Wednesday, 30 October 2013

एक चुटकी सिन्दूर (बिधवा से प्यार की सत्य कहानी)

             
 मैं मेरी बाइक को सर्विसिंग  में देने के बाद टाटा मैजिक से घर की तरफ  रहा था तो उसी मैजिक  में एक बहुत ही सुन्दर महिला बैठी इनकी उम्र लगभग 28-30  के आसपास लगभग 5 फिट 5  इंच  आस पास उसकी हाईट है | ओ बहुत ही आकर्षक ,गोरे  रंग की सामन्य कद काठी की जिसे ना तो मोटी और ना ही दुबली -पतली कह सकते है ,मस्त जवानी का गदराया हुआ वदन जैसे गदराई हुई अमरुद होती है उसके  गोरे  गोरे गाल पर बाई तरफ तिल, सुन्दरता में चार चाँद लगा रहा है | जबकि मैं 45  साल का सादी  सुदा आकर्षक गेहुए रंग का पर मैं आज भी 35-37  साल का लगता हु मेरी हाईट लगभग 5 फिट 11इंच के आसपास होगी | मैजिक में भीड़ होने के कारण ओ मेरे पास ही सीट पर बैठ गई मेरे से सट कर , पर मैं संकोच के कारण बार बार उससे दूरी बनाने की कोसिस कर रहा था तो,ओ मुस्कुरा कर धीरे से बोली की "नीचे गिर जायेगे आप इतना खिसक कर कहा जायेगे " और फिर से मुस्कुरा दिया मैंने बोला ओके डोण्ट वरी नहीं गिरुगा मेरी चिंता करने के लिए धन्यवाद तो फिर से मुस्कुराई और बोली ओके | और फिर बात चीत का जो सिलसिला चला तो आज तक बंद नहीं हुआ उन्होंने ने मेरे बारे में पूछा की क्या करते है आप (पर मैंने नहीं बताया क्योकि ओरतो के स्वभाव होता है ज्यादा बात करना ओ अपनी ही बताती रही ) मैंने उनके बारे में पूछा  की आप क्या करती है तब पता चला की ओ एक सरकारी जॉब  में  है और अपनी ऑफिस का नाम भी बता दिया बात चीत से मैं अंदाजा की ये बहुत ही भोली भाली महिला है |
मैं मेरे जगह पर उतर गया उसकी तरफ देखे बिना और ओ ऑफिस अपने  चली गई |  जब मैं साम को बाइक  लेने जाने लगा साम को तो सयोंग से ओ फिर मिल गई एक मैजिक में फिर हम दोनों मुस्कुराए और बात करने लगे बात बात में मैंने बोल दिया की क्या अजीब सयोंग है आज आप सुबह भी मिली  थी और साम को भी तो हसने लगी | मेरा  स्टाप के आने से पहले मैंजिक में कोई खराबी आ गई तो सभी  सवारी उतर गई तो हम दोनों भी  उतर गए और करीब एक किलोमीटर तक पैदल बात चीत करते हुए चले बात बात में मैंने पूछ लिया की आपके पति जी क्या करते है तो ओ उदास हो गई और बोली  मैं ''विडो'' हु तो मैंने सोरी बोला और माफी मागा तो ओ बोली की कोई बात नहीं ये तो सचाई है मना नहीं कर  सकती हु मैं और बात करते करते  'सो' रूम के पास आ गए तो मैंने उन मेडम को बोल ओके बाय मैं चालू तो बोली की बाय चलिए मेरा भी घर पास  में ही है तब मैंने उनसे उनका घर पूछ लिया ओपचारिकता वस्  जब ओ जाने लगी तो, मैं बोला की  नाम तो बता दीजिये तो बोली 'रुचिका जागीरदार' और हसने लगी और हस्ते हस्ते बोली की फोन नंबर भी दे दु क्या, तो मैं  बोला की जैसा उचित  समझे ' तो बोली की  हु आप सज्जन इंसान लगते है पर आप करते क्या है | इस बात क जबाब उसने नहीं सुना क्योकि उसके घर का कोई दिखा गया इससे ओ चली गई और मैं भी मेरी बाइक लिया और घर चला गया | पर ओ इतनी सुन्दर है की मैं कभी कभी उनकी सुन्दरता को निहारने के लिए रुचिका की ऑफिस के सामने दूर से ही देख लेता और आहे भरता पर हिम्मत नहीं पड़ती थी की मैं  उनसे फिर से मिलु
मेरी प्यारी रुचिका  90 % ऐसे ही है 

मैं सायद  ५ नवम्बर २०१२ को दिन मेरे ऑफिस में बैठा हुआ था (ऑफिस के अन्दर बैठा हुआ मैं बाहर से नहीं दिखाई देता काले काच के कारण )की  मैंने देखा की रुचिका  मेरे ऑफिस की तरफ ही आ रही है , ओ अन्दर आई और रिसेप्सनिस्ट से नमस्कार किया और  अन्दर कम्पूटर लैब में चली गई उस  ९ बज रहे थे  (रिसेप्सनिस्ट टीक मेरे ऑफिस के सामने बैठती है ) मैं समझ गया ये यहाँ कंप्यूटर लर्न करने आती है | मैं रिसेप्सनिस्ट को बुलाया और पूछा की ये जो मेडम अन्दर गई है इनका एडमीसन कब हुआ  तो रिसेप्सनिस्ट ने बताया की अगस्त में हुआ है ये अभी तक दोपहर में आती थी आज से ही सुबह आना सुरु किया है  मैं रिसेप्सनिस्ट को बोला टीक है जाओ |  फिर मैं करीब ९.४५ पर ऑफिस से उठा और बाहर गया और फिर वापस ५ मिनट में आ गया ऑफिस में ! इस दौरान रुचिका ने मुझे देखा पर मैं उसे नहीं देखा जबकि तिरछि नजर से मैंने उसे देख लिया था | रुचिका जब  जाने लगी करीब १०.१५ बजे तो रिसेप्सनिस्ट से पूछा की ये कोन है जो ऑफिस में गए तो रिसेप्सनिस्ट ने बताया की ओ तो बड़े सर है, तो ओ अन्दर आई ऑफिस का दरवाजा खोलकर मैं उसे अन्दर आते देख कर काम में बिजी होने का नाटक करके कुछ करने लगा रुचिका अन्दर आकर मेरी टेबल को हलके हाथ से ठोका जब मैं उसकी तरफ देखा तो बोली की गुड मोर्निंग सर तब मैं उसकी तरफ  देखा और गुड मोर्निंग बोला और फिर कहा कहिये क्या प्राब्लाम्ब  है आपकी तो रुचिका बोलती है की आप भूल गए क्या हमें (जबकि मुझे तो सब याद था मैं जान बुझ कर नाटक कर रहा था) तो मैं बोला की कुछ जाना पहचाना चेहरा लग रहा है मुझे ,अरे हां आप तो मैजिक में मिली थी न, तो रुचिका ने बोला हां तब मैंने बोला बैठिये रुचिका जी और सुनाये कैसी है आप तो रुचिका बोली टीक हु सर | 
 रुचिका उस दिन बहुत ही सेक्सी लग रही थी ब्लू कलर की मैचिंग ब्लाउज में गजब की सुन्दर और सेक्सी लग रही थी मस्त गदराया हुआ जिस्म में गजब की सेक्स अपील थी ब्लाउज  ऊपर से ही रुचिका के बूब्स मस्त लग रहे थे मैं एक टक रुचिका की सुन्दरता को निहार रहा था तो रुचिका सर्मा गई और बोलती है की ''क्या हुआ सर'' मैं हकबका गया और झेप सा गया सरमाते हुए बोला ''कुछ नहीं आप  इतनी सुन्दर है की आपको देखा तो देखता ही रहा गया'' तब रुचिका बोलती है की ''आप भी बहुत स्मार्ट है सर'' तब मैंने
रुचिका का जिस्म  पीछे से ऐसा ही लगता है

बोला की ''आप तो मेरे को उल्लू बना रही है मैं कहा इतना स्मार्ट हु'' तो बोली की ''आप क्या है ये तो कोई ओरत ही बता सकती है'' फिर और कुछ बाते किया तब तक उस्का समय हो गया बोली की मैं चलू ऑफिस का समय हो गया तो मैंने बोला की टीक है आप जाए और जब रुचिका जाने लगी तो मैं उसे बोला की ''एक बात बोलू आप बुरा तो नहीं मानेगी ''तो बोली की ''बोलिए'' तब मैंने उसे बोला की ''आप सन कोट (धुप से बचाने वाली) पहन कर बाजार और ऑफिस में जाया करे'' तो बोली ''क्यों'' तो मैंने बोला की ''लोगो की गलत नजरो और धुप से बच  जायेगी'' तो रुचिका जरा सा मुस्कुरा कर ''ओके'' बोली और चली गई मैं उसे तब तक अपलक देखता रहा जब तक ओ नजरो से ओझल नहीं हो गई रुचिका की चाल में भी एक गजब का नशा था पीछे से देखने पर उसकी कमर के आसपास हल्का मांसल सरीर दिख रहा था जो बहुत ही सेक्सी लग रहा था मुझे | अब ओ रोज आती लैब में मैं भी सभी स्टूडेंट की तरह रुचिका से भी पूछता की क्या सीखा आज समझ में आया की नहीं जब ओ बोलती की सर ये समझ नहीं आया तो मैंने फिर से समझा देता और यह रोज का क्रम बन गया |   रुचिका अब रोज रोज मेरे ऑफिस में आने लगी और घंटो बैठ कर बाते करती अपने घर परिवार के बारे में मैं भी रुचिका की बाते बड़े प्यार से सुनता और जो सही लगता ओ सलाह भी देता | रुचिका ने बताया की उसके पति की मौत एक बाइक दुर्घटना में हुई थी साल भर पहले रुचिका को सिर्फ दो लड़की है रुचिका के सास - ससुर देवर -देवरानी का ब्यवहार अच्छा नहीं है ससुर और देवर दोनों की नियत खराब रहती है ऐसी बहुत सी बाते बताती थी सभी बाते यहाँ लिखना टीक  नहीं है | रुचिका ने बताया की जब ओ नहा कर निकलती है तो ससुर उसे ताकता रहता है एक दिन रात को देवर कमरे में घुस गया और जबरजस्ती करने लगा तो मैं छिल्लाकर उसे भगा दिया | एक बार रुचिका अपने घर वालो से तंग होकर आत्महत्या कि बाते किया तो मैंने उसे बहुत समझाया कि तुम्हारे मरने  के बाद तुम्हारे बच्चो कि क्या दर्शासा होगी ये समझ जाओ तो कुछ दिन बाद रुचिका  एक पत्र लिखा | 

                रुचिका से रोज रोज बाते करते करते कब प्यार हो गया समझ ही नहीं पाया रुचिका रोज आती और 15 - 20 मिनट बाते करती फिर मुस्कुराते हुए चली जाती मैं  रुचिका को जाते हुए देखते रहता रुचिका जब चलती तो उसके सेक्सी कूल्हे [चूतड़] हिलते तो बहुत ही सेक्सी लगती |  29 नवम्बर 2012 को रुचिका ऑफिस से जाने लगी तो जाते जाते किसी बात पर खूब जोर से हँसी और अपनी जीभ निकाल कर दांतो और होठो से दबाया मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए चली गई मैं समझ गया रुचिका मुझे आमंत्रित कर रही है|
रुचिका ने इस तरह से जीभ निकला और मुस्कुरा का चली गई
अब तो ये हालत हो गई की रुचिका जिस दिन नहीं आये उस दिन मैं फोन लगाकर पूछ लेता की क्यो नहि आई इस तरह से नवम्बर माह कब निकल गया पता ही नहीं चला | इसी दौरान मैं रुचिका को इंटरनेट चलना सिखा दिया रुचिका के घर  में कंप्यूटर था तो मैंने  रुचिका को एक नेट सेटर और एक सिम भी दिला दिया और उस नेट सेटर से नेट कैसे चलाते है ये भी सिखा दिया | एक दिन रुचिका ने पूछा की इंटरनेट पर ब्लू फिल्मे कहा से देखते  है तो मैंने उसे बताया और मेरे पास एक चिप थी जिसमे कुछ ब्लू फिल्मे थी ओ चिप् मैंने रुचिका को दे दिया तो रुचिका अपने मोबाइल में चिप लगाकर खूब  चुदाई वाली फिल्मे देखी और अगले दिन बोली बहुत मजा आया देखने में तो मैंने बोला अकेले में कैसे मजा आया तो कुछ नहीं बोली बल्कि उदास होते हुए अपने नजरो को नीची कर लिया | एक दिन मैं रुचिका को कुछ सिखा रहा था तो रुचिका बार बार नाक  दबा रही थी तो मैं धीरे से पूछा की मैं बदबू मार रहा हु क्या तो बोली की नहीं आपका मुह से सिगरेट के बदबू आ रही है तो मैं  पास से उठकर चला आया तो रुचिका ने सोचा की मैं नाराज पड़  गया तो ओ भी 5 मिनट बाद ऑफिस   में आई और सोरी कहने लगी तो मैं बोला इट्स ओके मैं  आपके पास सिगरेट पी कर नहीं या करुगा तो रुचिका ने सिगरेट के नुकसान पर एक लंबा चौड़ा भाषण दे दिया और बोली की आप सिगरेट छोड़ दीजिये क्योकि मेरे हसबैंड भी सराब पीते थे जिस कारन हम दोनों का झगड़ा  होता था पर ओ नहीं माने और इसी सराब ने उन्हें मेरे से जुदा कर दिया और मैं अब आपको नहीं खोना चाहती हु  मैं रुचिका की बाते बड़ी प्यार से  सुनता रहा और मन ही मन  अब सिगरेट नहीं पिउगा रुचिका के ये सब्द '' मैं अब आपको नहीं खोना चाहती हु '' मुझे अन्दर तक झकझोर दिया क्योकि इस सब्द में रुचिका का प्यार झलक रहा था पर मैं फिर भी सिगरेट नहीं छोड़ पा रहा था बहुत कोशिस किया पर सिगरेट नहीं छुट रही थी |  सिगरेट के कारण मैं रुचिका के पास जाने में घबराता था की कही इसे बुरा नहीं लगे और ये बात रुचिका नहीं समझ पाई उसने सोचा की मैं नाराज पड़ गया हु सिगरेट वाली बात को लेकर इस कारण नहीं जाता हु रुचिका के पास एक दिन रुचिका फिर से ऑफिस में आई और बोलती है की आप पीजिये सिगरेट पर मेरे से नाराज नहीं पड़े मैं आपकी नाराजगी और आपसे दूरी सहन नहीं कर पाउगी इतने कहते हुए रुचिका की आँखों में आसू आ गए ओ सायद 9  दिसंबर 2012 का दिन था | मेरे से रुचिका के आशु नहीं देखे गए और मैंने उसी प्रण कर लिया की आज से सिगरेट नहीं पिउगा पर मेरा यह प्रण महज कुछ घंटो में ही टूट गया पर सिगरेट पीने के बाद मन में बहुत दुःख होता था | इसी समय 10 दिसंबर को 12/12/12 को लेकर कुछ लेख छापा किसी अखबार ने तो मैं उस लेख से बहुत प्रभावित हुआ और मन ही मन प्लान बनाया की रुचिका की कसम खा कर
12/12/12 को सिगरेट छोड़ दुगा ,मैं तुरंत ही रुचिका ही एक SMS किया की क्यों न हम इस तरीक को यादगार बना ले अपने जीवन में, अगले दिन 11/12/12 को रुचिका मेरे पास आई और SMS का मतलब पूछा तो मैंने उसे बताया की मैं आपकी  कसम खा कर हमेशा के लिए सिगरेट छोड़ना चाहता हु किसी मंदिर में चलकर , तो रुचिका ने बोला की टीक है चलिए आपकी जहा इच्छा हो वह चलिए आपके हित के लिए तो मैं मेरी जान भी दे सकती हु , रुचिका की इस बात पर मैं रुचिका का हाथ पकड़ा और किस कर लिया आज पहली बार मैंने रुचिका के जिस्म को स्पर्श किया है रुचिका का हाथ पकड़ते ही मेरे पुरे सरीर में बिजली से चमक गई ,मैंने रुचिका को बताया की कल एक घंटे के लिए ऑफिस से छुट्टी ले लेना कही मंदिर में चलेगे तो रुचिका ने कहा की आप कहे तो एक दिन की छुट्टी ले लू तो,मैंने बोला जैसी आपकी इच्छा तो रुचिका बोलती है की आप मुझे आप नहीं तुम कहे और हसने लगी फिर ऑफिस से उठी और अपने ऑफिस चली गई मैं रुचिका को जाते हुए अपलक देखता रहा | फिर मैं  दोपहर में रुचिका को फोन किया की कल कंप्यूटर सीखने नहीं आना और एक निश्चित जगह और समय बता दिया की मुझे वहा मिलना रुचिका ने कहा इट्स ओके कहा | 
                      अगले दिन 12 दिसंबर को रुचिका बताये हुए जगह पर करीब 10 बजकर 20 मिनट पर मिल गई मैं ऑफिस से निकलने के पहले घर में मेरी पत्नी को फोन कर दिया की मैं ऑफिस के कार्य से विश्वविद्यालय जा रहा हु |  मैंने रुचिका को मेरी CBZ बाइक में बिठा कर शहर से कुछ  किलोमीटर की दूरी पर ही  गया और और बोला की चलिए पास के ही एक मंदिर में चलते है (शिव जी ओ मंदिर शहर से करीब 7 किलोमीटर दूर है जहा मैं जाना चाहता था)  तो रुचिका ने कहा की मैं तो आज की पूरे दिन की छुट्टी ले लिया है  तब मैं बोला की फिर कही दूर चले क्या तो रुचिका बोलती है जैसी आपकी इच्छा तब मैंने रुचिका से बोला की चलो कही दूर चलते है और मैंने बाइक को दुसरी तरफ रोड में ले लिया एक प्रसिद्ध धार्मिक नगरी में जाने का प्लान बना लिया जो हमारे शहर से करीब 35  KM दूर है | मैंने रुचिका को बोला की मुह  को सन कोट के कपडे से बाध लो नहीं तो धुप लगेगी मैं भी एक कपडे  से मुह को बाध लिया और हम एक सुहाने सफ़र की तरफ  बढ चले | रुचिका आज पहली बार मेरे साथ बाइक में कही जा रही है ,रुचिका पहले तो बाइक में कुछ दूरी बनाकर बैठी थी सीट पर पर जब कई  जगह पर ब्रेक लगता था तो रुचिका मेरे से चिपक जाती थी फिर रुचिका अपने आपको दूर करती थी पर कब तक आखिर में मैंने रुचिका को बोल दिया की इस तरह से बार बार खिस्कोगी तो थक जाओगी तो रुचिका हसने लगी और बोली की टीक ही अब नहीं खिस्कुगी और फिर रुचिका रस्ते भर मेरे साथ  ऐसी बैठी रही जैसी की मेरी पत्नी बैठती है ,रुचिका ने मेरे कंधे में हाथ रख कर चिपक कर बैठी रही रास्ते भर | 
                         
