Monday, 28 May 2018

जेठानी से छिप छिप कर जेठ से चुदवाया


 मेरे घर के पास ही मेरे गाँव के पास का  एक  परिवार 20 साल से रहता है ! इस परिवार के बड़े भाई मेरे से बड़े है और छोटा भाई मेरे से दस साल छोटा होगा !  छोटे भाई की पहली औरत मर गई तो 3 साल बाद दुसरी शादी किया ! और कुछ महीने बाद छोटे भाई ने मेरे घर से थोड़ी ही दूर मकान लेकर पत्नी के साथ पहली वाली पत्नी की लड़की के रहने लगे ! छोटे भाई की पत्नी, कविता मेरे से बहुत पर्दा करती ! उसका चेहरा कभी नहीं देखा ! पर ओ सुबह सुबह घर के सामने झाड़ू लगाती तब उसके मस्त गदराये वदन को जरूर देखने का मौका मिलता कभी कभी ! शादी के चार साल हो जाने के बाद भी कविता को कोई औलाद नहीं हुई ! कविता के पति की फैक्ट्री से अचानक नौकरी छूट जाने के बाद ओ दूसरे शहर नौकरी करने चला गया ! अब कविता और उसकी सौतन की लड़की ही घर में रहते ! कविता का पति एक एक साल तक नहीं आता,, जब आता भी है तो एकात सप्ताह रहकर वापस चला जाता है ! सुबह सुबह जब मैं कालोनी में घूमने निकलता तो कई बार देखा की कविता किचेन में से मुझे चुपचाप देखती जैसे ही घर के सामने से निकलता तो छिप जाती ये कई बार देखा मैंने ! कविता को अब सभी बाजार के  काम खुद ही करने पड़ते जैसे सब्जी लाना या और कुछ भी लाना हो तो कभी कभी मेरी पत्नी से कह कर मगवा  लेती !  
            कुछ माह पहले मेरे परिवार के साथ कार में एक परिचित की शादी में शामिल हुई तब भी दूर दूर ही रहकर घुघट में खाना खाने लगी तो मेरी पत्नी ने बोला ''आप दूर हो जाओ तो कविता आराम से खा लगीँ तब मैं दूर चला गया ! और दूर से भीड़ में कविता को देखने लगा ! कविता बहुत ही खूबसूरत है, गोरी रंग की उम्र मुश्किल से 30 - 32 साल  ! देखकर मन ललचाने लगा चोदने को पर मैं 50 साल का हालांकि शरीर आज भी अच्छा मेंटेन है ! 50  की  उम्र नहीं लगती ! पर 20  साल छोटी महिला को फ़साना मुश्किल है ! जब सभी कार से वापस कालोनी में आ गए तो मजाक किया ''सभी किराया देकर उतरेंगे''  तब कविता मेरी लड़की से बोलती है ''दादा को बोल की मैं तो किराया लाइ नाँहि'' तब मैंने बेटी को बोला ''चाची को बोल बाद में दे देगी किराया'' तो उसके हसने की हाली सी आवाज आई ! और कविता अपने घर के सामने उतर  गई ! 
   7 जनवरी  18, रविवार की बात है ! कविता मेरे घर आई और पत्नी को बोली ''दीदी गेहूं में कीड़े लग गए है इस लिए सुखाना है छत में मेरे से सीढिया चढ़ते थक जाती हूँ, दादा  से गेहू की बोरी छत में रखवा देगी क्यां'' तो पत्नी बोली ''जाओ कविता का काम कर दो '' कविता अपने घर चली गई ! मैं मन ही मन बहुत खुस हुआ और कुछ देर बाद उसके घर पहली बार गया और गेहूं की बोरियाँ छत पर रख दिया ! कविता मेरे जाने पर जरा सा भी पर्दा नहीं किया बल्कि जिश्म से चिपका हुआ गाउन पहने रही मेरे सामने जिससे उसके एक एक अंग की बनावट साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी ! जब वापस आने लगा तो बोली ''बैठिये न कॉफी  बनाती हु, पीकर जाइये'' तब मैं आगे के कमरे में राखी प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठ गया ! कविता कॉफी लाइ और रख दिया तब मैंने बोला ''आप भी लाओ न अपने लिए''  तब कविता कॉफी लाइ और सामने की कुर्सी में बैठकर  पीने लगी ! जब मैं चलने लगा तो कविता से बोला  ''आपका मोबाईल नंबर दीजिये भुझे'' तब कविता अपना सैमसंग  J7 मोबाईल लेकर मेरे हाथ में पकड़ा जबकि हमारे इधर जेठ को नहीं छूते  तब मैंने उसके मोबाईल में मेरा नंबर डॉयल कर दिया तो उसका भी नंबर मेरे पास आ गया ! आते आते मैंने बोला ''उस दिन का किराया अभी तक नहीं मिला '' तो बोली ''जब इच्छा हो ले लीजियेगा, दे दूँगी '' ! और हलके से किनारे के होठो को दातों तले दबाकर मुस्कुराई ! मैं भी मुस्कुरा कर वापस आ गया ! कविता का इस तरह से मुस्कुराना और मादक अदा काफी कुछ इसारा  कर रही है ! कविता पर उसके जेठ और जेठानी 
                              करीब दस बजे के बाद जब दूकान आया और सटर  ही उठा रहा था की एक फोन आया तो बात किया तो पता चला की फोन कविता का है ! मैंने कविता से कुछ देर बाद बात करने को कहकर फोन काट दिया ! फिर पूजा पाठ करके फोन किया तो कविता  बोली ''आप नंबर तो ले गए पर आपने फोन किया ही नहीं, मैं आपके फोन  का इन्तजार करती ऱही'' इस तरह कविता बहुत देर तक मेरे से अपनी नाराजगी ब्यक्त करती रहे बड़े अधिकार के साथ  और करीब 15  मिनट तक बातें किया, बातो में सबसे अधिक जेठ जेठानी की बुराई और फिर आदमी को गाली  ! मैंने पूछा सिब्बू  को गाली क्यों दे रही हो तो बोली ''ओ मुझे बिलकुल भी नहीं चाहते, जब आते है तो भौजाई के पास ही चिपक कर बैठे रहते है,   हस हस कर बाते करते है पर मेरे से ठीक से बोलते तक नहीं''  कविता ने पहली बार में ही इतनी बात किया विश्वास नहीं हो रहा था ! कुछ देर बाद वाट्सअप खोला तो देखा की कविता ने बहुत सारी फोटो वीडिओ भेजा है मैंने भी रिप्लाई किया ! अब यह रोज का काम हो गया ! मैं जैसे ही घर से आता तो कविता फोन करके बहुत देर तक बाते करती ! वाट्सअप में ढेर सारे मैसेज भेजती ! दरसल कविता अकेलेपन से बोर होती है और उसके जेठ-जेठानी का इतना सख्त पहरा रहता है की कोई पर पुरुष की छाया भी उसके ऊपर नहीं पड़ने पाती सायद इस कारण अपनी बोरियत दूर करने के लिए समय पास करने के लिए फोन करती ! कविता अपनी कई फोटो भेजा मुझे जो उसने शादी के पहले लिए थे ! टॉप जीबस की भी कई फोटो भेजा ! दिन में कई बार अलग अलग फेस स्टाइल में अपनी सेल्फी भेजती !  इस तरह कविता खूब घुल मिल गई मेरे से ! 

















 एक दिन मैंने जानबूझकर वाट्सअप में एक सेक्सी वीडिओ क्लिप भेज दिया और उसके देखने के बाद में बोल दिया ''गलती से चली ग़ई'' तो रिप्लाई करती है ''आपकी ये गलती अच्छी लगी, ऐसे ही गलती करते रहें '' और आँख मारने वाला सिम्बॉल भेज दिया ! इसके बाद मैं हर रोज कोई न कोई सेक्सी क्लिप भेज देता ! एक दिन फोन करके बोली ''क्यों जलाते है ऐसी  वीडिओ भेजकर'' तो मैंने कोई रिप्लाई नहीं किया तो उस दिन, दिनभर  वाट्सअप में कुछ नहीं भेजा न ही फोन पर बात किया ! तो रात मैं 11 बजे वाट्सअप किया ''सुबह 5 बजे अँधेरे में रोड में मॉर्निंक वाक्  के बहाने उस जगह मिलना '' जगह का पता लिख दिया ! पर कविता आई नहीं तो सुबह 10:45  बजे फोन किया तो बोली ''अरे ओ कुत्ती भी घूमती है सुबह सुबह, देख लिया दोनों को साथ तो   आफत आ जाएगीं'' मैं समझ गया जेठानी को कुत्ती कह रही है ! तब मैंने बोला ''वीडिओ काल करूँ क्या'' तो बोली ''आधे घंटे से करिये, अभी नहाने जा रही हूँ'' ! तब मैंने करीब 11:10 पर वीडिओ काल किया  (कविता की सौतेली लड़की पास के दूसरे शहर में कालेज चली जाती है सुबह 7 बजे तो साम को 6 बजे तक आती है) तो कविता में रिसीव किया तो देखा की 
कविता के बालों से पानी टपक रहा है और चहरे पर भी पानी की बुँदे टपक रही है मतलब नहा कर जस्ट बाहर आई है !  जैसे गुलाब  के पंखुड़ियों पर पानी की बुँदे तैरती है ऐसे ही कविता के चहरे पर पानी की बड़े तैर रही थी ! बात करते करते मोबाईल हिला तो गोरी गोरी बाहे दिखने लगी तब मैंने कविता को बोला ''थोड़ा नीचे करों न मोबाइल'' तो बोली ''धत्त गंदे'' और मोबाइल को ऐसा कर दिया की सिर्फ चेहरा ही दिखाई दे रहा था ! तब मैंने फिर से बोला ''प्लीज़ नीचे करों न, देखु तो सही कैसी लगती हो'' तो मना कर दिया तब मैंने फिर से बोला ''प्लीज़ तुम्हारे पाँव पडूँ, कैमरा नीचे करो न प्लीज़''  कई बार प्लीज़ किया तो मोबाईल को थोड़ा सा नीचे किया तो टॉवेल लपेटे हुए गदराया हुआ गोरा वदन दिखाई दिया ! चूचियों के मस्त उभार दिखाई दिया तो बोला ''थोड़ा और नीचे करो न'' तो बोली ''बस ज्यादा लालच बुरी बलाय'' और मुस्कुरा कर फोन काट दिया ! तो मैंने तुरंत फोन किया तो रिसीव करके बोली ''रुकिए न कपडे तो पहन लूँ'' और वापस काट दिया फोन ! करीब 15  मिनट बाद वापस वीडिओ काल किया और बेड के सहारेमोबाईल रख दिया और मोबाईल की तरफ देखकर कंघी करने लगी !  उस समय एक पतली सी गाउन पहन रखी थी, गाउन के नीचे न तो ब्रा थी, न ही पेटीकोट !   मस्त मस्त चूचियाँ हलके हलके  झलक रही थी, गोरी गोरी जाँघे झिलमिल कपडे में थोड़ा थोड़ा दिखाई दे रही थी ! मैं आराम से देख रहा था कविता अपना जिस्म दिखाएं जा रही थी , मेरा लण्ड खड़ा हो गया लगता था पेंट  की जीप खुल जाएगी ! कविता प्यूरी तरह से चुदाने को तैयार है पर मौका कैसे मिले यही सोच रहा था ! 
इस तरह मई 2018 आ गया , एक दिन पत्नी बोली ''मुझे पापा को देखने जाना है चली जाऊं'' तो मैंने बोला ''चली जाओ पर खाने की दिक्क्त होगी तो होटल में खा लूंगा'' तो कुछ नहीं बोली अगले दिन उनका रिजर्वेसन करवा दिया ! अगले दिन जाने के पहले पत्नी बोली ''कविता को बोल  दिया है ओ खाना बना दिया करेगी एक चाबी उसे दे जाउंगी आप दोहपर में आकर खा लिया करना , साम का भी खाना बना दिया करेगी'' मैं मन ही मन खुस हो गया और अगले दिन शाम को  ट्रेन में  बैठा दिया ! और लौटकर कविता से बात किया तो बोली ''मेरी जेठानी कुत्ती बोल रही है चाबी मेरे घर दे जाना, खाना बनाकर वापस कर जाना तो , उसे सक हैं , बहुत कमीनी है छिनाल'' तब मैंने उससे बोला ''कोई बात नहीं तुम तो बनाकर चली जाना मैं आकर खा लिया करूंगा, पर तुम मिल नहीं पाओगी'' तो बोली ''यही तो मैं भी सोच रही हूँ'' तब मैंने कहा ''चिंता मत करो कोई रास्ता निकालता हूँ'' !  
अगले दिन कविता से बोला ''मैं सीढ़ी के ऊपर मेरी वाली चाबी रख जाया करूंगा तुम अपनी वाली चाबी जेठानी को दे देना और मेरे आने के समय मैं फोन कर दूंगा तब तुम चुपके से आ जाना, दोहर में इस समय की धुप और गर्मी में कालोनी के सभी जन घर के अंदर रहते है कोई देखेगा भी नहिँ'' तो कविता बोली ''ठीक है ऐसा कर लेंगे '' !शाम को कविता ने फोन किया और बोली ''जब दूकान जाने लगना तो मिस कल करना में बाहर आ जाउंगी के घर से तो चाबी दे जाना, सीढ़ी से कहि कोई चाबी उठा न ले '' ! 
        अगले दिन दूकान जाते समय कविता को मिसकॉल किया तो घर से बाहर आ गई तो चाबी फेक कर चला गया कविता चाबी उठाकर घर के अंदर चली गई !  दोपहर में जब घर आने के पहले कविता से पूछा की  ''कहाँ  हो'' तो बोली ''अभी अपने घर पर हूँ'' तो मैं  बोला ''मैं आधे घंटे से आ रहा हँ'' तो बोली ''ठीक है आ जाइये '' ! 
जब दोपहर में चिचिलाती धुप में पहुंचा तो कालोनी में सन्नाटा था ! घर का दरवाजा खुला था मतलब कविता घर आ गई थी ! जैसे ही अंदर घुसा तो बीच के कमरे में कविता खड़ी मिली ! जाते ही कविता को पकड़ लिया और चूमने लगा, उसके स्तनों को सहलाने लगा तो बोली '' पहले खाना तो खा लो '' ! कविता मेरी बीबी की गाउन पहन रखा था

