरी पीठ  दिखाई दे रही थी और आगे कि तरफ  ब्रा के अंदर से रेखा के बूब्स झलक रहे थे मैं कुछ देर तक देखा और फिर रेखा को बोला कि ठंडी नहीं लग रही है इस गाउन में जाओ स्वेटर पहनलो नहीं तो ठंढी लग जायेगी तो रेखा ने कहा कि नहाने जा रही हु और चाय ख़त्म करने के बाद रेखा चली गई एक कम्बल देकर और मैं टीवी देखने लगा जब रेखा बाथरूम में चली गई तो मैं दबे पाँव बेडरूम में घुस गया और वही पत्रिका तलासने लगा तो ओ नहीं मिली बल्कि एक और किताब मिली जिसमे खजुराहो कि बहुत सी मुर्तियो के चित्र थे मैंने उस किताब को उठा लिया और लाकर पढ़ने लगा मुझे प्यास लगी तो मैं किचेन में गया तो देखा कि किचेन में एक ''ब्लू लेबल '' सराब कि आधी भरी हुई बोतल मिली फिर मैं वापस आकर कमरे में बैठ गया तो  कुछ देर बाद रेखा आई तो रेखा के मुह से सराब कि खुसबू आ रही थी रेखा सिर्फ एक पतली से गाउन पहन रखी थी गाउन के नीचे ब्रा और पेंटी गायब थी जिससे रेखा के बड़े बड़े बूब्स, मोटी मोटी जांघे ,बड़े बड़े चूतड़ झलक रहे थे गाउन के दो हुक खुले थे जिस कारण रेखा के बूब्स कि बीच के घाटिया साफ़ साफ़ दिख रही थी , रेखा आगे के कमरे में ही  खड़े खड़े कंघी करने लगी तब मैंने रेखा से पूछ लिया ''रेखा तुम सराब भी पीती हो क्या '' तो रेखा ने हसते हुए कहा कि ठंढी बहुत है इस लिए दो पैग ले लिया और मुझे भी बोली ''आप भी ले लीजिये दो पैग ठंडी नहीं लगेगी '' तो मैंने बोला कि दिन में नहीं लुगा क्योकि दूकान में बैठना है तो रेखा बोली टीक है रात में ले लीजियेगा [रेखा छत्तीसगढ़ कि है जहा पर सराब ज्यादा पीते है] और रेखा कुछ देर तक खड़ी रही मेरे से बाते करते मैं बार बार रेखा के बूब्स कि तरफ देखता तब भी रेखा नहीं सरमाई मैं समझ गया रेखा निमत्रण दे रही है मुझे  मैं खाना खाया और दूकान चला गया पर  रेखा जब तक रही मेरे सामने उन्ही कपड़ो में रही रेखा के बड़े बड़े बूब्स मेरी नजरो से नहीं हट रहे थे पर चोदने कि हिम्मत नहीं पड़  रही थी मैं दूकान में बैठे बैठे यही प्लान बनाता रहा कि कैसे चोदू रेखा को साम के 6 बजे रेखा ने फोन किया और बोली आते समय एक दर्जन अंडे ले आना और जल्दी आ जाना मैंने बोला टीक है और साम के 7 बजे दुकान बन्द कर दिया और अंडे लेकर पहुच गया अंडे दिया और वापस आने लगा तो रेखा ने कहा कि साम को जल्दी आ जाएगा खाना खाने  मैं बोला टीक है और साम को 8 बजे पहुच गया रेखा कि लड़की ने दरवाजा खोला मैं अंदर गया तो रेखा मुस्कुराते हुए आई और बोली बैठिये  मैं बैठ गया तो रेखा कुछ देर में चाय लेकर आई और पास ही सोफे में बैठ  गई चाय पीने लगी और चाय पीने के बाद रेखा उठी और उबले हुए अण्डे लाइ प्लेट में सजा कर और बोली लीजिये तब मैं रेखा को बोला कि आप भी लीजिये तो रेखा भी खाने लगी अण्डे रेखा कि लड़की एक अंडे खाई और बोली मम्मी मैं दादी के पास जा रही हु आती हु अभी , तो रेखा बोली टीक है जा आराम से आना- जाना तो मैं इस 'आराम' सब्द पर हैरान हो गया जबकि ज्यादा  माये तो कहती है कि जल्दी आना और ये कह रही है आराम से आना | रेखा कि लड़की जब चली गई तो मैंने  रेखा से कहा कि ठंढी बहुत है  ना आज तो रेखा बोली कि हां आज बहुत  है तब मैंने बोला कि ठंढी भगाओ ना तो रेखा उठी और सराब वा पेप्सी की बोतल और दो गिलास लाइ और बोली लीजिये  दो दो पैग लेते है [मुझे बहुत आस्चर्य लगा कि कोई औरत सराब कि इतनी सौकीन] तब मैंने बोला कि मैं पीता नहीं हु तो रेखा ने कहा कि '' जो पीता नहीं ओ जीता नहीं '' और हसने लगी और  हस्ते हुए थोड़ी थोड़ी सराब और पेप्सी गिलास डाल दिया और एक गिलास मुझे दिया और खुद भी उठा कर पीने लगी करीब आधा घंटे बाद रेखा पर  सराब के नशे का असर सुरु  हो गया रेखा एक सॉल ओढरखी  थी उसे निकाल कर सोफे पर रख दिया और सिर्फ गाउन में रह गई मैंने ज्यादा नहीं पीया इस  नशा नहीं चढ़ा जबकि रेखा 5 पैग पी गई रेखा कि गाउन के ऊपर  के दो हुक् खूले थे इस कारण रेखा की मस्त मस्त चुचियो कि घाटियाँ  दिखाई  दे रही थी  जिसे देख देख कर मेरा मन मचलने लगा ऐसा लगने लगा कि रेखा को चुचियो को मसल दू पर हिम्मत नहीं पडी रेखा बहकी बहकी बाते करने लगी  मैंने रेखा कि तारीफ कर दिया कि तुम बहुत सुन्दर हो तो रेखा ने कहा '' ओ रियली '' तो मैंने कहा कि  खूबसूरत हो इतना कहा कर रेखा को पकड़ कर चूम लिया तो रेखा लड़खड़ाती जुबान में बोली 'थन्कू ' और सोफे से उठने लगी तो लड़खड़ा गई रेखा के ऊपर  नशा चढ़ गया तो मैं रेखा को पकड़ कर बिस्तर पर लिटा दिया तो रेखा उठ गई और बोली मैं टीक हु आप बैठिये मैं खाना बनाती हु और यह कह कर किचेन कि तरफ जाने लगी तो मैंने बोला मत उठो मैं हु आज खाना फिर भी रेखा नहीं मानी और उठकर किचेन कि तरफ जाने लगी तो उसके पाँव फिर से लड़खड़ाए तो मैंने हाथ पकड़ कर रेखा को बेडरूम में ले जाकर लिटा दिया तो रेखा उलटा लेट गई तो उसकी गाउन के दो हुक और खुल गए और गाउन के अंदर से सेक्सी बूब्स दिखाई देने लगे  तो मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और रेखा के बूब्स को दबा दिया रेखा ने कोई  बिरोध नहीं किया बल्कि मेरी तरफ देख कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी तब मैं रेखा के गाल में किस कर दिया तब भी रेखा मुस्कुरा रही थी तब मैंने रेखा की ब्रा के अंदर हाथ डालकर बूब्स को खिलाने लगा और किस भी  करने लगा रेखा के होठो को किस करते करते स्तनो कि निप्पल  को किस कर लिया और गाउन को ऊपर उठा कर जांघो को सहलाने लगा इतने में रेखा कि लड़की आई और चैनल गेट को खिसकाया तो मैं समझ गया कि कोई आया तो मैं जल्दी से बेडरूम से बाहर आकर टीवी देखने लगा लिविंग रूम में इतने में रेखा कि लड़की