    हम दोनों बात करते करते रहे कब ओ प्रशिद धार्मिक नगरी आ गई पता ही नहीं चला ,रुचिका ने बोला की सबसे पहले कहा चलेगे तो मैंने बोल की आप जहा कहे वह चलू , तो रुचिका ने कहा की पहले शिव जी के मंदिर चलते है हम दोनों प्रशिद्ध ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये तब तक साढ़े बारह बज गए जब दर्शन करके बाहर निकले तो मैं रुचिका से बोला की अब कहा चलू  तो रुचिका ने कहा की ये तो ऐसी जगह है जहा पर पूरा दिन घुमा जा सकता है मैं बोला टीक है फिर मैं शिवमंदिर से प्रसिद्ध गणेश जी के मंदिर गए फिर हम शहर से काफी दूर सुनसान सड़क से जहा पर दोनों तरफ ज्वार के खेत  थे उस जगह से होते हुए सबसे दूर शिव मंदिर में गए जहा पर मंदिर में बिलकुल भी भीड़ नहीं थी मंदिर में सिर्फ मैं और रुचिका थी | रुचिका ने कहा की चलये खाइये मेरी कसम आज के बाद आप सिगरेट नहीं पियेगे  तब मैंने घड़ी में देखा की उस समय पर बारह बजकर दस मिनट हो रहे थे मैंने रुचिका को बोला की रुको अभी मैं आपकी कसम 12/12/12 को 12 बजकर 12 मिनट 12 सेकण्ड पर कसम खाउगा फिर जैसे ही घड़ी ने उक्त समय हुआ मैं रुचिका के सर पर हाथ रखकर कसम खा लिया की आज के बाद सिगरेट नहीं पिउगा |  जब मैं रुचिका  की कसम खा रहा था उस समय पर  मेरा दाया हाथ रुचिका के सर पर रखा हुआ था .और रुचिका उस समय पर खडी थी और मेरे मन में एक अजीब सी  घबराहट लग रही थी कसम खाते समय फिर भी हिम्मत करके मैंने रुचिका की कसम खा लिया भगवान मुझे इतनी शक्ति दे की मैं इस कसम को जीवन भर निभा सकू मैंने कसम खा लिया रुचिका की तो रुचिका भावुक  होकर मंदिर के अन्दर ही जमीन  में बैठ गई तो मैं रुचिका के पास ही बैठकर रुचिका के गले में हाथ डाल दिया और रुचिका के गालो में कई जोरदार किस  ले लिया फिर मैंने रुचिका के गले में जबड़ो के नीचे भी कई जोरदार पप्पी लिया.और धीरे से रुचिका के बाह के नीचे कमर में हाथ डाल कर रुचिका को चिपका लिया ,इस दौरान मेरे हाथ से दीपा के स्तन भी दब गए फिर से मैंने रुचिका के गले और गालो में कई पप्पी लिया तो रुचिका ने बोला की अब बस करिए  कोई देख लेगा तो मैं रुचिका से दूर हटकर खडा हो गया तो रुचिका ने इशारा किया की बैठ जाइए तो मैं रुचिका के पास ही  बैठ गया और कुछ देर तक मंदिर के अन्दर  ही बैठा रहा फिर दोनों उठकर मंदिर से बाहर आ गये और उसी मंदिर के पास प्रसिद्ध नदी के किनारे घाट पर एक छायादार पेड़ के नीचे हम दोनों बैठ गए और घंटो तक वहा  बाते करते रहे मैंने रुचिका से पूछा की आप उस सुनसान जगह पर मेरे से डरी नहीं है जहा पर ढेर सारे ज्वार के खेत थे तो रुचिका ने कहा की नहीं आप पर पूरा विश्वास है मेरे को कोई गलत निगाह से देख भी नहीं सकता तो मैंने बोला की मेंरी ही नियत खराब हो जाए तो ,तब रुचिका ने कहा की आप ऐसे नहीं है मैं आपको पहचान गई हु आप बहुत ही नेक इंसान है आपमें मुझे कृष्ण भगवान् की छाया नजर आती है और इसी तरह बाते करते करते कब कब दो बज गए पता ही नहीं चला मैंने रुचिक से पूछा की भूख लगी है तो ओ बोलती है की हां फिर  हम दोनों वहा से उठे और एक होटल में दोनों ने खाना खाया तब तक साढ़े तीन बज गए फिर वहा से राजा भरथरी की प्रसिद्ध गुफा में गए जहा पर राजा ने तपस्या किया था उस गुफा के अन्दर गए गुफा को देखा उस समय पर उस गुफा में भी कोई नहि था हम दोनों गुफा के अंदर  बहुत देर तक बैठे रहे रुचिका अपना सर मेरी गोद में रख कर लेट गई और बोलती है की कास मेरे प्राण इसी तरह से आपकी गोद में निकल जाए तो मैं रुचिका के गाल पर एक हल्का सा थपड मारा और बोला की आज के बाद ऐसा नहीं बोलना और रुचिका के गाल में एक पप्पी ले लिया तो जबाब में रुचिका ने भी अपने दोनों हाथो से अपने तरफ खीच कर चिपका लिया और ढेर सारी किस लिए मेरे गालो में तब मैं रुचिका के स्तन को दबाने लगा ब्लाउज के अन्दर हाथ डालकर सच में रुचिका के स्तन उसी तरह से थे जैसे किसी कुवारी लडकी के होते है हलके हलके कठोरता लिए हुए रुचिका को बहुत अच्छा  लग रहा था स्तनों को दबवाना और यह क्रम करीब 4  मिनट तक चलता रहा तब हम दोनों सेक्स के लिए गर्म पड़ गए पर मैं अपने आप को कंट्रोल किया और रुचिका को बोला की चलो चलते है तो रुचिका बोली और कुछ देर तक बैठिये मैंने बोला नहीं हम दोनों बहक रहे है और यह जगह टीक नहीं है बहकने के लिए और फिर रुचिका को जबरजस्ती हाथ पकड़ कर उठाया और गुफा से बाहर आ गए और गुफा के बाहर उसी क्षिप्रा नदी के किनारे दोनों फिर से बैठ गए पानी में पाँव लटका कर और करीब साढ़े चार बजे तक बैठे रही फिर हम दोनों वहा  से उठे और वापस अपने शहर को आ गए मैं रुचिका को उसके घर से थोड़ी दूर उतार कर अपने ऑफिस आ गया जहा पर मेरी पत्नी बैठी हुई थी उन्होंने पूछा की हो गया काम तो मैंने बोला की हां हो गया पर झूठ बोलते हुए मन बहुत ही घबरा रहा था की कही इन्हें पता चल गया तो हमारे घर में लड़ाई सुरू हो जायेगी और मैं मन ही मन बहुत दुखी भी था की मैं मेरी इतनी वफादार और सुन्दर पत्नी को धोखा दे रहा हु | 
              अब रुचिका जब आती तो  मेरे ऑफिस में ही  ज्यादा  समय तक  बैठी रहती तो मैं उसे समझता की इस तरह से मेरे पास बैठोगी तो हम दोनों के बारे में पता चल जाएगा सभी को तो बोली की क्या करू कंट्रोल ही नहीं होता है लगता है की दिन भर आपके सामने बैठी रहू आपको देखती रहू तो मैंने बोला की मेरी भी यही हालत है पर सम्हाल कर रहना है हम दोनों को | एक दिन सायद उस दिन 14  दिसम्बर 2012 था रुचिका आई और सीधे लैब में चली गई मेरी ऑफिस की तरफ देखा तक नहीं मैं समझ गया की ये नाराज है मैं उसके पास जाता तब तक मेरे पास कुछ सज्जन आ गए मैं बातो में ब्यस्त हो गया उन्केजाने के बाद जब मैं लैब में गया तो वहा रुचिका नहीं मिली तो मैं एक शिक्षक से पूछ लिया तो पता चला की ओ दुसरे रूम में बैठी है मैं वहा  गया तो अँधेरे में बैठी हुई मिली मुझे तो मैं बोला की अँधेरे में क्यों बैठी हो जब मैं पास गया तो देखा की रुचिका रो रही  है , मैंने रुचिका के सर पर हाथ रखा बड़े प्यार से सहलाया और पूछा की क्यों रो रही हो तो रुचिका और जोर जोर से हिचकिया ले ले कर रोने लगी तो मैं उसे बड़ी मुस्किल से चुप् कराया और मेरी ऑफिस में लाया,पानी पिलाया और फिर  बोला अब  रही हो तो रुचिका ने बताया की उसके घर से उसके देवर -देवरानी ,सास ससुर ,ननद - नंदोई और मैं सभी नासिक जा रहे है सभी के पति साथ है मैं अकेली हु ये सोच कर बहुत दुःख लगा रहा इस आसु आ गए तब मैं रुचिका को समझाया की जो नहीं है तुम्हारे पास उसके लिए अब क्यों रो रही  हो कोई फायदा नहीं ओ तो चले गए अब  नाम पर कब  रहोगी इतना सुनते ही रुचिका फिर से रोने लगी उसके आँखों से आसुओ की धार बह निकली और तब मुझे बहुत दुःख हुआ और मैं भी रुचिका के साथ रोने लगा मैं सच में बहुत दुखी हो गया रुचिका का दुःख देख कर पर क्या कर  मैंने रुचिका को बोला की यदि मेरे वस् में होता तो मैं मेरी  देकर तुम्हारे पति को जिन्दा कर देता पर ऐसा संभव नहीं फिर मैं रुचिका को बहुत समझाया तो फिर रुचिका ऑफिस से उठी और चली गई मैं रुचिका के दुःख से बहुत दुखी थी रुचिका के  मैं फिर से फोन किया रुचिका को और समझाया पर समझाते समझाते मैं  खुद भी रो पड़ा तो रुचिका ने मुझे समझाया की सर आप मैं रोइये आप ऑफिस म है और वह बहुत से बच्चे है ओ सुनेगे तो क्या सोचेगे तब मैंने रुचिक को बोला की आज के बाद मेरे सामने नहीं रोना तो रुचिका ने कहा की आपकी कसम नहीं रोउगी पर आप तो चुप हो जाइये तब मैं चुप हो  गया फिर मैं कुछ देर बार रुचिका की ऑफिस गया वहां देखा की रुचिका काम कर रही है तो मैं वापस आ गया फिर एक दो दिन बाद रुचिका नासिक चली गई और फिर वापस आने के बाद फिर से मिली तब मैंने रुचिका को बताया की मैं सिगरेट पीना छोड़ दिया एक सप्ताह से ज्यादा हो गए तो रुचिका ने बोला की सच में तो मैंने बोला की तुम्हारी कसम में ओ ताकत है की मैं सिगरेट छोड़ दिया | दिसंबर का महीना कब निकल गया पता ही नहीं चल पाया इस दौरान मैं रुचिका के प्यार में ऐसा पागल हुआ की पत्नी की तरफ ध्यान ही देना बंद हो गया पुरे दिसंबर माह में सिर्फ एक बार पत्नी के साथ सम्भोग किया जबकि सप्ताह में दो बार कम से कम पत्नी के साथ सम्भोग करता था पर रुचिका के प्यार ने मुझे पागल कर दिया |  31 दिसंबर को रुचिका आई तो मैंने कहा की नए साल को कैसे मनाये की हमेसा याद रहे तो रुचिका ने कहा आप बताये तो मैंने फिर रुचिका को बोला की चलो कही बाहर  घूम कर आते नए साल में तो रुचिका तैयार हो गई हम दोनों ने प्लान बना लिया और रुचिका को बता दिया की कहा चलना  है |
रुचिका सलवार सूट में ऐसी ही लगती है

