Thursday, 27 June 2013

समय पर सहवास-

गर्भवती होने के लिए सेक्‍स जितना ही जरूरी है इस बात का ज्ञान होना कि सेक्‍स कब किया जाए। इस तथ्‍य को नजरअंदाज करने से कई बार गर्भधारण करने में परेशानी भी आती है। आइए जानें कि माह में किस समय सेक्‍स करने से गर्भधारण की संभावना काफी अधिक होती है। पुरुष के शुक्राणु का साथी महिला के गर्भ में जाने से गर्भधारण होता है। महिला के अंडाणु से शुक्राणु का मेल होना और निषेचन की क्रिया का होना ही गर्भधारण है।

यूं तो गर्भधारण न कर पाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। इन कारणों के पीछे अधिकतर ज्ञान और जानकारी का अभाव होता है। लेकिन, इन सब कारणों के अतिरिक्‍त एक अन्‍य कारण भी होता है जिसका असर महिलाओं की गर्भधारण की क्षमता पर पड़ता है- और वह कारण है सही समय पर सेक्‍स न करना। अधिकतर जोड़े इस बात से अंजान होते हैं कि गर्भधारण में सेक्‍स की 'टाइमिंग' बहत मायने रखती है।


समय पर सहवास-


गर्भवती होने के लिए सिर्फ सहवास करना जरूरी नहीं होता बल्कि सही समय पर सहवास करना भी मायने रखता है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि पुरुष के शुक्राणु हमेशा लगभग एक जैसे ही होते हैं, जो महिला को गर्भवती कर सकते हैं। लेकिन महिला का शरीर ऐसा नहीं होता जो कभी भी गर्भवती हो सके। उसका एक निश्चित समय होता है, एक छोटी सी अवधि होती है। यदि आप उस अवधि को पहचान कर उस समय सहवास करते हैं तो गर्भधारण की संभावना आश्‍चर्यजनक रूप से बढ़ जाती है।

जानी मानी स्‍त्री रोग विशेषज्ञ और राजधानी दिल्‍ली के मूलचंद अस्‍पताल में कार्यरत इंदुबाला खत्री ने कहा कि '28 दिन के मासिक धर्म के साइकिल में 14वें दिन ओवुलेशन का है जो पीरियड शुरू होने के बाद से गिना जाता है, इस दौरान 12 से 18 दिन के बीच में सेक्‍स करने से गर्भ ठहरता है।'

हालांकि पुष्‍पांजलि क्रॉसले हॉस्पिटल में स्‍त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुषमा दीक्षित की राय इससे अलग है। डॉ. सुषमा कहती हैं, 'प्रेग्‍नेंट होने के लिए सेक्‍स का कोई विशेष दिन नहीं होता, नियमित सेक्‍स लाइफ में भरोसा रखिए और बेबी प्‍लानिंग के तीन महीने पहले से फोलिक एसिड के टेबलेट जरूर खाती रहें।'



ओवुलेशन साइकिल-
मेंस्‍रूएशन साइकिल या पीरियड्स के सात दिन बाद ओवुलेशन साइकिल शुरू होती है, और यह माहवारी या पीरियड्स के शुरू होने से सात दिन पहले तक रहती है। ओवुलेशन पीरियड ही वह समय होता है, जिसमें कि महिला गर्भधारण कर सकती है और इस स्‍थिति को फर्टाइन स्‍टेज भी कहते हैं। गर्भधारण के लिए, जब भी सेक्‍स करें तो ओवुलेशन पीरियड में ही करें। अपनी ओवुलेशन साइकिल का पता लगायें। इसके लिए आप चिकित्‍सक से संपर्क भी कर सकते हैं।

ओर्गास्म-
पुरुष सिर्फ अपनी संतुष्टि का खयाल रखते हैं और अपनी पत्नी की कमोत्तेजना को तवज्‍जो नहीं देते। ऐसी स्त्रियों को गर्भधारण करने में मुश्किलें आती हैं। अगर स्त्री सहवास के वक्त ओर्गास्म प्राप्त कर लेती है तो गर्भधारण की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। क्‍योंकि तब पुरुष के शुक्राणु को सही जगह जाने का समय और माहौल मिलता है तथा शुक्राणु ज्यादा समय तक जीवित रहते हैं।

सुबह का समय-
गर्भधारण के लिए सेक्‍स का समय सुबह का होना चाहिए क्‍योंकि सुबह के समय आप तरोताजा़ रहते हैं।

डा. अरुणा सक्‍सेना (स्‍त्री रोग विशेषज्ञ- गाजियाबाद) ने कहा कि 'जिन महिलाओं में रेगुलर पीरियड हो वे प्रेगनेंट होने के लिए पीरियड के बाद दस दिन के अंतराल में सेक्‍स करें, इससे प्रेगनेंट होने की संभावना ज्‍यादा होती है और जिनमें में अनियमित पीरियड हो वे प्रेगनेंसी के लिए पीरियड के साइकिल में नियमित अंतराल (साइकिल के दौरान 20 दिन के बीच) पर सेक्‍स करें।'

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार-

पीरियडस के दौरान सेक्‍स- जब आप गर्भधारण करने का सोच रहे है तो इस बात का कभी भी पीरियडस के दौरान सेक्‍स ना करें।

सेक्स के दौरान बचें इन गलतियों से

सेक्स के दौरान कई बार जल्दबाजी करना अच्छा नहीं होता क्योंकि जल्दबाजी में कई प्रकार की परेशानियां हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप किसी प्रकार का संक्रमण या किसी प्रकार की बीमारी भी हो सकती है या फिर आप अपने पार्टनर को जाने अनजाने मानसिक या शारीरिक आघात पहुंच सकते हैं।

सेक्स से पहले जरूरी है आपका मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ होना, तभी सेक्स को रोचक बनाया जा सकता है। बहरहाल, सेक्स को रोचक बनाने के लिए और सेक्स के दौरान गलतियों से बचने के लिए आइए जानें कि क्या करें, क्या न करें।

  • सेक्स के दौरान आपको अपने साथी पर फोकस करना चाहिए, इसके लिए आपको आस-पास की पूरी दुनिया को भूल जाना चाहिए।
  • सेक्स के तुरंत बाद न तो सोए, न ही दूर होकर बैठे बल्कि अपने साथी से थोड़ी देर बात करें, अपने साथी को अपने हाथों से खाना खिलाएं या फिर उसकी मसाज करना भी अच्छा रहता है।
  • संभव हो तो सेक्स के दौरान आप स्नान भी कर सकते हैं।
  • सेक्स करने से पहले अपने साथी को मनाना चाहिए न कि जबरन सेक्स करना चाहिए इससे सेक्‍स समस्‍याएं भी हो सकती हैं और ये भी ध्यान रखें कि आपका साथी मानसिक रूप से किसी प्रकार के तनाव में ना हो जिससे दोनों साथी सेक्स को एन्जॉय कर सकें।

  • सेक्स के दौरान जरूरी है कि आप इधर-उधर की बातें करने के बजाय रोमांस और प्यार की बातें करें।
  • संभव हो तो मंदिम लाइट में हल्का संगीत भी चला सकते है जिससे सेक्स के दौरान दोनो साथी एक-दूसरे को अपने करीब पा सकें।
  • सेक्स के दौरान आपको अपना उत्‍साह भी दिखाना चाहिए। आपके साथी को ये नहीं लगना चाहिए कि आप सिर्फ अपने साथी को खुश करने के लिए उसके साथ है।
  • पुरूष सेक्स को लेकर ज्यादा उत्साहित होते हैं और इसी वजह से वह सेक्स को अलग-अलग तरीकों से करना चाहते हैं लेकिन आमतौर पर महिलाएं इसे मुसीबत मानती है, लेकिन महिलाओं के लिए खासतौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे सेक्स के दौरान अपने साथी को अकेलापन महसूस न होने दे क्‍योंकि इसी में दोनों साथियों की सेक्‍स समस्‍या का समाधान छुपा है।

कहने का अर्थ है कि सेक्स को रोचक बनाने के लिए आपको थोड़े से प्रयास की जरूरत है उसके बाद आप अपनी सेक्स लाइफ को आनंदमय और रोचक बना सकते हैं।

कामसूत्र की हॉट सेक्‍स पोजीशन -

कामसूत्र में रोमांचित और उत्तेजित करने वाली कई सेक्स पोजीशंस हैं। कामसूत्र तो विख्‍यात ही इसलिए है। इस पुस्‍तक में कई ऐसी पोजीशंस का वर्णन है जिनके जरिए सेक्‍स का संपूर्ण आनंद पाया जा सकता है। आइए हम जानते हैं उनमें से पांच ऐसी पोजीशंस के बारे में जिनके जरिए न केवल आप बल्कि आपका पार्टनर भी सेक्‍स संतुष्टि पा सकता हैं।

kamasutra ki hot five sex positions 


बंधा यानी बांधने वाली पोजीशन-
इस पोजीशन में महिला और पुरूष एक दूसरे की ओर मुंह करके बैठते हैं। इसमें महिला अपने हाथों से पुरूष के सीने को जकड़ लेती है और पुरूष महिला की गर्दन पर अपने हाथ रखता है। इसके साथ ही दोनों एक-दूसरे की जांघों को आपस में जकड़ लेते हैं। इस पोजीशन में पहले दोनों एक-दूसरे को चुंबन देते हैं और फिर सेक्स क्रियाएं करते हुए संभोग करते हैं। इस पोजीशन में दोनों एक-दूसरे के शरीर को अच्छी तरह से जकड़ लेते हैं।