क्रमशः -----------    


Thursday, 22 June 2017

सास और बहू दोनों को चोदा

कोई भी महिला किसी भी पुरुष को एक बार पसंद कर ले तो ओ उस पुरुष से चुदवाये  बिना नहीं मान सकती ! भले ही ओ पुरुष अनजान ही क्यों न हो ! पढ़ो  सच कहानी  !
 बात 10  दिसंबर 2015 की है ! मैं ट्रेन से जबलपुर जा रहा था ! भोपाल में रात के 11 बजे के समय मेरी सीट पर आकर एक   महिला आकर पाँव की तरफ बैठ गई ! मैं उस समय कम्बल ओढ़कर सोया हुआ था ! पर स्टेशन की चिल्ल पों से नींद खुल गई ! महिला के बैठते ही मैं भी उठकर बैठ गया और बोला ''आप आराम से बैठ जाइये''  ओ  मेरी तरफ हलके से मुस्कुराई और पाँव चढ़ा कर बैठ गई ! मुश्किल से 10 मिनट नहीं हुए के मेरी से बोलती है ''मेरा मोबाइल डिस्चार्ज हो गया है , आपके मोबाइल से एक फोन कर लूँ क्या'' तब मैंने मोबाइल उसकी तरफ बढ़ा दिया तो ओ नंबर डायल करके किसी से बात करने लगी ! बात करने के टोन से लगा की ये ग्वालियर साइड की होगी ! उसने फोन पर बताया की मुझे ट्रेन मिल गई है सुबह 6 बजे तक नरसिंहपुर पहुँच जाएगी ! फिर उसने थैंक्स कहते हुए फोन वापस कर दिया ! ट्रेन चल पडी कुछ देर में TT आया तो पता चला उसके पास टिकट भी नहीं तो TT टिकट बनाने लगा तो बोली मेरे पास पैसे नहीं तो TT बोला अगले स्टेशन में उत्तर जाना तब ओ टेंसन में आ गई और TT को बोली ''मैं नरसिंहपुर पहुचकर दे दूंगी, अभी मत उतारिये'' पर TT नहीं माना तब मैं बीच बचाव करते हुए TT को 200 रूपये पकड़ा दिया ओ चला गया ! महिला फिर से मेरा मोबाइल लिया और फोन करके किसी को बोली ''सुबह 200 रूपये लेकर S-9 डिब्बे में मिलना'' और फोन वापस कर दिया ! मैं बैठकर सोने लगा तो बोली ''आप लेट जाइये'' तब मैंने कुछ नहीं बोला और बैठा रहा ! डिब्बे की सभी लाइट बंद हो गई अन्धेरा हो गया पर मैंने तिरक्षी नजर से देखा की ओ महिला बार बार मेरी तरफ देख रही थी ! उसके पास ओढ़ने के लिए कुछ भी नहीं था ! ओ कुछ देर बाद ठण्ड से सिकुड़ने लगी तो मैंने मेरा कम्बल फैलाया और उसकी तरफ बढ़ा दिया तो उसने ओढ़ लिया ! रात में 12 बजे उसके तरफ पाँव करके मैं वापस लेट गया और सोने लगा ! मेरा पाँव बार बार उसके शरीर से टच होता तो अजीब से सिरहन उठती ! मैं सो गया, रात में 2 बजे करीब मेरी नींद तब खुल गई जब उस महिला के पाँव मेरे पीठ से टकराया तो देखा की ओ भी लेटी हुई है ! मैं फिर से सोने का प्रयास करने लगा पर नींद नहीं आ रही थी एक करवट लेटे लेटे शरीर दर्द होने लगा तो करवट बदल लिया ! मेरे पाँव उसके स्तन से टकराया तब भी उसने कुछ रियेक्सन नहीं दिया ! पर मेरा लण्ड खड़ा हो गया ! पर भावनाओ को काबू किया और लेटा रहा ! रात में 3 बजे करीब उसने मेरे पाँव पर अपना सिर रखकर सोने लगी ! कुछ देर बाद मेरे पाँव दर्द करने लगा तो पाँव हटा लिया और अपनी तकिया उसे दे दिया और खुद बेग सिरहाने रखकर सोने लगा ! सुबह 5 बजे नींद खुली तो ओ उठकर बैठ गई और टॉयलेट से आई तब मैंने उनकी तरफ ध्यान से देखा उसकी उम्र करीब 45 साल के आसपास रही होगी ! ठिगनी से कद काठी, मुश्किल से 5 फिट की होगी ! गेहुए रंग की, कपडे के पहनावे से लग रही थी की किसी निम्न माध्यम वर्ग से होगी ! कद छोटा जरूर है पर जिश्म मस्त सेक्सी है , ज़रा सा भी पेट बाहर नहीं निकला हुआ है ! शरीर के अनुसार चूचियां बड़ी बड़ी है ! मैं भी बैठ गया और जानपहचान होने लगी ! महिला का नाम अभिलाषा  कोयरी नरसिंहपुर की !
इनका पति भोपाल में किसी कंपनी में ''पोकलेन'' मसीन के ड्राइवर है ! पति से ही मिलने आई थी ! मैंने पूछा ''पति से मिलकर आप जा रही हो और पैसे नहीं थे'' तब बोली '' रस्ते में कही पर्स गिर गया'' ! इसके बाद उन महिला का जब तक स्टेशन नहीं आ गया हम दोनों में बाते होती रही, उन्होंने मेरा मोबाइल लिया और फिर से फोन किया और मुझे वापस कर दिया ! करीब 6 बजे उनका स्टेशन आ गया ओ उतरने लगी तो बोली ''सॉरी मैं आपके दो सौ नहीं लौटा पाउंगी, अभी तक बहू आई ही नहीं'' और ओ ट्रेन के नीचे उत्तर गई और खिड़की के पास आकर मेरी तरफ अपना हाँथ बढ़ाया मिलाने के लिए , मैंने भी हाँथ बढ़ा दिया और ट्रेन चल पड़ी तो ओ भी ट्रेन के साथ साथ चलने लगी इतने में उनकी बहु आ गई जिसके हाँथ में दो सौ रूपये थे पर ट्रेन स्पीड पकड़ लिया तो नहीं दे पाई ! और हाँथ हिलाते हुए बाय करते हुए नजरो से उलझ हो गई ! उनकी बहू लगभग 28-30 साल की छहररे वदन गोरी सी खूबसूरत थी ! मैं उन्ही दोनों के बारे में सोचते हुए ट्रेन के साथ चल पड़ा पर मेरे मन मुझे बार बार पीछे ले जा रहा था ! मैं जबलपुर उत्तर गया और हाईकोर्ट चला गया ! काम किया और साम को पुनः ट्रेन में बैठ गया की सात बजे किसी का फोन आया तो उधर से ओ महिला अपने नम्बर से बाते करते हुए मुझे याद दिलाया और पूछी ''आप कब वापस जायेगे'' तब मैंने उसे बताया तो बोली मैं आपको मिलती हूँ दो सौ रूपये लौटाने के लिए तो मैंने मना कर दिया और बोला ''रात ज्यादा हो जाएगी आप मत आइये, फिर कभी ले लेंगे ब्याज सहित'' तो उधर से हँसने की आवाज आई ! इस तरह हम दोनों में रोज बाते होने लगी ! करीब दो माह बाद बाते करते करते एक दिन  बोली ''अब आप जबलपुर  कब आएंगे,आपके 200 रूपये मुझे वापस देना है'' तब मैंने हँसते हुए बोला ''और ब्याज कौन देगा'' तो बोली ''बता दीजिये कितना ब्याज हुआ'' तब मैंने कहा ''पहले आप बच्चन दो की ब्याज देंगी'' तो बोली ''मैं वचन देती हूँ ब्याज दूंगी'' तब मैंने कहा ''बुरा तो नहीं मानोगी'' तो बोली ''नहीं मानूगी'' तब मैंने फिर बोला ''बस एक किस दे दीजियेगा'' तो हँसते हुए बोली ''बस एक किस'' तब मैंने कहा ''हां'' तो चहकते हुए बोली ''आप बहुत सस्ते में मुझे छोड़ रहे है सुक्रिया आपको'' तब मैंने कहा ''ठीक है मिलेंगे तो बता देंगे और क्या चाहिए'' इस तरह से हम दोनों में खूब बाते होती ! एक दिन अभिलाषा बोली ''जल्दी आओ न यार आपको देखने का बहुत मन कर रहेगा है'' तब मैंने पूछा ''क्या ख़ास है मेरे में जो आप देखना चाहती है'' तो बोली ''बस है आपमें बहुत कुछ ख़ास इसी लिए तो मिलना चाहती हूँ फिर से'' एक दिन  बात बात में अभिलाषा ने अपने प्यार का इजहार कर दिया और बोली मैं आपसे जल्दी मिलना चाहती हूँ ! मैं 48 वर्षीय हैंडसम जवान हूँ वैसे मेरा रंग हल्का  साँवला जरूर  है पर चेहरे से बहुत आकर्षक हूँ ! भरे हुए गाल मजबूत कंधे ! मेरी हाइट 6 फिट 1 इंच है ! मजबूत कद काठी इस उम्र भी मैंटेन  कर रखा है जरा सा भी पेट बाहर नहीं निकला हुआ है !
मुझे कोई काम नहीं था पर अभिलाषा का बार बार फोन आता तो पूछती कब आओगे तब एक दिन मन बना लिया और मार्च महीने में होली के आसपास आने के लिए बोल दिया ! 
क्रमश ....

Monday, 16 January 2017

पड़ोसन कबीरपंथी भाभी को चोदा



सीमा ऐसी ही सेक्सी और खूबसूरत है



मेरे पड़ोस में 3 मकान छोड़कर करीब 4  साल पहले एक  कबीरपंथी रहने आये ! सायद किसी निम्न कास्ट के है ! कबीरपंथी के नाम से ओ कालोनी में मसहूर है क्योकि ओ कबीरपंथ का प्रचारक है ! आये दिन उसके यहां कबीरपंथी इकठ्ठा होते है और कबीर के विचार पर प्रवचन  करते है ! भजन करते है ! कबीर पंथी भैया दुबला पतला मरियल सा 40-42  साल का है ! ओ भी कबीर के बिचारों को
प्रसारित करने के लिए कई कई दिन बाहर चला जाता है !! ओ एक कंपनी नॉकरी करता था नेतागिरी के कारण कंपनी ने निकाल दिया तो केस लड़कर जीत गया पर कंपनी ने उसे अंदर नहीं लिया बल्कि घर बैठे 5 हजार रूपये महीना देने लगी ! इसी 5 हजार में उसका महीने भर का खर्च चलता है ! इसे एक लड़का 15 साल का और एक लड़की 9 साल की है ! इसकी औरत करीब 35-37 साल की बहुत ही  खूबसूरत है ! गोरा सा रंग,गठीला सेक्सी वदन, जब कबीरपंथी घर में नहीं रहता तो ये गाउन पहन कर घर के सामने झाड़ू लगाती ! गाउन इतनी टाइट पहनती की उसके जिस्म की एक एक बनावट साफ़ नजर आती ! बड़ी बड़ी कसी हुई चूचियां , सुडौल नितम्ब और जंघे स्पष्ठ दिखाई देती, जब कही बाहर निकलती तो खूब बन ठन कर निकलती ! बढ़िया सा गागल लगाकर स्कूटी से बाजार जाती  ,
जब भी झाड़ू लगाती तो मैंने उसे चुपके चुपके देखता, मैं उसे देखता हूँ ये बात उसे मालूम हो जाते तो ओ ज्यादा देर तक झाड़ू लगाती ! मेरी पत्नी से उसकी खूब दोस्ती है ! घर तो ज्यादा नहीं आती पर अपने घर के सामने खड़े होकर खूब देर तक बातें करती ! मेरे से कभी बातें नहीं करती ! कबीरपंथी को कभी कभी उसे कबीर पंथी NGO से कुछ हजार रूपये मिल जाता है इसी लालच में ओ प्रचार करता रहता है ! मेरे से उसके हाय हेलो है ! ओ
सीमा इस तरह से मेरी तरफ देखी और कमरे के अंदर चली गई
घर के सामने के गार्डन की साफ सफाई करता रहता है इस लिए उसे पटा कर रखा हूँ ! कभी कभी उसके साथ मैं भी गार्डन  की सफाई करने  जाता हूँ ! एक दिन मैं उसके साथ गार्डन सफाई  रहा था जब साफ़ हो गया तो उसने बोला ''चलो चाय पीते है'' और अपने घर ले गया तो उसकी पत्नी सीमा कही बाहर जाने को तैयार थी बढ़िया टाइट सी होजयरी के कपडे की कुर्ती और लेगी पहन रखी थी ! सिर पर गागल रखा था बस स्कूटी बाहर निकलने जा रही थी की मैं पहुँच गया तो कबीरपंथी बोला आइये सर और पत्नी को बोला ''चाय बना दे फिर

जाना'' इतना बोलकर कबीरपंथी घर के अंदर बाथरूम में हाथ-पाँव धोने घुस गया मैं घर के दरबाजे के सामने खड़ा था तो ओ मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली ''अहोभाग्य आज आप आये, मेरा घर पवित्र हो गया'' तब मैंने मुस्कुराते हुए बोला ''अरे नहीं भाभी जी ऐसी कोई बात नहीं'' तब बोली ''अरे भाई साहब अंदर तो आइये'' तब मैं अंदर कमरे में जाकर एक प्लास्टिक की कुर्सी में बैठ गया ! आगे का कमरा सामान्य है ! एक 3 बाय 6 की पलंग रखी है और ड्रम के उनपर टीवी रखी है ! 5 प्लास्टिक की कुर्सी एक के ऊपर एक रखी हुई है ! उसी में से एक कुर्सी सीमा ने निकालकर मुझे बैठने के लिए दिया ! घर की हालात देखने लगता है की ज्यादा इनकम नहीं होगी ! कुछ देर में कबीरपंथी आया , सीमा चाय बनाकर लाइ ! सीमा भी साथ में  बैठकर चाय
पिया और फिर बाहर निकल गई ! मैं ऐसा बैठा था की गेट से जाते हुए सीमा दिख रही थी ! सीमा बाहर निकली तो हाथ से बाय बाय का इसारा किया और मुस्कुरा कर चली गई ! ये सब उसके पति ने नहीं देखा ! मैं चाय पीकर वापस आ गया ! और सीमा के बारे में सोचने लगा, मुझे ऐसा लगा की ये आसानी से मेरे से चुदवा लेगी, बस इसकी इच्छा  जान जाऊं ! ओ साम को मेरी पत्नी के पास आई और खूब देर तक बैठकर बातें किया ! बीच बीच में भी दोनों की बातों में हाँ-हूं करता ! फिर ओ चली गई !  दो तीन दिन में किसी न किसी बहाने सीमा मेरे घर आती और मेरी पत्नी के साथ बैठती बातें करती !