           
         अगले दिन 1 जनवरी 2013  को जाने के पहले 31 दिसंबर को ही मेरी पत्नी को बता दिया था की मैं कल बाहर जा रहा हु कुछ  काम से | रुचिका एक निश्चित जगह पर 9  बजे  मिल गई मुझे |  मैंने मेरी  'आई 20' कार में रुचिका को बिठा लिया और फिर हम दोनों एक नए शहर  जो की हमारे शहर से 135  किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है वहा  के लिए निकल लिए ,रास्ते में कुछ दुरी पर रुचिका ने पूछा की आपके पास कार भी है क्या या किसी से माग कर लाये है तो मैं जोर से हस दिया और कार का रजिस्ट्रेसन कार्ड दे दिया हाथ में रुचिका उसे देखकर बोली ये तो आपकी कार है और मुझे पता ही नहीं था की आपके पास कार भी है तो मैं रुचिका की तरफ  देख कर मुस्कुरा दिया |  रस्ते में बहुत सा मनोहारी जंगल पहाड़ घाटिया पड़ती  है जिसमे मैंने रुचिका की बहुत सारी फोटो लिया मेरे गेलक्सी फोन से जब मैं फोटो लेने लगा उस समय पर रुचिका साड़ी पहने हुए थी और कट बाह का ब्लाउज में ओ बहुत ही सेक्सी लग रही थी  कुछ फोटो लेने के बाद रुचिका ने कहा की रुकिए मैं ड्रेस चेंज कर लेती हु तो मैंने बोला की क्यों तो बोलती है है की नदी में नहाने  में मजा नहीं आयेगा साडी में इसके बाद रुचिका कार से अपना कट बाह की  कुर्ती निकाल लाइ और रोड से थोडा हटकर जंगल मे ब्लाउज  को उतार कर कुर्ती पहन लिया और साडी उतार दिया तो मैं यह देख कर दंग रहा गया की क्योकि  रुचिका साड़ी के नीचे जींस पहन रखी थी रुचिका जींस और कुर्ती में 25  साल की लड़की लग रही थी मैंने रुचिका की बहुत से फोटों लिया उस सुनसान जंगल में फिर हम प्यार से बाते करते हुए करीब 11.30 पर उस जगह पर पहुच गए जहा पर हम दोनों उस प्रसिद्ध नर्मदा नदी में स्नान करने लगे रुचिका के वदन जब पानी में गीले हो गए तो ऒर ज्यादा सेक्सी लगने लगी ऐसा लग रहा था की इसे पानी में ही  चोद  दू पर भीड़ के कारण हिम्मत नहीं पडी  हमारे सामान नदी के घाट में रखे थे इस कारण ज्यादा नहीं नहा पाए और नदी से निकल कर रुचिका ने अपने कपडे को बदल कर फिर से एक जींस और टाप पहन लिया फिर हम दोनों ने प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये जहा पर रुचिका ने उस मंदिर के पुजारी से दो हार माग लिया और करीब 12 बजे हम दोनों वहां से निकल लिए और रास्ते में एक छोटे से कसबे  में आ गए रास्ते में मैंने रुचिका से पूछा की घर चले या कही रूके तो रुचिका ने कहा की आप जैसा चाहे  तो मैं रुचिका को बोला की चलो यहाँ रुकते है और एक अच्छे से होटल में हम दोनों रुक गए उस समय करीब 12  बजकर 30  मिनट हो रहे थे मैंने होटल के रजिस्टर में रुचिका को अपनी पत्नी बताया |
रुचिका के होंठ (Lips) एक दम से ऐसे ही है

 हम दोनों होटल के कमरे में गए मैं कमरे के अन्दर जाते ही रुचिका को पकड़ कर गले से लगा लिया और खूब किस किया तब रुचिका ने अपनी बेग में से ओ दोनों हार जो मंदिर से लाइ थी निकाला और बेग में से एक सिंदूर की डिब्बी निकाला और बोली की लीजिये इसे मेरी माँग  में डाल  दीजिये और अपनी पत्नी के रूप में मुझे स्वीकार करिए तब मैं रुचिका की माँग में एक चुटकी सिन्दूर डाल दिया और गले में हार डालकर अपनी पत्नी स्वीकार किया रुचिका ने अपने बेग के अन्दर एक मोटी से मोमबत्ती निकाला उसे जलाया और हम दोनों ने उस मोमबत्ती के सात फेरे भी लिए | हम दोनों को जोर से भूख लगी थी हमने खाना मगाया और खाना खाया रुचिका को मटन बहुत  पसंद है इस कारण मैंने खाने में तन्दुर्री चिकन मगाया और दोनों ने तबियत से खाया खाना खाने के बाद हम दोनों बेड पर आराम करने लगे और आराम करते करते प्यार करने लगे ( मैं जैसे ही होटल के कमरे के अन्दर गया था  तो पेसाब करने के बहाने बाथरूम में जाकर वियाग्रा की एक पावर फुल टेबलेट खा लिया था जिसे खाए हुए करीब 45  मिनट हो गए है और वियाग्रा का असर होने लगा ) मैंने रुचिका को अपनी तरफ खीच लिया और सीने से लगा लिया और किस करने लगा तो रुचिका पूरा साथ देने लगी रुचिका मेरे वदन में अपना हाथ घुमाने लगी सर पर बालो को सहलाने लगी मैं रुचिका कि कुर्ती के हुक खोल कर अंदर हाथ डाल दिया और स्तनो को खिलाने लगातो रुचिका ने मेरे सर्ट कि बटन खोलने लगी और सभी बटन खोल दिया और बनियान के अंदर से हाथ डाल कर मेरे पीठ को सहलाने लगी  रुचिका के मुह में अपनी जीभ डाल कर रुचिका कि जीभ को धीरे धीरे चूसने लगा, बीच बीच में रुचिका भी मेरी जीभ को चूसने लगी , अब हम दोनों सेक्स के लिए तैयार होने लगे मैंने रुचिका कि ब्रा के हुक खोल दिया तो रुचिका के

रुचिका के बूब्स १००% इस तरह से है

 स्तन ब्रा से आजाद होकर बाहर आ  गए रुचिका कि बूब्स इतने सुन्दर थे कि सब्द नहीं है लिख दू तारीफ के एक दम से गोलाई लिए हुए बूब्स जिसमे ओ कसावट थी कि जैसी किसी कुवारी लड़की के होते है जिसने कभी भी किसी से अपने स्तनो का मर्दन नहीं कराया हो , मैं रुचिका के स्तन को हलके हलके चूसने लगा तो रुचिका और गरम पड़  गई और बार बार जोर से अपनी तरफ खीच खीच कर चिपकाने लगी तब मैं रुचिका के  जींस कि बटन खोलने लगा पर बटन  नहीं खुल रही थी  तो रुचिका ने खुद ही बटन  खोल कर अपनी जींस , कुर्ती  और ब्रा को उतार कर कमरे में रखी टेबल कि तरफ उछाल  दिया और फिर से लिपट गई अब रुचिका के वदन में सिर्फ पैन्टी थी ,चकनी चिकनी जांघे मैं सहलाने लगा  रुचिका के जांघो के बीच में एक काला तिल उसकी जाघो को और अधिक सेक्सी बना रहा था मैं पैंटी के नीचे हाथ डाल दिया और रुचिका कि चूत को सहलाने लगा रुचिका कि चूत एक  क्लीन सेव थी  सेव किया हो मैंने रुचिका कि चूत में एक उगली को हलके से डाल दिया और चूत को अंदर से सहलाने लगा तो दीपिका के मुह से आ आह आह स सस्स सस्स सस स्स्स्स उ उ ऊ ऊ उ कि आवाज आने लगी अब रुचिका तवे (रोटी  सेकने वाला) कि भाति गई जैसे तवे में एक बूँद पानी पड़ता है तो कैसा आवाज करता है तवा उसी  तरह दीपिका मेरी  एक एक हरकत पर आह आह स सस्स सस्स सस स्स्स्स उ उ ऊ ऊ उ करने लगी और मेरे पैंट के ऊपर से ही मेरे हथियार पर हाथ घुमाने लगी और फिर पैंट का हुक खोले लगी तो मैं खुद ही मेरे सारे कपडे उतार कर फर्श में फेक दिया और रुचिका के आगे नंगा हो गया मेरा ८ इंच लंबा और
दीपिका कि कलाई से भी मोटा हथियार फनफना का खड़ा हो गया तब रुचिका बड़े प्यार से हथियार से खेलने लगी खेलते खेलते रुचिका उठकर बैठ गई और बैठ कर हथियार को अपने हाथ से पकड़ कर मुह में डालने लगी पर रुचिका का मुह  बड़ा नहीं है इस कारण इतना मोटा हथियार उसके मुह में नहीं गया तो ओ जीभ से चाटने लगी और फिर हथियार के आगे कि चमड़ी को पीछे कर दिया और आगे के सुपाड़ा को चाटने  लगी मेरा हथियार बिलकुल तनतना कर खड़ा था मैं रुचिका को पकड़ कर अपने ऊपर लिटा लिया और रुचिका को किस करने लग रुचिका कि जीभ को मुह में डाल  लिया और एक हाथ से रुचिका कि चूत में उगली डाल  दिया और सहलाने लगा तो रुचिका ने तुरंत ही अपनी चूत में मेरे हथियार को डालने लगी पर चूत बहुत सकरी थी इस कारण हथियार नहीं घुस रहा था तो मैं रुचिका को लिटा दिया और मैं  रुचिका कि चूत में डालने लगा तो रुचिका ने बेग कि तरफ इसारा किया  मैं रुचिका कि बेग दे दया तो रुचिका उसमे से कंडोम निकाला और पैकेट को फाड़ कर कंडोम को हथियार के ऊपर चढ़ा दिया  और बेग से एक छोटी से तेल कि सीसी निकला और कहा कि   इसे लगा लीजिये तब मै तेल को रुचिका कि चूत और स्तनो में लगा दिया और स्तनो कि मालिश करने लगा हलके हाथ से और चूत को सहलाने लगा और 8 इंची हथियार को धीरे धीरे डालने लगा जब आधा हथियार को डाल  दिया तो रुचिका कराहने लगी और बोली कि दर्द कर रहा है बस ज्यादा नहीं डालिये तो मैं आधे हथियार से ही रुचिका को चोदने लगा रुचिका को जब अच्छा लगने लगा तो अचानक हलके से झटके के साथ पूरा का पूरा हथियार को डाल दिया तो रुचिका पहले जोर से कराही और फिर लिपट  कर लगभग उठ सी गई तो मैं रुचिका के स्तनो को चूसने लगा और धीरे धीरे झटके मारने लगा रुचिका भी बड़े मस्त अंदाज में दोनों हाथो को मेरी कमर में डाल कर लिपटी रही और अपने नितम्बो को आगे -पीछे करने लगी और मैं आराम से झटके पर झटके मारने लगा अब रुचिका मेरी कमर से हाथ निकाल कर बेड पर लेट गई औरमैं झटके मारते रहा हर एक झटके पर रुचिका के स्तन हिलते रहे आगे पीछे मैं बीच बीच में स्तनो को हलके हाथ से मसलता रहा अब रुचिका कि उ आह आह सस सस सी सी सी आह ऊ ऊ ऊ आ आ आ आह अह  उ उ उ उ उ आ आ अ अ अ अ उ ऊ आ ऊ ऊ ओ ओ ओ ओ आह आ सस्स सस्स सस्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह आह ऊ ऊ आआ आआ आए आह  एजी और जोर से मारो झातले बहुत मजा आ रहा है फर उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ आह सस्स स सस स  स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ ओ ओ ओ आ सस सस्स ई सी से स्स्स्स उ उ उ करती रही और मैं झटके मारता  रहा करीब 8  मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद रुक्कू कि चूत हार मान गई और रुचिका स्खलित हो गई पर मैं अभी स्खलित नहीं हुआ और झटके मारता  रहा करीब 2  मिनट बाद मैं भी स्खलित हो गया  और रुक्कू के ऊपर लेट गया रुक्कू बड़े प्यार से मेरे सर पर पीठ पर नितम्ब पर हाथ घुमा रही थी मैं रुक्कू को बड़े प्यार से बार बार चूम रहा था हम दोनों को पसीना आ गया इसके बाद हम दोनो नंगे ही बेड पर 5  मिनट तक एक दूसरे से चिपके हुए लेटे रहे फिर  रुक्कू उठी और नंगी ही बाथरूम में चली गई और फिर वापस आई और फिर से ब्रा और पेंटी पहन कर बेड पर लेट गई और बाते करने लगी मैं घड़ी कि तरफ देखा तो उस समय एक  बजने वाले थे बात बात में रुक्कू ने बताया कि उसके हस्बैंड कि लम्बाई सिर्फ 5  फिट 5  इंच थी ओ मेरे से सिर्फ एक इंच लम्बे थे जब हम दोनों साथ चलते थे तो मैं उनसे बड़ी लगती थी रुक्कू ने ये भी बताया कि ओ बहुत जल्दी फुर्सत हो जाते थे और उनका ये भी छोटा सा पतला सा था ज्यादा कड़क नहीं पड़ता था ओ मुझे बहुत कम संतुष्ट कर पाते थे सराब पीने के कारण ओ कमजोर हो गए थे सरीर से और बहुत से बाते बताया रुक्कू ने |  बात करते करते कब रुक्कू  कब नीद  पता ही नहीं चला मैंने रुक्कू को कम्बल ओढ़ा दिया और मैं भी कम्बल ओढ़कर आराम  करने लगा तो झपकी लग गई फिर जब मेरी झपकी खुली तो देखा कि 2  बज कर 30 मिनट हो गए मैं चुपचाप उठा और फिर से एक वियाग्रा कि गोली खा लिया और बिस्तर पर लेट गया और TV देखने लगा करीब 3 . 15  पर मैं सोती हुई रुक्कू को फिर से किसिंग करने लगा और रुक्कू कि चूत में हाथ घुमाने लगा बूब्स को दबाने लगा तो रुक्कू फिर से सेक्स के लिए तैयार हो गई और लिपट गई मेरे से और कहती है कि पूरा वदन टूट रहा है आपने ऐसा तोड़ा कि मजा आ गया और अगड़ाई  लेने लगी बेड पर फिर उठी और बाथरूम गई और फिर वापस आकर लिपट गई और मेरे हथियार को टटोल कर कहती है कि ये तो फिर से तैयार हो गया ओ (रुक्कू के पति) तो सप्ताह में एक दिन बड़ी मुस्किल से करते थे और आप है कि फिर से तैयार हो गए पर वदन बहुत टूट रहा है दर्द कर रहा है तो मैंने बोला कि लाओ मालिश कर दू तुम्हारी और फिर मैं तेल कि सीसी लेकर रुक्कू को नंगा किया और मालिश करने लगा रुक्कू के पुरे वदन में तेल लगा लगा कर हलके हाथ से खूब मालिश किया पीठ कि तरफ  को सीधा लिटा दिया और फिर स्तनो में तेल लगाकर मालिश करने लगा  रुक्कू के स्तन इस तरह से हाथ से फिसल रहे थे जैसे कोई मछली फिसलती है फिर भी मैं बार बार स्तनो में तेल लगाकर खूब मालिश  करता रहा ,रुक्कू फिर से गर्म पड़ गई  रुक्कू कि आँखे लाला पड़  गई चेहरा तमतमा गया स्तनो कि निप्पल  कड़क पड़ गई और स्तन और अधिक कड़क हो गए मैं समझ गया कि रुक्कू पुरे सबाब में आ गई है अब मैं रुक्कू कि चूत को सहलाने लगा और फिर एक उगली डाल कर चूत के अंदर घुमाने लगा तो रुक्कू के मुहसे उ उ उउउ उउउ उउउ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़  आ आ  अह हा अह उ उउउ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स कि आवाजे आने लगी और रुचिका ने फिर मेरे हथियार को पकड़ कर उसे मरोड़ने लगी और उगली से चिटिन्ना  मारने लगी और फिर 30 सेकण्ड बाद मुझे नीचे गिरा दिया और फिर मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे हथियार में कंडोम लगाकर एक झटके में ही पूरा हथियार को अपनी चूत में घुसेड़ लिया और अपने दोनों हाथो को मेरे सीने पर और पाँव को कमर के बगल में रखके ऊपर नीचे मलखम्ब करने लगी क्या सुन्दर सीन था उस समय का रुचिका के स्तन बार बार उछाल रहे थे जैसे मछलिया पानी में इधर उधर कूदती है फिर वापस पानी में आ गिरती है कुछ इसी तरह से रुचिका के मस्त मस्त स्तन उछल रहे थे सर के बाल बार बार चेहरे के आगे आ जाते थे तो रुक्कू कभी दाए हाथ से तो कभी बाए हाथ से बालो को पीछे करती इस तरह यह क्रम करीब 5  मिनट तक चला रुक्कू कि मलखम्ब कि स्पीड कमजोर पड़  गई मैं समझ गाय कि ये थक रही है तो मैं रुक्कू के नितम्बो और जांघोंके बीच से पकड़ कर उठा लिया और बेड पर खड़ा हो गया रुक्कू ने अपने दोनों हाथो को मेरे गले में डाल कर जोर से पकड़ लिया मुझे फिर मैं रुक्कू के नितम्बो के नीचे हाथ लगा कर ऊपर नीचे उठा उठा झटके मारने  लगा रुक्कू बड़े मजे से झटके खाती रही 3  मिनट तक लगातार झटके मारने के बाद रुक्कू को नीचे बिस्तर पर गिरा दिया और पेट के नीचे टकिया रखकर पेट के बल लिटा दिया और अब रुक्कू के चूतड़ थोड़ा उठ गए तो पीछे से हथियार को घुसेड़ दिया चूत में और फिर तबियत से झटके मारने  लगा झटके  से रुक्कू को बहुत मजा  आ रहा था रुक्कू ने धीरे धीरे अपने चूतड़ो को ऊपर  करते करते दोनों घुटनो के बल उठ गई और हाथ को बिस्तर पर टेक दिया और तकिया पर सर रख कर झुक गई मैं झटके मरता रहा रुक्कू बड़े प्यार से झटके खाती रही और उ उ उ उ उ उ उ उ उ  आ अ अ आए स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ऊऊऊऊ आआआ ओओओओओओ ह्ह्ह्ह कि अजीब आवाजे निकलती रही मुह से और अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी यह क्रम  करीब 4  मिनट तक चलता रहा फिर दोनों एक साथ स्खलित हो गए और रुक्कू पेट के बल  गई मैं प्यूरी ताकत से हथियार को घुसेड़ दिया जैसे कोई भैंसा ,भैस को घुसेड़ देता है और फिर मैं लेट गया रुक्कू के ऊपर और 3 मिनट तक रुक्कू के ऊपर लेटा रहा और रुक्कू की पीठ पर प्यार से हाथ सहलाता रहा किस करता रहा तब रुक्कू ने कहा कि उठिए अब जान लेगे क्या तो मैं हसते हुए उठा गया और रुक्कू भी उठी और अपनी ब्रा और पेंटी को पहना जब घड़ी कि तऱफ देखा तो 4  बजने वाले थे रुक्कू ने बोला कि अब चलिए नहीं तो लेट हो जायेगे तब मैं और रुक्कू उठा कपडे पहना और करीब 4  बजकर २०  मिनट पर होटल से बाहर आ गए और करीब 6  बजकर 30  मिनट पर दोनों अपने शहर आ गए मैं रुक्कू को उसके घर के पास ड्राप दिया | "उसकी आँखों में डूब कर बस लूट गया मै पूरी तरह उससे दूर जाते वक्त -उसकी आँख में आंसू देख बस ऐसा लगा सूरज-चन्द्रमा डूब रहे है उसके अश्को में"
मेरे रुक्कू कि चितवन ऐसी ही है
 अगले दिन रुक्कू मेरे पास ऑफिस आई और बोली कि मेरे देवर को संका हो गया है क्योकि कल ओ मेरे ऑफिस गया था तो मैं वहा नहीं मिली थी तो ओ ऑफिस वालो से पूछ रहा था कि मैं आई थी कि नहीं ,ओ मेरे से भी पूछ रहा था तो मैं बोल दिया कि मैं तो कुछ काम से सिटी चली गई  थी पर उसे संका हो गया है | मैंने बोला जाने दो कहे को घबरा रही हो जान जाए तो जान जाए मैं तुम्हे खुले आम अपने साथ रख लुगा घबराओ नहीं फिर26  जनवरी कि छुट्टी आई तो फिर से हम दोनों ने प्लान बनाया और अपने ही शहर के एक होटल में हम दोनों करीब 4  घंटे बिताये इन 4  घंटो में रुक्कू ने दो बार सम्भोग किया मेरे साथ पर उस दिन जब हम दोनों होटल से निकल रहे थे तो किसी ने देख लिया और रुक्कू के ससुर से बता दिया तो रुक्कू के घर में उस दिन आपस में बहुत  नोक झोक हुई ये सब बात मुझे रुक्कू ने बताया ,इसके बाद हम दोनों पर रुक्कू के देवर और ससुर नजर रखने लगे  वेलंटाइन डे पर हम दोनों पास के ही एक मंदिर गए हुए थे बाईक से तो उस दिन रुक्कू के ससुर ने देख लिया हम दोनों को तो अगले दीन रुक्कू मिली और बोली कि अब तो सबने देख लिया क्या करू इसके बाद मैंने रुक्कू को बोला कि कैसे क्या करना है कि संका ख़तम  हो जाए ,तब मैंने एक sms रुक्कू के मोबाइल में किया उस sms को आधार बना कर रुक्कू के देवर ने कुछ गुंडों से धोखे से एक दिन मेरी पिटाई करवा दिया मैं बहुत अपमानित  हुआ उस दिन |  पर ये पिटाई और अपमान के कारण रुक्कू ने अपने घर वालो से कुछ बहाने बनाकर बगावत कर दिया और ये सब बाते मेरी पत्नी को पता चल गई और बहुत  लड़ाई हुई मेरी बीबी से जो आज तक शांत नहीं हुई पर रुक्कू मेरे से और अधिक प्यार करने लगी पर रुक्कू के घर  में उसका पूरा परिवार बिरोध में हो गया तो एक दिन रुक्कू ने अपना सास ससुर का घर छोड़ दिया और अलग से कमरा किराए पर ले कर  अपनी मम्मी को गाव से बुला लिया और मम्मी के  साथ रहने लगी जब रुक्कू अलग हो गई तो मैं रुक्कू को  पचीस हजार कि मदद करके पूरी  गृहस्थी का सामान खरीद दिया और रुक्कू आराम से अपने बच्चो के साथ सुखी है और अब हम दोनों से बड़े मजे से कभी कभी बाहर जाते है और मजे करते है | मेरी रुक्कू खुस रहे मैं उसके लिए मेरी जान भी दे सकता हु और इस जीवन में रुक्कू का साथ नहीं छोड़ूगा क्योकि मैं रुक्कू से सच्चा प्यार करता हु करता रहूगा | रुक्कू आई लव यू रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू |
                                     चुराके शोख निगाहें कभी न आया करो |
रुक्कू के रशीले होठ ऐसी ही है