परावृत्तिका-
इस पोजीशन में सेक्‍स का अपना अलग आनंद होता है। लेकिन, इस पोजीशन को करने में जरा सी चूक सारा मजा खराब कर सकती है। कामसूत्र की मानें तो इस पोजीशन के लिए काफी अभ्‍यास की आवश्‍यकता होती है। इसमें सेक्‍स के दौरान ही महिला पुरुष के पीछे पलट जाती है। और तो और बैठकर ही इस आसन को अच्‍छी तरह से किया जा सकता है। एक और बात जो इस आसन के दौरान ध्‍यान रखने वाली होती है, वह यह कि यह क्रिया अगर महिला द्वारा की जाए तभी यह संभव है। ऐसे में सेक्स के दौरान महिला का सक्रिय होना बहुत ज्यादा जरूरी है तभी ये आसन संभव है।



पद्मासन (लोटस पोजीशन) -
हालांकि पद्मासन एक योगासन है, लेकिन कामसूत्र में इसे लोटस पोजीशन भी कहा जाता है। इस आसन में पुरूष पद्मासन में बैठ जाता। इसके बाद महिला अपने बाएं पैर के पंजे को पुरूष की दाईं जांघ पर रखती है और फिर दाएं पैर के पंजे को बाईं जांघ पर। महिला इस पोजीशन में पुरूष को कसकर पकड़ लेती है। इसके पास चाहे तो पुरूष अपने पैरों को पकड़ सकता है। कुल मिलाकर कहें तो लोटस पोजीशन यानी कमल के आकार में सेक्‍स करने से सेक्‍स का आनंद दोगुना हो जाता है।


एक ही करवट, खोल दे सारे घूंघट -
इस पोजीशन में पुरूष और महिला एक-दूसरे की तरफ मुंह करके एक तरफ करवट लेकर लेटते हैं। इसमें दोनों का मुंह एक-दूसरे के सामने होता है। महिला पुरूष के पैरों को अपने पैरों से जकड़ लेती है और पुरूष महिला के और करीब आ जाता है। इस पोजीशन में पुरूष महिला को धीरे-धीरे सहलाकर सेक्स प्रक्रिया आरंभ करता हैं। इस पोजीशन को हॉट माना जाता है। इसमें वैजाइना और पेनिस सबसे आरामदेह स्थिति में होते हैं और इसी वजह से इसमें उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है।



कमाल है कमर का -
इस पोजीशन में पुरूष पलंग पर पैर फैलाकर बैठ जाता है। महिला घुटने के बल पुरूष की और बढ़ती है। इसके बाद पुरूष के करीब आकर कमर के बल लेट जाती है। इस प्रक्रिया में दोनों सेक्स का भरपूर आनंद लेते हैं। महिला को इस पोजीशन में ऐसे बैठना चाहिए जिससे वह सहज भी रहे और उसकी कमर में अधिक दर्द भी न हो।

इन पांचों कामसूत्र की हॉट पोजीशन का आनंद महिला और पुरूष तभी ले सकते हैं जब दोनों मानसिक रूप से तैयार हों। साथ ही दोनों का स्वस्‍थ रहना भी जरूरी है।


| इन सेक्सी पोजीसनो के साथ सम्भोग करने  कि अनुभूति होती है |
































मेरी बीबी को मेरे पडोशी ने चोद दिया

   यह कहानी  सत्य है  एक  बेशर्म पति ने मेल से भेजा  है 
             
 दोस्तों मैं सुखवीर हु मेरे पडोश में एक लड़का रहता है रवि.(26 - 27 वर्ष का ) पत्नी  सहित | उसकी सादी हो गई है  उसकी बीबी बहुत ही खूबसूरत है पर मेरी बीबी उससे कही ज्यादा खूबसूरत है | मैं एक फैक्ट्री में मैनेजर हु इस कारण मैं १०-११  घंटा रोज काम करना पड़ता है और कभी कभी बाहर भी  जाना होता है कंपनी के काम  से इस कारण बीबी को कम समय दे पाता हु  मेरे पडोश  के लड़के
मंजू भाभी ऐसी ही लगती है


रवि पर मुझे सक है की उसके संबध मेरे पत्नी से है इस कारण मैंने उससे फेसबुक में एक दुसरा खाता  बनाकर  अच्छी दोस्ती किया और उससे चेट करके पूरी जानकारी ले लिया की किस तरह से ओ मेरी बीबी की तरफ आकर्षित हुआ इस बारे में आगे लिखुगा | जब मुझे संका हो गई तब मैंने मेरे घर में CCTV कैमरा लगवा दिया और बेड रूम में गोपनीय  CCTV लगा दिया जिसके बारे में सिर्फ मैं जनता था और मैं रोज रोज मेरी बीबी की हरकत{रात में अपने लैपटाप में} कैमरे में देखता था  | उस समय गुस्सा तो ऐसी लगती थी की साली का गला दबा कर मार डालू पर सोचता की समाज में क्या इज्जत बचेगी  | मेरे बच्चो  का क्या होगा | इस उम्र में जेल जाना होगा ये सब सोच कर मैं सहन कर लिया और मेरी पत्नी को बता दिया की सब जान गया हु तो ओ रोने लगी ,गिडगिडाने लगी ,माफ़ी मागने लगी, तब मैंने  उसे कहा की अब मैं बदला लुगा  रवि से ओ भी उसकी (रवि) पत्नी को चोद  कर और तु मेरी मदद करेगी तो मान गई और मैंने फिर रवि की बीबी की चुदाई करके बदला ले लिया (रवि की बीबी की चुदाई की  कहानी अलग से बताउगा )  ---| आगे की सत्य कहानी  रवि के सब्दो में ( जो वीडिओ देखा उसके आधार पर जो फ़ेसबुक मीडिया में चैट के द्वारा मिली थी ) |
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मेरे घर के सामने एक अंजू (बदला हुआ नाम ) नाम की एक महिला की  फेमली रहती है जिसके दो बच्चे है ,एक लड़का (क्लास 10 TH )और लड़की {कालेज में }है अंजू की उम्र ३८ -४० के आसपास होगी पर ओआज भी ३२-३५ की लगती है | बड़े बड़े कसे हुए बूब्स ,मस्त मस्त नितम्ब (चुतड) है उसके बहुत ही सेक्सी है इस उम्र में भी हमेसा ही ऐसे कपडे पहनती है की उसके जिस्म का एक एक भाग दिखाई देता है  उसकी साइज़ ३४-३६, ३२-३४ की होगी ,इसका पति किसी कंपनी में बड़ा मैनेजर है ओ पैसे के पीछे भाग रहा है बीबी को ध्यान नहीं देता है दिन भर अपनी महगी कार में इस सहर से उस सहर में घूमता रहता है कंपनी के काम से कभी कभी तो एक एक सप्ताह आता ही नहीं घर , इसका पति होटल में ज्यादा समय दूसरी ओरतो के साथ बिताता है |लगा रहता हु दिन भर फिर भी एकात बार ही बात करती है दिन में उसे बहुत घमंड है अपनी सेक्सी होने पर |  मैं एकात बार उसके घर में चाय भी पिया हु ओ मेरे यहाँ आती रहती है मेरी मम्मी और पत्नी से मिलने सयोग से उसका और मेरा गाव भी पास पास का है इस कारण ज्यादा आना जाना रहता है एक दुसरे के घरो में| 
मंजू जब भी सुबह  सुबह अपने घर के सामने जब भी झाड़ू लगाती है तब उसके बूब्स के दर्शन जरुर करता हु चुपचाप ,पर उसे अपनी सुन्दरता का बहुत घमंड है सीधे मुह बात नहीं करती है  ..भाभी 

        मेरी पत्नी एक स्कूल में टीचर है और ओ सुबह ७.०० बजे से तो दोपहर के एक बजे तक स्कूल में रहती है और मैं हमेशा ही सेकण्ड पाली में काम करता हु कंपनी में |


                       एक दिन क्या हुआ मैं उसके घर में चाय पीने के बहाने  चुपचाप गेट खोल कर गया देखा की कोई नहीं है और मंजू बाथरूम के सामने खुली जगह पर नहा रही थी ,मैं उसे किचेन की खिड़की से देखने लगा उसका ध्यान मेरी तरफ नहीं था क्या मस्त जिस्म है उसका मैं देख देख कर पागल हो गया मेरा लौड़ा सनसना कर खडा हो गया पर मैं बहुत चाव से मंजू को देखता रहा | अब यह मेरा रोज का क्रम बन गया जिस दिन दरवाजा खुला रहता किचेन से झांक लेता जिस दिन बंद रहता उस दिन छत से दिए रोसंदान से झांक लेता और इस तरह मैं करीब 3 महीने तक ये करता रहा रोज रोज कुछ न कुछ नया दिखाई देता पर एक दिन मैं मंजू को देख कर हैरान रह गया मंजू ने पहले अपने बूब्स में कुछ लगा कर मालिस कर रही थी अपने बूब्स को कभी ऊपर से नीचे की तरफ तो कभी अगल बगल से , उस दिन मैं किचेन की खिड़की से झांक रहा था मंजू की नजरे जरा भी मेरे ऊपर नहीं थी}मैं समझ गया की ये कोई क्रीम हैजो बूब्स को सुन्दर आकार देती है पर मंजू बूब्स को मालिस करते करते गरम पड़ गई और नंगी ही आकर किचेन में से एक मोटा सा भाटा (खाने वाले भटे) लिया और उसके ऊपर कंडोम चढ़ा कर अपनी चुत में घुसेड लिया और आगे पीछे करने लगी भटे को और करीब 10 मिनट  तक चुत को भटे से चोदती रही फिर निढाल होकर वही लेट गई फिर कुछ देर में उठी और बाहर आ गई वाथ्रूम से उस दिन से मैं समझ गया की ये जरुर चुदा सकती है मेरे साथ | मैं एक दिन फिर से झाक रहा था की मंजू ने मुझे देख लिया और जल्दी से बाथरूम के अन्दर चली गई मैं डर के मारे घर भाग आया | 