एक दिन सुबह ही झाड़ू लगा रही थी तब टहलते हुए पास गया और उसकी तरफ एक कागज़ का टुकड़ा फेक कर आगे बढ़ गया  जिसमे मैंने उसका मोबाइल नंबर मागा था  पलट के देखा तो ओ कागज को पढ़कर फाड़ कर फेक दिया और अंदर गई और कुछ मिनट बाद
वापस आई और रोड के किनारे कागज़ का एक टुकड़ा फेक दिया मैं वापस आया और  कागज उठा लिया उसमे सीमा ने अपने दो नंबर  थे एक नंबर के आगे w लिखा था मैं समझ गया ये वाट्सअप भी चलाती है ! हम दोनों के बीच बातचेत सुरु हो गई ! सीमा के  बच्चे स्कूल चले जाते और उसका आदमी घर  में नहीं रहता  तो मैं अधिकतर फोन पर  बाते करता वाट्सअप में खूब चेटिंग करते ! सीमा खूब घुल मिल गई ! सीमा को रूपये की हमेसा जरुरत रहती क्योकि उसका रहन सहन अच्छा रखना चाहती है पर इनकम इतनी नहीं है ! इसारे इसारे में अपनी इक्षाये बात बता दिया मुझे तो मैंने उसे  बीच बीच में हजार-पांच सौ देने लगा !
कभी कभी मोबाइल बैलन्स डलवा देता ! ये क्रम करीब 7-8 महीने तक चला !सीमा एक छोटे से मोबाइल से वाट्सअप चलाती एक दिन पूछ लिया ''जिओ की सिम ले लो'' तो फोन करके बोली ''जिओ की सिम के लिए 4 G मोबाइल चाहिए ''तब मैंने अगले दिन उसे एक नया मोबाइल और जिओ की सिम दिला दिया ! तो सीमा बहुत खुस हुई ! नए मोबाइल मिलने के बाद सीमा और अधिक घुलमिल गया ! करीब एक महीने बाद सीमा मुझे
                शादी के एक भोज में एक मैरिज गार्डन में गया था जहां मुझे सीमा मिल गई ! मिलते ही बड़े प्रेम से हाथ मिलाया कुछ देर बाते किया फिर बाते करते करते दोनों साथ खाने गए तो सीमा ने अपने हाँथ से मुझे प्लेट  साफ़ करके  दिया ! दोनों साथ साथ स्टाल पर गए और परोस कर भीड़ से हटकर एक किनारे खाने लगे ! बात बात में पूछ लिया ''भाई साहब नहीं आये क्या'' तो बोली ''करीब 10 दिन से घर से बाहर गया हुआ है,उसके पास काम
ही क्या है फ़ोकट में घूमता रहता है'' ! सीमा की बातों से लगा की ये पति पर खुस नहीं रहती ! फिर हम दोनों खाने के बाद स्वीट्स डिस्क के पास गए एक ही प्लेट में स्वीट्स लेकर दोनों खाये ! खाते खाते पूछा ''अकेली आई हो'' तो बोली ''शन्तु भी आया है पर निक्की का पेट दुखने लगा तो उसे लेकर चला गया'' ! शांतु और निक्की सीमा के लड़के-लड़की है ! खाने के बाद जब हाथ साफ़ हो गया तो लड़के को फोन कर दिया और आने से मना कर दिया और बोली ''मैं आपके साथ चलूंगी कोई दिक्कत तो नहीं'' तब मैं चहकते हुए बोला ''अहोभाग्य मेरा की आप मेरे साथ चलोगी'' ! फिर दोनों  स्टेज पर गए वर-बधु को आशीर्वाद दिया, साथ में फोटो खिंचवाया ! फिर वहां  निकलकर दोनों पान खाये और रात के करीब 10 बजे गार्डन से बाइक से निकल लिए ! रस्ते में कुछ देर बाद सीमा मेरे से चिपक गई बोली ''बहुत ठंडी लग रही है यार '' मैंने बोला '' सिर्फ स्वेटर पहन कर क्यों आई,शाल लेकर क्यों
नहीं आई'' तो बोली ''स्कूटी की डिक्की में रखी थी'' तब मैंने कहा ''ओह'' फिर बाइक  किनारे रोका और मेरी लेदर की जरकिन उतार कर दे दिया बोला ''लो इसे पहन लो'' तो बोली ''आपको ठंडी नहीं लगेगी क्या'' तब मैंने कहा ''मैं इनर और फुल स्वेटर पहन रखा है'' तब कुछ नहीं बोली और दोनों वापस चल दिए ! सीमा चिपक कर बैठी थी, दोनों बातें करते हुए आराम से चल रहे थे ! मैंने सीमा को कुरेदा ''क्यों इस ठंडी में अकेली सोती हो ठण्ड नहीं लगता'' तो बोली ''क्या करूँ जो नसीब में है ओ भुगत रही हूँ'' तब मैंने पूछा ''भैया कब आएंगे'' तो बोली ''ओ आ भी जायेंगे तो क्या फर्क पडेगा'' तब मैंने बोला ''क्यों,फर्क नहीं पड़ेगा'' तो बोली ''ओ साथ में नहीं सोते'' तब मैंने पूछा क्यों '' तो बोली ''ओ कहते है, नारी नरक का द्वार है'' तब मैंने फिर पूछा ''मतलब आप दोनों के बीच रिलेशन नहीं बनते'' तो बोली '' दो चार छः  महीने में एकात बार ओ भी जब मैं कहती हूँ तब'' तब मैंने पूछा ''फिर कैसे रह लेती हो'' तो बोली ''क्या करूँ, कभी कभी मूली,गाजर,भटे खा लेती हूँ'' और मेरी पीठ पर चुटकी काटी और जोर से हँसने लगी ! मैं समझ गया ये ओ मूली,गाजर,भटे कैसे खाती होगी ! तब मैंने कहा ''आ जाओ आज रात में'' तो बोली ''मार खाओगे भाभी के हाथ से'' तब मैंने कहा ''ओ तो अपने मायके गई हुई है,अभी अकेला ही हूँ कई दिन तक'' तो बोली ''ठीक है एकात दिन आ जाउंगी'' तो मैंने कहा '' आज ही आ जाओ न मेरी जान'' तो बोली ''ठीक है सोचती  हूँ'' ! बाते करते करते कब 8 किलोमीटर आ गए पता ही नहीं चला ! दोनों घर आ गए ! घर आने के 10 मिनट बाद आने के लिए फोन किया तो मैसेज किया ''यार बच्चो को तो सो जाने दो '' तब मैंने sms किया '' कब तक आओगी'' तो रिटर्न मैसेज आया ''12 बजे तक '' मैं उसका इन्तजार करने लगा !   अच्छी चुदाई करने के लिए बियाग्रा की दो टेबलेट खा लिया और सीमा का इन्तजार करने लगा !  जब 12 बजे तक नहीं आई तो एक मिस काल दिया तो मैसजे किया ''अरे यार आपके पडोसी के आगे कमरे की लाइट जल रही'' तब मैंने मैसेज किया ''आ जाओ चुपचाप'' तब रिटर्न मैसेज आया ''आ रही हूँ, आपके घर के बाहर की लाइट बंद कर दो'' तब मैंने बाहर की लाइट बंद कर दिया  तो करीब 5 मिनट बाद एक शाल  ओढ़कर सीमा आ गई ! जैसे ही आई तो दरवाजा लगाया और   मैंने उसे गोद में उठाकर चूमने लगा तो बोली ''अरे नीचे रखो गिर गई तो हड्डी-पसली टूट जाएगी'' तब मैंने उसे बिस्तर में फेक दिया तो फिर बोली
सीमा की चूचियाँ हूबहू एकदम ऐसी ही है
''वाव क्या मस्त गद्दे है'' तब मैं उसके पास बिस्तर में जाकर बैठ गया और कान में धीरे से बोला ''आज रात भर सताऊँगा'' तो बोली ''नहीं यार बच्चे उठ गए तो लफड़ा हो जाएगा'' तब मैंने कुछ नहीं कहा ! और सीमा को अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा ! जैसे ही सीमा के स्तन पर हाँथ घुमाया तो लगा की सीमा बिना ब्रा पहने ही आई है ! गाउन के ऊपर से चूची पर हाँथ घुमाया तो लगा की चूचियाँ अच्छी खासी टाइट है ! चूचियों पर हाथ घुमाने लगा तो मुश्किल से 3 मिनट में ही सीमा के चूची की निप्पल खूब टाइट पड़ गई और सीमा मेरे से लिपट गई और मुझे चूमने लगी ! कभी मेरे मजबूत कंधो पर तो कभी सर पर, तो कभी मेरे बड़े बड़े चिकने गालों पर हाँथ  घुमाती और बार बार चूमती ! तब मैंने सीमा को बेड पर लिटा दिया और उसकी गाउन को जांघो के उनपर खिसकाया और मस्त मस्त सुडौल दूध से गोरी जाँघो को सहलाने लगा ! और जब गाउन ऊपर किया तो देखा की सीमा पेंटी नहीं पहनी हुई थी तो चूत पर उँगलियाँ घुमाने लगा और धीरे से दोनों टांगो को फैला कर
क्लीन सेव चूत को चाटने लगा ! जरा से देर की
चूत चटाई में ही सीमा गर्म पड़ गई और अपने चूतड़ो को उठाने लगी तो जल्दी से लोवर-चढ्ढी बनियान उतार कर फेका और लण्ड पर कंडोम चढ़ाया और चूत पर लण्ड टिकाया और धीरे से अंदर डाल दिया फक्क से लण्ड घुस गया ! सीमा की चूत ढीली-ढस्स रखी है ! ये कहती है की 3-4 महीने तक इसका आदमी नहीं चोदता तो इसकी चूत इतनी ढीली क्यों है ? ये सोचने लगा तो मेरा लण्ड लूज पड़ गया तो सीमा बोली ''क्या हुआ,मारो न धक्का'' तब मेरा ध्यान फिर से चुदाई पर गया तो लण्ड कड़क होने लगा और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा  
क्रमशः 