आई और मेरे से पूछा कि मम्मी कहा है तो मैंने बोला किचेन में होगी देख लो तो ओ किचेन में गई नही मिली तो बेडरूम में गई  रेखा आ गई और किचेन में घुस गई रेखा अब टीक लग रही थी | घड़ी में देखा तो 9 बज रहे थे रेखा से खाना बनाया और खाना दिया मैने खाना खाया और वापस आ गया रेखा गेट तक छोड़ने आई और मुस्कुरा कर विदा किया मैं घर आकर सो गया सुबह उठा तो रेखा ने फोन किया और बोली आज '' थर्टी फर्स्ट '' है क्या प्रोग्राम है तो मैंने बताया कि अभी तो कोई प्रोग्राम नहीं बना बताओ क्या प्रोग्राम बनाया है तो रेखा ने बताया कि आज '' निधि '' [रेखा कि लड़की का नाम है]  के स्कूल का टूर जा रहा है ओ कल आयेगी दोपहर तक तो मैंने बोला कि बताओ क्या करू तो रेखा बोली आज मटन खाने कि इच्छा है तो मैंने बोला टीक है ला दुगा मटन और मैं सुबह 8 बजे रेखा के घर पहुच गया रेखा ने चैनल गेट खोला मैं अंदर जाते ही रेखा को पीछे से पकड़ लिया और बूब्स को दबा दिया तो रेखा बोली इतना उतावले नहीं बनिए सबर करिये सबर का फल मीठा होता है  और मुस्कुरा कर किचेन में चली गई चाय ले कर आई और बोली चाय लीजिये फिर बताती हु क्या प्लान  है आज का और फिर रेखा ने बोलना सुरु किया रेखा बोली '' आज आप दूकान नहीं खोलियेगा और मटन लेकर पैदल आयेगे बाइक घर में रखकर आना मैं बाहर से चैनलगेट में ताला  लगा दुगी जिससे पास पडोश में यही लगे कि कोई नहीं है '' मैंने बोला टीक है फिर रेखा ने कहा कि एक बोतल ''ब्लू लेबल '' कि भी लेकर आना '' मैंने बोला टीक है और फिर चाय पीया और बाजार गया पर मटन कि दूकान नहीं खुली थी तो रेखा से पूछा कि मुर्गा लाउ क्या तो बोली टीक है ले आये तब मैं एक किलो का देशी मुर्गा ले आया तब तक 11 बज गए थे [रेखा का घर सुनसान जगह पर है आसपास ज्यादा घर नहीं है] जैसे ही मैं घर में घुसा रेखा ने चैनल गेट में बाहर से ताला लगा दिया और अंदर आ गई रेखा जैसे ही अंदर आई मैं रेखा से लिपट गया और किस करने लगा , दबाने लगा तो रेखा ने किस किया और बोली रुकिए इतना अधीर मत होइए नहीं तो मजा किरकिरा हो जायेगा तब मैंने बोला कि तुम भी ज्यादा नहीं पीना नही तो पीकर टुन्न पड़ कर सो जाओगी तो रेखा हस्ते हुए बोली मैं इतनी जल्दी टुन्न नहीं पडुंगी आज  देखती हु कि आप कितने दमदार है और किस करके किचेन  में चली गई तो मैं भी पीछे पीछे किचेन में घुस गया और रेखा के  हाथ से मुर्गे  का मटन ले लिया और धोने लगा तब रेखा ने मसाला तैयार लिया और दोनों ने साथ मिलकर मुर्गा पकाया तब तक दोपहर के 1 बज गए | ठंडी बहुत थी
रेखा कि चुचिया ऐसी ही है
इस कारण बेडरूम का दरवाजा लगाकर रूम हीटर ऑन कर दिया | खाना खाते खाते 2 बज गए [मैं मेडिकल कि दूकान से चुदाई वाली 4 टेबलेट लाया लाल रंग कि दूकान वाले  कहा कि चुदाई  के एक घण्टे पहले  लेना फिर चुदाई करना फिर देखना मजा मैं उस टेबलेट को 1 बजे के बाद खा लिया था ] रेखा ने खाने के बीच बीच में सराब कि चुस्की भी लिया 3 बड़े बड़े पैग पी गई, मैं भी एक पैग  रेखा के कहने पर ले लिया | खाना खाने के बाद बेडरूम में दोनों चले गए और मैंने सी डी प्लेयर ऑन कर दिया जिसमे सांग बजने लगा तो ''पटा ले सैया मिस काल से '' मैं रेखा से कहा कि नाच कर दिखाओ इस सांग पर '' तो रेखा थिरकने लगी मैं भी रेखा का साथ देने लगा , मुस्किल से 5 मिनट में ही रेखा को पसीना आने लगा क्योकि रूम तो पहले से ही गरम था ऊपर  से रेखा ने सराब भी पी लिया रेखा के ऊपर सराब का नशा खूब  चढ़ गया इस कारण रेखा खूब जमकर नाची जब रेखा को गर्मी लगने लगी तो रेखा ने सराब के नशे में गाउन भी उतार कर फेक दिया और सिर्फ ब्रा और पेंटी पहन कर बिस्तर में बैठ गई तो मैं रेखा को उकसाया और बोला ''क्या हुआ थक गई क्या अभी तो मुझे चेलैंज दे रही थी '' इतना सुनते ही रेखा ने साउंड बढ़ा दिया और  फिर से डांस करने लगी ब्रा और पेंटी में रेखा कि चुचिया कूद रही थी मैं उत्तेजित हो गया तो रेखा को पकड़ लिया और ब्रा का हुक खोल दिया तब भी रेखा सराब के नशे में डांस किये जा रही थी रेखा को डांस करते करते मैं भी रेखा के बूब्स को चूसने लगा और धीरे से ब्रा को भी खिसका दिया तब भी रेखा एक दम नंगी होकर नाचे जा रही थी रेखा के खुले बूब्स इस तरह से हिल रहे थे कि मैं अपना सयम खो दिया और रेखा को गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया और रेखा कि चूत को चाटने लगा 2 मिनट बाद ही रेखा इतना उत्तेजित हो गई सराब के नशे में कि मुझे बिस्तर में गिरा दिया और एक एक  करके सारे कपडे उतार दिया , अब मेरा लंबा और मोटा लण्ड खड़ा हो गया तो पहले लण्ड को थोड़ी देर तक चाटा और जब लण्ड अच्छा कड़क पड़ गया तो लण्ड को चूत में घुसाने लगे तो मैंने लण्ड पर कंडोम चढ़ा लिया फिर मेरे रेखा
रेखा इस तरह से पहली बार चुदवाया
खड़े लण्ड पर मेरे घुटनो को पकड़ कर मलखम्ब करने लगी मैं बड़े आराम से लेटा रहा  रेखा के चीकने चीकने चूतड़ो को देखते हुए और रेखा सराब के नशे में मुझे कूद कूद कर चोदती रही रेखा पूरी ताकत के साथ अपने चूतड़ो को पटक रही थी फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट कि आवाज जोर जोर से कमरे में गूज रही थी मैं भी रेखा के चूतड़ो को पकड़ पकड़ कर ऊपर नीचे करने में सहयोग कर रहा था रेखा कुछ देर में पलटी मरते हुए मेरे ऊपर लेट गई और मेरे सीने  अपनी चुचियो को घिसते हुए मुझे चोदने लगी कुछ देर में रेखा को पीठ कि तरफ से लिटा दिया और रेखा के ऊपर चढ़ गया और लण्ड पेलते  हुए रेखा कि चुदाई सुरु कर दिया 15- 20 झटको के बाद रेखा काँपती हुई आवाज में बोली 10-15 बूंद सराब डाल लीजिये बहुत मजा आयेगा मुझे तो मैंने बोला कि जलन करेगा तो रेखा