             फिर मैं 15 दिन तक डर के मारे नहीं देखा उसे बाथरूम  में नहाते हुए| एक दिन फिर पहुच गया और उसे ऊपर छत से देखने लगा पर ओ फिर से जान गई की मैं छत से देख रहा हु उसे पर  उस दिन ओ नहीं गई बाथरूम के अन्दर और बड़े मजे से नहाती रही  मतलब ओ मुझे अपना सरीर दिखा रही थी अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं उसी समय उसके घर के अन्दर चला गया और उसके सामने खड़ा हो गया ,तो उसने देख लिया और डाट कर बोली की क्या कर रहे हो चलो भागो यहाँ से | तब मैं डर कर उसके आगे के कमरे में बैठ गया और ओ नहा कर जब मेरे सामने आई तो मैं उसे देख कर दंग रह गया क्योकि ओ बिना ब्रा के ही गाउन पहन कर आई मेरे सामने ओ गाउन भी गीले वदन में चिपक गए थे उसकी बूब्स झलक रहे थे पतले गाउन में ओ आते ही मेरे को डाटने लगी और बोली की हेमा (मेरी पत्नी का नाम है)  को बताउगॆ तुम्हारी हरकत तो मैं डर गया और हाथ जोड़ने लगा की माफ़ कर दो भाभी अब नहीं आउगा आपको देखने तो ओ हसने लगी और बोली की कायर इतना डरता है अपनी बीबी से तो क्यों आता है देखने और मेरे गाल पर एक चपत लगा दिया अब मेरा मन और बढ़ गया और मैंने बोला की चाय पिला दो न भाभी तो बोली की चाय की पत्ती नहीं है तब मैंने बोला की की दूध ही पिला दो तो बोली की बहुत गरम है दूध मुह जल जाएगा बच्चू तब मैंने बोला की गरम गरम दूध पी लुगा 
 भाभी जी जब आप कच्चे भाटे खा सकती है तो मैं भी गरम गरम दूध पी सकता हु और हस दिया इतना कह कर | ओ सन्न रह गई भाटे वाली बात सुनकर उसका चेहरा देखते बनता था उस समय पर ओ सरमा कर चली गई और एक कप दूध ले कर आई और दे दिया जो सच में बहुत गरम था पर मैं भी ताव के मारे पी गया और उठकर चलते चलते उसके बूब्स को दबा दिया तो बोली की बहुत बेसरम है तू चल भाग यहाँ से और मुझे अपने हाथो से धक्का देते हुए घर से निकाल दिया और दरवाजा लगा लिया |
अब मैं अंजू भाभी को चोदने  के फिराक में लग गया पर मोका नहीं मिल रहा था एक दिन मैं फिर से नहाते समय दिन में घुस गया उसके घर और बाथरूम में ही जाकर पकड़ लिया उसे उसके बूब्स दबा दिया नंगी ही चिपका लिया उसे और होठो को किस कर लिया पर मंजू भाभी ने भगा दिया बोली दिन में कोई आ जाएगा रात में आना |मैंने बोला की रात में तो भैया रहता है तो बोली की अभी ओ कुछ दिन बाद जाने वाले है बाहर तब आना अभी तो जा यहाँ से कोई देख लेगा तब मैं चला आया |  
           अब मैं उस दिन का इन्ताजार करने लगा की मंजू का पति बाहर जाए और मैं इसे चोदु पर कैसे रात में तो मेरी हेमा रहती है और दिन में ये तैयार नहीं है | पर ओ दिन आ ही गया मंजू का हसबेंड सहर से बाहर गया 7 दिन के लिए| 
               