पलक उठाके ये जन्नत मुझे दिखाया करो | घेर लेते हैं जब चांद को काले बादल
इन उंगलियों से अपनी जुल्फें हटाया करो
जिगर पे कोई निशानी नहीं तेरे आने तक
तुम अपने कदमों को इस रेत पे नुमाया करो
तुमसे पहले कोई शमा मेरे करीब न थी
कभी मुझे भी अपने नूर में जलाया करो || 
आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक् आई लव यू  रुक्कू आई लव यू ……।
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 अभी 12 दिसंबर 2013  आया तो मैंने रुचिका को कहा  कि चलो अपने मिलन कि सालगिरह मनाते है तो  रुचिका  ने कहा कि आज नहीं क्योकि आज मेरे कुत्ते देवर के निगाहें मेरे ऊपर ही लगी रहती है ओ मेरी जासूसी  करता है फिर कभी चलुगी |  फ़िर 19 दिसंबर 2013 तारिख को रुचिका ने साम को फोन किया और बोली कि कल चलते है तो मैंने बोला कि टीक है और रुचिका 20 दिसंबर को सुबह 10.15  बजे एक जगह मिली [रुक्कू आज ब्लू कलर कि सलवार सूट पहन रखी जिसमे बाला कि खूबसूरत लग रही थी ]और बोली कि मैं ऑफिस में पञ्च करके हाजिरी लगा कर कोई बहाना  बना कर आती हु आप अभी अपनी ऑफिस जाए जब मैं ऑफिस से निकलुंगी तो आपको मिस काल दुगी मैंने बोला ओके और चला आया करीब 10.50  पर रुक्कू ने मिस काल दिया मैंने फोन लगाया तो बोली कि मछी मार्किट के पास खड़ी हु आप वही मिल लीजिये तब मैं तब रुचिका को वही मिला और पूछा कि कहा चले तो रिक्कू ने कहा कि अभी तो यहाँ से चले सिटी के बाहर  चलकर प्लान बनाते है कि कहा चलना है तब मैं रुक्कू को जल्दी से कार कि पिछली सीट में लिटा कर बिठाया और सिटी के बाहर चले गए तब रुचिका आगे के सीट में आ गई तब मैंने बोला कि कहा चले तो रुक्कू ने कहा कि ऐसी जगह जहा आपको और मेरे को कोई नहीं पहचान सके तब मैं सहर से 35 किलोमीटर दूर एक छोटे से सहरी कसबे में गए  और वहा एक होटल में रुक गए उस समय करीब 11.50 हो गए थे रुक्कू होटल के अंदर जाते ही कहा कि मेरे  को टीक 5.15 बजे ऑफिस के आस पास छोड़ दीजियेगा तब मैंने रुक्कू को कहा कि टीक है अभी तो अपने पास साढ़े 4 घंटे है , मैंने रुक्कू को पूछा कि भूख लगी है क्या तो रुक्कू ने कहा कि अभी नहीं तब मैंने कहा कि एक राउंड हो जाए उसके बाद अच्छी भूख लग जायेगी तब लच लेगे तो रुक्कू मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और बोली जैसा आप कहे , तब मैंने रुक्कू को पकड़ कर खीच लिया अपनी तरफ और फटाफट कई किस कर लिए गालों पर तो रुक्कू मेरे से ऐसी लिपटी जैसे कोई नागिन नाग से लिपट जाती है काम क्रीड़ा में मैं रुक्कू को उठा  कर बिस्तर पर गिरा दिया और मुलायम कम्बल ओढ़कर रुक्कू के ऊपर लेट गया और रुक्कू को किस करने लगा किस करते करते एक हाथ से रुक्कू के सलवार सूटके ऊपर से बूब्स को दबाने लगा तो रुक्कू भी मेरे सर पर ,पीठ पर हाथ घुमाने लगी और गालो पर किस्सी करने लगी ,मैं रुक्कू कि सलवार सूटके अंदर ब्रा का हुक खोलने के लिए रुक्कू कि पीठ के नीचे हाथ डाला तो रुक्कू ने पीठ को हलके से उठा लिया तब मैंने रुक्कू कि ब्रा का हुक खोल दिया अब रुक्कू के मस्त मस्त बूब्स आजाद हो गए मैं ऊपर का सूट और ब्रा को बूब्स के ऊपर खिसका दिया और बूब्स को चूसने लगा और हाथ से हलके हलके दबाने लगा तो रुक्कू मेरे सर्ट कि बटने खोलने लगी तब मैं उठा और सर्ट पैंट उतार दिया अब सिर्फ चड्ढी और बनियान में लेट गया और रुक्कू कि सलवार सूट,ब्रा  को भी उतार दिया अब रुक्कू सिर्फ पैंटी पहन कर मेरे पास लेटी हुई है मैं रुक्कू कि जांघो को सहलाने लगा तो रुक्कू मेरी बनियान के अंदर हाथ डालकर मेरी पीठ को सहलाने लगी अब मैं रुक्कू कि पैंटी को उतार दिया और मैं भी बनियान और चड्डी उतार कर रुक्कू के साथ लेट गया आज रुक्कू कि चूत में एक भी बाल नहीं है लगता है आज सुबह ही साफ़ करके आई है मैं रुक्कू कि चूत को चाटने लगा जीभ अंदर करके  रुक्कू रुक्कू अब गर्म पड  गई सेक्स सम्भोग के लिए और मेरे हाथ को पकड़ कर खीचने लगी मैं समझ गया रुक्कू कोअब केला खाने कि चाहत बढ़ गई गई तब मैं रुक्कू के ऊपर लेट गया और किस करने लगा तो रुक्कू मेरे हथियार को पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी तो मैं बोला कि रुको कंडोम लगा लू तो बोली कि रहने दीजिये महीना होने वाली हु कुछ नहीं होगा तब मैं चूत के मुहाने में हथियार को टिका दिया तो रुक्कू ने अपने चूतड़ो को ऊपर उठाया कि लण्ड घुस जाए तो मैं लण्ड को ज़रा सा पूस किया और चूत में सिर्फ लण्ड का सुपाड़ा ही घुसा दिया तो रुक्कू जल्दी जल्दी अपने चूतड़ो को आगे -पीछे करने लगी और कस कर पकड़ लिया मुझे और बोली अब मत तरसा ओ यार तब भी मं नहीं माना और थोड़ा थोड़ा सा लण्ड को छुआता रुक्कू कि चूत में रुक्कू के मुह से उ उ उ उ उ उ उ उ  आ अ अ आए स्स्स्स् स्स्स्स् स्स्स्स् स्स्स्स्स स्स्स् स् स्स्स् स्स्स ऊऊऊऊ आ आ आ
ओ ओ ओ ओओ ओ ह्ह् आह आह आःग आह उ उ उ उई माँ उई माँ उई माँ आ आह कि आवाज करने लगी मैं और बार बार कहने लगी करो ना जल्दी जल्दी तब भी मैं उसी तरह से रुक्कू को तरसा रहा था तो रुक्कू से नहीं रहा गया तो रुक्कू मुझे अपने बगल में नीचे गिरा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई और लण्ड को पूरा घुसेड़ लिया और पेट के बल लेट गाइ मेरे ऊपर और अपने दोनों हाथों को मेरी भुजाओ के पास बेड टिका लिया और अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी और मुह से आ आ आ आ आह आह आह आह आह उ उ उ उ उई उई उई उयउ उई ऊ ऊ उउउ उउउउउऊऊऊ उउउउउउउ आह आह आहाह अह करने लगी और जोर जोर आगे पीछे करने लगी करीब 4 मिनट बाद मैंने रुक्कू    को नीचे लिटा दिया और मैं ऊपर हो गया रुक्कू ने अपने दोनों टांगो को मेरे पुष्टो  पर चढ़ा लिया और हाथो को कमर पर रख कर जोर से पकड़ लिया मुझे तब मैं जोर दार झटके मार मार कर रुक्कू को चोदने लगा और रुक्कू कि चुचियो को चूसने लगा रुक्कू भी मेरे को बार बार किस करती पीठ पर हाथ घुमाती जीभ को चूसती रुक्कू अब जोर जोर से आह आह आह आह आह उ उ उ ऊ ऊ उई उई माँ आ आह आह सी सी सी आ आ आह कि आबाज   निकलाने लगी और जोर से चिपक गई और ढीली पड़  गई मैं समझ गया रुक्कू स्खलित हो चुकी है तब मैं जल्दी जल्दी 15 - 20 झटके मारे और चूत में ही वीर्य को निकाल दिया और लण्ड डाले हुए लेटा रहा रुक्कू के ऊपर फिर 1 मिनट बाद उठा और रुक्कू को गोद में उठा कर बाथरूम ले गया रुक्कू इस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स् स्स्स्स सस्स कि जोरदार आवाज के साथ पेसाब करने लगी मैं भी रुकू के पास ही बैठ कर पेसाब करने लगा तो रुक्कू ने बोला कि इसका गुस्सा अभी तक शान्त नहीं हुआ ये तो अभी भी फन निकाल कर खड़ा है [मैं सुबह चलने के पहले ही वियाग्रा कि पावरफुल टेबलेट लिया था] तब मैंने रुक्कू को बोला कि अभी इसे दो बार और रस पीना है तुम्हारा तब ये सांत होगा तो रुक्कू बोली टीक है और दोनों बाथरूम  से उठकर आ गए कपडे पहने और लंच के लिए फोन किया बैरे को आर्डर दिया एक तंदूरी चिकन [रुचिका को बहुत पसंद है] और दोनों ने जम कर खाये तब तक डेढ़ बज गए थे मैं खाने के बाद जब रुक्कू बाथरूम में गई तो चुपचाप एक वियाग्रा ले लिया और दोनों फिर से मुलायम कम्बल ओढ़कर लेट गए बाते करने लगे रुक्कू ने बहुत सारी बाते बताया रुक्कू ने बताया कि उसका कमीना कुत्ता देवर अभी भी आता है  घर और मेरे साथ सोने को कहता है मैंने एक दिन डॉट कर भगा दिया और बोली कि अब ऐसा कहोगे तो तुम्हारी बीबी को बता दुगी रुक्कू ने ये भी बताया कि उसकी मम्मी आ गई है गाव से इस कारण तो आज चलने के लिए मोका मिला नहीं तो बेटी कि तबियत खराब होने के कारण कही नहीं जा पा रही थी रुक्कू ने भी बताया कि उसकी ऑफिस में काम करने वाला एक लड़का उसका पीछा करता है एक दिन डॉट दिए उस दिन से पीछा करना भूल गया और बहुत से बाते किया अब मैं रुक्कू को फिर से किस करने लगा रुक्कू के स्तनो को दबाने लगा तो रुक्कू फिर से तैयार हो गई चुदाने के लिए तब मैं रुक्कू के और अपने सारे कपडे निकाल कर कुर्सी पर रख दिया और कम्बल के नीचे दोनों नंगे होकर लेट गए , मैंने रुक्कू को कहा कि इस बार कुछ  से करू तो रुक्कू ने कहा कि जैसा मन पड़े करिये  बस मजा खूब आना चाहिए तब मैं रुक्कू को बेड  पर लिटा दिया और मैंके नीचे खड़ा हो गया और रुक्कू कि दोनों टांगो को पकड़ लिया और लण्ड को पेल दिया रुक्कू कि मुलायम चूत में और धीरे धीरे झटके मारने लगा रुक्कू गरम पड़  गई और अपनी चुचिया अपने ही हाथ से दबाने लगी धीरे धीरे झटके मारने लगा रुक्कू अपने दातो से होठो को चबाने लगी लगातार 4 मिनट तक झटके मारने  बाद रुक्कू ने इसरा किया कि बेड  पर आ जाओ तो मैं बेड पर आ गया और लण्ड को खड़ा कर के लेट गया तब रुक्खू ने लण्ड को घुसेड़ लिया चूत में और अपने दोनों पैरो को मेरी तरफ कर लिया और मेरे पैरों की तरफ कर लिया और आगे पीछे होकर चोदने
रुक्कू  इस तरह से बड़े प्यार से चुदाया