Wednesday, 2 November 2016

टूरिस्टर यामिनी सिंह की चुदाई

12 अगस्त की बात है सुबह 9 बजे  ट्रेवल्स वाले गुप्ता जी का  फोन आया बोले ''एक पार्टी बाहर की है उसे नाशिक, त्रयम्बकेश्वर, शिर्डी ,शनि सिगनापुर,महेश्वर,ओंकारेश्वर, उज्जैन घुमाना है'' मैंने साफ़ साफ़ मना क्योकि मेरी 3 गाड़ी आलरेडी बाहर थी,अब एक गाडी है तो घर के काम के लिए चाहिए ! पर गुप्ता जी नहीं माने और बोली ''मैंने पार्टी से एडवांस ले लिया है जाना ही पड़ेगा'' तब मैंने कहा ''ठीक है ड्राइवर को भेज देता हूँ'' तो गुप्ता जी बोले ''बहुत अच्छी फेमली है तुमको ही जाना है'' तब मैंने कहा ''ठीक  मैं ही चला जाता हूँ,पर जाना कब है'' तो गुप्ता जी बोले ''आज ही 10 बजे जाना है'' मैं मन मारकर तैयार हुआ और गुप्ता जी के ऑफिस भवरकुआं (इंदौर) पहुच गया ! गुप्ता जी ने पार्टी का पता बताया ! पार्टी सुदामा नगर की है, मैं करीब 10:15 पर पार्टी का घर ढूढ़ लिया,क्योकि मेरी बुआ जी उसी कालोनी में रहती है ! पार्टी तैयार थी जाते ही कुछ मिनट में सभी बैठे और चल दिए ! पार्टी में कुल 3 लेडीज 2 जेंट्स,और दो बच्चे थे , बच्चो की उम्र लगभग 10-12 साल होगी ! पार्टी को पहले उज्जैन घूमना था,साम के 4 बजे तक पार्टी को उज्जैन घुमा दिया और वापस आ गए ! आज ही साम को 9 बजे नाशिक  निकलना था ! इस लिए मैं जल्दी निकल आया घर को ! मेरा घर धार रोड में वहां से 10 किलोमीटर दूर एक गाँव में है !  घर आया और आराम करने लगा तो पार्टी में एक मेडम जिनकी उम्र लगभग 35-38 के आसपास होगी,भरा सा  गोल-मटोल चेहरा, खूब गोरी, गजब की खूबसूरत, सेक्सी है, न तो मोटी न ही दुबली-पतली बढ़िया माँसल जिश्म, पतले पतले खूबसूरत रसीले होठ ! दोनों लेडीज से सबसे सुन्दर है, सायद उनका घर ही है क्योकि उन्हें उज्जैन के बारे में बहुत पता था ! ओ पहले मेरे से पूछी कहा के हो,उन्हें अपना पता बताया तो पूछी ड्राइवर हो तो मैंने बताया नहीं मेरी ही गाड़ी है ! तो ओ बोली फिर तो ठीक है मालिक हो तो गाड़ी बढ़िया ही चलाओगे ! सफर के दौरान सभी जहां भी कुछ खाते,नास्ता करते तब ओ मेडम जी मेरा बहुत ख्याल रहती, जो सभी नास्ता करते वही मुझे भी दिलवाती,मना करने पर भी बड़े प्यार से बोलती ''अरे खा लो भैया जी बार बार हमसे खाने का मौका नहीं मिलेगा'' ! काफी हँसमुख फेमली थी खूब हँसी मजाक कर रहे थे ! उन सभी के पहनावे, बोलचाल से लग रिया था की काफी पैसे वाली पार्टी है !
मेडम जी ऐसी ही खूबसूरत और सेक्सी लगती है 
मेडम जी घर बहुत बढ़िया था , घर में सामने इंडिगो कार, स्कूटी, महँगी बाइक खड़ी थी,इससे लग रिया की मेडम जी के पास रूपये पैसे की कोई कमी नहीं होगी,मेडम जी की बातों से लगा की ओ बहुत ही आधुनिक विचारधारा की है, काफी फ्रेंक खुशदिल, लगी जब ओ उज्जैन गई तब लाल रंग का सलवार सूट पहनकर गई थी उसमे भी ओ काफी सेक्सी लग रही थी ओ कई बार मेरी तरफ तिरक्षी नजर से देखती और हलके से मुस्कुराती !
मेडम जी  लाल रंग के सलवार सूट में बहुत खूबसूरत लग रही थी
! घर आने के बाद बार बार मेरा ध्यान उनकी तरफ जाता ! ओ जितनी खूबसूरत है उतनी ही संस्कारी लगी मुझे,क्या मधुर आवाज है उनकी ! उन्ही के बारे में सोचते सोचते कब नींद लग गई पता ही नहीं चला ! साम को 8 बजे मिसेज ने जगाया तो जल्दी जल्दी तैयार हुआ और 9 बजे पार्टी के घर पहुच गया ! पार्टी तैयार मिली जाते ही 10 मिनट के अंदर सभी बैठ गए और 9:15 पर चल दिए ! कुछ देर बात करने के बाद सभी सोने लगे पर मेडम जी नहीं सो रही थी मैंने बैक मिरर से उन्हें देखा ओ बार-बार बाहर की ओर देखती  अन्धेरा होनी के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रिया था ! करीब 3 घंटे तक चलने के बाद रात के 12:20 पर मेडम जी को वोमेटिंग होने लगी तो ओ अपने मरियल से,दुबले-पतले, गंजे गाल चिपके हुए पति के कंधे से सिर टिकाकर बैठ गई ! मेडम जी के पति को देखने से ऐसा लगता है जैसे ओ बीमारी से उठे हो,उनकी उम्र करीब 52-55 के आसपास लग रही थी, उनकी हाइट मेडम जी से कम लगती है ! मेडम जी की खूबसूरती के आगे ओ उनके चपरासी जैसे लगते है ! मैं बार बार यही सोच रिया था की इतनी अनमेल शादी कैसे हो गई ! ओ आपस में अपने क्षेत्रीय बिहारी में कुछ बाते कर रहे थे जो मुझे ज्यादा समझ नहीं आ रही थी पर इतना जरूर समझ गया की मेडम जी आगे बैठ जाए तो उनकी उलटी कम हो जाएगी ! पर आगे की सीट में मेडम जी के जीजा जी बैठे थे सायद इसी लिए संकोच बस उठने के लिए बोल नहीं पा रही थी  तब मैंने मेरे बगल की सीट में बैठे सज्जन से बीच की सीट में बैठने को कहा तो मान गए और मेडम जी आगे बैठ गई ओ पीछे बैठ गएऔर कुछ ही देर में फिर से 
मेडम जी की चूचियां १००% ऐसी ही मस्त मस्त सुडौल है
सभी झपकी मारने लगे ! करीब 20 मिनट बाद मेडम जी ने दरवाजे का कांच खोल लिया ! मेडम जी लेगी और टाइट टी सर्ट टाइप की पहन रखी थी जब उनका दुपट्टा गिर जाता तो उनके बड़े बड़े दूध (स्तन/चूची) अनायास ही मेरा ध्यान खींच लेते ! आगे का कांच खुला हुआ था इस लिए लिए हवा में मेडम जी के बाल खूब उड़ रहे थे, दुपट्टा बार बार सम्हालती तो मैंने पूछा ''कुछ दिक्कत है मेडम जी'' तो ओ पहले पीछे घूमकर देखी सभी सो रहे थे फिर ओ मेरी तरफ पलट कर बोली ''मेरा नाम यामिनी सिंह है'' तो मैंने बोला ''गुड नेम मेम'' तो धीरे से बोली ''कित्ता पढ़े लिखे हो'' तो मैंने जबाब दिया ''ग्रेजुएट हूँ मेम जी'' तब ओ धीरे से बोली ''क्या ये मेम मेम लगा रखा है'' तो मैंने फिर से बोला ''सोरी मेम जी'' तो फिर से बोली ''ओ हो,समझ नहीं आया'' तो मैंने कहा ''सोरी यामिनी जी'' तो ओ फिर से बोली ''अब ये जी की पूंछ क्यों पकड़ रखी है'' ! ये सब बाते करते करते उनका दुपट्टा उनके सीने से हट गया मेरा ध्यान बार बार उनके मस्त मस्त छलकते हुए चूचियों पर जाता, लगा कही गाड़ी न ठोकवा लू इस नैन सुख के चक्कर में ! मैंने अपने आपको कंट्रोल किया और गाड़ी चलाने लगा ! मुझे हलकी हलकी नींद आने लगी रात के ढाई बज गए थे, मैंने एक अच्छे से ढाबे में टवेरा रोक दिया और चाय पीने के लिए उतर गया तो मेरे साथ मेडम जी भी उतर गई बाद में एक एक करके सभी आ गए ! मेडम जी ने अपने हाथ से बिस्कुट का पैकेट लाइ और दे कर हलके से मुस्कुराई और चली गई ! करीब 20 मिनट में सभी ने चाय पिया और चल दिए, मुश्किल से आधा/पॉन  घंटे बाद फिर सभी सोने लगे पर मेडम जी को नींद नहीं आ रही थी तो उनसे पूछा ''आप क्यों नहो सो रही है'' तो बोली ''मैं जैसे ही आंखे बंद करती हूँ सोने के लिए मेरा जी घूमने लगता है और उलटी आने लगती है'' मैंने कहा ''ओह, ये बात है'' फिर मेडम जी बाते करने लगी ! उनकी बातों से पता चला उनके पति सिप्ला कंपनी में शिफ्ट मैनेजर है , उन्हें 70 हजार रूपये महीना पेमेंट मिलती है ! मेडम जी का दुपट्टा पूरी  तरह से सीने से हट गया था उनके बड़े बड़े सैक्सी स्तन बहुत ही अच्छे लग रहे थे,ऐसा लग रिया था की गद्दी रोक दूँ और जीभर देख लूँ ! बा मेडम बिलकुल भी सरमा नहीं रही थी, मैं  उनकी तरफ  देखता तब भी ओ दुपट्टा नहीं ओढ़ रही थी, सायद ओ अपने सुडौल स्तनों की खूबसूरती मुझे दिखा रही थी ! रात भर गाड़ी चलाता रहा सुबह 5 बजे मेडम ने धीरे से बोली ''भैया कही गाड़ी रोकिये न'' मैं समझ गया इन्हें बाथरूम लगी है ! मैं एक सुनसान जगह पर गाड़ी रोक दिया तो मेडम पीछे बैठी एक लेडीज को भाभी भाभी आवाज लगाया पर ओ नहीं सुनी तो मेडम जी उतर गई बाकी सभी सोते ही रहे, उनके मरियल पति तो ऐसे सोये थे जैसे कई दिन से नहीं सोये हुए है ! मैंने पीछे पलट कर देखा तो सभी सो रहे थे ! मेडम जी वापस गाड़ी के गेट पर पाँव रखकर मुझे नीचे उतरने का इसारा किया तो मैं समझ गया ये डर रही है ! तब मैं उतर कर गाड़ी के बोनट  खड़ा हो गयी तो मेडम गाड़ी के पीछे पहिये के पास रोड के नीचे पेसाब करने लगी , जब उन्होंने लेगी खिसकाया तो उनके चिकने-चिकने गोरे चूतड़ दिखाई दिया ! ओह क्या मस्त कैसे हुए चूतड़ है ! फिर मैं उनकी तरफ देखना  दिया ! ओ वापस आई और बोली ''चलिए भैया'' तो गाड़ी स्टार्ट किया और चल दिए ! सुबह 6:30 बजे नाशिक पहुँच गया और गोदावरी के किनारे बने हुए घाट पर गाड़ी खड़ी कर दिया ! सभी उतर कर चले गए , मैं गाड़ी  बैठा रहा ! कुछ देर बाद मेडम जी कोई सामान लेने बहाने आई और बोली ''आप नहीं नहाओगे क्या'' तो मैंने मना कर दिया तो बोली ''आप भी नहाते तो अच्छा लगता'' तब मैंने कहा ''आपके साथ वाले क्या सोचेंगे'' बोली ''आप हम लोगो से कुछ दूर स्नान कर लीजिये'' तब मैंने कहा ''ठीक है मेडम जी आप जाइये मैं कुछ देर हूँ'' और ओ चली गया '' ! जाते जाते बोली ''अब दुबारा मेडम जी कहा तो बात नहीं करुँगी'' और हलके से मुस्कुराई और चली गई ! करीब 10 मिनट बाद मैं भी नदी में मेडम जी लोगो से करीब 100 मीटर दूर जाकर नहाने लगा ! मेडम जी जो कपडे पहन रखी थी उसी को पहनकर नदी में नहाने लगी, उनके पति पहले ही नहाकर कपडे पहनकर कुछ दूर खड़े होकर सभी के कपड़ो की रखवाली कर रहे थे ! मेडम जी खूब मस्ती कर रही थी और बार बार मेरी तरफ तिरक्षी नजर से देख भी लेती ! जब मेडम जी नहाकर निकली तो उनके गीले वदन की एक एक बनावट साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी ! कसी हुई जाँघे,मस्त मस्त चूतड़,सुडौल चूचियां साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी ! मेडम का पेट इस उम्र में भी जरा सा बाहर नहीं निकला था ! ओ निकालकर घाट में बने एक मंदिर की ऑलट  कपडे बदल कर आई और पति के पास खड़ी हो गई और दूर से पति की नजरों को बचाकर मुझे देखने लगी ! मैं चड्ढी बनियान पहनकर खड़ा था ओ बार बार मेरे कसरती शरीर को निहार रही थी ! मैं 6 फिट 2 इंच लम्बा, मस्त मजबूत देशी घी दूध का शरीर है ! मेरी उम्र 35 साल है मैं गोरा तो नहीं हूँ बल्कि साँवला हूँ पर चेहरा एकदम से भरा हुआ है, ! मेडम जी लाल रंग साडी ब्लाउज पहन रखी थी जिसमे ओ गजब की खूसूरत लग रही थी ! मैं जीन्स और टाइट टी सर्ट पहना और अपना बेग लिया और पार्टी व् मेडम की तरफ देखे बिना गाड़ी  आकर खड़ा हो गया ! करीब 7:30 तक सभी आ गए और त्रेमकेश्वर  निकल लिए ! मेडम जी वापस आगे की सीट में बैठी, उनके बालों से थोड़ा थोड़ा पानी गिर रहा था जिससे उनका ब्लाउज पीठ में  स्तन में गीला हो गया था ! गाड़ी में बैठते ही मेडम ने साडी से पीठ और आगे के स्तनों को ढांक लिया !
साड़ी का पल्लू जब नीचे गिरता तो मेडम जी की चूचियों के दर्शन होते
दिन  गाड़ी के अंदर लगे मिरर  सेट कर लिया जिससे मेडम जी का चेहरा और आगे के हिस्सा दिखाई दे ! मैं बार बार मिरर में देखता ! जब गाड़ी सिटी एरिया से बाहर निकली तो मेडम जी के साडी का पल्लू नीचे गिर गया  जानबूझ कर गिरा दिया पर उनके  ब्लाउज के बड़े बड़े गले कट थे जिससे मस्त मस्त चूचियों के घाटियों के दर्शन हुए ! ओह, क्या मस्त चूचियाँ  है,देखकर मन विचलित हो गया पर गाड़ी कही ठुका न जाए ये सोचकर गाड़ी चलाने में ध्यान देने लगा ! मेडम जी ने कई बार पल्लू गिराया और सम्हाला इससे मुझे लगने लगा की ये सेक्स की बहुत भूखी है,इनके पति से इनकी शारीरिक भूख ख़त्म नहीं होती होगी इस लिए ये मुझे बार बार आमन्त्रित कर रही है ! अब जब रोज रोज आलू खाने को मिले तो मन ऊब ही जाता है,लगता है कुछ अलग ताज़ी सी सब्जी मिल जाए तो मन बहल जाए,जीभ का स्वाद बदल जाए ये सोच कर मैंने भी मेडम जी को चोदने की सोच लिया ! करीब 10 बजे नाशिक पहुच गए सभी ने दर्शन किया और 11 बजे गाड़ी फिर से चल पडी शिर्डी के लिए ! रास्ते में सभी एक होटल खाना खाने उतरे, मैं गाड़ी  में ही बैठा रहा तो मेडम जी ने अपने पति को भेजकर मुझे बुलवाया तो मैं उन सबसे अलग एक टेबल में बैठ गया तो मेडम जी मेरे पास आई और बोली ''भैया आप भी हम लोगो के साथ बैठकर खाइये,ऐसे अच्छा नहीं लगता'' तब मैंने बोला ''जी ठीक है, आप लोग खा लीजिये, मैं यही खा लूंगा'' तो ओ मेरा हाथ पकड़ी और बनावटी गुस्सा करते हुए बोली ''उठिये ज्यादा शयानपना नहीं दिखाइए'' उनका यह गुस्सा और आग्रह बहुत बढ़िया लगा और मैं उठकर पार्टी जहां बैठी थी उन्ही की टेबल के पास दुसरी टेबल पर बैठ गया ! उसी टेबल में मेरे बगल में ही मेडम जी और सामने उनके पति बैठ गए ! और सभी ने खाया, मेडम जी के पति सिर्फ 3 रोटी थोड़ा सा चावल-दाल सब्जी खाया, जबकि मेडम जी 6 तंदूरी रोटी ,कटोरी भरकर चावल ,दही, रायता,सब्जी,सलाद खाया ,कोल्ड्रिंक पीया, मुझे भी खूब भूख लगी थी , तबियत से दबा कर 8  तंदूरी रोटी ,कटोरी भरकर चावल ,दही, रायता,सब्जी,सलाद खाया, कोल्ड्रिंक  पिया ! सभी खाना खाकर  वापस गाड़ी में बैठ गए और हम आगे बढ़ चले ! साम को 4 बजे शनि सिगनापुर पहुँचने के पहले रस्ते में गन्ने का रस सभी ने पिया, मेडम जी ने मेरे लिए भी पहुचवाया ! फिर सभी चल दिए और शनि भगवान के दर्शन कर वापस 8 बजे शिरडी पहुच गए सभी ने दर्शन किया, मैं गाड़ी में ही आराम करने लगा ! 10 बजे सभी वापस आ गए और एक होटल में सभी फिर खाना खाने बैठ गए ! यहाँ पर मैं पहले ही अलग टेबल में बैठ गया तो मेरी ही टेबल पर सामने मेडम जी और उनके पति खाना खाये और करीब डेढ़ घंटा सभी ने शिर्डी में मार्केटिंग किया ! मेडम जी शिर्डी कई बार आ चुकी है उन्हें यहां के बारे अच्छी जानकारी है ओ मेहमानों को लेकर कभी इधर कभी उधर घूम घूम कर खरीददारी करवा रही थी ! मेडम जी जितनी खूबसूरत है उतनी ही ज्यादा दिमाग से तेज और चतुर भी है ! करीब 12 बजे फिर से शिर्डी से चल दिए, मैं बहुत थक गया था सभी को वापस आने की जल्दी थी सो उन सभी की बात मानकर बिना मन के चल दिय, सभी थके थे जल्दी ही सब सोने लगे, मुझे भी खूब नींद आ रही थी,  पर मेरे बगल की सीट में बैठी मेडम जी को जरा सी भी नींद नहीं आ रही थी ! मुझे जम्हाई आते देखकर मेडम जी धीरे से बोली  ''क्यों,नींद आ रही है क्या '' तब मैंने न में सर हिलाया पर मेरे बार बार मुह फाड़ते हुए देखकर मेडम जी ने मेरी नींद  भगाने का तरीका ढूढ लिया ! शिर्डी में लिए हुए अनार से दाने निकाल निकाल कर मुझे देने लगी और खुद भी खाने लगी ! जब ओ दाने मेरे हथेली पर रखती तो बार बार उनके हाथ छू जाता जो मुझे बहुत अच्छा लगता ! मेरी नींद गायब हो गई ! करीब 100  किलो मीटर चलने बाद अचानक जोरदार पानी गिरने लगा, कुछ दिखाई तक नहीं दे रहा था ! मजबूर होकर एक साधारण से ढाबे में गाड़ी रोका और बोला ''आप सभी थोड़ा आराम कर लीजिये, पानी कम हो जाय तो चलूँ'' ! तब सभी चादर,दरी जिसके पास जो था लेकर उतर गए और ढाबे में जिसे जहां जगह मिली चारपाई,टेबल में सोने लगे ! मैं भी एक चारपाई में एक चादर ओढ़कर लेट गया पर देखा की मेडम जी के पास ओढ़ने के लिए कुछ नहीं था  साडी से ही मुह ढक कर सोने लगी पर उन्हें ठण्ड लग रही थी इस लिए ओ जाग रही थी, उनके पति मस्त सो रहे थे ! जब मेडम जी को करवटे बदलता देखा तो अपना चद्दर उन्हें ओढा दिया ! चद्दर ओढाते हुए मेडम जी ने देख लिया तो हलके से मुस्कुराई !   मैं गाड़ी में आकर लेट गयाऔर सोने गया ! करीब 3:30 बजे  किसी ने दरबाजा ठोका तो मैं जग गया, देखा तो मेडम जी बाहर हलके हलके गिरते हुए पानी में खड़ी थी , मैंने जल्दी से दरवाजा खोला तो मेरे पास आकर बैठ गई तो पूछा ''आप यहां क्यों आ गई'' तो बोली ''वहां ठंडी लग रही है'' तब मैंने कहा ''ठीक है आप यहां लेट जाए, मैंने आगे की सीट में चला जाता हूँ'' तो ओ कुछ नहीं बोली ! मैं आगे की सीट को फैलाकर आराम से बैठ गया ! और बोला ''आपको यहां नहीं आना चाहिए,आपके साथ वाले क्या सोचेंगे'' तो बोली ''सभी घोड़े बेचकर सो रहे है'' तब मैंने पूछा '' कही भाई साहब जाग गए तो''  ओ बोली ''ओ तो सुबह तक बिना उठाये नहीं उठने वाले है और मुझे मेरी इज्जत का ख्याल है '' ! तब मैंने फिर से कहा ''यदि कोई जाग गया तो ओ क्या सोचेगा'' तो गुस्सा होकर बोली ''ठीक है मेरा यहाँ आना आपको अच्छा नहीं लगा तो जा रही हूँ'' और गाड़ी का दरबाजा खोला तब मैं बोला ''प्लीज़ यामिनी जी आप नाराज मत होइए'' और हाथ जोड़कर फिर बोला ''प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़,आप नाराज मत होइए'' फिर भी नहीं मानी और उतरने लगी तब मैं उनका हाथ पकड़ कर रोक लिया तो मेरी तरफ देखि और हलके से मुस्कुराई ! तब मेरे जान में जान आई ! ओ बीच की सीट में लेट गई मैं आगे की सीट में बैठकर सोने लगा ! पर मेरी नींद गायब हो गई थी ! कुछ ही देर में ओ सोने लगी तो उनके स्तनों से साडी गिरकर बगल में हो गई ! उनके मस्त कैसे हुए स्तन जब सांस लेती सांस छोड़ती तो उनकी चूचियां हलके से ऊपर की तरफ उठती और फिर नीचे आती ! ब्लाउज के बड़े बड़े गले से उनकी चूचियों की खूबसूरती देखते ही बन रही थी ! नजर  हट ही नहीं रही थी , मैं बार बार उन्ही को देखने लगा ! करीब आधा घण्टा तक उन्हें देखता रहा ओ गहरी नींद में सो रही थी तब मैंने अपना मोबाइल निकाला और उनकी वीडियो बना लिया और 5-6 फोटो भी लिया ! मैं कंट्रोल से बाहर होने लगा तब धीरे से ब्लाउज के ऊपर से उनकी  चूचियों पर हाथ रखकर सहलाने लगा, उनकी चूचियों की निप्पल टाइट हो गई ! उनकी कोई नकारत्मक प्रतिक्रया नहीं हुई तो ब्लाउज के अंदर हाथ डाल दिया और चूचियों को खिलाने लगा तो ओ जल्दी से उठकर बैठ गई और बोली ''ये क्या करने लगे ,गलत बात'' इतना कहकर दरबाजा खोली और नीचे उतर गई और चली गई ! मेरे को  काटो तो खून नहीं, मैं बहुत डर गया सोचा कही इन्होंने अपने पति, भाई, जीजा को बता दिया तो मेरी तबियत से धुनाई हो जाएगी बदनामी जो होगी सो अलग ! ये सोचकर मैं डर के मारे काँपने लगा ! मोबाइल में देखा तो साढ़े चार बज रहे थी ! मैं गाड़ी से नीचे उतर कर बेचैन होकर इधर उधर घूमने लगा और जिधर पार्टी सोई थी उधर की हलचल देखने लगा पर सभी सोये हुए थे, मेडम भी  चारपाई में लेटी थी,मैं हिम्मत करके गया और उन्हें चाद्दर ओढा दिया तो मेरी  तरफ देखी और हलके से मुस्कुराई और धीरे से बोली ''Thanks'' !  थैंक्स सुनते ही मेरे जान में जान आई ! मैं चला आया और ढाबे के बगल में  गुमटी में चाय पीने लगा !  5 बजे वापस आया तो देखा मेडम जी सभी को जगा रही थी ! कुछ लोग उठकर टॉइलेट चले गए, ! 6 बजे तक सभी फ्रेस हो गए  तो वहां से चल दिया ! मेडम जी फिर से मेरे बगल वाली सीट बैठी ! रास्ते भर हँसी मजाक में समय कब निकल गया  चला ! 12 बजे सभी इंदौर आ गए ! पार्टी को घर छोड़ा और  घर आ गया ! साम को 6 बजे वापस पहुच गया,सभी ने इंदौर में घूम घूम कर शॉपिंग किया और साम को 10 बजे सभी को छोड़कर मैं वापस घर चला आया ! शापिंग करते समय एक जगह मेडम जी सबसे अलग हो गई  और  एक बढ़िया से टी सर्ट लिया और चुपके से मुझे पकड़ा दिया और बोली ''कल यही पहन कर आइयेगा'' ! अगले दिन महेश्वर,ओंकारेश्वर घूमने का प्लान था ! सुबह 8 बजे मेडम की दी हुई टी सर्ट और एक बढ़िया सी जीन्स पहनकर मैं पहुँच गया सभी तैयार होकर महेश्वर के लिए निकल लिए ! मेडम जी ने आज भी  लाल रंग की साडी और कट बाह का ब्लाउज पहन पहन रखी थी जिसमे बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ! सभी नर्मदा जी में खूब नहाये, मैं सभी की नजरें बचाकर दूर से दूसरे घाट से देख रहा
नहाने के बाद मेडम ने इस तरह का ड्रेस में साक्षात् परी लग रही थी
था,मेडम जी को तैरना आता है ओ खूब उछल उछल कर नहा रही थी ! तो उनके पति बार बार मना कर रहे थे पर  मान नहीं रही थी ! नहाने के बाद सभी किला में बहुत देर तक घूमते रहे फिर 12 बजे करीब ओंकारेश्वर के लिए निकल लिए ! वहां से दर्शन करने  वापस चल दिए रस्ते ढाबे में सभी ने खाना खाया यहाँ भी मेडम जी ने मेरा खूब ध्यान दिया ! सभी खाना खा रहे थे पर मैं जल्दी खाकर गाड़ी में आकर बैठ गया ! मेडम जी पानी का थरमस लेने के बहाने आई और मेरे से बोली ''आज तो बहुत जच रहे हो'' तब मैंने कहा ''अरे आप तो इस सूट में क़यामत ढा रही है'' तो मुस्कुराई और चली गई ! कुछ देर में सभी आये और चल दिए ! रस्ते में पता चला की मेडम के लड़की की शादी भी हो गई है ! बड़ा लड़का बाहर रहकर पढ़ाई करता है ! घर में मेडम और उनके पति ही रहते है ! मेडम की उम्र 44 साल है ! मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है मेडम की उम्र 44 साल है जबकि ओ 35-38 की लगती है ! ओ तो आज भी मस्त माल रखी हुई है ! हँसी मजाक करते हुए घर पहुच गए ! साम को सभी मेहमानों को ट्रेन पकड़नी थी  वापस आया और रात में 9 बजे रेलवे स्टेशन लेकर गया ! वहां सभी की नजरें चुराकर मेडम जी मेरे पास आई और मेरा वाटसप मोबाईल नंबर लेकर चली गई ! 10 बजे ट्रेन आई सभी मेहमान चले गए तो मेडम जी और उनके पति को घर छोड़ दिया ! इस बार मेडम  पति के साथ बीच  की सीट बैठी ! मैं घर आ गया , मेडम के बारे में सोचने लगा,इन्हें पैसे की कोई कमी है नहीं ,पर इन्हें मोठे और तगड़े लण्ड की सख्त जरुरत है ! इनके मरियल पति इनकी सेक्स की भूख नहीं मिटा पाते है तभी ये मुझे पटा रही है !  मेडम की खूबसूरती पर फ़िदा हूँ ! सोचता हूँ इनकी जिश्मानी भूख शांत कर ही दूँ ! 