बोली जलन होगी पर आप है ना पानी कि बौछार करने लिए इतना सूना और  मैं उठा और सराब की  बोतल से आधा ढक्कन सराब निकालकर लण्ड और चूत के बीच में डाल  लिया जैसे ही सराब अंदर गई रेखा तिलमिलाने लगी और जल्दी जल्दी अपने चूतड़ो को बिस्तर पर घिसने लगी और बोली जल्दी जल्दी  करो यार बहुत जलन हो रही है तब मैंने जल्दी जल्दी ठोकर मारना सुरु कर दिया और रेखा मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे कान को किस मुह में डालकर चूसने लगी सराब पड़ते ही रेखा के मुह से उउउउउउऊऊऊऊऊ आए आ अ आआआआआआआ आआआआआआआ आआह्हह्हह्हह्हह्ह स्स्स्स आआआआअस्स्स्स्स्स्स आक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क् आप्प्प्प्प् ऊऊऊऊ ऊऊ ओह कि आवाज निकालने लगी मैं झटके मारते रहा लगातार 8 मिनट के झटके खाने के बाद रेखा ने अपनी चूत को अंदर कि तरफ खीचने लगी मैं समझ गया कि ये झरने वाली है एक दो मिनट में तो जल्दी से लंड  को बाहर किया और कंडोम निकाल कर फेक दिया और लण्ड को फिर से डाला और झटके मारने लगा रेखा ठंडी पड़ गई और बोली कि वीर्य अंदर नहीं गिराओ कुछ  चूत के मुह में गिराओ और कुछ गिलास में निकालो पर अंतिम पड़ाव में लण्ड को बाहर निकालना मुमिकन नहीं होता फिर भी मैंने लण्ड को निकाला और  रेखा कि चूत के ऊपर गिरा दिया तो रेखा वीर्य को अपनी चूत पर घिसने लगी तब मैं ढेर सारा वीर्य रेखा के पेट पर निकाल दिया तो रेखा बोली जाओ एक कटोरी लाओ तब मैं किचेन से एक कटोरी लाया तो रेखा वीर्य को कटोरी में डाल लिया अपने पेट से तो मैंने पूछा कि क्या करोगी इसे तो बोली सराब में मिलाकर पिउगीं  बहुत नसा करती है सराब स्पर्म के साथ और इतना कहकर रेखा उठी और लड़खड़ाते कदमो से फ्रीज में स्पर्म रख कर आ गई और बोली आओ सो जाओ मेरे साथ घड़ी में देखा तो 2 बजकर 45 मिनट हो गए थे मैं और रेखा एक कम्बल ओढ़कर नंगे ही एक साथ सो गए तो हम दोनों कि 6 नींद खुली दोनों उठे कपडे पहने  फ्रेस हुए और आगे के रूम में अकार बैठ गए रेखा ने चाय बनाया चाय पीया बाते करने लगे रेखा बहुत ही बेसर्मी से बाते कर रही थी अपनी चूत को दिखाते हुए बोली आज आपने इसे अच्छा चोदा  तो मैंने बोला मुझे तो  नही सुनाई दिया तो रेखा बोली ये कान से नहीं जीभ से सुनती है आप जीभ लगाओ अपनी तो आपको पता चलेगा तब मैंने रेखा कि टांगो कप ऊपर कर दिया और जीभ से चूत को चाटने लगा तो रेखा मेरे लण्ड को पकड़ लिया और बोली ये लो ये तो बहुत कमीना चूतखोर है फिर से तैयार हो गया चूत में घुसने के लिए उधर मैं चूत चाटने लगा तो रेखा दिर से तैयार हो गई चुदाने के लिए पर रेखा ने अपने आपको रोक लिया और बोली अभी नहीं साम को फिर से करेगे अभी अभी तो उठी हु फिर हम दोनों बाते करने लगे रेखा ने डीवीडी प्लेयर में एक ब्लू फ़िल्म लगा दिया दोनों चुदाई के बेहतरीन पोज  देखने लगे इतने में रेखा सराब कि बोतल उठा लाइ और एक गिलास में सराब डालकर मेरा स्पर्म [वीर्य] भी डाल   लिया गिलास में सराब कि चुस्किया लेने लगी मुझे भी एक गिलास दिया पर मुझे सराब ज्यादा  इस कारन मैंने ज्यादा नहीं पीया पर रेखा ने  लिया और बहकने लगी और मैं भी रेखा को बहकते देख कर बहक गया और फिर चुदाई का ओ शिलशिला सुरु हुआ कि 25  तक चलता रहा रात के 8  बज गए फिर रात में 11 बजे फिर से सुरु किया रेखा कि चुदाई तो रात में रेखा कि  चुदाई किया सुआबाह उठा और दूकान चला गया जब तक  गाँव से तब तक कर रेखा कि चुदाई करता रहा फिर पत्नी आ गई गाव से तो रेखा कि चुदाई का मोका नहीं मिला  रेखा को चोद  पाउगा |




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Wednesday, 8 January 2014

भाभी कि बहन मुन्नी कि चुदाई

भैया जब परिक्षा के बीच  में आ गए उस समय मई का महीना था भाभी ,मुन्नी और मेरी परीक्षाये चालु होने वाली थी भैया के अचानक आ जाने से भाभी  खुस नहीं हुई बल्कि नाराज हो रही थी भैया के ऊपर सुबह करीब  10 बजे दोनों में वाद विवाद होने लगा भाभी कह रही  थी कि मेरा पेपर बिगड़ा तो टीक नहीं होगा तब भैया ने समझाया कि एक ही पेपर तो फँस  रहा है उसके बाद तो मैं चला ही जाउगा तो मैं भी भाभी को समझाया कि भाभी नाराज नहीं पड़िये आप दादा इतनी दूर से आये है और आप है कि नाराज हो रही है तो दादा मेरे ऊपर खुस हो गए बोले ये टीक तो कहता है तब दोनों के बीच सुलह हुई, भाभी ने दिखावटी गुस्सा मेरे ऊपर किया मैं समझ गया जब भैया बाथरूम गए तो भाभी मेरे पास आई  कान में  धीरे से कहा कि नाराज तो नही हो तो मैंने बोला कि आपके ऊपर कभी नाराज नहीं हो सकता हु  तो भाभी कुछ नहीं बोली और इधर -उधर देख कर जब मुन्नी और दादा पास नहीं दिखे तो मुझे किस कर लिया | दोपहर को सभी ने खाना खाया और दादा भाभी आगे के कमरे में सो गए कूलर चलाकर बीच का दरवाजा लगाकर मैं और मुन्नी बीच के कमरे में आपने -सामने चारपाई में लेट गए एक दूसरे को देखते हुए , कुछ देर बाद दादा -भाभी के कमरे से खुसर -पुसर कि आबाजी आने लगी तो मैं समझ गया कि दादा कई महीनो बाद भाभी से मिले है इस कारण दिन में ही चुदाई का प्रोग्राम बना लिया तो मैं दरवाजे के बीच में गैप से झाकने लगा तो देखा कि भाभी और दादा बिस्तर पर नंगे पड़े हुए थे दादा भाभी को किस कर रहे थे मुन्नी मेरी ये हरकते देख रही थी मुन्नी ने धीरे से सी सी कि आवाज दिया तो मैंने मुन्नी कि तरफ देखा तो हाथ से इसारा करके पूछती है कि क्या देख रहे है तो मैंने मुन्नी को इसारे से बताया तो कुछ देर बाद मुन्नी भी पास गई और दरबाजे के नीचे गैप से ओ भी झाकने लगी और मैं ऊपर के गैप से झाकने लगा और हम दोनों ने [मुन्नी और मैं] 10 मिनट तक पूरी लाइव चुदाई देखी जब दादा भाभी कपडे पहनने लगे