लगी मुझे 3 मिनट बाद जब थकने लगी तो उठकर तकिया लिया और अपने सर को तकिया में रख कर झुक  गई और अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी 5 मिनट तक ऐसा ही चुदाती रही फिर कहती है कि जब तक मर्द के  जिस्म का बजन नहीं पड़े तब तक मजा नहीं आता और फिर पीठ केबल लेट गई और बोली मारो जोर जोरसे झटके जितनी ताकत हो तब मैंने पुरे जोश के साथ जोर जोर झटके मारने लगा रुक्कू के मुह से  उ आह आह सस सस सी सी सी आह ऊ ऊ ऊ आ आ आ आह अह  उ उ उ उ उ आ आ अ अ अ अ उ ऊ आ ऊ ऊ ओ ओ ओ ओ आह आ सस्स सस्स सस्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह आह ऊ ऊ आआ आआ आए आह  एजी और जोर से मारो झातले बहुत मजा आ रहा है फर उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ आह सस्स स सस स  स्स्स्स्स् स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ ओ ओ ओ आ सस सस्स ई सी से स्स्स्स उ उ उ करती रही और मैं झटके मारता  रहा करीब 12 मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद रुक्कू और मैं एक साथ स्खलित हो गए और मैं रुक्कू केऊपर  तक पड़ा रहा इस ठंडी में भी दोनों पसीना पसीना हो गए रुक्कू ने कहा कि पंखा चलाओ बहुत गर्मी लग रही है तो मैंने मना किया कि बीमार पड़ जाओगी फिर रुक्कू ने कहा कि आपने थका लिया आज पर बहुत मजा आया फिर हम दोनों कुछ देर में उठे बातरूम गए फिर कपडे पहने रुक्कू ने अपनी बेग से मेकअप का सामान निकाला मेकअप किया और बाहर निकल लिए घड़ी में देखा तो 3 बजने वाले है रुक्कू ने कहा कि चलिए अब ऑफिस में एकात घंटे दिख जाउ सभी को और हम होटल से निकल और रुक्कू के लिए कुछ शापिंग किया जिसमे रुक्कू के लिए नई  ब्रा और पेंटी ,तीन लैगीज और तीन कुर्ते खरीदे मेकअप का सामान खरीदा और फिर वहा से 4 बजे निकल लिए और 5  बजे रुक्कू को ऑफिस से कुछ दूर कार से उतार दिया रुक्कू अपनी ऑफिस चली गई और मैं घर चला गया | रास्ते में रुक्कू बहुत खुस थी क्योकि मैंने  उसके लिए 3 हजार की खरीददारी कर दिया जिसमे एक गरम कोट एक साल और उसकी लड़की के लिए कुछ महंगे कपडे और जब कार से उतरने लगी तो उसे हजार हजार कि 5  नोट पकड़ा दिया अभी कुछ दिन पहले ही रुक्कू के लिए एक टीवी खरीद दिया था उसकी छोटी लड़की के इलाज में 1 हजार खर्च कर दिया इस कारण रुक्कू बहुत खुस रहती है अब मैं रुक्कू को दिल से प्यार करता हु और आगे भी करता रहूगा क्योकि  मुझे रुक्कू  बहुत पसंद है | 
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[सुबह सुबह अपनी ऑफिस में रुक्कू को चोदा] 

         
मेरी रुक्कू का चेहरा और चुचिया ऐसी ही चिकने है
नए साल में १ जनवरी 2014  को सुबह 6  बजे फोन किया रुक्कू को और नए साल कि शुभकामनाये दिया  और हाल हाल चाल पूछा रुक्कू से तो बोली कि टीक है फिर मैंने रुक्कू से कहा कि नए साल में कब मिल रही हो बहुत दिन हो गए तुम्हे किस किये हुए तो रुक्कू ने कहा कि अभी रुकिए फिर बताती हु एकांत दिन फिर ३ जनवरी को रुक्कू से एक जगह मिला और बात किया और रुक्कू को बोला कि मैं सुबह ७ बजे  ऑफिस में यही आ जाओ एक दिन सुबह सुबह मॉर्निंग वाक् के बहाने |  तो रुक्कू बोली कि मम्मी आ जाए गाव से तो आती हु एक दिन और फिर एक दिन  रुक्कू कि मम्मी गाव से आ गई दो दिन बाद रुक्कू को फोन किया तो बोली कल सुबह सुबह  आउगी आपकी ऑफिस में और 8 जनवरी 2014 को सुबह सुबह 7 बजे के पहले ही आ गई क्योकि रुक्कू का घर ऑफिस से पास ही है,उस दिन घना कोहरा छाया हुआ था मैं जल्दी ही ऑफिस आ गया रुक्कू सलवार सूट पहन कर आई थी जैसे ही रुक्कू आई मैंने तुरन्त सटर गिरा दिया आते ही रुक्कू बोली आओ जल्दी जल्दी फटाफट निपट ले नहीं तो कोई आ जाएगा , रुक्कू अंदर घुसते ही सलवार सूट उतार दिया और जल्दी से नंगी हो गई और लिपट गई मेरे से  तब मैंने एक कमरे में कुछ फलैक्स बिछा दिया और कपडे उतार कर नंगा हो गया और खड़े खड़े रुक्कू से प्यार करने लगा रुक्कू कि चुचियो को मसलने लगा हलके हलके हाथ से | रुक्कू खड़ी रही और मैं बैठकर रुक्कू कि चूत को चाटने लगा रुक्कू खड़े खड़े मेरे सर पर हाथ घुमाती रही बीच बीच में झुक कर सर पर किस कर लेती इस तरह रुक्कू  बहुत जल्दी गरम पड़ गई चुदाई के लिए , तब मैफलैक्स के ऊपर घुटने पीछे कि तरफ मोड़ कर

बैठ गया और रुक्कू को अपनी तरफ खीच कर रुक्कू की दोनों टांगो को फैला दिया तब रुक्कू खिसक कर लण्ड को अपनी चूत में घुसेड़ लिया और दोनों हाथो को कंधो से पकड़ते हुए चिपक गई मेरे साथ और किस करने लगी मेरे होठो को चूसने लगी मैं रुक्कू कि कमर में हाथ डाल  दिया और हलके हलके झटके के साथ रुक्कू कि अतृप्त जिस्म को तृप्त करने लगा बीच बीच में रुक्कू कि चुचियो का रस भी लेता रहा रुक्कू मेरे कंधे से हाथ हटाकर अपने दोनों हाथो को फलैक्स में रख लिया दोनों पाँव को जमीन पर टिका लिया और अपने चूतड़ो को आगे -पीछे कर कर के चुदाने लगी रुक्कू इस तरह से लगातार 6 मिनट तक चुदाती रही और मुह से ह  उ उ उ उ उ आ आ अ अ अ अ उ ऊ आ ऊ ऊ ओ ओ ओ ओ आह आ सस्स सस्स सस्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह आह ऊ ऊ आआ आआ आए आह  एजी और जोर से मारो झातले बहुत मजा आ रहा है फर उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ आह सस्स स सस स  स्स्स्स्स् स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ उ उ उ उआ अ अ अ अ अ आआआअ आ सीईईई अ आह आह आह अह अह करती रही और अचानक पीठ  के बल लेट गई और मुझे अपनी तरफ खीच लिया तब मैं लण्ड को घुसेड़ते हुए रुक्कू के ऊपर लेट गया  [मेरी सबसे पसंदीदा पोजीसन चुदाई कि है और यह पोजीसन सभी ओरतो को अच्छी लगती है क्योकि ओरत का पूरा जिस्म मर्द के जिस्म से चिपक  जाता है और चुदाई के समय पर ओरतो को मर्दो के जिस्म का वजन बहुत अच्छा लगता है ] और जोर जोर के झटके मारने लगा रुक्कू मजे के साथ चुदा ने लगी रुक्कू के मुह से उ आह आह सस सस सी सी सी आह ऊ ऊ ऊ आ आ आ आह अह  उ उ उ उ उ आ आ अ अ अ अ उ ऊ आ ऊ ऊ ओ ओ ओ ओ आह आ सस्स सस्स सस्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह आह ऊ ऊ आआ आआ आए आह  एजी और जोर से मारो झातले बहुत मजा आ रहा है फर उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ आह सस्स स सस स  स्स्स्स्स् स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ ओ ओ ओ आ सस सस्स ई सीकि आवाज निकलने लगी और रुक्कू कहने लगी और जोर जोर मारिये झटके बहुत अच्छा लगता है और बार बार अपने चूतड़ो को ऊपर उठाती मैं जोर जोर से झटके मारने  लगा लगातार 8 मिनटक तक झटके खाने के बाद रुक्कू स्खलित हो गई और जोर से चिपक गई मेरे से पर मैं अभी तक स्खालित नहीं हुआ क्योकि मैंने कंडोम लगा रखा था लण्ड के सुपाड़े कि चमड़ी हटाये बिना इस कारण मैं अभी तक स्खलित नहीं हुआ तो रुक्कू ने कहा कि आप बहुत दमदार है बहुत मजा देते है तब मैंने लण्ड को बाहर निकाला तो रुक्कू लण्ड को  पकड़ कर बड़े प्यार से चूमने लगी तब मैंने बोला इसे शांत करो ये अभी तक गुस्से में है तब रुक्कू ने कहा कि कैसे करू तो मैंने रुक्कू को कहा कि पीछे घूम जाओ मैं कर लुगा इसे शांत तब रुक्कू पेट के बल झुक कर घोड़ी बन गई [रुक्कू के घुटनो के नीचे कुर्शी कि गद्दी रख दिया जिससे घुटने को चोट नहीं लगे ] तो मैंने लण्ड के ऊपर से कंडोम को निकाला और बोरोप्लस को रुक्कू कि गाड़ [चूत और गाड़ में अंतर तो जानते हो] में लगा दिया और लण्ड पेलने लगा तो रुक्कू कहती है ये क्या कर रहे है कहा डाल रहे है तब मैंने बोला रुको यहाँ डाल कर देखता हु तो रुक्कू बोली कि दर्द होगा तो मैंने कहा कि जब घुसेगा तब दर्द होगा थोड़ा सहन कर लेना तो रुक्कू कुछ नहीं बोली तब मैं धीरे धीरे रुक्कू कि गाड़ में लण्ड को घुसेड़ने लगा तो रुक्कू को  दर्द हुआ और रुक्कू ने कहा रहने दीजिये न बहुत दर्द हो रहा है तब मैंने बोला टीक है और उसके बाद रुक्कू ने कहा सांत कर लीजिये अपने हैवान लण्ड  को चूत में डाल कर तो मैंने बोला कंडोम निकाल दिया है तो रुक्कू बोली कर लीजिये बिना कंडोम के महीना होने वाली हु तब मैं घोड़ी
रुक्कू को घोड़ी बनाकर चुदाई किया
बनी रुक्कू कि चूत में लण्ड पेल दिया और जोर  झटके मारने  लगा और 3 मिनट तक लगातार झटके मारने के बाद  ढेर सारा वीर्य रुक्कू कि चूत में उड़ेल दिया कुछ देर में रुक्कू  उठी तो वीर्य बहाकर जांघो तक आ  गया तब रुकु ने एक  कपडे से वीर्य को साफ़ किया और जल्दी से कपडे पहन कर मेरे साथ आ और ऑफिस में बैठ गई और बात करने लगी रुक्कू ने बताया कि अब तो रोज रोज आपके साथ सोने की इच्छा पड़ती है तब मैंने बोला जब भी इच्छा पड़े आ जाया करो तो रुक्कू बोली टीक है और कुछ देर बाद रुक्कू चली गई तब तक घड़ी में 7 बजकर 30 मिनट हो गए थे |

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14 फरवरी 2014 वेलेंटाइन डे पर भी रुक्कू कि चुदाई किया कैसे आगे पढ़िए | 
रुक्कू को डेरी मिल्क का एक बड़ा सा पैकेट दिया 


रुक्कू को गुलाब के फूल का गुलदस्ता दिया
रुक्कू कई दिन से कह रही थी कि आपसे  मिलने कि इच्छा हो रही है मैंने बोला  मोका तलास  कर मिल लेगे और फिर 14 फरवरी 2014 को रुक्कू कि ऑफिस में छुट्टी थी, रुक्कू को फोन किया तो बोली कि  छुट्टी है कैसे आउ मम्मी घर पर ही है तो मैंने बोला कि एक्सट्रा वर्क के नाम पर अ जाओ तो रुक्कू तैयार हो गई और करीब 11 बजे आ गई मच्छी बाजार के पास मिली तो उसे कार में बिठा लिया और गुलाब के फूल का एक गुलदस्ता और कैडवरी चाकलेट कि एक बड़ा सा पैकेट दिया तो रुक्कू बोली  थैंक्स और एक फरमाइस कर दिया ''मेरा एक काम कर दीजिये ना'' तो मैंने बोला बताओ तो रुक्कू ने कहा कि ''कुछ गुलाब के पौधे और गमला लेना है'' तो मैं बोला टीक है और रुक्कू के साथ जाकर कुछ फूल के किस्म और गमले लेकर रुक्कू के घर से कुछ दूर रख दिया और चला आया तब रुक्कू कुछ देर बाद आई और हम दोनों अपने ही शहर के बाहर एक  होटल में चले गए , तब दोपहर के 1 बज गए थे दोनों को भूख लग गई थी
तब मैंने मटन का आर्डर दिया और दोनों साथ में खाना खाये मैं [इसी बीच में वियाग्रा कि एक टेबलेट ले लिया था ] तब तक पोने दो बज गए वेटर को बुलाया ओ प्लेट ले कर चला गया , रुक्कू आज एक लैगी और कुर्ती पहन रखी थी , वेटर के जाते ही दरवाजा लगाया और मैंने रुक्कू को किस करना सुरु कर दिया रुक्कू तो जैसे भूखी शेरनी होती है उसी तरह रुक्कू सेक्स के लिए भूखी थी ओ तुरंत ही लेगी और कुर्ती को उतरा ब्रा और पेंटी को उतार कर एक किनारे  फेक दिया और मेरे से लिपटे कर बोली आइये आज कुछ नया तरीका अपनाते है और मेरे पैंट के हुक खोलने लगी तब मैंने मेरे सभी कपडे उतार दिया और नंगा होकर रुक्कू के पास आ गया रुक्कू मेरे खड़े लंड को खिलाने लगी तो मैं रुक्कू कि चूत  घुमाया तो देखा कि आज चूत एक दम से चिकनी है तब मैंने पूछ लिया कि आज ही सफाई किया क्या तो बोली ''हां आज ही किया मुझे पता था आज के दिन आप जरुर मिलेगे  ही सफाई किया '' तो मैंने प्यार से रुक्कू कि चूत को किस कर लिया और चाटने लगा तो रुक्कू ने सर को पकड़ लिया और बोली ''एजी अभी इतनी जल्दी आग मत लगाइये आज कुछ अलग करना है ज्यादा देर तक स्टोक मारे आज '' तो मैंने बोला टीक है और चूत को चाटना बन्द कर दिया और रुक्कू कि खड़ा करके किस  करने लगा और रुक्कू भी मुझे  किस करने लगी मेरे लण्ड को पकड़ने लगी तब मैंने रुक्कू कि एक टाँग को जमीन पर रखने के लिए कह दिया  और दूसरे टाँग  को मैंने मेरे कमर पर टिका लिया और अपने एक  हाथ को मेरे कंधे पर रख लिया और दुसरा हाथ मेरे सीने पर रख लिया और फिर खड़े खड़े चुदाई का सिलसिला सुरु करने लगा तो रुक्कू ने कहा कि कंडोम लगा लीजिये कल ही माहवारी हो गया है तब मैंने कंडोम चढ़ा लिया और इस पोजीसन में रुक्कू को चोदना सुरु किया ,रुक्कू मेरी जीभ को लालीपाप कि तरह चूसने लगी मैं रुक्कू के गले में ,गालो में   किस करता और लण्ड के झटके मारता रुक्कू के मुलायम चूत पर रुक्कू मजे के साथ खड़े खड़े छुड़ा रही थी पर रुक्कू जल्दी ही 4 मिनट में ही थक गई इस पोजीसन में तो मैंने रुक्कू को बेड
रुक्कू ने इस पोजीसन में 4 मिनट तक चुदाया