         मैं रात में कंपनी से १२.30 बजे आया और जब मेरी पत्नी सो गई {मेरी रोज की आदत है की रात में 2 बजे तक TV देखता हु किसी किसी दिन तो हेमा की चुदाई कर देता था और सो जाता था जिस दिन हेमा की चुदाई नहीं करता था उस दिन देर रात तक TV देखता था इस कारन मैं हेमा की तरफ से निस्फिकर था } तो मैं करीब १.00 बजे एक मिस काल दिया मंजू के मोबाइल पर क्योकि की मंजू के कमरे की लाइट  जल रही थी मैं समझ गया की मंजू भाभी जग रही है जबाब में मंजू ने मिस कल दिया तब मैंने एक sms किया "क्या कर रही हो " जबाब आया "इन्तजार "तब मैं चुपचाप घर से निकला और मंजू के कमरे में पहुच गया क्योकि मंजू का बेड  रूम वाला कमरा रोड में  भी दरवाजा खुलता है मैं गे तो हल्का धक्का लगाया तो दरवाजा खुला हुआ था मैं घुस गया देखा की कमरे में एक हल्का सा बल्ब जल रहा था और मंजू एक चादर ओढ़ कर लेटी हुई थी मैं जाते ही मंजू को  पप्पी -झप्पी  ले लिया और स्तन को दबा दिया और लेट गया  उसके ऊपर और स्तनों से खेलने लगा चादर के ऊपर से ही तो बोली की बच्चू जल्दबाजी नहीं करो नहीं तो टाय-टाय फिस्स हो जाओगे | पर मैं था की सब्र नहीं था लगता था की की कितनी जल्दी चुत दर्शन करू और घुसेड दू मेरा लौड़ा  और रस पी  लू मंजू भाभी की चुत का पर मैं रुक गया मंजू के इसर पर और मंजू के वदन से हटा दिया चादर अब मंजू एक दम से नंगी पडी थी मेरे सामने मैंने भी मेरे सभी  कपडे उतार दिया  और मंजू के बूब्स को चूसने लगा अब मंजू धीरे धीरे गर्म पड़ने लगी पर ओ अभी भी चुदाने लायक गर्म नहीं हुई और मैं  मरा  जा रहा था उसकी चुत में पना लंड डालने को इतने में मंजू ने तेल की सीसी दिया मुझे और बोली की मालिस करो मेरी तो मैं मंजू को तेल लगा लगा कर मालिश करने लगा स्तनों में खूब तेल लगाकर चीकना कर दिया और उसके बूब्स ऐसे फिसल रहे थे हाथ से जैसे मछली उसकी जांघो में में भी तेल लगाया और मालिस किया पर अभी भी मंजू गर्म नहीं पड़ी बड़े मजे से मालिस कराती  रही मेंरे से और मेरा लंड खडा था जिसे मंजू ने अभी तक हाथ नहीं लगाया  अब मंजू भाभी उलटा पेट के बल लेट गई और बोली की पीठ में मालिस कर मैंने उसकी पीठ में भी और पाछे से उसके सरीर के एक एक हिस्से में तेल लगाया और खूब मालिस किया अब मालिस करते करते 20  मिनट हो गए मैं उतावला था चोदने केलिए  पर मंजू थी की तैयार ही नहीं हो रही थी अब मैंने मंजू की छुट में तेल लगाकर उगली से चूत को सहलाने लगा बीच बीच में चूत को जीभ से चाटने लगा मंजू भाभी ने अब मेरे लंड को पकड़ा और दबाने लगी हलके हाथ से मेरे लंड को मैं समझ गया की  मंजू भाभी अब तैयार हो गई चुदाने के लिए और उसने अपने चूतडो को घुटने के बल ऊपर उठाया और अपने सर को तकिये पर रख कर नीचे के तरफ झुक गई और उन्की चूत के चिकना भाग दिखाई देने लगा चूत एक दम से क्लीन सेव थी बिलकुल ऐसा लग रहा था जैसे आज ही क्लीन किया हो गाल की तरह चूत चीकनी थी तब मैंने मेरा लंड को उसकी चूत में डाल दिया पर लंड ऐसा जा रहा था जैसी की कुवारी चुत में जा रहा हो मंजू की चुत आज भी कुवारी लडकियों की तरह टाईट है मैंने धीरे धीरे चिकनी चुत में लंड दाल दिया क्योकि चुत से पानी निकला रहा था इस कारण चुत अन्दर से चीकनी हो गई है  और मैं चोदने लगा मंजू भाभी की मस्त मस्त चूत खूब मजे आ रहे थे मैं मंजू के ऊपर घोड़े की तरह चढ़ गया और धक्के देने लगा मंजू भी अपने चूतडो को आगे पीछे कर के मेरा सहयोग करने लगी और उ आ आ आह सी ऊ ऊफ आ आह ऊ सी सी उफ़ उफ़ आक आह  उ आ आ आह सी ऊ ऊफ आ आह ऊ सी सी उफ़ उफ़ आक आह उ आ आ आह सी ऊ ऊफ आ आह ऊ सी सी उफ़ उफ़ आक आह करने लगी मैं चोदता रहा कभी कभी बूब्स को पकड़ कर दबा देता तो मंजू मेरा हाथ हटा देती बूब्स से मंजू ने बूब्स को जायदा दबाने नहीं देती थी मंजू मजे खूब  ले ले कर चुदा रही थी और उ आ आ आह सी ऊ ऊफ आ आह ऊ सी सी उफ़ उफ़ आक आह  उ आ आ आह सी ऊ ऊफ आ आह ऊ सी सी उफ़ उफ़ आक आह उ आ आ आह सी ऊ ऊफ आ आह ऊ सी सी उफ़ उफ़ की अवाज निकाल रही थी और साथ साथ कहे जा रही थी मार मार जोर जोर से धक्के मार जितनी ताकत हो प्यूरी ताकत से धक्के मार मेरे राज और जोर जोर से   मै चोद रहा था मैंने अब गई बढ़ा दिया जल्दी जल्दी धक्के मारने लगा करीब 7 मिनट बाद मेरा वीर्य का तूफ़ान बड़ी जोर से निकला और मंजू की चुत से बहने लगा  और मैं मंजू से चिपक गया पर मंजू अभी भी अपनी चुतड को जोर जोर से हिला रही थी ओ पूरी उफान में थी जैसे एक नदी में जोर से बाढ़ आती हैउसी तरह से मंजू को सेक्स की बाढ़ आई हुई थी पर मैं ठंडा पड़ गया और चिक रहा मंजू से मंजू अभी भी अपनी चूतड को बार बार आगे -पीछे ,ऊपर -नीचे ,अगल -बगल में हिला रही थी जोर जोर से पर मेरा लंड सुसुक कर बाहर निकला गया और मंजू ने जोर से दोनों जांघो  को दबा कर बिस्तर में लेट गई और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी | और फिर कुछ समय बाद मेरी से बोली की क्या बात है तुम इतनी जल्दी टाय-टाय फ़िस्स हो गए पहले ही बोला था की जल्दबाजी नहीं करो पर तुम मेरी चुत को देख कर पगला गए और हसने लगी अब तक रात के १.३० बज गए थे मैं कुछ देर तक बात किया और बोला की जाऊ अब तो मंजू ने कहा की बस अब नहीं करोगे ,रुको न कुछ देर फिर करना मजा नही आया तो मैं बोला की अब मैं तीन दिन तक कुछ नहीं कर पाउगा अब मैं तीन दिन बाद ही कुछ करने लायक हु तो बोली की तुम पक्का जबानी में मूठ मारते थे इस कारण तुम इस उम्र में कमजोर पड़ गए तुमसे अच् तो ये है जो खूब छोड़ते है मेरे को पर मैन सोचा की जवान लड़के के चुदाऊ ज्यादा मजा आएगा पर तुम तो फुस्सी बम निकले और हसने लगी |  फिर बोली की जाओ और  जब मैं चलने लगा तो बोली की रुको और एक गोली दिया मुझे और बोली की कल ये गोली खाकर आना एक घंटे पहले फिर देखना कितना मजा आयेगा और मैं चला आया |
  जब मैं घर आया तो हेमा सो रही थी  मैं निश्चिंत हो कर सो गया |
                दो दिन बाद मंजू बाहर दिखी  तो मैंने इशारा किया तो उसने हा कर दिया और मैं रात में एक घंटा पहले ओ गोली खाकर मंजू को मिस   काल दिया जबाब में मिस कल आया इसका मतलब Yes आ जाओ | तब मैं मंजू के बीएड रूम का दरवाजा को हलके हाथ से खोल कर  पहुच गया मंजू के पास रात में करीब १.३० बजे  मंजू एक गाउन पहन कर लेटी हुई थी मैं जैसे ही पहुचा मंजू ने मुझे तेल की सीसी पकड़ा दिया और बोली की पहले खूब मालिस करो मैं बहुत थकी हुई हु इतना कह कर मंजू ने आपकी गाउन को उतार कर एक किनारे रख दिया और अब सिर्फ ब्रा और पेंटी में लेट गई और मैं मंजू भाभी की मालिस करने लगा पुरे वदन  में खूब तेल लगाया मंजू एक दम से मछली की तरह चीकनी हो गई सरीर में कही भी  हाथ रखु तो हाथ मछली के तरह फिसल रहा था मैंने मंजू की ब्रा और पेंटी को खोल कर बाहर रख दिया मंजू पेट के बल लेटी हुई है और मैं उसकी चुत को चूसने लगा और मंजू को खूब गर्म कर दिया जैसे तवे पर पानी फेको तो छन्न की आवाज आती है उसी तरह मंजू पागल हो गई सेक्स के लिए पर आज मैं सोच लिया था किमंजू को इतना गर्म करुगा की १५-१५ झटके में झर  जाए ओ ,अब मंजू ने जल्दी से मेरा लंड को पकड़ कर अपनी चुत में घुसाने का प्रयास करने लगी मैं भी एक दम से गर्म था आज मेरा लंड अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा बड़ा ,मोटा और कड़क था गोली के असर के कारण मैंने भी मंजू की चुत में लंड फसा दिया और मंजू के ऊपर लेट गया और धीरे धीरे झटके मरना लगा मंजू जी भी उ उ आह आ आ ससी ससी ससी सी आह आह इह इक ओ ओह ओ ओ ओ आह आह उफ़ उफ़ कर रही थी और बार बार मुझसे कह रहे थी की जोर जोर से मारो न झटके बहुत मजे आ रहे है और मैं जोर जोर से झटके मारने लगा पर पूरा लंड अन्दर तक नहीं जा रहा था मंजू के मोटे मोटे चूतडो के कारण तो मंजू को उठा कर घोड़ी बना दिया ओरफिर छोड़ने लगा मजे से मंजू भी अपने चूतडो को आगे पीछे करने लगी  पर मैं इस आसन में जल्दी ही वीर्य निकला गया और मैं मंजू से चिपक गया पर मंजू अभी तक गर्म ही थी ओ समझ गई की मैं शांत हो गया तो उसने बिस्तर के बगल से एक मोटा सा भाटे (खाने वाला ) जिसमे कंडोम लगा था उसे जल्दी से दिया और बोली की अब इसे मेरी चुत में डाल हिजड़े और चोद मुझे तुझे इतना ही सोक था मेरी गांड मारने की तो लंड में ताकत भी पैदा कर | चल डाल इसे (भाटे की तरफ इशारा किया) और इस से चोद  मुझे -तब मैंने मंजू की चुत में भाटे को डाल दिया (यह भाटा करीब 8 इंच लम्बा और मेरे हाथ की कलाई क तरह मोटा है ) और मंजू की छुट में आगे पीछे करने लगा उस कंडोम लगे भाटे से  मंजू  बहुत देर तक चुदाती रही मैं उस भाटे से मंजू को चोदता रहा करीब 15 मिनट तक लगातार जोर जोर से मजबूत भाटे से चोदने  के बाद मंजू झर सकी 

झरने के बाद मंजू एक दम से सुस्त पड़ गई तब  मैं भाटे को निकाल लिया मंजू की चुत से 10 मिनट बाद मंजू उठी और प्यार से एक जप्पी दिया मेरे गाल पर और बोली की " राजा तू  हेमा के साथ भी ऐसा ही करता है क्या" हां --ओ तो जल्दी ही सुस्त पड़ जाती है उसके { हेमा}लिए तो 5 मिनट बहुत है | 