आगे पढ़िए मेडम की तबियत से चुदाई  कैसे  किया   

वाट्सअप पर मेडम  अपनी बढ़िया बढ़िया फोटो भेजती और पूछती ''कैसी लग रही हूँ'' तब मैं जबाब में उनकी खूब तारीफ करता ! एक दिन बोला ''आपकी अच्छी वाली सेल्फी भेजिए न'' तो मेडम ने अपनी सेल्फी भेजी और कई सेक्सी फोटो भेजा और पूछी ''कैसी लग रही हूँ'' !


मैंने उनकी खूब तारीफ किया ! मैं समझ गया आप मेडम इंतजार करने मुड़ में नहीं है इसी लिए ऐसी फोटो भेजकर मुझे उत्तेजित कर रही है ! 2-3 दिन बाद मेडम का फोन आया और खूब देर तक बात किया और पूछी ''कहाँ पर हो अभी'' तो मैंने बताया ''अभी तो मैं बाहर आया हूँ गाड़ी लेकर'' तो बोली ''कब वापस आओगे'' तो बताया ''कल ही आ जाऊंगा '' तो बोली ''ठीक है आ जाओ फिर बात करती हूँ'' ! मैं जब पहुँचा तब भी मेडम को फोन नहीं किया तो अगले दिन मेडम ने फिर फोन किया तो झूठ बोला दिया और बोला मैं गाड़ी लेकर आज फिर 5 दिन के लिए राजस्थान जा रहा हूँ तो मेडम नाराज होते हुए बोली ''हमेसा बाहर ही घूमते रहते हो'' तब मैंने कहा ''क्या करूँ, पापी पेट  है'' इतना सुनते ही हँसने लगी और बोली ''ठीक है वापस आना तो बताना'' मैंने कहा ''जी मेडम जी'' तो बोली ''फिर मेडम बोला'' तब मैंने कहा ''सोरी यामिनी जी'' तो हँसने लगी ! मैं मेडम को ज्यादा से ज्यादा तड़पाना चाहता हूँ ! इसे बीच मेडम से वाट्सअप  में मैसेज आता रहता , मैं भी रिप्लाय करता रहता !  पर एक दिन फॅस गया पूछी ''कहाँ हो'' तो मैंने लिख दिया ''जयपुर में'' तो बोली ''जयपुर  फोटो भेजो न, बहुत अच्छा किला है'' ! मैंने कहा ''ठीक है भेजता हूँ'' जल्दी जल्दी लेपटॉप खोला और गूगल से कुछ फोटो लिया और वाट्सप किया'' फिर मेडम से बोला
मेडम जी ने नाइट गाउन में अपनी फोटो वाट्सअप में भेजा
''आपकी अच्छी सी सेक्सी फोटो भेजिए न'' तो उन्होंने नाइट गाउन में अपनी एक फोटो भेजा ! क्या गजब की सेक्सी लग रही थी,साला लण्ड खड़ा हो गया , लगा की आज ही मिलु और चोद दूँ पर झूठ बोलकर फॅस गया था ! इस लिए झूठ वाले दिन निकलने लगा ! मेडम वाट्सअप पर एक से बढ़कर एक फोटो भेजने लगी पर जितनी भी फोटो भेजा उन सभी में अपना चेहरा ब्लर कर दिया ! किसी भी फोटो में उनका चेहरा साफ़ साफ़ नहीं दिखाई दे रहा था !  समझ गया की मेडम को मुझपर विशास नहीं है और बहुत ही चालाक है, ओ फोन पर भी बहुत घुमा-फिरा कर बाते करती, साफ़ साफ़ कुछ नहीं बोली ! एक दिन वाट्सअप में बोला ''ये सभी फोटो आपकी ही है'' तो बोली ''हां'' और कुछ पहचान बताया तब मैंने कहा ''मैं कैसे मानू'' तो हँसते हुए बोली ''आकर देख लो'' तब मैंने कहा ''पक्का आ जाऊं,आप दिखा देंगी'' तो हँसते हुए बोली ''जी भरकर देख लेना'' मुझे पूरा विशास हो गया ये चुदवाने  को तैयार खड़ी है ! तब मैंने  एक दिन फोन किया और बोला ''मैं आ गया हूँ, कब आ जाऊं'' तो बोली ''कल साम को 7 बजे फलां रेस्टोरेंट में मिलना'' तब मैं साम को 6:45 पर उस रेस्टोरेंट में पहुच गया ! ओ वहां नहीं मिली तो फोन किया तब बोली ''आ रही हूँ, इन्तजार करो'' और ओ ठीक 7 बजे कार से आई ! मैं तो उन्हें कार चलाते देखकर चौक गया, मुझे विश्वास ही नहीं हुआ ! मेडम ने बड़े आराम से दो कारों के बीच में अपनी कार को पार्किंग  में लगाया ! इससे लगता है की मेडम जी कार चलाने में बहुत ही निपुण है ! ओ कार से उतरी तो मैं उनके पास पहुच गया तो दूर जाने का इसारा किया तो मैं हैट गया ! जब रेस्ट्रोरेंट के अंदर घुस
मेडम इस तरह ड्रेस पहन कर रेस्टोरेंट में मिलने आई
गई तो पलट कर मेरी तरफ देखी और पास आने का इशारा किया तो मैं उनके पास पहुँच गया तो अपने साथ लेकर एक केबिन के अंदर घुस गई जिसमे सिर्फ दो लोगो को बैठने की ब्यवस्था थी ! मेडम ने चाय नास्ता किया और करीब 30 मिनट तक बात  किया ! मेडम ने वाट्सअप के कई सिंबाल को कोड वर्ड के रूप में बताया  किसका क्या मतलब निकलना है सब बताया ! और  बोली '' जब भी ओ घर में रहे तब मुझे आंटी ही कहना'' और बोली ''जल्दी ही मिलती हूँ,उनकी नाइट शिफ्ट हो जाने दो'' पूछी ''रात में मेरे घर तो आ जाओगे न'' तब मैंने हाँ कर दिया ! वेटर को बुलाया बिल पेमेंट किया और चली गई ! मुझे बाद में जाने को कहा ! घर आने के बाद मैं मेडम जी की कातिल अदाओ को याद कर करके अपने लण्ड को दबाता ! मेडम जी ब्लू  रंग की टाइट जीन्स और वाइट रंग की खूब टाइट टी सर्ट उसके उपर ब्लैक रंग की जैकेट,
पहन कर खुल्ले बाल कर आई थी जिसमे गजब की सेक्सी लग रही थी ! उनका पेट इस उम्र में भी बाहर नहीं निकला है ! मैंने उनसे उनकी फिटनेस का राज पूछा तो बोली ''डेली मॉर्निंग वाक् और घर में योगा,कसरत के लिए घर में ही पूरा जिम बना रखा है ! रस्ते में एक दिन मेडम जे जीजा केले लाये जो अच्छे मोठे,लंबे,कड़क  थे, जिसे देखकर मेडम जी अपने पति को बोली ''जाइये ''बनाना'' ले आइये'' तो उनके पति छोटे छोटे पतले पतले केले ले आये तो बोली ''ये क्या मरियल केले लाये है,देखिये जीजा  जी कैसे केले लाये है वैसे लेना था'' तब उनके जीजा हँसते हुए बोले थे ''अरे भाभी जी मेरे लाये  केले खा लीजियेगा,कोई बाटा हुआ है क्या'' तो मेडम हँसने लगी ! इस मजाक के समय उनके भाई उतर कर गाड़ी से बाहर गए हुए थे ! मेडम की भाभी बोली '''मजा तो मोठे और लंबे केले खाने में ही आता है'' और फिर सभी मिलकर खूब हँसे ! मैं समझ गया मेडम जी मोठे लण्ड की कितनी भूखी है उनकी बात से जाहिर होता है !

वाट्सअप में मेडम से रोज रोज बाते होती ! एक दिन मेडम ने पूछा ''आप नानवेज फिल्मे देखते हो'' तब मैंने हाँ कहा तो बोली ''वाट्सअप में भेजो न'' तब मैंने छोटी छोटी कई फिल्मे भेज दिया जिसमे एक फिल्म में एक घोड़ा एक औरत के उनपर चढ़कर पूरा लण्ड घुसेड़ देता है उसे देखकर मेडम बोलती है ''बाप रे कितनी मजबूत लेडी है'' तब मैंने कहा ''हां'' फिर इधर उधर की बातो के बाद मैंने बोला ''काब आऊं मैं'' तो बोली ''कल आ जाओ पर रात के 12 बजे के बाद''तब मैंने ''ओके''कह दिया और अगले दिन घर से बहाना बनाकर 11 बजे निकला और एक दोस्त के घर में गाडी खड़ी कर दिया रात के करीब 11:45 पर मिस काल दिया तो तुरंत फोन किया और बोली ''कहाँ हो'' तो मैंने बताया की ''आपके घर के पास'' तो बोली ''आ जाओ, मैंने गेट को खोल दिया है, पर ये देखना, कोई देख तो नहीं रहा है'' तब मैं ओके कह कर आसपास देखने लगा कालोनी में सन्नाटा छाया था कोई नहीं दिख रहा था तब जल्दी जल्दी पहुच गया और जल्दी से गेट के अंदर घुस गया


[मेल द्वारा भेजी गई कहानी,शेष कहानी मिलने पर प्रकाशित करूँगा ]