पर लिटा दिया और रुक्कू कि दोनों टांगो को अपनी तरफ खीच कर कंधे पर रख लिया और रुक्कू कि चिकनी चूत को हलके हलके झटके के साथ लण्ड को आगे -पीछे करने लगा , रुक्कू अभी कल ही माहवारी से फ्री हुई है इस कारण रुक्कू आज कुछ ज्यादा ही गर्मजोशी के साथ चुदा रही है [माहवारी से निबृत होने के बाद ओरतो को सम्भोग करने कि इच्छा दोगुनी नहीं बल्कि आठ गुनी  बढ़ जाती है और यह इच्छा कम से कम 10 दिन तक बनी रहती है इन्ही 10 दिनों में  गर्भवती होती है]
है मैं झटके मारते रहा बीच बीच में झुककर रुक्कू के बूब्स को दबा देता किस कर लेता रुक्कू बड़े मजे के साथ झटके खाने का आनंद ले रही थी रुक्कू कि चूत में लण्ड एक दम से फिट था आज चूत कुछ ज्यादा ही टाइट लग रही थी लण्ड से चिपक जाती थी चूत, बीच बीच में रुक्कू अपनी चूत को,चूत कि मांसपेसियों को अंदर कि तरफ खीच कर और टाइट कर लेती थी चरम आनंद कि अनुभूति दोनों को होने लगा रुक्कू आपनी आँखे बंद कर लेती अपने होठो को दातो से चबाने लगती  मुह से उउउउ उउउ आए आ आ आह आह आह आह आह सी सी स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआआअ आआआह आआ आअहआआआआआआआआक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क आआआआअह्ह्ह्ह आआआआआह्हकी आबाज निकालने लगी  लगातार 8 मिनट तक झटके खाने के बाद रुक्कू उठकर बैठ गई और अपने दोनों हाथो को बेड पर पीछे कि तरफ टिका लिया और फिर चुदाने लगी फिर 3 मिनटक तक झटके खाने के बाद अपने दोनों हाथो को बिस्तर से उठा लिया और मेरे हाथो को
पकड़ने लगी और मुह से अजीब से आबाज आ आ आ आ आ आह आह आह से सीईईईईई आआ आआआ आआआ उउउउ उउऊऊ ऊऊऊ उउउउ उउउ आए आ आ आह आह आह आह आह सी सी स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआआअ आआआह आआ आअहआ आआआआआआआ क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क आह आह आह आह सस्स सस सस करने लगी तो मैंने रुक्कू को उठा लिया तो [रुक्कू का बजन 50 -55  किलो के आसपास होगा ] रुक्कू ने अपने दोनों पाँव की  जांघ को मेरे चूतड़ो के पीछे लपेट लिया और अपने दोनों हाथो को मेरे गले में डालकर झूला बनाकर झूल गई मैंने रुक्कू के चूतड़ो के नीचे अपने दोनों हाथो को लगाकर कस कर पकड़ लिया और लण्ड को पेल दिया मख्खन  कि तरह मुलायम चूत में और झूले कि तरह झूला -झूला कर रुक्कू  चोदना सुरु किया रुक्कू मेरे गालो को होठो को गले के आसपास जोर जोर से किस करने लगी और साथ साथ उउउउ उउउ आए आ आ आह आह आह आह आह सी सी स्स्स्स्स् स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआआअ आआआह आआ आअहआ आआआआआआआक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्कआआ कि  आबाज भी निका लने लगी मैं भी रुक्कू के गले , ओठो ,गालो को खूब किस करने लगा जोर जोर से रुक्कू मेरी जीभ को अपने मुह के अंदर लेकर लालीपाप कि तरह चुस्ती गई मैं हवा में लहर लहरा कर चोदते रहा 5 मिनट तक चुदाई के बाद मेरे हाथ दर्द करने लगे तो रुक्कू को बिस्तर पर लिटा दिया और मेरा 75 किलो का बजन रुक्कू के ऊपर लाद दिया और फिर जोर जोर से झटके मारने लगा रुक्कू के मुह उउउउ उउउ आए आ आ आह आह आह आह आह सी सी स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स् स्स्स्स्स आआआआआअ आआआह आआ आअहआ आआआआआ आ आक् क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्कआ आआआआआ आआआआअ आआ एई ईई ईईई ईईईईईईईए व्वव्वव्वव्वव्वव ककककककककककक र्र्र्र्र्र्र्र् र्र्र्र्र रॠ सरररररर ससरररर स्स्सा स्सा आ आ आ आ कि आवाज करती रहती मैं रुक्कू के होठो को जोर जोर से कसी करता रहा रुक्कू कि जीभ को चूसता रहा रुक्कू अब अपनी चूत को अंदर कि तरफ जोर से खीच  लिया चूत ऐसी हो गई जैसी पानी के पाइप में अधिक प्रेसर होने से पाइप चिपक जाती है उसी तरह से रुक्कू कि चूत लण्ड के साथ ऐसी ही चिपकी हुई है मैं समझ गया रुक्कू अब एक दो मिनट बाद झर जायेगी तो मैं पूरी ताकत के साथ झटके मारने लगा होटल के रूम में फट फट फट फट कि जोर जोर से आवाज निकलने लगी और रुक्कू जोर से चिपक गई मैं भी स्खलित हो गया और हम दोनों पसीना पसीना होकर चिपके रहे बहुत देर तक फिर रुक्कू हफ्ते हुए बोली ''एजी उठिए थका लिया आपने '' तो मैं बोला रुको यार जानु फिर  दोनों उठे और नंगे  ही एक साथ टॉइलेट गए रुक्कू मेरे खड़े लण्ड को देखी और बोली अब तो कंडोम निकाल दीजिये तो मैंने बोला तुम निकाल दो ना तो रुक्कू ने लण्ड को पकड़ कर कंडोम निकाल दिया कंडोम गाढ़े बीर्य से भरा गया था रुक्कू ने कंडोम का वीर्य बाथरूम के फर्स पर गिरा दिया और बोली आपका बहुत गाढ़ा रहता है इसी लिए आप इतनी देर तक रुकते है ओ [अपने स्वर्गवासी पति  का नाम लिया] तो इतना देर तक रुकते भी नहीं थे उनका वीर्य भी पानी कि तरह बहाने लगता था फिर दोनी बाते करते हुए  पेसाब किया रुक्कू कि चूत से ''स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स '' कि आवाज निकली फिर दोनों बाथ रूम में एक दूसरे के अंगो को साफ़ किया मैंने रुक्कू कि चूत को जीभ से चाट चाट कर क्लीन कर दिया रुक्कू भी मेरे लण्ड को पानी से साफ़ किया रो फिर दोनों रूम में आये अपने अपने कपडे पहने तैयार होने के बाद मैंने अपना चेहरा देखा तो गाल में गले में कई जगह पर लाला निसान बन गए तो रुक्कू कि तरफ देखा तो रुक्कू के गालो में ,गले में, होठो के नीचे ,  लाल निसान बन गए ,रुक्कू निसान को देख कर घबरा गई और मेरे ऊपर बनावटी गुस्से के साथ बोली ''ये क्या कर दिया , मम्मी ने पूछा तो क्या जजब दुगी '' तो मैंने बोला ''मेरी पत्नी ने पूछा तो मैं क्या जबाब दुगा '' इसके बाद दोनों हसने लगे और एक दूसरे को फिर से जोर  से किस किया |  इसके बाद मैंने  वेळ बजाया तो वेटर आया तो एक एक गिलास गरम दूध का आर्डर दिया वेटर 10 मिनट बाद दो गिलास दूध दे कर चला गया तो मैंने अपने पास से ''शिलाजीत '' कि 5 कैप्सूल निकला 3 मैंने खा लिया और 2 रुक्कू को दे दिया रुक्कू ने खा लिया फिर दोनों ने एक एक गिलास गरम दूध पिए कुछ देर आराम किया और फिर करीब 3 बजाकर50  मिनट पर होटल के बहार आ गए और रास्ते में आराम से कार चलाते हुए बाते करते रहे रुक्कू ने अपने घर कि बहुत सी बाते बताया फिर मैंने रुक्कू को उसके घर से कुछ दूरी पर उतार दिया रुक्कू अपने घर चली और मैं अपने ऑफिस आ गया 5 दिन बाद रुक्कू रास्ते में मिली तो मैं बाइक से चलते चलते देखा  कि उसके होठो के नीचे के निसान अभी तक नहीं गए तो रुक्कू से पूछा तो बोली कि आपकी करामात है अभी तक निसान नहीं गए तो मैंने बोला टीक है आज साम को एक ट्यूब दे दुगा उसे लाग लेना तो टीक हो जाएगा फिर साम को जब रुक्कू मिली तो उसे एक ट्यूब दे दिया और रुक्कू चली गई | रुक्कू से फोन पर बात होती रहती है रुक्कू बार बार नहीं मिलना चाहती क्योकि उसके ससुर और देवर उस पर नजर रखते है | 
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[5 मार्च 2014 को रुचिका कि चुदाई किया पहली बार उसके घर में]

रुचिका कि मम्मी कि तबियत खराब थी ओ हास्पिटल में भर्ती थी मैंने 4 मार्च को फोन किया तो पता चला कि रुचिका कि मम्मी बीमार है और हास्पिटल में भर्ती है , मैं उसकी मम्मी को देखने गया साथ में 2 किलो अंगूर ले गया काला वाला और बहुत  रहा ,जब आने लगा तो रुचिका ने कहा कि प्लास्टिक कि दो बोतल और 1 किलो भिन्डी पहुचा दीजिये तो मैं बोला टीक है मैं उसके घर पर  पहुचा दिया और चला आया फिर 5 मार्च को फोन किया तो पता चला कि रुचिका घर में अकेली है हास्पिटल में उसके ससुर -सासु है मम्मी के पास उसकी लड़की भी वही थी मैंने रुचिका से पूछा कि क्या कर रही हो तो बोली कि नहाने जा रही हु तो मैंने बोला मैं  आ जाउ नहला दू तुम्हे तो बोली छि हटिये मजाक करते है आप तो मैं बोला सही बोल रहा हु आ जाउ क्या तो पहले तो रुचिका ने आनाकानी किया फिर बोली आ जाइये पर पैदल आना बाइक घर  के सामने नहीं दिखना चाहिए जिससे किसी को पता नहीं चले , तो मैं रुचिका के किराए के घर पैदल ही पहुच गया करीब 11  बजे दिन में , रुचिका नहा चुकी थी मैं गया तो रुचिका सिर्फ एक गाउन पहन रखी थी जो कि गीले वदन में चिपकी हुई थी जैसे ही मैं घर में घुसा रुचिका ने दरवाजा लगा लिया तो मैं तुरंत ही रुचिका को पकड़ कर खीच लिया और किस करने लगा तो रुचिका बोली जल्दी कर लीजिये कोई आ नहीं जाए , तब मैं रुचिका को पीछे के कमरे की बेड पर ले गया और गाउन को उतारने लगा तो रुचिका बोली इसे नहीं उतारिये मैं ऊपर कर लेती हु और रुचिका ने गाउन को पूरा ऊपर कर लिया गले तक मैं मेरे सर्ट को उतारने लगा तो रुचिका ने मना कर दिया बोली सिर्फ पैंट उतार दीजिये तब मैं सिर्फ पैंट और चढ्ढी उतार दिया और रुचिका कि तरफ देखा तो अब रुचिका के सुन्दर बूब्स दिखाई देने लगे मैं बूब्स खिलाने लगा तो रुचिका बोली इतना टाइम नहीं है जल्दी कर लीजिये, तो रुचिका की चूत चाटने लगा [रुचिका के चूत चाटने से रुचिका मुस्किल से एक मिनट में ही गरम पड़ जाती है] रुचिका जल्दी ही गरम पड़ गई तो मैं लण्ड फ़साने लगा रुचिका कि चिकनी चूत में तो रुचिका ने तकिये के नीचे से कंडोम निकाला और बोली से लगा लीजिये कही गड़बड़ ना हो जाए तो मैंने कंडोम फसाया और रुचिका कि चूत में लण्ड फसा कर रुचिका की दोनों टाँगो को खीच कर हाथ से पकड़ लिया और खड़े खड़े चोदने लगा रुचिका के मुह से उउउउ आआ आ आह्ह्ह आह्ह्ह आअह्ह्ह आआह्हह्हह्ह आए आए आ आए आए आ आ सी सी सीई ईईईईई असीईईईईए आ आ आ आ कि आवाज निकलने लगी और रुचिका उठकर बैठने लगी तो मैंने रुचिका को बैठने नहीं दिया और उसे बिस्तर में ऊपर कि तरफ खिसका दिया और रुचिका के ऊपर चढ़ गया और जोर जोर से झटके मारने लगा रुचिका मेरे होठो को जीभ को गाल को किस करने लगी जोर जोर से रुचिका जब किस करना बंद कर देती तो मैं भी रुचिका के बूब्स को पीने लगता और झटके भी देता रहता रुचिका अपनी आँखे बंद किये हुए मजे से चुदा
रुचिका इसी तरह कि गाउन पहन रखी थी
रही थी मुह से
उउउउ आआ आ आह्ह्ह आह्ह्ह आअह्ह्ह आआह् हह्हह्ह आए आए आ आए आए आ आ सी सी सीई ईईईईई असी आ ईईईईए आ आ आ आकि आवाज के साथ मुस्किल से 5 मिनट में ही रुचिका ने अपनी चूत को कस लिया लण्ड खूब टाइट हो गया रुचिका कि चूत में मैं समझ गया रुचिका झरने वाली है तो रुचिका मेरे चूतड़ो पर हाथ रख कर जल्दी जल्दी झटके मारवाने लगी मैं चुदाई कि स्पीड बढ़ा दिया और मुस्किल से 2 मिनट और झटके मारा तो रुचिका झर गई पर मैं अभी तक नहीं झरा तो रुचिका बोली जल्दी कर लो ना क्यों इतना टाइम ले रहे है तो मैंने रुचिका को जल्दी से घोड़ी बना दिया और 40 - 50 झटके मारा जोर जोर से  और बिस्तर पर दोनों पाँव से आधा खड़ा होकर पूरी ताकत से रुचिका के कंधो को पकड़ कर लण्ड पेले हुए वीर्य को छोड़ते हुए स्खलित हो गया तब मेरी ताकत को रुचिका सहन नहीं कर पाई और बेड पर पेट के बल लेट गई मैं लण्ड डाले हुए रुचिका के ऊपर लेटा रहा एक मिनट बाद रुचिका झुझलाते हुए बोली ''उठोगे नहीं क्या उठो मरवाओगे कोई आ जायेगा तो'' तब मैं उठा रुचिका भी उठी और जल्दी से गाउन को टीक किया मेरे लण्ड के  वीर्य से भरे हुए कंडोम को खुद ही निकाला जल्दी से और कंडोम में गाठ लगाते हुए एक पेपर में लपेट कर कमरे के किनारे में फेक दिया और बोली ''जल्दी से कपडे पहन लीजिये''  मैं जल्दी जल्दी कपडे पहना और आगे के छोटे से रूम में आकर बैठ गया तो बोली ''बाल में कंघी घुमा कर टीक कर लीजिये'' और एक कंघी लेकर खुद ही मेरे बाल को टीक किया और जल्दी से आगे का दरवाजा खोल दिया और सामने रखी कुर्सी में बैठ गई तो मैंने रुचिका के बूब्स कि तरफ इसारा किया तो ओ समझ गई और पीछे के कमरे में जाकर ब्रा और पेंटी पहनने लगी तो मैं उठकर देखने लगा तो डाँटते हुए बोली ''जाइये आगे के कमरे में अभी इतना देखने के बाद भी आपका मन नहीं भरा'' तब मैं वापस आगे के कमरे में बैठ गया तो 1 मिनट बाद रुचिका आई और मेरे सामने कुर्सी में बैठ गई तो मैंने बोला जाउ अब तो बोली हां जाइये कोई आ नहीं जाये और मैं चला आया 6 मार्च को रुचिका कि मम्मी हास्पिटल से घर आ गई फिर 8 मार्च को रुचिका ने फोन किया कि कुछ सामान दे जाइये घर में आज मेहमान आयेगे तो मैंने पूंछा कि क्या दे जाउ तो रुचिका बोली एक दर्ज़न अंडे दे जाइये तो मैं एक दर्ज़न अंडे और दो किलो काला अंगूर
रुचिका ने इस तरह से अपने होठो को दबा कर विदा किया
लेकर रुचिका के घर गया मम्मी के हाल चाल पूछा और 15 मिनट तक उसकी मम्मी के पास बैठा रहा और फिर वापस आ गया | जब मैं वापस आने लगा तो रुचिका मुझे गेट तक छोड़ने आई और अपने होठो को दात से दबाते हुए एक आख को दबाया और गर्दन हिला कर इसारा किया जाने का तो मैं रुचिका के घर से चला आया | 