तो हम दोनों अपने अपने बिस्तर पर लेट गए और गहरी नीद में सोने का नाटक करने लगे दादा भाभी दबे पाँव निकलकर गए और पेसाब करके वापस आ गए और दरवाजा बन्द कर लिया तब मैंने आँखे खोली तो देखा कि मुन्नी मेरी तरफ देख रही थी पर मेरे नजर पड़ते ही मुन्नी दूसरे तरफ देखने लगी तो मैं समझ गया कि मुन्नी सरमा रही है तो मैंने कागज कि गोली बनाया और मुन्नी कि तरफ उछाल कर मारा जो मुन्नी के गर्दन में लगी तो मुन्नी मेरी तरफ देखी पर कुछ बोली नहीं और करवट बदल कर सो गई मैं भी कुछ देर में सो गया करीब 5 बजे नीद खुली तो दादा भाभी के कमरे से कुछ आवाज आ रही थी तब मैं फिर झाकने लगा तो देखा कि चुदाई आखिरी स्टेज में थी मैंने मुन्नी का कंधा पकड़ कर झकझोर दिया तो मुन्नी हड़बड़ा कर उठी और मेरे तरफ देखने लगी तो मैंने मुन्नी को इसारा करके बताया तो मुन्नी जल्द से उठी और झाकने लगी दरबाजे के गैप में से भाभी के मुह से उ उ उ उ आह आह आह आह आह सी सी सी सी उग इफ उफ़ उफ़ अ आ आ आह कि आवाजे आ रही थी दादा जोर जोर से झटके मार रहे थी फिर दोनों चिपक कर लेट गए मैं समझ गया कि दोनों स्खलित होचुके है इस बार भाभी को जयादा मजा आया मुझे ऐसा लगा , मैं और मुन्नी वापस अपने अपने बिस्तर में लेट गए कुछ देर में दरबाजा खुला और भाभी निकली और फिर से दरबाजा लगा कर बाथरूम में घुस गई और जब वापस आई तो मेरे गालो पर हाथ घुमाया जब मैंने आँखे खोली तो कान में धीरे से बोली कि उठिए कब तक सोयेगे तो मैं आलस का नाटक करते हुए उठा और बैठ गया तब भाभी मुन्नी के बिस्तर पर बैठ गई और बोली कब तक सोयेगी तू , पढ़ने आई है या सोने और फिर हाथ पकड़ कर उठाया और बोली चल उठा पढ़ाई कर तेरा पहला ही साल है कालेज का फेल हो गई तो चाचा जी पढ़ाई बंद करवा देगे तब मुन्नी भी उठ गई और भाभी किचेन में घुस गई चाय बनाया हम सभी ने चाय पीया तब तक 6 बज गए दादा और भाभी दोनों मार्किट चले गये अब मैं और मुन्नी बचे कमरे में अकेले मुन्नी बोली जीजू गर्मी बहुत है मैं नहा ल तो मैंने वोला नहा लो गंगा मैया का पानी बहुत है पटना में कोई कमी नहीं है तोमुन्नी बाथ् रूम में घुस गई  नहाने के लिए तब तक मैंने मोका देख कर मुन्नी कि बनियान [ब्रा नहीं लड़किया बनियान पहनती है नीचे ] को छिपा दिया जीससे मुन्नी बिना बनियान के सूट पहन ले ऐसा ही हुआ मुन्नी जब नहा कर निकली तो मुझे आवाज दिया और बोली जीजू आप किधर है मुझे कपडे पहनना है तो मैं बोला कि टीक है आप पाहल लो कपडे मैं बाहर चला जाता हु तो मुनि कमरे के अंदर आई और माइन बाहर चला गया जब मुन्नी ने कपडे पहन लिया तो आवाज लगाईं तो मैं अंदर आ गया मेरी चाल कामयाब रही मुन्नी बिना बनियान के सूट पहन रखी थी इस कारम मुन्नी कि चुचियो कि उठी हुई निप्पल साफ़ साफ़ दिख रही थी मैं एक टक मुन्नी कि तरफ देखने लगा तो मुन्नी मेरे तरफ सरमाते हुए देख कर बोली ''क्या देख रहे है जीजू '' तो मैंने मुन्नी से कहा ''  कि आप कितनी खूबसूरत है '' तो मुन्नी ने कहा कि '' नहीं तो मैं तो सिंपल हु '' तो मैंने कहा कि ये तो आपको लगता है कि आप सिंपल है पर है  बहुत सुन्दर तो मुन्नी फिर से सरमा गई कुछ नहीं बोली तब मैंने फिर से तारीफ किया तो बोली कि आब भी बहुत सुन्दर लगते है जीजू तो मैंने तपाक से बोला कि सादी करोगी तो सरमाते हुए बोली '' ये तो मम्मी पापा जाने '' तो मैं बोला कि ''आपकी क्या इच्छा है '' तो मुन्नी बोली कि '' आप में क्या कमी है  आपसे तो कोई भी लड़की सादी करने से मना नहीं करेगी '' मैं फिर से बोला कि '' आप करोगी क्या सादी '' तो बोली कि '' मम्मी पापा करेगे तो  '' तो मैंने बोला कि यदि ममी पापा ने मन क्या तो मुन्नी बोली '' नहीं करुँगी मम्मी पापा का दिल नहीं दुखाओगी '' तो मैंने बोला कि मेरे में कोई कमी नहीं है तब भी आप ऐसा कह रही हो '' तो मुन्नी बोली '' आप बहुत सुन्दर ,सुशील है अच्छे घर से है पर मम्मी पापा के बिना कर सकती हु आप मम्मी पापा से बात करिये ना '' तो मैंने बोला ''टीक है '' ये बाते अभी तक खड़े खड़े हो रही थी मैं बिस्तर पर बैठ गया तो मुन्नी भी बैठ गई अपने बेड पर साम को 7 बज रहे थे अन्धेरा होने लगा मैंने लाइट जला दिया इतने में मुन्नी एक किताब लेने के लिए झुकी तो सूट के गले से मुन्नी कि चुचिया दिखाई लगी  लगा कि मुन्नी कि चुचियो को दबा दू पर हिम्मत नहीं जुटा पाया मुन्नी किताब लेकर बैठ गई और कुछ पढने लगी तब मैंने बात को छेड़ दिया मुन्नी से पूछा कि जो कल भैया भाभी कर रहे थे ओ देखकर कैसा लगा तो मुन्नी ने पहले तो कुछ नहीं कहा बाद में समरमाते हुए बोली कि दीदी कैसा कैसा मुह बना रही थी , दीदी ऐसा क्यों कर  रही तो मैंने बताया कि भाभी को अच्छा लगा होगा तो मुन्नी ने पूछा कि आपको कैसे पता कि अच्छा लगा होगा आपने कभी किसी के  है कभी तो मैंने मुन्नी को बोला कि नहीं किया नहीं है पर किताब में पढ़ा है कि बहुत अच्छा लगता है ऐसा करना तो मुन्नी ने पूछा कौन से किताब में आपने पढ़ा है मुझे भी बताये ना तो मैंने एक सेक्सी मनोहर कहानिया कि पत्रिका दिया जो छिपा कर रखा था मुन्नी उस पत्रिका को पढने लगी बड़े चाव के साथ और मुन्नी बिना पलक झपकाए 8 बजे साम तक पढ़ती रही तब मैए मुन्नी को टोका और बोला कि रात के 8 बज गए है रख दो भाभी आती होगी तो मुन्नी मेरी तरफ नशीली आँखों से देखते हुए जोर से लम्बी सास लिया तो मुन्नी कि चूची ऊपर कि और उठी और फिर नीचे आई उस समय मुन्नी कि चूची बहुत ही सेक्सी लगी मुझे फिर मुन्नी मुस्कुराते हुए पत्रिका को रख दिया गद्दे के नीचे साम को 9 बजे के आस पास दादा -भाभी आ गए आते ही भाभी ने कपड़ा उतारा और किचेन में घुस गई खाना बनाया 10 बजे तक हम सभी  खाना खा लिया और दादा भाभी  कमरे के अंदर हो गए दरवाजा  लगा लिया और मुस्किल से 15 मिनट बाद ही कमरे से आवाज आने लगी मैंने दरबाजे कि दरार से  झाकने लगा कुछ मिनट बाद मुन्नी को इसारा किया तो ओ भी आ गई और देखने लगी सांसे थामकर आज पहली बार भाभी दादा को चोद रही थी भाभी दादा के ऊपर चढ़ी थी और ऊपर -नीचे होकर बार बार कूद रही थी भाभी कि चुचिया कूद कूद कर दादा को खूब मजे दे रही थी 