Friday, 14 October 2016

बाजरे के खेत में श्यामा भाभी की चुदाई


7  सितम्बर  2016 में गाँव गया था ! कुछ काम पड़ा तो 10 सितम्बर शहर में भाभी के यहाँ गया ! रात में सोया हुआ था की भाभी ने आकर 11  बजे जगाया और बोली ''दादा आपसे बात करना चाहते है'' तब मैंने बड़े भाई से बात किया तो बड़े भाई ने बताया की ''जगनुआ अहीर की औरत सरकारी अस्पताल में भर्ती थी उसकी छुट्टी हो गई पर पानी अधिक गिरने  कारण गाँव के लिए बस  नहीं है तो ओ रात में बस स्टैंड में  रुका है पर उसे कुछ लफंगे परेसान कर रहे है जाकर देखो क्या माजरा है'' तब मैं तुरंत कपडे पहना और बरसते हुए पानी में अपनी इंडीगो कार से  उसे ढूढ़ते हुए बस स्टैंड पहुँच गया पर ओ नहीं मिला तो दादा से जगनुआ अहीर का मोबाइल नंबर लिया और उसे फोन किया तो पहले तो ओ घबराया फिर जब उसे बताया की मैं हूँ गाँव का फलाना ठाकुर हूँ  तब उसने मेरी आवाज पहचाना और बताया की एक छोटे से होटल के पास किनारे छिप कर खड़ा है ! तब उसे ढूढते हुए उसके पास पहुच गया, उसके पीछे उसकी औरत डरी हुई धीरे धीरे सुबकते हुए खड़ी थी,जगनुआ मुझे देखते ही रोने लगा और मेरा नाम लेते हुए स्थानीय ग्रामीण भाषा में बोला '' लल्ला सरकार ओ लफंगे  परेसान कर रहे है'' (गाँव में मुझे लल्ला कहते है) और दूर खड़े 6-7 लड़को की तरफ इसारा किया ! मैं समझ गया मामला गड़बड़ है इनसे उलझना ठीक नहीं तब मैंने 100 नम्बर पर पुलिस को फोन कर दिया ! कोतवाली पास  ही थी 5 मिनट में पुलिस वाले पहुच गए ! पुलिस को देखते ही ओ लड़के भाग खड़े हुए ! पुलिस को पूरा माजरा बताया तो पुलिस वाले होटल वाले से पूछने लगे तो होटल वाला आना- कानी  करने लगा,तब पुलिस वालों ने होटल वाले को 5-6 लपाटे धरे तब ओ बताने लगा ! मैं पुलिस वालो से बताया की ये मेरे गाँव के  है मैं ले जाऊं तो पुलिस वाले बोले ले जाओ ! दोनों को अपने AC  कार में बैठाया और चल दिया ! रस्ते में बैक मिरर से जगनुआ की औरत को देखा तो देखता ही रह गया ! बड़ी बड़ी हिरणी सी चंचल आंखे,गोरा रंग,साँचे से ढाला हुआ सेक्सी जिश्म,उम्र करीब 25-28 साल, जबकि जगनुआ की उम्र करीब 48-50 है ! वैसे जग- नुआ है तो मोटा तगड़ा मजबूत काठी का ! पर साला रहता बहुत ही गंदा है ! दस दस -15-15 दिन तक नहाता नहीं ,महीने में एकात बार ही दाढ़ी बनाता है,मटमैला सा सफ़ेद रंग का कुर्ता-पायजामा पहनता है ! कुर्ता-पायजामा फट जाता है पर साबुन मुहँ नहीं देखता, पास खड़े हो जाओ तो बदबू मारता है ! मेरे यहां ट्रेक्टर चलाता है ! कभी कभी किराए पर हमारी बोलेरो भी चलाकर बाहर ले जाता है ! जगनुआ के पास 4 बीघे जमीन भी है जिसकी सिचाई मेरे ट्यूब बेल से ही करता है ! जगनुआ की सुन्दर औरत देखकर मेरी तो लार टपकने लगी ! मैं बार- बार जगनुआ की औरत को देखता, कभी कभी कांच में नज़रे टकरा जाती तो जगनुआ की औरत नजरें नीची कर लेती और चेहरे को घुघट से ढक लेती ! पर कुछ देर बाद फिर से घुघट कम कर लेती तो उसके चाँद जैसे मुखड़े को फिर देखने लगता इसी देखा ताकी में  घर कब आ गया पता ही नहीं चला ! दोनों को भाभी से मिलवाया, भाभी गाँव आती जाती रहती है इस लिए जगनुआ की  औरत को अच्छी तरह जानती है ! भाभी ने दोनों को खाना खिलाया और एक कमरे में सोने के लिए जगह दे दिया तो पहले जगनुआ की औरत चली गई ! जगनुआ कुछ देर तक हम दोनों के पास खड़ा रहा इधर उधर की बाते किया फिर करीब 15 मिनट जगनुआ भी चला गया ! तब मैंने भाभी से पूछा की ''ई जगनुआ कहाँ से भगा लाया इतनी  सुन्दर औरत'' तो भाभी ने पूरी कहानी बताया ! जगनुआ की ये औरत बिधवा हो गई थी , इसके एक 8 साल लड़का है ! बिधवा होने के बाद सास ससुर तंग करने लगे, माँ बाप,भाई नहीं है, बेसहारा हो गई थी  ! जगनुआ की औरत की बड़ी   बहन ने  लड़के सहित अपनी छोटी बहन को अपने पास बुला लिया और अपने पति से बात कर के बहन को जगनुआ के यहां सेट करवा दिया ! हालांकि जगनुआ ने 15000 हजार देकर ले आया, करीब 10 महीने से ये औरत जगनुआ के पास ही है ! जगनुआ की औरत कुर्मी समाज की है इससे   आसानी से  अहीर के साथ भाग आई !बात करने के बाद मैं जगनुआ की औरत को चोदने का प्लान बनाने लगा ! कार में जगनुआ की औरत बार बार घुघट कम कर रही थी इससे मुझे लगा की ये अपनी खूबसूरती मुझे दिखाना चाहती है ! पर ये मुझे अपनी खूबसूरती क्यों दिखाना चाहती है जब ये सोचने लगता हूँ तो मन  आसा की एक हल्की सी किरण दिखाई देने लगी की जगनुआ की औरत चुदवा सकती है ! उसकी चुदाई की कल्पना करते करते मैं सो गया ! सुबह 7 बजे  सोकर उठा तो दुसरी मंजिल में बने बाथरूम में जाने लगा तो जगनुआ की औरत सीढ़ी से नीचे आते दिखी तो मुझे आते देखकर वापस चली गई और सीढ़ी की सुरुआत के पास खड़ी हो गई ! मुझे देखते ही घुघट नीचे खिसका लिया मैं उसके पास गया और कुछ सेकण्ड रुका और धीरे से बोला ''बहुत सुन्दर लगती हो भौजी'' तो उसने घुघट के अंदर हलके से मुस्कुराई और जाने लगी तो फिर से धीरे से बोला ''अरे भौजी चाँद जैसे मुखड़े का दीदार तो करवा दीजिये'' तब भी कुछ नहीं बोली और सीढ़ी से नीचे उतरने लगी, मैं खड़े खड़े उसके मस्त सेक्सी चूतड़ो को थिरकते हुए निहारता रहा जब ओ सबसे नीचे की सीढ़ी में पहुच गई तो घूघट को पूरा उठाया और ऊपर मेरी तरफ देखी और हल्के से मुस्कुराई तब मैंने दाएं हाथ का अंगूठा और तर्जनी ऊँगली को मिलकर ज़ीरो का सिंबाल बनाया और इसारा किया तो फिर से मुस्कुराई और अंदर कमरे में  चली गई ! मैं फ्रेस होकर नीचे आया और लिविंग रूम में बैठकर टीवी देखने लगा तो भाभी ने जगनुआ के औरत हाथ से चाय भिजवाया, जब ओ चाय लेकर आई और जाने लगी तो धीरे से पूछा ''आपका नाम तो बता दो भौजी'' तो कुछ बोली और सिर्फ मुस्कुरा कर चली गई ! क्या मोहक मुस्कान  है , पहली बार इतने नजदीक से मुस्कुराते हुए देखा !  एक  बार उसे फिर देखने के लिए भाभी को आवाज दिया ''भाभी जी बिस्कुट दे दीजिये'' भाभी फिर से उसके हाथ से बिस्कुट भिजवाया तो ओ आई तो फिर से नाम पूछा तो धीरे से बोली ''श्यामकली'' और जाने लगी तो मैंने बोला रुको न प्लीज़ तो रुक गई और मेरी तरफ देखने लगी तब मैंने फिर से धीरे से कहा ''मैं आपको श्यामा कहूँ तो अच्छा लगेगा '' तो कुछ नही   बोली बस हलके से मुस्कुराई चली गई ! मैं टीवी देख रहा था तो जगनुआ करीब साढ़े 8  बजे मेरे पास आया और बोला  ''लल्ला सरकार मैं 9 बजे वाली बस से गाँव  जाऊंगा'' तब मैंने कहा ''जगनू दादा मैं भी गाँव जाऊंगा तो मेरे साथ ही चल देना,बस में कहाँ धक्का खिलाओगे बीमार भौजी को'' तो बोला ''कब, तक जाओगे लल्ला सरकार''  तब कहा ''बस नहा धो लूँ नास्ता कर लूँ फिर चलते है'' ! तब जगनुआ बोला  ''ठीक लल्ला सरकार'' कहकर चला गया ! मैं जगनुआ से उम्र में छोटा हूँ इस लिए उसे दादा कहता हूँ, मेरी उम्र 40 साल है पर दिन भर आराम से एयर कंडीस्नर दूकान में बैठता हूँ, खान पान अच्छा है इस लिए उम्र कम ही लगती है ! गोरा रंग,ऊँचा, मजबूत कद, भरे हुए लाल लाल गाल किसी भी महिला को जल्दी ही आकर्षित कर लेता हूँ ! करीब 10 बजे गाँव के लिए निकल लिए ! पीछे की सीट पर बैठी हुई श्यामा घुघट निकाल कर बैठी थी  बार बार छोटी से टॉवेल से हवा हॉक रही  थी  तो मैंने बोला ''लगता है भौजी को गर्मी लग रही है'' इतना कहकर श्यामा की तरफ काच थोड़ा नीचे उतार दिया तो हवा झोके में घुघट बाहर गया और पूरा सिर खुल गया तो श्यामा फिर से जल्दी से सिर पर साड़ी डालकर घुघट निकाल लिया पर जैसे ही हाथ छोड़ा फिर से साड़ी उड़ गई और घुघट खुल गया तो फिर साड़ी से सिर ढकने लगी तो  जगनू गाँव की भाषा में बोला '' लल्ला सरकार तेरे देवर लगते है,जेठ नहीं,'' और हँसने लगा तो श्यामा कुछ नहीं बोली और सर खोलकर आराम से बैठ गई ! वाह वाह क्या बला की खूबसूरत लगती है श्यामा ! मैं बार बार श्यामा को काच में देखता, कई बार श्यामा की नजर मेरे से टकराई श्यामा नजर नीचे कर लेती ! हवा में उसके बाल बार बार गालो पर टकराते तो ओ बार बार बाल को हटाती तब मैंने काच बंद किया और  AC चला दिया ! गाँव के बारे में बात करते करते आराम से कार चलाते हुए चल रहा था ! पर अभी तक श्यामा की आवाज नहीं सूना मैंने  चुपचाप दोनों की बातें सुनती रही ! गावँ पहुचने के पहले  छोटी से बाजार है जब वहां पहुचा तो जगनू बोला ''लल्ला सरकार यहां रोक दीजिये कुछ मिठाई ले लूँ हेमंत लिए'' तब मैंने पूछा ''हेमंत लड़का आपका'' तो बोला ''हां सरकार ये लेकर आई है,अब ओ अपना ही बेटवा है'' ! मैंने कार रोक दिया तो जगनुआ उतर गया और श्यामा को भी चलने के लिए बोला तो श्यामा ने मना कर दिया ! तो गजनुआ चला गया, जैसे ही जगनुआ गया मैंने श्यामा से पूछा '' भाभी जी नास्ता में क्या खाओगी'' तो कुछ बोली , बल्कि न में सिर हिला दिया तब मैं हस्ते हुए बोला ''ई गजनुआ दादा कमाल करते है,गूँगी मेहरारू ले आये'' तो श्याम धीरे से ''मैं गूंगी नहीं हूँ कुँवर जी'' उसने मुझे कुंवर बोला मुझे बहुत अच्छा लगा मैंने फिर से नास्ते के लिए पूछा ''क्या खाओगी भाभी'' तो बोली ''आपको  जो अच्छा लगता है ले आइये खा लुंगी'' तब मैं कार से उतरा पास होटल से से 4 समोसा और आधा किलो ठंडी जलेबी ले आया  और श्यामा के हाथ में पकड़ा दिया और  श्यामा को  बोला '' लो भाभी मेरी पसंद तो यही है'' तो उसने सीट पर नास्ता रख दिया तो मैंने उठा लिया की कहीं सीट पर जलेबी सीरा ! फिर मैं आगे ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और पॉलीथिन खोल कर दे दिया तो फिर से खाने से मना कर दिया मैंने प्यार से बोला ''आपको मेरी कसम है नास्ता करिये, सुबह से चाय पीकर बैठी हो'' तो मेरी तरफ देखी और समोसा निकालकर मुझे दिया बोली ''कुंवर जी पहले आप लीजिये'' तो मैंने उसके हाथ से समोसा  ले लिया व् खाने लगा तो श्यामा ने जलेबी निकाला व्  मुझे दिया मैंने ले लिया और बोला '' आप भी खाओ न भोजी'' तो श्यामा सर्माते हुए मुह खोला और खाने लगी, मुश्किल से दो तीन बार खाने बाद सी सी करने लगी तो मैंने पूछा ''तीखा है क्या'' तो हां में गर्दन हिलाया तो मैंने जलेबी  को आगे बढ़ाया और बोला मुँह खोलिये तो मना करने लगी जब मैंने दो तीन बार प्लीज़ प्लीज़ किया तो सर्माते हुए मुह खोल  दिया तो जलेबी मुह में डाल दिया तो खा लिया और बोली ''आप मिर्ची ज्यादा खाते  कुंवर जी'' तब मैंने बताया की ''नही,आप वाला समोसा ज्यादा चरखा है, लाइए देखूं तो सही'' तो अपना समोसा मेरी तरफ बढ़ा दिया तो मैं उसका जूठा समोसा खाने लगा तो घबरा कर बोली ''कुंवर जी ये क्या किया आपने, मेरा जूठा समोसा खा लिया,लाइए मुझे वापस करिये'' तब मैंने मना कर दिया ! इतने में मेरी नजर दूर से आते हुए जगनुआ पर पड़ी तो मैं पानी पिया और मेरा समोसा कार के आगे डेस्क बोर्ड पर रखा और पानी की बोतल श्यामा को पकड़ाया और कार से नीचे उतर कर पास की गुमटी में चला गया और सिगरट जला कर पीने लगा ! मैं इस लिए हट गया की कहीं जगनुआ ये सब देख न ले ! जब जगनऊआ कार के पास पहुँचा तो मैं वापस आया और कार में जाकर बैठ गया और उससे पूछा ''क्या लाये दादा'' तो जगनुआ एक पाँव मिठाई और एक पाँव (दो सेवफ़ल) सेवफल दिखाया तो मैंने जगनुआ को 1000 की नोट  दिया और बोला ''दादा मेरे लिए भी 3 किलो मिठाई और 4 किलो सेवफल, 5 दर्जन केला ले आओ'' तो जगनुआ वापस चला गया तो श्यामा बोली ''आप का समोसा मुझे दीजिये'' तो मैंने दे दिया तो तुरंत खाने लगी तो मैंने मना किया तो बोली ''आप मेरा जूठा खा सकते है तो मैं क्यों नहीं खा सकती हूँ आपका जूठा समोसा'' और जल्दी जल्दी पूरा समोसा खा गई और मेरी तरफ जलेबी बढ़ाया और बोली ''मुह फ़ाड़िये'' तब मैंने मुह फैला दिया तो श्यामा ने मेरे मुह में  जलेबी डाल दिया तो उसका हाथ पकड़ कर जलेबी खा लिया और उसके हाथ को चूम लिया तो हाथ को जल्दी से खींचा और बोली ''अरे हाथ छोड़िये कोई देख लेगा'' तब मैंने हाथ छोड़ दिया ! और पानी की बोतल माँगा तो उसने दे दिया तो मैंने पानी पीकर वापस वापस उसे बोतल पकड़ा दिया ! श्याम से पूछा ''कहाँ तक पढ़ी हो भाभी'' तो बोली 10 वी पास हूँ 12 फेल हूँ'' कुछ देर तक बातें करता रहा और जगनुआ आ गया तो चल दिए करीब 30 मिनट में करीब साढ़े 11 बजे गाँव पहुच गए और घर में घुसने  पहले कार रोक दिया तो दोनों उतरने लगे तो 3 किलो मिठाई और 4 किलो सेवफल, 5 दर्जन केलादे दिया और बोला मेरी तरफ से हेमंत को दे देना, पहले तो न नुकुर किया फिर लेकर चला गया ! करीब 1 बजे घर की छत
पर चढ़ा तो देखा की श्यामा एक बाल्टी और अपने कपडे लेकर घर से बाहर निकली और मेरे घर की तरफ आने लगी मैं समझ गया ये मेरे यहां पानी की टंकी के पास बने बाथरूम में नहाने आ रही है ! श्यामा जब बाथरूम  में घुस गई तो मैंने नीचे उतरा और बाथरूम पास पहुचा तो श्यामा कपडे धो रही थी मैं पास गया तो चौक गई पर कुछ नहीं बोली तब मैंने धीरे बोला '' भाभी बाजरे के खेत की तरफ आओ बात करनी है आपसे'' तो बोली ''नहीं कुंवर जी कोई देख लेगा तो मैं मुसीबत में फॅस जाउंगी, बड़ी मुश्किल से रहने का ठिकाना मिला है'' तब मैंने कहा ''अरे कोई नहीं देखेगा, मैं पहले चला जाता हूँ, बाद में आप लोटा लेकर आ जाइयेगा'' इतना बोलकर बिना जबाब सुने मैं बाजरे की खेत की तरफ चला गया ! बाथरूम के सामने बड़ा सा बगीचा है उसके बाद बाजरे के बहुत खेत है ! कई किलोमीटर तक सिर्फ ज्वार और बाजरा का घना जंगल टाइप है ! 
मैं बाजरे के घने खेतों में घुस गया और श्यामा का इन्तजार करने लगा करीब 15 मिनट बाद श्यामा हाथ में लोटा लिए आते दिखाई दी ! ओ आकर दूसरे खेत की तरफ चली गई मैं उसके पीछे पीछे पहुच गया तो मुझे देखकर खेत में घुस गई, मैं भी उसके पास पहुच गया ! (बाजरे के पेड़ इतने बड़े बड़े है की कोई अंदर है दिखाई नहीं देता) ! जैसे ही मैं पहुँचा तो  बोली ''क्या बात करनी है,जल्दी करिये, ज्यादा टाइम लगा तो ओ पूछने लगेंगे'' तब मैं आगे बढ़ा और श्याम को पकड़ कर उसके गाल को चूम लिया तो जरा सा भी बिरोध नहीं किया और मुस्कुराते हुए बोली ''यही बात करनी थी, अब मैं जाऊं'' तो मैंने श्याम कसकर पकड़ा और सीने से चिपकाते हुए कई बार चुम लिया और चूची को दबा दिया तो श्यामा अपना दायाँ हाथ उठाया और मेरे कंधे के नीचे डालकर लिपट गई तो मैं ताबड़तोड़ श्यामा को चूमने लगा, चूचियों को दबाने लगा तो बोली ''अब जाने दो कुँवर'' और मेरे से अलग हो गई और बोली ''आप दूर से निकलिए कोई सक नहीं करें'' तब मैंने कहा ''बैठो न, बहुत सी बात करनी है'' तो बोली ''अभी जाने दीजिये, जब ओ घर नहीं रहेगे तब खूब देर तक आपसे बात करुँगी'' और जाने लगी तो तो एक बार फिर से उसे सीने से चिपका लिया और होठो को जोर से चूस लिया  छोड़ दिया !  जब फिर से जाने लगी तो उसे हजार-हजार की 5 नोट देने लगा तो लेने से मना कर दिया तब मैंने जबरजस्ती उसके ब्रा के अंदर डाल दिया बार फिर से चूमते हुए चूची  दिया तो बोली ''अब बस भी करिये,जाने दो न प्लीज़'' तो मैंने बोला ''ओके जाओ,आप बहुत सुन्दर हो भाभी जी'' तो कुछ नहीं बोली, मुस्कुराई और लोटे का पानी जमीन में गिराकर चली गई ! मैं दुसरी तरफ से खेत की मेड से चलकर रोड में आ गया ! मैं करीब 10 मिनट बाद वापस आया तो श्यामा जा चुकी थी ! टंकी के पास बने बाथरूम का घर में कोई उपयोग नहीं करता इस लिए ओ बहुत गंदा रहता है, उसी बाथरूम में श्यामा रोज नहाने आती  है, इसलिए  बाथरूम को बढ़िया साफ़ कर दिया, दरबाजा टूटा हुआ है, बढ़ाई को बुलाकर दरवाजा बदलवा दिया ! पानी की टंकी में काई लग गई थी, मजदुर से पानी की टंकी साफ़ करवाकर दुसरा पानी भरवा दिया ! साम को छत पर चढ़ा तो श्यामा दिखी तो एक छोटा सा कंकड़ मार कर उसे इसारा किया तो मेरी तरफ देखि और मुस्कुराई तो मैंने इसारा करके बुलाया तो कुछ देर बाद श्यामा एक बाल्टी लेकर आई और टंकी से पानी भरने लगी तो उसके पास गया तो बोली ''अपने बाथरूम साफ़ करवाया '' तो मैंने हाँ कहा और पूछा ''आपको कैसे पता चला'' तो बोली ''मैं आपके घर माठा (छाछ) लेने आई थी तब देखा'' तो फिर से बोली ''क्यों साफ करवाया, यहां तो आपके घर का कोई नहीं आता'' तो मैंने बोला ''आप नहाने आती हो न, और इस गंदे वाथरूम  में नहाती थी,दरवाजा टूटा हुआ था , आपको नहाते कोई देख न ले ये सब मुझे अच्छा नहीं लगा'' ! तो बड़े प्यार से बोली ''आप बहुत नेक दिल इंसान हो कुंवर जी'' ! (जगनू दो भाई है और कुआ जगनू के बड़े भाई के हिस्से में है, उसने दरवाजा दुसरी तरफ कर लिया इस लिए श्यामा को पानी लाने में चक्कर काट कर जाना पड़ता था इस लिए ओ मेरे घर के पानी की टंकी के पास नहाने आती है) इतने में घर के गेट खुलने की अबाज आई तो मैं वहां से बगीचे में चला गया ! पेड़ की ओलट से देखा बड़े भाई है, बड़े भाई श्यामा से बात करने लगे जो मुझे सुनाई दे रही थे, बड़े भाई ने जगनुआ को बुलाने की बात कही ! श्यामा चली गई और कुछ देर बाद  जगनुआ आया तो मैं भी भाई के पास आ गया ! भाई ने जगनुआ को कल बोलेरो लेकर बिंध्याचल चलने के लिए बोला ! भाई  किराए से भी गाडी चलाते है और ज्यादातर जगनुआ ही लेकर जाता है ! जगनुआ के जाने के  बाद मैंने भाई से पूछा '' बिंध्याचल जा रहे है दादा'' तो भाई बोले ''हां,कई दिन से तुम्हारी भाभी और माँ कह रही है, तू भी चलेगा'' तो मैंने काम के बाहने मना कर दिया,तो भाई बोले ''ठीक है'' मैं समझ गया बिंध्याचल जाने के बाद उसी दिन वापस आना सम्भव नहीं ! मैं मन ही मन श्यामा की चुदाई का प्लानिंग बनाने लगा ! क्योकि घर में कोई नहीं रहेगा ! मेरी पत्नी शहर में है और भाई,भाभी,माँ चले जायेंगे ! अगले दिन सुबह 9 बजे घर के सभी चले गए ! मैं तुरंत छत पर चढ़ा तो श्यामा दिखी तो कंकड़ मार कर इसारा किया तो 15 मिनट बाद बाल्टी लेकर आई ! और वाथरूम में घुस गई, मैं भी बाहर निकला और सोचा जाकर मिलु तो घर का  नोकर जो भैसो को चारा, भूसा देता है ओ बाहर ही खड़ा था तो श्यामा के पास नहीं गया, सोचा कही ये सक न करे, श्यामा कुछ देर तक इन्तजार किया और वाथरूम से बाहर आई तो देखा की मैं नोकर के साथ खड़ा बातें कर रहा था ओ समझ गई और चली गई ! श्यामा  मोबाइल भी नहीं है की उसे फोन करके बुलाऊँ ! करीब 10 बजे नॉकर दूर नदी किनारे वाले खेत में घास लेने चला गया तो फिर से छत पर चढ़ा पर श्यामा नहीं दिखी तो एक पत्थर लिया और श्यामा के खपरैल में फेंक दिया फिर भी श्यामा नहीं निकली तो मन बहुत खिन्न हुआ, शायमा के पास मोबाइल नहीं होने की कमी बहुत अखरी ! करीब 10:30 बजे  फिर छत पर चढ़ा और फिर से एक पत्थर फेका तो श्यामा बाहर निकली तो इसारा किया  तो ओ आई और बाथरूम में घुस गई मैं भी गया तो बाहे फैला दिया तो श्यामा आकर लिपट गई ! खूब चूमा और चूची दबाया, ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर चूची दबाने लगा  तो महसूस किया कि श्यामा की चूचियों की निप्पल टाइट पड़ गई है, मतलब श्यामा चुदाई मूड बना लिया है ! मैंने श्यामा को बोला ''चलो बाजरे के खेत में'' तो बोली ''कोई आ गया तो'' मैंने बोला ''कोई नहीं आएगी'' तो कुछ नहीं बोली मैं  मौन सहमति समझा और बोला ''मैं जा रहा हूँ आ जाना'' तो कुछ नहीं बोली बस मेरी तरफ देखती रही, मैं बाथरूम से बाहर गया और घने,खूब ऊँचे बाजरे के खेत की मेड पर जाकर खड़ा हो गया ! 5 मिनट बाद ही श्यामा भी गई और दोनों खेत के बीच में घुस गए ! आते ही श्यामा मेरे से लिपट गई और  चूमने लगी, तो मैं
श्यामा की चूचियां १००% ऐसी ही है,जरा सा भी ढीली हुई है 