          अभी एक दिन रुचिका  ने बताया कि मेरे कुत्ते देवर ने मम्मी से आपके और मेरे रिस्ते के बारे में सब बता दिया मम्मी पुँछ रही थी तो मैंने मम्मी को नकार दिया और मेरे बोली कि अभी ऑफिस में मोबाइल नहीं ले जा रही हु इस लिए आप फोन नहीं करना और अभी कही भी मिलने कि कोशिस भी नहीं करना क्योकि ओ  कुत्ता देवर  आपका पीछा करता है | रुक्कू ने बताया कि मेरा कुत्ता देवर मेरी चूत  चाटने के लिए  बेताब है पर मैं उसे नहीं दुगी मेरा जिस्म ओ कुछ भी कर ले मरते मर जाउगी पर कुत्ते देवर को छूने नहीं दुगी मेरा जिस्म | रुक्कू अभी होली पर गाँव गई है गाँव से रोज बाते करती है बहुत देर तक , रुक्कू ने बताया कि ''उसके ससुर और देवर ने मेरे भैया से भी बोल दिया है कि इसे वापस नहीं आने दो यहाँ तो पापा ,भैया ने उन्हें मना कर दिया और मुझे बोले कि तू तो जा और नौकरी कर अपने बच्चोको पाल पोस | 

रुक्कू अभी गाँव से  वापस आई और बोली मेरा मोबाइल खराब हो गया है तो मैंने रुक्कू के लिए एक नया मोबाइल सैमसंग गैलेक्सी खरीद कर दिया 

[16 अप्रैल 2014 को रुक्कू को अपनी ऑफिस में फिर से चोद दिया ]

अभी एक  दिन रुक्कू बोली मैं सुबह मेरी लड़की को स्कूल बस में छोड़ने के लिए सुबह 6.45 पर रोड पर आती हु आपके सेंटर के पास ही आप चाहो तो सुबह मिल सकते है क्योकि इतनी सुबह तो कोई नहीं रहता होगा वहा तो मैंने कहा की हां सुबह तो सुनसान रहता है और रुक्कू ने कहा की अभी तो मम्मी भी गाँव में है जल्दी घर जाने की कोई टेंसन भी नहीं है की तो मैं बोला टीक है और 16 अप्रैल 2014 को सुबह सुबह रुक्कू की चुदाई कर दिया तबियत से अपने ऑफिस  में कैसे आगे पढ़िए | 


16 अप्रैल 2014 को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर मैं उस जगह पर गया जहा रुक्कू अपनी लड़की को स्कूल बस में बैठाती है मैं रुक्कू से दूर से ही इसरा किया और ऑफिस आ गया कुछ ही देर में रूकू 6 बजकर 45 मिनट पर मेरी ऑफिस आ गई रुक्कू आज एक सलवार सूट पहन रखी है रुक्कू के आते ही सटर को गिरा दिया और रुक्कू को सीने से लगा लिया और खूब प्यार किया और सबसे पीछे के रूम में ले गया जहा पर एक मखमली,मुलायम डनलप का गद्दा रखा है और पीछे के रूम में AC भी लगा है जिसे आते ही ऑन कर दिया था [दोपहर में आराम करने के लिए एक गद्दा और तकिया चद्दर रख लिया है पर मेन मकसद है रुक्कू की चुदाई के लिए बिस्तर रखा है] रुक्कू को बिस्तर पर बिठा दिया और किस करने लगा रुक्कू बोली ज्यादा रोमांटिक होने का जगह और समय नहीं है जल्दी जल्दी निपट लेते है तो मैंने बोला टीक है और इतना कहकर मैं अपने कपडे उतार दिया और रुक्कू भी उठी और अपने सभी कपडे उतार कर नंगी होगी और दोनों बेड पर लेट गए मैं रुक्कू की चुचियो को चूसने लगा रुक्कू मेरे कंधो पर ,पीठ पर हाथ घुमाने लगी मैं रुक्कू के एक एक अनाज को किस करने लगा किस करते करते मैं रुक्कू की चूत को किस करना चाहा तो रुक्कू ने मेरे सर पर हाथ रख कर रोक लिया तो मैंने पूछा ''क्यों क्या हुआ'' तो बोली ''वहा मुह नहीं लगाइये कल ही महीना हुई हु और बहुत खून जा रहा है '' तो मैं रुक गया और जांघो को सहलाने लगा इधर रुक्कू मेरे लण्ड को मेरे अडुओ पर हाथ घुमाने लगी रुक्कू की चुचियो की निपल टाइट हो गई ,आँखे लाल पड़ गई और बार बार आँखे बंद करके आ आ आ आह आह आह ऊ उउउ उउउ की आवाज करने लगी मैं समझ गया रुक्कू गर्म पड़ चुकी है तब मैंने रुक्कू की दोनों टांगो को फैलाया और लण्ड पर कंडोम लगाने लगा तो रुक्कू ने मना कर दिया और बोली आज बिना कंडोम लगाए करिये न ज्यादा मजा आता है और ऐसे में रुकने का कोई चांस भी नहीं है तो मैं कंडोम लगाए बिना ही रुक्कू की चूत में लण्ड डालने लगा तो रुक्कू ने कहा की कोई और मोटा कपड़ा यहाँ रख दीजिये नहीं तो खून लग जाएगा और आपकी मेडम  जाएगी तो आपकी खैर नहीं तो मैंने है दिया और उठा एक साफ़ सुथरा चिकना फ्लैक्स बिछा दिया रुक्कू के चूतड़ के नीचे और रुक्कू की दोनों टांगो को उठा कर फैलाया और अपना मोटा लंबा लण्ड को डालने लगा , लण्ड का सुपाड़ा ही घुसा था की रुक्कू के चूत में से खून की धार निकल पडी तो मैंने रुक्कू से कहा की ''यार बहुत खून निकल रहा है कही कुछ गड़बड़ ना हो जाए तो रुक्कू बोली ''कुछ नहीं होगा इसके पहले उनके साथ कई बार करवा चुकी हु बहते खून में बहुत मजा आता है'' आप तो डाल दो पूरा का पूरा और मजे से करिये '' तब मैंने पूरा का पूरा लण्ड घुसेड़ दिया और आराम के साथ लण्ड को आगे पीछे करने लगा रुक्कू बड़े मजे के साथ चुदाने लगी जब भी लण्ड बाहर की तरफ खीचता रुक्कू की चुत से खुन की धार भी बहार को निकलती मेरा पूरा लण्ड खून के कारण लाल पड़ गया था रुक्कू की चुत के चारो तरफ खून लगा गया था खून की चिकनाई के कारण आज ज्यादा ही मजा आ रहा था चुदाई में लगातार 5 मिनट तक रुक्कू को चोदते चोदते बिछे हुए फ्लैक्स में खून गिराने लगा और रुक्कू के चूतड़ में खून लगने लगा पर रुक्कू आँखे बंद किये हुए लण्ड के एक एक झटके पर र हाथ से पकड़ लिया और खड़े खड़े चोदने लगा रुचिका के मुह से उउउउ आआ आ आह्ह्ह आह्ह्ह आअह्ह्ह आआह्हह्हह्ह आए आए आ आए आए आ आ सी सी सीई ईईईईई असीईईईईए आ आस्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआअ उउउ
रुचिका का गदराया हुआ जिस्म ऐसा ही है


उउउ करती जाती मैंने रुक्कू को उठा कर बैठा दिया और मैं बेड पर लेट गया तब दीपा उठी और मेरे लण्ड को चुत में घुसेड लिया अपने चूतडो को मेरी तरफ घुमाते हुए और अपने दोनों हाथो को मेरे जांघो पर रख कर अपने चूतडो को ऊपर नीचे करने लगी रुक्कू जब भी अपने चूतडो को नीचे करती तब उसकी चूत से खून पच्च पच्च करके बाहर को निकलता और बहते हुए मेरे लण्ड पर गिरता  और मेरे आँडूओं तक खून लगता हुआ नीचे बिछे हुए फ्लैक्स में गिरता रुक्कू बड़े मजे के साथ अपने चूतडो कोऊपर नीचे करती और साथ ही मुह से उ आ आह आ आ आ आह्ह्ह आह्ह्ह आअह्ह्ह आआह्हह्हह्ह आए आए आ आए आए आ आ सी सी सीई ईईईईई असीईईईईए आ आस्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स् की आवाज भी निकलती और इस तरह से लगातार 7 मिनट तक चुदाती रही और जब थकने लगी तो रुक्कू को मैंने घोड़ी बना दिया और लण्ड के झटके मारने लगा रुक्कू बहुत मजे के साथ चुदवा रही थी मैंने जल्दी जल्दी झटके मरना सुरु कर दिया पर आज रुक्कू कुछ ज्यादा ही रुक रही थी तब मैंने रुक्कू को पीठ की तरफ से लिटा दिया और चढ़ गया उसके ऊपर और जोर जोर से जहटके मरने लगा रुक्कू मेरी जीभ को चूसने लगी जोर जोर से ऐसा लग रहा था मेरे पूरी जीभ को निगल लेगी साथ ही मुह से   आ आह आ आ आ आह्ह्ह आह्ह्ह आअह्ह्ह आआह्हह्हह्ह आए आए आ आए आए आ आ सी सी सीई ईईईईई असीईईईईए आ आस्स्स्स्स्स स्स् की अबाज निकलती रहे लगातार 6 मिनट तक झटके मारते रहा  रुक्कू आधा शरीर उठा कर आधी बैठ गई और मुहे किस करने लगी और जीभ को चूसते हुए रुक्कू जोर से चिपक गई मेरे से मैं समझ गया ये  झरने वाली है तब मैं जोर जोर के झटके मारा और दोनों एक साथ स्खलिात होकर मैं रुक्कू के ऊपर लेट गया रुक्कू बड़े प्यार से मेरे चेहरे पर अपना हाथ घुमाया और अपने हाथ की खुद ही किस किया और बोली बहुत मजा आया आज ऐसा लगता है रोज मजा लू आपके साथ पर मेरे नसीब में रोज रोज ऐसा मजा नहीं लिखा है |   मैं लण्ड घुसेड़े हुए रुक्कू  के ऊपर लेटा  रहा और बाते करता रहा उधर चूत से खून के साथ ढेर सारा वीर्य बहता रहा फिर रुक्कू बड़े प्यार से किस किया मुझे और बोली अब उठिए 20 मिनट हो गए थका लिया और इतना कह कर मुझे हल्का सा धक्का देकर नीच गिरा दिया और मेरे लण्ड की तरफ देखा और बोली ये तो पूरा लाल पड़ गया और फिर अपनी चूत की तरफ देखी तो खून और वीर्य बह रहा था तो बोली कैसे साफ़ करू तो मैंने कहा की ऑफिस में कपड़ा रखा है तब रुक्कू जल्दी से नंगी ही ऑफिस आई और कपड़ा लेकर पहले मेरा लण्ड साफ़ किया और फिर अपने चूत को साफ़ किया मेरे लण्ड को किस किया और बोली उठिए कपड़ा पहन लीजिये तब मैं उठा और कपड़ा पहन लिया रुक्कू भी अपनी पैंटी को पहना मासिक  रोकने वाला पैड लगाया और ब्रा पहनने पहनने लगी तो हुक लगाते नहीं बन रहा था तो मुझे बोली हुक लगा दीजिये न तो मैं ब्रा का हुक लगाते लगाते रुक्कू के बस को दबाने लगा और रुक्कू की सुन्दर सेक्सी चिकिनी पथ को चूमने लगा तो बोली अभी मन नहीं भरा क्या तो मैंने बोला तुमसे मेरा मन कभी नहीं भरेगा और इतना कह कर ब्रा का हुक लगा दिया तो रुक्कू मेरी तरफ घुमी और मेरे से लिपट गई और मुझे किस करने लगी और भावुक होते हुए बोली ''आपसे तो सादी भी नहीं कर सकती आप इतने बड़े आदमी हो आपकी इतनी इज्जत है आपकी इज्जत खराब नहीं करुँगी'' और इतना कहने के साथ ही रुक्कू के आँखों से आशु बहने लगे तो मैं रुक्कू के बहते हुए आशु को चाटने लगा और बोला ''ये तुम्हारे आशु मेरे लिए गंगा जल के सामन है इन्हे मत बहाओ मेरी रानी'' इतना कहते ही रुक्कू और जोर से चिपक गई मेरे से मैंने रुक्कू को किस करते हुए बालो पर हाथ घुमाया और बोला चलो कपड़ा पहन लो साढ़े सात [7 .30] बजने वाले है तब रुक्कू ने अपनी कुर्ती और सलवार पहना और हैम दोनों पीछे के कमरे से बाहर आ गए  मैंने सटर उठाया उधर रुक्कू मेरे ऑफिस में मेरी ही कुर्शी पर बैठ गई और मेरा लैपटॉप चलाने लगी मैं मेरी रुमाल को गीला किया पानी से और रुक्कू के चेहरे को पोछने लगा और चेहरा साफ़ कर दिया फिर कुर्शी में रखी सफ़ेद मुलायम टॉवेल से चहरे को फिर से साफ़ किया रुक्कू बड़े आराम से अपना चेहरा साफ़ करवाती रही जब मैं बगल की कुर्शी में बैठने लगा तो रुक्कू मेरी कुर्शी से उठी और मेरे से चिपक गई और बोली ''इतना प्यार मत करिये मुझे कही साथ ना छूट जाए हा दोनों का '' तब मैंने बोला हमारा साथ तो सात सात जन्मका है नहीं छूतेगा और रुक्कू को क्किस करने लगा तब रुक्कू कुछ देर में मेरे से अलग हो गई और बाहर की तरफ देखने लगी फिर एक दूसरी कुर्शी में बैठ गई और बाते करने लगी इतने में झाड़ू लगाने और साफ़ सफाई करने वाली बाई आ गई तब मैंने केबिन लगा लिया और बाते करने लगा रुक्कू से ,रुक्कू ने अपने घर की बहुत सी बाते बताया , रुक्कू ने बताया की  '' मेरा कुत्ता देवर मुझे वेश्या कहता है मैंने मेरे ससुराल जाना बंद कर दिया '' और बहुत से बाते बताया | रुक्कू बोली मेरे लिए एक इंडक्सन  चूल्हा दे दीजिये कुछ इंडेक्सन वाले वर्तन भी तब मैंने बोला टेक है और एक दिन मैंने रुक्कू को इंडक्सन वाला इलेक्ट्रिक चूल्हा और कई वर्तन खरीद दिया इंडेक्सन चूल्हे वाले , रुक्कू को  धूप ना लगे इसके लिए एक धुप का गॉगल्स खरीद दिया | रुक्कू ने भी बताया की उसके सास ससुर देवर सभी यहाँ से अपने गाँव जा रहे है , इनके जाने के बाद कोई टेंसन नहीं रहेगा और मैं आपसे खूब मिल सकुंगी और घर भी बुला लिया करुँगी आपको खूब घूमेगे फिरेंगे साथ साथ जब ये नहीं रहेंगे तब और बहुत सी बाते किया रुक्कू ने और 8 बजे ऑफिस से चली गई |