                       मैंने बड़े प्यार से मंजू से बोला की भाभी आपको इतने देर तक भैया कैसे चोदते है  आप इतना लम्बा मोटा भाटे को ले लेती हो भैया का लंड इतना ही बड़ा है क्या तो हस्ते हुए बोली की नहीं इतना बड़ा तो नहीं है पर है मस्त उनका लंड पर ओ भी इतनी देरतक नहीं करते है मेरे साथ जितना मैं चाहती हु तभी तो इसे पास रखती हु फिर  हस्ते हुए बोली की तू निरास नहीं हो मैं तुझे  नया तरीका बाताउगी चोदने का जिससे तू ज्यादा समय तक रुक सकता है | बताओ ना भाभी प्लीस तो बोली की आज तो जा नही तो हेमा जाग जायेगी और मैं जिस  दिन इशारा करुगी उस दिन तू आना और हा सुन ,ये ले जा (एक  टेबलेट 500 Mg  की दिया मुझे ) जब   भी आना  इसे 30 मिनट  पहले खाकर आना फिर देखना | 
मैं नाम  पूछा  तो बोली की नहीं बताउगी तुझे यह  सीक्रेट है और मैं उस दिन चला आया | इस समय कई दिन से मैं कंपनी में ब्यस्त हो गया इस कारण कई दिन तक समय ही नहीं मिला दोपहर में 12 बजे जाता तो  कभी सुबह 7 बजे आता तो कभी  6 बजे तो कभी तोकभी  5 बजे इस कारण समय नही मिला की मंजू भाभी से मिलु | 20 दिन बाद मंजू भाभी दिखी मुझे मैंने उन्हें इशारा किया तो ओ कान में हाथ लगाईं तो मैं समझ गया की फोन पर बाते करेगी और फिर एक दिन उन्होंने फोन किया और बोली की ये (पति) है -ये अभी कुछ दिन के लिए फिर बाहर जायेगे तब बताउगी तुझे | फिर मैं मंजू भाभी के फोन का इन्तजार करने लगा |  इस समय मैं 25 दिनों से हेमा को भी नहीं चोदा जिससे की वीर्य खूब आ जाए और लंड में ताकत भी आ जाए अच्छी  तरह से | इस बार मंजू भाभी की तबियत से चुदाई करनी है | 
                         मैं आज दिन में मंजू भाभी को मिस काल दिया कंपनी से करीब 4 बजे पर उस समय कोई जबाब नहीं आया फिर मंजू भाभी का फोन आया रात में ११.३० बजे उस समय मैं कंपनी में था मंजू ने आज रात में बुलाया है कह रही थे की ये कही के लिए गए है 3 दिन के लिए तो आज रात में आना ,मैं खुस हो गया और रात में 12 बजे ही कंपनी से निकला लिया और १२.30 बजे घर पहुच गया और चुप चाप दरवाजा खोल घरअन्दर गया धीरे से जिससे हेमा नहीं जाग जाए (घर के इंटर लाक की एक चाबी लेकर जता हु हेमा की नीद खराब नहीं हो इस कारण ) और फिर  १२.45 पर पर मंजू के पास पहुच गया मंजू उस समय सिर्फ ब्रा और पेंटी में बिस्तर पर पड़ी हुई थी मैं जाते ही मंजू को प्यार से चिपका लिया और गाल में जांघ पर बाहों में जोर जोर से पप्पी ले लिया ओ टेबलेट मैं खा लिया था जिस कारण आज मेरे लंड में बहुत जोरदार तुफानुथ रहा है पर ये मंजू भाभी है की बिना मालिस करवाए मानती  ही नहीं है आज फिर वही नाटक कमीनी ने कहा की चल पहले मालिस कर बाद में चोदना मुझे पर मेरा लंड था बेताब मंजू की चूत में घुसने के लिए पर मरते क्या न करते मैं मालिस करने लगा मंजू भाभी की और बात बात में पूछ लिया की भाभी आप ये मालिस क्यों कराते हो रोज काम तो नौकरानी करती है आप तो थकती  भी नहीं हो तब  मंजू ने बताया की मालिस से वदन फिट रहता है और मांसपेसी कड़क रहती है तब मैं समझ गया मंजू की तंदरुस्ती का राज फिर मैं बोला की क्या भैया से भी रोज मालिश  कराती हो तो बोली की  हा --रोज मालिस कराती हु और रोज चुदाती हु बिना चुदाये मुझे नीद नहीं आती है जब तेरे भिया नहीं होते है तो तुझे बुला लेती हु जिस दिन तू नहीं आता है उस दिन नौकरानी से वदन में मालिस कराती हु और केले खाती हु मन पड़ जाता है केला खाने का तो और हसने लगी मैं केला का मतलब समझ गया मेरे हाथ मंजू के वदन में सरकते रहे तेल के साथ आज मंजू ने पहली बार बोली की मेरे बूब्स को तेल लगाकर हलके हाथ से मालिस करो ज्यादा  नहीं दबाना नहीं तो ढीले पड़ जायेगे मैंने तेल लगाकर बूब्स को हकले हाथ से मालिस करने लगा बहुत ही मजा आ रहा था मंजू  के बूब्स में तेल  लगा  कर बूब्स खिलाने में बूब्स की करते करते मंजू की चूत में हाथ लगा कर मंजू को तैयार करने लगा सेक्स के लिए करीब 5 मिनट तक बूब्स को मालिस करने के बाद अब मंजू तैयार हो गई सेक्स के लिए और बोली की आज मैं तुझे चोदुगी चल लेट जा और मुझे धक्का देकर लिटा दिया नंगा तो मैं पहले ही हो गया था अब लंड को खड़ा कर दिया तब मंजू ने लंड के ऊपर कंडोम लगा दिया सुपारा से चमड़ी  बिना खोले ही (लंड की चमड़ी को हटाये बिना ही कंडोम लगा दिया ) आज मेरा लंड ज्यादा कड़क और मोटा हो रहा था | मंजू लंड को चूत में डाल लिया और फिर खड़े लंड में मलखंभ करने लगी जब मंजू ऊपर नीचे होती थी तो उसके बूब्स भी ऊपर नीचे मस्ती करते थे बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लगते थे उस समय उसके बूब्स मैं बूब्स को खिलाता रहा और मंजू भाभी मुझे चोदती रही 5 मिनट बाद जब ओ तहक गई तो बोली की चल तू अब छोड़ मुझे जल्दी जल्दी और जल्दी से घोड़ी बन गई और फिर मैं फटाफट दे दनादन दे दनादन दे दनादन दे दनादन दे दनादन दे दनादन दे दनादन दे दनादन लंड से धक्के मरने लगा और खुद को कंट्रोल किया और लगातार 8 मिनट तक मंजू की चूत को घोड़ी बनाकर चोदता रहा मंजू उ उ उ उ आ आ आ आह आहा हा एजी अह उफ़ उफ़ आ  सीसीसी सी उ उ उ उ उ आ आ ईआह आह उइ माँ मर गई आज तो उइ माँ उइ माँ उइ माँ आ आह आह की जोर जोर से आवाज निकाल रही थी मंजू अपने  मुह से की इतने में अचानक उसके अन्दर वाले दरबाजे से आवाज आई मंजू भाभी की  लड़की  आवाज सुन कर  जाग गई और दरवाजे के पास आकर बोली क्या हुआ "ममा " आपकी तबियत तो टीक है तो मंजू ने कहा की हा मैं एक डरावना सपना देख रहे थी तू सो जा मैं टीक हु और लड़की चली गई -मंजू उठी और जाकर दरवाजे और खिड़की के सभी परदे को टीक किया  की कही दिखाई तो नहीं दे रहा है | 
मंजू के बुब्बस ऐसे ही है

      अब मंजू फिर से बिस्तर पर आ गई और बोली की चलो अब फिर  से सुरु हो जाओ आज बहुत मजा दे रहे हो तुम फिर बोली की मुझे उठाकर चोदो और मैंने मंजू को उठा लिया पर वजन ज्यादा  था इस कारण तुरंत ही बिस्तर में पटक दिया तो बोली की क्या हुआ नहीं उठ रहे हु क्या ये (पति )तो उठा उठा कर खूब चोदते है मुझे |  फिर मंजू लेट गई पीठ के बल और मैं मंजू के ऊपर लेट गया और फिर चुदाई का क्रम सुरुहुआ और फिर बार बार जोर जोर के झटके मरने लगा और करीब 10 मिनट तक लगातार झटके मार मार कर चोदा मंजू को मंजू इस बार हलके हलके आवाज निकाल -निकाल कर चुदाती रही और फिर मैं और मंजू एक साथ झर गए मंजू ने बड़े प्यार से चिपका लिया हम दोनों बहुत देर तक नंगे ही पड़े रहे क्योकि थक  गए थे | 
        अब तो जब भी मोका लगता है मंजू की चुदाई कर देता हु और हेमा में अब मुझे मजा नहीं आता है हेमा को महीने में एकार बार ओ भी जब हेमा बहुत पीछे पड़ती है तब चुदाई करता हु हेमा की क्योकि हेमा मजा नहीं देती है हेमा जल्दी ही झर जाती है जबकि मंजू भाभी बहुत  मजे से चुदाती है और जब भी मोका मिलता है मंजू की चुदाई कर देता हु और यह क्रम 3 साल से लगातार चल रहा है पर हेमा को आज तक नहीं पता चला |

       दोस्तों मैं (शुखवीर) मेरी पत्नी  पत्नी की वीडिओ देखता रवि के साथ तो मैं खून का घुट पी जाता हु और मैंने प्रण कर लिया की रवि की बीबी को जरुर चोदुगा और इस काम को अंजाम देने में पुरे एक साल लग गए रवि की बीबी मेरे से 20 साल छोटी होगी उम्र में पर मैं उसकी चुदाई कर दिया और आज भी जब भी मोका लगता है हेमा को चोद  कर बदला लेता रहता हु हेमा को कैसे चोदा आपको आगे बताआउगा ---

                
                

Tuesday, 18 June 2013

दीपमाला ने बड़े प्यार से चुदाया

       ----- मेल से मिली कहानी को यहाँ बिस्तार से लिखा है -----

मैं एक कंप्यूटर सेंटर रन करता हु ,मेरी उम्र 45 साल है | मेरे यहाँ पर एक विवाहित ओरत दीपमाला करीब 32 साल उम्र की कंप्यूटर कोर्स करती थी जिसकी मार्कसीट नहीं आई  यूनीवर्सिटी  से नहीं आई कुछ कारण से करीब तीन साल हो गए बार बार दीपमाला का  फोन आया मैंने भी कई बार कोशिस किया यूनीवर्सिटी में पर मार्कसीट नहीं आने से मैंने दीपमाला को राय दिया की तुम यूनीवर्सिटी चली जाओ वह से लाओ मार्कसीट , तो ओ बोली की  टीक है पर एक सप्ताह  बाद दीपमाला का फिर से फोन आया और बोली की सर कोई नहीं जा रहा है यूनीवर्सिटी आप चलिए मेरे साथ | तब मैंने दीपमाला को समझाया की आप क्सिऎ अपने वालो के साथ जैसे पति या भाई के साथ जाए ..क्योकि हो सकता है रात में रुकना भी पड़ जाए काम नहीं होने पर --तब ओ बोली की सर भाई लोग नहीं जायेगे उन्हें छुट्टी नहीं मिल रही है और ये (पति) ठहरे अनपढ़ (दीपमाला का पति सिर्फ 10 वी पास है ) तब मैंने कहा की टीक है जब बोलोगी चल दुगा तुम्हारे साथ | मैं मन ही मन खुस था की सायद दीपमाला को चोदने का मोका मिल जाए क्योकि दीपमाला के बड़े बड़े टाईट स्तन बहुत ही सेक्सी है  मस्त जिस्म की मल्लिका है दीपमाला वैसे काली है पर क्या  कमी है चूत तो सभी ओरतो की काली ही हो जाती है चुदाते चुदाते |
                