खेत में  बैठ गया, ओ भी बैठ गई और मेरे गोरे-गोर लाल टमाटर जैसे चिकने गालो को जल्दी जल्दी चूमने लगी ! मैं भी उसे चूमने लगा, चूमते चूमते ब्लाउज और ब्रा का हुक खोल दिया और ब्लाउज उतारने लगा तो मना कर दिया और कान में धीरे से बोली ''कपडे मत उतारिये कुंवर'' मैंने बोला क्यों ? तो बोली ''कोई आ  गया तो पहनने में टेम ज्यादा लग जाएगा'' मैंने बोला ''ठीक है'' ! जैसे ही ब्रा और ब्लाउज को खिसकाया श्यामा  मस्त मस्त गोलाई लिए हुए चूचियां दिखी, श्यामा की चूची जरा सा भी ढीली नहीं हुई है एकदम से मस्त टाइट है ! चूचियों को सहलाने लगा तो श्यामा बोली ''जल्दी से कर लो कोई आ न जाए'' तब मैंने श्यामा की साडी और पेटीकोट को कमर तक खिसकाया तो देखा की श्यामा ने पेंटी नहीं पहने थी, चूत बड़े बड़े घने बालो से ढकी हुई है ! मैंने झुककर चूत चाटने लगा तो तो अपने हाथ को बढ़ाया और मेरे लण्ड को टटोलने लगी तब मैंने जल्दी से लोवर,चढ्ढी उतार दिया तो श्यामा लण्ड को पकड़ कर चूत में घुसेड़ने लगी पर बाल अधिक होने से लण्ड घुस नहीं रहा था तब मैंने जांघो के फैलाया और चूत पर चूककर चूत को गीली किया और एक ही झटके में करीब साढ़े सात इंच लंबा और खूब मोटा लण्ड पेल दिया, जैसे ही लण्ड घुसा की श्यामा की हल्की से चीख निकल गई और ओ जल्दी से उठकर बैठ गई और चूत को हाथ से ढक लिया, उसकी आँखों में आँसू आ गए तब मैंने पूछा '' दर्द हुआ क्या'' तो हाँ में गर्दन हिलाया मैं दोनों घुटनो के बल स्यामा के सामने खड़ा था,मेरा मोटा लण्ड फनफना कर खड़ा था जिसे श्यामा एकटक देखे जा रही थी ! तब मैंने श्यामा का चेहरा अपनी तरफ किया  आसुओं को चाट लिया तो मुझे प्यार से किस कर लिया तो मैं झुककर उसकी चूची को चूसने लगा तो श्यामा एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड़कर खिलाने लगी और बोली ''जल्दी कर लो नहीं तो कोई आ जाएगा'' तब मैंने कहा ''रहने दो तुम्हे दर्द हो रहा है'' तो बोली ''दर्द तो होगा, आपका कितना लम्बा मोटा है'' और लेट गई तब मैंने फिर से ढेर सारा थूक दिया और चूत को खूब गीली कर लिया और धीरे धीरे लण्ड को पूरा डाल दिया, श्यामा को दर्द नहीं हुआ ! लण्ड डालकर उसके ऊपर लेट गया तो फिर  धीरे से कान में  बोलती है ''जल्दी जल्दी कर लो यार कोई आ गया तो लफड़ा हो जाएगा'' तब मैंने फटाफट चोदने लगा, मुश्किल से 50-60 बार लण्ड को आगे पीछे किया और झर गया, श्यामा स्खलित नहीं हुई बल्कि जब मैं स्खलित हो गया तब श्यामा अपने चूतड़ को बार बार ऊपर उठा रही थी मतलब ओ स्खलित नहीं हुई ! मैंने उससे पूछा ''मजा नहीं आया न'' तो कुछ नहीं बोली और उठकर बैठ गई और चूत से बहते हुए वीर्य को पोछने लगी और फिर बैठे बैठे ही ब्रा का हुक लगा लिया और ब्लाउज पहनकर खड़ी हो गई और जाने लगी तो मैंने बोला ''एक काम करोगी क्या'' तो बोली ''जी कहिये'' तब मैंने कहा ''आज रात में आ जाओ न मेरे घर'' तो बोली ''पागल हो क्या,सभी रहेगे तो कैसे आ सकती हूँ'' तो मैंने बताया ''आज कोई नहीं है जानती हो न सभी विन्ध्यांचल गए हुए है'' तो बोली ''ओ तो बोल रहे थे की आज ही वापस आ जाऊंगा'' तब मैंने उसे बताया ''आज नहीं कल साम तक वापस आएंगे'' तो कुछ नहीं बोली और जाने लगी तब मैंने फिर से बोला ''आओगी क्या'' तो बोली ''देखती हूँ'' और चली गई मैं दुसरी तरफ से सड़क तरफ निकल गया और घूमते हुए 10  मिनट में घर आ गया ! तो देखा की श्यामा अभी भी बाथरूम में नहा रही है ! पर मैं उसके पास नहीं गया कुछ देर में ओ निकली और मेरी तरफ तिरक्षी नजर से देखि और चली गई !              साम को 4 बजे श्यामा फिर आई और बाजरे के खेत तरफ हसिया लेकर चली गई, मैं समझ गया भैस के लिए चारा काटने गई है, मैं भी पीछे पीछे चला गया और दोनों बाजरे के खेत के अंदर घुस गए और बातें करने लगे ! मैंने उससे पूछा ''आओगी आज रात में '' तो बोली हेमंत को छोड़कर कैसे आउ ,कही ओ रात में जाग गया और मुझे नहीं पायेगा तो सोर करेगा'' तब मैंने कहा ''अच्छा ठीक है मैं आ जाऊं तुम्हारे घर'' तो बोली ''आ जाइये'' तब मैंने कहा ''कितने बजे तक आ जाऊं'' तो बोली ''दस-साढ़े दस तक आ जाइयेगा'' तब मैंने कहा ''ठीक है आ जाऊंगा दरवाजा खोल कर रखना'' तो हां  सर हिला दिया  बोली ''अब जाइये कोई आ नहीं जाए'' तब मैंने उसके पास से चला आया और भाई साहब की बुलेट उठाया और पास ही गाँव में बाजार चला गया और 4 विगोरा 100 और 4 विगोरा फ़ोर्स की टेबलेट और कोहिनूर कंडोम ले आया ! और रात के 10 बजने का इन्तजार करने लगा ! साम को 7  बजे एक विगोरा फ़ोर्स की टेबलेट खा लिया और रात के 9 बजे फिर विगोरा 100 के एक टेबलेट खा लिया ! ये टेबलेट खाकर  अपनी पत्नी की चुदाई कई बार कर चुका हूँ ! अच्छा खासा लण्ड खड़ा होता है और चुदाई का समय भी खूब बढ़ जाता है ! नॉकर से गेट की चाबी ले लिया और रात के करीब 10 बजकर 15 मिनट पर चुपचाप श्यामा के घर पहुँच गया ! दरवाजा खुला था मैं जैसे ही दरवाजा खोला श्यामा आ गई और अपने कमरे में ले गई ! श्यामा का कच्चे मकना में उसका कमरा सबसे किनारे एक कोने में था, जिसमे एक तखत 4 बाई 6 का बिछा था ! मैंने श्यामा से धीरे से पूछा ''हेमंत कहाँ सोया है'' तो दूसरे किनारे एक कमरे की तरफ इसारा किया ! और अपने कमरे का दरबाजा बंद कर लिया तो मैं
बल्ब के उजाले में श्यामा से लिपट कर सेल्फी लिया
श्यामा से लिपट गया और कान में धीरे से बोला ''आज रात भर परेसान करूँगा'' तो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा दिया और तखत में बैठने का इसारा  किया तो मैं बैठ गया ! और उसे अपनी तरफ खींचते हुए बिस्तर पर बैठा लिया ! बिस्तर में बढ़िया मुलायम  मोटा
सा गद्दा और साफ़ चादर बिछा था ! श्यामा को बेड पर लिटा दिया और झुक कर किस करने लगा तो श्यामा ने बल्ब की तरफ इसारा किया तो मैंने कहा ''जलने दो कोई देख थोड़े ही रहा है'' तो कान में धीरे से बोली ''मुझे सरम आ रही है''  और उठकर दरवाजे को खोला और अंदर की तरफ से दरवाजे के ऊपर एक मोटा सा चादर डाला और दरबाजे को लगा दिया और वापस आकर बिस्तर पर लेट गई तो मैंने उसकी साडी और पेटीकोट को ऊपर किया जांघो को सहलाते सहलाते साडी को कमर तक खिसका दिया और चूत के बड़े बड़े बालो पर उंगलिया घुमाने लगा तो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी तो मैंनेउसे उठने का इसारा किया जब ओ उठकर खड़ी हो गई तो साडी को खींचकर उतार दिया और पेटीकोट को खींचने लगा तो पेटीकोट का नाडा खोल दिया तोपेटीकोट नीचे गिर गया और ओ नंगी हो गई तब मैंने ब्लाउज उतरने का इसारा किया तो ब्रा और ब्लाउज उतार दिया ! ओह माई गाड क्या मस्त चूचियां है, जरा सी  नीचे को  लटकी हुई है पर मस्त ! मैं तो नंगी श्यामा को देखा तो पागल हो गया और श्यामा का हाथ पकड़कर नीचे लिटा दिया और चूत के बाल पर फिर से उंगलिया घुमाने लगा तो श्यामा मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा और धीरे से कुछ बोली जो मुझे समझ नहीं आया तो फिर से पूछा तो कुछ नहीं बोली ! मैं छोटी से केची साथ लेकर गया था ! जेब से कैची निकाला और बाल साफ़ करने का इसारा किया तो बोली ''पहले कर लो बाद में ये सब कर लेना'' तब मैं बोला ''नहीं यार मजा नहीं आएगा'' तो कुछ नहीं बोली तब मैंने श्यामा का चूतड़ ऊपर उठाया और अपना लोवर उसके चूतड़ो के नीचे बिछा दिया और चूत के बाल काटने लग गया करीब 10 मिनट में बाल काटकर चूत को चिकनी कर दिया और लोवर उठाकर बाल नीचे फर्स में झाड़ दिया और श्यामा का हाथ पकड़ा और उसकी चूत रख दिया तो खुस होकर मुझे अपनी तरफ खींच कर चुम लिया ! अब मैं श्यामा के नंगे जिश्म के एक एक हिस्से को चूमने लगा फिर श्यामा को पेट की तरफ लिटा दिया और उसके चिकने चिकने चूतड़ो और पीठ को चूमने लगा ! फिर धीरे से टांगो को फैलाया और बाएं हाथ से चूत पर ऊँगली घुमाने लगा और दाएं हाथ से पीठ को सहलाने लगा ! कुछ ही मिनट में उसने चूत पर घुमाने वाले हाथ को पकड़ कर रोकने लगी पर मैं चूत पर जरा सा थूक दिया और गीली हो गई चूत को और अधिक गीला करते हुए उगलिया घूमाता रहा ओ बार बार मेरी हाथ को पकड़ती रही पर मैं मान नहीं रहा था तब ओ पलट कर पीठ की तरफ लेट गई और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचने लगी,जब नजदीक हुआ तो मेरी चढ्ढी को खीचंते हुए लण्ड को पकड़ लिया और धीरे से बोली ''अब बस भी करो'' तब मैं समझ गया श्यामा भाभी प्यूरी तरह से चुदाने मूड में आ गई है ! पर मैं अभी और गरमाना चाहता था बस फिर क्या था   मैं उसकी पेट की तरफ घुटने मोड़ा और झुका और श्यामा की चूत को चाटने लगा पूरी जीभ उसकी चूत में डाल देता और फिर बाहर करता इस तरह बार ! उधर ओ मेरे मोठे कड़क लण्ड को हाथ से पकड़ कर बार बार दबाने लगी तो मैंने अपने एक घुटने को उसकी दाई तरफ और एक बाई तरफ करके उसके पेट पर झुक गया और लण्ड को उसके मुह के पास लगाया और होठो पर छुआ दिया तब उसने मेरे लण्ड को मुह डाल लिया और लण्ड को चूसने लगी मैं जितनी जल्दी जल्दी चूत चाटता उतनी ही बढ़िया तरीके से ओ मेरे लण्ड को चूसती ! पूरा का पूरा लण्ड मुह में ले लेती और फिर बाहर करती ऐसा लगा जैसे ये तो मुझे  अस्खलित कर देगी ! फिर मैं  सीधा किया और उसकी दोनों टांगो को फैलाया और लण्ड डालने लगा तो बोली ''उसे टोपी पहनाओ न,कही गड़बड़ न हो जाए'' मैं समझ गया ये कंडोम लगाने के लिए बोल रही है ! लोवर से कंडोम निकाला और रेप से फाड़कर उसके हाथ में कंडोम  पकड़ा दिया और लण्ड उसके सामने कर दिया उसने लण्ड पर बड़े आराम से कंडोम लगा दिया ! फिर एक तकिया उसकी चूतड़ के नीचे रख दिया और फिर से चूत चाटकर उसे गर्म करने लगा, मुश्किल से 3 मिनट तक चूत को चाटा तो ओ गरम आग हो गई और बार बार मेरे सिर को हटाने लगी तब धीरे धीरे लण्ड को चूत में घुसेड़ दिया और उसके ऊपर लेट कर लण्ड आगे पीछे करने लगा करीब 5 मिनट तक चुदाई के बाद श्यामा मेरे सीने में हाथ लगाकर मुझे