मुन्नी से लिपटकर कुछ इस तरह से चूची को दबा दिया
दादा बार बार भाभी कि बूब्स दबाते भाभी खूब मजे से चोद रही थी ये सब नजारा मुन्नी भी बड़े चाव से देख रही थी अब मेरे से  कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने मुन्नी कि दाई चूची को दबा दिया तो मुन्नी  पकड़ कर झटक दिया और कड़ी हो गई तो मैंने फिर से मुन्नी कि चूची को दबा दिया मुन्नी ने फिर से हाथ झटक दिया फिर भी मैं  नहीं माना और मुन्नी से लिपट गया और होठो को किस कर लिया और सूट में गले के पास से अंदर हाथ दाल कर चूची को फिर से दबाये रखा कुछ देर तक और किस भी करता रहा मुन्नी ने दो तीन बाए हाथ निकालने कि कोशिश किया पर मैंने हाथ नहीं निकाला और हलके हलके हाथ से चुचियो को दबता रहा होठो को किस करता रहा अब मुन्नी का बिरोध ख़त्म हो गया और धीरे से कापती हुई आवाज में बोली '' हो गया अब छोड़िये दीदी आ जायेगी '' तब मैंने मुन्नी को छोड़ दिया और फिर से झाकरा देखा तो दादा और भाभी कपडे पहन रही थी मैं मुन्नी को इसारा किया और जल्दी से लेट गया बिस्तर पर एक चादर ओढ़कर करीब 7 मिनट बाद दरबाजा खुला भाभी मेरे तरफ देखते हुए निकल गई दादा तो सामने के तरफ खुले मैदान में चले गए थे भाभी पेसाब कर के आई और फिर से कमरे में चली गई और दरबाजा लगा लिया और लाइट भी बंद हो गई कमरे कि मैं भी सोने का प्रयास करने लगा पर गर्मी बहुत थी तो मैं  करीब 11 बजे अपना गद्दा ,तकिया और चादर लेकर छत पर जाने लगा सोने के लिए तो जाते जाते मुन्नी को भी इसारा किया कि चलो छत में यहाँ बहुत गर्मी  है [छत में जाने का रास्ता किचेन के पास से आगन में से है] तो मुन्नी ने कुछ नहीं कहा तो मैं छत पर चला गया और बिस्तर पर सोने का प्रयाश करने लगा पर मुन्नी कि खूबसूरत चेहरा और सेक्सी और मुलायम चुचिया याद आने लगी नीद नहीं आ रही थी मैं बार बार करवट बदलता करीब 12 बजे मैं फिर से नीचे गया तो देखा कि मुन्नी जाग रही है तो मैंने मुन्नी का हाथ पकड़ा पर उठाया और बोला चलो छत में सो जाओ  गर्मी लग रही होगी तो मुन्नी बोली कि टीक है आप जाओ मैं आती हु करीब 10 मिनट बाद मैंने देखा कि मुन्नी भी अपना बिस्तर लेकर पास में ही बिछा लिया मैं तो जाग रहा था पर गहरी नीद में सोने का नाटक करने लगा मुन्नी बिना चादर ओढ़े ही लेटी थी ,चांदनी रात में मुन्नी का खुबसुरत गोरा सा चाँद से चेहरा स्पस्ट दिख रहा था मैं मुन्नी कि तरफ बीच बीच में आँख खोलकर देखता एक बार मैंने देखा कि मुन्नी भी मेरी तरफ देख रही है तो मैंने मुन्नी से बोला ''मुन्नी जी नीद नहीं आ रही है क्या '' तो मुन्नी बोली ''हां जीजू नीद गायब हो गई '' तो मैं बोला ''चलो बाते करते है बाते करते करते नीद आ जायेगी'' तो मुन्नी ने कहा कि '' क्या बात करू '' तो मैंने बोला  '' जो आपको अच्छा लगे ''तो पहले करीब 10 मिनट तक इधर उधर कि बाते किया मुन्नी ने फिर अचानक बोलती है '' जीजू ये दीदी आवाज क्यों निकाल रही थी '' तो मैं बोला कि '' उन्हें बहुत मजा आ रहा था इस कारण आवाज निकाल रही थी '' तो मुन्नी ने फिर से कहा '' सच्ची -मुच्ची इतना मजा आता है '' तो मैंने बोला ''आता होगा '' तो मुन्नी ने फिर से कहा कि ''जीजू आपने ये मजा लिया कभी '' तो मैंने बोला ''नहीं '' तो मुन्नी ने फिर से कहा कि ''क्यों '' तो मैंने बोला कि ''अभी तक सादी  कहा हुई '' फिर मुन्नी ने कहा कि '' सादी  के बाद ही ये मजे लेने चाहिए '' तो मैंने तपाक से कहा '' कोई जरुरी नहीं है '' तब मुन्नी ने कहा कि '' फिर आपने क्यों नहीं लिया ये मजा '' तो मैंने तुरंत बोला '' ये मजा लेने के लिए कोई लड़की या ओरत चाहिए '' तो मुन्नी कुछ नहीं बोली ओर चुपचाप मेरी तरफ देखने लगे तो मैंने बोला '' क्या हुआ क्यों चुप होगई '' तो मुन्नी कहती है कि '' दीदी कितनी भगयसाली है '' तो मैंने बोला '' क्यों '' तो मुन्नी कहती है कि '' दीदी को ये मजा मिलता है '' तो मैने बोला ''इसमें भाग्य वाली बात कहा से आ गई ये तो मजे आप भी ले सकती है '' तो मुन्नी फिर से चुप हो गई और मेरी तरफ देखने लगी तो मैं उठकर मेरे बिस्तर को मुन्नी के बिस्तर से सटा  लिया तो मुन्नी कुछ नहीं बोली तो मैंने मुन्नी को अपने ओर खीच  कर किस कर लिया और चूची को दबा दिया तब भी मुन्नी कुछ नहीं कही मैं समझ गया कि आज मुन्नी कि चुदाई कि जा सकती है मैं बार बार किस करने लगा तो मुन्नी ने कहा कि '' दीदी आ जायेगी '' तो मैंने बोला कि ''ओ दोनों इतने थक गए है कि सुबह नीद खुलेगी दोनों की '' तो मुन्नी ने कहा कि '' नहीं रहने दीजिये दीदी आ गई तो डाट पड़ेगी '' तो मैंने बोला ''टीक है मैं दरबाजा लगा देता हु बाहर से '' और तुरंत उठा और नीचे जाकर किचेन का दरबाजा बाहर से लगा दिया और आँवले के तेल कि सीसी साथ लेता आया छत पर  ओर् मुन्नी के पास लेट गया और मुन्नी को किस करने लगा और हलके हलके हाथ से चूची को सहलाने लगा सूट के अंदर  हाथ डालकर मुन्नी ने कोई बिरोध नहीं किया और कुछ देर बाद मुझे किस किया और मेरे कंधे पर हाथ रखकर कंधे को दबाया मैं समझ गया कि मुन्नी अब धीरे धीरे गर्म पड़ेगी , अब मैं मुन्नी के सलवार का नाडा खोलने लगा तो गाठ नहीं खुल रही थी तो मुन्नी को बोला कि ''आप  खोल् दो ना नाडा '' तो मुन्नी ने फिर से मना किया और बोली '' जीजू कही गड़बड़ ना हो जाए '' तो मैंने मुन्नी से पूछा कि ''महीना कब हुई थी ''तो बोली ''बस दो तीन दिन में होने वाली हु '' तो मैंने बोला कि ''चिंता कि कोई बात नहीं बच्चेदानी का मुह बंद हो