                    और ओ दिन भी आ गया 8 जून 2012 को मैंने और दीपमाला मेरी कार से  यूनीवर्सिटी को चल दिए { रास्ते भर दीपमाला से बाते करता रहा मैं बड़े प्यार से बात बात में मैंने जानकारी ले लिया की दीपमाला पति से खुस नहीं रहती है ,पर दीपमाला ने खुल कर नहीं बताया ,मैंने रास्ते भर दीपमाला की खूब तारीफे करते रहा उसकी सुन्दरता की ओ खूब गदगद थी मेरे ऊपर दीपमाला मेरे पास वाली सीट में बैठी थी मैं कभी कभी दीपमाला का हाथ प्यार से दबा देता था पर उसने कोई बिरोध नहीं किया तब मैं समझ गया था की थोड़ा सा प्रयास किया जाए तो ये चुदा सकती है मेरे से |}जो करीब 200 KM दूर है हम यूनीवर्सिटी  करीब १.३० PM पर पहुच गए और यूनीवर्सिटी में दीपमाला का काम करीब ५.३० बजे हो गया और हम यूनीवर्सिटी से निकला लिए और मैं निराश हो गया की दीपमाला की चूत नहीं चाट पाउगा क्योकि रुकने का काम ही नहीं पडा |  पर जब सहर के भीड़ - भाड से बाहर  निकला तो कार का रेडियेटर लीक हो गया और सारा कुलेन्ट बह गया  और कार गर्म पड़ गई किस्मत से एक मैकेनिक की दूकान पास ही थी पर उसी समय जोर से बारिश होने लगी फिर भी मैं कार से बाहर निकला और उस मैकेनिक के  पास गया और बताया तो ओ मैकेनिक कार को देखकर बोल की साब इसे यहाँ से ले चलना पडेगा और मैकेनिक कार को अपनी दूकान पर लाया और बोला की कम से कम 2 घंटा लग जाएगा मैंने बोला की टीक है कर दो
                  मैकेनिक अपने कम में लगा गया पर पानी उस समय भी जोर से गिर रहा था और हम दोनों लगभग गीले हो गए थे दीपमाला का ब्लाउज उसके वादन से चिपक गया था जिस कारण उसकी ब्रा साफ़ साफ झलक रही थी ब्रा के अन्दर बड़े बड़े स्तन स्पस्ट समझ आ रहे थे आने जाने वालो की निगाहें दीपमाला की तरफ बरबस ही खीच जाती थी जो मुझे अच्छा नहीं लग रहा था तब मैंने कार में पड़ी एक टावेल दीपमाला को दे दिया की इसे ओढ़ लो तब दीपमाला ने टावेल ले लिया और बड़ी प्यार भरी निगाहों से मेरी तरफ देखी और मुस्कुरा कर थैंक्स कहा |

दीपमाला कि चुचिया इसी तरह से बड़ी बड़ी है
                  अब तक  करीब ६.३० साम को हो गए अँधेरा होने लगा और दीपमाला को ठंडी लगने लगी क्योकि उसकी साडी बहुत ही पतली है फिर भी मैंने बोल की टीक है दीपू जी आप कुछ समय और इन्तजार करेअभे टीक हो जायेगी कार तब तक चलते है किसी जगह पर चाय पीते  है और हम दोनों पास ही एक छोटे से होटल में चाय पीने चले गए जब वापस आये तब साम को ७.१५बज गए थे पर मैकेनिक अभी  तक कार को टीक नहीं किया और हम दोनों उसके गैराज में ही बैठे रहे | करीब ८.०० बजे मैकेनिक आया और बोल की साहब आज नहीं हो पायेगे कार क्योकि वेल्डिंग करने वाला नहीं मिलामैंने कई दुकानों में तलास किया सभी  पानी के कारण  जल्दी दूकान बंद कर दिया अब तो कल ही हो पायेगी  कार तब मैंने बोला ओह ये तो बहुत गलत हुआ अब क्या करे दीपू जी|  तब मैकेनिक ने कहा की साहब आप पास के ही होटल में रुक जाए भाभी जी के साथ अच्छा होटल है तब मैंने  कहा की टीक है दीपू रुक जाए क्या तब दीपमाला ने हां कह दिया | पर समस्या ये थी की दोनों के पास और कपडे नहीं थे होटल में रुके तो रात में क्या पहने मेरे पास तो टावेल थी दीपू के पास तो कुछ भी नहीं था तब मैंने दीपू को बोला की क्या पहन कर
दीपमाला 90% ऐसे  ही है
ओगी तब ओ बोली की चलिए काहीसे एकात गाउन खरीद लू पर आस पास दूकान नहीं थे गाउन की तब मैंने मैकेनिक से उसके बाइक मागी और मार्किट गया रस्ते में ठंडी लगने के कारण दीपमाला मेरे से चिपकी रही और मेरे को गर्म करती रही और खुद भी गर्म पड़ रही  थी ,हम दोनों बाजार गए दीपमाला ने एक टू-पीस वाला सिल्की पतले कपडे का गाउन लिया .मैंने भी मोका देख कर पास की ही मेडिकल की दूकान से बियाग्रा की गोली और कंडोम ले लिया मैं समझ गया की दीपमाला आज रात भर चुदायेगी मेरे से और मैं कही कमजोर नहीं पड़ जाऊ इस कारण आगे से तैयारी कर लिया और फिर हम दोनों वापस आये और पास के ही एक अच्छे होटल में रूम ले लिया और मैकेनिक को फोन किया की बाइक ले जाओ तब मैकेनिक ने बोला की आप बाइक रखिये अपने पास आज जब कार लेना तब बाइक दे देना नहीं तो आप कैसे अपना काम  करेगे अपना मैंने कहा टीक है | फिर हम होटल के कमरे में गए और दीपमाला को बोला की तुम कपडे बदल लो ज्यादा गीली हो नहीं तो बीमार पड़ जाओगी तब दीपामला वाथरूम में जाकर गाउन पहन कर आ गई पतले से गाउन में ओ एक दम से मस्त और सेक्सी लग रही थी.उसके बड़े बड़े स्तनों की निप्पल तक झलक रही थी | मैंने भी कपडे उतार कार सिर्फ टावेल लगा लिया बनियान भी गीली थी तो उसे भी उतार दिया और अब सिर्फ टावेल लगाकर नंगे वदन बैठा था दीपमाला बाथरूम से निकली और मुझे देखा कर बोली की सर जी आप तो आज भी मस्त जवान की तरह लगते है तब मैंने हस्ते हुए बोल की तूने अभी मेरी जवानी देखि कहा तब उसने पलट कर तुरंत ही बोली की टीक है देख लूगी आपकी जवानी भी की आप कितने जवान है और हसने लगी  और तब हम दोनों ने उसी होटल में खाना खाया अपने ही रूम  में मगा कर तब तक रात के ९.३० बज गए थे और अब दीपमाला मेरे साथ खूब घुल मिल गई थी | मैं मोका देखकर एक बियाग्रा की गोली ले लिया था और अब मेरे लंड  में तूफानी हलचल सुरु हो गई थी |