उठाने लगी  समझ गया मेरे शरीर के बजन से उसे दिक्कत हो रही है तब मैंने अपने दोनों हाथ श्यामा  के कंधे के  बगल में रखा, श्यामा ने अपनी दोनों टांगो को उठाकर मेरी कमर पर रख लिया तो लण्ड की ठोकर मारने लग, ओ कुछ ही ठोकर खाने के बाद चूत को सिकोड़ लिया लण्ड खूब टाइट था, चूत भी टाइट हो गई तो तो उसे चुदाई में खूब मजा आने लगा ओ मुँह को सिकोड़ कर उ उ उ  उ उ उ उ आ  आहः आह आह आह उउउ सी सी सी की आवाज निकलने लगी और अपनी जीभ को बाहर निकालकर मेरी तरफ इसारा किया तो उसकी जीभ को चूसने लगा ओ भी मेरी जीभ को चूसने लगी ! मैं उसे तड़पाने के लिए लण्ड के ठोकर की स्पीड कम कर देता तो ओ अपनी दोनों टांगो को मेरी कमर पर रखकर अपने चूतड़ो को उठाकर लण्ड की तरफ झटका देने लगी बार बार चूतड़ो को उठाती और फिर बिस्तर पर पटकती फिर भी मैंने स्पीड नहीं बढ़ाया तो अपने दोनों हाथो को कमर पर रख कर लण्ड को आगे पीछे करने का इसारा करती और जोर जोर से मुझे चूमने लगी और बड़बड़ाते हुए कहने लगी ''अब और मत तड़पाओ कुँवर जल्दी जल्दी करो नहीं तो जान निकल जाएगी'' तब मैंने लण्ड के ठोकर की स्पीड बढ़ा दिया ! लण्ड चूत में खूब टाइट होकर फक्क फक्क करते हुए आगे पीछे हो रहा था लगातार 10 मिनट तक श्यामा को चोदता रहा और अचानक श्यामा की पकड़ मेरे से कम हो गई उसने अपने दोनों हाथों को बगल में रख दिया , टांगों को कमर से हटा दिया और लंबी लंबी साँसे लेने लगी, मैं समझ गया ओ झर चुकी है पर मैंने लण्ड का सूपड़ा नंगा किये बिना ही कंडोम चढ़ा लिया था ऊपर मेरे लण्ड पर विगोरा फ़ोर्स और विगोरा 100 का इतना ज्यादा असर था की मैं स्खलित नहीं हुआ ! श्यामा के स्खलित होने के बाद भी मैं लण्ड घुसेड़े हुए उसके ऊपर लेटा रहा तो कुछ देर में बोली ''आप का नहीं निकला क्या'' तो मैंने न
में गर्दन हिला दिया तो बोली ''कर लो न'' तब मैंने कहा ''अब मेरा नसा ऐसे नहीं उतरेगा'' तो बोली ''फिर कैसे उतरेगा'' तो मैंने कहा ''उठो और घोड़ी जैसे घुटनो के बल खड़ी हो जाओ'' तो ओ तुरंत घोड़ी बन गई मैं दोनों पाँव पर खड़ा हो गया और लण्ड पेल दिया और जोर जोर से चोदने लगा,लगातार 8 मिनट तक चोड़ता रहा पर सूपड़ा नंगा नहीं होने के कारण लण्ड पर घर्षण नहीं हो रहा था इस लिए मैं स्खलित नहीं हुआ और श्यामा  थक कर पेट की तरफ से लेट गई,मैं लण्ड डाले हुए उसके ऊपर लेट गया तो धीरे से बोली ''क्या हुआ कुंवर,अभी तक नहीं निकला क्या'' तब मैंने कहा ''अब तो टोपी बाहर निकाल कर करूँगा तभी निकलेगा'' तो बोली ''ठीक है निकाल दो'' तब मैंने कंडोम बाहर किया और फिर से घोड़ी बनाया और लगा चोदने करीब 5 मिनट तक लगातार ठोकता रहा और प्यूरी ताकत के साथ लण्ड को पेलते हुए स्खलित हो गया ! जब पूरी ताकत से लण्ड को पेला  तब श्यामा के मुँह से निकला ''उई माँ मर गई'' और पेट की तरफ लेट गई ! मैं लण्ड पेले हुए उसके उनपर पड़ा रहा,वीर्य बहकर बाहर निकलने लगा तो ओ बोली ''अब उठिये न'' तब मैं उठ गया तो ओ बैठ गई ! जैसे ही ओ बैठी गाढा गाढा वीर्य निकलकर बिस्तर में फ़ैल गया ! तो पेटीकोट उठाया और अपनी चूत से बहते हुए वीर्य को साफ़ किया ! बिस्तर में वीर्य फैलकर गद्दे की रुई सोखने लगी तो नंगी ही उठी और चादर का एक कोना पकड़कर वीर्य को पोछने लगी और मेरी तरफ देखकर बोली ''कब से खाली नहीं किया था'' और मुस्कुराने लगी ! मैं कुछ नहीं बोला बल्कि उसकी चूचियों को खिलाने लगा ! ओ चादर  साफ़ कर उठी और पेटीकोट पहनने लगी तो मैंने रोक दिया और बोला ''आज ऐसे ही मेरे साथ सो जाओ न'' तो बोली ''पिसाब लगी हबय'' तब मैंने कहा ''ऐसे ही चली जाओ न'' तो सर्माते हुए बोली ''धत्त बेसरम कही के'' तब मैंने कहा ''अच्छा ठीक है,साडी ओढ़कर चली जाओ'' तो उठी और दरवाजा खोला  दरवाजे में डला हुआ चादर उठाया और उसे ओढ़कर बाहर निकल गई और, मैं दरबाजे के पास खड़ा होकर उसे देखने लगा ! ओ आँगन के एक किनारे जाकर पेसाब करने लगी ! उसके पेसाब करने की सी ईईईई ईईईई की अबाज साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी ! ओ पेसाब करके आ गई तो मैं भी जाने लगा तो बोली ''यही कर लो कोई देख न ले'' तब मैंने कहा ''रात में कौन देखेगा'' तो बोली ''कही हेमंत न बाहर आ जाए'' तब मैंने कहा ''नहीं मैं जल्दी से  हूँ करके'' तो बोली ''ठीक है आप जाओ मैंने हेमन्त को देखकर आती हूँ'' और मेरे साथ ही निकलकर अपने पड़के के कमरे में चली गई ! मैं पेसाब करके कमरे के अंदर आ गया पर ओ 3  मिनट तक कमरे  आई तब मैं उसके लड़के के कमरे में गया तो देखा की ओ लड़के के सिर पर हाथ घुमा रही थी मुझे देखते ही जाने का इसारा किया तो मैं चला आया ! करीब 10 मिनट बाद आई और लाइट बंद करके मेरे पास लेट गई ! मैंने  पूछा ''क्या हुआ हेमन्त को'' तो बोली ''जग गया था इसी लिए उसे फिर से सुला रही थी'' ! दोनों नंगे ही बिस्तर पर लेट गए ओ   चुदाई से खूब संतुष्ठ थी, पर बिना कंडोम लगाए चुदवाने से डरी हुई थी ! मैंने कहा ''चिंता नहीं करों,समय पर महीना नहीं आया तो मैं दवाई लेकर दे दूंगा'' ओ संतुष होकर मेरे सीने पर बड़े बड़े काले काले बालों पर उंगलियां घुमाते हुए बाते करने लगी !  मैंने पूछा ''भौजी आप कल रात में मिली दिन में परिचय हुआ और आज रात में मैं आपके साथ आपके बिस्तर में हूँ,आपने ऐसा देखा मुझमे'' तो बोली ''कुंवर जी आपने एक तो मेरी इज्जत बचाई, दुसरा आप जैसे गबरू,सुन्दर जबान के साथ कोई भी ओरत मर मिठे'' मैंने बोला ''मैं इतना अच्छा लगा आपको'' तो बोली ''आप बहुत स्मार्ट है'' फिर मैंने पूछा ''आप की उम्र इतनी कम है, आप इतनी खूबसूरत हो फिर भी आप मंगलू दादा जैसे अधेड़  के साथ क्यों आ गई'' तो इस सवाल पर चुप हो गई जब बार बार पूछा तो बोली ''क्या करती कुंवर, मेरे जिश्म से तो कई ने खेला पर कोई अपनाने को तैयार नहीं था, इनके पास 10 बीघे जमीन है मेरे हेमंत का भविष्य बन जाएगा,इस लिए इनके साथ आ गई'' तब मैंने पूछा ''मंगलू दादा आपकी भूख को सांत कर पाते है क्या'' तो बोली '' बिल्कुल भी नहीं,10 महीने में दस बार भी नहीं किया और जब जब किया तो मुझे अधूरा ही छोड़कर सो गए'' तब मैंने फिर पूछा ''कब तक ऐसे तड़पोगी दादा के साथ'' तो बोली ''अब तो आप मिल गए हो न अब नहीं तड़पूंगी'' तब मैंने कहा ''मैं तो बाहर रहता हूँ'' तो बोली ''आप बीच बीच में आ जाइयेगा,वैसे भी आप मेरी जिश्म की आग एक बार बुझा देंगे तो मैं 1 -2  माह निकाल लुंगी'' तब मैंने कहा ''मैं हर महीने आऊंगा तो मिलोगी क्या'' तो बोली ''मौका मिला तो आपसे जरूर मिलूंगी'' ऐसी ही बहुत से बाते करते करते श्यामा सो गई ! मैं भी श्यामा की चूचियों को सहलाते सहलाते से चिपक कर सो गया ! विगोरा फ़ोर्स और विगोरा 100 का सर 4  घंटे तक रहता है ! रात में नींद खुल गई तो मोबाइल में देखा 3 बजे है  लण्ड में खूब तनाव पैदा हो गया ! धीरे से मोबाइल की लाइट जलाया और श्यामा के नंगे वदन को देखने लगा तो मन में शैतान जागा क्यों न इसका वीडियो बना लूँ, कभी अकड़ी या नहीं चुदवाने को तैयार हुई तो इस वीडियो से ब्लैकमेल कर सकूँगा ये सोचकर चुपचाप उठा और लाइट जलाया और नंगी श्यामा का पूरा वीडियो बना लिया ! उसकी चूचियों को,चूत को सहलाते हुए पूरी रिकार्डिंग कर लिया और मोबाइल रखकर श्यामा की चूचियों के चूसने लगा,चूत में ऊँगली घुमाने लगा तो जग गई  और मेरी तरफ देखते हुए बोली ''नींद नहीं आ रही है क्या'' तो मैंने कहा ''नहीं आ रही है'' तो अपनी दोनों बाहों को फैलाया और चिपका लिया तो मैंने उसके होठो को चूमने लगा,फिर होठो को चूसने लगा   ------------   क्रमश