मुन्नी कि चुचिया १००% ऐसी ही है छोटी छोटी बिना लटकी हुई

गया है '' तो मुन्नी बोली कि ''आपको कैसे पता ''तो मैंने जबाब दिया '' किताब में पढ़ा है महीन होने के बीस दिन बाद बच्चेदानी का मुह बन्द हो जाता  है और गर्भ नहीं रुकता '' तो मुन्नी संतुष्ट हो गई और अपने सलबार का नाडा खोल दिया तो मैंने सलवार और पैंटी को अलग कर दिया और फिर सूट को भी उतार दिया अब मुन्नी मेरे सामने एक दम नंगी पडी थी मैंने भी अपनी लुंगी और बनियान उतार दिया और मुन्नी की बुर पर हाथ घुमाया तो देखा कि मुन्नी कि बुर पर बड़ी बड़ी झांठ उगी थी तब मैंने मुन्नी से पूछ लिया '' कभी सफाई नहीं करती हो क्या ' तो मुन्नी बोली '' कैसे करू '' तो मैंने बोला '' हेयर रिमूवर क्रीम से किया करो ना ''तो मुन्नी ने कहा कि '' ये क्या होता है '' तो मैंने बताया कि '' इसे लगा लो तो कुछ देर में सारे बाल साफ़ हो जायेगे '' तो मुन्नी बोली '' कल आप ला देना तो कर लुंगी '' ये बाते करते करते मैं मुन्नी कि जांघो को सहलाने लगा और चूची को जीभ से चाटने लगा मुन्नी भी अब मेरी होठो किस करने लगी और गाल पर गाठ घुमाने लगी ,मैं मुन्नी के  बुर कि छेद को तलासने लगा जो बालो से ढकी हुई थी थोड़ा सा छेद दिखा चाँद के उजाले में तो मैंने बीच वाली ऊँगली को बुर में डालने लगा तो मुन्नी ने हाथ पकड़ लिया तो ऊँगली को हटा लिया और बुर को किस करने लगा और जीभ से चाटने भी लगा तो एक बाल मुह के अंदर चला गया तो उसको निकाल दिया और बुर को फिर से चाटने लगा मुन्नी जैसे जैसे गर्म पड़ रही थी वैसे वैसे उसका हाथ मेरे शरीर पर घूमने लगा और धीरे से मुन्नी ने मेरे लम्बे और मोटे लण्ड को पकड़ लिया और चढ्ढी को खिसकाने लगी तो मैंने चढ्ढी को उतार दिया तो मुन्नी ने लण्ड को देखा और बोली ये तो बहुत बड़ा और मोटा है और लण्ड कि किस कर लिया उधर मैं मुन्नी कि चूत चाटता रहा मुन्नी पूरी तरह से चुदाने के लिए तैयार हो गई तो मैं मुन्नी की चूची पर हलका सा तेल डाल दिया और चुचियो को सहलाने लगा जांघो पर हलके हलके तेल डालकर जांघो कि मालिस करने लगा फिर चूत में तील डालकर चूत को चिकनी कर लिया और अपने लण्ड पर भी तेल लगा कर चिकना कर लिया मुन्नी कि चुचियो कि निप्प्ल एकदम से टाइट पड़ गई, मुन्नी मुझे अपनी तरफ खीचने लगी तब मैं मुन्नी कि चूत के मुह पर लण्ड को रखा तो चूत  कि मुह बहुत कम खुला था फिर भी मैंने लण्ड को धीरे धीरे घुसाने लगा तो मुन्नी को दर्द हुआ तो ओ मुझे ठेल कर किनारे कर दिया और उठ कर बैठ गई और बोली दर्द हो रहा है तो मैंने मुन्नी के  फेरते हुए समझाया कि स्वर्ग के शैर और स्वर्ग के मजे लेने के लिए  थोड़ा सा दर्द सहन कर लो सुरु  होगा बाद  आयेगा और झुककर मुनि कि चूत को फिर चाटने लगा इस बार पूरी कि पूरी जीभ को घुसा कर अंदर तक चाटने लगा तो मुन्नी कि चूत गीली पड़ गई और मुन्नी मेरे सर को हटाने लगी तो मैंने मुन्नी को फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और एक ढक्कन तेल निकालकर मुन्नी कि चूत में डाल दिया और आधा ढक्कन तेल अपने लंड पर डालकर लण्ड को खूब चिकना कर लिया और धीरे धीरे मुनि कि चुचियो को सहलाते हुए मुन्नी के ऊपर झुक गया और इधर जीभ को चूसने लगा मुन्नी भी मेरे गालो पर हाथ ,कमर पर हाथ पीठ पर हाथ घुमाती और मेरी जीभ  को
मुन्नी को पहली बार ऐसे चोदा
मुह के अंदर लेकर चुस्ती उधर मैं धीरे धीरे लण्ड को डालने लगा और पूरा लण्ड तो नहीं घुसा पर आधे से ज्यादा घुस गया तो मैं लण्ड को धीरे धीर आगे -पीछे करने लगा मुन्नी भी अब निडर लग रही थी पर लण्ड  ठेलता तो मुझे रोक लेती मैं समझ गया लण्ड को पूरा घुसने के लिए जगह नहीं मिल रही है तो मैंने मेरी तकिया लिया और मुन्नी के कमर व चूतड़ो के नीचे रख दिया ,और बड़े प्यार से मुन्नी को किस करते करते एक झटका मारा और पूरा क पूरा लण्ड अंदर घुस गया तो मुन्नी के मुह से हलकी सी चीख निकल गई तो मैंने जल्दी से मुह को दबाकर चीख को रोक लिया और मुन्नी के गाल पर हाथ घुमाते हुए किस करने लगा और मुन्नी को जोर से चिपका लिया मुन्नी आह्ह ह्हह्हह  आआह्हह्हह्हह्ह कि दर्द भरी आवाज निकाल रही थी तो मैंने मुन्नी को समझाया कि अब नहीं होगा दर्द अब तुम्हारी बुर कि झिल्ली फट चुकी है , तो मुन्नी ये सुनकर घबरा गई और बोली ''फट गई '' अब क्या होगा तो मैंने मुनि को
मुन्नी कुछ इस तरह से जीभ से जीभ टकराती और चूसती
बताया कि बुर नहीं फटी बल्कि बुर के अंदर कि झिल्ली फटी है तो मुनि न कहा कि ये झिल्ली क्या होती है तो मैंने मुन्नी को बोला कि बाद में बताउगा तो मुन्नी ने फिर से कहा कि ''कोई डर कि बात तो नहीं ''तो मैंने समझाया कि ''नहीं कोई डर वाली बात नहीं है'' और फिर लण्ड को आगे पीछे करने लगा मुन्नी बार बार किस करती और मुन्नी के चेहरे से लगने लगा कि मुन्नी को ये झटके अच्छे लग रहे है अब मुन्नी मुझे किस करती बार बार और मैं अब झटको कि स्पीड और प्रहार  बढ़ा दिया मुन्नी के चेहरे को देखने से लग रहा था कि मुन्नी खूब मजे ले रही है मुन्नी अपने होठो को अपने दाँतो से दबाती और मजे लेते लेते आँखे बंद कर लेती कभी कभी जीभ को बाहर कि तरफ निकालती और आह आह आह आह आह मुन्नी की चूत में लण्ड खूब टाइट लग रहा था जैसे कभी कभी मुठ मारता हु तो हाथ के दबाब से थोड़ा कम दबाब मुन्नी लण्ड कि ठोकर  से 
आ आ आ आआअ आआ आ आअ आआ आअअस्स अस् स्स् स् स्स्स्स