                                      अब हम दोनों बेड पर लेट गए और मैंने TV ओन कर लिया और एक फिल्म "जवानी दीवानी " आ रही थी उसे देखना लगा ..जब AD आनेलगा तो मैंने चैनल बदलने लगा की एक इंग्लिश फिल्म का चेनेल आ गया जिसमे एक सेक्सी फिल्म आ रही  थी  मैंने उसे देखने लगा काफी बोल्ड सीन थे .अब मेरे से नहीं रहा गया और मैंने उसे जोर से पकड़ कर चिपका लिया और एक जोरदार किस ले लिए होठो का उसने कोई बिरोध नहीं किया तब मैंने उसके स्तन को दबा दिया और चिपका लिया जोर से ओ भी अपना हाथ मेरे कमर में दाल कर चिपक गयी मेरे से तब मैंने उसके गाउन के ऊपर वाला हिस्सा को उतार दिया अब उसकी मस्त मस्त बाहे दिखाई दे गई तो मैंने उन्हें हाथ से खिलने लगा और साथ ही चूमने भी लगा और कुछ देर में गाउन का बचा हुआ हिस्सा भी उतार दिया अब ओ मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में लेटी  हुई है और मैं अब उतावला हो गया उसे चोदने के लिए और मैंने तुरंत ही ब्रा और पेंटी भी निकाल दिया और अपनी भी टावेल और चड्डी को उतार कर एक दम से नगा हो गया और चिपका लिया जोर से और उसके होठो का ,जीभ का रस पीने लगा ओ भी काम्गनी में तड़प उठी और मेरे लंड को पकड़ कर उसे खिलीं लगी और धीरे से कुछ बोली जो समझ नहीं आया तब मैंने पूछा की क्या बोली तुम तो बोली की कुछ नहीं और लंड को हाथ से पकडे रही जब मैंने बार बार आग्रह किया तो बोली की मस्त लंड है आपका और आज खूब मस्तिकरुगी इसके साथ {लंड की तारफ इशारा किया }| 
                    मैं 69 की पोजीसन में उसकी चुत को हलके हलके चाटने लगा तो ओ भीमेरे लंड को मुह में दाल कर चूसने लगी और हम दोनों करीब 2 मिनट में ही सेक्स के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए हम दोनों और मैं लेट गया और उसे कहा की तुम बैठ जाओ और मेरे लंड को डालो चुत में और मेरे खड़े लंड पर मलखम्ब करने लगी उसके बड़े बड़े बूब्स ऊपर नीचे उछल रहे थे जिसे मैं बार बार दबा दबा कर उसे और उत्तेजित करने लगा ओजोर जोर से झटके मरने लगी तो लंड बार बार निकल जाता था तो ओ रुक कर बोली की मजा नाहिया रहा है अब आप मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदिये तभी मुझे मजा आएगा नस नस को तोड़ डालिए फाड़ दीजिये आज मेरी चुत को इतना झटके मारिये और ओ बार बार कुछ बडबडा रही थी उसके आँखे , चेहरा एक दम से लाल पड़ गए  थे उस समय ओ तुरंत ही नीचे लेट गई और बोली की सर प्लीस अब और ज्यादा नहीं तरसाए नहीं तो मर जाउगी तब मैंने बोला की रुको कंडोम लगा लू तो बोली की नहीं कंडोम नहीं लगाए अभी अभी दो दिन पहले ही महीने (माहवारी ) से  फुर्सत हुई हु मुझे आपके जैसा एक लड़का चाहिए सुन्दर ,गोरा चिठ्ठा और होसियार सा मेरे पति तो ठिगने से बुद्धू टाईप है तब मैंने बोला की टीक है और मेरा फंफंता हुआ लंड उसकी चुत में डाल कर आगे -पीछे कर कर के चोदने लगा ओ बार बार उह उह उह ससे से से सी सी आह आह ऊ ऊ उइ माँ आ उ ऊ ऊउ ऊ आह अह सी सी उफ़ उफ़ आह आह की जोर जोर से आबाज निकाल रही थी और मेरे सर पर अपना हाथ बड़े प्यार से घुमा रही थी और मैं जोर जोर से धक्के मार रहा था दीपमाला ने बोल की सर जी और जोर जोर से चोदिये बहुत मजा आ रहा है और मैंने और जोर जोर से धक्के मार मार कर चोदने लगा फट फट की आवाज गुज रही थी कमरे में हम दोनों मस्त थे एक दुसरे को चोदने में ओ जोर से चिपका गई मेरे साथ और इतने में ओ ठंडी पड गई और हाफ़ते हुए ओ पसीना पासीना हो कर हाथ हटा लिया मेरे ऊपर से मैं समझ गया की इसका कम लग गया  पर मेरे ऊपर वियाग्रा का अशर था जिस कारण मैं जल्दी से ठंढा नहीं पड़ने वाला था मुझे पता था क्योकि मेरी बीबी के साथ भी ऐसा ही होता हो मेरी बीबी जल्दी स्खलित हो जातीहै बाद में मैं उसे घोडी बना कर चोदता हु तब मेरा नासा उतरता है मैंने दीपमाला के साथ भी यही किया मैंने दीपमाला कोबोला की तुम अब घोड़े बन जाओ और मैं तुम्हे घोड़ा बन कर चोदुगा तब जाकर मेरा लंड शांत होगा तो ओ बोली की आप आभी तक रिलेक्क्स नहीं हुए तब मैंने कहा देखो ना इसे (लंड की तरफ इशारा किया) तो ओ बोली की बाप रे बाप मेरे पाती तो बहुत जल्दी शांत हो जाते है कभी कभी तो मैं ऐसी ही रह जाती हु तो ओ जबरजस्ती ढीले लंड से मेरा नशा उतारते है पर आप तो अभी भी मस्त है आज रात भर चुदाउगि  आपसे आप अभी अपने आप को कंट्रोल करिए तब मैंने बोला की टीक है और मैं अपने आपको कंट्रोल किया करीब 1 घंटे बाद दीपमाला को फिर से गरम कर दिया और इस बार दीपमाला को घोडी बना कर खूब चोदा जोर जोर से झटके मार मार कर और हम रात भर में तीन बार दीपमाला कोचोदा अगले दिन  हम दोनोकी लेट नीद  खुली .दीपमाला इतनी थक गई थी की रात भर  मेरे बाहों में नंगी ही पडी रही सुबह  करीब 10 बजे नीद  खुली तो फिर हम दोनों फ्रेस हुए और दीपमाला से बोला की कितने बजे तक चलना है तो बोली की इअसा करते है आज और रुक जाते रात भर कल साम के समय 5 बजे निकला लेगे तब तक अपन दोनों इस नए सहर में घूमते है मौज मस्ती करते है तब मैंने बोल की टीक है (मेरी पत्नी अभी गाव में है इस कारण मुझे पत्नी की चिंता नहीं थी और) और हम अगले दिन 12 बजे अपनी कार को ले लिए और िफ़र एक वाटर पार्क में हम दोनों गए वहा पर दीपमाला ने बिकिनी पहनकर मेरे साथ खूब मस्ती किया और फिर हम वापस होटल में आये और फिर रात में अलग अलग पोजीसन में दीपमाला को तीन बार चोदा और संतुस्ट हो गई और मेरी चुदाई का परिणाम है की दीपमाला को एक सुन्दर सा गोरा सा लड़का पैदा हुआ अभी अभी  फरवरी में दीपमाला ने फोन करके बताया है की बिलकुल आप जैसा है |और बोल रही थी की मैं फिर से आउगी मम्मी के यहाँ तो आपसे मिलूगी |
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अंजलि को ट्रेन में चोदा

मेरे ताया जी के लड़के की साली अन्जलि की शादी पटना में हुई है। वैसे उनकी शादी को डेढ़ साल हो गया है, उसका पति धीरज हमारे शहर में ही काम करता है, उनके घर और हमारे घर अक्सर आना जाता लगा रहता है, वैसे अंजलि 19 साल की है, देखने में स्लिम और खूबसूरत है, बूब्स 34 के हैं खूबसूरत लड़की है। अंजलि मेरी भी साली ही लगी तो अक्सर मजाक वगैरह चलता रहता था।

कुछ दिनों से वो अपने मायके पटना गई हुई थी। मुझे ऑफिस के काम से रांची जाना पड़ा, दीपावली के दिन थे, उन दिनों में अक्सर प्रवासी लोग अपने अपने घर जाते हैं और ट्रेनों का तो बुरा हाल होता है, पैर रखने की जगह नहीं होती। खैर मेरी किस्मत अच्छी थी, उसी दिन एक स्पेशल ट्रेन चली थी, मुझे उसमें सीट मिल गई।


मुझे वहाँ 3 दिन लग गये। मैंने अपना ऑफिस का काम निपटाया और रात को सोने लगा, रात के 10 बज रहे थे, धीरज बाबू का फ़ोन आया- कैसे हैं हैरी भाई?


मैंने कहा- ठीक हूँ। आप कैसे हैं?


थोड़ी बातें हुई, धीरज भाई ने कहा- हैरी, आज तुम्हारे घर गया था तो मालूम हुआ कि तुम रांची में हो।


मैंने कहा- हाँ !


धीरज ने कहा- वापिस कब आ रहे हो?


मैंने कहा- कल सुबह निकलूंगा।


धीरज भाई ने कहा- यार हैरी, अंजलि पटना में है ! तुम्हें मालूम है ना?


मैंने कहा- हाँ ! क्या हुआ उन्हें?


धीरज ने कहा- हुआ कुछ नहीं, असल में मैं सोच रहा था कि अगर तुम्हें कोई दिकत न हो तो अंजलि को आप अपने साथ ला सकते हो?


मैंने कहा- धीरज भाई, मुझे तो कोई दिकत नहीं है, पर मेरी ट्रेन कल सुबह की है और और जिस ट्रेन से मैं आ रहा हूँ, उसमें तो कोई सीट भी नहीं है, बड़ी मुश्किल से मुझे सीट मिली है, और अब तो वेटिंग भी नहीं मिल सकती। अगर आप पहले कहते तो मैं कोई जुगाड़ करता।


अचानक मुझे वो ट्रेन याद आई जिससे मैं आया था, वो पटना तक ही जाने वाली स्पेशल ट्रेन थी। मैंने मैंने धीरज को कहा- भाई, रुकिए देखता हूँ, एक स्पेशल ट्रेन चली थी ! शायद उसने जगह होगी, तो काम बन जाएगा।


मैंने अपना लैपटॉप ऑन किया और उस ट्रेन की स्थिति देखने लगा। उस ट्रेन में तो बहुत तो अभी भी 750 के करीब सीट खाली थी। मैंने धीरज को फ़ोन किया, कहा- एक स्पेशल ट्रेन है, उसमें सीट खाली है, मैं इन्टरनेट टिकट बुक कर लेता हूँ। मैंने 2 सीट बुक कर ली और धीरज को फ़ोन किया- आप अंजलि को फ़ोन कर दीजिये, कल मैं शाम 5 बजे तक पटना पहुँच जाऊँगा। ट्रेन 6 बजे शाम को है।


मैं शाम को 5.30 बजे पटना पहुँच गया। ट्रेन करीब 2 घंटे लेट थी, मैंने स्टेशन पर उतर कर देखा कि अंजलि और उनके पिता जी स्टेशन पर खड़े थे।
मैंने उनके पिता जी को नमस्ते किया और बातें करने लगा। अंजलि की उम्र करीब 19 साल की थी, नई-नई शादी हुई थी, मैं तो अंजलि को शादी के पहले से ही जानता था, शादी के पहले अंजलि के साथ बहुत घूमते फिरते थे। खैर वो समय कुछ और था, बातों बातों में 2 घंटे बीत गया, मालूम ही नहीं लगा, ट्रेन आ गई। हमारी सीट थर्ड ऐसी में थी। हम लोग अपनी सीट पर बैठ गए, ट्रेन बिल्कुल खाली थी, ट्रेन में हमारे सिवा बस 2 लोग और थे।

मैंने सोचा कि शायद आगे से लोग आ जायेंगे ट्रेन में !


मैं और अंजलि बातें करने लगे, मजाक करने लगे। रात को करीब 11 बज गए, ट्रेन में कोई नहीं आया। सारी सीटें खाली थी, जो दो लोग बैठे थे, वो भी वहीं दिख रहे थे।


थोड़ी देर बात टीटी आया और टिकट चेक किया, मैंने टीटी से पूछा- सर ट्रेन खाली है, क्या बात है?