    अभी 30 अप्रैल 2014 को रुक्कू को रात  में उसके घर में चोदा

  क्योकि उसकी मम्मी और बड़ी बेटी गाँव में है |  30 अप्रैल 2014 को रुक्कू ने  बुलाया और बोली आज रात में आना तबियत से अकेले मस्ती करेंगे | तो मैं रात में 10 बजे घर से बहाना बनाकर निकला और बाइक को रेलवे स्टेशन में खड़ी किया और एक ऑटो पकड़ कर रुचिका के घर से कुछ दूर आ गया तो रुचिका को मिस काल दिया ओ  समझ गई मैं आ गया,ऑटो वाले कुछ दूर पर ही छोड़ दिया और रुचिका के किराए के घर आ गया,रुचिका ने दरवाजा खोल कर ही रखा था,मैं जल्दी से अंदर घुस गया और तुरंत दरवाजा लगा लिया , रुचिका ने अपने 4 साल के लड़के को आगे के कमरे में सुला रखा था , पीछे का रूम खाली था, जाते ही रुचिका को किस कर लिया और रुचिका को लेकर बिस्तर में बैठ गया और रुचिका के बूब्स को  दबाने लगा, और किस करने लगा और गाउन को पाँव से खेचते हुए जांघो तक चढ़ाया और जांघो को सहलाने लगा और कुछ ही पलो मे रुचिका के चिकनी चूत पर हाथ घुमाने लगा [ रुचिका ने ब्रा और पेंटी नहीं पहना हुआ था , चुदाई की खुसी में ] और धीरे से एक ऊँगली को रुचिका की चूत के अंदर किनारो को सहलाने लगा तो रुचिका जल्दी ही मेरे पैटन के ऊपर से लण्ड को पकड़ने लगी जब नहीं पकड़ पाई तो बोली उठो।  मैं उठा गया तो रुचिका मेरे बेल्ट को खोलने लगी और पेंट की हुक खोलते हुए फर्स पर गिरा दिया तो मैंने पेंट को एक पाँव से दबाते हुए उतारने लगा तो रुचिका मेरे सर्ट की बटन  खोल दिया और मेरी सर्ट को उतार दिया और फिर बनियान को भी उतारने लगी तो मैं स्वेम ही बनियान को उतार दिया और फिर रुचिका की गाउन को उतार दिया अब रुचिका नंगी हो गई तो मैं रुचिका के बूब्स को चाटने लगा रुचिका जल्दी ही गर्म पड़ गई और चढ्ढि के अंदर मेरे लण्ड से खेलने लगी और चढ्ढि को उतार दिया तब मैंने रुक्कू को बिस्तर पर लिटा दिया और दीपा  की चूत को चाटने लगा रुक्कू आ आह सस्स स सस स  स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ ओ ओ ओ आ सस सस्स ई सी से स्स्स्स उ करने लगी और मेरे को पकड़ कर खीचने लगी अपनी तरफ , मेरे सर पर हाथ घुमाते हुए और  कुछ देर में उठी और मुझे बिस्तर में गिराते हुए मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे किस करने लगी और फिर बोलती है आज कुछ नया करे क्या तो मैंने बोला जैसा बोलो वैसा करू तो रुक्कू कहती है की आपने जो  ब्लू फिल्म की चिप दिया था उसमे से एक तरीके से आजतक कभी नहीं करवाई तो मैंने बोला टेक है बताओ कौन सा तरीका है तो रुक्कू
रुक्कू इस तरह से मुझे किस करने लगी
  बोली आप बिस्तर में 

पाँव नीचे करके पीठ के बल लेट जाए और मैं जमीन में खड़ी होकर आपको चोदती हु तो मैंने वैसा ही किया तब रुक्कू मेरे लण्ड को पकड़ कर चूत में डालने लगी तो  मैंने   धीरे से बोला ''कंडोम तो लगा लू'' तो बोली ''आज कंडोम ख़त्म'' हो गया है तब मैंने बोला ''कोई
लफड़ा न हो जाए'' तो बोली '' अभी तो करती हु बाद की बाद में देखूँगी '' और इतना कहकर रुक्कू मेरे लण्ड को डाल लिया और जमीन पर खड़ी होकर मेरे लण्ड पर कूदने लगी रुक्कू के टीक सामने बड़ा सा आइना लगा हुआ था उस आईने में रुक्कू की कूदती - उछलती हुई चुचिया दिख रही थी रुक्कू बार बार आपने होठो को चबाती जाती  लण्ड पर कूदती जाती और जोर जोर से करती तब मैंने धीरे से कहा इतना जोर से आबाज नहीं निकालो कोई सुन लेगा तब भी रुक्कू नहीं मानी और जोर जोर से आवाज करने लगी और अपने चूतडो को चारो तरफ मेरे लण्ड पर चक्री की तरह घुमाने लगी और चूत को एकदम से टाइट कर लिया मैं समझ गया की ये तो गई काम से और फिर मेरे ऊपर अपनी पीठ को रखते हुए लेट गई मेरा लण्ड बाहर निकल गया  मैंने अभी तक स्खलित नही हुआ , रुक्कू पसीना पोछते हुए मेरे बगल में लेट गई रिलेक्स होने  के बाद मेरे लण्ड की तरह देखती है और कहती है '' क्या हुआ आप रिलेक्स नहीं हुए क्या '' तो मैंने कहा '' नहीं '' तब रुक्कू ने मेरे लण्ड को पकड़ लिया तो मैंने मना कर दिया और बोला '' अभी मत पकड़ो उसे कुछ देर में सांत हो जाएगा '' तब रुक्कू ने मेरे लण्ड को छोड़ दिया तो कुछ देर में मेरा लण्ड ठंडा पड़ गया रुचिका मेरे पास नंगी ही लेटी रही मैंने मेरे मोबाइल से रुचिका को ब्लू फिल्म दिखाने लगा 1 घंटे बाद रुचिका फिर से तैयार हो गई चुदाने के लिए -----क्रमशः


अभी रुचिका की मम्मी  साथ नहीं रहती है उसकी छोटी बेटी सुबह 7 बजे स्कूल चली जाती जाओ और बड़े बेटी सुबह 9 बजकर 30 मिनट  जाती है तो इस समय रुचिका को खूब मौका मिलता है चुदाने  के लिए अभी तो सप्ताह में एक दिन फिक्स हो गया है रुचिका का चुदवाना सेकण्ड और थर्ड सटरडे को ऑफिस क छुट्टी रहती है  बच्चे  स्कूल में रहते है महीने में इन दो दिनों तो फिक्स हो गया है बाकी  पड़ जाए उसी दिन फोन करके बुला लेती है  और खूब चुदवाती है अभी 27 अगस्त 2014 को रुचिका ने सुबह फोन करके बुलाया और बोली मटन बनाई हु खाओगे क्या, तो मैं सुबह सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर पहुंच गया मटन खाया खाया रुचिका की दोनों लडकिया स्कूल चली गई था और रुचिका की चूत चाट कर तबियत से चुदाई किया और ऑफिस आ गया  रुचिका बहुत थक गई थी चुदवा कर तो ओ ऑफिस नहीं गई थी । फिर अभी 5 सितम्बर 2014 को रुचिका ने सुबह 8 बजे फोन किया और बोली मैं डाक्टर के पास जा रही हु चलोगे मेरे साथ तो मैं अपने शहर के पास 35 KM के ही शहर में दोनों गए दांत के  सरकारी हॉस्पिटल में दांत को दिखाया और दोनों सुबह 10 बजे एक होटल में रुक गए और रुक्कू खूब चुदाई किया होटल में फिर शॉपिंग किया जिसमे रुक्कू ने 4 कुर्ती और लेगी लिया अपने बच्चो  कपडे लिया और दोनों 12 बजकर 30 मिनट तक वापस अपने शहर आ गए । [रुक्कू को अपने शहर में घुसने के 10 KM पहले ही एक  प्राइवेट बस बिठा दिया जिससे कोई देखे नहीं] रूकू ने होटल में एकदम से नए अंदाज में चुदवाया ।

 अभी  सितम्बर 2014 को रुक्कू से बात किया तो पता चला की रुक्कू का भाई आया हुआ है गाँव से रुक्कू को  दशहरे पर बुलाने के लिए,तब मैंने रुक्कू को बोला की चलो अभी मौका बढ़िया है तुम्हारा भाई है घर में  बच्चो को सम्हालने की समस्या नहीं रहेगी कही घूम कर आते है दिन भर के लिए , तो रुक्कू तैयार हो गई और 25 सितम्बर को सुबह 10. 30 पर उसी शहर को चले गए दोनों जहा पर रुक्कू की कसम खाकर सिगरेट छोड़ी थी और एक बढ़िया से होटल में रुके और 11. 30 से 4.30 तक उस होटल में 4 बार दीपा की तबियत से चुदाई किया और फिर वापस  आ गए दोनों । रुक्कू  इस बार अलग अलग अंदाज में बहुत चुदवाया पूरा मजा लिखुगा फिर कभी ।
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दीपा की मम्मी पापा बहन जब दिवाली मानकर गाँव चले गए तो एक दिन दीपा को बोला ''चलो चलते है एकात दिन बाहर  ज्यादा होगये तुम्हे चोदे हुए'' तो रुक्कू बोली ''क्या बेसरम जैसे बाते करते हैं आप'' यब मैं हँसने लगा तो फिर रुक्कू बोली '' ठीक है एक दिन घर ही आ जाना'' तब मैंने कहा ''नहीं यार तुम्हारे मकान मालिक को संका हो जाएगी '' तो रुक्कू ने बताया ''मकान खाली करना है आप तो बिंदास आओ'' तो मैं 5 नवम्बर 2014 को सुबह 10 बजे पहुंच गया ऑफिस  लगाकर
रुक्कू ने पीछे से इस तरह खूब चुदाया
और जब मैं पहुंचा तब दीपा नहाकर आई थी और पूजा की तैयारी कर रही थी।  मैं जाते ही रुक्कू को पकड़ लिया और किस करते हुए चूची को दबा दिया तो रुक्कू बोली ''दरवाजा तो लगा लो कोई आ जाएगा ''तब मैंने जल्दी से दरवाजा लगाया और रुक्कू को उठा लिया तो बोली ''रुको पूजा  लू'' तब मैंने कहा की ''छोडो आज पूजा '' तब भी नहीं उठा रही थी तो मैंने जबरजस्ती उठा लिया और लेजाकर बेड में लिटा दिया 'रुक्कू सिर्फ गाउन पहन रखी थी , गाउन  ब्रा या पेंटी नहीं थी , मैंने तुरनत ही गाउन को उतार कर रुक्कू को नंगा कर दिया और  कपडे उतारे ओर पिल पड़ा रुक्कू की चूत चटाई और फिर बाद में चूत चुदाई में । जैसे ही लण्ड फ़साने को तैयार हुआ तो रुक्कू बोली ''कंडोम लगाओ कल ही महीना से फुर्सत हुई हु कही लफड़ा न हो जाए'' और तब  ही बिस्तर नीचे से कंडोम निकाला और मेरे लण्ड में कंडोम फसा दिया और पीठ की तरफ से लेटने लगी तो मैंने कहा '' घोड़ी बन जाओ ''तो दीपा तुरंत ही घोड़ी बन गई  तब मैंने घोड़े की तरह पूरी ताकत से रुक्कू की चूत में लण्ड फसाते हुए तबियत से चुदाई करने लगा इतने में किसी ने रुक्कू का दरवाजा ठोका तो रुक्कू अपने वदन में एक कपड़ा लपेट कर उठी  और दरवाजे के जगह से झांक कर देखी तो पडोशन खड़ी थी तो वापस आ गई  बेड में और बोली''मजा किरकिरा कर दिया इसने'' इतना कह कर मुझे अपनी तरफ खीच लिया ।……………………… क्रमसः -…………। 

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12 दिसंबर 2014 को रुचिका को सुबह 9 बजे फोन किया और पूछा ''आज का दिन याद है'' तो बोली ''ये दिन कभी नहीं भूलूँगी'' तब मैंने कहा  ''चलो आते है दिन भर कही घूम कर'' तो रुचिका  ने बताया की उसकी दादी शांत हो गई है अभी 9 दिसंबर को तो गाँव चली गई थी और बच्चो को गाँव में ही छोड़कर आई हु अभी फिर जाना है 19 दिसंबर को तेरहवे के कार्यक्रम में तो मैंने कहा टीका है चली जाना और फिर रुचिका को बोला की ''बच्चे नहीं है चलो कही दूर घूमकर आते है दो-तीन दिन के लिए '' तो रुचिका बोली ''सोचती हु'' फिर रुचिका ने दोपहर  में फोन किया और बोली ''कहा चलेंगेलेकर '' तो मैंने कहा कितने दिन रह सकती हो मेरे साथ तो बोली '' दो रात आपके साथ रह सकती हु क्योकि सेकण्ड सटरडे सन्डे की छुट्टी है ''तब मैंने कहा ''टीक है'' और कुछ देर में प्लान बनाके  बोला '' चलो दोपहर में 12 बजे तक निकल लेते हैं'' तो रुचिका बोली ''टीक है कहा मिलूँगी'' तब मैंने रुचिका को बोला की ''एक बेग में अपने कुछ कपडे लेकर बस स्टैंड में मिलो'' तो रुचिका तैयार हो गई । मैंने मेरी बीबी को बताया की कालेज  के जरुरी काम से बाहर जा रहा हु तो बीबी  ने कहा टीक  है जाइए  तब मैं दोपहर में 1 बजे दीपा से बस स्टैंड में मिला और कार में बिठाया और 6 घंटे में  ही साम के करीब 7 बजे   राजस्थान में कृष्ण भगवान के प्रसिद्ध मंदिर ''सावरिया जी'' पहुंच गया और सावरिया जी के ट्रस्ट में रुक गया और दो दिन  12 और 13 दिसंबर 2014 की रात सवारियां जी में बिताया, खूब चोदा इन दो दिनों में रुचिका को और रविवार को 11 बजे निकल लिए और साम को 8 बजे वापस आ गए अपने शहर में और रुचिका  को एक ऑटो में बिठा दिया ओ अपने घर चली गई ………।

[बिस्तर से पढ़ने  के लिए फिर से आये ] 
 
नोट--- सत्य कहानी में नाम बदला हुआ है  |