  आ आ आ आआअ आआ आ आअ आआ आअअस्स अस् स्स् स् स्स्स्स अस्स्स्स् स्स्स् स्स उ उउ उउ उऊ ऊऊ आ आ आह आह उ उउउ सी सी कि आवाज निकलती रही और मैं  जोर जोर से झटके मारते रहा मुन्नी कि छोटी छोटी चुचिया इधर उधर हिलती रही कभी कभी मुन्नी अपनी चुचियो को  ही दबाती तो कभी मैं थोड़ा थोड़ा तेल डालकर चुचियो को सहलाता मुन्नी आ आ आआआअ आआआआअ आआआअ अस्स अस्स्स्स्स्स्स्स अ स्स्स्स् स्स्स् स्स उ उ उउ उ उऊ ऊऊ आ आ आह आह उ उउउ सी सीसी सीईई ईईईई सीईए आह्हह्हह्हह कि जोर जोर से आवाज निकालती और मैं चुदाई कि गति बढ़ा दिया मुन्नी मुझे अपनी तरफ खीच कर चिपका लिया और मेरे कमर में कर जोर से चिपक गई और मेरी जीभ को इतने जोर जोर से चूसने लगी कि लगता था जीभ को पूरा निगल जायेगी और अचानक मुन्नी ठंडी हो गई और मेरी तरफ देख कर अपने मुह को सलबार से ढक लिया मैं समझ गया मुन्नी स्खलित हो चुकी है पर मैं वीर्य स्खलन के नजदीक पहुच गया था और जल्दी जल्दी झटके मारकर थक्केदार गाढ़ा वीर्य मुन्नी कि चूत में प्यूरी ताकत लगाते हुए उड़ेल दिया  और मुन्नी के ऊपर लेट गया और चुचियो को मुह में ड़ाल लिया और चूसने लगा मुन्नी अभी भी सलवार से अपना मुह ढाँक रखा है 1 मिनट बाद मुन्नी ने अपने दोनों हाथो को मेरे सीने पर  लगाया और उठाने लगी तो मैं उठ गया और लण्ड को बहार किया तो देखा कि मुन्नी कि चूत से खून मिक्स होकर वीर्य बाहर कि ओर बहनें लगा मुन्नी खून को देखकर घबरा गई तो मैंने उसे समझाया कि तुम्हारी बुर के अंदर कि झिल्ली फटी है उसका खून है घबराओ नहीं तब मुन्नी उठी और मेरी लुंगी से अपनी चूत को साफ़ किया कपडे पहना और छत में ही पाइप के पास जाकर पेसाब किया और मेरे पास आकर लेट गई करीब 10 मिनट बाद उठी और नीचे जाने लगे कमरे में तो मैंने पूछा कि नीचे क्यों जा रही हो
मुन्नी कि चुचिया ब्रा में इस तरह से दिखती थी
यही सो जाओ ना तो बोली कि सुबह दीदी आ गई तो उसे पता चल जायेगा तो डाट पड़ेगी तो मैंने कहा कि गर्मी बहुत है यही लेटी रहो तब भी मुन्नी नहीं मानी और नीचे चली गई और सो गई मैं छत पर सो गया सुबह 6 बजे जब धुप निकल गई तो भाभी आई  चद्दर खीच  लिया
और गाल पर किस करके उठा दिया तो मैंने भी भाभी को  गोद में गिरा लिया और बूब्स दबाते हुए किस कर लिया तो भाभी सीढ़ी कि तरफ देखी और एक किस करके  चली गई मैं  कुछ देर बाद अपना बिस्तर समेटा और नीचे चला गया , दादा कमरे में पेपर पढ़ रहे थे, भाभी बाथ - रूम में थी , मुन्नी किचेन में चाय  बना रही थी मुझे देख कर सरमाते हुए नजरे नीची कर लिया तो मैं मुन्नी के पास गया और किस करने लगा तो मुन्नी ने मुह को नीचे छिपा लिया जांघो के बीच में तो मैं बिना किस किये चला आया कुछ देर बाद मुन्नी चाय लेकर आई उस समय दादा भाभी पास ही बैठे हुए थे दादा ने मजाक करते हुए भाभी  से बोला 'इसे [मुन्नी] भी लाओ अपने घर ' तो भाभी ने कहा कि दोनों कि ''जोड़ी अच्छी है लाओ ना आप '' तो दादा ने मुन्नी से बोला '' क्यों मुन्नी आओगी मेरे घर '' तो मुन्नी ने कुछ नहीं कहा और सरमाते हुए चली गई किचेन में तब भाभी ने मुन्नी को बुलाया और बोली '' यही बैठकर चाय पी न '' तो मुन्नी जमीन में  बैठ कर चाय पीने लगी तो मैंने मुन्नी का हाथ पकड़कर उठा दिया और बोला  बराबरी  बैठिये नीचे बैठना अच्छा नहीं लग रहा है तो मुन्नी भाभी  के पास जाकर बैठ गई और चाय पीने लगी फिर बारी बारी  से सभी ने नहाया और खाना खाया तब तक 11 बज गए मुन्नी को बाजार से कुछ लेना था तो भाभी से बोली '' दीदी छोटे जीजू को मेरे साथ भेज दो ना बाजार '' तो भाभी ने मुझसे कहा कि चले जाओ बबुआ जी तो मैं और मुन्नी तक पैदल आये और वहा से रिक्सा बाजार चले गए बाजार में मुन्नी ने एक ''पैंटी और 30 नम्बर कि ब्रा '' लिया पर हेयर रिमूवर क्रीम मागने में सरमा रही थी तो मुझे बोली तब मैंने दूकान वाले से हेयर रिमूवर क्रीम लिया और बाजार में एक जगह  पार्क में कुछ देर तक बाते किया पर तेज लू बहने लगी तो हम दोनों वापस आ गए करीब 1 बजे तक रस्ते में मैंने मुन्नी से पूछा कि ये ब्रा क्यों पहनोगी अभी तक तो बनियांन पहनती थी तो मुन्नी ने कहा कि एक दिन दीदी कि ब्रा पहनकर देखा तो बहुत अच्छा इस लिए ले लिए | जब हम कमरे के सामने पहुचे तो देखा कि दरबाजा बंद था कुछ देर में 

दरवाजा खुला तो भाभी  कि हालत देख कर मैं समझ गया कि ये खूब चुद चुकी है आज अकेले में , मैंने धीरे से एक आँख दबाया तो भाभी  हलकी से मुस्कुराई मैं अंदर आ गया मुन्नी भी आ गई , दादा भाभी फिर से कमरे के अंदर होगये एक तरफ मुन्नी और मैं | मुन्नी धीरे से बोली जीजू कैसे करते है बाल साफ़ तो मैंने मुन्नी को बोला कि बाथरूम में चलो तो मुन्नी बाथरूम आ गई तो मैंने मुन्नी को बोला कि हाथ ऊपर करो ,मुन्नी ने जब हाथ ऊपर किया तो मुन्नी कि '' कखोरी '' में क्रीम लगा दिया और बोला कि 5 मिनट बाद कपड़ा लेकर हलके से साफ़ कर देना ,इतना कहकर मैं अंदर आ गया करीब 15 मिनट बाद मुन्नी आई और मुझे अपनी ''काखौरी'' दिखाया जो एक दम से क्लीन  हो गई थी , मैंने काखौरी कि किस कर लिया और मुन्नी को उसकी बुर कि तरफ इसारा  करके पूछा तो न में सर हिला दिया तो मैंने फिर धीरे  से बोला कि जाओ उसे भी कर लो तो बोली कि रात में सोते समय कर लुंगी तो मैंने बोला टीक है और मुन्नी अपने बेड पर सो गई मैं आपने  बेड पर सो गया एक दूसरे कि तरफ देखते हुए , साम को करीब 5 बजे नीद खुली तो देखा कि मुन्नी अभी भी सो रही है तो मैंने धेरे से मुन्नी को किस कर लिया तो ओ जाग गई और उठकर बैठ गई और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी इतने में भाभी ने दरवाजा खोला तो मुन्नी तुरंत दूसरी तरफ घुम कर सोने का नाटक करने लगी कुछ देर में दादा भी उठ गए भाभी ने सभी के लिए सरबत बनाया सरबत पीते पीते बाते होने लगी बात करते करते कब शाम  को 7 बज गए पता ही नहीं चला बात बात में दादा भाभी कि 9 से 12 सो देखने का प्लान बन गया मुन्नी और मुझे भी बोला तो मुन्नी हस्ते हुए दादा से बोली ''जीजा जी दाल -भात में मूसल चंद क्यों जाए '' तो दादा हसने लगे और बोले नहीं जाना है तो मत जाओ पर ऐसा नहीं बोलो मुन्नी ,मुन्नी कि भी इच्छा नहीं थी जाने की रात में 8 बजे तक खाना खा कर दादा -भाभी तैयार हो गए और 8.30 तक दोनों निकल लिए कमरे से | 