टीटी ने कहा- पूरी ट्रेन ही खाली है, हर बोगी में बस 2-4 लोग ही हैं बस।


मैंने कहा- सर, हमें तो डर लग रहा है, और मेरे साथ औरत भी है, कहीं कुछ उल्टा सीधा न हो जाए।


टीटी ने कहा- आप डरिये मत, ऐसा कुछ नहीं होगा।


और वो चला गया, ट्रेन चल रही थी, जैसे जैसे रात हो रही थी, हम डरे जा रहे थे कि कोई चोर लुटेरा न आ जाये और सिर्फ हम दोनों क्या कर सकते हैं।


मैंने अंजलि से कहा- चलो उतर जाते हैं, किसी और ट्रेन से चलेंगे।


ऐसे बातें करते करते फिर से टीटी मुझे जाता दिखा, मैंने टीटी से आग्रह किया- सर, जहाँ ज्यादा लोग हैं, हमें वहाँ बैठा दो, मेरे साथ में औरत है, मुझे डर लग रहा है।


टीटी ने कहा- आओ आपको फस्ट ऐसी में बैठा देता हूँ, आदमी तो उसने भी नहीं है पर उस बोगी में 4 परिवार वाले लोग हैं, वहाँ आप लोग सेफ महसूस करोगे।


टीटी में हमें अपनी सीट पर बैठा दिया और बोला- अब कोई टीटी नहीं आएगा, आप लोग दरवाजा लोक कर लीजिये।


हमने दरवाजा लोक किया थोड़ी जान में जान आई, अंजलि ने कहा- आओ अब खाना खा लेते हैं।


हम लोग खाना खाकर बातें करने लगे। अंजलि अपने सीट पर लेट गई, अंजलि को तो अभी भी डर लग रहा था, अंजलि ने कहा- हैरी, मुझे ट्रेन का सोच सोच कर अभी भी डर लग रहा है।


मैंने कहा- आ जाओ, मेरे पास सो जाओ।


अंजलि मेरे पास आकर लेट गई, मेरे मन में पहले वाला शैतान जाग गया। वैसे तो मैं अंजलि से शादी के पहले भी कई बार सेक्स कर चुका था पर अब काफी दिनों बाद यह मौका मिला। अंजलि मेरे साथ चिपक कर सोने लगी, मैं अंजलि के बूब्स को दबाने लगा, अंजलि कहने लगी- छोड़ो न हैरी, अब ये सब अच्छा नहीं लगता, मेरी शादी हो चुकी है।


मैंने कहा- ऐसे कैसे जाने दूँ यार अंजलि ! इतने दिनों बात तो फिर से भगवान ने फिर से मौका दिया है।


और पुरानी बातें याद करने लगे, धीरे धीरे मैं अंजलि की चूचियाँ दबाने लगा। अंजलि सिसकारियाँ लेने लगी और जोश में आने लगी। मैंने अंजलि के बलाउज के बटन खोल दिए और उसकी गोरी गोरी चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा।


अंजलि सीईइ आअह्ह आह्ह करने लगी और मेरे ऊपर आकर मेरे अपने चूचियों को अच्छे से मेरे मुँह में डाल कर चुसवाने लगी ! मैं और अंजलि पूरे जोश में थे और ट्रेन भी पूरा तेजी में चल रही थी।


मैंने अंजलि की साड़ी ऊपर किया और उसके पैन्टी के ऊपर से उसके चूतड़ मसलने लगा। और अंजलि ऊपर से ही अपनी चूत मेरे लंड पर रगड़ रही थी।


अंजलि पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार हो चुकी थी, बार बार अपनी चूत रगड़ रही थी।


मैंने अंजलि को कहा- रुको।


मैं पूरा नंगा हो गया और अंजलि की भी मैंने पैंटी उतार दी। अंजलि बहुत मस्त लग रही थी, काफी दिनों बात अंजलि को चोदने का मौका मिल रहा था।


मैंने अंजलि को इशारा किया कि मेरे लंड को चूसो।


अंजलि अपने प्यारे होंठों को मेरे लंड पर रखा और चूसने लगी, मुझे बहुत मजा मिल रहा था, मैंने अंजलि को कहा- रुको, दोनों मजा लेते हैं। तुम्हारी चूत चाटे हुए बहुत दिन हो गए हैं।


हम दोनों 69 की अवस्था में हो गए। मैं अंजलि की चूत को चाट रहा था और उसके चूत दाने को खूब अच्छे से चूस रहा था। अंजलि तड़प जाती, उसकी उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी !


मैं जोर जोर से उसकी चूत चाट रहा था और अंजलि भी जोश में मेरे लंड को खूब चूस रही थी।


और कभी कभी अपने दांतों से काट भी लेती।


अंजलि ने कहा- हैरी, अब करो ! बर्दाश्त के बाहर हो रहा है अब।


मैंने अंजलि को कहा- कैसे चुदवाओगी?


अंजलि शरमा गई !


मैंने अंजलि से कहा- अंजलि आओ यहाँ, घोड़ी बना कर तुम्हें चोदता हूँ।


मैंने अंजलि को कहा- सीट पकड़ कर झुक जाओ।


अंजलि सीट पकड़ कर झुक गई, अंजलि की खूबसूरत चूत देख कर लग रहा था कि पिया-मिलन की आस में आज ही चूत के बाल बनाये थे, एकदम चिकनी पाव रोटी की तरह फूली हुए चूत ! ऐसे लग रहा था कि चूत कह रही हो कि आओ अब डाल दो लंड !


बहुत खूबसूरत चूत लग रही थी।


मैंने देर न करते हुए अपने लंड पर थूक लगाया और अंजलि के चूत में जोर से पेल दिया। अंजलि की थोड़ी सी आवाज की- आअहाअ और लंड पूरा अन्दर अंजलि की चूत में समां गया ! मैं अंजलि के चूत के मजे लेने लगा और ट्रेन भी रफ्तार में थी तो और मजा आ रहा था। अंजलि को अपने आप धक्के लग रहे थे।


अंजलि भी अपनी गांड हिल हिल कर लंड का अभिनंदन कर रही थी और आहा वओओह आअए सीईईईई आआहाआ कर रही थी और गांड हिला हिला कर अपनी चूत चुदवा रही थी।


अंजलि ने काफी दिनों से नहीं चुदवाया था तो अंजलि की चूत ने जवाब दे दिया, अंजलि सीईईइ आआहा आआ कर कर के गांड को जोर जोर से हिलाने लगी और झर गई।


अंजलि थोड़ी सुस्त हो गई झरने के बाद। मैंने लंड को चूत से निकाल लिया।


अंजलि अब सीट पर लेट गई, मैं उसका हाथ पकड़ा और कहा- अंजलि मेरे लंड की मुठ मारो।


अंजलि ने कहा- अभी मूड नहीं कर रहा, थोड़ा रुक जाओ।


पर मुझे चैन कहाँ था, मैंने फिर से अंजलि के चूचियों को दबाने और चूसने लगा। जिससे अंजलि फिर से जोश में आ गई, मैं अंजलि के ऊपर चढ़ गया और अपनी अपना लंड के बार फिर से अंजलि के चूत में दौड़ाने लगा। अंजलि भी अब नीचे से मेरे धक्कों का जवाब अपने धक्कों से देने लगी। मैं अंजलि को जोर जोर से चोद रहा था और अंजलि भी नीचे से अपनी कमर हिला हिला कर मजे से चुद रही थी। इतने मजे से चुद रही थी कि कुछ देर तो वो अपनी आँखें बंद करके आअहाअ आअहाअ उह्हाआ उआअह कर रही थी और अपनी कमर जोर जोर से उचका रही थी।


चुदाई करते करते अंजलि जोर जोर से धक्के मारने को कहने लगी और अपने भी जोर जोर धक्के लगाने लगी- आअह्ह्ह्ह आआहा आआ आसीईईई आआए करते करते अपने दोनों पैर मेरी कमर को जोर से दबा दिया और कहने लगी- बस हैरी अब तो हो गया !


और हांफने लगी, थोड़ी ठण्ड का समय था, फिर भी हम दोनों पसीने से सराबोर हो गए थे।


अंजलि ने कहा- तुम्हारा नहीं हुआ क्या?


मैंने कहा- बस अब थोड़ा और ! मेरे भी होने वाला ही है।


मैंने जोर जोर से अंजलि के चूत के अन्दर-बाहर लंड करने लगा और अंजलि से कहा- अंजलि, अब मैं भी झरने वाला हूँ।


मैंने कहा- अंजलि, मुझे जोर से अपने बाहों में दबा लो ! ऐसे मुझे मजा आता है, जब मेरे माल गिरता है तो।


अंजलि जानती थी यह बात !


मैंने जोर जोर से आअहाआ आअहाअ करने लगा, अंजलि जोर से मुझे अपने बाहों में दबाने लगी और मैं झर गया।


अब मैं रिलेक्स महसूस कर रहा था, अंजलि की चूत में ऐसे ही लंड डाले थोड़ी देर अंजलि के ऊपर लेटा रहा, थोड़ी देर बाद अंजलि ने टिशु पेपर से अपनी चूत को साफ़ किया और हम दोनों सो गए।


रात को एक बात फिर मेरे दिल किया अंजलि को चोदने का, मैंने अंजलि को जगाया और फिर से एक बार चुदाई की और सो गए।


सुबह करीब 10 बजे हम सोकर जगे, थोड़ा नाश्ता किया और एक बजे तक हम अपने स्टेशन पर पहुँच गए।


धीरज बाबू वह स्टेशन पर आये हुए थे अपनी पत्नी अंजलि को रिसीव करने ! फिर धीरज बाबू अंजलि को अपने साथ ले गए अपने मोटरसाइकिल पर।


मुझे भी कह रहे थे कि आओ आप भी बैठ जाइए, आपको घर तक छोड़ दूंगा।


मैंने कहा- नहीं, आप लोग जाओ, मैं आ जाऊँगा।


मैंने फिर टेम्पू लिया और अपने घर चला गया।तो दोस्तों यह थी मेरी अभी हाल में हुई घटना।

 

-----कहानी कोपी पेस्ट है ---