                          अब मैं और मुन्नी अकेले बचे कमरे में  जैसे ही दादा भाभी कमरे से बाहर  जाकर रिक्से में बैठे मैंने तुरंत ही दरवाजा लगाया और कूलर ऑन कर लिया जिससे हमारी आवाज बाहर नहीं जाए , मैंने मुन्नी को आवाज दिया तो मुन्नी बाथरूम में थी बहार  पास आई तो मैंने मुन्नी को कहा कि ब्रा और पैंटी पहन कर दिखाओ तो मुन्नी पहले सरमाई दो तीन बार कहा तो ब्रा और पैंटी पहन कर आ गई तो मैं मुन्नी को पकड़ कर चूम  लिया और मुन्नी को बोला कि नीचे कि भी सफाई कर लो तो मुन्नी बोली टीक है मैं कर लेती हु और बाथरूम कि तारफ जाने लगी तो मैंने बोला यही कर लो तो बोली छि कैसे बात करते हो जीजू छि और बाथरूम में चली गई और दरवाजा लगा लिया तो मैं पीछे पीछे पहुच गया और बोला खोलो दरवाजा तो पहले सरमाई बाद में दरवाजा खोल दिया मुन्नी नंगी खड़ी थी तब मैंने मुन्नी का हाथ पकड़ कर बहार खीचा और बोला कि लाओ मैं लगाकर साफ़ कर देता हु तो मुन्नी बाहर आ गई तो मैं मुन्नी को गोद में उठा लिया और कमरे  आया बिस्तर पर लिटा दिया और सेविंग बॉक्स निकलकर उससे कैची निकाला और मुन्नी कि बड़ी बड़ी ' झाट ' को पहले कैची से काट दिया और फिर बाद में क्रीम लगाकर छोड़ दिया 8 मिनट तक [इसी 8 मिनट में मुन्नी को सम्भोग के लिए तैयार कर लिया] मिन्नू को किस करने लगा चुचियो को हलके हलके हाथ से तेल लगाकर मालिस करने लगा 8 मिनट बाद एक कपड़ा लिया और हलके से बाल को साफ़ कर दिया अब मुन्नी कि चूत एक दम से चिकनी हो गई तब एक गीला कपड़ा लिया और चूत  को पानी से साफ़ कर दिया क्रीम निकल गई तब मैं मुन्नी कि चूत को चाटने लगा तो मुन्नी गरम पड़ गई और मेरे लण्ड को पकड़ लिया और दबाने लगी मुझे किस करने लगी मैं सोच लिया कि आज मुन्नी कि ऐसी चुदाई करुगा कि ये कभी नहीं भूले ये सोच कर मैं एक चारपाई को उठा दिया जमीन से और जमीन पर बिस्तर लगा लिया जितने भी गद्दे थे सभी को जमीन पर बिछा दिया और एक चादर डाल दिया बिस्तर खूब गुलगुला मुलायम बना लिया जिससे घुटनो में दर्द नहीं हो जब तक मैं ये सब करता रहा इस काम में मुन्नी भी हाथ बटा रही थी नंगी होकर जब बिस्तर लग गया
मुन्नी कि चूत को इस तरह से चाटा
तो मुन्नी को उठा लिया पकड़ कर और गोद में खिलाने लगा क्योकि मुन्नी का बजन ज्यादा से ज्यादा 40 किलो के आसपास रहा होगा | मुन्नी को बिस्तर में घुटनो के बल खड़ा कर दिया और मैं मुन्नी कि चूत को जांघो के बीच से चाटने लगा मुन्नी मेरे दोनों हाथ कोपकड़ कर चूत  को बड़े आराम से चटाती रही मैं चाटता रहा मुन्नी जब खूब गरम पड़ गई तो मेरे मुह पर बैठ ही गई तो मैंने मुन्नी को घोड़ी कि तरह खड़ा कर दिया और लण्ड को मुन्नी कि चूत में पेल दिया इस बार लण्ड आराम से घुस गया फिर भी मैं चिकनाहट लाने के लिए एक ढक्कन तेल आंवले का तेल डाल दिया चूत में और फिर झटके मरने लगा मुन्नी खूब प्यार से झटके  खाती रही और मून से आ आ आह आह आह आह उ उ उ उ आक आ आ आ अ अ अ आए आ आए आआ आआआअ आआआआह आह आआआआहहह् ह्ह्हहह ओ ऊऊऊऊ ओऊ ओऊ आ आह आह सी सी स्स्स् स्स् स् स् स्स्स आह

आह् हह् ह ह्हह आह कि कि आवाज निकालने लगी मैं मुन्नी को झटके मरता रहा करीब 7 मिनट तक झटके  खाने के बाद मुन्नी को कमर हाथ डालकर उठा लिया तो मुन्नी ने मेरे दोनों बाहो को कस कर पकड लिया तो  को झूला- झुला झुला कर चोदने लगा मुन्नी जोर जोर से आह आह आह आह उ उ उ उ आक आ आ आ अ अ अ आए आ आए आआ आआआअ आआआआह आह आआआआहहह् ह्ह्हहह ओ ऊऊऊऊ ओऊ ओऊ आ आह आह सी सी स्स्स् स्स् स् स् कि आवाज निकालती रही मैं  चोदता रहा लगातार 5 मिनट तक  को बिस्तर में लिटा दिया पीठ  के तरफ से [मेरी सबसे पसंदीदा पोजीसन] और मुन्नी को जोर जोर से मरने लगा मुन्नी बार बार कहती जीजू और जोर से और जोर से मैं  ताकत से मुन्नी कि चूत में ठोकर मार रहा था पर कूलर कि आबाज में   फट फट कि आवाज नहीं समझ आ रही थी मुन्नी ने जोर से अपने चूतड़ो को उठाया  गई मैं समझ गया मुन्नी स्खलित हो चुकी है तब मैं भी स्खलिते होने के पहले लण्ड को बाहर  निकाल लिया और मुन्नी की चुचियो पर वीर्य को  उड़ेल दिया जोर कि पिचकारी के साथ कुछ बूँद मुन्नी के मुह पर भी गिरा मुन्नी अपनी चुचियो पर वीर्य  कि  मालिश कर लिया और कुछ देर में उठ गई और बाथ्ररों में जाकर नहाने लगी मैं भी मुन्नी के साथ घुस गया और मुन्नी को खूब नहलाया फिर हा दोनों बहार आ गए और खाना खाया और सो गए | 
                         रात में एक बजे तक दादा भाभी आ गए दादा आते ही कुछ देर में चुदाई सुरु कर दिया भाभी का मैंने औरमुन्नी  ने देखा तो मैंने मुन्नी को छत में ले जाकर फिर चुदाई कर दिया फिर मुन्नी नीचे आ कर सो गई मैं छत पर ही सोया रहा दादा कि छुट्टी ख़त्म हुई ओ चले गए फिर जब भी मोका मिलता भाभी कि और मुन्नी कि चुदाई करता, भाभी कि चुदाई बहुत दी तक किया फिर जब मेरी सादी हो गई और मैं बाहर आ गया नौकरी करने तो भाभी कि चुदाई बंद हो गई फिर भाभी को बहुत दिन बाद चोदा जब ओ 45 साल कि हो गई , मुन्नी कि सादी मेरे साथ नहीं हुई और मुन्नी से कभी कभी मुलाकात होती पर सादी  के बाद मुन्नी को नहीं चोद पाया |